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कक्षा 10 सामाजिक जिज्ञान नोट्स


रािनीजि ( लोकिाांजिक रािनीजि-2 )
Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

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❇️ सत्ता की साझेदारी :-
🔹 जब किसी शासन व्यवस्था में हर सामाकजि समहू और समदु ाय िी भागीदारी सरिार में होती है तो इसे
सत्ता िी साझेदारी िहते हैं ।

🔹 लोितंत्र िा मल ू मंत्र है सत्ता िी साझेदारी । किसी भी लोितांकत्रि सरिार में हर नागररि िा कहस्सा होता
है । यह कहस्सा भागीदारी िे द्वारा संभव हो पाता है ।

🔹 इस प्रिार िी शासन व्यवस्था में नागररिों िो इस बात िा अकििार होता है कि शासन िे तरीिों िे बारे
में उनसे सलाह ली जाये ।

❇️ सत्ता की साझेदारी लयों िरूरी है ?


🔶 यजु िपरक िकक ( हाजन या लाभ के पररणामों पर आधाररि )

• वकभन्न सामाकजि समहू ों िे बीच टिराव िा अंदश


े ा िम ।
• राजनीकति व्यवस्था िे स्थाकयत्व िे कलए अच्छा ।
🔶 नैजिक िकक ( नैजिकिा या अांिर भिू महत्ि पर आधाररि )

• सत्ता िी साझेदारी लोितंत्र िी आत्मा है ।


• लोगों िी भागीदारी आवश्यि है । तथा लोग अपनी भागीदारी िे माियम से शासन से जडु े रहे ।
• लोगों िा अकििार है कि उनसे सलाह ली जाए प्रशासन कि शासन किस प्रिार हो ।
❇️ सत्ता की साझेदारी की आिश्यकिा :-

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🔹 समाज में सौहार्द्र और शांकत बनाये रखने िे कलये सत्ता िी साझेदारी जरूरी है । इससे कवकभन्न सामाकजि
समहू ों में टिराव िो िम िरने में मदद कमलती ।

🔹 किसी भी समाज में बहुसख्ं यि िे आति ं िा खतरा बना रहता है । बहुसख्ं यि िा आति ं न िे वल
अल्पसंख्यि समहू िो तबाह िरता है बकल्ि स्वयं िो भी तबाह िरता है । सत्ता िी साझेदारी िे माध्यम से
बहुसंख्यि िे आतंि से बचा जा सिता है ।

🔹 लोगों िी आवाज ही लोिताकं त्रि सरिार िी नींव बनाती है । इसकलये यह िहा जा सिता है कि लोितत्रं
िी आत्मा िा सम्मान रखने िे कलए सत्ता िी साझेदारी जरूरी है ।

🔹 सत्ता िी साझेदारी िे दो िारण होते हैं । एि है समझदारी भरा िारण और दसू रा है नैकति िारण । सत्ता िी
साझेदारी िा समझदारी भरा िारण है समाज में टिराव और बहुसख्ं यि िे आतंि िो रोिना । सत्ता िी
साझेदारी िा नैकति िारण है लोितंत्र िी आत्मा िो अक्षण्ु ण रखना ।

❇️ बेजजियम के समाि की िािीय बनािट :-

• बेलकजयम यरू ोप िा एि छोटा सा देश है ।


• कजसिी आबादी हररयाणा से भी आिी हैं परंतु इसिे समाज िी बनावट बडी जकटल है ।
• इसमें रहने वाले 59% लोग डच भाषा बोलते हैं 40% लोग फ्रेंच बोलते हैं बािी 1% लोग जमरन
बोलते हैं ।
• राजिानी ब्रसु ेल्स में 80% आबादी फ्रेंच भाषी हैं जबकि 20% डच भाषी ।
•अल्पसख्ं यि फ्रेंच भाषी लोग तल
ु नात्मि रूप से ज्यादा समृद्ध और ताितवर रहा है ।
❇️ बेजजियम की समझदारी :-
🔹 ऐसे भाषाई कवकविताओ ं िई बार सांस्िृ कति और राजनीकति झगडे िा िारण बन जाती है । बहुत बाद में
जािर आकथरि कविास और कशक्षा िा लाभ पाने वाले डच भाषी लोगों िो इस कस्थकत से नाराजगी थी ।

