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एक्यूप्रेशर पद्धति
एक्यूप्रेशर पद्धति
• हमारे हाथ की पाांचो उां गतिया शरीर के अिग अिग अांगों से जुडी होिी है |
(१.) अांगठ
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हाथ का अांगूठा हमारे फे फड़ो से जुड़ा होिा है | अगर आप की ददि की धड़कन िेज है िो
हिके हाथो से अांगूठे पर मसाज करे और हल्का सा तखचे, इससे आप को आराम तमिेगा |
(२.) िजदनी
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ये उां गिी आांिों gastro intestinal tract से जुडी होिी है | अगर आप के पेट में ददद है
िो इस उां गिी को हल्का सा रगड़े , ददद गयब हो जायेगा।
ये उां गिी पररसांचरण िांत्र िथा circulation system से जुडी होिी है | अगर आप को
चक्कर या आपका जी घबरा रहा है िो इस उां गिी पर मातिश करने से िुरांि रहि तमिेगी
|
ये उां गिी आपकी मनोदशा से जुडी होिी है | अगर दकसी कणद आपका मनोदशा अच्छा
नहीं है या शाांति चाहिे हो िो इस उां गिी को हल्का सा मसाज करे और तखचे, आपको
जल्द ही इस के अच्छे निीजे प्राप्त हो जयेगे, आप का मूड तखि उठे गा।
छोटी उां गिी का दकडनी और तसर के साथ सम्बन्ध होिा है | अगर आप को तसर में ददद है
िो इस उां गिी को हल्का सा दबाये और मसाज करे , आप का तसर ददद गायब हो जायेगा |
इसे मसाज करने से दकडनी भी िांदरुस्ि रहिी है |
एक्यूप्रश
े र पद्धति के द्वारा उपचार
1. अांगूठा दबाने से तसर ददद दूर हो जािा हैं और ददमाग की सारी दुबदििाएां दूर
होिी हैं।
2. चारो उां गिी के ऊपर का तहस्सा दबाने से साइनस ठीक होिा हैं जैसे - नाक
बहना, सदी िगना, खााँसी जुकाम, माइग्रेन आदद
3. पहिी उां गिी (िजदनी) के ठीक नीचे वािे पाइां ट को दबाने से आाँखों के रोग दूर
होिे हैं, ज्योति बढ़िी हैं, बांहगापन दूर होिा हैं।
4. दूसरी उां गिी के ठीक नीचे वािे पाइां ट को दबाने से फे फड़े स्वस्थ होिे हैं।
5. छोटी उां गिी के नीचे वािे पाइां ट को दबाने से कान के सभी रोग दूर होिे हैं, जैसे
कान से मवान आना, कम सुनाई देना, पदद फट जाना, इससे थोड़ा और नीचे
दबाने से ह्रदय रोग दूर होिे हैं।
7. हथेिी के उभरे हुए भाग को दबाने से (अांगूठे के पास) थायराइड़ ठीक होिा हैं।
8. दूसरी उां गिी को मोड़कर तजस पाइां ट पर िगेगी उस पाइां ट को दबाने पर दकड़नी
स्वस्थ होिी हैं एवां दकड़नी के रोग दूर होिे हैं।
9. हथेिी की शुरूआि में , हाथ की किाई के मध्य भाग को दबाने से मूत्र सांबतन्धि
रोग दूर होिे हैं।
10. अांगूठे के दायी और बायी िरफ से दबाने पर , गददन में ददद या कमर में ददद
रोग दूर होिा हैं।
11. छोटी उां गिी के नीचे , हथेिी के नीचे साई़ड की और पाइां ट दबाने पर कन्धे के
ददद के रोग दूर होिे हैं।
12. हथेिी के बीचों बीच दबाने पर पेट स्वस्थ रहिा हैं।
13. बड़ी उां गिी के ऊपरी तहस्से को दबाने पर तनम्न रक्तचाप सांिुतिि होिा हैं।
14. अनातमका उां गिी के ऊपरी भाग को दबाने पर हाई रक्तचाप सांिुतिि होिा
हैं।
15. घुटना के ददद दूर करने के तिए, अनातमका उां गिी को पीछे के िरफ से पूरी
उां गिी को दबाये।
16. छोटी उां गिी के ऊपरी भाग को दबाने से , छोटे बच्चों का तबस्िर पर पेशाब
करना छू ट जािा हैं।
कु छ महत्वपूणद एक्यूप्रश
े र तबन्दू
5. िेग थ्री माइल्स – ये प्वाइां ट हमारे घुटनों से िगभग चार अांगुि नीचे की
िरफ मौजूद होिा हैं। यहााँ दबाने से पेट ददद, उल्टी, पेट फू िना, कब्ज और
इनडाइजेशन जैसी समस्या दूर हो जािी हैं।
6. कमाांनडग तमतडि – ये प्वाइां ट हमारे घुटनों के ठीक पीछे मौजूद होिा हैं जहाां
दबाने से अथदराइरटस का ददद, कमर और कु ल्हे का ददद दूर हो जािा हैं।
7. शेन मैन – ये प्वाइां ट कान के ऊपरी तहस्से में पाया जािा हैं। यहााँ दबाने से
स्रैस, एांग्जाइटी और तडप्रेशन जैसी समस्या दूर हो जािी हैं।
10. तबगर रनशग – यह प्वाइां ट हमारे पैरों पर अांगूठे और बड़ी उां गिी के बीच
पाया जािा हैं। इस प्वाइां ट को दबाने से तसर ददद और आांखों की थकान से राहि
तमििी हैं।
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