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E3356 July 2023
E3356 July 2023
1.4. िहु-राज्य सिकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 {Multi-State Co-operative Societies (Amendment) Bill,
2023} ..............................................................................................................................................................14
2. अंतरातष्ट्रीय संिध
ं (International Relations) 20
2.5. िहुपिीय विकास िैंकों को मजिूत करना {Strengthening Multilateral Development Banks (MDBs)} ................26
2.7. काला सागर अनाज समझौता (Black Sea Grain Deal) ....................................................................................30
3. अथतव्यिस्था (Economy) 37
3.1. राष्ट्रीय िहुआयामी वनधतनता सूचकांक {National Multidimensional Poverty Index (MPI)} ..................................37
3.2. िस्तु एिं सेिा कर (Goods and Services Tax: GST) ...................................................................................39
3.2.1. ऑनलाइन गेममंग (Online Gaming) ........................................................................................................41
3.4. जन विश्वास (प्रािधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 {Jan Vishwas (Amendment of Provisions) Bill, 2023} .......45
3.5. वगग श्रवमक और वगग अथतव्यिस्था (Gig Workers and Gig Economy)...............................................................47
3.8. खान और खवनज (विकास और विवनयमन) संशोधन विधेयक, 2023 {The Mines and Minerals (Development and
Regulation) Amendment Bill, 2023} ...............................................................................................................53
3.9. मिात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारं टी अवधवनयम, 2005 {Mahatma Gandhi National Rural Employment
Guarantee Act (MGNREGA), 2005} ..............................................................................................................55
3.10. प्रधान मंत्री ग्राम सडक योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana: PMGSY) ..........................................57
3.11. राष्ट्रीय कृ वष एिं ग्रामीण विकास िैंक (नािाडत) {National Bank for Agriculture and Rural Development:
NABARD} .......................................................................................................................................................59
4. सुरिा (Security) 76
5. पयातिरण (Environment) 79
5.1. जैि विविधता (संशोधन) विधेयक, 2023 {Biological Diversity (Amendment) Bill, 2023} ..................................79
5.2. पौधा क्रकस्म और कृ षक अवधकार संरिण (Protection of Plant Varieties and Farmers' Rights: PPV&FR) .........81
5.4. िन संरिण (संशोधन) विधेयक, 2023 {Forest Conservation (Amendment) Bill, 2023} ...................................85
5.5. ग्रेडेड रे स्पॉन्स एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan: GRAP) ............................................................88
5.8. ररसोसत एक्रफवशएंसी सकुत लर इकोनॉमी इं डस्ट्ी कोएवलशन (Resource Efficiency Circular Economy Industry
Coalition: RECEIC) ........................................................................................................................................93
5.9. पोत पररििन द्वारा िोने िाले ग्रीन िाउस गैसों के उत्सजतन में कमी लाने के वलए IMO रणनीवत 2023 (IMO Strategy On
Reduction of Greenhouse Emissions From Ships 2023) ..............................................................................94
6.1. विकास के वलए अवधकार-आधाररत दृविकोण (Right-Based Approach for Development) .................................106
6.3. विश्व खाद्य कायतिम (WFP) और िैवश्वक खाद्य संकट {World Food Programme (WFP) and Global Food Crisis}
.....................................................................................................................................................................110
6.5. स्कू ली वशिा प्रणाली के वलए प्रदशतन ग्रेमडंग इं डेक्स {Performance Grading Index (PGI) for School Education
System} ........................................................................................................................................................113
7.4. यू.एन. एड्स ग्लोिल एड्स अपडेट 2023 (UNAIDS Global AIDS Update 2023) .............................................125
8.2. श्री अल्लूरी सीताराम राजू (Shri Alluri Sitarama Raju) .................................................................................139
8.3. िैवस्टल डे और फ्ांसीसी िांवत (1789-1815) {Bastille Day and French Revolution (1789-1815)} ..................140
9.2. मानि पर वनयंवत्रत दशाओं में संिमण के अध्ययन (CHIS) से संिंवधत नैवतक आचरण {Ethical Conduct of Controlled
Human Infection Studies (CHIS)} ................................................................................................................146
10.1. प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन योजना {Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan (PM-SYM)} ....................149
नोट:
वप्रय अभ्यर्थतयों,
करें ट अफे यसत को पढ़ने के पश्चात् दी गयी जानकारी या सूचना को याद करना और लंिे समय तक स्मरण में रखना आर्टतकल्स को समझने
वजतना िी मित्िपूणत िै। मावसक समसामवयकी मैगज़ीन से अवधकतम लाभ प्राप्त करने के वलए, िमने वनम्नवलवखत नई विशेषताओं को
इसमें शावमल क्रकया िै:
विवभन्न अिधारणाओं और विषयों की आसानी से पिचान तथा उन्िें स्मरण में िनाए रखने के वलए मैगज़ीन में
िॉक्स, तावलकाओं आक्रद में विवभन्न रं गों का उपयोग क्रकया गया िै।
पढ़ी गई जानकारी का मूल्यांकन करने और उसे स्मरण में िनाए रखने के वलए प्रश्न एक मित्िपूणत उपकरण िैं। इसे
सिम करने के वलए िम प्रश्नों के अभ्यास िेतु मैगज़ीन में प्रत्येक खंड के अंत में एक स्माटत क्रिज़ को शावमल कर रिे िैं।
विषय को सुगमता पूिकत समझने और सूचनाओं को याद रखने के वलए विवभन्न प्रकार के इन्फोग्राक्रफक्स को भी जोडा
गया िै। इससे उिर लेखन में भी सूचना के प्रभािी प्रस्तुतीकरण में मदद वमलेगी।
• इससे संिवं धत प्रािधान भारत के संविधान में क्रदए गए िैं: राज्य की नीवत के वनदेशक तत्िों (DPSPs) के तित अनुच्छेद 44 में UCC का प्रािधान
क्रकया गया िै।
• पंथवनरपेिता को िढ़ािा वमलता िै: UCC के लागू िोने से पंथवनरपेि राष्ट्र के वसद्धांतों को िनाए रखा जा सके गा। यिां पंथवनरपेि राष्ट्र से तात्पयत
एक ऐसे राष्ट्र से िै, जिां धार्मतक मान्यताएं नागररक मामलों पर लागू निीं िोती िैं।
• राष्ट्रीय एकता और एकीकरण को िढ़ािा वमलता िै: UCC वनम्नवलवखत तरीके से राष्ट्रीय एकता को िढ़ािा देगी:
o धार्मतक और सामुदावयक विभाजनों को समाप्त करके ,
o समान नागररकता को िढ़ािा देकर और
o अवधक एकीकृ त कानूनी प्रणाली वनर्मतत करके ।
• लैंवगक न्याय को िढ़ािा वमलेगा: UCC को लागू करके कु छ धार्मतक िैयवक्तक (पसतनल) कानूनों में व्याप्त लैंवगक रूप से भेदभािपूणत प्रथाओं को समाप्त
क्रकया जा सके गा। इससे लैंवगक समानता और मविलाओं के अवधकारों को िढ़ािा वमलेगा।
o संयुक्त राष्ट्र मानिावधकार सवमवत (UNHRC)4 ने भारत से UCC लागू करने की मांग की िै। इससे भारत को समानता और गैर-भेदभाि के
वसद्धांतों के प्रवत अपनी प्रवतिद्धता को पूरा करने में मदद वमलेगी।
• कानूनों का सरलीकरण संभि िो पाएगा: UCC वििाि, तलाक, विरासत, उिरावधकार आक्रद से संिंवधत जरटल कानूनों को सरल िनाएगा।
o उदािरण के वलए- तलाक की मांग करने िाले लोगों को अपनी धार्मतक पृष्ठभूवम से परे रिते हुए एक मानकीकृ त प्रक्रिया का पालन करना िोगा।
इससे वििादों का तेजी से और अवधक कु शल समाधान सुवनवश्चत िो सके गा।
• आधुवनक समय के साथ ताल-मेल स्थावपत करना संभि िोगा: UCC को लागू करने से आधुवनक वसद्धांतों को अपनाया जा सके गा। साथ िी, यि
सुवनवश्चत क्रकया जा सके गा क्रक मौजूदा कानून नई सामावजक पररवस्थवतयों के अनुरूप िों। इससे समािेवशता एिं व्यवक्तगत स्ितंत्रता को िढ़ािा
वमलेगा।
UCC के विरुद्ध तकत
• विविधता के विरुद्ध: UCC को लागू करने से देश के विविध समुदायों की सांस्कृ वतक एिं धार्मतक पिचान कमजोर िो सकती िै। इससे धार्मतक
स्ितंत्रता का उल्लंघन िो सकता िै। ध्यातव्य िै क्रक धार्मतक स्ितंत्रता से जुडे प्रािधान संविधान के अनुच्छे द 25 में उवल्लवखत िैं।
o UCC लागू करने से अल्पसंययक समूिों को प्राप्त सुरिा एिं विशेषावधकार कम िो सकते िैं तथा उनकी सांस्कृ वतक स्िायिता नि िो सकती िै।
• आम सिमवत का अभाि: प्रत्येक समुदाय की कु छ ऐसी विवशि परं पराएं, रीवत-ररिाज और धार्मतक कानून िोते िैं, वजन्िें िे संरवित करना चािते िैं।
इसवलए, सभी समुदायों की सिमवत ि समझौते के विना UCC लागू करने से सामावजक अशांवत पैदा िो सकती िै।
• संघीय संरचना: कई विशेषज्ञों के अनुसार UCC, राज्यों की विधायी िमता का अवतिमण कर सकता िै। इस अवतिमण के कारण, UCC के प्रिततन
से सिकारी संघिाद के वसद्धांतों का उल्लंघन िो सकता िै।
o यि तकत क्रदया जाता िै क्रक राज्य अपनी जनता की जरूरतों के अनुरूप िैयवक्तक कानूनों का आकलन करने और कानून िनाने के वलए िेितर
वस्थवत में िैं। ऐसा इसवलए, क्योंक्रक राज्य जमीनी स्तर की िास्तविकताओं से वनकटता से जुडे िोते िैं।
आगे की राि
• आम सिमवत: UCC के संदभत में सरकार को धार्मतक नेताओं एिं सामुदावयक प्रवतवनवधयों सवित सभी वितधारकों के साथ तकत पूणत िातात करनी
चाविए।
• मजिूत राजनीवतक इच्छाशवक्त: सरकार को यि सुवनवश्चत करना चाविए क्रक UCC को राजनीवतक लाभ के एक साधन के रूप में लागू निीं क्रकया
जाए। साथ िी, यि भी सुवनवश्चत करना चाविए क्रक इसका कायातन्ियन गैर-पिपातपूणत और समािेशी तरीके से क्रकया जाए।
• जागरूकता: यि अत्यािश्यक िै क्रक आम जनता UCC के प्रिततन िेतु क्रदए गए तकों और उससे वमलने िाले लाभों को समझे। इसके वलए जरूरी िै क्रक
सरकार, नागररक समाज और मीवडया वमलकर इस क्रदशा में प्रयास करें ।
• न्यायाधीशों की वनयुवक्त: कॉलेवजयम को न्यायाधीशों के चयन में पयातप्त रिोपायों और पारदर्शतता को अपनाना चाविए। इससे उच्चतर न्यायालयों में
अवधक िमतािान और सत्यवनष्ठ न्यायाधीशों की वनयुवक्त की जा सकती िै।
o न्यायपावलका में उच्च मानक को िनाए रखने के वलए अवखल भारतीय न्यावयक सेिा परीिा को अपनाया जा सकता िै।
o संविधान के अनुच्छे द 224A और 128 का प्रयोग करके तदथत न्यायाधीशों को वनयुवक्त क्रकया जा सकता िै।
• दीिानी मामलों के वलए िैकवल्पक वििाद समाधान (ADRs) तंत्रों को िढ़ािा क्रदया जाना चाविए। इससे अदालतों पर कायत िोझ को कम करने और
लीगल प्रैवक्टस को सुविधाजनक िनाने में मदद वमल सकती िै। अलग-अलग ADRs में शावमल िैं-
o लोक अदालत (Lok Adalat),
o वििाचन (Arbitration),
o मध्यस्थता (Mediation),
o सुलि (Conciliation) आक्रद।
• िुवनयादी ढांचे को मजिूत करना: सरकार द्वारा न्यायालय के िुवनयादी ढांचे के विकास एिं उन्नयन, न्यावयक कमतचाररयों के प्रवशिण आक्रद के वलए
पयातप्त धन उपलब्ध कराया जाना चाविए।
• समय-सीमा वनधातररत करना: क्रकसी मामले की सुनिाई और उस पर वनणतय देने के वलए एक समय-सीमा वनधातररत की जानी चाविए।
o इस संदभत में फास्ट-ट्ैक अदालतें स्थावपत करने के विकल्प पर विचार क्रकया जा सकता िै। साथ िी, मामलों की कु छ श्रेवणयों के वलए, विशेष
रूप से अधीनस्थ न्यायालयों में वनपटान िेतु समय-सीमा या अंवतम वतवथ वनधातररत की जानी चाविए।
• दांवडक न्याय और प्रक्रियात्मक कानूनों में पररिततन:
o उल्लंघनों के अपराधीकरण को कम क्रकया जाना चाविए तथा कम गंभीर प्रकृ वत िाले अपराधों (Minor offences) की कं पाउं मडंग/ संयोजन की
क्रदशा में आगे िढ़ना चाविए। अपराधों की कं पाउं मडंग से आशय मुकदमेिाजी प्रक्रिया से िचने के वलए अवभयुक्त द्वारा पीवडत को कु छ मुआिजा
देकर मामले का वनपटान करने से िै।
o मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की सिायता प्राप्त करके फोरें वसक और िवथयार (वपस्तौल आक्रद) साक्ष्य परीिण में सुधार करना चाविए।
• वशकायत वनिारण: सरकारी विभागों को एक मजिूत आंतररक वशकायत वनिारण तंत्र स्थावपत करना चाविए। साथ िी, कमतचाररयों एिं विभागों के
िीच वििादों को सुलझाने के वलए प्रावधकृ त अवधकाररयों को सशक्त िनाया जाना चाविए।
• कानून का पालन करने िाले समाज का वनमातण: नागररकों द्वारा कानून का पालन सुवनवश्चत करने के वलए प्रोत्सािन और दंड 5 आधाररत मॉडल का
उपयोग क्रकया जा सकता िै।
o यातायात वनयमों के उल्लंघनों, साितजवनक स्थानों पर गंदगी फै लाने जैसे वसविल वनयमों के उल्लंघनों, पिली िार क्रकए गए कम गंभीर
अपराधों आक्रद को रोकने के वलए वनषेधात्मक दंड आरोवपत क्रकए जाने चाविए।
न्यायालय में लंवित मामलों को कम करने के वलए की गई पिलें
• प्रक्रिया ज्ञापन (Memorandum of procedure: MoP), 2016: इसके तित सुप्रीम कोटत और िाई कोटत में न्यायाधीशों की वनयुवक्त के वलए वनयमों एिं प्रक्रियाओं
को सूचीिद्ध क्रकया गया िै। िततमान समय में, इसमें वनम्नवलवखत उद्देश्यों के वलए सुधार करने की आिश्यकता पर चचात जारी िै:
o न्यावयक वनयुवक्तयों में पारदर्शतता लाना, और
o िाई कोटत के न्यायाधीशों के ररकॉड्सत को िनाए रखने िेतु सुप्रीम कोटत में एक स्थायी सवचिालय स्थावपत करना।
• प्रोजेक्ट सियोग (Sahyog): इसे लंवित मामलों को कम करने के वलए शुरू क्रकया गया िै।
• कानूनी सूचना प्रिंधन और ब्रीफफं ग वसस्टम (Legal Information Management and Briefing System: LIMBS): यि िेि-आधाररत एक एवप्लके शन िै। इसे
कें द्र सरकार से जुडे मामलों की अवधक प्रभािी और पारदशी रूप से वनगरानी करने के वलए आरंभ क्रकया गया िै।
• मध्यस्थता (Mediation) विधेयक, 2023: यि पिकारों के वलए मुकदमे से पूित मध्यस्थता का प्रािधान करता िै।
• ई-न्यायालय (e-Courts): प्रौद्योवगकी का उपयोग करके न्याय तक पहुंच में सुधार के वलए ई-न्यायालयों की स्थापना की गई िै।
• राष्ट्रीय मुकदमा नीवत (National Litigation Policy: NLP): राष्ट्रीय मुकदमा नीवत (NLP) में संशोधन करने पर विचार क्रकया जा रिा िै। इसका उद्देश्य
मुकदमेिाजी को रोकने, वनयंवत्रत करने और कम करने के वलए क्रदशा-वनदेश वनधातररत करना िै।
िाल िी में, सुप्रीम कोटत ने प्रिततन वनदेशालय के वनदेशक6 के कायतकाल में क्रकए गए विस्तार (तीसरे सेिा विस्तार) को अिैध घोवषत कर क्रदया िै।
• इसके साथ िी सुप्रीम कोटत ने अपने फै सले में वनम्नवलवखत संशोधनों को भी िरकरार रखा िै:
o कें द्रीय सतकत ता आयोग (संशोधन) अवधवनयम, 2021;
o क्रदल्ली विशेष पुवलस स्थापना (संशोधन) अवधवनयम
{Delhi Special Police Establishment
(Amendment) Act}, 2021; तथा
o फं डामेंटल (अमेंडमेंट) रूल्स, 2021
▪ इन संशोधनों के अनुसार कें द्र सरकार, कें द्रीय
अन्िेषण ब्यूरो (CBI) और ED के वनदेशकों के
कायतकाल को अवधकतम तीन िार्षतक विस्तार7 दे
सकती िै। सरल शब्दों में, इसके दो िषत के अवनिायत
कायतकाल के िाद लगातार तीन साल तक सेिा
विस्तार क्रदया जा सकता िै।
• सुप्रीम कोटत ने यि वनणतय क्रदया िै क्रक ED के िततमान वनदेशक
का सेिा विस्तार गैर-कानूनी िै। ऐसा इसवलए, क्योंक्रक यि
विस्तार सुप्रीम कोटत के 2021 के फै सले का उल्लंघन करता िै। िषत 2021 के फै सले में सुप्रीम कोटत ने ED के वनदेशक के कायतकाल में क्रकए जाने िाले
अवतररक्त विस्तार पर रोक लगा दी थी।
प्रिततन वनदेशालय के िारे में
• प्रिततन वनदेशालय एक िहु-विषयक अथातत् कई अलग-अलग काम-काज को देखने और कानूनों को लागू करने िाला संगठन िै। यि आर्थतक अपराधों
और विदेशी मुद्रा से जुडे कानूनों के उल्लंघन की जांच के वलए अवधकृ त िै।
o यि विि मंत्रालय के राजस्ि विभाग के अधीन कायत करता िै।
o इसका मुययालय नई क्रदल्ली में िै।
• ED के वनदेशक की वनयुवक्त:
o ED के वनदेशक की वनयुवक्त कें द्रीय सतकत ता आयोग (CVC) अवधवनयम, 2003 के प्रािधानों के अनुसार की जाती िै।
o ED के वनदेशक का कायतकाल “दो िषत से कम अिवध का निीं” िोना चाविए। साथ िी, इसके किीं और स्थानांतरण के वलए CVC की अध्यिता
िाली वनयुवक्त सवमवत से मंजरू ी वमलनी चाविए।
▪ CVC (संशोधन) अवधवनयम, 2021 के तित ED के वनदेशक के दो िषत के अवनिायत कायतकाल के िाद उसमें अवधकतम तीन िार्षतक
विस्तार क्रदए जा सकते िैं।
• पररसंपवियों को जब्त करने की शवक्त: ED क्रकसी भी व्यवक्त की “पररसंपवियों की तलाशी ले सकता िै और उन्िें जब्त” कर सकता िै। ED यि
कारत िाई उपलब्ध सूचनाओं और “संदेि करने के वलवखत कारणों” के आधार पर करता िै।
• सम्मन जारी करने की शवक्त: FEMA8 के तित, ED को क्रकसी भी ऐसे व्यवक्त/ संस्था के वखलाफ जांच करने का अवधकार िै, वजस पर FEMA के
प्रािधानों या उसके तित िनाए गए वनयमों और विवनयमों के उल्लंघन का आरोप िै।
o इसके अवतररक्त ED को अन्िेषण, वनरीिण, साक्ष्य जुटाने, सम्मन जारी करने, जांच करने, आदेश (Commissions) जारी करने आक्रद के संिंध
में एक वसविल न्यायालय के समान शवक्त प्राप्त िै।
• वगरफ्तार करने की शवक्त: ED, धन शोधन वनिारण अवधवनयम (PMLA)9, 2002 और FEMA, 1999 के उल्लंघन की जांच करने के वलए एक
नोडल एजेंसी िै। यि इन मामलों में पुवलस द्वारा औपचाररक FIR दजत क्रकए विना िी जांच एिं वगरफ्तारी कर सकता िै।
• ररकॉडत क्रकए गए साक्ष्यों की स्िीकायतता (Record Admissibility): िषत 2022 में, सुप्रीम कोटत ने यि फै सला क्रदया था क्रक ED अवधकाररयों द्वारा
दजत क्रकए गए ियानों को न्यायालय में साक्ष्य के रूप में स्िीकार क्रकया जा सकता िै। चूंक्रक, ED अवधकारी, पुवलस अवधकारी निीं िैं इसवलए उन्िें
आत्म-दोषारोपण के आधार पर चुनौती निीं दी जा सकती िै।
• जुमातन,े अथतदंड और अथतदंड की िकाया रावश (Penalties and Arrears) की िसूली: प्रिततन वनदेशालय, FEMA के तित संिंवधत व्यवक्त से
जुमातने, अथतदंड और अथतदंड की िकाया रावश की िसूली के वलए आिश्यक कदम उठा सकता िै।
ED से संिवं धत मुद्दे
• आरोपी के दोषवसद्ध िोने की वनम्न दर: िषत 2014-2022 तक, ED द्वारा की गई वगरफ़्तारी या जांच में आरोपी के दोषवसद्ध करार िोने की दर 0.5
प्रवतशत से भी कम थी।
• पारदर्शतता की कमी: ED द्वारा जांच के वलए मामलों के चयन की प्रक्रिया में स्पिता और पारदर्शतता का अभाि िै। इससे इस अिधारणा को िल
वमलता िै क्रक सिारूढ़ दल द्वारा ED का इस्तेमाल राजनीवतक लाभ के वलए क्रकया जा रिा िै।
• विश्वसनीयता में वगरािट: भ्रिाचार, वनष्पिता की कमी और राजनीवतक िगत के साथ घवनष्ठ सांठगांठ के आरोपों के कारण ED, CBI और गंभीर
धोखाधडी जांच कायातलय (SFIO)10 जैसी जांच एजेंवसयों की छवि में वगरािट आई िै।
• कायतिल की कमी: िढ़ती जरटलताओं और आर्थतक अपराधों से वनपटने के वलए ED को अवधक संसाधनों, िुवनयादी ढांचे एिं कायतिल की
आिश्यकता िै।
आगे की राि
• िमता िढ़ाना: िततमान समय में, ED के कायतिल में िृवद्ध करने और उन्िें आधुवनक तकनीक से संिंवधत उवचत प्रवशिण देने की आिश्यकता िै। इससे
अवधक मूल्य िाले धन शोधन, साइिर अपराध और क्रिप्टोकरें सी से संिंवधत मामलों में िो रिी िृवद्ध की समस्या का प्रभािी समाधान क्रकया जा
सके गा।
• विवनयमन: ED द्वारा PMLA के तित प्रयोग क्रकया जाने िाला वििेकावधकार विवध के शासन द्वारा वनदेवशत िोना चाविए। साथ िी, वििेकावधकार
का यि प्रयोग पारदशी, गैर-स्िेच्छाचारी और राजनीवत से प्रेररत िोने की िजाय मामले के त्यों पर आधाररत िोना चाविए।
• लंवित मामलों को कम करना: अवधवनणतय प्रक्रिया में तेजी लाने के वलए फास्ट ट्ैक कोवसत और विशेष पीठों (Benches) की स्थापना जैसे उपाय
क्रकए जाने चाविए।
• वनरीिण सवमवत: िस्तुवनष्ठ मानदंडों के आधार पर मामलों के चयन की प्रक्रिया की वनगरानी और उसे व्यिवस्थत करने के वलए एक सवमवत का गठन
क्रकया जाना चाविए। इसके माध्यम से ED के कामकाज में पारदर्शतता को भी िढ़ािा क्रदया जा सकता िै।
• जागरूकता और सुरिा: ED की भूवमका के िारे में लोक जागरूकता पैदा की जानी चाविए। साथ िी, इसकी छवि में सुधार क्रकया जाना चाविए और
वहिसल-ब्लोअर को आगे आने के वलए प्रोत्सावित क्रकया जाना चाविए।
िाल िी में, संसद के दोनों सदनों ने िहु-राज्य सिकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को पाररत क्रकया िै। यि विधेयक िहु-राज्य सिकारी
सोसाइटी अवधवनयम, 2002 में संशोधन करने के वलए पेश क्रकया गया िै।
• उद्देश्य: उन सिकारी सवमवतयों से संिंवधत कानूनों को समेक्रकत और संशोवधत करना, वजनके उद्देश्य एक राज्य तक िी सीवमत निीं िैं और जो एक से
अवधक राज्यों में सदस्यों के वितों की पूर्तत करती
िैं।
• अवधवनयम के मुयय प्रािधान:
o यि क्रकन सवमवतयों पर लागू िोता िै: यि
अवधवनयम उन सभी सिकारी सवमवतयों पर
लागू िोता िै, वजनका उद्देश्य एक राज्य तक
िी सीवमत निीं िै।
o पंजीकरण: इस अवधवनयम के तित सभी
MSCS को कें द्र सरकार द्वारा वनयुक्त कें द्रीय रवजस्ट्ार के माध्यम से पंजीकृ त क्रकया जाएगा।
o आंतररक गिनेंस: प्रत्येक िहु-राज्य सिकारी सवमवत अपने आंतररक गिनेंस के वलए इस अवधवनयम के प्रािधानों के अनुरूप उपवनयम िना
सकती िै।
o पुनगतठन: क्रकसी सिकारी िैंक के समामेलन या पुनगतठन की योजना कें द्रीय रवजस्ट्ार द्वारा तैयार की जाएगी।
▪ यि कायत कें द्र सरकार के वनदेश पर िैंफकं ग विवनयमन अवधवनयम, 1949 के अनुसार क्रकया जाता िै। इसके वलए RBI की पूित मंजूरी
• अन्य घटनािम:
o कें द्रीय मंवत्रमंडल ने MSCS अवधवनयम, 2002 के तित राष्ट्रीय स्तर की तीन िहु-राज्य सिकारी सवमवतयों के गठन को मंजूरी दी िै। इनमें
माध्यम से संविधान में भाग IX-B को शावमल क्रकया गया था। इस भाग के साथ
िै।
• MSCS में सुधारों की आिश्यकता: विविध सुधारों को सक्रिय रूप से लागू करने की
अवधक साथतक ि सक्रिय िनाना, पारदर्शतता िढ़ाने के वलए सूचना अवधकारी वनयुक्त करना, वशकायतों का वनिारण करना आक्रद।
• सिकारी वनिातचन प्रावधकरण का गठन: िततमान में, एक िहु-राज्य सिकारी सवमवत के िोडत का वनिातचन उसके मौजूदा िोडत द्वारा क्रकया जाता िै।
o यि विधेयक वनर्दति करता िै क्रक कें द्र सरकार िहु-राज्य सिकारी सवमवतयों के िोडत का चुनाि कराने के वलए सिकारी वनिातचन प्रावधकरण का
गठन करे गी।
o इसमें एक अध्यि, एक उपाध्यि तथा अवधकतम 3 सदस्य शावमल िोंगे। कें द्र सरकार चयन सवमवत के सुझािों के आधार पर इन सदस्यों की
वनयुवक्त करे गी।
• सिकारी सवमवतयों का समामेलन और विभाजन: इस अवधवनयम के तित िहु-राज्य सिकारी सवमवतयों के समामेलन और विभाजन का प्रािधान
क्रकया गया िै।
o राज्य सिकारी सवमवतयों को संिंवधत राज्य के कानूनों के तित पंजीकृ त मौजूदा MSCS में विलय करने की अनुमवत िोगी।
• रुग्ण सिकारी सवमवतयों के वलए वनवध: रुग्ण सिकारी सवमवतयों के पुनरुद्धार के वलए सिकारी पुनिातस, पुनर्नतमातण और विकास कोष (CRRDF)
की शुरुआत की गई िै। इससे रुग्ण िहु-राज्य सिकारी सवमवतयों को पुनजीवित क्रकया जा सके गा।
o इस वनवध का विि-पोषण उन िहु-राज्य सिकारी सवमवतयों द्वारा क्रकया जाएगा, जो वपछले तीन वििीय िषों से लाभ में रिी िैं। ये सवमवतयां
कोष में या तो एक करोड रुपये या अपने शुद्ध लाभ का एक प्रवतशत, जो भी कम िोगा, जमा करें गी।
• सरकारी शेयरधाररता के मोचन (redemption) पर प्रवतिंध: अवधवनयम में यि प्रािधान िै क्रक िहु-राज्य सिकारी सवमवत में क्रकसी सरकारी
प्रावधकरण के शेयरों का उस सवमवत के उप-कानूनों के आधार पर िी मोचन क्रकया जा सकता िै।
o विधेयक में यि प्रािधान क्रकया गया िै क्रक MSCS में कें द्र और राज्य सरकारों द्वारा धाररत क्रकसी भी शेयर को शेयरधारकों की पूित स्िीकृ वत के
विना भुनाया निीं जा सकता िै।
• वशकायतों का वनिारण: विधेयक के अनुसार, कें द्र सरकार प्रादेवशक िेत्रावधकार िाले एक या एक से अवधक सिकारी लोकपाल की वनयुवक्त करे गी।
o लोकपाल के वनदेशों के वखलाफ कें द्रीय रवजस्ट्ार के पास अपील दायर की जा सकती िै।
• वनदेशक मंडल की संरचना: अवधवनयम के तित, एक िहु-राज्य सिकारी सवमवत के िोडत में अवधकतम 21 वनदेशक िो सकते िैं।
o िोडत दो अवतररक्त वनदेशकों को शावमल कर सकता िै।
o यि विधेयक वनम्नवलवखत को शावमल करने के वलए वनदेशक मंडल की संरचना में संशोधन करता िै:
▪ एक अनुसूवचत जावत या अनुसूवचत जनजावत का सदस्य, और
▪ दो मविला सदस्य।
वनष्कषत
िहु-राज्य सिकारी सवमवतयों (MSCS) के पुनगतठन को सफल िनाने िेतु इनके सदस्यों के िमता वनमातण और उनकी सिायता करने तथा िेितर गिनेंस
के वलए प्रौद्योवगकी को अपनाने के संिंध में प्रयास करने िोंगे।
1.5. वसनेमटै ोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 {Cinematograph (Amendment) Bill, 2023}
िाल िी में, संसद के दोनों सदनों ने वसनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 पाररत क्रकया िै।
• यि विधेयक वसनेमटै ोग्राफ अवधवनयम, 1952 में संशोधन का प्रािधान करता िै। इस अवधवनयम को वसनेमटै ोग्राफ क्रफल्मों को प्रदशतन िेतु प्रमावणत
करने और वसनेमटै ोग्राफ का उपयोग
करके प्रदशतनों को विवनयवमत करने
के संिंध में प्रािधान करने के वलए
अवधवनयवमत क्रकया गया था।
o 1952 के अवधवनयम में क्रफल्मों
को प्रदशतन िेतु प्रमावणत करने
के वलए कें द्रीय क्रफल्म प्रमाणन
िोडत (CBFC) के गठन का
प्रािधान क्रकया गया था।
o CBFC द्वारा क्रदए गए प्रमाण-
पत्र कं टेंट के अनुसार संशोवधत
या समाप्त क्रकए जा सकते िैं।
o यि िोडत क्रफल्मों के प्रदशतन पर
रोक भी लगा सकता िै।
• प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य नई प्रमाणन श्रेवणयों को शुरू करके प्रमाणन प्रक्रिया को अवधक प्रभािी और िततमान समय के अनुरूप िनाना िै।
विशेषताएं वििरण
टेलीविजन/ अन्य • ‘A’ या ‘S’ प्रमाण-पत्र िाली क्रफल्मों को टेलीविजन या कें द्र सरकार द्वारा वनधातररत क्रकसी अन्य मीवडया पर प्रदशतन के वलए एक अलग
मीवडया के वलए अलग प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की आिश्यकता िोगी।
प्रमाण-पत्र
ये प्रमाण-पत्र िमेशा के • ये प्रमाण-पत्र 10 िषत की िततमान िैधता के विपरीत िमेशा के वलए िैध िोंगे।
वलए िैध रिेंगे
कें द्र सरकार की • यि विधेयक भारत संघ िनाम के . एम. शंकरप्पा िाद, 2000 में सुप्रीम कोटत द्वारा क्रदए गए वनदेश के अनुरूप अवधवनयम की धारा 6(1)
पुनरीिण शवक्तयां
को वनरस्त करता िै। इस िाद में सुप्रीम कोटत द्वारा यि वनणतय क्रदया गया था क्रक कें द्र, CBFC द्वारा पिले से प्रमावणत क्रफल्मों पर
पुनरीिण शवक्तयों का प्रयोग निीं कर सकता िै।
क्रफल्मों की पायरे सी को • यि विधेयक क्रफल्मों की अनवधकृ त ररकॉर्डिंग और उनके अनवधकृ त प्रदशतन पर रोक लगाता िै। साथ िी, इसे कॉपीराइट अवधवनयम, 1957
दंडनीय अपराध के प्रािधानों के तित दंडनीय अपराध िनाता िै।
िनाना
अथतदंड • यि विधेयक वनयमों के उल्लंघन की वस्थवत में दंडात्मक कारत िाई का प्रािधान करता िै।
यि विधेयक क्रफल्म उद्योग के समि आने िाली मौजूदा समस्याओं का समाधान करता िै। साथ िी, यि नई प्रमाणन श्रेवणयों द्वारा कं टेंट को विवनयवमत
करता िै। िततमान समय में दशतकों के ओिर द टॉप (OTT) प्लेटफॉम्सत की ओर झुकाि में िृवद्ध को देखते हुए, समाज एिं इस उद्योग की िेितरी के वलए
इनका अभी से िी विवनयमन करना आिश्यक िै।
• सुप्रीम कोटत ने स्पि क्रकया िै क्रक सभी आरोवपयों को “चुप रिने का अवधकार” िै और जांचकतात उन्िें िोलने या अपराध स्िीकार करने के वलए मजिूर
निीं कर सकते िैं।
• ‘चुप रिने का अवधकार’ अनुच्छेद 20(3) में वनवित िै। इस अनुच्छेद के अनुसार क्रकसी को भी अपने वखलाफ सािी िनने के वलए मजिूर निीं क्रकया
जा सकता िै।
o िालांक्रक, यि संरिण के िल आपरावधक कायतिािी तक िी सीवमत िै।
o वजस व्यवक्त से सीमा शुल्क अवधवनयम, 1962 या विदेशी मुद्रा प्रिंधन अवधवनयम, 1999 के तित पूछताछ की जा रिी िो उसे यि अवधकार
उपलब्ध निीं िै। इसका कारण यि िै क्रक िि व्यवक्त "क्रकसी अपराध का अवभयुक्त" निीं िोता िै और िि िकील रखने का िकदार भी निीं िै।
o नंक्रदनी सत्पथी िनाम पी.एल दानी मामले में, सुप्रीम कोटत ने किा था क्रक क्रकसी व्यवक्त को पुवलस स्टेशन की सीमा के भीतर क्रकसी सिाल का
जिाि देने के वलए मजिूर करना अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन िो सकता िै।
1.6.2. मतदाताओं को लु भाने िे तु मु फ्त उपिार , मु फ्त शराि जै सी गवतविवधयों पर अं कु श लगाने के वलए मानक सं चालन प्रक्रिया
• मतदाताओं को लुभाने िेतु मुफ्त उपिार (Freebies), मुफ्त शराि जैसी गवतविवधयों पर अंकुश लगाने के वलए कें द्रीय अप्रत्यि कर और सीमा शुल्क