🔹 इसिे चलते 1950 से 1960 िे दशि में फ्रेंच और डच बोलने वाले समहू ों िे बीच तनाव बढ़ने लगा । डच
भाषी लोग देश में बहुमत में थे परंतु राजिानी ब्रसु ेल्स में अल्पमत में थे ।

🔹 परंतु बेकल्जयम िे लोगों ने एि नवीन प्रिार कि शासन पद्धकत अपना िर सांस्िृ कति कवकविताओ ं एवं
क्षेत्रीय अंतरों से होने वाले आपसी मतभेदों िो दरू िर कलया ।

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🔹 1970 से 1993 िे बीच बेकल्जयम ने अपने संकविान में चार संशोिन कसर्र इसकलए किए ताकि देश में
किसी िो बेगानेपन िा अहसास न हो एवं सभी कमल जल
ु िर रह सिें । सारा कवश्व बेकल्जयम िी इस समझदारी
िी दाद देता है ।

❇️ बेजजियम में टकराि को रोकने के जलए उठाए गए कदम :-

• िें र्द् सरिार में डच व फ्रेंच भाषी मंकत्रयों िी समान संख्या ।


• िें र्द् सरिार िी अनेि शकियााँ देश िे दो इलािों िी क्षेत्रीय सरिार िो दी गई ।
• बसु ेल्स में अलग सरिार हैं इसमें दोनों समदु ायों िो समान प्रकतकनकित्व कदया गया ।
• सामदु ाजयक सरकार का जनमाकण :- इनिा चनु ाव सबं कं ित भाषा लोगों द्वारा होता है । इस सरिार
िे पास सांस्िृ कति , शैकक्षि तथा भाषा संबंिी शकियााँ हैं ।
❇️ श्रीलांका के समाि की िािीय बनािट :-

• श्रीलंिा एि द्वीपीय देश है जो भारत िे दकक्षण तट से िुछ किलोमीटर िी दरू ी पर कस्थत है ।


• इसिी आबादी िोई दो िरोड िे लगभग है अथारत हररयाणा िे बराबर ।
• बेकल्जयम िी भांकत यहां भी िई जाकतय समहू ों िे लोग रहते हैं ।
• देश िी आबादी िा िोई 74% भाग कसहकलयों िा है ।
• जबकि िोई 18% लोग तकमल हैं ।
• बािी भाग अन्य छोटे – छोटे जातीय समहू ों जैसे ईसाइयों और मसु लमानों िा है ।
❇️ श्रीलांका में टकराि :-
🔹 देश यद्ध ु पवू ी भागों में तकमल लोग अकिि है जबकि देश िे बािी कहस्सों में कसहलीं लोग बहुसंख्या में हैं ।
यकद श्रीलंिा में लोग चाहते तो वे भी बेकल्जयम िी भांकत अपनी जाकतय मसले िा िोई उकचत हल कनिाल सिते
थे परन्तु वहााँ िे बहुसंख्यि समदु ाय अथाथर कसहकलयों ने अपने बहुसंख्यिवाद िो दसू रों पर थोपने िा प्रयत्न
किया कजससे वहां ग्रह यद्ध ु शरू
ु हो गया और आज ति थमने िा नाम नहीं ले रहा है ।

❇️ गहृ यद्ध
ु :-
🔹 किसी मल्ु ि में सरिार कवरोिी समहू ों िी कहसं ि लडाई ऐसा रूप ले ले कि वह यद्ध
ु सा लगे तो उसे गृहयद्ध

िहते है ।

❇️ श्रीलांका में बहुसांख्यकिाद :-

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🔶 बहुसांख्यकिाद :- यह मान्यता कि अगर िोई समदु ाय बहुसंख्यि है तो वह अपने मनचाहे ढंग से देश िा
शासन िर सिता है और इसिे कलए वह अल्पसंख्यि समदु ाय िी जरूरत या इच्छाओ ं िी अवहेलना िर
सिता है ।

