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जोसुआ प्रोजेक्ट
जोसुआ प्रोजेक्ट
जोसुआ प्रोजेक्ट
ु - 10/40 Window
Joshua Project
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प्रोजेक्ट जोशआ
ु
और
10/40 Window
भाग-1 - प्रोजेक्ट जोशआ
ु और 10/40 Window क्या है ?
भाग-2 - जोशआ
ु प्रोजेक्ट
भाग-3 - जोशआ
ु प्रोजेक्ट एक ईसाई मिशनरीज़
भाग-4 - भारत िें "जोशुआ प्रोजेक्ट" और उसका प्रभाव
भाग-5 - फिल्िों िे भी ‘जोशआ
ु प्रोजेक्ट’
भाग-6 -Joshua Project-‘परिेश्वर यादवों से प्रेि करता है ’
संकलन, लेखन व संपादन
नारायण मसंह आयय
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भाग-1 - प्रोजेक्ट जोशआ
ु और 10/40 Window क्या है ?
(https://cnn80.blogspot.com/2018/07/What-is-Joshua-Project-1040-window.html?m=1)
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उद्देश्य
वेटटकन के अनसु ार इस 10/40 खखड़की के दे शों िें सबसे कि ईसाई धिाांतरण हुआ है।
इसमलये वेटटकन का िख्
ु य लक्ष्यों िें से एक लक्ष्य यह है फक इस खखड़की के बीच जथथत सभी
दे शों िें तेजी से, आक्रािक तरीके से, चालबाजी से, सेवा के नाि पर या फकसी भी अन्य तरीके
से अधधकाधधक ईसाई धिाांतरण होना चाटहए। जोशआ
ु प्रोजेक्ट के आकलन के अनस
ु ार इस
“खिड़की” में विश्ि के तीन प्रमि
ु रमम ्थितत ैं, इथिलाम, हैन्द ू एिं बौद्ध। यह तीनों ही धिय
ईसाई धिाांतरण के प्रनत बहुत प्रनतरोधक हैं।
प्रभाववत दे श
पहले इस खखड़की के अंदर दक्षक्षण कोररया और फिलीपींस भी शामिल थे, परन्तु इन दे शों की
जनसंख्या 70% से अधधक ईसाई हो जाने के बाद उन्हें इस खखड़की से बाहर रख टदया गया
है । वेटटकन के अनस
ु ार “इस खखड़की िें शामिल दे शों िें सबसे ‘िल
ु ायि और आसान” लक्ष्य
भारत है, जबफक सबसे कटिन लक्ष्य इथलािी दे श िोरक्को है ।” वेटटकन ने गत वषय ही “सॉफ्ट
इथलािी” इंडोनेमशया को भी इस खखड़की िें शामिल कर मलया है ।
ववश्व की कुल आबादी िें से चार अरब से अधधक लोग इस 10/40 खखड़की के तहत
आती है, इसमलए यटद ईसाई धिय का अधधकाधधक प्रसार करना हो तो इन दे शों को टारगेट
बनाना जरूरी है । क्योंफक इस “खखड़की” से बाहर जथथत दे शों जैसे यरू ोपीय दे श, रूस, अिेररका,
कनाडा, ऑथरे मलया, न्यज
ू ीलैंड िें से अधधकााँश दे श पहले ही “घोवषत रूप से ईसाई दे श” हैं और
अधधकााँश दे शों िें “बाइबल” की शपथ ली जाती है ।
एमशयाई दे शों िें चचय ने सवायधधक सिलता हामसल की है “नाजथतक” िाने जाने वाले
“वािपंथी” चीन िें । आज की तारीख िें चीन िें लगभग 17 करोड़ ईसाई (कैथोमलक व प्रोटे थटें ट
मिलाकर) हैं। चीन िें वेटटकन के प्रवक्ता डॉक्टर जॉन संग कहते हैं फक हिें ववश्वास है फक
सन 2025 तक चीन िें ईसाईयों की आबादी 25 करोड़ पार कर जाएगी। भारत िें “घोवषत रूप
से” ईसाईयों की आबादी लगभग छह करोड़ है , जबफक अघोवषत रूप से छद्म नािों से रह रही
ईसाई आबादी का अंदाजा लगाना बेहद िजु श्कल है।
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भाग-2 - जोशआ
ु प्रोजेक्ट
“AD 2000” जज़क्र सबसे पहले 1989 िें िनीला के एक ईवैंजेमलकल समिेलन िें हुआ। जजस
मिशन का नाि था “Lausanne-2”। यहााँ अंतरराष्ट्रीय लेवल के सभी ईवैंजेमलकल ग्रूप को एक
साथ काि करने की सहिनत बनी और 1990 आते-आते इसका प्रचार प्रसार परू ी तरह से हो
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गया। इनका प्रिख
ु उद्देश्य था की सन 2000 आते-आते, प्रत्येक व्यजक्त को चचय और गाथपल
(सस
ु िाचार ) उपलब्ध कराना तथा प्रत्येक व्यजक्त को जोड़ लेना!
