परीक्षा की उत्त-WPS Office

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परीक्षा की उत्तर-पुस्तिकाओं की जांच वरिश्ठ और अनुभवी अध्यापकों के द्वारा की जाती है। उन्हें एक परीक्षा-पत्रक भी उपलब्ध कराया जाता है,

जिसमें
प्रश्नपत्र के आदर्श उत्तर दिये जाते हैं, ताकि उनके आधार पर वे जांच करें।

किसी प्रश्न के उत्तर के लिये अंकों का विभाजन कै से किया गया है, और क्या लिखने पर कितने अंक मिलेंगे, यह भी निर्देश दिया रहता है।

उदाहरण के लिये यदि हम किसी कविता की व्याख्या कर रहे हों, तो उसके अंकों का विभाजन करके बताया जाता है कि संदर्भ के लिये कितने अंक हैं,
प्रसंग के लिये कितने और व्याख्या, पद लालित्य के लिये कितने।

संदर्भ और प्रसंग के लिये जितने अंक होते हैं, उनका भी एक और विभाजन रहता है। जैसे संदर्भ में कवि का नाम, पुस्तक का नाम और रचना का नाम
बताना होता है, तो तीनों सूचनाओं पर अंक विभाजित होते हैं। कोई एक जानकारी भी न दी जाये तो अंक कट जाते हैं।

इसलिये जान लीजिये कि संदर्भ किसे कहते हैं? :

कविता अथवा गद्य के अंश विशेष को व्याख्या के लिये जहां से लिया गया है, उस पाठ्य-पुस्तक का नाम, पाठ का शीर्षक और उसके रचनाकार की
जानकारी देना ही संदर्भ कहलाता है।

उदाहरण
संदर्भ : प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह, भाग-2’ में संकलित कविता ‘आत्मपरिचय’ से लिया गया है। इसके रचनाकार विख्यात कवि डॉ
हरिवंश राय बच्चन हैं।

प्रसंग किसे कहते हैं?


जिस अंश को व्याख्या के लिये लिया गया है, उसमें कौन सा विचार, भाव या घटना का वर्णन है, इसकी जानकारी देना ही प्रसंग कहलाता है।

उदाहरण
आत्मपरिचय पाठ से

प्रसंग : कवि इस काव्यांश में अपने और संसार के रिश्तों का उद्घाटन कर रहे हैं।
शब्दार्थ किसे कहते हैं?
क्वितांश या गद्यांश में आये हुए कठिन शब्दों के सरलार्थ को शब्दार्थ कहते हैं।
व्याख्या किसे कहते हैं?

किसी कविता अथवा गद्य के अंश में व्यक्त विचारों और भावों को सरलतम विधि से समझाना और उसमें निहित तात्पर्यों एवं प्रतीकार्थों को विश्लेषित करना
ही व्याख्या करना कहलाता है।

काव्य सौंदर्य क्या है?


व्याख्या के लिये प्रस्तुत कवितांश में रस, अलंकार, भाशा, भाव, बिंब, प्रतीक योजना आदि के प्रयोग को काव्य सौंदर्य कहा जाता है। इसे पद सौंदर्य,
पद लालित्य, पद सौष्ठव भी कहते हैं।उदाहरण आत्मपरिचय कविता से
काव्य सौंदर्य : 1 कविता की भाषा सरल और सहज है। इसी कारण वह संप्रेषणीय भी है। सीधे हृदय तक पहुंचती है।
2 कविता में शांत रस है।

3 ‘स्नेह-सुरा’, यहां पर कवि ने प्रेम को ही शराब बनाकर प्रस्तुम किया है। इसी तरह ‘सांसों के दो तार’, में सांसों को तार बना दिया है, अतः
यहां पर रूपक अलंकार है।

विशेष किसे कहते हैं?


कवितांश में कोई विशिष्ट विचार, दर्शन या शैली आदि को विशेष के अंतर्गत प्रस्तुत करते हैं।
उदाहरण आत्मपरिचय कविता से
कवि ने संसार और अपने विचारों तथा जीवन शैली में भिन्नता को अभिव्यक्त किया है।

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