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Beginning of ISKCON Movement
Beginning of ISKCON Movement
Beginning of ISKCON Movement
1965 म कृ कृपा मू ित ी ीमद् ए सी भ वेदां त ामी भुपाद ारा लाया गया "हरे कृ "
शी ही घर घर का जाना पहचाना श बन गया। और कुछ ही वष म, वह एक िव आं दोलन
बन गया, िजसे हम कृ भावना अमृत आं दोलन के नाम से जानते ह।
उस समय, पा ा संगीत के चरमो ष पर यिद कोई था, तो वह बीट ु प था। जॉज है रसन
तथा जॉन लेनन, ी भु पाद के हरे कृ कीतन से अ ंत आकिषत ए। ील भुपाद ने
समझाया, महामं की िद िन हमारी िद चेतना को पुनजागृत करने की सरल सहज
िविध है।
यह जीवा ा अने कों ज ों से जड़ पदाथ के संग म रहने से, हमारी चे तना को भी कृित के रं ग
म रं ग चुकी है । इस भौितक कृित को ही माया कहते ह।