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दो दिवसीय बाल आनापान शिविर

धम्म पष्ु कर, पष्ु कर


सितंबर 1-3, 2023
आनापान साधना
( आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका द्वारा प्रतिस्थापित )
सांस का उपयोग कोई भी कर सकता है , चाहे वह किसी भी जाति या धर्म या वर्ग
या दे श से हो |
सांस एक ऐसी कड़ी है जो मन और शरीर को जोड़ती है |
हम सांस पर नियंत्रण भी कर सकते हैं या उसे स्वाभाविक रूप से काम करने दे सकते हैं |
हमारा मन कैसे काम करता है यह हम सिर्फ़ सांस का निरीक्षण करने से भी सीख सकते
हैं |
जब हमारा मन व्याकुल होता है , तब हम महसस ू करते हैं कि सांस भी जोर से और
उखड़ी सी हो जाती है |
अगर हम सांस का निरीक्षण करते रहें तो मन स्वाभाविक रूप से शांत हो जाता है और
आप महसस ू करते हैं कि सांस भी धीमी और शांत हो जाती है |
फ़ायदे -
मन को सखु ी, शांत और एकाग्र बनाता है ।
यह सरल और वैज्ञानिक है ।
यह किसी धर्म पर नहीं बल्कि नैतिकता पर आधारित है ।
यह ध्यान के लिए स्वाभाविक लक्ष्य का आधार लेता है ।
यह व्यावसायिकता से परे है ।
अगर मन शान्त है , तो आप :
सही निर्णय लेंगे।
उलझन में नहीं पड़ेंगे।
गलतियाँ कम करें गे।
ग़स्
ु सा नहीं करें गे, डरें गे नहीं।
दसू रों से आसानी से आदर पायेंगे।
अगर आपका मन एकाग्र है , तो आप :
व्यर्थ की बातों से कम विचलित होंगे।
मन लगाना एवं कुछ सीखना आसान पाएंगे।
खेल कूद में बेहतर प्रदर्शन करें गे।
संगीत एवं कला में प्रवीण होंगे।
ज़्यादा भरोसेमदं बनेंगे।
दो दिवसीय आवासीय बाल आनापान शिविर (लड़के एवं लड़कियों के लिए उम्र 13-18 वर्ष ) धम्म पष्ु कर में
1-9-23 को आयोजित किया जाएगा ।
( www.thali.dhamma.org/anapana-courses.shtml )
( www.children.dhamma.org )
शिविर का आरम्भ दिनांक 1 सितंबर, 2023 को शाम 6 बजे होगा एवं 3 सितंबर, 2023 को शाम 4:30
समापन होगा ।
शिविर में भाग लेने के लिए पर्व
ू पंजीकरण अनिवार्य है ,इच्छुक अभियार्थी आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इच्छुक अभियार्थी आनलाइन आवेदन कर सकते हैं ।
pushkar.dhamma.org
अधिक जानकारी के लिये कृपया संपर्क करें = 9773769091, 9358898063

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