भारत िे “AD-2000”
इस सिह
ु को परू े ववश्व से लगभग 186 दे शों के 4000 से अधधक नेता फंडडंग करते थे, जो
की ईसाईयत ् का प्रचार प्रसार चाहते थे और इन्हीं लोगों के द्वारा जोशआ
ु प्रोज्कक्ट को रै वपडली
त्वररत गनत से कन्वज़यन (ित पररवतयन) को अंजाि टदये जा सके जजसके मलये उन्होंने भारतीये
सिाज का ववथतत
ृ ववश्लेषण के आधार पर एक ववथतत
ृ योजना बनाई।
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अगले भाग-3 िें पटिए ..
जोशआ
ु प्रोजेक्ट की कायय प्रणाली क्या है ?
फकस ववधध से गााँव के गली-गली पहुच रहे है,
इनको िजबत ू करने िें फकन शजक्तयों का हाथ है,
कौन जानत सबसे पहले ननशाने पर होती है
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भाग-3 - जोशुआ प्रोजेक्ट एक ईसाई ममशनरीज़
जोशआ
ु एक ईसाई मिशनरीज़ द्वारा चलाया जाने वाला प्रोजेक्ट है जो िख्
ु यतः
"वैटटकन चचय" द्वारा संचामलत और ववत्त पोवषत है जजसको वहााँ की सरकारों का
खुला सपोटय है ! िुख्य उद्देश्य दनु नया भर के लोगों को ईसाई बनाना उनकी भाषा िें
बोले तो अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाना ! इसके मलए वह लोग अन्य ित,
िज़हब, पंथ और धिय से जड़
ु े लोगों को
टागेट करते हैं इसी उद्देश्य को पूणय
करने के मलए 10/40 ववंडो को टागेट
फकया गया है जहााँ 1990 िें सबसे कि
ईसाई ित के लोग रहते थे अगर
िोटा-िोटा कहें तो ववश्व की दो नतहाई
जनसंख्या इसी 10/40 की ववंडो िें रहती है जो की ईसाई ित को नहीं िानती थी
या बहुत कि िात्रा िें लोग िानते थे। जजसिें अधधकति लोग ग़रीबी और जीवन
के िूल्यों से अपररधचत थे, हालााँफक इसका कारण इन्हीं बबयर गोरे ईसाई की संगटित
लूट ही थी इस ववंडो िें रहने वाली ववश्व की दो नतहाई जनसंख्या उस सिय तक
बौद्ध, िजु थलि और टहंद ू धिय/पंथ को िानती थी । यै कैसे ऑपरे ट करते ैं और
कौन-कौन शाममल ैै इनके सात तब तक के मलए बस इतना जान ली्जए कक इन
लोगों द्िारा ैी ितम मान प्ररानमंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात का िीज़ा
रुकिा हदया गया ता ्जसमें अपने यैााँ के बैुत सारे नेता भी शाममल ते, िजै ती
रमम पररितम न के ख़िलाफ़ गज
ु रात में कड़ा कानन
ू पास करना ! अगर तोड़ा बैुत भी
ध्यान हदए ैो तो UPA के विगत दस िर्म के शासनकाल में ैुआ रमम पररितम न और
उसके आाँकड़े पर नज़र डामलए तथििीर साफ़ ैोती हदिेगी ।
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भारत में "जोशुआ प्रोजेक्ट" और उसका प्रभाव
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धल
ु वाना, सब्जी लेना, और बतयन खरीदना बंद कर दें गे; पर फिर भी आप टहन्द ू रहें गे और
उनका आप का टहन्द ू धिय सरु क्षक्षत रहे गा ।
पर अगर आप ब्राह्िण से निरत करें गे तो आपकी सभी धामियक रथिों जैसे फक जन्ि,
शादी, ित्ृ य,ु गह
ृ पज
ू न, इत्याटद के मलए आप उनके पास जाना बंद कर दें गे और जब आपको
इन सभी रथिों को करवाने की जरुरत पड़ेगी तब आप क्या करें गे ? फकससे यह रथि
कराओगे? तब शायत यह सब रथिें आपके घर िें चचय का पादरी आकर करे गा, या हो सकता
है की आप यह सब त्याग करके घौर नाजथतक होकर इन सभी प्रकार की रथिों को त्याग दे ,
और आगे क्या क्या हो सकता है उसे आप सिझ ही सकते है ?