यि कायत GST टीम ई-िे विलों की जांच करके संपन्न करे गी। ई-िे विल न िोने पर इन सामानों को जब्त कर वलया जाएगा।
1.6.3. कॉपोरे ट कायत मं त्रालय (MCA) और सू च ना प्रौद्योवगकी मं त्रालय (MeitY) की भू वमकाओं का सीमां क न (Demarcation
• कें द्र सरकार ने वडवजटल िाजारों पर विवनयमन के दोिराि की संभािना को दूर करने के वलए दोनों मंत्रालयों की भूवमका का सीमांकन क्रकया िै।
o यि अनुमान व्यक्त क्रकया गया िै क्रक भारत का वडवजटल िाजार 2025-26 तक 1 रट्वलयन डॉलर तक पहुंच सकता िै।
• MCA, वडवजटल िाजार में सभी प्रवतस्पधातत्मक मुद्दों का समाधान करने के वलए नोडल मंत्रालय िोगा।
• भारतीय विज्ञापन मानक पररषद (ASCI)11 ने डाकत पैटनत से वनपटने के वलए क्रदशा-वनदेश जारी क्रकए िैं।
• डाकत पैटनत एक प्रकार का भ्रामक यूजर इं टरफे स िोता िै। यि इस प्रकार धोखाधडी/ चालाकी या िेर-फे र करता िै, वजससे उपयोगकतात उनके
• इन क्रदशा-वनदेशों में ऑनलाइन विज्ञापन के चार अलग-अलग तकनीकों से वनपटने के वलए उपाय क्रकए गए िैं:
o वड्रप प्राइमसंग: इसके तित ग्रािकों को शुरू में उत्पाद के कु ल मूल्य से कम मूल्य िताया जाता िै और जि ग्रािक उत्पाद को खरीदता िै
ति उसे कु ल मूल्य के िारे में पता चलता िै।
▪ क्रदशा-वनदेशों में सुझाि क्रदया गया िै क्रक क्रकसी भी स्तर पर ग्रािक को िताए गए में मूल्य में सभी गैर-िैकवल्पक कर, शुल्क, फीस
आक्रद शावमल िोने चाविए, जो सभी या ज्यादातर खरीदारों पर लागू िोते िैं।
o फॉल्स अजेन्सी: इसमें कं पवनयां ये किती िैं क्रक क्रकसी विशेष उत्पाद/सेिा की मात्रा िहुत सीवमत िै, जिक्रक िास्ति में ऐसा निीं िोता िै।
▪ विज्ञापनदाताओं द्वारा सीवमत मात्रा िाले संदेश (जैसे- ििाईजिाज में सीटों की संयया) को वडस्पले करते समय स्टॉक की वस्थवत
िताना अवनिायत िै। इससे ऐसे संदेशों की भ्रामकता की जांच िो सके गी।
o विवशि विज्ञापन: संपादकीय या ऑगेवनक कं टेंट के समान प्रारूप िाले विज्ञापन में स्पि रूप से िताना िोगा क्रक िि एक विज्ञापन िै।
उदािरण के वलए- ये इं फ्ल्युएस
ं सत पोस्ट, पेड ररव्यू और संपादकीय कं टेंट की तरि क्रदखने के वलए रखे गए विज्ञापन िो सकते िैं।
o िैट एंड वस्िच: इसके तित विज्ञापन में क्रदखाए गए सेिा के िजाए वनम्न गुणििा िाले क्रकसी दूसरे उत्पाद या सेिा की आपूर्तत की जाती
िै।
िाल िी में, भारत और श्रीलंका ने एक विज़न डॉक्यूमेंट जारी क्रकया िै। इसका शीषतक
2022 के आर्थतक संकट के दौरान श्रीलंका की मदद में भारत की
‘कनेवक्टविटी को िढ़ािा देना, समृवद्ध को तीव्र करना: भारत-श्रीलंका आर्थतक साझेदारी भूवमका
विजन12’ िै। • भारत ऐसा पिला देश था, वजसने अंतरातष्ट्रीय मुद्रा कोष
अन्य संिवं धत त्य (IMF) में श्रीलंका को वििीय मदद और ऋण पुनगतठन का
समथतन क्रकया था।
• इसके अलािा, दोनों के मध्य कई समझौता ज्ञापनों पर िस्तािर क्रकए गए िैं, जैसे-
• भारत ने श्रीलंका को मुद्रा स्िैप और िे वडट लाइन्स सवित
o श्रीलंका में यूवनफाइड पेमटें इं टरफे स (UPI)-आधाररत वडवजटल भुगतान सेिा खाद्य एिं वििीय सिायता में लगभग 4 विवलयन अमेररकी
की शुरूआत करना, और डॉलर प्रदान क्रकया िै।
o मत्रंकोमाली में निीकरणीय ऊजात एिं आर्थतक विकास पररयोजनाओं िेतु • भारत ने श्रीलंका को ईंधन, खाद्य और उितरक जैसी आिश्यक
भारतीय रुपये को व्यापार के वलए मुद्रा के रूप में नावमत करना। िस्तुओं की कई खेपें भेजी िैं।
• व्यापार और लोगों की यात्रा को िढ़ाने के वलए, दोनों देशों ने नागपरट्टनम • भारत ने श्रीलंका की सरकार, IMF और पेररस क्लि के साथ
गिन िातात की। इस िातात के पररणामस्िरूप िी ऋण राित
(तवमलनाडु ) और कांकेसंतुरै (श्रीलंका) के िीच यात्री नौका सेिाएं शुरू करने का भी
और वििीय सिायता को अंवतम रूप क्रदया जा सका िै।
फै सला क्रकया िै।
‘भारत-श्रीलंका आर्थतक और कनेवक्टविटी संिध
ं ों’ के िारे में
• कु ल व्यापार: भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (ISFTA)13 पर 1998 में िस्तािर क्रकए गए थे। इसे 2000 में लागू क्रकया गया था।
o िषत 2021 में 5.45 विवलयन अमेररकी डॉलर के कु ल वद्वपिीय िस्तु
व्यापार (Merchandise trade) के साथ भारत, श्रीलंका का सिसे िडा
व्यापाररक भागीदार था।
o भारत, श्रीलंका में प्रत्यि विदेशी वनिेश (FDI) करने िाले सिसे िडे
योगदानकतातओं में से एक िै।
• कनेवक्टविटी: दोनों देशों के िीच ििाई कनेवक्टविटी िढ़ाने के वलए ओपन
स्काई, एयर ििल व्यिस्था जैसे समझौते क्रकए गए िैं।
आगे की राि
• वनरं तर प्रयास: िाल के वििीय और राजनीवतक संकटों को देखते हुए भारत की भूवमका “प्रथम प्रवतक्रियादाता (First responder)” के रूप में िोनी
चाविए। इससे श्रीलंका के साथ संिंध और िेितर िो सकते िैं।
• िेत्रीय सियोग: विम्सटेक (BIMSTEC) तथा साकत (SAARC) जैसे िेत्रीय मंचों का उपयोग क्रकया जाना चाविए। इससे व्यापक सियोग और साझा
चुनौवतयों के समाधान के अिसर उपलब्ध िो सकते िैं।
• मछु आरों से संिवं धत मुद्दों का स्थायी समाधान: दोनों देशों को वद्वपिीय िातात की सिायता से मछु आरों से संिंवधत मुद्दों का स्थायी समाधान खोजने
का प्रयास करना चाविए।
• आतंकिाद से वनपटना: िाल िी में, श्रीलंका में हुए आत्मघाती िमले इस्लावमक स्टेट की विचारधारा से प्रभावित थे। आतंकिाद के खतरे से वनपटने के
वलए वद्वपिीय और िेत्रीय स्तर पर आतंकिाद विरोधी प्रयासों में अवधक सियोग क्रकए जाने की आिश्यकता िै।
• विश्वास पैदा करना: श्रीलंका भौगोवलक ि आर्थतक रूप से एक छोटा देश िै, ऐसे में भारत को इसकी संिेदनशीलताओं का ध्यान रखना चाविए।
भारत को यि भी विचार करना चाविए क्रक श्रीलंका के भय और संदेि को कै से कम क्रकया जाए।
• पीपल-टू -पीपल संपकत : सांस्कृ वतक आदान-प्रदान, पयतटन और शैविक सियोग को प्रोत्सावित क्रकया जाना चाविए। इससे दोनों देशों के लोगों के िीच
समझ एिं सद्भािना और अवधक गिन िो सकती िै।
िाल िी में, भारत-फ्ांस रणनीवतक साझेदारी के 25 िषत पूरे हुए िैं। इस उपलक्ष्य में एक िैठक आयोवजत की गई थी। इसमें भारत और फ्ांस ने “िोराइजन
2047 फ्े मिकत ” शुरू क्रकया िै। इसके अंतगतत 2047 तक वद्वपिीय संिंधों की क्रदशा तय करने के वलए रूपरे खा तैयार की गई िै।
अन्य संिवं धत त्य
• िोराइजन फ्े मिकत में रिा, परमाणु ऊजात, अंतररि, एकल-उपयोग प्लावस्टक को खत्म करना और पांच िषत का शेंगन
े (Schengen) िीजा जैसे
विषय शावमल िैं।
o फ्ांस, भारत के वलए रिा उपकरणों का दूसरा सिसे िडा वनयाततक चरण- CITIIS 2.0 का समथतन करेगा। इसे जमतनी और
यूरोपीय संघ संयुक्त रूप से विि-पोवषत करेंगे।
िनकर उभरा िै। पी-75 स्कॉपीन प्रौद्योवगकी िस्तांतरण और राफे ल
• इंवडयन ऑयल कॉपोरेशन वलवमटेड और मेससत टोटल
विमान इसके कु छ प्रमुख उदािरण िैं। एनजी गैस एंड पािर वलवमटेड (टोटल एनजीस) के िीच
• आर्थतक सियोग: भारत में फ्ांस 11िां सिसे िडा विदेशी वनिेशक िै। िेड ऑफ एग्रीमेंट (HoA) क्रकया गया िै। इसका उद्देश्य एक
इसने अप्रैल, 2000 से वसतंिर 2022 तक, भारत में 10,389 वमवलयन दीघतकावलक ‘द्रिीकृ त प्राकृ वतक गैस (LNG) वििी ि खरीद
अमेररकी डॉलर FDI स्टॉक का वनिेश क्रकया िै। समझौता’ (SPA)15 करना िै।
• इस नीवत में पडोसी देशों के साथ मजिूत संिंध स्थावपत करने पर जोर क्रदया गया िै। इसका आधार पडोसी देशों के साथ परस्पर परामशत, गैर-
पारस्पररक (वनिःस्िाथत), पररणाम-उन्मुख दृविकोण को अपनाना िै।
• इसमें िेितर संिंध स्थावपत करने के वलए सम्मान, संिाद, शांवत, समृवद्ध और संस्कृ वत के वसद्धांतों का इस्तेमाल क्रकया जाता िै।
• यि नीवत वनम्नवलवखत उद्देश्यों की पूर्तत करती िै:
o भारत के िाह्य खतरों को िेितर ढंग से प्रिंवधत करना,
o संयुक्त राष्ट्र जैसे िहुपिीय मंचों में आिश्यक समथतन प्राप्त करना,
o संिंवधत िेत्र में चीन के प्रभाि को कम करना आक्रद।
भारत के पडोसी देशों के साथ संिध
ं ों के समि चुनौवतयां
• पडोसी देशों में अवस्थरता: भारत के पडोसी देशों में प्राय: अवस्थरता िनी रिती िै, उदािरण के वलए- म्यांमार और पाक्रकस्तान के प्रशासन के समि
संकट।
• आर्थतक संकट: भारत के पडोसी देशों की आर्थतक वस्थवत भी कमजोर िनी हुई िै, उदािरण के वलए- श्रीलंका और पाक्रकस्तान, कोविड मिामारी के
िाद से अवत-मुद्रास्फीवत (Hyperinflation) का सामना कर रिे िैं।
भारत के पडोसी देश अलग-अलग कारकों जैसे क्रक ऐवतिावसक, सांस्कृ वतक, भाषाई और भौगोवलक कारकों को साझा करते िैं तथा उनकी नीवतयों का
सभी पर परस्पर प्रभाि पडता िै। इसवलए, इन देशों से मैत्रीपूणत संिंध िनाए रखना भारत की संिृवद्ध और विकास के वलए आिश्यक िो जाता िै।
विद्युत पारे षण (Power • यि 2014 में िस्तािररत विद्युत सियोग पर साकत ऊजात समझौते का विस्सा िै।
transmission) • भारत नेपाल, भूटान और िांग्लादेश को विद्युत वनयातत करता िै।
• भारत ने “विद्युत के आयात/ वनयातत (सीमा-पार) के वलए क्रदशा-वनदेश-2018” जारी क्रकए िैं।
निीकरणीय ऊजात पारे षण • अंतरातष्ट्रीय सौर गठिंधन तथा िन सन िन िल्डत िन वग्रड (OSOWOG) पिल: इसके तित अलग-अलग िेत्रीय वग्रडों को एक
साझे वग्रड से जोडा जाएगा। इसका उपयोग निीकरणीय ऊजात को स्थानांतररत करने के वलए क्रकया जाएगा।
• एकल िेत्र पर भारत की वनभतरता: भारत, तेल और गैस के अपने कु ल आयात का 60% फारस की खाडी से आयात करता िै।
• विद्युत शुल्क: आपस में जुडे हुए िेत्रीय नेटिकत का उपयोग करके आपूर्तत की गई विद्युत पर पारे षण (Transmission) शुल्क तय करना एक
चुनौतीपूणत कायत िै।
• तकनीकी िाधाएं: ऊजात िेत्रक अत्यवधक तकनीक-गिन िेत्रक िै। िततमान में, यि कारक तेल और गैस विकास योजनाओं का भी एक अवभन्न अंग िन
गया िै।
• साइिर सुरिा: वनयम-आधाररत एक अंतरातष्ट्रीय तंत्र के विना ऊजात िेत्रक में वडवजटलीकरण और अंतर-संिद्धता में िृवद्ध सुरिा ि गोपनीयता संिंधी
जोवखमों को िढ़ा सकती िै।
• कोयले पर अत्यवधक वनभतरता: विद्युत उत्पादन में कोयले की विस्सेदारी लगभग 50% िै, जिक्रक गैर-जीिाश्म स्रोतों की विस्सेदारी 43% िै।
• ऊजात अिसंरचना से संिवं धत िाधाएं : सीमाओं के पार पाइपलाइन और ट्ांसवमशन वग्रड जैसी ऊजात अिसंरचना का विकास एिं उसका रखरखाि
करना एक चुनौतीपूणत कायत िै।
आगे की राि
• आयात विविधीकरण: भारत को कु छ विवशि देशों या िेत्रों पर वनभतर रिने की िजाय अपने आयात स्रोतों में विविधता लानी चाविए।
o िततमान में, तेल एिं प्राकृ वतक गैस वनगम विदेश (ONGC Videsh) के पास विश्व के 15 देशों की 32 तेल और गैस पररसंपवियों में विस्सेदारी
िै।
• भौगोवलक लाभ: भारत, ऊजात-समृद्ध िेत्रों के वनकट अिवस्थत िै। इसवलए, भारत अपनी रणनीवतक अिवस्थवत का उपयोग इस िेत्र में तथा िैवश्वक
स्तर पर देश के मित्त्ि और भूवमका को िढ़ािा देने के वलए कर सकता िै।
• वनिेश और वििीय संसाधन: ऊजात िेत्रक एक अत्यवधक पूंजी और तकनीक-गिन िेत्रक िै। इस प्रकृ वत को देखते हुए, भारत ने 2025 तक अंतरातष्ट्रीय
वििीय िेत्र में सौर ऊजात के वलए 2 विवलयन अमेररकी डॉलर वनधातररत क्रकए िैं।
• िेितर वनगरानी और सियोग: सीमा पार वग्रडों को प्रशावसत करने के वलए, सरकारों को उवचत व्यिस्था और अंतरातष्ट्रीय सियोग विकवसत करने की
आिश्यकता िै। इससे सुविवनयवमत और पारदशी िाजारों में विद्युत का वनिातध प्रिाि सुवनवश्चत िो पाएगा।
अंतरातष्ट्रीय सौर गठिंधन (International Solar Alliance: ISA)
• ISA, विकास के वलए भारत का एक िैकवल्पक मॉडल िै। यि पारदर्शतता और समािेशी विकास जैसे मूल्यों पर आधाररत िै।
• यि OSOWOG के लक्ष्य के साथ, उष्णकरटिंधीय िेत्र (Torrid Zone) में एक िैवश्वक वग्रड विकवसत करने िेतु प्रयासरत िै। साथ िी, इसका लक्ष्य घरे लू स्तर पर
आिश्यक भूवम की कमी, सौर ऊजात के विकास िेतु उपकरणों के आयात से संिवं धत मुद्दों और जीिाश्म ईंधन पर वनभतरता को कम करने में आने िाली समस्याओं को
दूर करना िै। उष्णकरटिंधीय िेत्र, ककत रेखा और मकर रेखा के िीच का िेत्र िोता िै।
2.5. िहुपिीय विकास िैंकों को मजिूत करना {Strengthening Multilateral Development Banks (MDBs)}
िाल िी में, भारत की G-20 अध्यिता में गरठत स्ितंत्र विशेषज्ञ समूि (IEG)21 ने ‘MDBs की िमता के दोिन’ पर ररपोटत का पिला भाग प्रस्तुत क्रकया
िै।
अन्य संिवं धत त्य
• िहुपिीय विकास िैंक: िहुपिीय विकास िैंक (MDBs) संप्रभु राष्ट्रों द्वारा स्थावपत सुपर-नेशनल संस्थाएं िैं और ये देश िी इन संस्थाओं के
शेयरधारक भी िैं।
o विश्व िैंक, एवशयाई विकास िैंक (ADB), एवशयन इं फ्ास्ट्क्चर इन्िेस्टमेंट िैंक (AIIB) आक्रद कु छ ऐसी िी संस्थाएं िैं।
• इस ररपोटत में MDBs के वलए रट्पल एजेंडे का प्रस्ताि क्रकया गया िै:
o अवधदेश: इसके अनुसार वनम्नवलवखत वतिरी भूवमकाओं (रट्पल मैंडेट) को अपनाया जाना िै:
▪ चरम गरीिी को समाप्त करना,
▪ साझा संिृवद्ध को िढ़ािा देना, और
▪ ग्लोिल पवब्लक गुड्स (जैसे- शांवत, समृवद्ध, स्िास््य आक्रद) में योगदान करना।
o विि: 2030 तक सतत विि-पोषण प्रवतिद्धता को तीन गुना करना।
o तंत्र: इसमें एक तीसरे विि-पोषण तंत्र के गठन के वलए प्रस्ताि क्रकया गया िै। इसके अंतगतत वनिेशकों के साथ उद्दे श्यपूणत ढंग से सिभावगता के
वलए लचीली और निोन्मेषी व्यिस्थाओं की अनुमवत दी जाएगी।
MDBs का मित्त्ि
• िैवश्वक अथतव्यिस्था को स्थावयत्ि प्रदान करने के वलए अंतरातष्ट्रीय स्तंभ : उदािरण के वलए- 2008 के िैवश्वक वििीय संकट के दौरान MDBs ने 222
विवलयन डॉलर उपलब्ध करिाए थे।
• विकासशील और अल्प-विकवसत देशों में संिवृ द्ध को िढ़ािा देना: MDBs ने िुवनयादी ढांचे, ऊजात, वशिा जैसी पररयोजनाओं की सिायता से इन
देशों में संिृवद्ध को िढ़ािा क्रदया िै।
• वनम्न लागत ि लंिी अिवध िाला विि-पोषण प्रदान करना: विकासशील देशों में सतत िुवनयादी ढांचों पर क्रकए जाने िाले व्यय को 2030 तक चार
गुना तक िढ़ाए जाने की आिश्यकता िै।
o MDBs अनुकूल पररवस्थवतयों का वनमातण करके तथा वनिेश के उपयोग िेतु फ्े मिकत विकवसत करके अप्रत्यि रूप से वनजी वनिेश आकर्षतत कर
सकते िैं।
• प्रत्येक MDBs के विज़न दस्तािेज में पररिततन करना: औपचाररक रूप से वतिरी भूवमकाओं को अपनाना:
o गरीिी उन्मूलन, साझा समृवद्ध को िढ़ािा देना और ग्लोिल पवब्लक गुड्स का समािेश करना चाविए। साथ िी, प्रत्यि रूप से संिंवधत सीमा-
पारीय चुनौवतयों को इनके वमशन में स्पि रूप से शावमल क्रकया जाना चाविए।
• विि-पोषण के स्तर में िृवद्ध करना: िषत 2030 तक MDBs के सतत ऋण स्तर को तीन गुना तक िढ़ाया जाना चाविए।
o ओन अकाउं ट नॉन-कन्सेशनल फाइनेंस23 को िढ़ाकर प्रवत िषत 300 विवलयन डॉलर करना चाविए और ररयायती विि को िढ़ाकर प्रवत िषत 90
विवलयन डॉलर तक करना चाविए।
o G-20 के सदस्य देशों को िैवश्वक चुनौवतयों के वलए नए विि-पोषण तंत्र स्थावपत करने पर विचार करना चाविए।
• नए लोचशील कानूनी और संस्थागत तंत्र विकवसत करना: विवशि MDB गवतविवधयों से जुडने के इच्छु क संप्रभु (देश या साितजवनक दाता) दाताओं
के समूि और गैर-संप्रभु (वनजी) वनिेशकों के िीच संिंध स्थावपत क्रकया जाना चाविए।
• MDB प्रणाली के िािर आिश्यक सिायक गवतविवधयां: MDBs और िैवश्वक वििीय संरचना के अन्य भागों के िीच सामंजस्य को िढ़ािा क्रदया
जाना चाविए।
o सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और जलिायु िेतु वनिेश के वलए घरे लू स्तर पर संसाधनों को जुटाया जाना चाविए।
▪ उदािरण के वलए- िोटटंग के मामले अवधक न्यायसंगत विस्सेदारी प्रदान करते हुए िररत पररयोजनाओं के वलए ररयायती ऋण देने िाली
विश्व िैंक की एक शाखा के गठन से पूंजी जुटाना आसान िो सकता िै।
o SDG वनिेश की व्यापक आर्थतक अवनिायतताओं को पूरा करने िेतु MDBs और IMF के िीच घवनष्ठ समन्िय सुवनवश्चत क्रकया जाना चाविए।
िाल िी में, शंघाई सियोग संगठन (SCO) का एक िचुतअल वशखर सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में “नई क्रदल्ली घोषणा-पत्र24” पर िस्तािर क्रकए
गए।
SCO का मित्त्ि
• सदस्य देशों के िीच वद्वपिीय मुद्दे: भारत, चीन और पाक्रकस्तान जैसे सदस्य देशों के िीच आंतररक संघषत चल रिे िैं और विश्वास की भी कमी िनी
हुई िै।
o इस संगठन में चीन की अत्यवधक सक्रियता इसके शवक्त स्तंभों को असंतुवलत कर रिी िै।
• विकास के वलए िहुपििाद का सिारा लेना: भारत को SCO की अध्यिता के दौरान सकारात्मक भूवमका अपनानी चाविए। साथ िी, इस मंच का
उपयोग संपण
ू त यूरेवशया की िेितरी के वलए करना चाविए।
• सुविधाकतात (Facilitator) के रूप में कायत करना: भारत वनयम-आधाररत व्यिस्था के पतन को रोकने के वलए रूस एिं पवश्चम के िीच एक सेतु के
रूप में कायत कर सकता िै।
• राष्ट्रीय वितों को िढ़ािा देना: भारत अपने राष्ट्रीय वितों के वलए SCO के एजेंडे और प्रगवतशील कायतिम को विकवसत करने में अपने राजनवयक ि
कू टनीवतक प्रभाि का इस्तेमाल कर सकता िै।
• विदेश नीवत की स्िायिता िनाए रखना: िाड (QUAD), वब्रक्स (BRICS), साकत (SAARC), आवसयान (ASEAN) जैसे अलग-अलग िेत्रीय
समूि रणनीवतक गठिंधन के संतुवलत विकल्प प्रदान करते िैं।
• रचनात्मक भूवमका: भारत को एक ‘रचनात्मक’ दृविकोण को िढ़ािा देना चाविए। इस दृविकोण का उपयोग करके SCO को असिमवत की िजाय
समझौतों का मंच िनाया जा सकता िै।
िाल िी में, रूस काला सागर अनाज समझौते से अलग िो गया िै।
अन्य संिवं धत त्य
• रूस का दािा िै क्रक इस समझौते के तित उससे क्रकए गए
िादों को पूरा निीं क्रकया गया। साथ िी, उस पर लगाए गए
कई प्रवतिंधों के कारण उसे अभी भी अपने कृ वष उत्पादों और
उितरकों के वनयातत में परे शानी का सामना करना पड रिा िै।
• रूस के अनुसार, समझौते के िाद से यूिेन ने मुयय रूप से उच्च
एिं मध्यम आय िाले देशों को वनयातत क्रकया िै और गरीि
देशों को के िल 3% िी वनयातत क्रकया िै।
आगे की राि
• वििाद के समाधान िेतु अंतरातष्ट्रीय सियोग: रूस और यूिेन के िीच लगातार िढ़ते वििाद को सुलझाने के वलए अंतरातष्ट्रीय सियोग की आिश्यकता
िै।
• संयुक्त राष्ट्र को मजिूत करना और उसमें सुधार करना: रूस-यूिेन युद्ध, जलिायु पररिततन और मानिावधकार संिंधी मुद्दों ने पूरे अंतरातष्ट्रीय समुदाय
का प्रवतवनवधत्ि करने के वलए संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की आिश्यकता को दशातया िै।
• िैवश्वक खाद्य आपूर्तत श्रृख
ं ला को मजिूत करना: राष्ट्रों को िैवश्वक आपूर्तत श्रृंखलाओं में सुधार के वलए संज्ञानात्मक योजना वनमातण (Cognitive
planning), कृ वत्रम िुवद्धमिा (AI)-संचावलत भािी विश्लेषण, उन्नत वनगरानी और ब्लॉकचेन प्रौद्योवगक्रकयों को अपनाने की आिश्यकता िै।
िाल िी में, विदेश मामलों की संसदीय सवमवत ने स्माटत पािर के िारे में अपने विचारों को साझा क्रकया िै।
स्माटत पािर के िारे में
• अमेररकी राजनीवतक शास्त्री जोसेफ नी ने दो प्रकार की विवशि शवक्तयों (पािसत) के िारे में िताया िै: िाडत पािर और सॉफ्ट पािर।
o यक्रद कोई देश अपनी सैन्य िमताओं ि आर्थतक साधनों के माध्यम से क्रकसी अन्य देश को प्रभावित करता िै तो उसे िाडत पािर किते िैं।
o सॉफ्ट पािर क्रकसी देश की ऐसी िमता िै जो विना क्रकसी दिाि के दूसरों को प्रभावित कर सकती िै।
• िालांक्रक, िाडत और सॉफ्ट पािर के अलािा, एक और प्रकार की पािर िै, वजसे स्माटत पािर किा जाता िै।
• स्माटत पािर क्रकसी देश की ऐसी िमता िै, वजसमें िाडत और सॉफ्ट पािर दोनों के िी तत्ि शावमल िोते िैं। यि क्रकसी देश के लक्ष्यों को प्राप्त करने में
प्रभािी और कु शल भूवमका वनभा सकती िै।
o उदािरण के वलए, नॉिे रिा के वलए उिरी अटलांरटक संवध संगठन (NATO/ नाटो) में शावमल िो गया िै। िालांक्रक, नािे ने अपनी सॉफ्ट
पािर को िढ़ाने के वलए विदेशी विकास सिायता और शांवत मध्यस्थता पर आगे िढ़ने िाली नीवतयों को विकवसत क्रकया िै।
• विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत मौजूदा दौर में िैवश्वक स्तर पर स्माटत पािर की भूवमका वनभा रिा िै।
o इसमें कू टनीवत, अनुनय, िमता वनमातण तथा शवक्त एिं प्रभाि का रणनीवतक उपयोग सामावजक-राजनीवतक िैधता के साथ लागत प्रभािी
तरीकों से क्रकया जाता िै।
भारत में सॉफ्ट पािर पर अवधक जानकारी प्राप्त करने के वलए कृ पया क्रदसंिर, 2022 के आर्टतकल 2.5 सॉफ्ट पािर का संदभत लें।
• SCEP की स्थापना, यू.एस.-इं वडया क्लाइमेट एंड क्लीन एनजी एजेंडा 2030 पाटतनरवशप के तित शुरू की गई टू -ट्ैक संलिताओं में से एक के रूप
में की गई थी।
o िषत 2030 एजेंडा की घोषणा 2021 में की गई
थी। इसका उद्देश्य जलिायु और स्िच्छ ऊजात
संिंधी साझा लक्ष्यों की क्रदशा में िोने िाली
प्रगवत में तेजी लाना िै।
o ‘क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोविलाइजेशन
डायलॉग’ इस संलिता का दूसरा ट्ैक िै।
o SCEP को सितप्रथम 2018 में रणनीवतक ऊजात
साझेदारी के रूप में स्थावपत क्रकया गया था।
• अमेररका और भारत द्वारा जारी संयुक्त घोषणा के प्रमुख मिंद ु
o संयुक्त राज्य-भारत नई और उभरती निीकरणीय ऊजात प्रौद्योवगकी कारत िाई मंच (RETAP) शुरू क्रकया गया िै। इसका उद्देश्य साझा
मित्िाकांिी स्िच्छ ऊजात लक्ष्यों को प्राप्त करने के वलए प्रमुख प्रौद्योवगक्रकयों के विकास में तेजी लाना िै।
o स्िच्छ ऊजात अपनाने को िढ़ािा देने के वलए साितजवनक-वनजी ऊजात भंडारण कायत िल का गठन क्रकया गया िै। साथ िी, इसी क्रदशा में प्रयास
करने के वलए निीकरणीय ऊजात के िडे पैमाने पर एकीकरण में सिायता प्रदान की जाएगी।
o भारतीय एजेंवसयों और अमेररकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के िीच सियोग को मजिूत करने के वलए साउथ एवशया ग्रुप फॉर एनजी (SAGE) की
शुरुआत की गई िै।
o दोनों देश स्िच्छ ऊजात अपनाने को िढ़ािा देने के वलए भारत में ‘नेट जीरो’ (शून्य उत्सजतक) गांिों को विकवसत करने की क्रदशा में कायत करने पर
सिमत हुए िैं।
o इमर्जिंग फ्यूल एंड टेक्नोलॉजी स्तंभ के तित ‘काितन कै प्चर, यूरटलाइजेशन एंड कै प्चर’ को शावमल क्रकया गया िै।
• भारत और संयुक्त अरि अमीरात (UAE) ने स्थानीय मुद्राओं में व्यापार के वलए समझौते पर िस्तािर क्रकए।
• भारत के प्रधान मंत्री की संयुक्त अरि अमीरात की राजकीय यात्रा के मुयय मिंद ु:
o भारत और संयुक्त अरि अमीरात ने स्थानीय मुद्रा वनपटान प्रणाली (LCSS)
फ्े मिकत की स्थापना के वलए एक समझौते पर िस्तािर क्रकए िैं। इसका उद्देश्य
सीमा पार लेन-देन के वलए भारतीय रुपये (INR) और संयक्त
ु अरि अमीरात
के क्रदरिम (AED) के उपयोग को िढ़ािा देना िै।
▪ LCSS वनयाततकों और आयातकों को उनकी संिंवधत घरे लू मुद्राओं में
इनिॉइस जारी करने और भुगतान करने में सिम िनाएगा। इससे INR-
AED विदेशी मुद्रा िाजार के विकास को िढ़ािा वमलेगा।
▪ स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से वनिेश को िढ़ािा वमलेगा, लेन-देन की लागत और लेन-देन वनपटान में लगने िाले समय में कमी आएगी।
इससे संयुक्त अरि अमीरात में रिने िाले भारतीयों से प्राप्त विप्रेषण (remittance) भी सकारात्मक रूप से प्रभावित िोगा।
o दोनों देश भारत के यूवनफाइड पेमटें इं टरफे स (UPI) को UAE के इं स्टेंट पेमटें प्लेटफॉमत (IPP) के साथ जोडने पर सिमत हुए िैं।
o दोनों देश अपने-अपने घरे लू काड्सत वस्िचेज, RuPay वस्िच और UAESWITCH को जोडने पर भी सिमत हुए िैं। इससे घरे लू स्तर पर जारी
काड्सत एक-दूसरे के देशों में परस्पर स्िीकार क्रकए जाएंगे और इन काड्सत के जररये हुए लेन -देन की प्रोसेमसंग भी संभि िो सके गी।
2.8.4. िहु-िे त्रीय तकनीकी और आर्थत क सियोग के वलए िं गाल की खाडी पिल (विम्सटे क ) (Bay of Bengal Initiative for
• िहु-िेत्रीय तकनीकी और आर्थतक सियोग के वलए िंगाल की खाडी पिल (विम्सटेक/ BIMSTEC) के विदेश मंवत्रयों की िैठक थाईलैंड में संपन्न हुई।
• भारत ने थाईलैंड की राजधानी िैंकॉक में विम्सटेक विदेश मंवत्रयों की अि तक की पिली िैठक में भाग वलया िै।
• विम्सटेक एक िेत्रीय संगठन िै। इसकी स्थापना 1997 में िैंकॉक घोषणा पर िस्तािर के साथ की गई थी। इसका सवचिालय िांग्लादेश के ढाका में
वस्थत िै।
o प्रारं भ में इसका गठन चार सदस्य राष्ट्रों-
िांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड के
साथ क्रकया गया था। ति इसका संविप्त नाम
BIST-EC था।
2.8.5. ग्लोिल िाइवसस ररस्पां स ग्रु प (Group of Global Crisis Response Group: GCRG)
• GCRG की स्थापना 2022 में संयुक्त राष्ट्र मिासवचि (UNSG) ने की थी। इस ग्रुप का गठन खाद्य सुरिा, ऊजात और विि में परस्पर जुडे संकटों से
संिंवधत तात्कावलक ि मित्िपूणत िैवश्वक मुद्दों का समाधान करने तथा िैवश्वक कायतिािी के समन्िय के वलए क्रकया गया िै।
• GCRG की देखरे ख चैंवपयंस ग्रुप करता िै। इसमें िांग्लादेश, िारिाडोस, डेनमाकत , जमतनी, इं डोनेवशया और सेनग
े ल के राष्ट्राध्यि/ सरकार प्रमुख
शावमल िैं।
• यि वनणतयकतातओं को सुभेद्य देशों की मदद के वलए समाधान खोजने और रणनीवत विकवसत करने में मदद करता िै।
• भारत ने 14िीं स्िच्छ ऊजात मंवत्रस्तरीय (CEM-14) और आठिीं वमशन इनोिेशन (MI-8) िैठक की मेजिानी की।
• CEM-14/MI-8 की थीम थी: “स्िच्छ ऊजात को वमलकर आगे िढ़ना”।
स्िच्छ ऊजात • यि एक उच्च-स्तरीय िैवश्वक मंच िै, वजसका भारत भी • स्िच्छ ऊजात समुद्री िि (CEM-िि)
मंवत्रस्तरीय एक सदस्य िै। यि िैवश्वक स्िच्छ ऊजात अथतव्यिस्था को o यि सभी िेत्रकों के वलए एक साितजवनक-वनजी मंच िोगा। इसका उद्देश्य
(CEM) अपनाने को प्रोत्सावित करने के वलए स्िच्छ ऊजात समुद्री िेत्रक से िोने िाले पररििन के वलए कम अथिा शून्य-उत्सजतन
प्रौद्योवगकी को िढ़ािा देने िाली नीवतयों और ईंधन का उत्पादन करने िेतु आिश्यक वनिेश को जोवखम-मुक्त िनाना िै।
कायतिमों का समथतन करता िै।
वमशन इनोिेशन • यि स्िच्छ ऊजात को सभी के वलए क्रकफायती, आकषतक • MI 2.0 के तित काितन कै प्चर यूरटलाइजेशन एंड स्टोरेज (CCUS) में RD&D
(MI) और सुलभ िनाने िाली एक िैवश्वक पिल िै। (अनुसंधान, विकास और प्रदशतन) के वलए विि-पोषण अिसर घोषणा-पत्र,
o इसका पिला चरण 2015 में पेररस समझौते के 2023 जारी क्रकया गया िै।
साथ शुरू क्रकया गया था।
o MI का दूसरा चरण, वमशन इनोिेशन 2.0 2021
में शुरू क्रकया गया था।
• इसमें 23 देश और यूरोपीय संघ (EU) शावमल िैं।
भारत इसका संस्थापक सदस्य िै।
• MI के अंतगतत शावमल िैं: स्िच्छ िाइड्रोजन, िररत
ऊजात संचावलत भविष्य, शून्य-उत्सजतन पोत पररििन,
काितन डाइऑक्साइड को िटाना, शिरी िेत्रों में स्िच्छ
ऊजात को अपनाना आक्रद।
• यूनाइटे ड फकं गडम ने CPTPP में शावमल िोने के वलए संवध पर िस्तािर क्रकए।
• CPTPP एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) िै। िषत 2018 में 11 देशों के िीच इस समझौते पर सिमवत िनी थी। ये देश िैं: ऑस्ट्ेवलया, ब्रुनेई,
• CPTPP का मित्त्ि:
2.8.8. यू रोवपयन स्काई शील्ड इवनवशएरटि (ESSI) {European Sky Shield Initiative (ESSI)}
• ESSI का लक्ष्य नाटो की एकीकृ त िायु और वमसाइल रिा को मजिूत करने के वलए एक यूरोपीय िायु ि वमसाइल रिा प्रणाली स्थावपत करना िै।
ऐसा यूरोपीय देशों द्वारा िायु रिा उपकरणों एिं वमसाइलों के साझा अवधग्रिण (acquisition) के माध्यम से क्रकया जाएगा।
• वपछले िषत रूस द्वारा यूिेन पर आिमण करने के िाद जमतनी ने इस पिल का नेतत्ृ ि क्रकया था।
o ESSI सदस्यों की संयया 19 िो गई िै। इनमें िेवल्जयम, िुल्गाररया, चेक गणराज्य, नॉिे, स्लोिाक्रकया, यूनाइटे ड फकं गडम आक्रद शावमल िैं।
• ओकत नेय द्वीप समूि ने यूनाइटेड फकं गडम से अलग िोकर नॉिे का एक स्िशावसत राज्यिेत्र िनने की अपनी मंशा प्रकट की िै।
• यि द्वीप स्कॉटलैंड के उिर-पूिी तट पर वस्थत िै।
o यि लगभग 70 छोटे द्वीपों का एक समूि िै, वजनमें से के िल 20 में िी मनुष्यों की िसािट िै।
o 15िीं शताब्दी के अंत तक यि नॉिे और डेनमाकत के शासन के अधीन था। इसके िाद यि स्कॉटलैंड के अधीन आ गया था।
o इसमें यूनेस्को के चार विश्व धरोिर स्थल वस्थत िैं - स्कारा ब्रे, टरं ग ऑफ ब्रोडगर, स्टैंमडंग स्टोन्स ऑफ स्टेननेस और मेशोिे चैम्िडत टॉम्ि।
3.1. राष्ट्रीय िहुआयामी वनधतनता सूचकांक {National Multidimensional Poverty Index (MPI)}
िाल िी में, नीवत आयोग ने राष्ट्रीय िहुआयामी गरीिी सूचकांक का दूसरा संस्करण
जारी क्रकया िै। यि िावलया संस्करण NFHS-5 (2019-21)28 पर आधाररत िै।
अन्य संिवं धत त्य
• यि संस्करण दोनों सिेिणों, NFHS-4 (2015-16) और NFHS-5 (2019-
21) के िीच िहुआयामी वनधतनता को कम करने में भारत की प्रगवत को
दशातता िै।
• यि निंिर 2021 में प्रकावशत िेसलाइन ररपोटत का अगला भाग िै।
• सरकार की GIRG29 पिल के तित, नीवत आयोग MPI िेतु नोडल एजेंसी िै।
o GIRG पिल कई सारे मित्िपूणत सामावजक और आर्थतक मापदंडों पर भारत के प्रदशतन की वनगरानी करती िै।
• भारत के राष्ट्रीय MPI की गणना िेतु उपयोग की जाने िाली विवध {अवल्करे -फोस्टर (AF) पद्धवत30: यि दोिरे कट-ऑफ काउं टटंग पद्धवत के आधार
पर लोगों को वनधतन या गैर-वनधतन के रूप में वचवन्ित करती िै।
o AF पद्धवत के अनुसार, यक्रद क्रकसी व्यवक्त का अभाि/ िंचन स्कोर (Deprivation score) भारत के राष्ट्रीय MPI वनधतनता कटऑफ (33.33%)
के िरािर या उससे अवधक िै, तो उसे MPI वनधतन माना जाता िै।
• राष्ट्रीय MPI के उप-सूचकांक:
o िेड काउं ट रे वशयो (H): क्रकतने व्यवक्त वनधतन िैं?
