जब सिनेमा ने बोलना सीखा

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जब सिनेमा ने बोलना सीखा प्रश्न-अभ्यास (महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर )

प्रश्न-1 जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन-से वाक्य छापे गए? उस फिल्म में कितने
चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- देश की पहली बोलती फिल्म के विज्ञापन के लिए छापे गए वाक्य इस प्रकार थे- ‘वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत-
प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मर्दा
ु इसं ान ज़िंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो।’

पाठ के आधार पर आलम आरा में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे। परन्तु इसमें कुछ मख्ु य कलाकार नायिका जबु ैदा नायक विट्ठल
सोहरा मोदी, पृथ्वीराज कपरू , याकूब और जगदीश सेठी जैसे लोग भी मौजदू थे।

प्रश्न-2 पहला बोलता सिनेमा बनाने के लिए फिल्मकार अर्देशिर एम ईरानी को प्रेरणा कहाँ से मिली? उन्होंने आलम
आरा फिल्म के लिए आधार कहाँ से लिया विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर- फिल्मकार अर्देशिर एम ईरानी ने 1929 में हॉलीवडु की एक बोलती फिल्म ‘शो बोट’ देखी और तभी उनके मन में
बोलती फिल्म बनाने की इच्छा जगी। उन्होंने पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक को फिल्म ‘आलम आरा’ के लिए आधार
बनाकर अपनी फिल्म की पटकथा बनाई।

प्रश्न-3 विट्ठल का चयन आलम आरा फिल्म के नायक के रूप हुआ लेकिन उन्हें हटाया क्यों गया? विट्ठल ने पुनः
नायक होने के लिए क्या किया? विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- उर्दू ठीक से न बोलने के कारण विट्ठल को फ़िल्म आलम आरा के नायक के पद से हटा दिया गया। पनु ः अपना हक पाने के
लिए उन्होंने मकु दमा कर दिया। विट्ठल मक
ु दमा जीत गए और भारत की पहली बोलती फिल्म के नायक बनें।

प्रश्न-4 पहली सवाक्‌ फिल्म के निर्माता-निदेशक अर्देशिर को जब सम्मानित किया गया तब सम्मानकर्ताओ ं ने उनके
लिए क्या कहा था? अर्देशिर ने क्या कहा? और इस प्रसंग में लेखक ने क्या टिप्पणी की है? लिखिए।

उत्तर- पहली सवाक्‌ फिल्म के निर्माता-निर्देशक अर्देशिर को प्रदर्शन के पच्चीस वर्ष परू े होने पर सम्मानित किया गया और उन्हें
“भारतीय सवाक्‌ फिल्मों का पिता” कहा गया तो उन्होंने उस मौके पर कहा था- “मझु े इतना बड़ा खिताब देने की जरूरत नहीं है।
मैंने तो देश के लिए अपने हिस्से का जरूरी योगदान दिया है।” वे विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। उनसे एक नया यगु शरू ु हो गया।

Question 1.
‘आलम आरा’ फ़िल्म के पहले पार्श्वगायक थे?
(a) डब्ल्यू एम० खान
(b) आर्देशिर
(c) एम० एच० खान
(d) एम० एन० खान

Answer: (a) डब्ल्यू एम० खान


Question 2.
नायक के रूप में सबसे पहले किसका चयन हुआ था?
(a) विट्ठल
(b) मेहबबू
(c) जबु ैदा
(d) याकूब

Answer: (a) विट्ठल

Question 3.
इनमें से कौन नायक और स्टंटमैन दोनों था?
(a) याकूब
(b) विट्ठल
(c) सोहराब मोदी
(d) मेहबबू

Answer: (a) याकूब

Question 4.
सवाक् फ़िल्मों के यगु में किस भाषा का महत्त्व बढ़ा?
(a) हिदं ी
(b) अंग्रेजी
(c) तमिल
(d) उूर्द

Answer: (a) हिदं ी और (d) उूर्द

(1)