ब्राह्िणों से निरत करने का ितलब है Anti-Brahminism को बिावा दे ना, जो 500
साल परु ाने "जोशआ
ु " प्रोजेक्ट का टहथसा है , जजसका एजेंडा परू े टहंदथ
ु तान को ईसाई व िजु थलि
िल्
ु क बनाना है । टहंदओ
ु ं का धिायन्तरण तब तक नहीं हो सकता जब तक वे ब्राह्िणों के और
अपने धिय के संपकय िें है।
इन ईसाइ मिशनरीयो द्रारा आज सभी टहन्दओ
ु के खखलाि जजहाद नहीं छे ड़ा, न ही सभी
टहन्द ू को गाली दे ने शरु
ु फकया यटद वह ऐसा करते तो एक न एक टदन सभी टहंद ू एक होकर
इन ईसाई मिशनीरीयों के एजेंडो को परु ी तरह से कुचलकर तबाह कर दे त,े इसमलये इन ईसाइ
मिशनरीयो द्रारा जेशआ
ु प्रोजेक्ट बनाया जजसके तहत टहन्द ू जानतयों िें ब्राह्िणों के मलए इतनी
निरत बिाने का कायय शरु
ु कर टदया फक थवयं टहन्द ू ही ब्राह्िणों के आस-पास न िटके और
उनके फकसी भी प्रकार के काि, सलाह, ज्ञान आटद की बात करने के मलए भी जाना बंद कर दें
ताफक टहन्द ू सिाज के लोगों को धिायन्तरण करने के मलए भववष्ट्य िें दरवाजे खल
ु सके ।
जजसके मलये - सबसे पहले ईसाई मिशनरी Robert Caldwell ने भारत के लोगों को दो
भागों नोथय इंडडयन और साउथ इंडडयन िें बांटने के मलये, आयम न थ्योरी और आयम न-द्रविडड़यन
थ्योरी को गिा, आयम न थ्योरी के तहत उन्होंने कहा की आययन भारत िें बहार से आये थे वह
भारत के िल
ू ननवासी नहीं थे और उनको आययन कहा जाता था जजसिे िल
ू रुप से ब्राह्िण थे
और आयम न-द्रविडड़यन थ्योरी को तहत बताया की साउथ इंडडयन भारत के असली िल
ू नीवासी
है जजनकों द्रविडड़यन कहा जाता था और आयम न ने द्रविडड़यन को खदे ड़ कर दक्षक्षण भारत की
तरि धकेल टदया जबफक सच्चाई यह है फक आज फक तारीख िें यह दोनों ही थ्योरीयों को
इनतहासकार और सभी दे श परु ी तरह से नकार चक
ु े है और सभी ने इसको झट
ु ा िाना है, यहााँ
तक की ववज्ञान जगत से वैज्ञाननकों ने भारतीयों के DNA से साबबत कर टदया है फक भारत के
सभी लोग इस दे श के िल
ू ननवासी है और कभी कोई आययन नािक जाती भारत िें नहीं आई।
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पर अिसोस भारत के लोगों को सच कभी बताया ही नहीं जाता है क्यों क्योंफक ईसाई
मिशनीरी ऐसा नहीं चाहती है , आखखर ऐसा करके ईसाई मिशनीरी क्या करना चाहती थी आईये
उसको सिझते है क्योंफक उपरोक्त िजी थ्योरीयां के आधार पर भोले भाले भारतवासीयों को
िुसला कर दक्षक्षण भारतीयों को अलग पहचान दे कर उनका तेजी से धिायन्तरण फकया जा सके,
जजसिे उत्तर भारतीयों को ब्राह्िण को आययन टदखाकर उनके प्रनत निरत को और भी ज्कयादा
बड़ाया जा सके।
ब्राह्िण ववरोध, सनातन ववरोध का ही छद्म नाि है। क्योंफक ब्राह्िणवाद, िनव
ु ाद तो
बहाना है; असली िकसद भारत से टहन्द ू धिय को मिटा कर भारत को एक ईसाई और िजु थलि
दे श बनना है ।
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भाग-5 - किल्मों मे भी ‘जोशआ
ु प्रोजेक्ट’
जो ‘जोशुआ प्रोजेक्ट’ एक तरि ब्राह्िणो को टारगेट करता है वही दस
ु री तरि दे खे तो वह अन्य वणय
जैसे क्षबत्रय, और वैश्यो को भी टारगेट करके भारत तथाकधथत शुद्र लोगों को उनसे काटने का प्रयास
