Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 4

|| श्री बााँकेबबहारी जी आरती||

https://pdffile.co.in/
श्री बााँकेबबहारी तेरी आरती गाऊाँ।
कुन्जबबहारी तेरी आरती गाऊाँ।
श्री श्यामसन् ु दर तेरी आरती गाऊाँ।

श्री बााँकेबबहारी तेरी आरती गाऊाँ॥

मोर मक ु ु ट प्रभु शीश पे सोहे ।


प्यारी बंशी मेरो मन मोहे ।
दे खि छवि बलिहारी जाऊाँ।

श्री बााँकेबबहारी तेरी आरती गाऊाँ॥

चरणों से ननकिी गंगा प्यारी।


जजसने सारी दनु नया तारी।
मैं उन चरणों के दशशन पाऊाँ।

श्री बााँकेबबहारी तेरी आरती गाऊाँ॥

दास अनाथ के नाथ आप हो।


दुःु ि सिु जीिन प्यारे साथ हो।
हरर चरणों में शीश निाऊाँ।

श्री बााँकेबबहारी तेरी आरती गाऊाँ॥

https://pdffile.co.in/
श्री हरर दास के प्यारे तम
ु हो।
मेरे मोहन जीिन धन हो।
दे खि यग ु ि छवि बलि-बलि जाऊाँ।

श्री बााँकेबबहारी तेरी आरती गाऊाँ॥

आरती गाऊाँ प्यारे तम ु को ररझाऊाँ।


हे गगररधर तेरी आरती गाऊाँ।
श्री श्यामसन्
ु दर तेरी आरती गाऊाँ।

श्री बााँकेबबहारी तेरी आरती गाऊाँ॥

https://pdffile.co.in/
Created by - https://pdffile.co.in/

You might also like