Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 5

दसवां ूवचन

यान: यास का अनुसरण

मेरे ूय आ मन ्!
थोड़े से सवाल।

एक िमऽ ने पूछा है क जस ूभु का हम पता नह ं, उसका नाम लेकर संक प कैसे कर?

ूभु का तो पता नह ं है । ले कन सच ह ूभु का पता नह ं है ? य क जब भी हम ूभु से कोई ूितमा--


कोई राम, कोई कृ ंण, कोई बु का खयाल ले लेते ह, तभी क ठनाई हो जाती है । मेरे िलए ूभु का
अथ समम अ ःत व है , टोटल ए झःटस है ।
ये हवाएं बहती ह, इनका पता नह ं है ? यह आकाश है , इसका पता नह ं है ? यह जमीन है , इसका पता
नह ं है ? आप ह, इसका पता नह ं है ? होने का पता नह ं है ? यह जो होने क सममता है , यह जो बड़ा
सागर है अ ःत व का, इस पूरे सागर का नाम परमा मा है ।
तो जब आप परमा मा का नाम ले रहे ह, तो कसी परमा मा का नाम नह ं ले रहे ह-- हं दओं ु के या
मुसलमान के या ईसाइय के। आप इस समम अ ःत व को सा ी रख कर संक प कर रहे ह।

उन िमऽ ने यह भी पूछा है क बना सा ी रखे भी संक प हो सकता है !

कर। अगर हो सकता होता तो हो गया होता। ज र कर, हो सके तो बहत ु अ छा। ले कन न हो सके तो
फर? न हो सके तो सा ी रख कर भी करके दे ख ल। हो जाए तो बहत ु अ छा।
ले कन आप एक लहर से यादा नह ं ह। लहर या संक प करे गी? कर भी न पाएगी और िमट जाएगी।
जब लहर बन रह है , तब िमट ह रह है । जब हम उसे उठता दे ख रहे ह, तब उसने िगरना शु कर
दया है । लहर या संक प करे गी? लहर का संक प अहं कार से यादा नह ं हो सकता है । और अहं कार
एक बड़ झूठ है । ले कन सागर के साथ लहर अपने को एक समझे तो संक प हो सकता है । लहर नह ं
रहे गी, तब भी संक प रहे गा। लहर नह ं थी, तब भी संक प था। और लहर जब सागर को सामने रख
कर संक प करती है , तो सागर क पूर श उसे उपल ध हो जाती है । और जब लहर अपने को समझ
लेती है क म ह काफ हंू और सागर से या लेना-दे ना! तब लहर अपने हाथ से िनव य, नपुंसक हो
जाती है , सब खो दे ती है ।
करके दे ख। य क है िसयत से आपके संक प क बहत ु क मत नह ं हो सकती। य क य क
है िसयत से आप ह कहां ह! बनती और िमटती लहर से यादा नह ं ह। इसिलए सागर को ःमरण करना
उिचत है । और सागर चार तरफ है । अगर म कहता क कोई ूितमा वाला परमा मा, तो सवाल था यह।
हवाओं म, ये तार म, चांद ार म, आस-पास बैठे लोग म, आप म, सबके भीतर जो वःतार है
अ ःत व का, उसका नाम ह परमा मा है ।
अंधेरे म छलांग है । ले कन जसे हम जंदगी कहते ह, जसे हम जानी-मानी जंदगी कहते ह, वह भी
अंधेरे से या कुछ कम है ? अ ात, अननोन म उतरना है । अगर परमा मा ात ह हो, तो फर जानने
को और या शेष रह जाता है ? नह ं है ात। टटोलते ह, खोजते ह, पुकारते ह।
एक बात प क ात है , सरोवर का तो कोई पता नह ं है , ले कन यास का पता है । यास है म ःथल,
तो भी यास है । और यास कहती है क बुझने का भी कोई उपाय होगा। परमा मा का पता नह ं है ,
ले कन परमा मा क खोज क यास है , स य क खोज क यास है । परमा मा श द से कोई ूयोजन
नह ं; स य कह, जीवन कह, अ ःत व कह, जो भी नाम आपको पसंद हो, दे ल। नाम आपक मज ।
नाम से कुछ फक न पड़े गा। ले कन या है जीवन, उसक खोज क यास है । उस यास का पता है , तो
काफ है । बस उसी यास से संक प को उठने द और समम के ूित सम पत हो जाने द। जैसे ह कोई
य समम को साथ लेकर संक प करता है , उसके संक प क श अनंत गुना हो जाती है । य क
वह अनंत को सा ी बनाता है । अनंत को ःमरण करता है । अनंत के साथ अपने को जुड़ा हआ ु अनुभव
करता है ।
यह मनुंय जब से सोचने लगा है , म काफ हंू , तभी से कमजोर, द न-ह न हो गया है । और जो मनुंय
भी सोचेगा क म काफ हंू , वह अ यंत द रि रह जाएगा। कोई काफ नह ं है । अनंत के िमलने के पूव
सब कुछ ना-काफ है । जब तक क सब ह के साथ िमलन न हो जाए तब तक संतु नह ं हो सकती।