पहली बोलती फिल्म जिस साल प्रदर्शित हुई, उसी साल कई मक ू फ़िल्में भी विभिन्न भाषाओ ं में बनीं। मगर बोलती फ़िल्मों का नया दौर शरू
ु हो
गया था।
पहली बोलती फ़िल्म आलम आरा बनानेवाले फ़िल्मकार थे, अर्देशिर एम० ईरानी। अर्देशिर ने 1929 में हॉलीवडु की एक बोलती फ़िल्म ‘शो
बोट’ देखी और उनके मन में बोलती फ़िल्म बनाने की इच्छा जगी। पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक को आधार बनाकर उन्होंने अपनी
फ़िल्म की पटकथा बनाई। इस नाटक के कई गाने ज्यों के त्यों फ़िल्म में ले लिए गए। एक इटं रव्यू में अर्देशिर ने उस वक्त कहा था-‘हमारे पास कोई
संवाद लेखक नहीं था, गीतकार नहीं था, सगं ीतकार नहीं था।’ इन सबकी शरुु आत होनी थी। अर्देशिर ने फ़िल्म के गानों के लिए स्वयं की धनु ें
चनु ीं। फ़िल्म के संगीत में महज तीन वाद्य-तबला, हारमोनियम और वायलिन का इस्तेमाल किया गया। आलम आरा में संगीतकार या गीतकार में
स्वतंत्र रूप से किसी का नाम नहीं डाला गया। इस फ़िल्म में पहले पार्श्वगायक बने डब्ल्यू एम. खान। पहला गाना था-‘दे दे खदु ा के नाम पर प्यारे ,
अगर देने की ताकत है।’

Question 1.
पहली बोलती फ़िल्म के निर्माता कौन थे?
(a) दादा साहब फालके
(b) अर्देशिर एम० ईरानी
(c) आलम आरा
(d) राजकपरू

Answer: (c) आलम आरा

Question 2.
शो वोट क्या थी?
(a) एक बोलती फ़िल्म
(b) हॉलीवडु की फ़िल्म
(c) अर्देशिर द्वारा देखी फ़िल्म
(d) ये सभी बातें

Answer: (d) ये सभी बातें

Question 3.
इस गद्याशं में किस रंगमचं का उल्लेख हुआ है?
(a) मराठी
(b) फ़ारसी
(c) हिदं ी
(d) विदेशी

Answer: (b) फ़ारसी

Question 4.
उस समय अर्देशिर के पास क्या नहीं था?
(a) सवं ाद-लेखक
(b) निर्देशक
(c) सगं ीतकार
(d) फ़िल्मकार

Answer: (a) संवाद-लेखक

Question 5.
‘आलम आरा’ फ़िल्म के पहले पार्श्वगायक थे?
(a) डब्ल्यू एम० खान
(b) आर्देशिर
(c) एम० एच० खान
(d) एम० एन० खान

Answer: (a) डब्ल्यू एम० खान


(2)

पहले उनका बतौर नायक चयन किया गया मगर इसी कमी के कारण उन्हें हटाकर उनकी जगह मेहबबू को नायक बना दिया गया। विट्ठल नाराज हो
गए और अपना हक पाने के लिए उन्होंने मक ु दमा कर दिया।
उस दौर में उनका मक ु दमा मोहम्मद अली जिन्ना ने लड़ा जो तब के मशहूर वकील हुआ करते थे। विट्ठल मक ु दमा जीते और भारत की पहली
बोलती फ़िल्म के नायक बने। उनकी कामयाबी आगे भी जारी रही। मराठी और हिदं ी फ़िल्मों में वे लंबे समय तक नायक और स्टंटमैन के रूप में
सक्रिय रहे। इसके अलावा ‘आलम आरा’ में सोहराब मोदी, पृथ्वीराज कपरू , याकूब और जगदीश सेठी जैसे अभिनेता भी मौजदू रहे आगे चलकर
जो फिल्मोद्योग के प्रमख
ु स्तभं बने।
यह फिल्म 14 मार्च 1931 को मबंु ई के ‘मैजेस्टिक’ सिनेमा में प्रदर्शित हुई। फ़िल्म 8 सप्ताह तक ‘हाउसफुल’ चली और भीड़ इतनी उमड़ती
थी कि पलि
ु स के लिए नियत्रं ण करना मश्कि
ु ल हो जाया करता था।

