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मिट्टी की जाँच - Soil Testing » HindiPediaa » Ranjeev Maurya - Gov Yojana - सरकारी योजना - Agri Farming
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Ranjeev Maurya • February 8, 2022 Last Updated: March 17, 2022 4 1,483
मिट्टी परीक्षण मशीन की कीमत | मिट्टी जांच कें द्र उत्तर प्रदेश | मिट्टी परीक्षण
पीडीएफ | मिट्टी परीक्षण के लाभ | खेतों में मिट्टी की तैयारी किस प्रकार की जाती है |
मिट्टी का नमूना कै से लें | मिट्टी जांच कें द्र | मिट्टी की जाँच कब करें | मिट्टी की जाँच
क्यों करें | मिट्टी की जाँच कै से करें | मिट्टी के नमूना एकत्रित करने की विधि | मिट्टी
की जाँच | भूमि परीक्षण कै से करें | मिट्टी को पूरा करने के लिए उपयोग करते हैं |
मिट्टी परीक्षण किट | Soil Testing | मृदा नमूना लेते समय सावधानियां |
इस योजना में मिट्टी की जांच हर वर्ष किया जाएगा लेकिन कु छ किसान जो अपने मिट्टी की
जांच स्वयं करा सकते हैं मिट्टी जांच कृ षि विभाग कार्यालय में मिट्टी जांच करा सकते है।
इसलिए आवश्यकता पड़ी पड़ रही है क्योंकि हमारे देश में लगातार रासायनिक खाद का
उपयोग दिन पर दिन ज्यादा मात्रा में डाली जा रही है जिसके कारण मिट्टी की मैं उपलब्ध
कार्बनिक या उर्वरा शक्ति खत्म होती जा रही है और मृदा उसर होती जा रही हैं अगर यह
लगातार रसायनिक खाद का उपयोग कृ षक लगातार करता रहा तो एक समय ऐसा आएगा
कि पूरे देश में उसर बढ़ रही हैं लेकिन अगर इसी रसायनिक खाद के साथ-साथ गोबर की
खाद या खाद का उपयोग होता है तो मृदा की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी लेकिन लेकिन यदि
मृदा में खाद का उपयोग संतुलन रूप से किया जाए तो मृदा को उसर से बचाया जा सकता
है।
2. क्षारीय, ऊसर तथा अम्लिक भूमि के सुधार तथा उससे उपजाऊ बनाने का सही ढं ग
जानने के लिए।
5. मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों का सही- सही निर्धारण कर मृदा स्वास्थ्य कार्डों के
माध्यम से कृ षकों तक पहुंचाना।
6. विभिन्न फसलों की दृष्टि से पोषक तत्वों की कमी का पता करके किसानों को स्पष्ट
सूचना देना।
7. मृदा पोषक तत्वों की स्थिति ज्ञात करना और उसके आधार पर फसलों के अनुसार
उर्वरकों / खादों को डालने की संस्तुति करना।
2. इससे हम जो फसल उगाने जा रहे हैं उसमें उर्वरक या खाद की मात्रा तय हो जाती
है।
4. इससे कृ षक अपनी फसल में उर्वरकों का अच्छी तरह से प्रबंधन करके अतिरिक्त
लागत को कम कर सकते हैं।
5. फसल को मृदा जनित रोग या अन्य रोग व्याधियों से बचाया जा सकता है।
6. मृदा परीक्षण करने से उस खेत में 3 साल तक मृदा परीक्षण नहीं करना पड़ता। 3
साल बाद फिर से मिट्टी की जाँच करा सकते हैं ।
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मिट्टी की जाँच की आवश्यक सामग्री:
1. कु दाल या बरमा (पेंच या ट्यूब या पोस्ट होल प्रकार)
2. खुरपी
3. कोर नमूना
4. नमूना बैग
7. बर्मा
8. फावड़ा
7. गीले, मुख्य बंड के पास के क्षेत्रों, पेड़ों, खाद के ढे र और सिंचाई चैनलों के नमूने लेने
से बचें।
8. उथली जड़ वाली फसलों के लिए, 15 सेमी गहराई तक नमूने एकत्र करें । गहरी जड़
वाली फसलों के लिए, 30 सेमी गहराई तक नमूने एकत्र करें ।
9. खेत के मालिक की उपस्थिति में हमेशा मिट्टी का नमूना इकट्ठा करें जो खेत को
बेहतर तरीके से जानता हो
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मिट्टी की जाँच के लिए नमूना कै से करें:
1. एक एकड़ क्षेत्र में लगभग 4-5 स्थानों से ‘V’ आकार के 6 इंच गहरे गहरे गढ्ढे बनायें।
एक साफ कं टेनर में ‘वी’ आकार के कट और उस जगह से मिट्टी की मोटी परत
निकालें।
2. यदि बरमा उपलब्ध नहीं है, तो कु दाल का उपयोग करके नमूना स्थान में 15 सेमी की