▪ जनसंयया में मौजूद िहुआयामी रूप से वनधतन व्यवक्तयों का अनुपात िस्तुतिः कु ल जनसंयया से िहुआयामी रूप से वनधतन व्यवक्तयों की सं यया
को विभावजत करके वनकाला जाता िै।
o वनधतनता की व्यापकता/ तीव्रता (A): वनधतनता का स्तर क्या िै?
▪ इसका आकलन िहुआयामी रूप से वनधतन व्यवक्तयों द्वारा सामना क्रकए जाने िाले अभािों के औसत अनुपात से क्रकया जाता िै। व्यापकता/
तीव्रता की गणना के वलए, सभी वनधतन लोगों की अभािग्रस्तता के भाररत स्कोर (Weighted deprivation scores) को जोडा जाता िै
और क्रफर उसे वनधतन लोगों की कु ल संयया से विभावजत क्रकया जाता िै।
o िेड काउं ट रे वशयो (H) और वनधतनता की व्यापकता/ तीव्रता (A) का गुणा करके MPI मान वनकाला जाता िै। यि वनधतनता के दायरे में शावमल
लोगों और उनके अभाि/ िंचन (Deprivations) के स्तर, दोनों को दशातता िै।
• राष्ट्रीय MPI मॉडल में िैवश्वक MPI मॉडल के 10 मूल संकेतकों का उपयोग क्रकया गया िै। िालांक्रक, इनके अलािा इसमें दो अन्य संकेतक, मातृ
स्िास््य और िैंक खाता जोडे गए िैं।
िाल एिं क्रकशोर मृत्यु दर (1/12) • सिे की तारीख से पांच साल पिले की अिवध में पररिार में 18 साल से कम के क्रकसी िच्चे या क्रकशोर की
मृत्यु िो गई िो।
मातृ स्िास््य (1/12) • सिे की तारीख से पांच साल पिले की अिवध में कोई मविला वजसने िच्चे को जन्म क्रदया िो और उसने
कम-से-कम चार प्रसिपूित देखभाल31 प्राप्त न की िो।
वशिा (1/3) स्कू ली वशिा के िषत (1/6) • पररिार का 10 िषत या उससे अवधक आयु का एक भी सदस्य 6 िषत की स्कू ली वशिा पूरी निीं कर पाया
िो।
स्कू ल अटेंडेंस (1/6) • स्कू ल जाने योग्य एक भी िच्चा उस उम्र तक स्कू ल निीं जा पाया िो जि तक उसे किा 8 में िोना चाविए।
जीिन स्तर (1/3) कु फकं ग फ्यूल (1/21) • पररिार गोिर, कृ वषगत फसलों, झावडयों, लकडी, चारकोल या कोयले से भोजन पकाता िो।
सैवनटेशन (1/21) • पररिार के पास साधारण या कोई भी सैवनटेशन सुविधा निीं िो, या उसके पास िेितर सुविधा तो िै
लेक्रकन िि अन्य पररिारों के साथ साझा करता िै।
पेयजल (1/21) • पररिार के पास पेयजल की िेितर सुविधा निीं िै या पेयजल की अच्छी व्यिस्था घर से कम-से-कम 30
वमनट की दूरी पर िै।
आिास (1/21) • पररिार के पास उपयुक्त आिास निीं िो अथातत् फशत, प्राकृ वतक सामवग्रयों से िनाई गई िो और/ या छत या
दीिारें वमट्टी या लकडी की िैं।
पररसंपवि (1/21) • पररिार के पास वनम्नवलवखत में से एक से अवधक संपवि निीं िैिः रे वडयो, टेलीविजन, टेलीफोन, कं प्यूटर,
िैलगाडी, साइक्रकल, मोटरसाइक्रकल या रे क्रफ्जेरेटर और कार या ट्क।
िैंक खाता (1/21) • पररिार के क्रकसी भी सदस्य के पास िैंक खाता या डाकघर खाता निीं िै।
(*कृ पया ध्यान दीवजए- प्रवत व्यवक्त आय, सािरता दर और जीिन प्रत्याशा को MPI संकेतक के रूप में शावमल निीं क्रकया जाता िै)
ररपोटत के प्रमुख मिंदओं
ु पर एक नज़र
• वनधतनता िेड काउं ट रे वशयो (H) में अप्रत्यावशत वगरािट: यि 2015-16 के 24.85% से घटकर 2019-2021 में 14.96% िो गया िै।
o 2015-16 और 2019-21 के िीच 13.5 करोड लोग िहुआयामी वनधतनता के दायरे से िािर आए िैं।
o ग्रामीण िेत्रों में मौजूद वनधतनता के स्तर में सिातवधक तीव्र वगरािट देखी गई िै, जो लगभग 32.5% से घटकर 19% िो गई िै।
o शिरी िेत्रों में मौजूद वनधतनता के स्तर में भी कमी आई िै। यि लगभग 8.5% से घटकर 5% िो गई िै।
• गरीिी की व्यापकता/ तीव्रता में सुधार (A): यि 2015-16 के 47.14% से घटकर 2019-20 में 44.39% िो गया िै।
• MPI मान (H x A) में सुधार: यि 2015-16 के 0.117 से घटकर 2019-20 में 0.066 िो गया िै।
• सभी 12 संकेतकों में सांवययकीय रूप से उल्लेखनीय कमी देखी गई िै।
o पोषण में सुधार, स्कू ली वशिा के िषों, सैवनटेशन और खाना पकाने के ईंधन ने MPI मान को कम करने में मित्िपूणत भूवमका वनभाई िै।
o भारत 2030 से काफी पिले सतत विकास लक्ष्य 1.2 (िहुआयामी वनधतनता को कम-से-कम आधा करना) को िावसल करने की क्रदशा में अग्रसर
िै।
नोट: वनधतनता मापन के िारे में और अवधक जानकारी के वलए निंिर, 2021 की मावसक समसामवयकी में आर्टतकल 3.2 राष्ट्रीय िहुआयामी गरीिी
सूचकांक का संदभत ले सकते िैं।
िाल िी में, ‘GST@6 सरलीकृ त कर, समग्र विकास’ विजन के साथ छठा GST क्रदिस मनाया गया।
• GST एक एकीकृ त कर प्रणाली िै वजसने कें द्र और राज्य, दोनों सरकारों द्वारा लगाए जाने िाले कई
अप्रत्यि करों को प्रवतस्थावपत कर क्रदया िै।
• इसे 1 जुलाई, 2017 को लागू क्रकया गया था।
• GST संरचना: GST प्रणाली के तित दोिरी संरचना को अपनाया गया िै, वजसमें कें द्रीय GST (CGST) और राज्य GST (SGST) शावमल िैं।
इन्िें िमशिः कें द्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाता िै।
o इसके अलािा, अंतर-राज्यीय आपूर्तत और आयात पर एकीकृ त GST (IGST) भी लगाया जाता िै। इसे कें द्र सरकार द्वारा एकवत्रत क्रकया जाता
िै। िालांक्रक, इस एकवत्रत कर को गंतव्य (Destination) राज्य के साथ साझा क्रकया जाता िै।
• GST पररषद (GSTC): यि कें द्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच िै। इसका गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279A के तित क्रकया गया िै। इसमें
अध्यि के रूप में कें द्रीय विि मंत्री और सभी राज्यों तथा कें द्र शावसत प्रदेशों के प्रवतवनवध शावमल िोते िैं।
o यि पररषद, कें द्र और राज्य सरकारों के िीच कर की दरों, छू ट तथा राजस्ि िंटिारे सवित GST के विवभन्न पिलुओं पर वनणतय लेती िै।
• सिकारी संघिाद को प्रोत्सािन: GST पररषद की िैठकें सिकारी संघिाद का उदािरण िन गई िैं। इससे कें द्र और राज्यों के वलए विवभन्न जरटल
मुद्दों पर िातातलाप, चचातएं करना तथा समय पर वनणतय लेना
आसान हुआ िै।
• कर के िोझ में कमी: GST के तित कर की दर कम िोने से कई
सामान्य उपयोग िाली िस्तुओं से संिंवधत कर में वगरािट आई
िै।
o करदाताओं को अवतररक्त लाभ प्राप्त हुए िैं। इसमें सुगम
ऑनलाइन प्रक्रियाएँ, इनपुट टैक्स िे वडट का सुचारू प्रिाि
और तीव्र ररफं ड आक्रद शावमल िैं।
• सूक्ष्म, लघु एिं मध्यम उद्यमों (MSMEs)34 को लाभ: यि
कं पोवजशन स्कीम, QRMP35, िैकवल्पक िार्षतक ररटनत जैसे उपायों की सिायता से MSMEs के अनुपालन िोझ को कम करता िै।
• राजस्ि संग्रि में िृवद्ध: उच्च आर्थतक गवतविवधयों और GST वनयमों के पालन में िृवद्ध के कारण वपछले छि िषों में GST आधाररत राजस्ि संग्रि में
उल्लेखनीय तथा वनरं तर िृवद्ध हुई िै।
o जून 2023 तक संग्रवित राजस्ि जून 2022 की तुलना में 12% अवधक रिा िै।
• राजस्ि में िृवद्ध/ कर उछाल: राज्यों के GST राजस्ि में उल्लेखनीय उछाल आया िै। GST के लागू िोने से पिले इसकी दर 0.72 थी, लेक्रकन GST
के लागू िोने के िाद से इसकी दर 1.22 िो गई िै।
• िाज़ार एकीकरण और ईज ऑफ डू इंग विज़नेस: अवधक आंतररक व्यापार प्रिाि, व्यापार के वलए कर-तटस्थ गंतव्य, मानक कराधान संरचना आक्रद
की सिायता से िाज़ार एकीकरण और व्यापार सुगमता को िढ़ािा वमला िै।
GST के प्रभािी कायातन्ियन में चुनौवतयां
• प्रौद्योवगकी खावमयां: GST पोटतल और ई-िे विमलंग प्रणाली को कई तकनीकी िाधाओं का सामना करना पडा िै। अभी तक इस क्रदशा में िांवछत
प्रगवत निीं हुई िै।
• GST अपीलीय अवधकरण (GST Appellate Tribunals: GSTATs) की अनुपवस्थवत: ऐसी वस्थवत में करदाताओं को िाई कोटत का सिारा लेना
पडता िै। िालांक्रक, GSTATs के वलए सिम कानूनी प्रािधान पेश क्रकए गए थे, लेक्रकन उन्िें अभी भी पूणततिः कायातत्मक िनाया जाना शेष िै।
• करदाताओं के भरोसे में वगरािट: GST पंजीकरणों को मनमाने ढंग से रद्द करने और अपारदशी तरीके से इनपुट टैक्स िे वडट की मनािी के वखलाफ
देश के विवभन्न िाई कोवसत में करदाताओं द्वारा भारी संयया में यावचकाएं दायर की गई िैं। इसके वलए GST कानून के कठोर कायातन्ियन को
उिरदायी ठिराया गया िै।
• कर चोरी और धोखाधडी से संिवं धत दािे: GST अवधकाररयों ने फजी फमों के वखलाफ िावलया अवभयान में 304 मसंवडके ट का भंडाफोड क्रकया िै।
इसमें 9,000 फजी GST पिचान संयया (GSTINs) और 25,000 करोड रुपये के इनपुट टैक्स िे वडट (ITC) दािे शावमल िैं।
• सूचना साझाकरण: सरकार ने धन शोधन वनिारण अवधवनयम (PMLA)36, 2002 के प्रािधानों में संशोधन क्रकया िै। इसका उद्देश्य प्रिततन
वनदेशालय (ED)37 को GST नेटिकत (GSTN) के साथ जानकारी साझा करने की अनुमवत प्रदान करना िै।
वडवजटल उपकरणों में ITC सत्यापन, ई-िे विल सत्यापन और ADVAIT द्वारा • GSTN एक गैर-लाभकारी कं पनी िै। इसे करदाता पंजीकरण,
कारत िाई योग्य जानकारी आक्रद शावमल िैं। ररटनत फाइमलंग और कर भुगतान सवित GST प्रणाली के वलए
• 2021 में शुरू क्रकया गया अद्वैत/ ADVAIT38 अप्रत्यि करों के वलए एक प्रमुख एक आई.टी. आधार के रूप में विकवसत क्रकया गया िै।
विश्लेषण पररयोजना (CBIC द्वारा) िै। इसका उद्देश्य वनम्नवलवखत के वलए विग • GSTC ने GSTN को सरकारी कं पनी में िदलने की मंजूरी दे दी
डेटा और आर्टतक्रफवशयल इंटेवलजेंस का उपयोग करना िै: िै। अतिः GSTN में 100% शेयर स्िावमत्ि सरकार का िोगा।
o अप्रत्यि कर राजस्ि को िढ़ाने िेतु, इसमें 50% शेयर कें द्र सरकार के पास और 50% शेयर संयुक्त
रूप से राज्य सरकारों और कें द्रशावसत प्रदेशों के पास िोगा।
o करदाता आधार को िढ़ाने िेतु, तथा
o डेटा-संचावलत कर नीवत का समथतन करने िेतु।
• पंजीकरण मानदंडों को सयत करना: GST अवधकारी मौजूदा और नए पंजीकरणकतातओं के वलए िायोमेरट्क प्रमाणीकरण एिं वजयो-टैमगंग शुरू
करने की क्रदशा में प्रयासरत िैं। यि कदम जोवखमपूणत संस्थाओं अथातत् कपटपू णत तरीके से इनपुट टैक्स िे वडट का लाभ उठाने िाली इकाइयों के वलए
उठाया जा रिा िै।
• ररटनत फाइमलंग प्रणाली को मजिूत करना: इसका उद्देश्य GST पंजीकरण प्राप्त करने के उद्देश्य से पैन और आधार काडत का दुरुपयोग करने िाले
धोखेिाजों के वखलाफ कारत िाई करना िै।
िाल िी में, GST पररषद40 ने ऑनलाइन गेममंग, िॉसत रे मसंग तथा कै सीनो पर 28 प्रवतशत GST लागू करने का वनणतय वलया िै।
प्रमुख मिंदओं
ु पर एक नजर
• कर की दर: इलेक्ट्ॉवनक गेममंग, कै सीनो और िॉसत रे मसंग पर 28 प्रवतशत की दर से GST लागू क्रकया गया िै।
o GST गेम में एंट्ी के दौरान भुगतान की गई प्रारं वभक रावश पर लगाया जाएगा, न क्रक लगाए गए प्रत्येक दांि के कु ल मूल्य पर।
आगे की राि
• कानूनी स्पिता प्रदान करने और विवनयमन की िहुलता को कम करने की आिश्यकता िै: जैसे- कें द्र सरकार द्वारा एक मॉडल कानून िनाने के वलए
अनुच्छेद-248 के तित अिवशि शवक्तयों का उपयोग क्रकया गया िै।
• ऑनलाइन गेममंग कं पवनयों की पारदर्शतता सुवनवश्चत करना: क्रकसी विशेष कं पनी/ समूि या व्यवक्तयों के पि में कोड में िदलाि करने से रोकने के
वलए पारदर्शतता जरूरी िै।
o कौशल (वस्कल) और संयोग (चांस) आधाररत गेम्स के िीच स्पि अंतर क्रकया जाना चाविए।
o स्िीन टाइमआउट की शुरुआत करने/ प्रवत व्यवक्त गेम की संयया वनधातररत करने जैसे उपाय क्रकए जाने चाविए।
• घाटे की भरपाई के वलए गेम खेलते रिने की प्रिृवि पर अंकुश लगाना: विवभन्न प्लेटफॉम्सत या एक प्लेटफॉमत पर क्रकसी व्यवक्त द्वारा की जाने िाली
लेन-देन की संयया पर एक सीमा आरोवपत की जा सकती िै। इससे और अवधक आर्थतक नुकसान से िचने में मदद वमलेगी।
िाल िी में, कें द्रीय विि मंत्री ने आयकर विभाग से कर आधार को विस्तृत करने के वलए तीन व्यापक वसद्धांतों-‘पारदर्शतता, वनष्पिता और करदाता-
अनुकूल व्यिस्था’ का पालन करने के वलए किा िै।
पारदर्शतता • िैंक खातों और आधार काडत के साथ पैन काडत को मलंक करने से सरकार को िैंकों की सिायता से सभी औपचाररक लेन-देन को ट्ैक करने में मदद
वमली िै।
िस्तुवनष्ठता • वििीय लेन-देन वििरण (SFT)45 में नए डेटा स्रोतों की शुरुआत, जैसे- लाभांश, ब्याज, आक्रद।
• नए TDS46 कोड की शुरुआत, जो वपछले आठ िषों में 36 से िढ़कर 65 िो गई िै।
43 Organisation for Economic Co-operation and Development/ आर्थतक सियोग और विकास संगठन
44 Central Board of Direct Taxes
45 Statement of Financial Transactions
46 Tax Deducted at Source/ स्रोत पर कर कटौती
3.4. जन विश्वास (प्रािधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 {Jan Vishwas (Amendment of Provisions) Bill, 2023}
िाल िी में, संसद ने जन विश्वास (प्रािधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 पाररत क्रकया िै। इस विधेयक का उद्देश्य ईज ऑफ वलमिंग47 एिं ईज ऑफ
डू इंग विजनेस48 को िढ़ािा देना िै।
• इस विधेयक द्वारा 42 कें द्रीय कानूनों के दायरे में आने िाले 180 प्रकार के कृ त्यों को गैर-आपरावधक िना क्रदया गया िै। इन कें द्रीय कानूनों में
पयातिरण, कृ वष, मीवडया, उद्योग और व्यापार, प्रकाशन आक्रद को वनयंवत्रत करने िाले कानून शावमल िैं।
• इस विधेयक के कु छ प्रािधानों में कई प्रकार के ज़ुमातने (Fines) को दंड (Penalties) में िदलने का प्रािधान क्रकया गया िै, वजसका अथत यि िै क्रक
ऐसे मामलों में अि अदालत में मुकदमा चलाकर सजा निीं दी जाएगी।
• भारतीय डाकघर अवधवनयम, 1898 के तित िर्णतत सभी प्रकार के अपराधों एिं दंडों को समाप्त कर क्रदया गया िै।
• कु छ विशेष अवधवनयमों में विवभन्न अपराधों के वलए ज़ुमातने और दंड की समय-समय पर समीिा (प्रत्येक तीन िषत में न्यूनतम रावश में 10% की
िृवद्ध) का प्रािधान क्रकया गया िै।
• वशकायत वनिारण और अपीलीय तंत्र में पररिततन क्रकए गए िैं। साथ िी, कु छ कानूनों के तित दंड वनधातररत करने के वलए एक या अवधक वनणतय
करने िाले अवधकाररयों की वनयुवक्त का भी प्रािधान क्रकया गया िै। इनमें शावमल िैं:
o वसनेमैटोग्राफ अवधवनयम, 1952; पयातिरण (संरिण) अवधवनयम, 1986; मचेंट वशमपंग अवधवनयम, 1958 आक्रद।
• विवनयामकीय कोलेस्ट्ॉल (Regulatory Cholesterol) की भूवमका वनभाना: व्यिसाय के विवभन्न विस्सों की वनगरानी के वलए कई प्रकार के
वनयमों का पालन करना पडता िै, ररपोटत दावखल करनी पडती िै और वनरीिण करने पडते िैं। ये विवनयमन व्यिसाय के संचालन में ठीक िैसे िी
िाधक िनते िैं जैसे शरीर में रक्त पररसंचरण में अत्यवधक कोलेस्ट्ॉल िाधक िनता िै।
o उदािरण के वलए- 150 कमतचाररयों िाले एक MSME को प्रवतिषत 500 से 900 वनयमों का पालन करना पडता िै वजसके वलए उसे भारी
आर्थतक लागत ििन करना पडती िै।
• कारािास से संिवं धत उपधाराएं: भारत में व्यिसाय करने से संिंवधत प्रत्येक 5 कानूनी उपधाराओं (Clauses) में से लगभग 2 में सजा के रूप में
कारािास का प्रािधान िै।
o उदािरण के वलए- देश में व्यिसाय की वनगरानी करने और उस पर प्रभाि डालने िाले 843 आर्थतक कानूनों, वनयमों तथा विवनयमों के अंतगतत
लगभग 26,134 उपधाराएं कारािास से संिंवधत िैं।
• आनुपावतकता (Proportionality) का अभाि: अपराध की अलग-अलग प्रकृ वत िोने िािजूद एक िी जैसी सजा के प्रािधान क्रकए गए िैं।
o उदािरण के वलए- सूचना-प्रौद्योवगकी अवधवनयम, 2000 के तित क्रकसी िेिसाइट पर वशकायत अवधकारी का नाम और उनका संपकत वििरण
प्रकावशत निीं करने पर राजद्रोि िाले के स के समान सजा का प्रािधान िै।
• आपरावधक प्रािधानों को तकत संगत िनाएगा: यि मामूली, तकनीकी या प्रक्रिया संिंधी चूक/ गलती के वलए आपरावधक प्रािधानों को तकत संगत
िनाएगा।
• अपराध की गंभीरता के अनुरूप सजा: यि विधेयक अपराध/ वनयम उल्लंघन की गंभीरता और वनधातररत सजा की गंभीरता के िीच संतुलन स्थावपत
करने में मदद करे गा।
• जीिन-वनिाति को सिज िनाएगा: कई गवतविवधयों को अपराध की श्रेणी से िटाने से नागररकों और लोक सेिकों के िीच वनयमों/ कानूनों के मामूली
उल्लंघन पर जेल जाने का डर समाप्त िोगा। इससे िे सिज जीिन जी सकें गे ।
• ईज ऑफ डू इंग विजनेस को िढ़ािा वमलेगा: समान उद्देश्य से विवभन्न कानूनों में एक-साथ संशोधन से सरकार और कं पवनयों, दोनों के वलए समय
तथा लागत की िचत िोगी।
• न्यायपावलका पर िोझ कम िोगा: उपयुक्त प्रशासवनक न्यायवनणतयन तंत्र न्याय प्रणाली पर पड रिे अनुवचत दिाि को कम करने और न्याय प्रणाली
को अवधक कु शल िनाने में मदद कर सकता िै।
आगे की राि
• प्रक्रिया संिध
ं ी सुरिा उपाय: िस्तुवनष्ठ (पूिातग्रि रवित) विश्लेषण के आधार पर ठोस ि स्पि नीवत वनमातण और वनणतय लेना चाविए।
o प्रत्यायोवजत कानून (Delegated legislation) की संस्थागत प्रणाली में ‘लोकतांवत्रक भािना की कमी’ की वशकायत रिी िै। परामशत, ओपन
िाउस चचात जैसे अनौपचाररक उपायों की सिायता से इस वशकायत को दूर करने में मदद वमल सकती िै।
o वनयमों के अनुपालन में सुधार और आपरावधक धाराओं को तकत संगत िनाने िेतु FSSAI50, ब्यूरो ऑफ इंवडयन स्टैंडडत (BIS), RBI जैसे सभी
विवनयामकीय वनकायों को शावमल करने की जरूरत िै।
o सरकार को क्रकसी विषय के िारे में अपने नीवतगत रुख को पिले स्पि कर देना चाविए। ठीक उसी तरि वजस तरि मौक्रद्रक नीवत सवमवत द्वारा
समय-समय पर मौक्रद्रक नीवत की घोषणा के द्वारा अपना रुख स्पि क्रकया जाता िै।
• विवनयामक प्रभाि मूल्यांकन: कानूनों के प्रभाि का आकलन और मूल्यांकन करने के वलए विवध आयोग के तित एक विवनयामक प्रभाि मूल्यांकन
सवमवत का गठन क्रकया जाना चाविए।
• कानूनी मानकों को पररभावषत करना: आिश्यकता तथा आनुपावतकता के वसद्धांतों सवित कानूनी विवनयमन मानकों का एक सामान्य और सांकेवतक
सेट प्रदान करने के वलए मानकों को पररभावषत करना जरूरी िै।
• कानूनों के भीतर सनसेट क्लॉज का पिले से प्रािधान िोना चाविए: आधुवनक व्यिसायों और उद्यवमयों के िीच विकवसत ज्ञान अथतव्यिस्था और
प्रौद्योवगकी को अपनाने की प्रिृवि देखी गई िै। इसे देखते हुए, कानूनों में पिले से सनसेट क्लॉज िोना चाविए।
3.5. वगग श्रवमक और वगग अथतव्यिस्था (Gig Workers and Gig Economy)
• इसके अलािा, िाल िी में G-20 के श्रम और रोजगार मंवत्रयों की िैठक (2023) संपन्न हुई। इस िैठक में “वगग एिं प्लेटफॉमत श्रवमकों के वलए स्थायी
सामावजक सुरिा” पर एक आउटकम दस्तािेज़ को अपनाया गया।
• राजस्थान सरकार ने “प्लेटफॉमत आधाररत वगग िकत सत (पंजीकरण और कल्याण) विधेयक, 2023” पाररत क्रकया िै। इस प्रकार राजस्थान सरकार ने
वगग श्रवमकों के वलए एक कल्याणकारी विधेयक लाने में अग्रणी भूवमका वनभाई िै।
o इस विधेयक का उद्देश्य “राजस्थान प्लेटफॉमत आधाररत वगग िकत सत कल्याण िोडत” का गठन करना िै। इस िोडत में वगग िकत सत , एग्रीगेटसत और
वसविल सेिक सदस्य के रूप में शावमल िोंगे।
o राज्य सरकार वगग श्रवमकों के एक डेटािेस का रख-रखाि करे गी और उनमें से प्रत्येक श्रवमक के वलए एक विवशि आई.डी. तैयार करे गी।
वगग श्रवमक और वगग अथतव्यिस्था के िारे में
• वगग अथतव्यिस्था मुक्त िाज़ार प्रणाली का एक उदािरण िै। इस प्रणाली की खास िात यि िै क्रक इसमें रोजगार की प्रकृ वत अस्थायी अथातत् अवनवश्चत
िोती िै। इसके तित कं पनी/ संगठन अपने अल्पकावलक कायों िेतु अस्थायी ि
स्ितंत्र श्रवमकों के साथ कॉन्ट्ैक्ट करते िैं।
• वगग कमी ऐसे कमी िोते िैं, जो पारं पररक वनयोक्ता-कमतचारी व्यिस्था के
िािर आजीविका में संलि िोते िैं। इन्िें मोटे तौर पर वनम्नवलवखत में िगीकृ त
क्रकया गया िै:
o प्लेटफॉमत वगग श्रवमक: ऐसे श्रवमक जो ऑनलाइन सॉफ्टिेयर, ऐप्स या
वडवजटल प्लेटफॉमत, जैसे- ज़ोमैटो, वस्िगी, ओला आक्रद पर काम करते िैं।
ज़ोमैटो ि वस्िगी फू ड एग्रीगेटर प्लेटफॉम्सत के उदािरण िैं।
o गैर-प्लेटफॉमत वगग श्रवमक: ये आमतौर पर पारं पररक िेत्र में
अनौपचाररक िेतन कमी और आत्मवनभतर (Self-account) कमी िोते
िैं, जो पाटत-टाइम या फु ल टाइम कायत करते िैं।
• वगग अथतव्यिस्था में िृवद्ध के कारण:
o इंटरनेट तक व्यापक पहुंच,
o स्टाटत-अप इकोवसस्टम में तीव्र िृवद्ध,
o प्लेटफॉम्सत की इंटर-ऑपरे विवलटी, तथा
o संविदा कर्मतयों की िढ़ती मांग।
वगग अथतव्यिस्था से जुडी चुनौवतयां
• नौकरी की असुरिा: वगग श्रवमकों को आमतौर पर स्थायी कमतचाररयों के िजाय क्रकसी प्रोजे क्ट या कायत के आधार पर वनयुक्त क्रकया जाता िै। इससे
श्रवमकों में वििीय अवस्थरता पैदा िो सकती िै और उनके वलए भविष्य की योजना िनाना मुवश्कल िो सकता िै।
• आय में अवस्थरता: वगग कायों की अवनयवमत और अप्रत्यावशत प्रकृ वत के चलते वगग श्रवमकों को आय में उतार-चढ़ाि का सामना करना पडता िै।
आगे की राि
वगग अथतव्यिस्था के वलए भारत में मौजूदा ढांचा
• श्रम कानूनों के तित वगग श्रवमकों को मान्यता: वगग श्रवमकों को
• िेतन संविता, 2019: यि वगग श्रवमकों सवित संगरठत और असंगरठत िेत्रकों में
कॉन्ट्ैक्ट मजदूरों के समकि माना जाना चाविए। साथ िी,
साितभौवमक न्यूनतम िेतन तथा फ्लोर िेज का प्रािधान करता िै।
कं पवनयों को उनके द्वारा क्रकए गए काम को मान्यता प्रदान करने o फ्लोर िेज सरकार द्वारा तय न्यूनतम िेतन िोता िै। यि मजदूरी के वलए एक
