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साँवले सपनों की याद
साँवले सपनों की याद
लेखक परिचय
जाबिर हुसैन
इनका जन्म सन 1945 में गााँ व नौनहीों, राजगीर, बजला नालोंदा, बिहार में हुआ। वे अोंग्रेजी भाषा एवों साबहत्य के प्राध्यापक रहे ।
इन्ह ने सबिय राजनीबि में भी भाग बलया और बवधानसभा के सदस्य, मोंत्री और सभापबि भी रहे । ये बहों दी, अोंग्रेजी और उदद ू िीन ों
भाषाओों में समान अबधकार के साथ लेखन करिे रहे हैं ।
उत्ति
एक िार ििपन में साबलम अली की एयरगन से एक गौरै या घायल ह कर बगर पड़ी । इस घटना ने साबलम अली के
जीवन की बदशा क िदल बदया । वे गौरै या की दे खभाल, सुरक्षा और ख जिीन में जुट गए। उसके िाद उनकी
रूबि पदरे पक्षी-सोंसार की और मुड़ गयी और वे पक्षी-प्रेमी िन गए।
2. साबलम अली ने पदवू प्रधानमोंत्री के सामने पयाूवरण से सोंिोंबधि बकन सोंभाबवि खिर ों का बित्र खीोंिा ह गा बक
बजससे उनकी आाँ खें नम ह गई थीों?
उत्ति
साबलम अली ने पदवू प्रधानमोंत्री िौधरी िरणबसोंह के सामने केरल की साइलेंट-वैली सोंिन्धी खिर ों की िाि उठाई
ह गी। उस समय केरल पर रे बगस्तानी हवा के झ क ों का खिरा मोंडरा रहा था। वहााँ का पयाूवरण दद बषि ह रहा था।
प्रधानमन्त्री क वािावरण की सुरक्षा का ध्यान था। पयाूवरण के दद बषि ह ने के खिरे के िारे में स िकर उनकी
आाँ खे नम ह गई।
3. लॉरें स की पत्नी फ्रीदा ने ऐसा क् ों कहा ह गा की "मेरी छि पर िैठने वाली ग रै या लॉरें स के िारे में ढे र सारी िािें
जानिी है?"
उत्ति
लॉरें स का व्यक्तित्व बिल्कुल साधारण िथा इिना खुला-खुला सा था बक उनके िारे में बकसी से कुछ बछपा नहीों था।
इसबलए फ्रीडा कहिी है बक लॉरे न्स के िारे में एक गौरै या भी ढ़े र सारी िािें ििा सकिी है।
4. आशय स्पष्ट कीबजए -
(क) व लारें स की िरह, नैसबगूक बजोंदगी का प्रबिरूप िन गए थे।
(ख) क ई अपने बजस्म की हरारि और बदल की धड़कन दे कर भी उसे लौटाना िाहे ि वह पक्षी अपने सपन ों के
गीि द िारा कैसे गा सकेगा !
(ग) सलीम अली प्रकबि की दु बनया में एक टापद िनने की िजाए अथाह सागर िनकर उभरे थे।
उत्ति
(क) लॉरें स का जीवन िहुि सीधा-सादा था, प्रकबि के प्रबि उनके मन में बजज्ञासा थी। साबलम अली का व्यक्तित्व
भी लॉरें स की िरह ही सुलझा िथा सरल था।
(ख) यहााँ लेखक का आशय है बक मि व्यक्ति क क ई जीबवि नहीों कर सकिा। हम िाहे कुछ भी कर लें पर
उसमें क ई हरकि नहीों ला सकिे।
(ग) सलीम अली प्रकबि के खुले सोंसार में ख ज
ों करने के बलए बनकले। उन्ह न ों े स्वयों क बकसी सीमा में कैद नहीों
बकया। वे एक टापद की िरह बकसी स्थान बवशेष या पशु-पक्षी बवशेष में सीबमि नहीों थे। उन्ह न ों े अथाह सागर की
िरह प्रकबि में ज -ज अनुभव आयी, उन्हें साँज या। उनका कायूक्षेत्र िहुि बवशाल था।
उत्ति
लेखक की भाषा-शैली की बवशेषिाएाँ — • इनकी शैली बित्रात्मक है। पाठ क पढ़िे हुए इसकी घटनाओों का बित्र
उभर कर हमारे सामने आिा है।
• लेखक ने भाषा में बहोंदी के साथ-साथ कहीों-कहीों उदद ू िथा कहीों-कहीों अोंग्रेज़ी के शब् ों का प्रय ग भी बकया है।
• इनकी भाषा अत्योंि सरल िथा सहज है।
• अपने मन भाव ों क प्रस्तुि करने के बलए लेखक ने अबभव्यक्ति शैली का सहारा बलया है।
6. इस पाठ में लेखक ने सलीम अली के व्यक्तित्व का ज बित्र खीोंिा है उसे अपने शब् ों में बलक्तखए।
उत्ति
सलीम अली अनन्य प्रकबि-प्रेमी थे। प्रकबि िथा पबक्षय ों के प्रबि उनके मन में कभी न खत्म ह ने वाली बजज्ञासा थी।
लेखक के शब् ों में, "उन जैसा 'िडू -वािर' शायद क ई हुआ है।"उन्हें दद र आकाश में उड़िे पबक्षय ों की ख जों करने
का िथा उनकी सुरक्षा के उपाय क जने का असीम िाव था। वे स्वभाव से परम घुमक्कड़ और यायावर थे। लम्बी
यात्राओों ने उनके शरीर क कमज़ र कर बदया था। व्यवहार में वे सरल-सीधे और भ ले इों सान थे। वे िाहरी
िकािौोंध और बवबशष्टिा से दद र थे।
7. "सााँवले सपन ों की याद" शीषूक की साथूकिा पर बटप्पणी कीबजये।
उत्ति
"सााँवले सपन ों की याद" एक रहस्यात्मक शीषूक है। यह रिना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने बमत्र सलीम अली
की याद में बलखा गया सोंस्मरण है। सााँवले सपने" मनम हक इच्छाओों के प्रिीक हैं। ये सपने प्रबसद्ध पक्षी-प्रेमी
सलीम अली से सोंिोंबधि हैं। सलीम अली जीवन-भर सुनहरे पबक्षय ों की दु बनया में ख ए रहे। वे उनकी सुरक्षा और
खज ों के सपन ों में ख ए रहे। ये सपने हर बकसी क नहीों आिे। हर क ई पक्षी-प्रेम में इिना नहीों डदि सकिा।
इसबलए आज जि सलीम अली नहीों रहे ि लेखक क उन सााँवले सपन ों की याद आिी है ज सलीम अली की
आाँ ख ों में िसिे थे। ये शीषूक साथूक ि है बकन्तु गहरा रहस्यात्मक है। िन्दन की िरह बघस-बघस कर इसके अथू
िथा प्रभाव िक पहुाँिा जा सकिा है।
िचन औि अभिव्यक्ति
8. प्रस्तुि पाठ सलीम अली की पयाूवरण के प्रबि बिोंिा क भी व्यि करिा है। पयाूवरण क ििाने के बलए आप
कैसे य गदान दे सकिे हैं ?
उत्ति
MCQ Test
Important Question
Notes
Sample Paper
NCERT Q-Ans
NCERT Book
Previous Year Paper
Including grammar : Full course Hindi : https://www.learncbse.in/ncert-solutions-class-9-hindi/