कहा है क आपका सुझाव मान कर क ं गा संक प तो अनुकरण हो जाएगा। और अनुकरण तो ठ क नह ं


है ।

आप यहां आए य ? अनुकरण हो चुका है । मुझे सुनगे, वह भी अनुकरण हो जाएगा। मेर बात समझगे,
वह भी अनुकरण हो जाएगा।
नह ं, अनुकरण का यह मतलब नह ं होता। कसी दसरे
ू जैसे बनने क पागल अंधी कोिशश का नाम
अनुकरण है । समझ का नाम अनुकरण नह ं है । और जब म आपसे कह रहा हंू क संक प कर, तो आप
अपनी समझ से। न कर तो बाहर, पीछे खड़े हो जाएं, दे खने वाल म स मिलत हो जाएं, करने वाल
से हट जाएं। समझ ल क संक प का मू य या है , अथ या है , ूयोजन या है । या होगा, इसे
समझ ल। यास हो तो कर। अनुकरण मेरा नह ं है , आप अपनी यास का अनुकरण करते हए ु यहां आए
ह। और अगर यहां नह ं िमलेगा तो कह ं और जाएंगे, वहां नह ं िमलेगा तो कह ं और जाएंगे, इस ज म
म नह ं िमलेगा तो कसी और ज म म खोजगे। आप अपनी यास का अनुकरण कर रहे ह। अगर इतने
कुओं पर भटके ह, तो अपनी यास के कारण, कसी कुएं के कारण नह ं। और अगर इतने नद के तट
खोजे ह, तो अपनी यास के कारण, कसी नद के िलए नह ं।
आप मेरे िलए नह ं आए ह, अपनी यास से आए ह। अपनी ह यास का अनुसरण कर। मेरे अनुकरण
क कोई भी ज रत नह ं है । और जब म सुझाव दे रहा हंू , तो म सुझाव, आप एक ूयोग करने म
समथ हो जाएं, इसिलए दे रहा हंू । अगर आप अपने से ह समथ ह, तो सुझाव क कोई ज रत नह ं है ।
ले कन नह ं ह समथ। इसिलए सुझाव का ूयोग करके दे ख ल। फर तो कल से सुबह से आप बलकुल
मु ह गे। म सुझाव दे ने को वहां नह ं रहंू गा, फर आप करना। अभी यह सोच कर मत क जाना क
कह ं अनुकरण न हो जाए, नह ं तो कल फर यह परे शानी होगी क अब अनुकरण कैसे कर। अभी ताकत
लगा ल। एक ूयोग करके दे ख ल। जब म कहता हंू , तो जो भी म कह रहा हंू वह कोई कागज म िलखी
हई
ु बात नह ं कह रहा हंू । जो भी म कह रहा हंू , वह जो म दे खता हंू , वह कह रहा हंू ।
हमारे पास एक श द है ौ ा। जस दन से ौ ा का अथ व ास हो गया, उस दन से ौ ा का श द
यथ हो गया। जस दन से हम ौ ा का अथ बलीफ करने लगे, उस दन से बड़ भूल हो गई। ौ ा
का मतलब व ास और बलीफ नह ं है । ौ ा का मतलब है शःट, भरोसा। और जब म कहता हंू क म
आंख क दे खी हई ु बात कह रहा हंू , तो थोड़ा सा भरोसा कर, दो कदम मेरे साथ चल कर भी दे ख ल।
हां, अगर म यह कहंू क आप जहां बैठे ह वह ं बैठे रह, बाहर सूरज है , ले कन यह ं बैठे हए ु व ास
कर ल, तो व ास बलीफ बन जाएगा।
म आपसे कह रहा हंू क बाहर सूरज है , मने दे खा है , आप मेरे साथ चल और दे ख ल। अगर सूरज िमले
तो ठ क, न िमले तो कहना झूठ है ।
ले कन आप कहते ह: नह ं, हम आपक बात का सुझाव मान कर बाहर नह ं जा सकते। और भीतर तो