भी करता है , आप कभी फिल्िों की कहाननयां को ध्यान से दे खे उनिे क्या टदखाया जा रहा है , चचय
जाने वाला पात्र अिीर है और िररश्तों की तरह सबकी िदद करता है और जब भी कोई चचय िे
आकर येशू िसीह से प्रथयना करता है तो उसकी
िन की इच्छा तरु ं त पुरी हो जातेी है , चचय के
ईसाई पादरी से अपने पापोक की क्षिा िांगने
से सारे पाप िाि हो जाते है , गले िे क्रोस को
पहनना िेश्न का प्रतीक है और ईसाई रीनत
ररवाज से शादी करना ऐश्वयय और प्रगनतशील
होने की ननशानी है , वही एक िुसलिान
व्यजक्त भला-ईिानदार व दीन को िानने वाला
पााँच वक्त का निाजी है ।
अब दे खते है सनातन धिय के लोगों को कैसे
टदखाया जाता है
ब्राह्मण/सारु/संत/सन्यासी आहद- एक पाखंडी,
अत्याचारी है वह परु ी तरह से धिय भ्रष्ट्ट है , वह
िुखय है , ढोंगी है जो भक्तों को टोने-टोटके,
जाद ू टदखाकर, उनकी संपजत्त और धन को
िुखय बनाकर लुटने का कायय करता है , वह
अज्ञानी है और ज्ञानी होने का ढोंग करके भोले
भाले लोगों को िंसाते है ।
क्षत्रत्रय/ठाकुर/आहद- दष्ट्ु ट है , बलात्कारी है , अइयाश है , शराब आटद के नशे िे धुत रहता है और और
अपनी बंदक
ू के जोर से किजोर वगय के लोगों पर धोंस जिाकर उनका शोषण करता है , हत्या भी कर
दे ता है ,
िैश्य/बननया/सैुकार- एक कालाबाजारी, मिलावटखोरी, और कि तोल ने वाला बननया है , जो ब्याजखोरी
करके गरीबों को लूटता है ,
उं ची जाती के नेता परु ी तरह से राष्ट्रद्रोही है , उं ची जाती के पमु लस अिसर आटद भ्रष्ट्ट है ।
फिल्िी कहानी िे गरीब दमलतो और िटहला के यह सब बुरी तरह से शोषण करते है और वह सभी
आत्याचारी है ।
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भाग-6 -
Joshua Project
जोशआ
ु ‘परमेश्िर यादिों से प्रेम करता ैै ’
‘फ्रजटटयर वें चसय’ इसाइयत के प्रसार का लक्ष्य ले कर चलने वाला एक अिेररकी संगिन है ।
इसकी काययमसवद्ध के मलये बनाये गये इसके ववमभन्न ववभाग ministry कहलाते हैं जजनकी कुल
संख्या 12 है।
इस संगिन की योजनायें बहुत ही िहत्त्वाकांक्षी और बहृ द हैं।
यह संथथा पहले U.S. Center for World Mission के नाि से जानी जाती थी। इसके संथथापक
राल्ि और रॉबटाय ववटटर दमपनत थे।
ित्ृ यु से पहले डॉ. राल्ि डी. ववटटर को ‘टाइि’ पबत्रका ने ‘America’s 25 most influential
evangelicals’ की सच
ू ी िें थथान टदया था। वतयिान िें इसके अनेक पदाधधकाररयों की सच
ू ी िें
जजन तीन िहाननदे शकों के नाि सबसे ऊपर हैं वे ये हैं – ब्रस
ू ग्राहि, डेव डटे िा और चाङ्ग
फकि।
‘जोशआ
ु प्रोजेक्ट’ इसकी एक मिननथरी है जजसने ईसाइयत के प्रसार के मलये कधथत ‘10/40
खखड़की’ पर थवयं को केजन्द्रत रखा है । भौगोमलक अक्षांश 10° से ले कर 40° तक (और उनसे
लगे हुये) ववराट भू भाग को यह नाि टदया गया है , जजसिें ववश्व की टहन्द,ू बौद्ध और िस ु मलि
जनसंख्या का बहुसंख्य ननवास करता है । इस क्षेत्र को यह संगिन ‘प्रनतरोध पट्टी Resistance
Belt’ कहता है । इस पट्टी िें रहने वाले जन को 8178 ववमशष्ट्ट सिह
ू ों िें बााँटा गया है ओर
