लघुकथा लेखन

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क ा 10

अंक 5
आव यकता

उपदे श दे ने के लए

चेतना जागत
ृ करने के लए

टांत तुत करने के लए

बड़ी और मह वपण
ू बात को कम श द म तत
ु करने के लए
2
लघक
ु था
लघु = छोट , कथा = कहानी

ग य क एक वधा

आकार म छोट हो

कथा के सभी त व व यमान ह


3
कथाव तु

उ दे य पा

लघु कथा के
मल
ू त व कथा
भाषा-
वातावरण
शैल

संवाद
4
यान रखने वाल बात
कथा श ा द हो

अनाव यक ववरण एवं व तार से बचाव, श द सीमा 100-120

पा क सं या पर नयं ण (2 या 3)

शीषक लघु कथा का वेश वार

वषय म नवीनता

एक ह घटना पर focus

कथा का अंत प ट एवं भावशाल हो


5
लघु कथा के सोपान

अंत

चरम

आरोह (climax)

आर भ (कहानी को
आगे बढ़ाना)

6
लघु कथा लेखन

• रचना मकता (creativity) / क पनाशीलता (imagination) 2 अंक


• संवाद 1 अंक
• रोचक भाषा 1 अंक
• नरं तरता (continuity) 1 अंक

5 अंक 7
पर ा म न के कार -

पर ा म लघ-ु कथा तीन कार से पछ


ू जा सकती है –
1. अधूर कहानी के प म
2. आर भ और अं तम पंि त के प म
3. च दशन अथवा च वणन
4. शीषक णाल

8
1. न न ल खत थान ब दओ
ु ं के आधार पर शीषक स हत एक
लघु कथा ल खए – (अधूर कहानी के प म ---)

एक पता था | उसके दो पु थे | मरते समय उसने उ ह एक गाय द |बड़े


भाई ने छोटे भाई को गाय के अगले ह से क दे खरे ख करने क िज मेदार
द | ख़दु ने गाय का पछला ह सा लया ...

9
याय – अ याय
एक पता था | उसके दो पु थे | मरते समय उसने उ ह एक गाय द | बड़े भाई ने छोटे भाई को
गाय के अगले ह से क दे खरे ख करने क िज मेदार द | ख़द
ु ने गाय का पछला ह सा लया
...
छोटा भाई गाय को चारा डालता था | बड़ा भाई बड़े मज़े से दध
ू दहु लेता था | इस तरह छोटे भाई
के साथ अ याय होता रहा | भैया ख़ुशी-ख़ुशी जीवन बता रहा था |
इसी तरह कुछ दन बीत गए | छोटे भाई को सब कुछ समझ म आने लगा | अब उसने गाय को
चारा डालना बंद कर दया | इससे गाय भूखी रहने लगी | बड़ा भाई जब भी दध ू दहू ने जाता तो
गाय भूखी होने के कारण गु से म उसे मार दे ती थी | बड़े भाई को अपने छोटे भाई क यह चाल
समझ म आ गई | उसने अपने भाई से सल ु ह करल | अब दोन मलकार गाय क सेवा करते थे |
दोन बराबर दध ू बाँट लेते थे | अब उनका जीवन ख़ुशी-ख़ुशी बीतने लगा |
इस तरह छोटे भाई ने अपनी बु ध के बल से याय ा त कया |

श ा – हम अ याय नह ं सहना चा हए / याय के साथ रहना चा हए

10
2. च आधा रत कहानी -

11
स नता पाने का रह य

श ा:
स न मन से
कए गए काय
म सफलता
अव य मलती

12
3. शीषक दे ते हुए कहानी का नमाण क िजए
और कहानी का अंत न न पंि त से क िजए -

............................................... अंततः मेर जीत हुई |

13
4. शीषक आधा रत कहानी -

14
• लघु कथा का वेश भारत म अं ेज़
से हुआ |

• हंद म सव थम लघु कथा रचना


सन ् 1945 म का शत हुई |

• सव थम लघु कथा क का शत
पु तक का नाम ‘स दयाँ बीतीं’ है |

• वतमान म इस वधा क
लोक यता सबसे अ धक है |
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क पना को उड़ान द िजए-

• थान बंद ु के आधार पर लघ-ु कथा ल खए –


1.) अ या पका वारा राजू को रोज़ गहृ काय दया जाता था, ले कन
राजू ने कभी भी उसे गंभीरता से नह ं लया | एक दन .......

2.) शीला को तारे दे खने क च थी | वह रोज़ रात को दरू बीन से


आकाश म खगोल य पंड (celestial bodies) को दे खा करती थी | एक
बार ........

16
ध यवाद

शखा माथरु
द ल पि लक कूल, बगलु ई ट

17

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