की आिश्यकता िै। िेंचमाकत के रूप में कायत करता िै, ताक्रक यि सुवनवश्चत क्रकया जा सके क्रक
• सुवनवश्चत न्यूनतम आय प्रदान करना: वगग श्रवमकों को एक मजदूरी वनधातररत सीमा से कम न दी जाए।
विवशि अिवध में उनके द्वारा क्रकए जाने िाले काम िेतु न्यूनतम
• सामावजक सुरिा संविता, 2020: श्रम और रोजगार मंत्रालय इस संविता की
आय का आश्वासन प्रदान करने की जरूरत िै। सिायता से वगग तथा प्लेटफॉमत श्रवमकों को मान्यता प्रदान करता िै।
• सामावजक सुरिा किर प्रदान करना: वगग श्रवमकों को िीमा, o यि संविता वनम्नवलवखत से संिंवधत मामलों पर कें द्र और राज्य सरकारों से
वगग श्रवमकों के वलए उपयुक्त सामावजक सुरिा योजनाएं तैयार करने का
भविष्य वनवध जैसे सामावजक सुरिा किर के तित लाया जाना
आग्रि करती िै:
चाविए।
▪ जीिन और क्रदव्यांगता किर, दुघटत ना िीमा, स्िास््य एिं मातृत्ि लाभ,
• सामावजक सुरिा संविता, 2020 का कायातन्ियन: राज्यों ने अि
िृद्धािस्था सुरिा आक्रद।
तक इस संविता के तित िनाए जाने िाले वनयम तैयार निीं
• ई-श्रम पोटतल: इसका काम वगग श्रवमकों सवित असंगरठत श्रवमकों का एक डेटािेस
क्रकए िैं। अतिः एक प्रस्तावित िोडत की सिायता से संविता को
तैयार करना िै।
लागू करके वगग श्रवमकों का कल्याण सुवनवश्चत क्रकया जा सकता
िै।
• विि तक पहुंच प्रदान करना: प्लेटफॉमत कर्मतयों और अपना प्लेटफॉमत स्थावपत करने में रुवच रखने िालों के वलए संस्थागत ऋण को प्राथवमकता के
आधार पर सुलभ िनाया जाना चाविए।
िाल िी में, सेिी (SEBI)51 ने उच्च जोवखम िाले कु छ वचवन्ित विदेशी पोटतफोवलयो
वनिेशकों (FPIs)52 की ओर से अवतररक्त प्रकटीकरण को अवनिायत करने का प्रस्ताि
पेश क्रकया िै। इस फ्े मिकत या प्रस्ताि को एक परामशत पत्र के तौर पर जारी क्रकया
गया िै।
अन्य संिवं धत त्य
• इसके जररए उच्च जोवखम िाले FPIs के वलए अपने फं ड के स्िावमत्ि, आर्थतक
वित और वनयंत्रण के िारे में अवतररक्त जानकारी प्रदान करना अवनिायत 53
िनाया गया िै। सेिी ने यि कदम भारतीय शेयर िाजार में विश्वास िढ़ाने के
वलए उठाया िै।
• सेिी ने यि कदम के िल कु छ पिचाने गए FPIs के वलए िी उठाया िै, ताक्रक
ओिरऑल FPI इकोवसस्टम पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाि न
पडे।
FPI के िारे में
51 Securities and Exchange Board of India/ भारतीय प्रवतभूवत एिं विवनमय िोडत
52 Foreign Portfolio Investors
53 Additional disclosures/ अवतररक्त प्रकटीकरण
54 Foreign Institutional Investor/ विदेशी संस्थागत वनिेशक
55 Qualified Foreign Investor/ िावलफाइड विदेशी वनिेशक
• कु छ विशेष कं पवनयों में िी वनिेश करना: कु छ FPIs को अपने पोटतफोवलयो के एक िडे भाग को एक िी कं पनी/ कं पनी समूि में वनिेश करते देखा
गया िै।
o सेिी के िततमान वनयमों के तित, सूचीिद्ध कं पनी में न्यूनतम साितजवनक शेयरधाररता (MPS)59 िेतु एक वनवश्चत सीमा तय की गई िै। लेक्रकन
िाल िी में यि देखा गया िै क्रक कु छ कॉपोरे ट समूिों के प्रिततक (Promoters) या अन्य वनिेशक सेिी के वनयमों को दरक्रकनार करते हुए भारत
से सीधे वनिेश न कर FPI वनिेश मागत का इस्तेमाल कर MPS सीमा का उल्लंघन कर रिे िैं। इस तरि के कें क्रद्रत वनिेश मचंता और फजीिाडे
की संभािना को िढ़ाते िैं।
o इससे सूचीिद्ध कं पवनयों के िाजार मूल्य में िेर-फे र की संभािना भी िढ़ जाती िै।
• प्रेस नोट 3 (PN3) की शतों का उल्लंघन/ दुरुपयोग: PN3 के तित यि अवनिायत िनाया गया िै क्रक भारत के साथ भूवम सीमा साझा करने िाले देश
की कोई कं पनी के िल सरकारी मागत के जररए िी भारत में वनिेश कर सकती िै।
o चूंक्रक PN3 विदेशी पोटतफोवलयो वनिेश पर लागू निीं िोता िै, इसवलए PN3 की शतों से िचने के वलए FPI मागत का दुरुपयोग क्रकया जा
सकता िै।
• संिवं धत पाटी लेन-देन (RPTs)60 के प्रकटीकरण में विफलता: RTP का तात्पयत दो पिों/ कं पवनयों के िीच क्रकए गए क्रकसी सौदे या व्यिस्था से िै,
जो पिले से मौजूद व्यािसावयक संिंध या सामान्य वित के चलते एक-दूसरे से जुडे हुए िैं। िाल िी में, मिंडनिगत ररपोटत में RPT के गैर-प्रकटीकरण
पर आपवि उठाई गई थी।
o FPI के वलए जो िततमान फ्े मिकत िै, उससे FPIs को RPT प्रकटीकरण की आिश्यकताओं को अप्रत्यि रूप से दरक्रकनार करने की अनुमवत
वमली हुई िै।
ऐसे फं ड के वलए आिश्यक धनरावश अनुभिी वनिेशकों (जैसे - एंजेल वनिेशक, o AAA: यि उच्चतम स्तर की रेटटंग िोती िै। यि रे टटंग
ऋणदाताओं को आश्वस्त करती िै क्रक ऋण/ ब्याज का
िेंचर कै वपटवलस्वस आक्रद) से जुटाई जाती िै।
समय पर भुगतान िोने की पूरी संभािना िै।
o इं िस्े टमेंट ग्रेड एक प्रकार की रे टटंग िै जो दशातती िै क्रक नगरपावलका या
o BBB: यि ऋण/ ब्याज अदायगी के मामले में मध्यम
कॉपोरे ट िॉण्ड में वडफॉल्ट का जोवखम िहुत कम िै।
स्तरीय सुरिा की गारंटी िाली रेटटंग िै।
▪ इं िस्े टमेंट ग्रेड रे टटंग पाने के वलए एक कं पनी को ‘BBB’ या उससे उच्च
रे टटंग वमलनी चाविए।
• CDMDF को शुरू करने का उद्देश्य: प्रायिः िाजार में संकट/ दिाि के दौरान ऋण िाजार को कई दिािों का सामना करना पडता िै। ऐसे संकट के
समय सिसे पिले खुले िाजार में िॉण्ड्स और प्रवतभूवतयों (विशेष रूप से लंिी पररपिता अिवध िाले िॉण्ड्स और प्रवतभूवतयां) की वििी िोने
लगती िै, वजससे तरलता संकट की वस्थवत उत्पन्न िो जाती िै। CDMDF ऐसे समय में िी वनिेश-ग्रेड िाली कॉपोरे ट-ऋण प्रवतभूवतयों की खरीद कर
तरलता प्रदान करके िाजार की मदद करे गा।
o वजस प्रकार संकट आने पर RBI िैंकों के वलए तरलता उपलब्ध कराता िै, उसी प्रकार यि फं ड कॉपोरे ट ऋण िाजार की मदद करे गा।
• योगदान (Contribution): कु छ विशेष ऋण-उन्मुख म्यूचुअल फं ड योजनाओं और पररसंपवि प्रिंधन कं पवनयों (AMCs)65 के वलए इस फं ड में
योगदान करना अवनिायत िोगा।
आगे की राि
• अवधक पारदर्शतता सुवनवश्चत करने के वलए िे वडट रे टटंग एजेंवसयों में सुधार और िे वडट रे टटंग प्रक्रिया में िदलाि करना:
o िे वडट रे टटंग कायत में शावमल सभी संस्थाओं के वलए CRA के साथ पंजीकरण अवनिायत िनाया जाना चाविए।
o िे वडट रे टटंग वमल जाने के िाद, जारीकतातओं द्वारा रे टटंग शॉमपंग से िचने के वलए सभी िे वडट रे टटंग को अवनिायत रूप से प्रकावशत क्रकया जाना
चाविए।
▪ RBI के अनुसार, जि कोई कं पनी (या ऋण विपत्र) खराि रे टटंग वमलने के तीन मिीने के भीतर क्रकसी अन्य एजेंसी से समान या िेितर
रे टटंग प्राप्त कर लेती िै तो उसे रे टटंग शॉमपंग किा जाता िै।
• िाजार सूचना की उपलब्धता में सुधार करना:
o िैंकों, वििीय संस्थानों जैसे विश्वसनीय जारीकतातओं को िॉण्ड जारी करने के वलए प्रोत्सावित क्रकया जाना चाविए।
o BSE सेंसेक्स और वनफ्टी 50 जैसे इक्रिटी सूचकांकों की तजत पर ऋण िाजार सूचकांक का वनमातण करने की आिश्यकता िै ।
• वनिेशक आधार का विस्तार करना:
o ब्याज से प्राप्त आय आक्रद पर अवतररक्त कर छू ट प्रदान करके खुदरा वनिेशकों, िावलफाइड संस्थागत वनिेशकों (QII) सवित अन्य की भागीदारी
को प्रोत्सावित करने का प्रयास क्रकया जाना चाविए।
o वनिेशकों का विश्वास िढ़ाने के वलए िैंकों और वििीय संस्थानों की ओर से क्रदिाला (Insolvency) और शोधन अिमता (Bankruptcy)
प्रक्रिया को सुव्यिवस्थत करना चाविए।
3.8. खान और खवनज (विकास और विवनयमन) संशोधन विधेयक, 2023 {The Mines and Minerals (Development and Regulation)
Amendment Bill, 2023}
I. गिराई में पाए जाने िाले और मित्िपूणत खवनजों के वलए अन्िेषण लाइसेंस (Exploration Licence: EL) की शुरुआत:
• लाइसेंस: यि मित्िपूणत (क्रिरटकल) और गिराई में पाए जाने िाले खवनजों का पता लगाने के वलए संभावित स्थल की जांच तथा सिेिण करने की
अनुमवत देगा।
• नीलामी: MMDR अवधवनयम की सातिीं अनुसूची में सूचीिद्ध खवनजों के वलए नीलामी के द्वारा अन्िेषण लाइसेंस (EL) क्रदया जाएगा।
o सातिीं अनुसच
ू ी में 29 खवनज शावमल िैं, वजनमें वलवथयम-युक्त खवनज, तांिा-युक्त खवनज, पोटाश और जस्ता-युक्त खवनज शावमल िैं।
• अन्िेषण लाइसेंस की िैधता: यि लाइसेंस पांच िषत के वलए क्रदया जाएगा।
o राज्य सरकार के पास आिेदन कर लाइसेंस को दो अवतररक्त िषों के वलए िढ़ाया जा सकता िै।
• खनन पट्टा: लाइसेंस-धारक द्वारा खोजे गए ब्लॉक को वनधातररत समय सीमा के भीतर खनन िेतु पट्टे पर देने के वलए नीलाम क्रकया जाएगा। इससे
राज्य सरकारों को िेितर राजस्ि प्राप्त िोगा।
o अन्िेषण एजेंसी खनन पट्टा धारक द्वारा देय नीलामी प्रीवमयम में एक विस्सा पाने की िकदार िोगी।
II. परमाणु खवनजों की सूची में शावमल 12 खवनजों में से 6 खवनजों को िािर क्रकया गया:
• परमाणु खवनजों की सूची से कु छ खवनजों को िािर करना: MMDR अवधवनयम की पिली अनुसूची के भाग-B में सूचीिद्ध 12 परमाणु खवनजों की
सूची से 6 खवनजों को िटाने का प्रस्ताि क्रकया गया िै (इन्फोग्राक्रफक देखें)।
o इन खवनजों का अंतररि उद्योग, इलेक्ट्ॉवनक, संचार आक्रद में उपयोग क्रकया जाता िै। ये भारत की नेट जीरो उत्सजतन प्रवतिद्धता को पूरा करने
के वलए भी मित्िपूणत िैं।
• मित्िपूणत खवनजों के खनन िेतु वनजी िेत्रक को अनुमवत देना: क्रकसी खवनज के
परमाणु खवनजों की सूची में शावमल िोने से उसका खनन और अन्िेषण
सरकारी उपिमों के वलए आरवित िो जाता िै।
o इन खवनजों को परमाणु खवनज की सूची से िटाने से वनजी िेत्रक द्वारा
भी इनकी खोज और खनन का कायत क्रकया जा सके गा।
III. मित्िपूणत खवनजों को खनन लाइसेंस/ पट्टे (कन्सेशन) पर देने िेतु नीलामी करने
का विशेषावधकार कें द्र सरकार को क्रदया गया:
• कें द्र सरकार की भूवमका: नए संशोधन में कें द्र सरकार को MMDR अवधवनयम
की पिली अनुसूची के नए भाग-D में सूचीिद्ध कु छ मित्िपूणत (क्रिरटकल)
खवनजों के खनन पट्टे और समेक्रकत लाइसेंस की नीलामी का विशेषावधकार
क्रदया गया िै।
o पिली अनुसच
ू ी के भाग-D में ‘मित्िपूणत खवनज’ की सूची में शावमल
खवनज िैं;
▪ टंगस्टन, कै डवमयम, दुलतभ भू-तत्ि (Rare earth) समूि के खवनज,
उितरक खवनज और परमाणु खवनजों की सूची से िािर क्रकए गए खवनज।
वनष्कषत
आर्थतक संिवृ द्ध, जलिायु संिंधी कारत िाई और राष्ट्रीय सुरिा के वलए मित्िपूणत खवनज काफी मित्िपूणत िैं। साथ िी, आत्मवनभतर भारत के सपने को
साकार करने के वलए इन खवनजों की खोज/ खनन और वििेकपूणत उपयोग से समझौता निीं क्रकया जा सकता िै।
3.9. मिात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारं टी अवधवनयम, 2005 {Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee
Act (MGNREGA), 2005}
िाल िी में, ग्रामीण विकास एिं पंचायती राज संिंधी संसदीय स्थायी सवमवत ने एक ररपोटत प्रस्तुत की िै। इस ररपोटत में मनरे गा (MGNREGA) से
संिंवधत समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए उनके समाधान िेतु वसफाररशें प्रस्तुत की गई िैं।
इस योजना से संिवं धत अवधक जानकारी के वलए इस मैगजीन के अंत में क्रदए गए पररवशि को देवखए।
मनरे गा से संिवं धत प्रमुख समस्याएं
• अपयातप्त आिंटन और मजदूरी भुगतान में देरी:
o िजटीय आिंटन में कटौती: विि-िषत 2020-21 की तुलना में विि-िषत 2021-22 में 34% कम िजट का आिंटन क्रकया गया था।
o मजदूरी के भुगतान में देरी: यि देरी मुययतिः अिसंरचना संिंधी िाधाओं, फं ड्स की कमी और प्रशासवनक लापरिािी के कारण िोती िै।
• वडवजटाइजेशन:
o वडवजटल िावजरी: मनरे गा के तित सभी कायतस्थलों (व्यवक्तगत लाभाथी योजनाओं/ पररयोजनाओं को छोडकर) पर राष्ट्रीय मोिाइल मॉवनटटरंग
वसस्टम (NMMS) ऐप की सिायता से श्रवमकों की िावजरी दजत क्रकया जाना अवनिायत कर क्रदया गया िै।
o भौगोवलक सूचना प्रणाली (GIS)71 आधाररत योजना वनमातण (युक्तधारा पोटतल): यि िाटरशेड डेिलपमेंट वसद्धांतों72 पर आधाररत ग्राम
पंचायतों की एक समग्र योजना िै। इसके तित GIS का उपयोग क्रकया जा रिा िै।
o वसक्योर (SECURE): यि मनरे गा के तित क्रकए जाने िाले कायों के आकलन, तैयारी और मंजूरी के वलए विकवसत क्रकया गया एक ऑनलाइन
एवप्लके शन िै।
o वजयो-मनरे गा (Geo-MGNREGA): इसमें मनरे गा के तित वनर्मतत पररसंपवियों को वजयो-टैग प्रदान क्रकया जाता िै। इसका उद्देश्य इन
पररसंपवियों का प्रभािी लेखापरीिा सुवनवश्चत करना और भ्रिाचार पर अंकुश लगाना िै।
69 Consumer Price Index for Agricultural Labourers/ कृ वष एिं ग्रामीण श्रवमकों के वलए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
70 CPI-Rural Laborer
71 Geographical Information System
72 Watershed Development Principles
• मजदूरी वनधातरण पर पुनर्ितचार: मिेंद्र देि सवमवत के अनुसार, मजदूरी को मुद्रास्फीवत के वखलाफ सुरिा देने िेतु CPI-RL एक उपयुक्त सूचकांक िै।
अतिः मजदूरी के वनधातरण िेतु CPI-RL को अपनाया जा सकता िै।
o इसके अवतररक्त, प्रत्येक स्तर पर मजदूरी के भुगतान में पारदर्शतता सुवनवश्चत करने के वलए भुगतान प्रक्रिया को सरल िनाया जाना चाविए।
• िमता वनमातण:
o PRIs की प्रशासवनक और तकनीकी िमताओं को मजिूत करना चाविए। इसके वलए ऐसे संस्थानों को वचवन्ित, संगरठत और सूचीिद्ध क्रकया
जाना चाविए, जो मनरे गा के वलए प्रवशिण संस्थान के रूप में कायत कर सकते िों।
o मनरे गा के तित शावमल सभी पररयोजनाओं की वनयवमत सामावजक लेखा परीिा सुवनवश्चत की जानी चाविए। CAG द्वारा अन्य वितधारकों के
परामशत से एक ऐसा तंत्र स्थावपत करना चाविए जो ग्राम सभाओं को इसके वलए मागत दशतन प्रदान करे ।
o मांग-प्रेररत योजना के तित लाभार्थतयों को अपने अवधकारों के संिंध में जागरूक िोना चाविए। अतिः सरकार द्वारा लाभार्थतयों को जागरूक
िनाने के वलए एक प्रभािी सूचना, वशिा एिं संचार (IEC) नीवत िनाई जानी चाविए।
• मविला सशक्तीकरण
o सरकार को अवधवनयम के तित मविला सशक्तीकरण के वलए मित्िपूणत विषयों, जैसे- कायत की प्रकृ वत, कायतस्थल पर सुविधाएं आक्रद के संिंध में
वनयम और क्रदशावनदेश जारी करने चाविए।
• शासन संिध
ं ी सुधार
o मनरे गा का अन्य योजनाओं, जैसे- राष्ट्रीय िनीकरण वमशन, एकीकृ त िागिानी विकास वमशन (MIDH), सडक क्रकनारे िृिारोपण आक्रद के साथ
समन्िय स्थावपत करने िेतु एक संस्थागत तंत्र िनाया जाना चाविए।
▪ यि अपयातप्त िजटीय आिंटन की समस्या को दूर करने तथा योजनाओं का प्रभािी कायातन्ियन और वनगरानी सुवनवश्चत करने में सिायता
प्रदान कर सकता िै।
o कें द्रीय मूल्यांकन और वनगरानी प्रणाली के वनमातण िेतु राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एक प्रिंधन सिायता प्रणाली स्थावपत की जानी चाविए।
o विवभन्न सुधारों, जैसे- पररसंपवियों की वजयो-टैमगंग, वडवजटल उपवस्थवत आक्रद का प्रभाि आकलन क्रकया जाना चाविए। इससे समस्याओं की
पिचान करने ि सुधारात्मक उपायों में मदद वमलेगी।
3.10. प्रधान मंत्री ग्राम सडक योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana: PMGSY)
िाल िी में, ग्रामीण विकास एिं पंचायती राज संिंधी संसदीय स्थायी सवमवत ने PMGSY पर अपनी ररपोटत जारी की िै।
• ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने िषत 2000 में PMGSY के पिले चरण की शुरुआत की थी।
o यि एक कें द्र प्रायोवजत योजना िै।
• िामपंथी उग्रिाद से प्रभावित िेत्रों के वलए सडक संपकत पररयोजना (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected
Areas: RCPLWEA):
o इसकी शुरुआत 2016 में PMGSY के तित एक घटक योजना के रूप में की गई थी।
o इसका उद्देश्य 9 राज्यों में िामपंथी उग्रिाद से प्रभावित 44 वजलों में सडक कनेवक्टविटी में सुधार करना िै।
• ऑनलाइन प्रिंधन, वनगरानी और लेखा प्रणाली (Online Management, Monitoring and Accounting System: OMMAS): यि
PMGSY की वनगरानी के वलए स्थावपत एक तंत्र िै।
• राष्ट्रीय ग्रामीण अिसंरचना विकास एजेंसी (National Rural Infrastructure Development Agency: NRIDA): योजना के कायों का
वनष्पादन राज्य सरकार द्वारा क्रकया जाता िै, जिक्रक ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा NRIDA के जररए से इसकी वनगरानी की जाती िै।
• आिंरटत धनरावश खचत निीं की गई: स्थायी सवमवत की ररपोटत के अनुसार, जनिरी 2023 तक आिंरटत धनरावश में से लगभग 6,800 करोड रुपये
खचत निीं क्रकए गए िैं।
• भूवम अवधग्रिण से संिवं धत समस्याएं: 2010-2015 के िीच की अिवध के वलए CAG74 ने एक ऑवडट ररपोटत जारी की थी। इस ररपोटत के अनुसार,
11 राज्यों में 280 करोड रुपये खचत करने के िाद 372 पररयोजनाओं को भूवम की अनुपलब्धता या भूवम वििादों के कारण िंद कर क्रदया गया था।
• पररयोजनाओं का खराि कायातन्ियन: कु छ पररयोजनाओं को आिश्यक पुलों या िॉस ड्रेनेज संरचनाओं के वनमातण के विना िी पूरा क्रकया गया। इसके
कारण ये सडकें प्रत्येक मौसम में कनेवक्टविटी के वलए उपयोगी निीं रिीं।
o इसके अलािा, PMGSY के चरण 3 के तित, मंजूरी प्राप्त सडकों का वनमातण कायत अभी तक पूरा निीं हुआ िै।
3.11. राष्ट्रीय कृ वष एिं ग्रामीण विकास िैंक (नािाडत) {National Bank for Agriculture and Rural Development: NABARD}
िाल िी में, कें द्रीय गृि मंत्री ने किा क्रक नािाडत ने भारत की ग्रामीण अथतव्यिस्था की रीढ़ के रूप में कायत क्रकया िै।
ग्रामीण अथतव्यिस्था की रीढ़ के रूप में नािाडत की भूवमका
नािाडत का उद्देश्य एकीकृ त ग्रामीण विकास को िढ़ािा देने के वलए विशेष रूप से ‘लक्ष्य-उन्मुख (Goal-oriented)’ पिलों की सिायता से एक सशक्त और
वििीय रूप से समािेशी ग्रामीण भारत का वनमातण करना िै। इसके वलए नािाडत द्वारा वनम्नवलवखत प्रयास क्रकए गए िैं :
• प्रोत्सािन एिं विकास:
o देश की ग्रामीण अिसंरचना विकास वनवध (RIDF)75 के तित लगभग 5 लाख करोड रुपये स्िीकृ त क्रकए गए िैं। RIDF को नािाडत के तित
सृवजत क्रकया गया िै।
o िाटरशेड विकास वनवध और जनजातीय विकास वनवध आजीविका िेतु क्रकए गए अन्य मित्िपूणत प्रयास िैं।
▪ जैस-े िाडी मॉडल (Wasteland Development: Wadi Model): यि जनजातीय जनसंयया की आजीविका के वलए क्रकया गया एक
मित्िपूणत प्रयास िै।
• वनम्न उत्पादकता: भारतीय मिेवशयों का औसत िार्षतक दुग्ध उत्पादन 1172 क्रकलोग्राम िै जो िैवश्वक औसत का मात्र 50% िै।
o पशु आिार एिं चारे की कमी: विश्व के कु ल पशुधन का
AHIDF के िारे में
लगभग 10.7% भाग भारत में िै, जिक्रक इनके भरण
• यि आत्मवनभतर भारत प्रोत्सािन पैकेज के तित स्थावपत कें द्रीय िेत्रक की एक योजना
पोषण के वलए भारत के पास विश्व के कु ल भू-भाग का िै।
के िल 2.3% िी उपलब्ध िै। • यि व्यवक्तगत उद्यवमयों, वनजी कं पवनयों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs),
o पशु स्िास््य: िॉस-ब्रीमडंग कायतिमों के खराि क्रकसान उत्पादक संगठनों (FPOs) तथा धारा 8 के अंतगतत आने िाली कं पवनयों को
कायातन्ियन, टीकाकरण के अपयातप्त किरे ज आक्रद के स्थावपत करने के वलए वनिेश को प्रोत्सावित करता िै। इसके अंतगतत वनम्नवलवखत
कारण विदेशी िीमाररयों (Exotic diseases) के शावमल िैं:
साथ-साथ विवभन्न िीमाररयों के प्रवत पशुधन की o दुग्ध प्रसंस्करण एिं मूल्य िर्धतत अिसंरचना
सुभेद्यता िढ़ी िै। o मांस प्रसंस्करण एिं मूल्य िर्धतत अिसंरचना
o पयातप्त जानकारी न िोना: लघु एिं सीमांत क्रकसानों के o पशु आिार संयत्र
ं
पास निीनतम तकनीक को अपनाने के वलए पयातप्त o नस्ल सुधार प्रौद्योवगकी और नस्ल गुणन फामत
सुविधाएं, जैसे- कृ वष ऋण, जागरूकता आक्रद उपलब्ध o पशु वचक्रकत्सा एिं औषवध उत्पादन सुविधा कें द्रों की स्थापना
o पशु फामत के अपवशि से धन प्रिंधन (कृ वष-अपवशि प्रिंधन)
निीं िैं। • वििीय सिायता:
• राज्य द्वारा पयातप्त सिायता उपलब्ध न िोना: कु ल कृ वष- o ब्याज में 3% की छू ट प्रदान की गई िै।
GDP में पशुधन िेत्रक का योगदान 25.6% िै। ििीं दूसरी o पररयोजना की कु ल लागत का 90% तक ऋण क्रकसी भी अनुसूवचत िैंक, राष्ट्रीय
ओर, कृ वष और संिद्ध िेत्रक पर क्रकए जाने िाले साितजवनक सिकारी विकास वनगम (NCDC) द्वारा प्रदान क्रकया जाएगा।
• आिश्यक िस्तु अवधवनयम, 1955: यि कें द्र सरकार को कु छ िस्तुओं के उत्पादन, उनकी आपूर्तत, वितरण, व्यापार एिं िावणज्य को वनयंवत्रत करने
का अवधकार प्रदान करता िै।
o इस अवधवनयम के तित िाजार में आिश्यक िस्तुओं की कीमतों और उपलब्धता को विवनयवमत करने के वलए उनके भंडारण की सीमा
वनधातररत की जा सकती िै।
आगे की राि
• जलिायु अनुकूल कृ वष को अपनाना: इसके अंतगतत फसल एिं पशुधन उत्पादन प्रणावलयों की सिायता से मौजू दा प्राकृ वतक संसाधनों का संधारणीय
उपयोग करना शावमल िै। इससे उच्च जलिायु पररिततनशीलता के िािजूद अवधक उत्पादकता और कृ वष आय प्राप्त िो सकती िै।
• िेितर मूल्य वनगरानी: छोटे भौगोवलक िेत्रों से प्राप्त डेटा को वनयवमत रूप से अपडेट करना चाविए। इससे मूल्य में उतार-चढ़ाि के प्रारं वभक चरण में