उसिे से से 5579 को असाधधत (unreached) श्रेणी िें रखा गया है अथायत लगभग 3 अरब
जनसंख्या को इसाई बनाने के लक्ष्य के साथ यह संगिन काययरत है ।
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इसाइयों के भी दो वगय ‘सािान्य इसाई’ और ‘पंथपररवतयक इसाई’ सजृ जत करने पर बल टदखता
है ।
भारत के पररप्रेक्ष्य िें यह संगिन 2245 जनसिह
ू ों की पहचान करके अपना कायय कर रहा है
जो फक जोशआ
ु प्रोजेक्ट का लगभग 28% है । इनिें से 2026 को यह असाधधत श्रेणी िें रखता
है जो फक कुल असाधधत का लगभग 36% है और उसके भीतर भारत की 95% जनसंख्या
ननटहत है।
धचत्र, वगय, दे शीय संख्या, वैजश्वक संख्या, िल
ू , प्राथमिक भाषा और प्राथमिक पंथ के आधार पर
वगीकृत जनसिह
ू ों के भीतर ईसाइयत के प्रसार को पााँच रं गों के प्रगनत थकेल पर परखा जाता
है और तदनस
ु ार सिीक्षा और आगे की योजना पर कायय फकया जाता है । जानतयों के भीतर भी
उपजानतयों के अनस
ु ार वगीकरण फकये गये हैं। उदाहरण के मलये ब्राह्िणों के 84, बननयों के 47
और राजपत
ू ों के 106 आटद भागो िे बांटकर उनके कन्वजयन के मलये ववथतत
ृ योजनाये बनाई
गई है ।
जजसिें पव
ू ी पञ्जाब का ‘फक्रजश्चयन ब्राह्िण’ सिह
ू उल्लेखनीय है , जजनके 1400 जानतयो को वह
ईसाई ित के अनय
ु ायी बताया गया है।
कुछ प्रश्न उिते हैं। पंथपररवतयन ननरोधक ववधधक प्रावधानों के रहते हुये भी ये ऐसा कैसे कर
पा रहे हैं और क्यों न तो यह पकड़ िें आ रहे हैं और न ही कहीं से इनके खखलाि मशकायत
आ रही है ?, और इका दक्
ु का कोई व्यजक्त इनका ववरोध करता है तो उसी के खखलाि पमु लस
िे मशकायत दजय हो जाती है ।
उत्तर यह है फक इन ईसाई मिशनरीयों की दरू गािी योजना है और वह लक्ष्य के प्रनत पण
ू य रुप
से सिवपयत है । इनको धन की कोई सिथया नही है । यह धीरे -धीरे दीिकों की भााँनत कायय
करने िें ववश्वास रखते है ।
पहले लोगो का जानत अमभिान बनाये रखते हुये ‘व्यजक्तगत रूप’ से ईसाई बनाना है। शनै:
शनै: ऐसे जन के सिहू बनाने हैं। प्रभावी संख्या हो जाने पर उन सिह
ू ों के बीच से ही
धियप्रचारक इवेंजमलथट ननकाले जाते है जो साधक, उत्प्रेरक और ननयािक के रुप िे सभी कायय
करें गे। ऐसी जथथनत िें प्राइवेट रूप से गप
ु चप
ु ईसाई बन चक
ु ा व्यजक्त न तो अपनी पहचान
बताता है और न ही उसके सहृ
ु द पररवाररयों को इसकी भनक ही लगने दे ते है ।
पकड़ िें आने और पररवादों की जथथनत तक पहुाँचने िे तो बहुत अधधक सिय लग जाता है
और इस ‘पंथननरपेक्ष’ दे श िें इनकी जथथनत सदृ
ु ि हो जाती है। जैसा यह पंजाब िे कर रहे है
वैसे है यह परु े भारते के अन्य भागों िें कर चक
ु े हैं।
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इनके द्वारा सािाजजक उन्ननत की ओर अग्रसर, राजनैनतक रूप से संगटित, प्रभावी एवं दबंग
जानतयों पर ववशेष ध्यान टदया जा रहा है।
पाफकथतान के जाट िजु थलि और भारत के यादवों पर ववशेष ध्यान टदया जा रहा है।
थक्रीनशॉट : http://godlovesyadav.org/yadav-prayer-profile/
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शेष.....
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