ससमरु मैं पी क न म स ाँ स ों की म ल पे ससमर ों मैं , पी क न म(2) अपने मन की मैं ज नाँ, और पी के मन की र म स ाँ स ों की म ल पे ससमर ों मैं पी क न म(3) ये ही मे री बों दगी है ये ही मे री पज स ाँ स ों की म ल पे ससमर ों मैं पी क न म(2) स ाँ स ों की म ल पे(3) ससमर ों मैं (4) पी क न म स ाँ स ों की म ल पे ससमर ों मैं स ाँ स ों की म ल पे ससमर ों मैं पी क न म इक त स जन मों सदर में और प्रीतम मस्जिद में स ाँ स ों की म ल पे ससमर ों मैं पी क न म प्रेम के रों ग में ऐसी डबी(3) रों ग सदय सपय एक ही रप प्रेम के रों ग में ऐसी डबी रों ग सदय सपय एक ही रप प्रेम की म ल जपते जपते ह गयी सुबह से श म स ाँ स ों की म ल पे, ससमर ों मैं पी क न म(5) हम दर नही ों कछु क म के दर नही ों सप के न म के स ाँ स ों की म ल पे, ससमर ों मैं पी क न म स ाँ स ों की म ल पे, ससमरों मैं पी क न म प्रीतम क कुछ द ष नही ों है (3) प्रीतम क कुछ द ष नही ों है व त है सनदोष(2) अपने आप से ब ते करते ह गयी मैं बदन म स ाँ स ों की म ल पे, ससमर ों मैं पी क न म(2) स ाँ स ों की म ल पे(3) ससमरु मैं (3) पी क न म स ाँ स ों की म ल पे, ससमर ों मैं पी क न म(2) ससमर ों मैं पी क न म(5)