िी िेितर नीवतगत िस्तिेप क्रकया जा सकता िै। उदािरण के वलए- ई-नाम योजना की सिायता से एकत्र क्रकए गए डेटा का उपयोग करना।
• मशीनीकरण की धीमी गवत: सवमवत की ररपोटत के अनुसार, 47% के िततमान स्तर से 75-80% मशीनीकरण िावसल करने में 25 िषत और लग सकते
िैं।
o िततमान में, ऐसा कोई इं जीवनयटरं ग कायतिल उपलब्ध निीं िै जो क्रकसानों को उनके िी स्थान पर मशीन का उपयोग कर क्रदखा सके , उन्िें
प्रवशिण दे सके , मरम्मत और रख-रखाि में मदद कर सके तथा उन्िें मागतदशतन प्रदान कर सके ।
• औपचाररक अध्ययन का अभाि: देश में कृ वष के मशीनीकरण का आकलन करने के वलए अभी तक औपचाररक अध्ययन निीं क्रकया गया िै ।
83 Research and Development in Farm Mechanisation for Small and Marginal Farmers
• अन्य चुनौवतयां: जागरूकता की कमी, सीवमत अनुसंधान एिं विकास, कु शल ररयायती दरों पर कृ वष मशीनरी उपलब्ध करायी जाती िै।
आगे की राि
• कम लागत िाले छोटे उपकरणों पर ध्यान क्रदया जाना चाविए: इससे लघु एिं सीमांत क्रकसानों की जरूरतों को पूरा क्रकया जा सकता िै।
• सिायक इकाइयां स्थावपत की जानी चाविए: ऐसी सिायक इकाइयां स्थावपत करना, जो मशीनरी के वलए मानक घटकों के वनमातण में विशेषज्ञता
रखती िों। इससे क्रकसानों की उत्पाद तक पहुंच िढ़ सकती िै।
• उद्योग के रूप में मान्यता: कृ वष उपकरण विवनमातण को NIC कोड प्रदान करके उन्िें एक अलग उद्योग के रूप में मान्यता दी जानी चाविए। इससे
उन्िें िेितर कायत करने में सिायता वमलेगी और विि तक उनकी पहुंच में सुधार िोगा।
• स्थानीय निाचारों को प्रोत्सावित करना: स्थानीय क्रकसानों और औद्योवगक प्रवशिण संस्थानों (ITIs) द्वारा क्रकए गए निाचारों को विवधित मान्यता
दी जानी चाविए। सरकार को उन्िें ऐसे आविष्कारों के वलए पेटेंट प्राप्त करने में सिायता करनी चाविए और मशीनरी के व्यिसायीकरण में सिायता
करनी चाविए।
• विि-पोषण में आसानी: क्रकसान िे वडट काडत (KCC) की तरि सािवध ऋण प्रक्रियाओं को ‘आिश्यक दस्तािेजों’ की संयया कम करके सरल िनाया
जा सकता िै।
संिवं धत सुर्खतयां
• िाल िी में, कें द्रीय कृ वष और क्रकसान कल्याण मंत्रालय ने प्रधान मंत्री फसल िीमा योजना (PMFBY) के तित प्रौद्योवगकी-आधाररत कई पिलें शुरू की िै।
• शुरू की गई नई पिलें:
o मौसम सूचना नेटिकत डेटा वसस्टम (NDS) पोटतल: यि एक कें द्रीकृ त प्लेटफॉमत िै। यि तालुक/ ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तरों पर स्िचावलत मौसम स्टेशनों एिं
िषात गेज द्वारा एकत्र क्रकए गए िाइपर-लोकल िेदर डेटा की देख-रेख, उसका प्रिंधन ि प्रोसेमसंग करता िै।
▪ यि फसल िीमा, कृ वष सलाि और आपदा शमन में जोवखम आकलन एिं वनणतय लेने की प्रक्रिया में सुधार करे गा।
o प्रौद्योवगकी पर आधाररत उपज अनुमान प्रणाली (Yield Estimation System, based on Technology: YES-TECH) मैनअ
ु ल: यि प्रौद्योवगकी-
संचावलत एक उपज अनुमान प्रणाली िै। यि ग्राम पंचायत स्तर पर सटीक उपज आकलन के वलए पद्धवत, सिोिम कायतप्रणाली और एकीकरण दृविकोण प्रदान
करता िै।
o डोर-टू -डोर नामांकन ऐप AIDE/ सिायक (AIDE/Sahayak): यि ऐप क्रकसानों के वलए फसल िीमा को अवधक सुलभ और सुगम िना कर िाधा रवित एिं
पारदशी प्रक्रिया सुवनवश्चत करता िै।
3.15.1. क्रिप्टो-पररसं प वियों से सं िं वधत गवतविवधयों के वलए िै वश्वक विवनयामक फ्े मिकत (Global Regulatory Framework
for Crypto-Asset Activities)
• वििीय वस्थरता िोडत (FSB) ने क्रिप्टो-पररसंपवियों से संिंवधत गवतविवधयों के वलए िैवश्वक विवनयामक फ्े मिकत को अंवतम रूप क्रदया िै।
• इस फ्े मिकत का उद्देश्य विवनयामकीय और पयतिि
े ी दृविकोणों को व्यापक
िनाना तथा अंतरातष्ट्रीय स्तर पर अनुरूपता को िढ़ािा देना िै। इसमें
क्रिप्टो-पररसंपवि िाजारों में हुई घटनाओं से सीख लेते हुए अनेक
प्रािधान शावमल क्रकए गए िैं।
o यि फ्े मिकत 'समान गवतविवध, समान जोवखम, समान विवनयमन' के
वसद्धांत पर आधाररत िै। फ्े मिकत यि भी सुवनवश्चत करता िै क्रक
क्रिप्टो-पररसंपवियों से संिवं धत गवतविवधयां और स्टेिलकॉइं स
सुसंगत ि व्यापक विवनयमन के अधीन िों।
• इस फ्े मिकत में वनम्नवलवखत के विवनयमन, पयतिि
े ण और वनरीिण के
वलए दो उच्च-स्तरीय वसफाररशें शावमल िैं:
o क्रिप्टो-पररसंपवि संिध
ं ी गवतविवधयों के वलए, तथा
o “िैवश्वक स्टेिलकॉइन व्यिस्थाओं” के वलए।
• FSB ने वसफाररशों के दोनों समूिों द्वारा वनम्नवलवखत तीन िेत्रों को
मजिूत िनाने पर िल क्रदया िै:
o ग्रािक पररसंपवियों की पयातप्त सुरिा सुवनवश्चत करना;
o वितों के टकराि से जुडे जोवखमों का समाधान करना; तथा
o सीमा-पार सियोग को मजिूत करना।
• सेंट्ल िैंक की वडवजटल मुद्राओं को इन वसफाररशों में शावमल निीं क्रकया गया िै।
• क्रिप्टो-पररसंपवि और स्टे िलकॉइं स के िारे में
o क्रिप्टो-पररसंपवियां, वनजी िेत्रक की वडवजटल पररसंपवियां िैं। ये मुयय रूप से क्रिप्टोग्राफी और वडवस्ट्ब्यूटेड लेजर या इसी तरि की तकनीक
पर वनभतर करती िैं।
▪ क्रिप्टो-पररसंपवि िाजारों के अलग-अलग खंड िैं-
✓ ऐसी क्रिप्टो-पररसंपवियां, जो मूल्य के वलए क्रकसी समर्थतत पररसंपवि पर वनभतर निीं िोती िैं (जैसे विटकॉइन),
✓ स्टेिलकॉइं स और
✓ डीसेंट्लाइज्ड फाइनेंस (DeFi)।
o स्टेिलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरें सी िैं, वजनका मूल्य क्रकसी अन्य पररसंपवि की कीमतों से तय क्रकया जाता िै।
• भारत सवित 138 देशों और अवधकार िेत्रों ने िैवश्वक कर समझौते को लागू करने के ऐवतिावसक कदम पर सिमवत व्यक्त की िै।
• आर्थतक सियोग और विकास संगठन (OECD) देशों को कर चोरी और कॉपोरे ट कर पररिार (avoidance) को रोकने में सिम िनाने के वलए कदम
उठा रिा िै। OECD ने 2013 में आधार िरण और लाभ स्थानांतरण (BEPS)86 पर पररयोजना शुरू की थी।
3.15.3. वडवजटल ि सतत व्यापार सु विधा पर िै वश्वक सिे ि ण (Global Survey on Digital and Sustainable Trade
Facilitation)
• व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) ने 'ए िल्डत ऑफ डेट' शीषतक से ररपोटत जारी की िै।
• साितजवनक ऋण सरकार द्वारा अपनी विकास-संिध
ं ी गवतविवधयों
के वलए उधार ली गई कु ल रावश िै। इसमें सरकार की कु ल
देनदाररयां भी शावमल िैं।
• ररपोटत के मुयय मिंदओं
ु पर एक नज़र:
o िैवश्वक साितजवनक ऋण 2000 के िाद से 5 गुना से अवधक
िढ़ गया िै। यि 2022 में 92 रट्वलयन अमेररकी डॉलर था।
o वपछले दशक में विकवसत देशों की तुलना में विकासशील देशों
के ऋण में तेजी से िृवद्ध हुई िै।
▪ िैवश्वक साितजवनक ऋण का लगभग 30 प्रवतशत
विकासशील देशों पर िकाया िै। भारत का साितजवनक
ऋण 2815 विवलयन अमेररकी डॉलर िै।
o िततमान में, आधे विकासशील देश अपने सकल घरे लू उत्पाद का 1.5 प्रवतशत से अवधक और अपने सरकारी राजस्ि का 6.9 प्रवतशत वशिा या
स्िास््य की तुलना में ब्याज भुगतान पर खचत करते िैं।
o विकासशील देश ऋण के वलए अि वनजी ऋणदाताओं पर अवधक वनभतर िैं। इससे इन देशों को ऋण वमलना अवधक मिंगा िो गया िै और ऋण
का पुनगतठन भी अवधक जरटल िो गया िै।
• साितजवनक ऋण में िृवद्ध के पीछे कारक
o कोविड-19 मिामारी, जीिन यापन की लागत का संकट और जलिायु पररिततन आक्रद के कारण उत्पन्न विपदाओं से वनपटने में िहुत अवधक धन
की आिश्यकता िोती िै। यि व्यय विकासात्मक खचों से अलग िोता िै।
o असमान अंतरातष्ट्रीय वििीय संरचना विकासशील देशों की विि-पोषण तक पहुंच को अपयातप्त और मिंगा िना देती िै। इससे आर्थतक विकास की
गवत धीमा िो जाती िै।
• िैवश्वक ऋण िोझ को कम करने की रूपरे खा
o ऋण की उच्च लागत और ऋण संकट के िढ़ते जोवखमों से वनपटना चाविए।
o संकट के समय आकवस्मक विि का विस्तार करते हुए अवधक तरलता प्रदान करनी चाविए।
o ऋण प्रणाली को और अवधक समािेशी िनाना चाविए।
• िाल िी में, सरकार ने साितजवनक िेत्रक के सभी िैंकों और वनजी िेत्रक के पात्र िैंकों को MSSC, 2023 को लागू एिं संचावलत करने की अनुमवत दे
दी िै।
• MSSC का उद्देश्य भारत में युिा लडक्रकयों और मविलाओं को वििीय सुरिा प्रदान करना िै। साथ िी, वििीय समािेशन ि मविला सशक्तीकरण
को िढ़ािा देना भी इसका उद्देश्य िै।
• MSSC की मुयय विशेषताएं:
o MSSC एक लघु िचत योजना िै।
o डाक घरों और पात्र अनुसवू चत िैंकों के जररए इसकी सदस्यता ग्रिण की जा सकती िै।
▪ MSSC योजना के तित दो िषत की अिवध के वलए 31 माचत, 2025 को या उससे पिले खाता खोला जा सकता िै।
o पात्रता: MSSC योजना के तित कोई मविला स्ियं के वलए और नािावलक लडकी के मामले में उसके अवभभािकों द्वारा उसके वलए खाता
खोला जा सकता िै।
o ब्याज दर: MSSC के तित जमा की गई धनरावश पर 7.5% प्रवतिषत की दर से ब्याज क्रदया जाएगा। यि वनवश्चत वतमािी चििृवद्ध ब्याज दर
िोगी।
o वनिेश करने की वनधातररत सीमा: इसके तित वनिेश की जाने िाली न्यूनतम धनरावश 1,000 रुपये िै तथा 100 के गुणक में कोई भी रावश
वनिेश की जा सकती िै। इसमें अवधकतम वनिेश सीमा 2 लाख रुपये िै।
o पररपिता अिवध: इस योजना के तित वनिेश की गई रावश के वलए पररपिता अिवध खाता खोले जाने के िाद से लेकर दो िषत िै।
o धन की वनकासी: MSSC खाताधारक खाता खोलने की तारीख से एक िषत की समावप्त के िाद, लेक्रकन खाते की पररपिता से पिले एक िार में
पात्र शेष रावश का अवधकतम 40 प्रवतशत तक वनकाल सकती िैं।
o कराधान: मविला सम्मान िचत प्रमाण-पत्र के तित सभी आय मौजूदा आयकर प्रािधानों के अनुसार कर योग्य िोगी। िालांक्रक, योजना के तित
TDS (स्रोत पर कर कटौती) निीं काटा जाएगा।
• कें द्रीय विि मंत्री ने किा िै क्रक भारतीय अथतव्यिस्था वविन िैलेंस शीट की समस्या से िािर वनकल गई िै।
• वविन िैलेंस शीट की समस्या से आशय कं पवनयों और िैंकों, दोनों की पिले
की संकटग्रस्त िैलस
ें शीट से िै।
o ति कं पवनयों पर कजत का िोझ अवधक था, लेक्रकन उसे चुकाने के वलए
उनके पास पयातप्त धन निीं था।
o उस समय िैंक भी गैर-वनष्पाक्रदत पररसंपवियों (NPAs) के िोझ तले
दिे हुए थे। यि 2016-17 में NPAs लगभग 12 प्रवतशत तक पहुंच
गई थी।
• क्रकसी अथतव्यिस्था में वविन िैलेंस शीट की समस्या एक मानक पथ का
अनुसरण करती िै।
o उस अथतव्यिस्था की कं पवनयां तेजी के दौरान अवधक वनिेश और
अपना विस्तार करती िैं। इससे उनका कजत दावयत्ि भी िढ़ जाता िै,
वजन्िें चुकाने में िे असमथत िो जाती िैं।
o इस कारण कं पवनयां अपने ऋणों के भुगतान में चूक (वडफॉल्ट) करती
िैं। इससे िैंक की िैलस
ें शीट खराि िो जाती िै और ऋण देने की
उनकी िमता सीवमत िो जाती िै।
3.15.7. कें द्रीकृ त सू च ना प्रिं ध न प्रणाली (Centralised Information Management System: CIMS )
• भारतीय ररज़ित िैंक (RBI) ने CIMS को शुरू क्रकया िै। यि अगली पीढ़ी का डेटा िेयरिाउस (डेटा भंडारण) िै।
• CIMS एक प्लेटफॉमत िै, जो डेटा माइमनंग, टेक्स्ट माइमनंग और सांवययकीय विश्लेषण करे गा।
o यि िेितर आर्थतक विश्लेषण और विग डेटा प्रिाि के प्रिंधन की सिायता से मौक्रद्रक नीवत वनमातण में सुधार करे गा।
o यि साितजवनक उपयोग के वलए अवधक डेटा उपलब्ध कराएगा और िािरी उपयोगकतातओं द्वारा क्रकए जाने िाले ऑनलाइन सांवययकीय विश्लेषण
में भी सिायता प्रदान करे गा।
o CIMS को िावणवज्यक िैंकों द्वारा ररपोर्टिंग के वलए शुरू क्रकया गया िै। इसका विस्तार धीरे -धीरे शिरी सिकारी िैंकों (UCBs) और गैर-
िैंफकं ग वििीय कं पवनयों (NBFCs) तक क्रकया जाएगा।
o RBI ने 2002 में अपना पिला उद्यम-व्यापी डेटा िेयरिाउस, कें द्रीय डेटािेस प्रिंधन तंत्र (CDBMS) स्थावपत क्रकया था।
• इंवडयन िैंक ने अपनी वडवजटल रूपांतरण पिल 'प्रोजेक्ट िेि’ (िल्डत ऑफ एडिांस िचुअ
त ल एक्सपीररयंस) के तित नई सेिाओं की शुरुआत की िै।
o इसे नेशनल ई-गिनेंस सर्ितसज
े वलवमटेड के सियोग से शुरू क्रकया गया िै।
o इसके तित, पारं पररक कागज-आधाररत प्रक्रियाओं को आसान िनाने के वलए एक इलेक्ट्ॉवनक िैंक गारं टी (e-BG) सेिा शुरू की गई िै।
3.15.9. वनयात त तै यारी सू च कां क 2022 {Export Preparedness Index (EPI) 2022 }
• नीवत आयोग ने 'वनयातत तैयारी सूचकांक (Export Preparedness Index: EPI) 2022' का तीसरा संस्करण जारी क्रकया।
• नीवत आयोग ने EPI को इं स्टीट्यूट फॉर कॉवम्परटरटिनेस के
सियोग से जारी क्रकया िै। इसमें विि िषत 2022 के दौरान भारत
के वनयातत प्रदशतन का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत क्रकया गया िै। साथ
िी, इसमें िेत्रक-विवशि और वजला-स्तरीय पण्य वनयातत से
संिंवधत रुझानों का भी उल्लेख क्रकया गया िै।
o EPI के 4 प्रमुख स्तंभ िैं- नीवत; व्यिसाय पाररतंत्र; वनयातत
पाररतंत्र तथा वनयातत प्रदशतन।
o EPI में राज्यों को वनम्नवलवखत श्रेवणयों में िगीकृ त क्रकया
गया िै:
▪ तटीय राज्य,
▪ स्थलरुद्ध राज्य,
▪ विमालयी राज्य और
▪ कें द्र शावसत प्रदेश/ छोटे राज्य।
• सूचकांक के प्रमुख मिंदओं
ु पर एक नज़र
o अवधकतर 'तटीय राज्यों' ने अच्छा प्रदशतन क्रकया िै। इनमें
तवमलनाडु , मिाराष्ट्र तथा कनातटक सितश्रेष्ठ प्रदशतन करने िाले राज्य िैं।
3.15.10. आई.टी. िाडत िे य र के वलए उत्पादन से सं ि द्ध प्रोत्सािन (PLI) योजना 2.0 {Production Linked Incentive
(PLI) Scheme 2.0 for IT Hardware }
• आई.टी. िाडतिय
े र के वलए उत्पादन से संिद्ध प्रोत्सािन (PLI) योजना 2.0 के संचालन िेतु क्रदशा-वनदेशों को मंजरू ी दी गई।
• इन क्रदशा-वनदेशों को इलेक्ट्ॉवनक्स और सूचना प्रौद्योवगकी मंत्रालय (MeitY) ने मंजूरी दी िै।
• PLI योजना 2020 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य घरे लू विवनमातण उद्योग को िैवश्वक स्तर पर प्रवतस्पधी िनाना तथा विवनमातण िेत्रक में भारत
से ग्लोिल चैंवपयंस कं पवनयां खडी करना िै।
o 14 विवनमातण िेत्रकों के वलए PLI योजनाएं शुरू की गई िैं। इनमें वचक्रकत्सा उपकरण, खाद्य उत्पाद, िस्त्र उत्पाद, औषध िेत्रक आक्रद शावमल
िैं।
o आई.टी. िाडतिेयर िेत्रक के वलए PLI योजना को पिली िार 2021 में अवधसूवचत क्रकया गया था।
• आई.टी. िाडतिेयर िेत्रक के वलए PLI 2.0 योजना का उद्देश्य देश भर में आई.टी. िाडतिय
े र विवनमातण प्रणाली को व्यापक और गिन िनाना िै।
o इसके टारगेट सेगमेंट िैं: भारत में विवनर्मतत लैपटॉप, टैिलेट, ऑल-इन-िन PCs, सितर और अल्ट्ा स्मॉल फॉमत फै क्टर।
o सेमीकं डक्टर वडज़ाइन, इं टीग्रेटेड सर्कत ट (IC) विवनमातण और पैकेमजंग को PLI 2.0 के प्रोत्सािन घटक के रूप में शावमल क्रकया गया िै।
• प्रमुख क्रदशा-वनदेशों पर एक नज़र:
o आधार िषत: विवनर्मतत उत्पादों की वनिल िृवद्धशील वििी (net incremental sales) की गणना के वलए विि िषत 2022-23 को आधार िषत
माना गया िै।
▪ इस योजना के तित आधार िषत की तुलना में वनिल िृवद्धशील वििी पर लगभग 5 प्रवतशत का औसत प्रोत्सािन प्रदान क्रकया जाएगा।
o पात्र उत्पाद: भारत में विवनर्मतत और टारगेट सेगमेंट के अंतगतत आने िाले उत्पाद।
o सवचिों का अवधकार प्राप्त समूि (EGoS) इस योजना की वनगरानी करे गा।
o प्रोत्सािन अिवध: 6 िषत।
o प्रोत्सािन दािों के वलए पात्रता मानदंड: टारगेट सेगमेंट की िस्तुओं की वििी पर प्रोत्सािन क्रदया जाएगा।
• सांवययकी और कायतिम कायातन्ियन मंत्रालय (MoSPI) ने आर्थतक सांवययकी पर स्थायी सवमवत (SCES) की जगि SCoS का गठन क्रकया िै।
• SCoS के पास राष्ट्रीय सांवययकी कायातलय के तित क्रकए गए सभी सिेिणों के फ्े मिकत और पररणामों की समीिा करने का व्यापक अवधकार िोगा।
o इसमें 10 सरकारी सदस्य और चार गैर-सरकारी सदस्य िैं, जो प्रययात वशिाविद् िैं।
o इसके विचाराथत विषयों (terms of reference) में सिेिण पररणामों को अंवतम रूप देना और प्रशासवनक डेटा का िेितर उपयोग करना
शावमल िै। सिेिण वडजाइन में सुधार के अलािा, SCoS डेटा अंतराल और उन्िें दूर करने के वलए रणनीवतयों की पिचान करे गी।
o राष्ट्रीय सांवययकी आयोग के पास सिेिण पररणामों के प्रकाशन को मंजूरी देने का अंवतम प्रावधकार िोगा।
• उद्योग संिद्धतन और आंतररक व्यापार विभाग (DPIIT) ने औद्योवगक लाइसेंस की िैधता की अिवध को मौजूदा तीन साल से िढ़ाकर 15 साल कर
क्रदया िै। इसका उद्देश्य ईज़ ऑफ डू इंग विजनेस को िढ़ािा देना िै।
o यक्रद लाइसेंस धारक लाइसेंस जारी िोने के 15 साल के भीतर िावणवज्यक उत्पादन शुरू निीं करता िै, तो संिंवधत प्रशासवनक मंत्रालय
लाइसेंस की अिवध को और तीन साल तक िढ़ा सकता िै।
o यक्रद िावणवज्यक उत्पादन विस्ताररत अिवध (15+3 िषत) के भीतर भी शुरू निीं क्रकया जाता िै, तो औद्योवगक लाइसेंस को स्ित: समाप्त माना
जाएगा।
• भारत में औद्योवगक लाइसेंस, उद्योग (विकास और विवनयमन) अवधवनयम (IDRA), 1951 के तित जारी तथा विवनयवमत क्रकए जाते िैं।
सम्िंवधत त्य
• गृि मंत्रालय (MHA) के अनुसार, CFCFRMS के उपयोग से लगभग 570 करोड रुपये की वििीय धोखाधडी को रोका गया िै।
• वजमेक्स/JIMEX 23: भारतीय नौसेना द्वारा आयोवजत वद्वपिीय जापान-भारत समुद्री अभ्यास 2023 (वजमेक्स 23) का सातिां संस्करण
विशाखापट्टनम में आयोवजत क्रकया गया।
• साल्िेक्स/SALVEX: भारतीय नौसेना-अमेररकी नौसेना के िीच साल्िेज और एक्सप्लोवसि ऑडतनेन्स वडस्पोज़ल (EOD) अभ्यास, SALVEX का
7िां संस्करण कोवच्च में आयोवजत क्रकया गया।
• ऑपरे शन सदनत रे डीनेस - 2023: यि संयक्त
ु समुद्री िलों द्वारा आयोवजत एक िार्षतक िहुराष्ट्रीय अभ्यास िै। इस अभ्यास में भारत, संयुक्त राज्य
अमेररका, इटली, यूनाइटेड फकं गडम और सेशल्े स ने भाग वलया।
• नोमेवडक एलीफैं ट- 2023: यि भारत-मंगोवलया के िीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास िै।
5.1. जैि विविधता (संशोधन) विधेयक, 2023 {Biological Diversity (Amendment) Bill, 2023}
प्रािधान जैि विविधता अवधवनयम, 2002 जैि विविधता (संशोधन) विधेयक, 2023
छू ट के दायरे में • इस अवधवनयम के अनुसार जैविक संसाधनों के • यि संिंवधत िेत्र के पंजीकृ त आयुष वचक्रकत्सकों, स्थानीय लोगों और समुदायों (जैि
िृवद्ध उपयोग के वलए विवनयामक प्रावधकरण से पूित विविधता को िढ़ािा देने िाले और कृ षक) को िावणवज्यक उद्देश्यों के वलए जैविक
मंजरू ी लेना या उसे सूवचत करना अवनिायत िै।
संसाधनों के उपयोग िेतु SSB को पिले सूवचत करने से छू ट प्रदान करता िै।
िौवद्धक संपदा • इस अवधवनयम में स्पि क्रकया गया िै क्रक भारत से • संशोवधत प्रािधान के अनुसार अि IPR प्रदान करने से पिले NBA की मंजरू ी लेनी
अवधकार (IPR) प्राप्त जैविक संसाधनों से जुडे IPR के वलए पडेगी, न क्रक IPR के वलए आिेदन करने से पिले।
के वलए मंजरू ी आिेदन करने से पिले NBA की मंजूरी लेना
अवनिायत िै।
लाभ साझा • इस अवधवनयम के अनुसार, जैविक संसाधनों और • यि विधेयक ‘संवितािद्ध पारं पररक ज्ञान96’ का उपयोग करने िालों को स्थानीय
करना इससे संिवं धत ज्ञान का उपयोग करने िालों को समुदायों के साथ लाभ साझा करने से छू ट प्रदान करता िै।
स्थानीय समुदायों के साथ लाभ साझा करना
अवनिायत िै।
अपराध और • इस अवधवनयम में अलग-अलग गवतविवधयों के • इस विधेयक में कई कृ त्यों को गैर-आपरावधक िना क्रदया गया िै। वनयमों के उल्लंघन
जुमातना वलए सरकारी एजेंवसयों से अनुमवत निीं लेने जैसे के मामले में कारािास के स्थान पर जुमातने का प्रािधान क्रकया गया िै। जुमातने की
अपराधों के मामले में 5 िषत तक की सजा या रावश 1-50 लाख रुपये तक िोगी।
जुमातना अथिा दोनों का प्रािधान था। • लगातार उल्लंघन की वस्थवत में एक करोड रुपये तक का अवतररक्त जुमातना लगाया जा
सकता िै (यिां, दंड वनधातररत करने िाला अवधकारी संयक्त
ु सवचि के स्तर से नीचे की
रैंक का निीं िोना चाविए)।
NBA का • इस अवधवनयम के अनुसार NBA में अध्यि के • इसमें जनजातीय कायत, जैि प्रौद्योवगकी जैसे मामलों से जुडे मंत्रालयों का प्रवतवनवधत्ि
विस्तार अलािा 10 पदेन सदस्य िोना अवनिायत िै। करने िाले 16 पदेन सदस्य िोंगे।
• इसमें विशेषज्ञों और िैज्ञावनकों के िीच से 5 गैर- • इसमें राज्य जैि विविधता िोडत के 4 प्रवतवनवध िोंगे।
आवधकाररक सदस्य वनयुक्त क्रकए जाएंगे। • इसमें विशेषज्ञों (विवध विशेषज्ञ सवित) और िैज्ञावनकों के िीच से 5 गैर-आवधकाररक
सदस्य वनयुक्त क्रकए जाएंगे।
• इसमें जैि विविधता संरिण का अनुभि रखने िाला एक सदस्य-सवचि िोगा, जो
NBA का मुयय समन्िय अवधकारी िोगा।
5.2. पौधा क्रकस्म और कृ षक अवधकार संरिण (Protection of Plant Varieties and Farmers' Rights: PPV&FR)
िाल िी में, क्रदल्ली िाई कोटत ने पेवप्सको इं वडया िोमल्डंग्स (PIH) द्वारा दायर की गई एक अपील को खाररज कर क्रदया। गौरतलि िै क्रक 2021 में
PPV&FR प्रावधकरण ने एक आदेश जारी कर आलू की
एक क्रकस्म FL-2027 के वलए पेवप्सको को वमले IPR
पंजीकरण प्रमाण-पत्र को रद्द कर क्रदया था। इसी के
वखलाफ पेवप्सको ने क्रदल्ली िाई कोटत में अपील दायर की
थी।
मुद्दा क्या था?
