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लवली पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल

कक्षा- 9

विषय- हिंदी

(Assignment-7)

अपठित का काव्यांश

प्रश्न)निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:-

जीवित कविते शत शर जर्जर

छोड़कर पिता को पथ्


ृ वी पर

तू गई स्वर्ग, क्या यह विचार

“जब पिता करें गे मार्ग पार

यह अक्षम अवि, तब मैं सक्षम

तारुनगी कर गह दस्
ु तर तम”

कहता तेरा प्रणाम सविनय

कोई न था अन्य भावोदय

धन्ये! मैं पिता निर्थरकथा

कुछ भी तेरे हित कर ना सका।

तू सवा साल की जब कोमल

पहचान रही ज्ञान मैं चपल

माँ का मख
ु हो चंब
ू ीत शण शण

भरती जीवन में नव- जीवन

वह चरती पण
ु कर गई चली

तू नानी की गोद जा पली

सब किए वहीं कौतक


ु विनोद
उस घर निशि वासर भरे मोद

तब भी मैं इसी तरह समस्त

कवि जीवन में व्यर्थ ही मस्त

लिखता अबाध गति मुक्त छं द

पर संपादकगन निरानंद

वापस कर दे ते पढ़ सत्वर

दे एक-पंक्ति में दो उत्तर।

प्रश्न:-

1) कवि ने शत शर जर्जर किसे कहा है ?


क) स्वयं को ग)अपनी पुत्री को
ख) पथ्
ृ वी को घ) कविता को
2) कवि ने अपने जीवन रूपी मार्ग को कैसे बताया है ?
क) स्वर्ग के समान सुंदर
ख) अत्यंत सुगम
ग) घोर अंधकारपुण
घ) पुणतया आलोकयुक्त
3) कवि ने स्वयं को निरर्थक क्यों कहा है?
क) वह धनारजन नहीं कर सकता।
ख) वह अच्छा काव्य लेखन नहीं कर सकता।
ग) वह प्रभु भक्ति नहीं कर सकता।
घ) वह अपनी पुत्री को बाल सुलभ सुविधाएं ना दे सका।
4) कवि की पुत्री किसके हाथों पल- बढ़कर बढ़ी हुई?
क) कवि के
ख) अपनी नानी के
ग) अपनी मां के
घ) अपनी दादी के
5) संपादक कवि की कविताओं को किस भाग से लौटाते थे?
क) प्रसंता के भाव से
ख) आदर भाव से
ग) विनम्रता के भाव से
घ) उदासीनता के भाव से

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