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NCERT Solutions For Class 7 Hindi Vasant Chapter - 3 Himaalay Kee Betiyaan
NCERT Solutions For Class 7 Hindi Vasant Chapter - 3 Himaalay Kee Betiyaan
NCERT Solutions For Class 7 Hindi Vasant Chapter - 3 Himaalay Kee Betiyaan
Hindi Vasant
Chapter 3- हिमालय की बेहियाां
ले ख से
1. नहिय ां क मााँ मानने की परां परा िमारे यिााँ काफी पु रानी िै । लेहकन ले खक नागार्ुुन
उन्हें और हकन रूप ां में िे खते िैं?
उत्तर: नदिय ों क म ाँ म नने की परों पर भ रतीय सोंस्कृदत में अत्योंत पुर नी है | नदिय ों क म ाँ
क स्वरूप म न गय है , नदिय ाँ अपने जल से म ाँ के सम न हम र प लन - प षण करती है ,
हम रे खेत ों क सीोंचती है ले दकन ले खक न ग जुु न ने उन्हें बेटी , प्रेयसी व बहन के रूप ों में भी
िे खते हैं |
3. यि ले ख 1947 में हलखा गया था। तब से हिमालय से हनकलने िाली नहिय ां में क्या-
क्या बिलाि आए िैं ?
उत्तर: दहम लय से दनकलने व ली नदिय ाँ अब अपनी पदवत्रत और मल रूप क प्रिषण व
म नव ह दन के क रण ख चुकी हैं | मैि नी िेत्र ों में आते - आते शहर ों की गोंिगी इस तरह दमल
ज ती है दक स्वच्छत के न म और दनश न दमट ज ते है |
अनुमान और कल्पना
2. नहिय ां से ि नेिाले लाभ ां के हिषय में चचाु कीहर्ए और इस हिषय पर बीस पां क्तिय ां
क एक हनबांध हलक्तखए।
उत्तर: नदिय ों हमेश से ही हम रे दलए महत्वपणु रही है | नदिय ों मनुष्य , पशु , पिी सबके
दलए ल भि यक है | नदिय ों क प नी खेत ों की दसों च ई , ज नवर ों के दलए प नी आदि में उपय ग
ह त है | नदिय ों के प नी से हे दबजली बन ई ज ती है दजसे हम “ह इडर इले क्तररदसटी “ कहते
हैं | प नी में रहने व ले जीव ों क घर है निी | नदिय ों क पदवत्र मन ज त है इसदलए हम इनकी
पज भी करते हैं | इनके ह ने से व त वरण की खबसरती बढ़ती है दजससे पयुटक ों क रुझ न
बढ़त है |
नदिय ों क मन रों जन व आनोंि के रूप में उपय ग दकय ज त है जै से ब दटों ग , र क्तटोंग आदि |
इनसे श क्तन्त , सुख व पदवत्रत की भ वन आती है | नदिय ाँ मछु आरे , दकस न , न दवक आदि
अनेक ल ग ों की आजीदवक क स धन है |
भाषा की बात
1. अपनी बात किते हुए ले खक ने अनेक समानताएाँ प्रस्तुत की िैं । ऐसी तु लना से अथु
अहधक स्पष्ट एिां सुांिर बन र्ाता िै । उिािरर्
(क) सांभ्ाांत महिला की भााँहत िे प्रतीत ि ती थी ां।
(ख) मााँ और िािी, मौसी और मामी की ग ि की तरि उनकी धारा में डु बहकयााँ लगाया
करता।
• अन्य पाठ ां से ऐसे पााँच तुलनात्मक प्रय ग हनकालकर कक्षा में सुनाइए और उन सुांिर
प्रय ग ां क कॉपी में भी हलक्तखए।
3. हपिली कक्षा में आप हिशेषर् और उसके भेि ां से पररचय प्राप्त कर चुके िैं । नीचे
हिए गए हिशेषर् और हिशेष्य (सांज्ञा) का हमलान कीहर्ए|
हिशेषर् हिशेष्य
सांभ्ाांत िषाु
चांचल र्ांगल
समतल महिला
घना नहियाां
मूसलाधार आां गन
उत्तर:
दवशे षण दवशे ष्य
सोंभ्र ों त मदहल
4. द्वां द्व समास के ि न ां पि प्रधान ि ते िैं । इस समास में ‘और’ शब्द का ल प ि र्ाता
िै , र्ैसे- रार्ा-रानी द्वां द्व समास िै हर्सका अथु िै रार्ा और रानी। पाठ में कई स्थान ां
पर द्वां द्व समास ां का प्रय ग हकया गया िै । इन्हें ख र्कर िर्ुमाला क्रम (शब्दक श-शैली)
में हलक्तखए।
उत्तर: प ठ में दनम्नदलक्तखत िों ि सम स ों क प्रय ग हुआ है -
● छ टी - बड़ी
● म ाँ - ब प
● िु बली - पतली
● भ व - भोंगी
6. समय के साथ भाषा बिलती िै , शब्द बिलते िैं और उनके रूप बिलते िैं , र्ैसे-बेतिा
निी के नाम का िू सरा रूप ‘िेत्रिती’ िै । नीचे हिए गए शब्द ां में से ढू ाँ ़िकर इन नाम ां के
अन्य रूप हलक्तखए ।
सतलु र्
र पड़
झेलम
7. ‘उनके खयाल में शायि िी यि बात आ सके हक बू़िे हिमालय की ग ि में बक्तियााँ
बनकर ये कैसे खेला करती िैं ।’
• उपयुुि पां क्ति में ‘िी’ के प्रय ग की ओर ध्यान िीहर्ए। ‘िी’ िाला िाक्य नकारात्मक
अथु िे रिा िै । इसहलए ‘िी’ िाले िाक्य में किी गई बात क िम ऐसे भी कि सकते िैं -
उनके खयाल में शायि यि बात न आ सके।
• इसी प्रकार नकारात्मक प्रश्निाचक िाक्य कई बार ‘निी ां’ के अथु में इस्ते माल निी ां ि ते
िैं , र्ैसे-मिात्मा गाांधी क कौन निी ां र्ानता? ि न ां प्रकार के िाक्य ां के समान तीन-तीन
उिािरर् स हचए और इस दृहष्ट से उनका हिश्लेषर् कीहर्ए।
उत्तर:
व क्य दवश्लेषण
वे श यि ही यह क म पर करें । वे श यि यह क म पर न करें ।