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होम काली कताब टोटके काली कताब उपाय

कण पशा चनी योग सं


पक कर

काली कताब

कण पशा चनी योग


- काली कताब
काली कताब

महाराज
Astrologer Guru Ji
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कण पशा चनी योग
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कण पशा चनी योग- गत,
Available)
Email : पा रवा रक या सामा जक सम या से
astrologerguruji35 मु केलए वशीकरण या स मोहन से
सं
बं
धत वै
दक, तांक और यांक
5@gmail.com साधना के योग क तु
लना म कण पशा चनी योग ब त ही अलग और खास
असर दे
ने
वाला होता है
। तांक व ान के
सा न य म घोर साधना और मंजाप के
ज रए इस अ य श , जो
का ही वशीकरण कर लया जाता है ी प म एक
काली कताब य नी होती है ही ‘कण पशा चनी’ कहा गया है
। उसे । उसके
वशीभू
त होते
ही वह
सीधे
कान म आकर घटना और सम या का समाधान बताती है
और मुकल से
से
वाएं
छु
टकारा मलाता है
। यही नह पशा चनी क कृ
पा से
उस दौरान मु
हं
मां
गे
वरदान क
पू
त भी हो जाती है
। पू
छे
गए कसी भी का जवाब कान म बताती है

अमाव या केदन तं

साधना टोटके

नजर दोष से
बचने
के

उपाय टोटके

भू
त े
त पशाच
कण पशा चनी योग
वशीकरण साधना

काला जा हटाने
के
कौन है ?
कण पशा चनी़
उपाय
तंऔर मंशा क मा यता के
अनु
सार कण पशा चनी अपार श य से
भरी

काली कताब के एक अ त ी प होती है


। उसके
वशीभू
त होते
ही वह न के
वल बीते
काल क
घ टत घटना के
बारे , ब क मौजू
म बताती है दा समय म चल रही प र थ तय से
टोटके भी अगाह करवातेए माग-दशन कर भ व यवाणी भी करती है
। इस दौरान
खु
द को आ म व ास से
भरा आ और अ त श -सं
प बन जाता है
। यह कह
कामदे
व वशीकरण मं उसम दै
वीय श आ जाती है
और इ छापू
त सं
भव हो पाती है
। इसक साधना अगर
मशान म अधोरी के ारा या उसक मदद से
क जा सकती है
तथा इसके
मंको
कण पशा चनी योग
कालदश मंकहा गया है
। कहते
ह इसके भाव से के
जीवन हर सू

म से
सू
◌़
़म और छपी ई घटना का पता चल जाता है
। उन घटना के
आधार पर
काली कताब के
उपाय
जीवन के
बारे
मं
◌े
सकारा मक वचार का व षण कर समा या
े का समाधान
नकाला जाता है

मी – े
े मका क

कण पशा चनी साधना और मं
शाद या सगाई रोकने

कण पशा चनी क साधना का अनुान वै


दक और तांक दोन ही व धय सेकया
का उपाय
जा सकता है
। इसे
एक गु , जो 11 या 21 दन म
त कालदश साधना माना गया है
पू
ण होती है
। इसक सधना करने
वाला थोड़े
समय केलए कालदश बन
द पावली तांक
जाता है
। इसे
सामा य व ध- वधान से
सं , ब क इसक
प नह कया जा सकता है

टोटके साधना करने


वाले
म इसके त घोर आ था, आ म व ास और असहजता को झे
लने
क अटू
ट व अटल मता होनी चा हए। यही कारण हैक इसे
समा य को करने
से
स त मना कया जाता है
। साधना करने ः-
का का मुय मंइस कार है

काली कताब ऊँलग सवनाम श भगवती कण- पशा चनी चं


ड पी सच स चमम वचन दे
वाहा!!
अ भले
खागार
कण पशा चनी साधना व धः इसक साधना भले
ही अ य धक वकट हो, ले
कन
णी चु
े न
ःसा य नह है
और स का लाभ तु
रं
त मलता है
। साधना- स के
समय काले
व , साधना काल म अनु
धारण करने , नराहार रहने
चत बातालाप नह करने और
वशे
षकर ी-गमन से
हर तर पर र रहने
क सलाह द गई है
। इसकेवशे

तांक के
अनु
सार कड़ेनयम के
पालन म र ी भर क कमी या ु
ट नह होनी
काली कताब सू
ची
चा हए। ऐसा होने
पर इसका नकारा मक असर पड़ता है
और लाभ के
वजाय भारी
महीना चु
न नु
कसान उठाना पड़ सकता है
। मू
ल प से
यह कहा जा सकता हैक इस साधना को
कोई भी अके
ल सं
प नह कर सकता है
। इसकेलए कए जाने
वाले
कुछ
योग इस कार होते
हः-

