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अकबरी लोटा - 3

पठित गद्यांश-
पष्ृ ठ संख्या- 82-85 -
लोटे ने दाएँ दे खा ना बायें ---------------------- पक्ष में थी |

प्रश्न 1 . लोटे की चाल किसकी तरह थी ?


प्रश्न 2. न्यट ू न कौन था ? उसने क्या खोज की थी ?
प्रश्न 3 .न्यटू न की इजाद की गई शक्ति लोटे में किस तरह आ गई ?
प्रश्न 4 .उल्का को लजाता हुआ से क्या तात्पर्य है ? उल्का क्या होता है ?
प्रश्न 5 .पर्यायवाची शब्द लिखिए - दो- दो |
क . आँख
ख .पथ् ृ वी

उत्तर-
1 लोटे की चाल आकाशीय पिंड से टूटे उल्के के समान थी |
2 न्यटू न एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने पथ्
ृ वी के गरु
ु त्वाकर्षण शक्ति की खोज की थी |
3 लोटा परू े वेग से पथ्ृ वी की ओर गिर रहा था , इस प्रकार धरती की आकर्षण शक्ति
लोटे को परू े बल से अपनी ओर खींच रही थी |
4 . उल्का को लजाता हुआ से तात्पर्य है उल्का की रफ्तार से भी तेज चलना. उल्का
अत्यधिक रफ्तार से पथ् ृ वी की ओर गिरता है | यह आकाशीय पिंड का चमकीला भाग
होता है |
5 . क. नयन , नेत्र
ख. धरती, वसध ंु रा

रचनात्मक कार्य -
1.पाठ से कोई पाँच मह
ु ावरे छाँटकर वाक्य में प्रयोग करिए |
2.अपने घर की किसी परु ानी चीज के बारे में एक मजेदार लघु कथा
लिखिए |
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