गहराई तक ‘वी’ आकार का कट बनाएं ।
5. नमूनों को अच्छी तरह से मिलाएं और जड़ों, पत्थरों, कं कड़ और बजरी जैसी विदेशी
सामग्रियों को हटा दें।
7. मिट्टी को अच्छी तरह से मिश्रित नमूने को चार समान भागों में विभाजित करके किया
जाता है। दो विपरीत तिमाहियों को छोड़ दिया जाता है और शेष दो तिमाहियों को हटा
दिया जाता है और वांछित नमूना आकार प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता
है।
9. किसान का नाम, खेत का स्थान, सर्वेक्षण संख्या, पिछली फसल उगाई, वर्तमान
फसल, अगले मौसम में उगाई जाने वाली फसल, संग्रह की तारीख, नमूना का
नाम आदि जैसी जानकारी के साथ बैग को लेबल करें ।
10. सूखे हुए नमूने को कपड़े की थैली में भरकर कृ षक का नाम, पता, खसरा संख्या,
मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, उगाई जाने वाली फसलों आदि का ब्यौरा दें।
11. नमूना प्रयोगशाला को प्रेषित करें अथवा’ ‘परख’ मृदा परीक्षण किट द्वारा स्वयं परीक्षण
करें ।
2. भूमि की सतह से हल की गहराई (0-15 सें.मी.) तक मृदा हेतु टयूब या बर्मा द्वारा मृदा
की एकसार टुकड़ी लें। यदि आपको फावड़े या खुरपे का प्रयोग करना हो तो ‘’V’’
आकार का 15 सें.मीं. गहरा गड्ढा बनायें। अब एक ओर से ऊपर से नीचे तक 10-12
अलग-अलग स्थानों (बेतरतीब ठिकानों) से मृदा की टुकड़ियाँ लें और उन पर सबको
एक साफ कपड़े में इकट्ठा करें ।
3. अगर खड़ी फसल से नमूना लेना हो, तो मृदा का नमूना पौधों की कतारों के बीच
खाली जगह से लें। जब खेत में क्यारियाँ बना दी गई हों या कतारों में खाद डाल दी
गई हो तो मृदा का नमूना लेने के लिये विशेष सावधानी रखें।
4. नमूना संख्या असाइन करें और इसे प्रयोगशाला मिट्टी नमूना रजिस्टर में दर्ज करें ।
5. यदि मौजूद है, तो बड़ी गांठों को तोड़ने के बाद कागज, बर्तन मे फै लाकर छाया में
खेत से एकत्र किए गए नमूने को सुखाएं ।
10. कार्बनिक पदार्थ के निर्धारण के लिए नमूना को पीसने और 0.2 मिमी छलनी के
माध्यम से करना है।
11. यदि नमूने सूक्ष्म पोषक तत्वों के विश्लेषण के लिए हैं, तो Fe, Cu और Zn के प्रदू षण
से बचने के लिए नमूने को संभालने में सबसे अधिक देखभाल की आवश्यकता होती
है।
12. नमूनों के संग्रह, प्रसंस्करण और भंडारण के लिए पॉलिथीन का उपयोग करना बेहतर
है।
नोट: रासायनिक खाद की पट्टी वाली जगह से नमूना न लें। जिन स्थानों पर पुरानी बाड़,
सड़क हो और यहाँ गोबर खाद का पहले ढे र लगाया गया हो या गोबर खाद डाली गई हो,
वहाँ से मृदा का नमूना न लें। ऐसे भाग से भी नमूना न लें, जो बाकी खेत से भिन्न हो। अगर
ऐसा नमूना लेना हो, तो इसका नमूना अलग रखें।
गहराई का नमूना ले ने के लिए दिशा-निर्देश:
मिट्टी का नमूना
इंच
12, 24 और 36 इंच
4 बारहमासी फसलें, वृक्षारोपण और बाग फसलें पर तीन मिट्टी के
नमूने
2. अपना पता
2. असामान्य स्थान, जैसे सिंचाई की नालियाँ, दल-दली जगह, पुरानीं मेढ़ एवं पेड़ के
निकट खाद के ढे र से नमूना न लें।
3. खेत में हरी खाद, कम्पोस्ट तथा रासायनिक खाद डालने के तुरं त बाद मिट्टी का नमूना
न लें।
7. सिंचाई की नालियाँ, दलदली जगह, पेड़ के निकट, पुराना से या जिस जगह खाद
राखी गयी हो वहाँ का नमूना न लें।
13. आप अपने खेत में ऊं ची नीची जगह और उपजाऊ पन के आधार पर 5-6 जगह से
नमूने ले सकते हैं।
14. उस खेत से नमूना ना ले जहां फसल लगी हो ,जब खेत खाली हो , फसल कट गई हो
तब नमूना ले सकते हैं।
15. जिस जगह से नमूना ले रहे हैं वहां की घास या फसल अवशेष को हटाकर साफ
करके लें।
16. मिट्टी का जो नमूना लेते हैं उसे एक साफ-सुथरी थैले में इकट्ठा करें ।
17. नमूना लाने के लिए किसी भी प्रकार के खाद या उर्वरक के बोरे या थैले में इकट्ठा ना
करें ।
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