पहला योगः यारह दन तक चलने


वाले
कण पशा चनी क साधना केलए रात
या दन को चै
घ ड़या मुत के
दौरान पीतल या कां
से
क थाली म उं
गली के ारा स र
से शू
ल बनाएं
। और फर शु गाय का घी और ते
ल के
दो द पक जलाएं
और
उसका सामा य पू बाद 1100 बार बताए गए मंका जाप कर। इस
जन कर। उसके
ल 11 दन तक हराने
योग को कु सेकण पशा चनी स हो जाती है
। जाप का
ः-
मंहै

ऊँनमः कण पशा चनी अमाघ स यवा द न मम कण अवतरावतर

अतीतनागतवतमाना न दशय दशय मम भ व य कथय कण पशा चनी


वाहा!!

सरा योगः इस योग को अ सर होली या द पावली, या फर हण केदन से


शु कया जाता है णा त 21व दन होती है
और इसक पू । योग केलए आम क
लकड़ी के त त पर अनार क कलम सेदए गए मंको 108 बार लखतेए
बने
उ चारण कया जाता है
। एक बार लखने
केबाद उसेमटाकर सरा लखा जाता है

अं
तम बार इसक पं
चोपचार व ध से
पू और फर 1100 बार मंका
जा क जाती है
प उ चारण के
साथ जाप कया जाता है ः-
। इसका मंइस कार है

ऊँनमः कण पशा चनी म का रणी वे


शे

कथय म वाहा!!
अतीतनागतवतमाना न स यं

तीसरा योगः इस योग केलए वारपाठे


को अ भमंत कर उसके
गूदे
को हाथ
और पै
र पर ले । यह योग भी 21 दन का है
प लगाया जाता है तथा त दन पां

। इसक 21 दन म स
हजार जाप कया जाता है के
बाद कान म पशा चनी क
आवाज प सु
नी जा सकती है ः-
। इसका मंहै

ऊँ नमो भगव त कण पशा चनी चं गनी वद वद वाहा!!


डवे
चतु
थ योगः यह योग भी तीसरे
जैसा ही कया जाता है
। फक के
वल मंका है

इसम दए गए मंका त दन पां
च हजार जाप कालेवारपाठे
को सामने
रखकर
करतेए 21 दन तक स क साधना पू
ण क जाती है ः-
। मंहै

ऊँ सनामश ड प ण वद वद वाहा!!
भगव त कण पशा चनी चं

पां
चवांयोगः गाय के
गोबर के
साथ पीली म मलाकर त दन पू
रे
कमरे

लपाई क जाती है
। या फर तु
लसी के
चारो ओर के
कुछ थान को ले
पना चा हए।
उस थान पर ह द , कु
मकु
म व अ त डालकर आसन बछाएं
और नीचेदए गए मं
का त दन 10,000 बार जाप कर। इससे
कण पशा चनी को स कया जाता है

ल 11 दन म सं
यह योग कु प हाता है

मंः ऊँ
हंसो हं
सः नमो भगव त कण पशा चनी चं गनी वाहा!!
डवे

छठा योगः इस योग म वशे


ष बात यह हैक इसे
रात को लाल प रधान म कया
जाता है
। इसका शु
भारं
भ घी का द पक जलाने
केबाद 10,000 मं-जाप सेकया
जाता है 21 दन तक करने
। त दन जाप करतेए इसे केबाद कण पशा चनी क
साधना पू
ण होती है ः-
। इसका एक काफ छोटा मंहै

डकण पशा चनी वाहा!!


ऊँभगव त चं

सातवांयोगः यह योग आधी रात को कण पश चनी को एक दे


वी के प म
मरण कर कया जाता है
। इसे
सबसे
अ धक प व और मह वपू
ण माना गया है

मा यता हैक वे
द ास ने
इस मंको स कया था। सबसे
पहले
मंक पू
जा ऊँ
अमृ
त कु कु वाहा! लखकर करनी चा हए। उसके
बाद मछली क बली दे
ने
का
वधान है
। जो न न मंके
साथ कया जाता है

ऊँकण पशा चनी द धमीन ब ल,

गृ
हण गृ
हण मम स कु कु वाहा!

इस वधान के
पूण होने
केबाद दए गए मंका जाप पां
च हजार बार करना चा हए।
यान रहे
पू
री या ातः सू
य दय से
पहले
पू
ण हो जाए।

मंः ऊँ नमो भगव त कण पशा चनी चं गनी वद वद वाहा!!


डवे
इसक पू
णा त तपण के
मंऊँ
कण पशा चनी तपया म वाह! से
क जाती है
। यह
ल 21 दन म सं
योग कु ।  कु
प होता है ल मलाकर कण पशा चनी के
अनोखे
योग से
जीवन म मनोवां
छत बदलाव लाया जा सकता है

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