आप ह ह , वहां सूरज नह ं दखाई पड़ रहा है । बाहर जाना पड़े गा। आपक यास सूरज क तलाश म
काम करे गी। और उन लोग क खबर भी काम करगी, जो कहगे क उ ह ने दे खा है ।
म आपसे इतना ह कह रहा हंू क मने जो दे खा है , उसका राःता है , और उस राःते पर दो कदम मेरे
साथ चल कर दे ख ल। अगर म कहंू क आंख बंद करके मेर बात मान ल, तो गलत है । अगर म कहंू
क आंख खोल कर मेरे साथ चल ल और दे ख ल, तो वै ािनक भी या कर सकता है और इससे यादा।
अगर वह कहता है , हाइसोजन और आ सीजन िमल कर पानी बन जाते ह। आप कहगे, हम आपका
अनुकरण नह ं करते, हम हाइसोजन-आ सीजन िमला कर ह नह ं दे खगे। य क हम अनुकरण नह ं कर
सकते ह। तो वै ािनक भी या करे गा! आप कहगे, हम व ास नह ं कर सकते; हम ौ ा नह ं कर
सकते। वै ािनक कहता है , ौ ा करने को हम कह नह ं रहे । व ान म एक श द है हाइपोथीिसस, वह
ौ ा के कर ब-कर ब है । ौ ा हाइपोथे टकल शःट है । वै ािनक कहता है , हाइपोथे टकली मान ल क
हाइसोजन और आ सीजन िमल कर पानी बनते ह। मने बना कर दे खे ह। आप भी आ जाएं ूयोगशाला
म, िमला कर दे ख ल। बन जाए पानी तो मान लेना; न बने तो चले जाना, कहना क गलत थी बात।
म भी िसफ एक वै ािनक हाइपोथे टकल शःट के िलए आपसे कहता हंू , उससे यादा नह ं। ले कन हमारे
अहं कार को दो कदम भी कसी के साथ चलने म क होता है । वह क इिमटे शन का नह ं है । य क
कपड़े आप दसर ू के दे ख कर पहने हएु ह। आपने अपने कपड़े ईजाद कए ह? बटन आपने कहां लगाई हई ु
है ? वह ं जहां दसरे
ू लगाए हएु ह। पट आपने कैसा पहना हआ ु है ? वैसा ह जैसा दसरे
ू पहने हए ु ह।
पढ़ाई-िलखाई आपने या क है ? वह जो दसर ू ने क है । घर कैसा बनाया है ? वह जो दसर
ू ने बनाया
है । फ म कौन सी दे खते ह? वह जो दसरे ू दे खते ह। कताब कौन सी पढ़ते ह? वह जो दसरे ू पढ़ते ह।
आप कर या रहे ह?
पूर जंदगी इिमटे शन है ! िसफ परमा मा के मामले म इिमटे शन बाधा बन जाता है । पूर जंदगी वह कर
रहे ह जो दसरे
ू कर रहे ह। कौन सा काम है जो आप कर रहे ह--यूनीक, इं ड वजुअल? ऐसा कौन सा
काम है जसम आप ह? कुछ भी नह ं है ! ले कन परमा मा क बात उठती है तो सवाल उठता है --
इिमटे शन? नह ं, वह हम न करगे।
मत कर! म नह ं कहता क कर। इतना ह कहता हंू , सोच-समझ ल क आप या कह रहे ह और
इसका या प रणाम हो सकता है ।
अनुकरण है भी नह ं, भरोसा है । मेर आंख म दे ख, थोड़ा सा खयाल कर, जो म कह रहा हंू , दो कदम
चल कर मेरे साथ दे ख ल। न हो तो कह दे ना गलत कहा था; हो तो म आपसे यह भी न कहंू गा क मुझे
ध यवाद दे जाएं, उसक भी कोई ज रत नह ं है । ले कन दो कदम चल कर दे ख ल।

एक दसरे
ू िमऽ ने पूछा है क कल से तो आपक फ जकल ूेजस, शार रक मौजूदगी नह ं होगी, तो हम
या करगे?