• कानून का वनमातण: यि कानून 2001 में रट्प्स (TRIPS)97 समझौते के अनुच्छेद 27(3)(b) के तित िनाया गया था।
o यि अवधवनयम पौधों की नई क्रकस्मों के संरिण के वलए अंतरातष्ट्रीय संघ (UPOV)98, 1978 के उद्देश्यों के अनुरूप िै।
• यि नई, मौजूदा तथा क्रकसानों द्वारा विकवसत क्रकस्मों को संरिण प्रदान करने िाला दुवनया का एकमात्र IPR कानून िै, जो पौधों के ब्रीडसत के साथ-
साथ क्रकसानों को भी िौवद्धक संपदा अवधकार प्रदान करता िै।
o UPOV के विपरीत, यि अवधवनयम नई के साथ-साथ पिले से मौजूद क्रकस्मों के संरिण की भी व्यिस्था करता िै।
क्रकसानों के अवधकार
• क्रकसान के पास नई क्रकस्म को पंजीकृ त करने और संरवित करने का अवधकार िै।
• क्रकसानों को PPV&FR अवधवनयम, 2001 के तित संरवित िीजों के क्रकस्मों के अलािा, कृ वष उत्पादों को सुरवित रखने, उपयोग करने, उनकी एक या एक से
अवधक िार िुआई करने, उनका आदान-प्रदान करने, साझा करने या िेचने का अवधकार िै।
o क्रकसानों को PPV&FR अवधवनयम, 2001 के तित संरवित क्रकस्म के ब्रांडेड िीजों को िेचने का अवधकार निीं िै।
• क्रकसी क्रकस्म के िीजों से अपेवित पररणाम प्राप्त न/ नुकसान िोने की वस्थवत में क्रकसान को मुआिजा प्रदान क्रकया जाएगा।
• यि औद्योवगक उपयोग से संिवं धत िस्तुओं (Devices) के वलए IPR से • इसके तित उन पादप ब्रीडसत को IPR प्रदान क्रकया जाता िै वजन्िोंने उस पादप
संिंवधत िै। क्रकस्म की ब्रीमडंग या विकास क्रकया िै।
• इसके तित क्रकसी आविष्कार को साितजवनक करने के िदले क्रकसी देश की • इस अवधवनयम के तित अवधसूवचत सभी फसल प्रजावतयों की क्रकस्मों को सुरिा
सरकार द्वारा उसके आविष्कारक या आविष्कारक के द्वारा अवधकृ त क्रकसी देने के अलािा क्रकसानों, ब्रीडसत और शोधकतातओं को अवधकार प्रदान क्रकया जाता
व्यवक्त/ संस्था को एक वनवश्चत समय के वलए मूल आविष्कार के संिंध में िै।
विशेष अवधकार प्रदान क्रकया जाता िै।
• इसमें लाभ साझा करने, क्रकसानों को मुआिजा देने का प्रािधान आक्रद शावमल िैं।
• इसमें लाभ साझा करने का कोई प्रािधान निीं िोता िै।
5.3.2. टाइगर ररजित का प्रिं ध न प्रभािशीलता मू ल्यां क न ( MEE) {Management Effectiveness Evaluation (MEE) of
Tiger Reserves}
िाल िी में, राष्ट्रीय िाघ संरिण प्रावधकरण (NTCA)103 ने भारत में टाइगर ररजित के ‘प्रिंधन प्रभािशीलता मूल्यांकन’ (MEE) (5िां चि) पर फाइनल
ररपोटत जारी की िै।
MEE के िारे में
• इस चि में 51 टाइगर ररजहसत का मूल्यांकन क्रकया गया। दो नए घोवषत टाइगर ररजहसत - रामगढ़ विषधारी और रानीपुर - को MEE के िततमान
चि में शावमल निीं क्रकया गया िै।
o के रल के पेररयार टाइगर ररजित को भारत के सितश्रेष्ठ प्रिंधन िाले टाइगर ररजित का दजात क्रदया गया िै।
• MEE का समग्र औसत स्कोर 2010 (दूसरे चि) के 65 प्रवतशत से िढ़कर िततमान मूल्यांकन में 78 प्रवतशत िो गया िै। यि िृवद्ध प्रिंधन
प्रभािशीलता में वनरं तर सुधार को दशातती िै।
o MEE के आधार पर, 51 टाइगर ररज़हसत को चार श्रेवणयों में िगीकृ त कर उन्िें रैं क प्रदान की गई िै: उत्कृ ि (Excellent) (12); िहुत अच्छा
(Very Good) (21); अच्छा (Good) (13); और संतोषजनक (Fair) (5)
o MEE की ररपोटत में देश के क्रकसी भी टाइगर ररजित को ‘खराि (Poor)’ प्रिंधन श्रेणी में निीं रखा गया िै।
• िततमान चि में मुयय संकेतक ‘काितन कै प्चर एंड क्लाइमेट चेंज ’ को सिसे कम स्कोर प्राप्त हुआ िै, क्योंक्रक िाघ संरिण योजनाओं में इसके वलए कोई
प्रािधान निीं क्रकए गए थे।
प्रोजेक्ट टाइगर, िाघ की प्रजावत और NTCA से संिवं धत अवधक जानकारी के वलए अप्रैल, 2023 मावसक समसामवयकी के आर्टतकल 5.1. का संदभत लें।
संिवं धत सुर्खतयां:
5.4. िन संरिण (संशोधन) विधेयक, 2023 {Forest Conservation (Amendment) Bill, 2023}
िाल िी में, संसद के दोनों सदनों ने िन संरिण (संशोधन) विधेयक, 2023 पाररत क्रकया िै।
साथ िी, इसके क्रकसी भी प्रािधान के उल्लंघन के वलए दंड का प्रािधान िै।
टी. एन. गोदािमतन वथरुमुलपाद िनाम भारत संघ िाद (1996)
o संशोधन के िाद अि मूल अवधवनयम को िन (संरिण और संिधतन)
• 1996 तक संिंवधत अवधकारी इस अवधवनयम के प्रािधानों को के िल
अवधवनयम, 1980 के नाम से जाना जाएगा।
भारतीय िन अवधवनयम,1927 के तित अवधसूवचत िनों पर िी लागू
• यि विधेयक भारत को अपने िनािरण/ िृिािरण को िढ़ाने, राष्ट्रीय और क्रकया करते थे।
अंतरातष्ट्रीय पयातिरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करने, राष्ट्रीय मित्त्ि की सामररक एिं • इस िाद में, सुप्रीम कोटत के फै सले ने अवधवनयम के अंतगतत शावमल
‘िन’ की पररभाषा का विस्तार क्रकया, वजसमें वनम्नवलवखत शावमल िैं:
सुरिा संिंधी पररयोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद करे गा आक्रद।
o क्रकसी भी सरकारी (कें द्र और राज्य) ररकॉडत में ‘िन’ के रूप में
प्रमुख संशोधनों पर एक नजर
दजत सभी िेत्र चािे िे क्रकसी भी स्िावमत्ि, मान्यता और
• तार्कत कता: यि संशोधन टी. एन. गोदािमतन िाद (1996) में सुप्रीम कोटत के िगीकरण के तित आते िों।
फै सले से उत्पन्न हुई अस्पिता के िाद इस अवधवनयम को लागू करने के दायरे o सभी िेत्र जो िन “शब्दकोश” के अथत के अनुरूप िैं।
को स्पि करता िै। o 1996 के आदेश के िाद सुप्रीम कोटत द्वारा गरठत विशेषज्ञ
• प्रस्तािना (Preamble): संशोधन के जररए इस अवधवनयम में एक सवमवत द्वारा ‘िन’ के रूप में वनधातररत िेत्र।
o 2030 तक 2.5 से 3 विवलयन टन CO2 के िरािर अवतररक्त काितन मसंक का वनमातण करना।
• दायरा: अवधवनयम के प्रािधानों के तित शावमल की गई भूवम में वनम्नवलवखत शावमल िैं:
o भारतीय िन अवधवनयम, 1927 या अन्य कानूनों के तित िन के रूप में घोवषत/ अवधसूवचत भूवम।
o 1980 या उसके िाद सरकारी ररकॉडत में िन के रूप में दजत भूवम। ये ररकॉडत राज्य सरकारों/ कें द्र शावसत प्रदेश की सरकारों के राजस्ि विभाग/
िन विभाग द्वारा दजत क्रकए जाते िैं।
▪ इसमें ऐसी भूवम शावमल निीं िै वजसे 1996 या उससे पिले िन से गैर-िन्य उद्देश्यों िेतु उपयोग करने के वलए आवधकाररक रूप से
पररिर्ततत क्रकया जा चुका िै।
• छू ट-प्राप्त/ इसके दायरे से िािर रखी गई भूवमयों की श्रेवणयां: भूवम की कु छ श्रेवणयों को अवधवनयम के दायरे से िािर रखा गया िै (इन्फोग्राक्रफक
देखें)।
o इसके अलािा, जो भूवम इस अवधवनयम के तित स्पि रूप से शावमल निीं की गई िै , उस पर िृि लगाना या िृिारोपण या पुनितनीकरण करने
की अनुमवत िै।
• िावनकी (Forestry) गवतविवधयों के तित अवतररक्त गवतविवधयों को शावमल करना: वनम्नवलवखत गवतविवधयों को गैर-िन्य उद्देश्यों की पररभाषा से
िािर क्रकया गया िै:
o संरवित िेत्रों के अलािा अन्य िन िेत्रों में िन्यजीि (संरिण) अवधवनयम, 1972 के तित वचवडयाघरों और सफारी की स्थापना करना;
o संिंवधत िेत्र में लागू योजनाओं में शावमल इको-टू ररज्म सुविधाएं;
109 Scheduled Tribes and Other Traditional Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights Act
5.5. ग्रेडेड रे स्पॉन्स एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan: GRAP)
चरण-1: “खराि 201-300 • अवधक पुराने डीजल/ पेट्ोल िािनों को लेकर राष्ट्रीय िररत अवधकरण/ सुप्रीम कोटत के आदेशों को मौजूदा कानूनों के तित
सयती से लागू करना।
(Poor): िायु
• िोटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में के िल विद्युत/ स्िच्छ ईंधन गैस आधाररत उपकरणों के उपयोग को सुवनवश्चत करना।
गुणििा
इसे चरण-II से चरण-I में स्थानांतररत क्रकया गया िै।
• संशोधन के जररए शावमल क्रकए गए नए प्रािधान:
o नागररक चाटतर: िािनों से िोने िाले प्रदूषण को वनयंवत्रत करने के वलए िाइवब्रड िािनों या इलेवक्ट्क िािनों (EVs)
को प्राथवमकता देना।
o 10/ 15 िषत पुराने या एन्ड-ऑफ लाइफ िाले डीजल/ पेट्ोल िािनों को निीं चलाना अथिा उनका उपयोग निीं करना।
चरण-2: “िहुत 301-400 • औद्योवगक, िावणवज्यक, आिासीय, कायातलय प्रवतष्ठानों आक्रद सवित NCR के सभी िेत्रकों में डीजल जनरेटसत के व्यिवस्थत
खराि (Very या वनयंवत्रत संचालन के वलए वनदेश जारी करना।
Poor)” िायु • संशोधन के जररए शावमल क्रकए गए नए प्रािधान:
गुणििा o NCR के सभी वचवन्ित िॉट-स्पॉट में िायु गुणििा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने िाले प्रमुख िेत्रकों पर कें क्रद्रत
और लवित कारतिाई सुवनवश्चत करना।
चरण-3: “गंभीर 401-450 • NCR में शावमल राज्य सरकारों/ क्रदल्ली सरकार द्वारा कारत िाई: NCR में BS-III पेट्ोल और BS-IV डीजल से चलने िाले
(Severe)” िल्के मोटर िािनों (चौपविया) पर सयत प्रवतिंध लगाना।
िायु गुणििा • संशोधन के जररए शावमल क्रकए गए नए प्रािधान:
o NCR में शावमल राज्य सरकारें / क्रदल्ली सरकार पांचिीं किा तक के िच्चों के वलए स्कू लों में किाएं िंद करने और
ऑनलाइन मोड में किाएं संचावलत करने पर वनणतय ले सकती िैं।
“गंभीर+ o EVs/ CNG/ BS-VI डीजल से चलने िाले िािनों के अलािा, क्रदल्ली के िािर पंजीकृ त क्रकसी भी िल्के मोटर िािनों
को क्रदल्ली में प्रिेश करने की अनुमवत निीं देना। इसमें आिश्यक िस्तुओं को लाने और ले जाने िाले तथा आिश्यक
(Severe +)”
सेिाएं प्रदान करने िाले िािनों को छू ट प्रदान की गई िै।
िायु गुणििा
o NCR में शावमल राज्य सरकारें / क्रदल्ली सरकार किा VI-IX तथा किा XI के िच्चों के वलए स्कू लों में किाएं िंद करने
और ऑनलाइन मोड में किाएं संचावलत करने पर वनणतय ले सकती िैं।
113 India Meteorological Department (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग)/ Indian Institute of Tropical Meteorolog (भारतीय
उष्णकरटिंधीय मौसम विज्ञान संस्थान
वनष्कषत
IQAir द्वारा जारी 5िीं िार्षतक विश्व िायु गुणििा ररपोटत के अनुसार, क्रदल्ली दुवनया के सिसे प्रदूवषत शिरों में चौथे स्थान पर िै। इसवलए ग्रेडेड रे स्पॉन्स
एक्शन प्लान (GRAP), क्रदल्ली-NCR में िायु प्रदूषण को वनयंवत्रत करने और स्िास््य पर इसके नकारात्मक प्रभाि को कम करने के वलए एक सिी कदम
िै।
प्रधान मंत्री ने प्लावस्टक प्रदूषण को समाप्त करने के वलए G-20 देशों से कानूनी रूप से
िाध्यकारी एक प्रभािी अंतरातष्ट्रीय समझौता को साकार करने िेतु वमलकर काम करने का
आग्रि क्रकया िै।
अन्य संिवं धत त्य
• वस्िवजरलैंड वस्थत एक ररसचत कं सल्टेंसी अथत एक्शन (EA) द्वारा जारी “2023
प्लावस्टक ओिरशूट डे ररपोटत ” के अनुसार:
o 28 जुलाई, 2023 के क्रदन पृ्िी पर पिला प्लावस्टक ओिरशूट डे दजत क्रकया गया।
o 6 जनिरी, 2023 को भारत में प्लावस्टक ओिरशूट डे दजत क्रकया गया।
o भारत उन 12 देशों में से एक िै जो दुवनया के 52% कु प्रिंवधत प्लावस्टक अपवशि के वलए वजम्मेदार िैं।
• प्लावस्टक अपवशि का उत्पादन जि प्लावस्टक अपवशि प्रिंधन की िमता से अवधक िो जाता िै ति उसे प्लावस्टक ओिरशूट डे किते िैं। इससे अंततिः
पयातिरण प्रदूवषत िोता िै।
o यि देश के कु प्रिंवधत अपवशि सूचकांक (MWI)114 अथातत् यि कु प्रिंवधत और समग्र अपवशि के अनुपात पर आधाररत िै।
• प्लावस्टक को जलाने से िायु में • अकु शल अपवशि प्रिंधन प्रणावलयां: ये िढ़ती आिश्यकताओं को पूरा निीं कर पा रिी िैं।
विस्फे नॉल और फे थलेवस का उत्सजतन • अपयातप्त डेटा और ररपोर्टिंग: इसकी िजि अलग-अलग िेत्रकों में प्लावस्टक उत्पादों का उपयोग करना िै।
िोता िै।
• एकल उपयोग िाली प्लावस्टक115 को एक िार या थोडे समय के वलए उपयोग क्रकया जाता िै। िालांक्रक, इसका
• माइिो प्लावस्टक के समुद्र और मानि
इस्तेमाल व्यापक रूप से क्रकया जाता िै।
शरीर में प्रिेश करने के गंभीर पररणाम
सामने आते िैं। • नीवतयों का सिी से कायातन्ियन निीं िोना: इसका एक उदािरण िै प्लावस्टक अपवशि प्रिंधन संशोधन वनयम,
• अक्सर समुद्री जीि प्लावस्टक के जालों में 2021 का पूरी तरि से पालन निीं क्रकया जाना।
फं स जाते िैं। • उपभोक्ताओं का व्यििार: िततमान में अवधकतर उपभोक्ता प्लावस्टक वडस्पोज़ेिल्स के उपयोग के अभ्यस्त िो चुके
• प्लावस्टक में मौजूद खतरनाक रसायनों िैं।
के कारण पृ्िी की भू-सति का िरण • उपयुक्त विकल्प का अभाि: प्लावस्टक के विकल्प या तो िहुत मिंगे िैं या इनका िडे पैमाने पर उत्पादन करना
िोता िै। करठन िै।
िाल िी में, चेन्नई में G20-ECSWG तथा सदस्य देशों के पयातिरण और जलिायु
मंवत्रयों118 की एक िैठक संपन्न हुई। इसके समापन के िाद संधारणीय और लचीली नीली
अथतव्यिस्था पर “चेन्नई उच्च स्तरीय वसद्धांतों119” की एक पूरी व्यिस्था को अपनाया गया।
• चेन्नई उच्च-स्तरीय वसद्धांत िास्ति में कई सारे वसद्धांतों का एक समूि िैं, वजनका मुयय
उद्देश्य वनम्नवलवखत िै:
o नीली अथतव्यिस्था के वलए वनगरानी और मूल्यांकन व्यिस्था की स्थापना एिं
उसका कायातन्ियन करना,
• नीली अथतव्यिस्था से आशय मिासागरीय पाररवस्थवतकी-तंत्र को संरवित करते हुए आर्थतक संिवृ द्ध, िेितर आजीविका और रोजगार के वलए
मिासागरीय संसाधनों के संधारणीय उपयोग से िै।
• सतत विकास लक्ष्य (SDG) 14: यि मिासागर, सागर और समुद्री संसाधनों के संरिण ि संधारणीय उपयोग से संिंवधत िै।
• भारत के वलए नीली अथतव्यिस्था का मित्त्ि:
o भारत में नीली अथतव्यिस्था का अनुमावनत आकार: यि भारत के सकल घरे लू उत्पाद के लगभग 4 प्रवतशत के िरािर िै।
o विवशि समुद्री वस्थवत: भारत की तटरे खा की लंिाई लगभग 7,517 क्रक.मी. िै। इसमें 12 प्रमुख िंदरगाि और 187 छोटे िंदरगाि शावमल िैं।
▪ भारत का अनन्य आर्थतक िेत्र (EEZ)120 दो वमवलयन िगत क्रक.मी. से अवधक िै।
o मौजूदा िेत्रकों के वलए लाभप्रद: उदािरण के वलए- यि व्यापार, पोत-पररििन, गिरे समुद्री खवनजों, जलीय कृ वष ि मत्स्य पालन, समुद्री
प्रौद्योवगक्रकयों के विकास आक्रद के वलए लाभदायक िै।
o अन्य लाभ: नीली अथतव्यिस्था रोजगार सृजन, खाद्य सुरिा, आजीविका सुवनवश्चत करने, निीकरणीय ऊजात इत्याक्रद के वलए काफी मित्िपूणत
िै।
• भारत में विवशि संगठनात्मक फ्े मिकत का अभाि: अपतटीय गवतविवधयों के वलए मंजूरी प्रदान करने, पट्टा देने, उनका मूल्यांकन और वनगरानी करने
से संिंवधत फ्े मिकत का अभाि िै।
• व्यापक कानून का अभाि: नीली अथतव्यिस्था के वलए व्यापक कानून का अभाि िै। गौरतलि िै क्रक भारत की नीली अथतव्यिस्था पर एक मसौदा
नीवत का फ्े मिकत 2021 में पृ्िी विज्ञान मंत्रालय ने तैयार क्रकया था।
• मापन संिध
ं ी चुनौवतयां: राष्ट्रीय लेखा प्रणाली की अपनी कवमयों के कारण मौजूदा आर्थत क िगीकरण व्यिस्था के तित समुद्र आधाररत गवतविवधयों
को अन्य से अलग करना करठन िो जाता िै।
• अन्य चुनौवतयों में जलिायु पररिततन, अवत/ असंधारणीय मत्स्यन, समुद्री प्लावस्टक प्रदूषण आक्रद शावमल िैं।
आगे की राि
• एक नोडल एजेंसी स्थावपत करना: इसका कायत नीली अथतव्यिस्था से संिंवधत अलग-अलग िेत्रकों के िीच एकीकरण स्थावपत करना वनधातररत क्रकया
जाना चाविए।
• एक वनवश्चत समय अंतराल पर सिेिण करना: इसके तित खवनजों के िेितर स्रोतों का पता लगाने के वलए अलग-अलग मापदंडों के आधार पर
समुद्री आधार तल का सिेिण करने की आिश्यकता िै।
• एक नई राष्ट्रीय मानवचत्र और डेटा नीवत तैयार करना: अपतटीय िेत्रों और EEZ तथा मिाद्वीपीय मितट से संिंवधत डेटा सुरिा एिं पारदर्शतता के
मामले में िढ़ती अवनिायतताओं को संतुवलत करने की जरूरत िै।
• प्रौद्योवगकी का उपयोग: इसकी मदद से समुद्र में प्रदूषण और संसाधनों के असंधारणीय उपयोग को कम क्रकया जा सकता िै।
• वनजी वनिेश को प्रोत्सावित करना: जलीय कृ वष, समुद्री जैि प्रौद्योवगकी, समुद्री ऊजात जैसे उद्योगों में वनजी वनिेश को प्रोत्सावित करने की
आिश्यकता िै।
अंतरातष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO)123 ने पोतों/ जिाजों (Ships) से िोने िाले GHG
उत्सजतन में कमी लाने के वलए एक रणनीवत को अपनाया िै।
अन्य संिवं धत त्य
• इस रणनीवत को समुद्री पयातिरण संरिण सवमवत (MEPC)124 के 80िें सत्र में
अपनाया गया िै। यि IMO की एक मित्िपूणत सवमवत िै।
• पोत पररििन उद्योग द्वारा GHG उत्सजतन: इसकी मानि जवनत GHG उत्सजतन
मे 2.89% की विस्सेदारी िै।
o इसमें मुययतिः काितन डाइऑक्साइड (CO2), ब्लैक काितन (BC), नाइट्ोजन
ऑक्साइड (NOx) और नाइट्स ऑक्साइड (N2O) शावमल िैं।
इस रणनीवत के मुयय प्रािधान
• GHG उत्सजतन में कमी करना:
o 2008 की तुलना में 2030 तक CO2 उत्सजतन में कम-से-कम 40% की कमी करना।
o वजतनी जल्दी िो सके अंतरातष्ट्रीय पोत पररििन से िोने िाले GHG उत्सजतन के उच्चतम स्तर (Peak) को सीवमत करना और 2050 या उसके
आस-पास “वनिल शून्य GHG उत्सजतन” के लक्ष्य को प्राप्त करना।
• नए पोतों की ऊजात दिता को िेितर िनाना।
• प्रौद्योवगकी को अपनाना: GHG उत्सजतन को कम करने िेतु विकल्पों का उपयोग करना:
o 2030 तक अंतरातष्ट्रीय पोत पररििन में उपयोग की जाने िाली ऊजात में शून्य या लगभग शून्य उत्सजतन करने िाले विकल्पों (जैसे-
प्रौद्योवगक्रकयां, ईंधन और/या ऊजात स्रोत) की विस्सेदारी िढ़ाकर कम-से-कम 5% करना और इसे 10% तक लाने का प्रयास करना।
• समय-समय पर समीिा करना: पंच-िषीय समीिा, पिली समीिा 2028 में िोगी।
• पिन, पोत पररििन और जलमागत मंत्रालय ने िररत िंदरगाि के वलए िररत सागर क्रदशा-वनदेश 2023 जारी क्रकए िैं।
• भारत, IMO की ग्रीन िॉयेज 2050 प्रोजेक्ट के तित चुना जाने िाला पिला देश िै।
• मैरीटाइम विजन 2030 में एक संधारणीय समुद्री िेत्र की पररकल्पना की गई िै।
• कु छ िंदरगािों को िाइड्रोजन िि के रूप में विकवसत क्रकया जाएगा। ये िंदरगाि 2030 तक िररत िाइड्रोजन के प्रिंधन, भंडारण और उत्पादन में सिम िोगें।
वनष्कषत
िमें पोत पररििन उद्योग से िोने िाले उत्सजतन को और कम करने की आिश्यकता िै। इसे वनम्नवलवखत उपायों के जररए संभि क्रकया जा सकता िै:
• निाचारी डीकािोनाइजेशन समाधानों को अपनाकर,
• िैवश्वक सियोग को सुवनवश्चत करके ,
• िाजार-आधाररत उपायों (जैस-े उत्सजतन आधाररत व्यापार प्रणाली) को िढ़ािा देकर,
• विकासशील देशों को सिायता (प्रौद्योवगकी का िस्तांतरण) देकर,
• िुवनयादी ढांचे (पाइपलाइन, भंडारण सुविधाओं) को िेितर िनाकर आक्रद।
िाल िी में, ऊजात संिंधी संसदीय स्थायी सवमवत ने “भारत में पिन ऊजात के
मूल्यांकन127” पर संसद में एक ररपोटत प्रस्तुत की िै।
• िन्यजीिों पर प्रभाि: मिंड फाम्सत िन्य जीिों (पशु, पिी उपलब्ध ब्याज दर छू ट के अलािा 0.25 प्रवतशत की अवतररक्त ब्याज दर में छू ट प्रदान की
128 United Nations Framework Convention on Climate Change/ जलिायु पररिततन पर संयुक्त राष्ट्र फ्े मिकत कन्िेंशन - Conference of
the Parties/ पिकारों का सम्मेलन
129 National Institute of Wind Energy
130 Guidelines for Tariff Based Competitive Bidding Process for Procurement of Power from Grid Connected Wind Power
Projects
131 Generation Based Incentive
आगे की राि
5.11.2. काित न िे वडट ट्े मडं ग स्कीम (Carbon Credit Trading Scheme: CCTS)
5.11.3. भारत जलिायु ऊजात डै श िोडत (ICED) 3.0 {India Climate Energy Dashboard (ICED) 3.0}
5.11.4. विश्व मौसम विज्ञान सं ग ठन (WMO) ओजोन एं ड अल्ट्ािायले ट (UV) िु ले रटन {WMO Ozone and Ultraviolet
(UV) Bulletin}
• विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा जारी नए िुलेरटन से पता चला िै क्रक ओजोन परत में वनरं तर क्रकन्तु धीमी गवत से सुधार िो रिा िै।
WMO ने यि िुलेरटन सात साल के अंतराल के िाद प्रकावशत क्रकया िै।
• िुलरे टन से संिवं धत मुयय मिंद:ु
o मॉवन्ट्यल प्रोटोकॉल और इसमें क्रकए गए संशोधन ओजोन ियकारी पदाथों (ODS) को समाप्त करने में 99% तक सफल रिे िैं।
▪ ODS िातािरण में लंिे समय तक िने रिने िाले मानि वनर्मतत रसायन िोते िैं। ये सुरिात्मक ओजोन परत को नि कर देते िैं।
o जनिरी 2022 में िंगा टोंगा-िंगा िाआपाई ज्िालामुखी प्रस्फु टन ने समताप मंडल में जलिाष्प की मात्रा को 5% से 10% तक िढ़ा क्रदया था।
यि ज्िालामुखी पवश्चमी प्रशांत िेत्र में समुद्र की सति के नीचे वस्थत िै।
▪ पृ्िी की लगभग 90% ओजोन िोभमंडल के ऊपर समताप मंडल में पाई जाती िै।
5.11.5. पशु ओं के िीच आपसी सं चार पर जलिायु पररितत न का प्रभाि ( Climate change Impact on Animal
communication)
• जलिायु पररिततन के कारण समुद्री जल, मीठे जल और भूवम पर रिने िाली प्रजावतयों के िीच रासायवनक संचार प्रणाली में िदलाि िो रिा िै।
o इन्फो-के वमकल्स के माध्यम से िोने िाला रासायवनक संचार पाररवस्थवतक अंतिःक्रियाओं में एक मित्िपूणत भूवमका वनभाता िै। इससे जीिों को
अपने पयातिरण को मिसूस करने तथा वशकाररयों, आिार, पयातिास या सावथयों का पता लगाने में मदद वमलती िै।
▪ इन्फो-के वमकल्स रसायनों के समूि िैं वजनमें िामोन, फे रोमोन और एलीलोके वमकल्स शावमल िैं।
▪ शाकत मछली इन रसायनों के जररये पानी में सूघ
ं कर अवधक दूरी पर मौजूद अपने वशकार का पता लगा लेती िै।
▪ कु छ पौधों की प्रजावतयां परागणकों को आकर्षतत करने के वलए इन्फो-के वमकल्स का उत्सजतन करती िैं। िालांक्रक, िे उन परागणकों को स्ियं
से दूर कर देती िैं जो उन्िें नुकसान पहुंचा सकते िैं।
• जलिायु पररिततन के कारण तापमान िढ़ने से इन्फो-के वमकल्स के उत्पादन और प्रभािशीलता में कमी आ रिी िै।
o अवधक उष्ण तापमान पर चींरटयों की प्रजावतयों में पाया जाने िाले फे रोमोन का िय िो जाता िै। फे रोमोन की गंध के सिारे िी चीरटयां कतार
में चलती िैं। फे रोमोन का िय िोने से उनकी यि गवतविवध प्रभावित िोगी।
o तापमान िढ़ने की िजि से प्रिाल वभवियों की कायत प्रणाली िावधत िोती िै। इससे डैमसेलक्रफश वशकाररयों को पिचानने की अपनी िमता खो
रिी िैं।
• ZSI की स्थापना 1916 में हुई थी। इसकी उत्पवि 1875 में कलकिा (कोलकाता) में भारतीय संग्रिालय के प्राणी शास्त्र अनुभाग से हुई थी। यि पूरे भारत से
जानिरों की खोज, नामकरण, िणतन, िगीकरण और दस्तािेज़ीकरण का कायत करता िै।
• BSI की स्थापना 1890 में की गई थी। इसे देश में पादप प्रजावतयों की खोज करने और आर्थतक मित्त्ि रखने िाली पादप प्रजावतयों की पिचान करने के उद्देश्य से
स्थावपत क्रकया गया था।
• आंध्र प्रदेश ने मलेररया और डेंगू जैसी मच्छर जवनत िीमाररयों के वनयंत्रण के वलए गंिूवसया मछली को राज्य के जल वनकायों में छोडा िै।
• गंिूवसया एक्रफवनस (Gambusia affinis) दविण-पूिी संयक्त
ु राज्य अमेररका की स्थावनक प्रजावत िै।
o इस मछली को मॉवस्कटो क्रफश के नाम से भी जाना जाता िै। इस मछली को मच्छरों के लािात को वनयंवत्रत करने के वलए जैविक एजेंट के रूप में
व्यापक रूप से उपयोग क्रकया जाता िै।
• भारत सवित कई देशों ने गंिवू सया को आिामक प्रजावत के रूप में सूचीिद्ध क्रकया िै।
o इस मछली की प्रजनन िमता िहुत अवधक िोती िै।
o इन्िें अपनी प्रवतस्पधी मछवलयों के अंडे और मेंढक टैडपोल को खाने के वलए जाना जाता िै।
• िाल िी में, िैज्ञावनकों ने कु छ अवत सूक्ष्म कृ वमयों (Worms) को क्रफर से जीवित क्रकया िै। ये कृ वम क्रिप्टो िायोवसस की अिस्था में पहुंचकर 46,000
िषों से साइिेररयन पमातफ्ॉस्ट में जमे हुए थे।
• क्रिप्टो िायोवसस के िारे में
