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“करो मे री बन्दगी”

नाजु क सी जिन्दगी
और उसपे इतना गु रुर
करो मे री बन्दगी
ऐसा मे रा सु रुर

वो मौत ही है जो है
सबसे निश्चित
चाहे कितनी भी हो
जिन्दगी विकसित
पर वो ते रे तो पास है
और मु झसे बहुत दरू
करो मे री बन्दगी
ऐसा मे रा सु रुर

वीरे न्द्र
२२ जु न २०२३

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