न, मेरे ऊपर िनभर नह ं हो जाना है । चार दन तो हमने एक ूयोग कया। अगर आपको ूयोग समझ
म पड़ गया है , तो मेरे बना भी आप कर सकगे। और अगर समझ म नह ं पड़ा है , तो मेरे साथ भी
आप नह ं कर सके। म बलकुल ह बेमानी हंू । मेरे ऊपर िनभर नह ं हो जाना है । कल से आप सुबह अपना
ूयोग शु कर।
अगर यहां हो गया है , तो वहां भी हो जाएगा। जरा भी इसक िचंता न ल। आपने कया है , मेर
मौजूदगी यादा से यादा आपके िलए एक चुनौती थी। यादा से यादा एक पुकार, एक आ ान। यादा
से यादा एक ध का। ले कन अगर आपने जरा सा भी अनुभव कया है , तो वह अनुभव आपक संप
हो गई है । आप उसे कल से फर- फर खोज पाएंगे। वह अनुभव रोज बढ़ता चला जाएगा। उसम मेरे ऊपर
िनभर होने क कोई भी ज रत नह ं है ।
आ खर दन है , इसिलए दो-चार बात आपसे कह दं , ू जो क शायद कल से आपके िलए ज रत क
ह गी। एक तो यान के िलए सात य अ यंत अिनवाय है , कं ट युट । जतना गहरा सात य होगा, उतने
ह अनुभव क ूगाढ़ता होगी। अ सर ऐसा हो जाता है क दो दन कया, एक दन नह ं कया, तो आप
फर उसी जगह खड़े हो जाते ह, जहां आप दो दन करने के पहले थे। कम से कम तीन मह ने के िलए
तो एकदम सात य चा हए। जैसे हम कुआं खोदते ह, एक ह जगह खोदते चले जाते ह। आज एक जगह
खोद, फर दो दन बंद रख, फर दसरे ू दन दसरू जगह खोद, फर चार दन बंद रख, फर कह ं
खोद। वह कुआं कभी बनेगा नह ं। वह बनेगा नह ं।
जलालु न मी एक दन अपने व ािथय को लेकर जो यान सीख रहे थे, सूफ फक र था, एक खेत
म गया। और उन व ािथय से कहा, जरा खेत को गौर से दे खो! वहां आठ बड़े -बड़े ग ढे थे। उन
व ािथय ने कहा, पूरा खेत खराब हो गया। यह मामला या है ? मी ने कहा, खेत के मािलक से
पूछो। उस मािलक ने कहा क म कुआं खोद रहा हंू । पर उ ह ने कहा क तुमने आठ ग ढे खोदे , अगर
तुम एक ह जगह इतनी ताकत लगा दे ते आठ ग ढ क , तो न मालूम कतने गहरे कुएं म पहंु च जाते।
तुम यह कर या रहे हो?
उसने कहा क कभी काम पछड़ जाता है , बंद हो जाता है । फर म सोचता हंू , पता नह ं उस जगह पानी
हो या न। फर दसर ू जगह शु करता हंू । वहां भी नह ं िमलता, फर तीसर जगह शु करता हंू , फर
चौथी जगह। आठ ग ढे तो खोद चुका, ले कन कुआं अब तक नह ं खुदा है ।
मी ने कहा क दे खो, तुम भी अपने यान म कुआं खोदते व खयाल रखना। यह कसान बड़ा क मती
है । तुम भी ऐसी भूल मत कर लेना। इसने यादा नुकसान नह ं उठाया, केवल खेत खराब हआ। ु तुम
यादा नुकसान उठा सकते हो, पूरा जीवन खराब हो सकता है ।
अ सर ऐसा होता है , अ सर ऐसा होता है , आप म से कई ने न मालूम कतनी बार यान शु कया
होगा, फर छोड़ दया। फर शु करगे, फर छोड़ दगे।
नह ं; कम से कम तीन मह ना बलकुल सतत। और तीन मह ना य कहता हंू ? या इसिलए क तीन
मह न म सब कुछ हो जाएगा?