o क्रिप्टो िायोवसस क्रकसी जीि की िि दशा िै, जि उसमें जीिन का कोई भी लिण क्रदखाई निीं देता िै। साथ िी, उसकी चयापचय गवतविवध
मुवश्कल से मापने योग्य िो जाती िै, या विपरीत रूप से रुक सी जाती िै।
o इस अिस्था में जीि जल और ऑक्सीजन की पूणत अनुपवस्थवत में जीवित रि सकता िै तथा अन्य चरम पररवस्थवतयों का सामना कर सकता िै।
o िालांक्रक, चयापचय जीिन की एक पररभावषत विशेषता िै, इसवलए क्रिप्टो िायोवसस को क्रकसी जीि की अस्थायी मृत्यु भी किा जा सकता िै।
5.11.9. िाहु िल्ली मिे शी िाडिं दी (िां स िाडिं दी) {Bahu Balli Cattle Fence (Bamboo Fence)}
• सडक पररििन और राजमागत मंत्रालय, भारत में राजमागों के क्रकनारे िाहु िल्ली मिेशी िाडिंदी को लागू करने की योजना िना रिा िै।
o यि योजना मिेवशयों को सडक पार करने से रोके गी और खतरनाक दुघतटनाओं का कारण िनने से िचाएगी।
• यि िाल िी में खोजी गई झाडी की एक नई प्रजावत िै। यि ऐमारे न्थेसी (Amaranthaceae) कु ल से संिंवधत िै।
• यि एक िारिमासी झाडी िै, जो गुजरात के कच्छ वजले (खाक्रदर िेट और िेला िेत्र) के खारे , शुष्क ि अद्धत-शुष्क िातािरण में उगती िै।
o यि एक प्रोस्ट्ेट अथातत काष्ठीय पादप िै। साल्सोला की अन्य प्रजावतयों के विपरीत, इसमें रोिें (hairs) निीं पाए जाते िैं।
• भारत में खोजी गई साल्सोला जीनस की अन्य प्रजावतयां िैं: साल्सोला काली, साल्सोला िैटमैनी, साल्सोला मोनोप्टेरा, कै रोवक्सलॉन इवम्ब्रकै टम
(साल्सोला िैरीओस्मा) और िैलोगेटन ग्लोमेरेटस (साल्सोला ग्लोमेरेटा)।
• साल्सोला जीनस के पौधों की पवियों में खारा रस पाया जाता िै। इसका उपयोग सािुन िनाने में क्रकया जाता िै। यि औषधीय गुणों से भी भरपूर
िोता िै।
• पशुओं और पौधों को अि स्िायि इकाई के रूप में निीं माना जाता। इसके िजाय उन्िें अि िोस्ट और उनसे संिंवधत सूक्ष्म जीिों, यानी
‘िोलोिायोंवस’ से िने जैि-आणविक (िायो मॉवलक्यूलर) नेटिकत के रूप में जाना जाता िै।
o संिेप में, किा जाए तो िोलोिायोंट एक िोस्ट िै और इसके सभी सूक्ष्मजीि (माइिोि) सिजीिी इकाई के रूप में रिते िैं।
o उदािरण के वलए- फवलयों की जडों में मौजूद जीिाणु पौधे द्वारा उत्पाक्रदत शकत रा से लाभावन्ित िोते िैं और नाइट्ोजन की आपूर्तत करके पौधे के
विकास में मदद करते िैं।
• इस प्रकार, उनके संगरठत जीनोम एक ‘िोलोजीनोम’ का वनमातण करते िैं।
5.11.12. आपदा जोवखम न्यू नीकरण पर िै वश्वक आकलन ररपोटत , 2023 {Global Assessment Report on Disaster
Risk Reduction (DRR) 2023}
5.11.13. राज्यों में अविशमन से िाओं के विस्तार और आधु वनकीकरण के वलए योजना ( Scheme for Expansion and
Modernization of Fire Services in the States)
• कें द्रीय गृि मंत्रालय ने “राज्यों में अविशमन सेिाओं के विस्तार और आधुवनकीकरण के वलए योजना” शुरू की िै। इस योजना को राष्ट्रीय आपदा
प्रवतक्रिया कोष (NDRF) के तित “तैयारी और िमता वनमातण के वलए विि-पोषण मिंडो” िेतु वनधातररत आिंटन से शुरू क्रकया गया िै।
o NDRF आपदा प्रिंधन अवधवनयम, 2005 के तित गरठत एक कोष िै।
o िाल के िषों में आपदा प्रिंधन के प्रवत भारत के दृविकोण में पररिततन आया िै। पिले आपदा प्रिंधन, आपदा के िाद राित अवभयान एिं
कारत िाई पर कें क्रद्रत था, लेक्रकन अि यि आपदा जोवखम न्यूनीकरण पर कें क्रद्रत िो गया िै। अि प्रारं वभक चेतािनी प्रणाली, रोकथाम, शमन और
जमीनी स्तर की तैयारी पर अवधक ध्यान क्रदया जा रिा िै।
• यि योजना 15िें विि आयोग की वसफाररशों पर आधाररत िै।
o आयोग ने NDRF और राज्य आपदा प्रवतक्रिया कोष (SDRF), प्रत्येक में से 12.5 प्रवतशत रावश “तैयारी और िमता वनमातण के वलए विि-
पोषण मिंडो” िेतु आिंरटत करने की वसफाररश की िै।
• योजना की विशेषताएं:
o इस योजना का उद्देश्य राज्यों में अविशमन सेिाओं का विस्तार और आधुवनकीकरण करना िै।
o NDRF के कु ल कोष में से 5,000 करोड रुपये की रावश 'अविशमन सेिाओं के विस्तार और आधुवनकीकरण' को प्राथवमकता देने के वलए
वनधातररत की गई िै।
▪ राज्यों को उनके कानूनी और िुवनयादी ढांचे में सुधारों की आिश्यकता के आधार पर प्रोत्सािन के रूप में 500 करोड रुपये की रावश का
प्रािधान क्रकया गया िै।
o इस योजना के अंतगतत आिंरटत वनवधयों का लाभ उठाने के वलए, संिवं धत राज्य सरकारों को कु ल पररयोजना लागत का 25 प्रवतशत अपने
िजटीय संसाधनों से उपलब्ध कराना िोगा।
▪ पूिोिर और विमालयी (NEH) राज्यों को अपने िजटीय संसाधनों से 10 प्रवतशत की रावश का योगदान करना िोगा।
• आइसलैंड में 24 घंटों में भूकंप के 2,200 झटके दजत क्रकए गए िैं।
• आइसलैंड, मध्य-अटलांरटक कटक (Ridge) पर वस्थत िै। इस कारण यि यूरोप का सिसे िडा और सिसे सक्रिय ज्िालामुखी िेत्र िै।
• कास पठार, मिाराष्ट्र के सतारा वजले में अिवस्थत िै। इसे फू लों की घाटी (यि उिराखंड में वस्थत फू लों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान से अलग िै।) भी किा
जाता िै। यि पवश्चमी घाट के िायोवस्फयर िेत्र में आता िै।
o इस पठार का नाम कासा िृि के नाम पर रखा गया िै। इस िृि का िानस्पवतक नाम एलेओकापतस ग्लैंडुलोसस (रुद्राि कु ल) िै।
o यि पठार आिेय शैलों से िना िै।
o यि पठार यूनस्े को की विश्व प्राकृ वतक विरासत स्थल सूची में “पवश्चमी घाट” शीषतक के तित अंक्रकत िै।
• एक अध्ययन के अनुसार भारत के ढाला िे टर का वनमातण यूरेलाइट नामक उल्कामपंड से हुआ िै। ढाला िे टर लगभग 2500-1700 वमवलयन िषत
o ये वसवलके ट की चट्टान से िने िोते िैं। इनमें ज्यादातर ओलीिाइन और पाइरॉक्सीन चट्टानें शावमल िैं। इनमें 10 प्रवतशत से कम काितन (िीरा
• िैज्ञावनकों का किना िै क्रक 'एंथ्रोपोसीन युग' की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।
• िॉफडत झील (कनाडा) में तलछटों के अध्ययन से एंथ्रोपोसीन युग की
शुरुआत के साक्ष्य वमले िैं।
o िॉफडत झील को इसवलए चुना गया िै, क्योंक्रक यि मेरोवमवक्टक
िै, अथातत् यिां पर जल की परतें आपस में निीं वमलती िैं। साथ
▪ मिासागर का अम्लीकरण,
▪ मेघालय काल (4200 िषत पिले) की शुरुआत आकवस्मक भयंकर सूखे से हुई थी, वजसके कारण कई सभ्यताएं नि िो गई थीं।
▪ भू-िैज्ञावनकों को इस पररघटना का प्रमाण मेघालय की मौमलुि गुफा प्रणाली में वमला िै।
आगे की राि
• वििीय संस्थानों को स्िायिता देना: इससे सरकारों के अपारदशी और अवििेकपूणत खचों की िेितर वनगरानी की जा सकती िै और फं ड को अवधक
उत्पादक कायों में लगाया जा सकता िै।
• ररसाि को खत्म करना: लाभार्थतयों की पिचान करने की प्रणाली को सुव्यिवस्थत क्रकया जाना चाविए, ताक्रक गरीिों को िेितर तरीके से लवित
क्रकया जा सके । साथ िी, कल्याणकारी योजनाओं के लाभों/ िस्तुओं के वितरण में भ्रिाचार को रोकने के वलए ठोस नीवतगत सुधार करना आिश्यक
िै।
• डेटा आधाररत नीवत: सामावजक सुरिा कायतिमों की वनगरानी और मूल्यांकन के वलए जेंडर, आयु, नृजातीयता एिं क्रदव्यांगता संिंधी अलग-अलग
डेटा भंडाररत क्रकया जाना चाविए। साथ िी, लोगों में विश्वास की ििाली के वलए लाभार्थतयों से एकत्र क्रकए गए डेटा की सुरिा पूित शतत िोनी
चाविए।
• वशकायत वनिारण तंत्र: वशकायतों को दूर करने की ऐसी प्रणाली विकवसत की जाए, जो अनामता (Anonymity) की गारं टी दे और वजसमें व्यवक्तगत
एिं सामूविक स्तर पर वशकायत दजत करने की सुविधा िो।
• समय-समय पर समीिा: वनयवमत समीिा से कल्याणकारी योजना के लक्ष्य में िाधा िनने िाली क्रकसी भी कमी को दूर करने में मदद वमलेगी।
• लैंवगक असमानता: ऐसा देखा गया िै क्रक प्रायिः िॉश (WASH) पररयोजनाओं के वलए योजना िनाने या इनकी वडजाइमनंग में मविलाओं को शावमल
निीं क्रकया जाता िै। इससे पररयोजना के कायातन्ियन में चुनौवतयों का सामना करना पडता िै।
o संयुक्त राष्ट्र की एक ररपोटत के अनुसार, भारत में एक-चौथाई ग्रामीण पररिारों की मविलाएं और लडक्रकयां प्रवतक्रदन 50 वमनट से अवधक समय
जल एकत्र करने में व्यतीत करती िैं।
• व्यििार संिध
ं ी चुनौवतयां: आदतें, अवभिृवियां (Attitude) और इच्छाशवक्त की कमी जैसे कई कारक साफ-सफाई से संिंवधत ज्ञान को व्यििार में
लाने से रोकते िैं।
o उदािरण के वलए- परं परागत व्यिस्था के आदी िोने के कारण लोग साफ-सफाई की नई सुविधाओं और विचारों का विरोध करते िैं। उदािरण
के वलए- स्िच्छ भारत वमशन (SBM) के तित िनाए गए शौचालयों का प्रायिः उपयोग निीं क्रकया जाता िै।
• स्िच्छता संिंधी उत्पादों को खरीदने में सिम निीं िोना: उदािरण के वलए- सुदरू िती स्थानों में, िहुत-सी मविलाएं वडस्पोजेिल पैड, टैम्पन्स या
मेंस्ुअल कप जैसे स्िच्छता संिंधी उत्पाद खरीदने में सिम निीं िैं।
• वसविल सोसाइटी की भागीदारी का अभाि: साफ-सफाई से संिंवधत अवधकांश पिलें गैर-सरकारी संगठनों (NGO) द्वारा कायातवन्ित की जाती िैं,
फकं तु नीवत/ योजना वनमातण में उनकी भूवमका अत्यं त कम िोती िै।
• असुरवित पेयजल का जोवखम: कें द्रीय प्रदूषण वनयंत्रण िोडत (CPCB)138 ने यि िताया था क्रक भारत के 276 वजलों का भौम-जल दूवषत िै। इन
वजलों के भौम-जल में तय सीमा (Permissible limit) से अवधक फ्लोराइड, आसेवनक और नाइट्ेट पाया गया िै।
• स्िच्छता संिध
ं ी अिसंरचना के िारे में जानकारी का अभाि: स्िच्छता संिंधी मौजूदा अिसंरचना के िारे में निीनतम, विश्वसनीय जानकारी का
अभाि िै।
आगे की राि
• व्यििार पररिततन: खुले में शौच के व्यििार को िदलने के वलए स्िच्छ भारत वमशन (SBM) के तित “नमजंग (Nudging)” का उपयोग क्रकया गया।
इसके वलए मास मीवडया “नज (Nudge)” उपायों की मदद ली गई। इसका एक उदािरण िै- दरिाजा िंद अवभयान। “नमजंग” एक तरि का उपाय िै
वजसके तित लोगों पर विना दिाि डाले अपने सिोिम वित में कायत करने के वलए प्रेररत क्रकया जाता िै।
• जागरूकता: लोगों को घरे लू/ व्यवक्तगत स्तर पर सूचना, वशिा और संचार (IEC) की सिायता से िॉश (WASH) के लाभों के िारे में जानकारी दी
जानी चाविए। साथ िी, उन्िें इसके सकारात्मक प्रभािों के िारे में जागरूक क्रकया जाना चाविए।
• लैंवगक रूप से संिद
े नशील विमल्डंग कोड: सामुदावयक जल आपूर्तत स्थलों और स्िच्छता सुविधाओं (शौचालयों) में मविलाओं के वलए अलग व्यिस्था
िोनी चाविए। साथ िी, ये सुविधाएं घर के वनकट उपलब्ध िोनी चाविए और इन सुविधाओं तक आने-जाने िाले मागत में उवचत प्रकाश की व्यिस्था
िोनी चाविए।
• सामुदावयक भागीदारी: इससे योजना िनाने में स्थानीय कारकों पर विचार करने में मदद वमलेगी। साथ िी, इससे ‘िन साइज क्रफट फॉर ऑल
अप्रोच’ से िािर वनकलने में मदद वमलेगी।
• िंवचत िेत्रों पर ध्यान कें क्रद्रत करना: िामपंथी उग्रिाद से प्रभावित िेत्रों में प्रायिः िॉश (WASH) रणनीवत के प्रिंधन और कायातन्ियन के वलए मानि
संसाधनों की कमी िोती िै। इसवलए, इन िेत्रों को अवधक मानि संसाधन और वििीय आिंटन की आिश्यकता िोती िै।
• लागत-दि वनिेश: पररणाम-आधाररत दृविकोण और वनर्मतत सामावजक अिसंरचना की उपयोवगता का पालन करके कायतिमों को लागत के संिंध में
दि िनाया जाना चाविए।
• प्रिततन, वनगरानी और फीडिैक को मजिूत करना: जिािदेिी तंत्र को मजिूत करना, प्रिततन, सिभागी वनगरानी, ग्राउं ड लर्निंग ररपोटत के जररए
मूल्यांकन क्रकया जाना चाविए। साथ िी, फीडिैक की सिायता से कवमयों को दूर क्रकया जाना चाविए।
• विवभन्न िेत्रकों के िीच सियोग: क्रदव्यांगों, िृद्धजनों, िच्चों आक्रद की सुरिा के साथ-साथ विवभन्न िेत्रकों के िीच सियोग को वनरं तर मजिूत तथा
विस्ताररत क्रकया जाना चाविए।
• भुखमरी में तीव्र िृवद्ध: 2023 में 345 वमवलयन से अवधक लोगों को गंभीर खाद्य असुरिा का सामना करना पड रिा िै।
o यि संयया 2020 की तुलना में दोगुनी से भी अवधक िै। इसकी मुयय
िजिें कोविड-19 का आर्थतक प्रभाि, रूस-यूिेन युद्ध, विश्व के
विवभन्न भागों में संघषत की वस्थवत एिं आर्थतक वगरािट िैं।
• विि की कमी: गंभीर भुखमरी से ग्रस्त लोगों की संयया तीव्र दर से िढ़
रिी िै, जिक्रक WFP का विि-पोषण धीमी गवत से िढ़ रिा िै।
o खाद्य पदाथों और ईंधन की िढ़ती कीमतों के कारण खाद्य सिायता
पहुंचाने की लागत 2019 की तुलना में 44% अवधक िो गई िै।
• लॉवजवस्टक्स: विश्व में भुखमरी से ग्रस्त लोग प्रायिः सुदरू , दुगतम िेत्रों में
रिते िैं। उदािरण के वलए- दविण सूडान में िषात ऋतु के दौरान कु छ
इलाके अलग-थलग पड जाते िैं।
• जलिायु पररिततन और प्राकृ वतक आपदाएं: जलिायु पररिततन के कारण
प्राकृ वतक आपदाओं की िढ़ती आिृवि और तीव्रता ने WFP की प्रवतक्रिया िमताओं (Response capacities) को प्रभावित क्रकया िै।
आगे की राि
• दि लॉवजवस्टक्स प्रिंधन: इसके वलए अत्याधुवनक लॉवजवस्टक्स प्रणावलयों में वनिेश करना चाविए तथा स्थानीय संगठनों और कं पवनयों के साथ
साझेदारी करनी चाविए। साथ िी, खाद्य वितरण को ट्ैक करने और इसकी दिता सुवनवश्चत करने िेतु प्रौद्योवगकी का इस्तेमाल क्रकया जाना चाविए।
• स्थानीय समुदायों को सशक्त िनाना: स्थानीय समुदायों के साथ कायत करते हुए उन्िें खाद्य सुरिा पिल में सक्रिय भूवमका वनभाने के वलए सशक्त
िनाया जाना चाविए। इससे संधारणीयता को िढ़ािा वमल सकता िै और सिायता कायतिमों की प्रभािशीलता िढ़ सकती िै।
• िेितर समन्िय: अन्य मानितािादी संगठनों, संयुक्त राष्ट्र एजेंवसयों और स्थानीय सरकारों के सियोग से अवधक कु शल संसाधन आिंटन संभि िो
सकता िै। साथ िी, इससे संसाधन आिंटन में लगने िाले समय ि उनके दोिराि को भी रोका जा सकता िै।
अन्य त्य:
भारत में WFP की पिलें
लवित साितजवनक वितरण • निाचारी समाधानों को संचावलत करना, उदािरण के वलए- िाल िी में, चािल के वलए ‘अन्नपूर्तत (Annapurti)’ नामक अनाज
प्रणाली (PDS) में िदलाि वितररत करने िाले स्िचावलत ATMs लगाए गए िैं। इनका उद्देश्य साितजवनक वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रिाचार को रोकना िै।
सरकार द्वारा वितररत • सरकारी स्कू लों के वलए मध्याह्न भोजन कायतिम के तित भोजन के पोषक मूल्यों में िृवद्ध करने िेतु WFP स्कू लों में क्रदए जाने
खाद्य-पदाथत का
िाले भोजन में िहु-सूक्ष्म पोषक तत्िों के फोर्टतक्रफके शन िेतु अग्रणी कायत कर रिा िै।
फोर्टतक्रफके शन
खाद्य असुरिा मैमपंग और • भारत के सिातवधक खाद्य असुरवित िेत्रों की पिचान करने के वलए WFP स्ियं के िल्नेरेविवलटी एनावलवसस एंड मैमपंग
वनगरानी
सॉफ्टिेयसत का उपयोग करता िै। इससे नीवतगत एिं राित कायत उवचत रूप से लवित िोने में समथत िोते िैं।
• WFP राज्य सरकार की खाद्य सुरिा विश्लेषण इकाई की स्थापना में गरीिी एिं मानि विकास वनगरानी एजेंसी140 की भी
सिायता कर रिा िै।
िाल िी में, वशिा मंत्रालय ने दो ररपोवसत अथातत् “राज्यों/ कें द्र शावसत प्रदेशों के वलए प्रदशतन ग्रेमडंग इं डेक्स (PGI) 2.0” और “वजलों के वलए PGI (PGI-
D)” जारी की िै।
कें द्रीय माध्यवमक वशिा िोडत (CBSE) ने संिद्ध स्कू लों को वशिा के
िैकवल्पक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं पर विचार करने का वनदेश
क्रदया िै। इसका उद्देश्य िहुभाषी वशिा को िढ़ािा देना िै।
• िेितर संज्ञानात्मक विकास: मातृभाषा के अलािा क्रकसी अन्य भाषा में वशिा प्रदान करने से प्रायिः िच्चे की समझ प्रभावित िोती िै। पररणामस्िरूप,
िच्चों में विषय को रटने और नकल करने की प्रक्रिया विकवसत िोती िै।
• व्यवक्तत्ि विकास: मातृभाषा में वशिा प्रदान करने से िच्चे का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास िढ़ सकता िै।
• िेितर जुडाि: कई अध्ययनों से यि पता चला िै क्रक मातृभाषा में वशिा प्रदान करने से किा में विद्यार्थतयों की भागीदारी िढ़ती िै। इससे पढ़ाई िीच
में िी छोड देने (Dropouts) िाले विद्यार्थतयों की संयया और एक िी किा में फे ल िोने के कारण क्रफर से पढ़ने (Grade Repetition) की दर में भी
कमी आती िै।
• िोम-स्कू ल पाटतनरवशप: माता-वपता अपने िच्चे/ िच्चों की वशिा में भागीदार िन सकते िैं तथा छात्रों के सीखने के अनुभि को और अवधक िेितर िना
सकते िैं।
• इससे सांस्कृ वतक विरासत संरवित िोती िै: भाषाई विविधता और सांस्कृ वतक समझ को िढ़ािा देने के वलए, िहुभाषी वशिा को एक मित्िपूणत
उपागम के रूप में व्यापक रूप से मान्यता दी गई िै।
स्कू लों में मातृभाषा के प्रयोग में चुनौवतयां
• भाषाओं की विविधता: 2011 की जनगणना में 270 मातृभाषाओं की पिचान की गई थी। इसवलए, किाओं में एक से अवधक भाषा िोलने िाले िच्चे
िो सकते िैं।
• पररिततन के प्रवत स्कू लों का विरोध: CBSE या ICSE (इंवडयन
सर्टतक्रफके ट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) से संिद्ध स्कू लों को
मातृभाषा या प्रमुख िेत्रीय भाषाओं को अपनाने के वलए
प्रोत्सावित करने के िािजूद, प्राथवमक किाओं से वशिा का
मुयय माध्यम अंग्रेजी िी िै।
• वशिकों की उपलब्धता: िततमान में वशिकों की भती िच्चों द्वारा
समझी, िोली एिं वलखी जाने िाली भाषाओं के आधार पर निीं
की जाती िै।
• वििीय व्यििायतता: नई वशिण सामग्री विकवसत करने के वलए
आरं वभक वनिेश में िृवद्ध की जानी चाविए। यि वनिेश विशेष
रूप से उन भाषाओं में क्रकया जाना चाविए वजन्िें मानकीकृ त
निीं क्रकया गया िै अथिा वजनकी अपनी कोई वलवप निीं िै।
• नीवतगत मुद्दे: NEP, 2020 के तित मातृभाषा या घरे लू भाषा या िेत्रीय भाषा का उपयोग इवच्छत िै, न क्रक अवनिायत। इसके अलािा, इस
पररिततन को कै से लागू क्रकया जाए इस िारे में कोई स्पि क्रदशा-वनदेश जारी निीं क्रकए गए िैं।
• अंग्रेजी को प्राथवमकता: माता-वपता मानते िैं क्रक अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भविष्य में उनके िच्चे के वलए अत्यंत सिायक वसद्ध िो सकता िै।
आगे की राि
144 Paths to Equal: Twin Indices on Women’s Empowerment and Gender Equality
145 Global Gender Parity Index
6.8.1. सतत विकास लक्ष्य (SDG) प्रगवत ररपोटत 2023 {Sustainable Development Goals (SDG) Progress
Report 2023
• संयुक्त राष्ट्र ने “सतत विकास लक्ष्य (SDG) प्रगवत ररपोटत 2023: विशेष संस्करण” जारी की िै।
• यि ररपोटत संयक्त
ु राष्ट्र आर्थतक एिं सामावजक मामलों के विभाग (UNDESA) ने जारी की िै। इसमें सतत विकास के वलए 2030 एजेंडा की क्रदशा में
िोंगे, यानी वशिा से िंवचत िोंगे। साथ िी, स्कू ल जाने िाले 300 वमवलयन िच्चे या युिा स्कू ल छोड देंगे तथा िे पढ़ने और वलखने में असमथत िो
जाएंगे।
o यक्रद िततमान गवत से प्रगवत जारी रिती िै, तो 2030 में भी 575 वमवलयन लोग चरम गरीिी में जी रिे िोंगे।
• ऐसे प्रमुख िेत्र जिां तत्काल कदम उठाए जाने की आिश्यकता िै:
o राष्ट्राध्यिों और शासनाध्यिों को SDGs से संिंवधत िादे को पूरा करने के वलए कायतिािी में तेजी लाने तथा िदलाि लाने िेतु अपनी
o उभरती चुनौवतयों से वनपटने के वलए िहुपिीय प्रणाली की िमता को मजिूत करना चाविए।
• िाल िी में, राष्ट्रीय नर्सिंग और वमडिाइफरी आयोग (NNMC) विधेयक, 2023 तथा राष्ट्रीय दंत वचक्रकत्सा आयोग (NDC) विधेयक, 2023 को
संसद में पेश क्रकया गया था। इनका उद्देश्य िमशिः पैरामेवडकल (नसत और वमडिाइफ सवित) तथा दंत वचक्रकत्सा िेत्रक में गुणििापूणत वशिा में सुधार
करना िै।
o ये विधेयक राष्ट्रीय वचक्रकत्सा आयोग (NMC) अवधवनयम की तजत पर लाए गए िैं। .इस अवधवनयम का उद्देश्य गुणििापूणत और सस्ती वचक्रकत्सा
वशिा तक पहुंच में सुधार करना िै।
• राष्ट्रीय दंत वचक्रकत्सा आयोग विधेयक, 2023 दंत वचक्रकत्सक
अवधवनयम, 1948 को वनरस्त करे गा।
o इसमें एक राष्ट्रीय दंत वचक्रकत्सा आयोग (NMC)
स्थावपत करने का प्रस्ताि क्रकया गया िै। यि आयोग
देश में दंत वचक्रकत्सा वशिा और पेशे को विवनयवमत
करे गा।
o इसमें नेशनल एवग्जट टेस्ट की तजत पर दंत वचक्रकत्सकों
के वलए भी एक एवग्जट टेस्ट का प्रािधान क्रकया गया िै।
• NNMC विधेयक, भारतीय नर्सिंग पररषद अवधवनयम,
1947 को वनरस्त करे गा।
o यि एक राष्ट्रीय नर्सिंग और वमडिाइफरी आयोग (NNMC) की स्थापना का प्रािधान करता िै। यि आयोग नर्सिंग और वमडिाइफरी वशिा एिं
प्रवशिण के प्रशासन के वलए नीवतयां वनर्मतत करे गा। साथ िी, मानकों को विवनयवमत भी करे गा।
o यि नर्सिंग और वमडिाइफरी संस्थानों में प्रिेश के वलए एक समान तंत्र प्रदान करे गा।
6.8.3. उच्चतर वशिा सं स्थानों (HEIs) के वलए सं स्थागत विकास योजना (IDP) {Institutional Development Plan (IDP)
for Higher Education Institutions}
• विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्चतर वशिा संस्थानों (HEIs) के वलए संस्थागत विकास योजना (IDP) तैयार करने िेतु क्रदशा-वनदेश
जारी क्रकए।
• राष्ट्रीय वशिा नीवत (NEP), 2020 IDP के मित्त्ि को स्िीकार करती िै तथा यि वसफाररश करती िै क्रक प्रत्येक संस्थान को एक रणनीवतक IDP
का वनमातण करना चाविए।
o इसके अनुसरण में UGC ने प्रत्येक HEI के वलए अपने स्ियं के IDP का वनमातण करने के वलए क्रदशा-वनदेश विकवसत क्रकए िैं।
• IDP की आिश्यकता इस स्िीकारोवक्त से उत्पन्न िोती िै क्रक एक समान मानदंड सभी पर लागू निीं िो सकते िैं। इसका कारण यि िै क्रक प्रत्येक HEI
को आगे िढ़ने के वलए एक अलग उपाय की आिश्यकता िोती िै।
o UGC का मानना िै क्रक IDP को एक ऐसा एकीकृ त दृविकोण प्रवतमिंवित करने की आिश्यकता िै, जो संस्थान के विज़न ि वमशन, संदभत,
जीिन चि चरण, स्थान, चररत्र और आकांिाओं के प्रवत सचेत िो।
• फ्े मिकत में शावमल क्रदशा-वनदेश:
o भौवतक आधारभूत अिसंरचनाओं का विकास, विश्वविद्यालयों के अलग-अलग स्कू ल्स और विभागों की शैिवणक एिं अनुसंधान गवतविवधयों के
अनुसार क्रकया जाना चाविए।
o HEIs को वसखाने ि अध्यापन की अपेवित विधाओं के साथ एक रोडमैप विकवसत करना िोगा। इसके वलए वडवजटल यूवनिर्सतटी की ओर कदम
िढ़ाने िेतु सूचना ि संचार प्रद्योवगकी तथा िचुतअल प्रौद्योवगक्रकयों का उपयोग करना चाविए।
िै।
o इसमें किा गया िै क्रक कु ल आिश्यक फै कल्टी में से 50 प्रवतशत अनुिध
ं ात्मक (वनवश्चत अिवध के वलए) या क्रकसी पेशे/ उद्योग से िो सकते िैं।
o प्रत्येक HEI को UGC द्वारा वनधातररत फै कल्टी-छात्र अनुपात को िनाए रखने की आिश्यकता िै।
• िडी लैंमडंग साइट: लैंमडंग का िेत्र पिले के 500 मीटर x 500 मीटर से िढ़ाकर 4 क्रक.मी. x 2.5 क्रक.मी. कर क्रदया गया िै।
• लैंमडंग िेलोवसटी में िृवद्ध: लैंमडंग िेलोवसटी को 2 मीटर/सेकंड से िढ़ाकर 3.2 मीटर/सेकंड कर क्रदया गया िै। इसका मतलि िै क्रक लैंडर मॉड्यूल
चंद्रमा की सति पर 3 मीटर/सेकंड की गवत से उतरने पर भी दुघतटनाग्रस्त निीं िोगा।
• िेितर थ्रस्टसत: चंद्रयान-2 के लैंडर मॉड्यूल में में पांच थ्रस्टसत लगे थे, जिक्रक इस वमशन के लैंडर मॉड्यूल में के िल चार थ्रस्टसत िैं, वजससे संतुलन
िनाए रखना आसान िो जाता िै।
• कठोर परीिण: इस वमशन के उपकरणों का परीिण चंद्रमा की ठं डे तापमान िाली पररवस्थवतयों के अनुसार क्रकया गया िै। इसके अलािा लैंमडंग
वसमुलश
े न के जररए चंद्रमा की सति के अनुरूप सतिों पर लैंडर मॉड्यूल्स के लेग्स की टेमस्टंग की गई िै।
• अन्य सुधार: इसरो ने इसमें िडे सौर पैनल लगाए िैं और इसकी ईंधन ििन िमता भी िढ़ाई िै। इसमें लेजर डॉपलर िेलोवसटी मीटर लगाया गया िै
और सॉफ्ट-लैंमडंग सीिें स में भी सुधार क्रकया गया िै।
लैंमडंग साइट के वलए चंद्रमा के दविणी ध्रुि का चुनाि क्यों?