Question 1.
नायक के रूप में सबसे पहले किसका चयन हुआ था?
(a) विट्ठल
(b) मेहबबू
(c) जबु ैदा
(d) याकूब

Answer: (a) विट्ठल

Question 2.
मोहम्मद अली जिन्ना कौन था?
(a) पहलवान
(b) संगीतकार
(c) वकील
(d) नायक

Answer: (c) वकील

Question 3.
मोहम्मद अली जिन्ना ने किसका के स लड़ा था?
(a) विट्ठल का
(b) मेहबबू का
(c) सोहराब मोदी
(d) इनमें कोई नहीं

Answer: (a) विट्ठल का

Question 4.
इनमें से कौन नायक और स्टंटमैन दोनों था?
(a) याकूब
(b) विट्ठल
(c) सोहराब मोदी
(d) मेहबबू

Answer: (a) याकूब

Question 5.
फ़िल्मोद्योग का उचित संधि-विच्छे द है
(a) फ़िल्मो + द्योग
(b) फ़िल्म + द्योग
(c) फ़िल्मो + उद्योग
(d) फ़िल्म + उद्योग

Answer: (b) फ़िल्म + द्योग

(3)

सवाक् सिनेमा के नए दौर की शरुु आत करानेवाले निर्माता-निर्देशक अर्देशिर इतने विनम्र थे कि जब 1956 में ‘आलम आरा’ के प्रदर्शन के
पच्चीस वर्ष परू े होने पर उन्हें सम्मानित किया गया और उन्हें ‘भारतीय सवाक् फिल्मों का पिता’ कहा गया तो उन्होंने उस मौके पर कहा था,
“मझु े इतना बड़ा खिताब देने की ज़रूरत नहीं है। मैंने तो देश के लिए अपने हिस्से का ज़रूरी योगदान दिया है।” जब पहली बार सिनेमा ने बोलना
सीख लिया, सिनेमा में काम करने के लिए पढ़े-लिखे अभिनेता-अभिनेत्रियों की ज़रूरत भी शरू ु हुई क्योंकि अब सवं ाद भी बोलने थे, सिर्फ़
अभिनय से काम नहीं चलनेवाला था। मक ू फ़िल्मों के दौर में तो पहलवान जैसे शरीरवाले, स्टंट करनेवाले और उछल-कूद करनेवाले अभिनेताओ ं
से काम चल जाया करता था।

Question 1.
सवाक् फ़िल्म की शरुु आत करने वाले पहले निर्माता-निर्देशक कौन थे?
(a) विट्ठल
(b) सोहराब मोदी
(c) अर्देशिर एम० ईरानी
(d) पृथ्वी राज कपरू

Answer: (c) अर्देशिर एम० ईरानी

Question 2.
नए दौर की शरुु आत करने वाले ने कौन-सी फ़िल्म बनाकर इस यगु की शरुु आत की?
(a) आलमसारा
(b) आलम आरा
(c) जहाँ मारा
(d) सारा जहाँ आरा

Answer: (b) आलम आरा


Question 3.
सवाक फ़िल्मों में कै से कलाकारों की आवश्यकता थी?
(a) संदु र
(b) पढ़े लिखे
(c) बलिष्ठ
(d) अनपढ़

Answer: (b) पढ़े लिखे

Question 4.
सवाक फ़िल्म में कलाकारों को अभिनय के अलावा और कौन-सा काम करना पड़ता था?
(a) नृत्य
(b) वादन
(c) सवं ाद बोलना
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer: (c) संवाद बोलना

Question 5.
सवाक् फ़िल्मों के यगु में किस भाषा का महत्त्व बढ़ा?
(a) हिदं ी
(b) अंग्रज़े ी
(c) तमिल
(d) उूर्द

Answer: (a) हिदं ी और (d) उूर्द

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