ज र नह ं है ! ले कन एक बात प क है क तीन मह ने म इतना रस ज र आ जाएगा क फर एक भी
दन बंद करना असंभव है । तीन मह ने म हो भी सकती है घटना। नह ं होगी, ऐसा भी नह ं कहता हंू ।
तीन दन म भी हो सकती है , तीन घंट म भी, तीन ण म भी हो सकती है । आप पर िनभर करता है
क कतनी ूगाढ़ता से आपने छलांग मार । ले कन तीन मह ना इसिलए कहता हंू क मनुंय के मन क
कोई भी गहर पकड़ बनने के िलए तीन मह ना ज र सीमा है ।
आपको शायद पता न हो, अगर आप नये घर म रहने जाएं तो कम से कम तीन स ाह लगते ह आपको
इस बात को भूलने म क वह नया घर है । वै ािनक बहत ु ूयोग कए ह, तब वे कहते ह क इ क स
दन कम से कम लग जाते ह, पुरानी चीज बनाने म नई चीज को। नये मकान म आप सोते ह पहले
दन तो नींद ठ क से नह ं आती। वै ािनक कहते ह क नींद क नामल ःथित लौटने म कम से कम
इ क स दन, तीन स ाह लग जाते ह।
जब एक मकान बदलने म तीन स ाह लग जाते ह , तो िच बदलने म तीन मह ने को बहत ु यादा तो
नह ं क हएगा न! तीन मह ने बहत ु यादा नह ं ह। बहतु थोड़ सी बात है । तीन मह ने सतत, इसका
संक प लेकर जाएं क तीन मह ने सतत करगे।
नह ं ले कन बड़ा मजा है ! कोई कहता है क नह ं, आज थोड़ा ज र काम आ गया। कोई कहता है ,
आज कसी िमऽ को छोड़ने एयरपोट जाना है । कोई कहता है , आज ःटे शन जाना है । कोई कहता है ,
आज मुकदमा आ गया।
ले कन न तो आप खाना छोड़ते ह, न आप नींद छोड़ते ह, न आप अखबार पढ़ना छोड़ते ह, न आप
िसनेमा दे खना छोड़ते ह, न िसगरे ट पीना छोड़ते ह। जब छोड़ना होता है तो सबसे पहले यान छोड़ते ह,
तो बड़ है रानी होती है । य क और भी चीज छोड़ने क ह आपके पास। और भी चीज छोड़ने क ह,
उनम से कभी नह ं छोड़ते। तो ऐसा लगता है क जंदगी म यह यान और परमा मा, हमार जो
फेह रःत है जंदगी क , उसम आ खर आइटम है । जब भी ज रत पड़ती है , पहले इस बेकार को अलग
कर दे ते ह, बाक सब को जार रहने दे ते ह।
नह ं; यान केवल उ ह ं का सफल होगा, जनक जंदगी क फेह रःत पर यान नंबर एक बन जाता है ।
अ यथा सफल नह ं हो सकता है । सब छोड़ द, यान मत छोड़। एक दन खाना न खाएं, चलेगा; थोड़ा
लाभ ह होगा, नुकसान नह ं होगा। य क िच क सक कहते ह क स ाह म एक दन खाना न खाएं तो
लाभ होगा। एक दन दो घंटे न सोएं तो बहत ु फक नह ं पड़े गा। कॄ म सोने के िलए बहत ु घंटे िमलने
वाले ह।
और कतना सोते ह, कुछ थोड़ा सोते ह! एक आदमी साठ साल जीता है , तो बीस साल सोता है । आठ
घंटे के हसाब से अगर िगनती कर ल, तो बीस साल सोता है । अगर सारा हसाब लगाया जाए साठ साल
जीने वाले आदमी का, तो बहत ु मु ँकल होती है यह जान कर क वह जीता कब है । बीस साल सोने म
गंवाता है , कुछ साल खाने म गंवाता है , कुछ साल िसगरे ट पीने म, िसनेमा दे खने म, अखबार पढ़ने म
गंवाता है , कुछ साल मौसम अ छा है क नह ं है अ छा, इसक बकवास म गंवाता है । न मालूम या-