🔶 1956 के कानून द्वारा उठाए गए कदम :-

• 1956 में एि िाननू पास किया गया कसहली समदु ाय िी सवोच्चता स्थाकपत िरने हेतु ।
• नए संकविान में यह प्राविान किया गया कि सरिार बौद्ध मठ िो संरक्षण और बढ़ावा देगी ।
• कसहकं लयों िो कवश्व कवद्यालयों और सरिारी नौिररयों में प्राथकमिता दी गई ।
• कसहल
ं ी िो एिमात्र राजभाषा घोकषत िर कदया गया कजससे तकमलों िी अवहेलना हुई ।
❇️ भारि में सत्ता की साझेदारी :-
🔹 भारत में लोितांकत्रि शासन व्यवस्था है । यहााँ िे नागररि सीिे मताकििार िे माध्यम से अपने प्रकतकनकि
िो चनु ते हैं । लोगों द्वारा चनु े हुए प्रकतकनकि एि सरिार िो चनु ते हैं । इस तरह से एि चनु ी हुई सरिार रोजमरार िा
शासन चलाती है और नये कनयम बनाती है या कनयमों और िाननू ों में संशोिन िरती है ।

🔹 किसी भी लोितंत्र में हर प्रिार िी राजनैकति शकि िा स्रोत प्रजा होती है । यह लोितंत्र िा एि मल ू भूत
कसद्धांत है । ऐसी शासन व्यवस्था में लोग स्वराज िी संस्थाओ ं िे माध्यम से अपने आप पर शासन िरते हैं ।

🔹 एि समकु चत लोिताकं त्रि सरिार में समाज िे कवकवि समहू ों और मतों िो उकचत सम्मान कदया जाता है ।
जन नीकतयों िे कनमारण में हर नागररि िी आवाज सनु ी जाती है । इसकलए लोितंत्र में यह जरूरी हो जाता है कि
राजनैकति सत्ता िा बाँटवारा अकिि से अकिि नागररिों िे बीच हो ।

❇️ सत्ता की साझेदारी के जिजभन्न रूप :-


🔶 सत्ता का उध्र्ध्िाधर जििरण :-

🔹 सरिार िे कवकभन्न स्तरों में मध्य सत्ता िा कवतरण

• िे न्र्द्ीय सरिार
• राज्य सरिार
• स्थानीय कनिाय
🔶 सत्ता का क्षैजिि जििरण :-

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🔹 सरिार िे कवकभन्न अंगों िे मध्य सत्ता िा कवतरण

• कविाकयिा ,
• िायरपाकलिा ,
• न्यायपाकलिा
🔶 कवकभन्न सामाजिक समहू ों , मसलन , भाषायी और धाजमकक समहू ों के बीच सत्ता का जििरण । जैसे
:- बेकल्जयम में सामदु ाकयि सरिार

🔶 कवकभन्न सामाजिक समूहों , दबाि समूहों एिां रािनीजिक दलों के म्य सत्ता का जििरण ।

❇️ क्षैजिि जििरण :-
🔶 जिद्याजपका :-

• ( िाननू िा ( कनमारण )
• ( लोिसभा राज्य सभा , राष्ट्रपकत )
🔶 कायकपाजलका :-

• ( िाननू िा कियान्वयन )
• ( प्रिानमंत्री एवं मंकत्रपररषद तथा नौिरशाह )
🔶 न्यायपाजलका :-

• ( िाननू िी व्याख्या )
• ( सवोच्च न्यायालय मख्ु य न्यायलय तथा अन्य कजला व सत्र न्यायलय )
❇️ उ्िाकधर जििरण :-

• िें र्द्ीय सरिार ( देश िे कलए )


• राज्य / प्रांतीय सरिार ( राज्यों िे कलए )
• स्थानीय स्वशासन ( ग्राम पंचायत , ब्लॉि सकमकत , कजला पररषद )
❇️ सत्ता के ऊ्िाकधर जििरण और क्षैजिि जििरण में अांिर :-
🔶 उ्िाकधर जििरण :-

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• इसिे अतं गरत सरिार िे कवकभन्न स्तरों ( िे न्र्द् , राज्य , स्थानीय सरिार ) में सत्ता िा बाँटवारा होता
है ।
• इसमें उच्चतर तथा कनम्नतर स्तर िी सरिारें होती हैं ।
• इसमें कनम्नतर अंग उच्चतर अंग िे अिीन िाम िरते हैं ।
🔶 क्षैजिि जििरण :-

• इसिे अंतगरत सरिार िे कवकभन्न अंगों ( कविाकयिा , िायर पाकलिा , न्यायपाकलिा ) िे बीच सत्ता
िा बाँटवारा होता है ।
• इसमें सरिार िे कवकभन्न अंग एि ही स्तर पर रहिर अपनी शकि िा उपयोग िरते हैं ।
• इसमें प्रत्येि अंग एि दसू रे पर कनयंत्रण रखता है ।

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