या करने म गंवा दे ता है । और आ खर म हाथ म पूंजी या होती है ? मरते व हाथ बलकुल खाली
होते ह। ब चे के हाथ से भी यादा खाली होते ह।
कभी खयाल कया क ब चे मु ठ बांधे पैदा होते ह और बूढ़े मु ठ खोल कर मरते ह। ब चे पोटिशयली
मु ठ बांध कर आते ह, अभी बड़ आशाएं ह, अभी मु ठ बंधी है । बूढ़ क सब आशाएं भी ख म हो
जाती ह। सब चुक गया, हाथ खुल जाता है ।
सात य, एक बात आपसे कहना चाहंू गा, उसका संक प लेकर जाएं क तीन मह ने सतत। दसर ू बात
यान म रखना है : अनूठे-अनूठे अनुभव ह गे, ऐसे जो आपने कभी नह ं जाने, तो घबड़ा मत जाना।
कभी-कभी तो नया सुख भी घबड़ा दे ता है । एकदम से आनंद क वषा हो जाए तो भी ूाण कंप जाते ह।
नये को पकड़ पाने म व लग जाता है । नये को समझ पाने म समय लगता है । और नया स ले ले
हमारे भीतर, जड़ फैला ले, इसम भी बहत ु दे र लगती है । तो कभी अचानक इतना ए सटे टक हो
जाएगा, इतना हष माद हो जाएगा, इतनी खुशी भर जाएगी क पैर जमीन पर न पड़गे। तो घबड़ा मत
जाना। अनूठे अनुभव म या- या हो सकता है उनक थोड़ सी बात आपसे कह दं ू तो आपके खयाल म
रह जाए।
कभी इतने ूकाश का अनुभव हो सकता है क ऐसा लगे क आंख अंधी तो न हो जाएंगी। तो घबड़ा मत
जाना। कभी इतने ूकाश का अनुभव हो सकता है यान म क एकाध-दो दन क नींद खो जाए। तो
घबड़ा मत जाना। कोई िचंता लेने क बात नह ं। कभी कसी ण म ऐसा लगता है क ास बंद हो गई
है । तो घबड़ा मत जाना। असल म, जब मन बलकुल शांत होता है , तो ास इतनी कर ब-कर ब धीमी
हो जाती है क बंद मालूम पड़ती है । बंद होती नह ं है । ले कन ऐसा मालूम पड़ता है बंद हो गई। तो घबड़ा
मत जाना। ऐसा होता है । और कोई खतरा नह ं है । कभी-कभी तो ऐसा भी लग सकता है क कोई ऐसी
घड़ आ रह है यान के भीतर क कह ं म मर तो न जाऊंगा। तो घबड़ा कर उठ मत आना। वह घड़
बड़ क मती है , उसे चूक मत जाना। उस घड़ के बाद ह यान समािध बनता है । जब यान म कभी
भीतर ऐसा लगता है क अब म मरा, मरा, मरा, ऐसा डब ू रहा हंू , िसं कंग का अनुभव होता है क
जैसे डब ू रहा हंू , और भीतर कह ं खो न जाऊं कसी ए बस म, कसी ख ड म, कसी खाई म, कोई
अंतह न वःतार म कह ं िगर न जाऊं। तो घबड़ा कर लौट मत आना। वह ण बड़ा क मती है । उसी क
हम मेहनत कर रहे ह। राजी हो जाना। परमा मा से कहना, तेर मज ! डबा ु दे , िमटा दे ।
और जैसे ह राजी ह गे वैसे ह पहली दफे पता चलेगा क यान समािध बन गया और आप मृ यु के
बाहर हो गए। मृ यु को जाने बना, मृ यु के बाहर कोई नह ं हो पाता है । यान म भी एक मृ यु घ टत
होगी और उसी दन यान समािध बन जाता है ।
ऐसा और कुछ भी घ टत हो, अलग-अलग लोग को अलग-अलग घटनाएं घटगी, तो िचंता नह ं लेने क
है । कोई िचंता का कारण नह ं है । यान से कभी कसी का कोई अ हत, कोई अमंगल नह ं हआ। ु और
यान के बाहर कसी का कभी कोई हत और मंगल नह ं हआ ु है , यह भी यान रखना।
अब हम, आ खर दन है , तो पूर श यान म लगानी है । कुछ िमऽ नये ह गे, तो म दो िमनट
उनको सूचना दे दं ।ू जो िमऽ दे खने को ह आ गए ह और करना न चाहते ह , वे िसफ मेरे सामने अथात
साधक के पीछे वाली पं म खड़े ह गे। और साधक से थोड़ दरू, और हम सहयोग दगे क उनके
कारण कोई बाधा न हो, बातचीत न हो।
जो िमऽ खड़े होकर करते रहे ह और जो िमऽ बैठते रहे ह अब तक, ले कन आज खड़े होकर करना चाहते
ह , वे मेरे पीछे और मेरे दोन ओर फैल जाएं। जो िमऽ बैठ कर करना चाहते ह , वे बैठ कर कर सकते
ह। ले कन यान रहे , जनके शर र म जोर से गित आती है , वे खड़े हो जाएं।
बातचीत न कर। चुपचाप। जनको दे खना है वे मेरे सामने क पं म चले जाएं, वह जगह दे खने वाल
के िलए छोड़ द है । बीच म कोई दे खने वाला न बैठा रहे , उसे नुकसान होगा और दसर ू को भी नुकसान
होगा, पीछे चले जाएं, दे खना है तो पीछे चले जाएं। खड़े होकर करना है तो मेरे पीछे और दोन तरफ
फैल जाएं।
दे र न कर और समय जाया न कर। दोन तरफ कोई दे खने वाला खड़ा न हो। और दे खने वाले िमऽ अपनी
जगह पर ह खड़े रह या बैठे रह, ले कन इधर-उधर न घूम और करने वाल को कसी तरह क बाधा न
पहंु चाएं। मजे से दे ख, ले कन चुपचाप दे खते रह, बातचीत भी न कर। जो लोग बैठे ह, उनको म कह दं ू
क उनको बैठे नह ं रह जाना है , ूयोग पूरा करना है । सुबह के ूयोग का ःमरण कर ल और सुबह शर र
म जो-जो हआ ु था, वह होना चाहे तो उसे होने द। िच लाना, रोना, डोलना, कंपना--शर र म जो भी
हो, बैठ कर भी होने द। बैठ कर भी यह िचंता न कर क उसे रोकना है । रोक मत। और आज आ खर
दन है , जो थोड़े से दस-पं रह ूितशत िमऽ खाली रह गए ह, म नह ं चाहंू गा क वे भी खाली जाएं, वे
भी अनुभव क एक करण लेकर ह जाएं। इसिलए आज पूर श लगा दे नी है ।
दो ीन बात और। चालीस िमनट का ूयोग है । मेर ओर टकटक लगा कर दे खना है । आंख झपकनी ह
नह ं है , पलक को बलकुल ह खुला रखना है । और शर र को जो कुछ होने लगे, होने दे ना है । जब
आपके भीतर क श जागने लगेगी, तो म हाथ से इशारा क ं गा, बोलूंगा नह ं, तब आप अपनी श
को पूरा बल दे द और पूर तरह श को काम करने द। जब मुझे लगेगा क ऊपर से परमा मा क श
भी आप म उतर सकती है , तो म ऊपर से नीचे क तरफ हाथ क ं गा। तब आपसे अगर चीख,
िच लाना, िगरना, नाचना जोर से होने लगे, तो उसे रोकना नह ं है , उसे पूर तरह होने दे ना है ।
परमा मा के हाथ म अपने को पूर तरह छोड़ दे ना है ।
अब दो िमनट के िलए आंख बंद करके, हाथ जोड़ कर संक प कर ल। फर हम ूयोग म ूवेश करगे।
आंख बंद कर ल, हाथ जोड़ ल।

(इसके बाद चालीस िमनट तक यान-ूयोग चलता रहा।)

You might also like