• चंद्रमा के दविणी ध्रुि से जुडे कु छ लाभ िैं वजनमें वनम्नवलवखत
शावमल िैं:
o इस िेत्र में अरिों िषों से कु छ िे टसत पर सूयत का प्रकाश
निीं पडा िै। ये िमारे सौर मंडल की उत्पवि के िारे में
सिसे सटीक और िेितर जानकारी प्रदान कर सकते िैं।
o इस िेत्र में स्थायी रूप से छाया में रिे िे टसत में पयातप्त जल
िोने का अनुमान िै वजसका उपयोग संभावित रूप से
भविष्य के वमशनों के वलए क्रकया जा सकता िै।
o इसकी अिवस्थती से जुडे लाभ इसे भविष्य के अंतररि
अन्िेषण के वलए उपयुक्त स्थल िनाते िैं।
o इस िेत्र में िाइड्रोजन, अमोवनया, मीथेन, सोवडयम, पारा
और चांदी के िोने के साक्ष्य िैं। इसवलए यि िेत्र आिश्यक
संसाधनों का एक िडा स्रोत भी िै, वजनका दोिन अभी
तक निीं क्रकया गया िै।
• चंद्रमा पर लैंमडंग करने िाले वपछले सभी अंतररि यान चंद्रमा
के भूमध्यरे खीय िेत्र में उतरे िैं।
o चंद्रमा की भूमध्य रे खा के पास उतरना आसान और सुरवित िै।
o इस िेत्र का पररिेश और तापमान िैज्ञावनक उपकरणों के लंिे समय तक और वनरं तर काम करने के वलए अवधक अनुकूल एिं उपयुक्त िैं।
o पृ्िी की ओर उन्मुख भाग पर सूयत का प्रकाश प्रचुर मात्रा में रिता िै।
भारत के वपछले चंद्र वमशन
उद्देश्य • पृ्िी से क्रदखने और न क्रदखने िाले चंद्रमा के भाग का वत्र-आयामी • चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंमडंग और रोिर के माध्यम से चंद्रमा की सति का
एटलस तैयार करना। अध्ययन करके चंद्रयान-1 के िैज्ञावनक उद्देश्यों में प्रगवत करना।
• चंद्रमा की संपूणत सति का रासायवनक और खवनज संिंधी
मानवचत्रण करना।
मॉड्यूल/ • भारत, USA, UK, जमतनी, स्िीडन और िुल्गाररया में वनर्मतत 11 • इसमें ऑर्ितटर, लैंडर (वििम) और रोिर (प्रज्ञान) शावमल थे।
पेलोड्स िैज्ञावनक उपकरण। • इसमें चंद्रमा की सति के भू-विज्ञान, उसकी संरचना और िाह्यमंडल के
मापन का अध्ययन करने के वलए आठ प्रायोवगक पेलोड भी शावमल थे।
नोट: 2019 में, चंद्रयान -2 वमशन आंवशक रूप से सफल रिा था क्योंक्रक इसके लैंडर और रोिर चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंमडंग निीं कर पाए थे।
वनष्कषत
चंद्रयान-3 की सफलता िैवश्वक अंतररि अनुसध
ं ान में भारत की वस्थवत को और मजिूत करे गी। यि वमशन िमारे िैज्ञावनक ज्ञान के दायरे का विस्तार
करता िै और देश के युिाओं के वलए इससे संिंवधत नई चुनौवतयां भी प्रस्तुत करता िै। इससे भविष्य में अनुसध
ं ान तथा विकास को और अवधक िढ़ािा
वमलता िै।
• िाससत अत्यवधक सक्रिय सुपरमैवसि ब्लैक िोल िैं, वजनका द्रव्यमान o इसके वलए इन्िोंने िमारी आकाशगंगा के कें द्र में सैवजटेररयस A*
नामक िेत्र का अिलोकन क्रकया था।
िमारे सूयत की तुलना में लाखों-करोडों गुना अवधक िोता िै। ये
आमतौर पर आकाशगंगाओं के कें द्रों में मौजूद िोते िैं।
o िमारी वमल्की िे (Milky Way) के वनकट कोई िाससत निीं िै।
आक्रदम (Primordial) ब्लैक िोल्स तारकीय (स्टेलर) ब्लैक िोल्स मध्यिती (इं टरमीवडएट) ब्लैक मिाविशाल (सुपरमैवसि) ब्लैक िोल्स
• ये ब्रह्ांड की उत्पवि के तत्काल • इनका द्रव्यमान सूयत से लगभग 20 गुना िोल्स • इनका द्रव्यमान सूयत की तुलना में
• इनका द्रव्यमान सूयत के 10 लाख गुना से भी अवधक िो
िाद वनर्मतत हुए। तक अवधक िोता िै।
द्रव्यमान से लगभग एक सौ सकता िै।
• इनका द्रव्यमान एक पेपर-वक्लप • इनका वनमातण ति िोता िै जि कोई तारा
गुना से लेकर सैकडों-िजारों • िमारी वमल्की िे (सैवजटेररयस
से 100,000 गुना कम से लेकर अपने कें द्रीय गुरुत्िाकषतण मखंचाि के कारण
गुना तक िोता िै। ए*ब्लैक िोल) सवित लगभग िर
सूयत से 100,000 गुना अवधक कें द्र की ओर संकुवचत िोता िै।
िडी आकाशगंगा के कें द्र में एक
तक िोता िै। • अतिः जि ऐसा िोता िै, तो इसका पररणाम
सुपरमैवसि ब्लैक िोल िोता िै।
सुपरनोिा विस्फोट िोता िै।
ब्लैक िोल के मूल भाग
• श्वाजतवस्चल्ड (Schwarzschild) रे वडयस: यि ब्लैक िोल के कें द्र से इिेंट िोराइजन के मध्य की वत्रज्या िै। इस िेत्र के भीतर पलायन िेग प्रकाश की गवत के िरािर
िोता िै।
• एगोस्फीयर (Ergosphere): यक्रद ब्लैक िोल घूणतन कर रिा िै, तो उसके द्रव्यमान के कारण ब्लैक िोल के चारों ओर का स्पेस-टाइम भी घूणतन करता िै।
माइिोिेि, इन्फ्ारे ड, अल्ट्ािॉयलेट, एक्स-रे जैसे अन्य • यि अपनी तरि का पिला वडटेक्टर िै। इसे दविणी ध्रुि के विमाच्छाक्रदत िेत्र से गिन
ब्रह्ांड का वनरीिण करने और न्यूरट्नो की खोज करने के वलए वडज़ाइन क्रकया गया िै।
विद्युत चुम्िकीय स्रोतों को ररकाडत करने में सिम िैज्ञावनक
o क्रकसी खगोलीय घटना को कै प्चर करने के वलए आइसक्यूि िेधशाला को िडी
उपकरणों पर आधाररत इमेज से अलग िै।
मात्रा में पारदशी पदाथत जैसे जल या विम की आिश्यकता िोती िै।
न्यूरट्नो के िारे में o दविणी ध्रुि में िडी मात्रा में साफ, शुद्ध और वस्थर विमिारण मौजूद िै।
• ये इलेक्ट्ॉन्स के समान िी मौवलक कण (लेक्रकन परमाणु का • आइसक्यूि से संिंवधत िैज्ञावनकों और शोधकतातओं को भौवतकी से जुडे कई मित्िपूणत
भाग निीं) िोते िैं। इसवलए ये और छोटे भागों में विखंवडत प्रश्नों का समाधान करने में सियोग वमलता िै, जैसे- डाकत मैटर की प्रकृ वत और न्यूरट्नो
निीं िो सकते िैं। की विशेषताएं आक्रद।
• प्रमुख विशेषताएं: • यि पृ्िी के िायुमड
ं ल से टकराने िाली कॉवस्मक क्रकरणों का भी अिलोकन करती िै।
o इनका द्रव्यमान िहुत कम िोता िै, ये आिेश रवित और • इस िेधशाला में 14 देशों के 58 संस्थान सियोग करते िैं। इसमें भारत से कोई भी
o ये अपने स्रोत से लगभग प्रकाश की रफ्तार से और सीधी • यू.एस. नेशनल साइं स फाउं डेशन (NSF): यि एक स्ितंत्र संघीय एजेंसी िै, जो
रे खाओं में गवत करते िैं। आइसक्यूि न्यूरट्नो िेधशाला के वलए प्राथवमक विि-पोषण प्रदान करती िै।
o ये शायद िी अन्य पदाथों के साथ क्रिया करते िैं,
इसवलए इसे घोस्ट पार्टतकल भी किा जाता िै।
o ये ब्रह्ाण्ड के सभी परमाणुओं से अवधक संयया में मौजूद िैं।
o ये के िल गुरुत्िाकषतण और दुितल िल से प्रभावित िोते िैं।
o ये तीन प्रकार के िोते िैं जैसे इलेक्ट्ॉन न्यूरट्नो, टाऊ न्यूरट्नो
और म्यूऑन न्यूरट्नो।
▪ ये अपनी यात्रा के दौरान एक प्रकार से दूसरे प्रकार में
रूपांतररत िो सकते िैं। इस प्रक्रिया को न्यूरट्नो दोलन
(Neutrino Oscillation) किा जाता िै।
• न्यूरट्नो के स्रोत:
o ये िमारी आकाशगंगा में कॉवस्मक क्रकरणों के अंतर-तारकीय
पदाथत से टकराने पर उत्सर्जतत िोते िैं।
o ये सूयत जैसे तारे , तारे में विस्फोट, सुपरनोिा, गामा-क्रकरण
विस्फोट और िासर द्वारा भी वनर्मतत िोते िैं।
िायुमड
ं लीय न्यूरट्नो
▪ पृ्िी के चारों ओर अवधकांश न्यूरट्नो सूयत से आते िैं, जो सूयत के
• ये आम तौर पर पृ्िी की सति से लगभग 15 क्रकलोमीटर की
कोर में उत्पन्न िोते िैं।
ऊंचाई पर उत्पन्न िोते िैं।
o पृ्िी पर न्यूरट्नो का वनमातण पृ्िी के कोर और परमाणु ररएक्टरों में
• इनका वनमातण ति िोता िै जि कॉवस्मक क्रकरणें (ऊजातिान कण)
अवस्थर परमाणुओं के िय के दौरान िोता िै।
पृ्िी के िायुमंडल में टकराती िैं। इन ऊजातिान कणों में प्रोटॉन्स
▪ ये कण त्िरकों या पार्टतकल एक्सेलरे टसत और िायुमंडल में उच्च गवत और भारी नावभक िाले कण िोते िैं।
िाले कणों के टकरािों से भी वनर्मतत िोते िैं। • ये पृ्िी के िायुमंडल से टकराने पर नाइट्ोजन अणुओं के साथ
▪ यिां तक क्रक के ला भी न्यूरट्नो उत्सर्जतत करता िै। ये कण इसमें क्रिया करके वपयॉन और म्यूऑन मुक्त करते िैं। आगे चलकर इनका
पोटेवशयम की प्राकृ वतक रे वडयोधर्मतता से वनर्मतत िोते िैं। िय िोता िै वजससे न्यूरट्नो उत्पन्न िोते िैं।
• न्यूरट्नो का पता लगाना
o न्यूरट्नो दुितल िल की सिायता से विम में अन्य कणों के साथ क्रिया करते िैं और म्यूऑन, इलेक्ट्ॉन तथा टॉउ में रूपांतररत िो जाते िैं।
7.4. यू.एन. एड्स ग्लोिल एड्स अपडेट 2023 (UNAIDS Global AIDS Update 2023)
o NACP को 1992 में शुरू क्रकया गया था। ति से लेकर इसके चार (I, II, III, o भारत में HIV की प्रसार दर वनम्न िनी हुई िै।
• HIV और एड्स रोकथाम और वनयंत्रण अवधवनयम, 2017 के तित HIV से संिवमत तथा प्रभावित व्यवक्तयों के मानिावधकारों की रिा करने के
वलए एक कानूनी और सुगम फ्े मिकत तैयार क्रकया गया िै।
• राष्ट्रीय एड्स वनयंत्रण संगठन (NACO)149, स्िास््य और पररिार कल्याण मंत्रालय का एक प्रभाग िै। यि HIV/ एड्स वनयंत्रण कायतिम की अगुिाई
करता िै।
• राष्ट्रीय एड्स वनयंत्रण कायतिम के तित, सरकार HIV से पीवडत लोगों (People Living with HIV: PLHIV) को आजीिन मुफ्त एंटीरे ट्ोिाइरल
• राष्ट्रीय रणनीवतक योजना 2017-24 और ART सेिाओं के तित ट्ेमसंग के वलए वमशन संपकत की शुरुआत की गई िै।
• अन्य पिलें:
o स्ियं सिायता समूिों, आंगनिाडी और आशा कायतकतातओं के वलए प्रवशिण एिं जागरूकता कायतिम आक्रद।
• एड्स के मामलों में तीव्र वगरािट दजत करने िाले शीषत 3 राज्य विमाचल प्रदेश, तवमलनाडु और तेलंगाना िैं।
o ियस्कों में HIV उच्चतम प्रसार: पूिोिर के राज्य (वमजोरम, नागालैंड और मवणपुर शीषत तीन िैं) इसके िाद दविणी राज्य (आंध्र प्रदेश ,
तेलंगाना और कनातटक शीषत तीन िैं)।
एड्स को समाप्त करने की क्रदशा में त्िररत प्रगवत िेतु सुझाि
• अवधक विि की व्यिस्था करना: भारत सवित कु छ देश जिां HIV के मामलों में कमी आ रिी िै, िे HIV के वलए वनधातररत खचत का लगभग 3% से
• HIV एक िायरस िै जो शरीर की प्रवतरिा प्रणाली को कमजोर करता िै। अगर इसका समय पर इलाज न क्रकया जाए तो यि एड्स का कारण िन सकता िै।
o यि प्रवतरिा प्रणाली पर िमला करके कई प्रकार के
संिमणों और कु छ प्रकार के कैं सर के वखलाफ शरीर
की प्रवतरिा प्रणाली को कमजोर करता िै।
• यि दो रे ट्ोिायरस में से एक के कारण िो सकता िै,
HIV-1 या HIV-2, HIV-1 दुवनया भर में एड्स का
सिसे प्रमुख कारण िै।
• इससे संिवमत लोगों में HIV तीन चरणों में आगे िढ़ता
िै (इन्फोग्राक्रफक देखें)।
• उपचार: इसका उपचार तीन या इससे अवधक एंटीरेट्ोिायरल दिाओं के संयोजन से िनी उपचार पद्धवतयों द्वारा क्रकया जा सकता िै। िालांक्रक, इसे पूरी तरि से
ठीक करने में अि तक सफलता निीं वमल सकी िै।
• एड्स का कारण िनने िाले HIV की खोज के वलए ल्यूक मॉन्टैवियर को 2008 में वचक्रकत्सा का नोिेल पुरस्कार क्रदया गया था।
ह्यूमन इम्यूनोडेक्रफवशयेंसी िायरस (HIV) से पीवडत छठा व्यवक्त (वजनेिा रोगी) संभितिः ठीक िो गया िै
• HIV से ठीक िोने िाले अि तक के सभी रोवगयों के उपचार में स्टेम सेल प्रत्यारोपण (SCT) करना पडा िै।
o पिले पांच मामलों में, िैज्ञावनकों ने विशेष रूप से CCR5-डेल्टा 32 उत्पररिततन िाले दाताओं (Donors) की मदद ली थी। ऐसे उत्पररिततन युक्त दाता में
HIV का खतरा कम िोता िै।
• HIV मुयय रूप से मानि शरीर की CD4 प्रवतरिा कोवशकाओं पर िमला करता िै। इससे व्यवक्त के शरीर की कु छ संिमणों से लडने की िमता कम िो जाती
िै।
o CD4 प्रवतरिा कोवशकाओं की सति पर CCR5 ररसेप्टसत मौजूद िोते िैं। ये ररसेप्टसत HIV िायरस के वलए प्रिेश द्वार के रूप में कायत करते िैं।
• एक अध्ययन से पता चला िै क्रक CHD1L जीन िैररएंट में HIV को वनयंवत्रत करने की िमता िै।
• CHD1L जीन का एक प्रकार िै, जो विशेष रूप से अफ्ीकी आिादी में पाया जाता िै।
o CHD1L जीन िैररएंट से HIV-1 (सिसे आम HIV) के िायरल लोड (रक्त में HIV की मात्रा) को कम करने की संभािना देखने को वमली िै।
o CHD1L जीन िैररएंट, िोमोसोम 1 पर पाया जाता िै।
एसेसल्फे म-के • इनका वनमातण एसीटो-एवसरटक एवसड से क्रकया जाता िै। इनका उपयोग कई गैर-वचक्रकत्सीय उत्पादों में क्रकया जाता िै।
• ये साधारण चीनी (सुिोज) की तुलना में लगभग 200 गुना अवधक वमठास पैदा करते िैं। इनका उपयोग अक्सर अन्य
स्िीटनसत के साथ वमलाकर क्रकया जाता िै।
वनयोटेम • इसे एस्पाटेम से तैयार क्रकया जाता िै और इसका उपयोग सामान्य रूप से खाद्य पदाथों में स्िीटनर और उनके फ्लेिर को
िढ़ाने के वलए क्रकया जाता िै।
• अवधक तापमान पर भी इसके गुणों में लगभग कोई िदलाि निीं िोता िै जैसे िेफकं ग के दौरान उच्च तापमान पर पर भी
इसकी वमठास िनी रिती िै। अथातत यि िीट स्टेिल िोता िै।
सुिोलोज • यि शून्य कै लोरी िाला एक कृ वत्रम स्िीटनर िै। इसका वनमातण चीनी से एक िहु-चरणीय रासायवनक प्रक्रिया के द्वारा क्रकया
जाता िै।
• यि सामान्य चीनी से लगभग 600 गुना अवधक मीठा िोता िै।
• यि िीट स्टेिल िोता िै।
एडिांटम • यि सामान्य चीनी (सुिोज) से लगभग 20,000 गुना अवधक मीठा िोता िै।
मोंक फ्ू ट / • इसे दविणी चीन की स्थानीय पादप प्रजावत के फलों से िनाया जाता िै।
लू िान गुओ / वसरीरटया ग्रोसिेनोरी • यि सामान्य चीनी से 100-250 गुना अवधक मीठा िोता िै।
स्टीवियोल ग्लाइकोसाइड्स • यि दविण अमेररका के कु छ भागों में पाए जाने िाले पौधे स्टीविया रेिाउवडयाना (िटोनी) िटोनी की पवियों से प्राप्त क्रकया
जाने िाला प्राकृ वतक घटक िै और आमतौर पर स्टीविया के नाम से जाना जाता िै।
• यि सामान्य चीनी से 200 से 400 गुना अवधक मीठा िोता िै।
थौमैरटन • इसे थौमाटोकोकस डेवनएली (पवश्चम अफ़्रीकी कै टेम्फ फल) के फल से िनाया जाता िै। यि अत्यवधक मीठे मौवलक प्रोटीन के
समूि में शावमल िै।
• इसका उपयोग वनम्नवलवखत खाद्य पदाथों में स्िीटनर के रूप में क्रकया जाता िै:
o आइसिीम, िेकरी आइटम्स; आलू-आधाररत और इसी के जैसे स्नैक्स और नाश्ते में खाए जाने िाले अनाज; िाइन और
अन्य क्रकवण्ित या आसुत पेय (Distilled beverages) पदाथों में।
• माइिोसॉफ्ट ने िांटम कं प्यूटटंग के िेत्र में िांवत लाने के वलए मेजराना ज़ीरो मोड्स की
खोज की घोषणा की िै।
• िांटम कं प्यूटटंग एक िहु-विषयक िेत्र िै। यि जरटल गणनाओं को पारं पररक कं प्यूटरों की
तुलना में तेजी से िल करने में सिम िै। इसके वलए यि िांटम मैकेवनक्स का उपयोग
करता िै।
o यि िांटम भौवतकी के दो प्रमुख वसद्धांतों का उपयोग करता िै: सुपरपोवज़शन और
एंटेंगलमेंट।
• प्रकृ वत में पाए जाने िाले सभी कण या तो िोसॉन या फर्मतऑन िैं।
o िोसॉन पूरे ब्रह्ांड में ऊजात और िल के िािक िोते िैं।
o पदाथत/ द्रव्य को िनाने िाले सभी उप-परमावण्िक कणों को फर्मतऑन किा जाता िै।
• िषत 1928 में, भौवतक विज्ञानी पॉल डायरे क ने प्रत्येक कण के वलए एक एंटीपार्टतकल अथिा प्रवतकण के अवस्तत्ि की संकल्पना प्रस्तुत की थी। इस
संकल्पना के तित जैसे िी ये दोनों आपस में वमलते िैं, तो िे एक दूसरे को नि कर देते िैं।
o उनकी संकल्पना के आधार पर िैज्ञावनकों ने पिला एंटीपार्टतकल, पॉवज़ट्ॉन (या एंटी-इलेक्ट्ॉन) खोजा था।
• रोिोमैपर ने सौर सेलों में उपयोग की जाने िाली एक पेरोहस्काइट सामग्री की पिचान की िै। यि सामग्री तुलनात्मक रूप से अवधक वस्थरता और
दि िै।
• रोिोमैपर, संयुक्त राज्य अमेररका के शोधकतातओं द्वारा वनर्मतत एक रोिोट िै। यि परीिण को अवधक कु शलतापूितक और संधारणीय तरीके से करता
िै।
• यि रोिोट सामवग्रयों के परीिण की प्रक्रिया को तेजी से करने में मदद करता िै।
o यि परीिण के दौरान एक साथ कई सामवग्रयों के िारे में डेटा को िावसल करता िै। इससे समय और ऊजात की िचत िोती िै।
o सामवग्रयों का परीिण करने िाली इस प्रक्रिया से ग्रीनिाउस गैस उत्सजतन दस गुना तक कम िोता िै।
• नासा के पसीिरें स रोिर को मंगल ग्रि पर विविध काितवनक पदाथत वमले िैं।
• मंगल ग्रि के जेजेरो िे टर में काितवनक अणु (Organic molecules) वमले िैं। इन्िें
रोिर पर लगे “स्कै मनंग िैविटिल एनिायरनमेंवस विद रमन एंड ल्यूवमनसेंस फॉर
ऑगेवनक्स के वमकल्स (SHERLOC) नामक उपकरण की मदद से खोजा गया िै।
o SHERLOC क्रदन और रात, दोनों समय कायत करता िै। यि काितवनक पदाथों
और खवनजों का पता लगाने के वलए अल्ट्ािायलेट लेजर प्रकाश का उपयोग
करता िै।
▪ SHERLOC रमन स्पेक्ट्ोस्कोपी का उपयोग करता िै। यि अणुओं पर
प्रकाश विखेरता िै तथा अलग-अलग फ्ीिें सी पर प्रकीर्णतत प्रकाश
(scattered light) को मापता िै। इससे यि पता चल पाता िै क्रक प्राप्त
नमूने में कौन-कौन से यौवगक मौजूद िैं।
o इससे पिले, मंगल ग्रि के गेल िे टर में काितवनक रसायनों की खोज की गई थी।
o जेजरे ो िे टर मंगल ग्रि पर वस्थत एक प्राचीन झील िेवसन िै। इसमें मंगल ग्रि पर आक्रदकाल में जीिन िोने के प्रमाण वमलने की संभािना िै।
o काितवनक अणु पृ्िी पर जीिन के प्रमुख वनमातण खंड िैं। काितवनक अणु मुयय रूप से काितन और िाइड्रोजन तथा कु छ अन्य तत्िों जैसे
ऑक्सीजन, नाइट्ोजन, फास्फोरस ि सल्फर से िने िोते िैं।
• अि तक, के िल मासत फीवनक्स लैंडर और क्यूररयोवसटी रोिर िी ऑगेवनक काितन का पता लगाने में सफल रिे िैं। इसके वलए इिॉल्हड गैस
एनावलवसस और गैस िोमैटोग्राफी-मास स्पेक्ट्ोमेट्ी जैसी तकनीकों का उपयोग क्रकया गया था।
• िाल िी में, यूरोपीय अंतररि एजेंसी (ESA) के यूवक्लड वमशन को लॉन्च क्रकया गया िै।
• यूवक्लड का उद्देश्य डाकत मैटर और डाकत एनजी के ब्रह्ांडीय रिस्यों का अध्ययन करना िै। यि अरिों आकाशगंगाओं का पयतिेिण कर ब्रह्ांड का 3D
मानवचत्र तैयार करे गा।
o ब्रह्ांड के िततमान प्रचवलत मॉडल में 68 प्रवतशत ब्रह्ांड को डाकत एनजी, 27 प्रवतशत को डाकत मैटर और 5 प्रवतशत को सामान्य मैटर माना
जाता िै।
• भारतीय अंतररि अनुसंधान संगठन (ISRO/इसरो) ने मसंगापुर के DS-SAR उपग्रि और अन्य छि उपग्रिों को ले जाने िाले PSLV-C56 का
सफलतापूितक प्रिेपण क्रकया िै।
• इस प्रिेपण के साथ िी चौथे चरण (PS4) की डी-ऑर्ितटटंग प्रयोग का भी आयोजन क्रकया गया था।
• उपग्रिों की डी-ऑर्ितटटंग एक तकनीक िै। इसके तित उपग्रिों को वनपटान किा (Graveyard Orbit) में स्थानांतररत कर क्रदया जाता िै। तात्पयत
यि िै क्रक उन्िें सक्रिय उपग्रिों िाली किा से 200 मील की दूरी पर वस्थत किा में भेज क्रदया जाता िै।
o डी-ऑर्ितटटंग की प्रक्रिया वनवष्िय (एकीकृ त अंतररि यान का उपयोग करके ) और सक्रिय (उपग्रिों को अप्रयुक्त किा में स्थानांतररत करने के
वलए वडजाइन करना), दोनों प्रणावलयों के माध्यम से िो सकती िै।
▪ वनवष्िय प्रणाली: इसमें एकीकृ त अंतररि यान का उपयोग क्रकया जाता िै।
▪ सक्रिय प्रणाली: इसमें उपग्रिों को वनपटान किा में स्थानांतररत क्रकया जाता िै।
• डी-ऑर्ितटटंग के इस प्रयोग से अंतररि में मौजूद मलिे में कमी लाई जा सकती िै। साथ िी, अंतररि का संधारणीय उपयोग सुवनवश्चत क्रकया जा
सकता िै।
• पिन, पोत-पररििन और जलमागत मंत्रालय (MoPSW) ने स्िदेशी वडफरें वशयल ग्लोिल नेविगेशन सैटेलाइट वसस्टम (DGNSS) 'सागर संपकत ' का
उद्घाटन क्रकया।
• वडफरें वशयल ग्लोिल नेविगेशन सैटेलाइट वसस्टम (DGNSS) एक स्थल-आधाररत संिद्धतन प्रणाली िै। यि प्रणाली ग्लोिल नेविगेशन सैटेलाइट
वसस्टम (GNSS) में त्रुरटयों और अशुवद्धयों में सुधार करती िै। इससे अिवस्थवत की अवधक सटीक जानकारी वमलती िै।
o GNSS उपग्रिों के एक समूि को संदर्भतत करता िै, जो अंतररि से वसिल प्रदान करता िै। यि िैवश्वक किरे ज के वलए GNSS ररसीिर को
पोवजशमनंग और टाइममंग आधाररत डेटा प्रसाररत करता िै।
o विश्व के प्रमुख GNSS िैं: GPS (संयुक्त राज्य अमेररका), ग्लोनास (रूस), गैलीवलयो (यूरोप), िेईदो (चीन), नाविक (भारत) आक्रद।
• DGNSS में सटीक ज्ञात स्थानों पर रे फरें स स्टेशस
ं स्थावपत क्रकए गए िैं, जो GNSS संकेतों के वलए ररयल टाइम करे क्शन प्रदान करें ग।े
o DGNSS प्रणावलयां समुद्र के क्रकनारे से लेकर जिाज तक अपनी सेिाएं प्रदान करें गी।
• DGNSS का मित्त्ि
o यि सुरवित नेविगेशन प्रदान करे गा तथा पिन और पिन िेत्रों में टकराि, ग्राउं मडंग ि दुघटत नाओं के जोवखम को कम करे गा।
o यि अंतरातष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO), सेफ़्टी ऑफ लाइफ एट सी (SOLAS), और इंटरनेशनल एसोवसएशन ऑफ मरीन एड्स टू नेविगेशन एंड
लाइटिाउस अथॉररटी (IALA) के अंतरातष्ट्रीय नौििन संिध
ं ी दावयत्िों की पूर्तत करने में मदद करे गा।
o इसने भारतीय तटरे खाओं से 100 समुद्री मील तक के िेत्र के वलए त्रुरट सुधार सटीकता को और िेितर कर क्रदया िै। अि यि सटीकता 5 से 10
मीटर की िजाय 5 मीटर से भी कम िो गई िै।
o इससे समुद्री नेविगेशन के वलए रे वडयो सिायता में लाइट िाउस और लाइटवशप मिावनदेशालय (DGLL) की िमता में िृवद्ध िोगी।
▪ DGLL, MoPSW का एक अधीनस्थ कायातलय िै। यि भारतीय तट पर समुद्री नेविगेशन के वलए सामान्य सिायता प्रदान करता िै।
• IMO: यि संयक्त
ु राष्ट्र की विशेष एजेंसी िै। यि नौििन की सुरिा और जिाजों द्वारा समुद्री एिं िायुमड
ं लीय प्रदूषण की रोकथाम के वलए वजम्मेदार िै।
• SOLAS कन्िेंशन अपने िवमक रूपों में व्यापाररक जिाजों की सुरिा से संिंवधत िै। इसका पिला संस्करण 1914 में टाइटैवनक दुघटत ना की प्रवतक्रिया में अपनाया
गया था।
• IALA: इसे 1957 में स्थावपत क्रकया गया था। यि एक गैर-लाभकारी, अंतरातष्ट्रीय तकनीकी संघ िै।
• िाल िी में, एक्स-क्लास (X-class) की सौर ज्िाला पररघटना के कारण संयुक्त राज्य अमेररका और प्रशांत मिासागर के कु छ विस्सों में रे वडयो
ब्लैकआउट की घटना दजत की गई िै।
• सौर ज्िालाओं का िगीकरण:
o इन्िें इनकी प्रिलता के आधार पर िगीकृ त क्रकया जाता िै। सिसे कम प्रिल ज्िाला को A-श्रेणी में िगीकृ त क्रकया जाता िै। इससे अवधक प्रिल
सौर ज्िालाएं िमशिः B, C, M और X िैं। X सौर ज्िाला सिातवधक प्रिल िोती िै।
o उपयुतक्त प्रत्येक अिर (श्रेणी) अपने वपछले अिर (श्रेणी) से 10 गुना ऊजात उत्पादन का प्रवतवनवधत्ि करता िै। अतिः X सौर ज्िाला में M से दस
गुना और C से 100 गुना ऊजात प्रिलता िोती िै।
o प्रत्येक अिर (श्रेणी) के भीतर 1 से 9 तक फाइनर स्के ल िोता िै।
X (प्रिलतम) यि पूरी पृ्िी पर रेवडयो ब्लैकआउट और लंिे समय तक चलने िाले विक्रकरण तूफानों को सक्रिय कर सकती िै।
M यि अल्पकावलक रेवडयो ब्लैकआउट का कारण िन सकती िै, जो पृ्िी के ध्रुिीय िेत्रों को प्रभावित कर सकता िै। यि लघु विक्रकरण
तूफानों को सक्रिय कर सकती िै।
C यि कम प्रिल सौर ज्िाला िै। पृ्िी पर इसके आंवशक प्रभाि देखे जाते िैं।
B यि इतनी प्रिल निीं िोती क्रक पृ्िी पर कोई प्रभाि डाल सके ।
A (सिसे कम प्रिल) इसका शायद िी पता चल पाता िै और यि कोई नुकसान भी निीं पहुंचाती िै।
• सौर ज्िालाएं सूयत पर िोने िाले विशाल विस्फोट िैं। इनसे ऊजात, प्रकाश और उच्च गवत िाले कण अंतररि में मुक्त िोते िैं।
• इन ज्िालाओं को अक्सर सौर चुि
ं कीय तूफानों से जोडकर देखा जाता िै। इन तूफानों को कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) किा जाता िै।
• यि पररघटना ति घरटत िोती िै, जि घुमािदार (Twisted) चुि
ं कीय िेत्रों (आमतौर पर सनस्पॉवस के ऊपर) में संग्रिीत ऊजात अचानक मुक्त िोने
लगती िै।
• िुध की नजदीकी फ्लाईिाय (उडान) के दौरान, िेपीकोलंिो अंतररि यान ने डेटा एकत्र क्रकए िैं। इसमें क्रदखाया गया िै क्रक कै से ग्रि की सति पर
इलेक्ट्ॉन्स की िाररश िो रिी िै, वजससे एक्स-रे ऑरोरा उत्पन्न िो रिे िैं।
• िेपीकोलंिो अंतररि यान, िुध ग्रि पर यूरोपीय अंतररि एजेंसी (ESA) और जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरे शन एजेंसी (JAXA) का एक संयुक्त
वमशन िै।
o पृ्िी पर अरोरा ति उत्पन्न िोते िैं, जि सूयत द्वारा उत्सर्जतत आिेवशत कणों की एक धारा आयनमंडल के साथ अवभक्रिया करती िै।
o लेक्रकन िुध का िायुमड
ं ल िहुत पतला िै। इसे एक्सोस्फीयर किा जाता िै। इस ग्रि पर अरोरा ति िनते िैं, जि सौर तूफान (कणों का प्रिाि)
प्रत्यि रूप से ग्रि की सति से टकराता िै।
• राष्ट्रीय स्िास््य प्रावधकरण (NHA) ने आयुष्मान भारत वडवजटल वमशन (ABDM) के तित 100 माइिोसाइवस पररयोजना शुरू की िै।
• माइिोसाइटस पररयोजना देश भर में वडवजटल स्िास््य प्रणाली को अपनाने में तेजी लाने के वलए शुरू की गई िै।
• रोगाणुरोधी प्रवतरोध (AMR) के वलए िन िेल्थ प्रायोररटी ररसचत एजेंडा जारी क्रकया गया।
• इस एजेंडा को खाद्य ि कृ वष संगठन (FAO), संयक्त
ु राष्ट्र पयातिरण कायतिम (UNEP), विश्व स्िास््य संगठन (WHO) और विश्व पशु स्िास््य
संगठन (WOAH) ने संयुक्त रूप से जारी क्रकया िै। यि एजेंडा रोगाणुरोधी प्रवतरोध (AMR) में अनुसध
ं ान और वनिेश िढ़ाने का समथतन करता िै।
o AMR ति िोता िै जि िैक्टीररया, िायरस, किक और परजीिी समय के साथ स्ियं में उत्पररिततन कर लेते िैं और दिाओं पर कोई प्रवतक्रिया
निीं करते िैं। इससे संिमण का इलाज करना करठन िो जाता िै तथा िीमारी फै लने , गंभीर िीमारी िोने और मृत्यु का खतरा िढ़ जाता िै।
o इससे पिले, WHO ने भी इसी िषत मानि स्िास््य में AMR के वलए एक िैवश्वक अनुसध
ं ान एजेंडा लॉन्च क्रकया था।
• एजेंडा ने AMR के िढ़ते खतरे से वनपटने के वलए पांच स्तंभों पर आधाररत िन िेल्थ दृविकोण प्रस्तुत क्रकया िै , वजसमें वनम्नवलवखत शावमल िैं:
o संचरण: यि पयातिरण, पादप, पशु और मानि िेत्रकों पर कें क्रद्रत िै, जिां AMR का संचरण, पररसंचरण ि प्रसार िोता िै।
• 12 अफ्ीकी देशों को अगले दो िषों (2023-25) के दौरान पिली िार मलेररया िैक्सीन RTS, S/AS01 की 18 वमवलयन खुराकें देने की घोषणा
की गई िै। यि घोषणा विश्व स्िास््य संगठन (WHO), ग्लोिल अलायंस फॉर िैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (GAVI) और यूवनसेफ द्वारा की गयी िै।
o RTS, S/AS01 (RTS,S) मलेररया िैक्सीन का उपयोग पी. फाल्सीपेरम (P. falciparum) मलेररया की रोकथाम के वलए क्रकया जा सकता
िै।
o इसे मॉसक्रिररक्स (Mosquirix) नाम से भी जाना जाता िै। यि एक ररकॉवम्िनेंट प्रोटीन िैक्सीन (RPV) िै।
• RPV एक प्रकार की ररकॉवम्िनेंट सियूवनट िैक्सीन (RSVs) िै। इसमें एंटीजन के रूप में प्रोटीन का उपयोग क्रकया जाता िै।
o RSVs एक या कई एंटीजन्स की िमता पर वनभतर करते िैं। एंटीजन्स, रोगज़नकों जैसे क्रक प्रोटीन, पेप्टाइड्स, DNAs के उप-भाग िोते िैं।
एंटीजन्स रोगजनक से वनपटने िेतु प्रवतरिा प्रणाली को एंटीिॉडी के वनमातण के वलए उत्प्रेररत करते िैं।
o RPVs को जीवित िायरस की मदद से िनाए गए टीकों की तुलना में अवधक सुरवित माना जाता िै। ऐसा इसवलए िै क्योंक्रक ये प्रवतकृ वत निीं
िनाते िैं और इसमें िायरल कणों जैसे संिामक घटक भी निीं िोते िैं।
• मलेररया के िारे में:
o यि प्लाज्मोवडयम (परजीिी) के कारण िोने िाली एक जानलेिा िेक्टर-जवनत िीमारी िै।
o िेक्टर: मादा एनाक्रफलीज मच्छर।
o लिण: तेज िुखार, कं पकं पी िाली ठं ड लगना और फ्लू जैसे लिण।
o चार प्रकार के मलेररया परजीिी मनुष्यों को संिवमत करते िैं, जो वनम्नवलवखत िैं:
▪ पी. फाल्सीपेरम,
▪ पी. वििैक्स,
▪ पी. ओिेल, और
▪ पी. मलेररया।
o पी. नोलेसी प्राकृ वतक रूप से मकाक (एक प्रकार का िन्दर) को संिवमत करता िै, लेक्रकन यि दविण-पूित एवशया में मनुष्यों में ज़ूनोरटक/
पशुजन्य मलेररया के रूप में भी संिवमत कर रिा िै।
o मलेररया से िोने िाली िीमारी और इसके चलते िोने िाली मौतों दोनों को िी रोका जा सकता िै। साथ िी, इसका उपचार भी क्रकया जा
सकता िै।
• ग्लोिल अलायंस फॉर िैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (GAVI) के िारे में:
o इसे िषत 2000 में स्िास््य के वलए िैवश्वक भागीदारी (Global Health Partnership) के रूप में स्थावपत क्रकया गया था।
o मुयय भागीदार: WHO, विश्व िैंक, यूवनसेफ और विल एंड मेमलंडा गेवस फाउं डेशन।
o यि प्राथवमक स्िास््य देखभाल को मजिूत करने और साितभौवमक स्िास््य किरे ज (या SDG-3) के लक्ष्य को प्राप्त करमें मित्िपूणत भूवमका
वनभा रिा िै।
• टीिी (िय रोग/तपेक्रदक) के वलए संशोवधत BPaL खुराक परीिण में उपचार की दर 85 प्रवतशत से अवधक पाई गई िै।
• BPaL छि मिीने की पूरी तरि से मुख से ग्रिण करने योग्य, तीन-दिाओं की खुराक िै। इसका उपयोग टीिी के एक चरण व्यापक रूप से दिा
प्रवतरोधी ियरोग (XDR-TB)153 से ग्रवसत रोवगयों के इलाज के वलए क्रकया जाता िै।
o इसमें एंटीिायोरटक प्रीटोमेवनड के साथ-साथ दो अन्य एंटीिायोरटक्स भी शावमल िैं: िेडाक्रिवलन और लाइनज़ोलीड।
• XDR-TB एक दुलतभ प्रकार का िहु-दिा प्रवतरोधी ियरोग (Multi-Drug Resistant-TB: MDR-TB) रोग िै। यि आइसोवनयावज़ड और
ररफै वम्पन के प्रवत प्रवतरोधी िोने के साथ-साथ क्रकसी भी फ्लोरोक्रिनोलोन और तीन इंजेक्शन द्वारा दी जाने िाली दूसरी-पंवक्त की दिाओं में से कम
से कम एक के प्रवत प्रवतरोधी िै। तीन इंजेक्शन द्वारा दी जाने िाली दूसरी-पंवक्त की दिाएं िैं- वमकै सीन, के नामाइवसन या कै प्रोमाइवसन।
7.6.15. िै वश्वक खाद्य विवनयामक वशखर सम्मे ल न 2023 (Global Food Regulators Summit 2023)
• यि वशखर सम्मेलन खाद्य विवनयामकों का एक िैवश्वक मंच िनाने के वलए FSSAI का प्रयास िै। इसका उद्देश्य खाद्य सुरिा से संिवं धत प्रणावलयों
और विवनयामक ढांचे को मजिूत करने िाले दृविकोणों का आदान-प्रदान करना िै।
• शुरू की गई प्रमुख पिलें:
o फू ड-ओ-कोवपया जारी क्रकया गया िै। यि खाद्य श्रेणी-िार मोनोग्राफ का एक संग्रि िै। साथ िी, एक विवशि उत्पाद श्रेणी के वलए सभी लागू
मानकों िेतु एकल संदभत मिंदु भी िै।
o साझा विवनयामक मंच 'संग्रि (SaNGRAH)' लॉन्च क्रकया गया िै। यि दुवनया भर के 76 देशों के खाद्य विवनयामक प्रावधकरणों, उनके कायों,
खाद्य परीिण सुविधाओं आक्रद का एक डेटािेस िै।
• िाल िी में, सरकार ने “भारत में ग्रीन िाइड्रोजन इकोवसस्टम के वलए अनुसध
ं ान एिं विकास रोडमैप ” का ड्राफ्ट जारी क्रकया िै। इस रोडमैप में लंिी
दूरी की यात्रा, विशेष रूप से सडक पररििन िेत्रक के वलए फ्यूल सेल विकवसत करने पर िल क्रदया गया िै।
• इस ड्राफ्ट रोडमैप में ग्रीन िाइड्रोजन में अनुसध
ं ान और विकास (R&D) के वलए 3 प्रमुख दृविकोण का प्रस्ताि क्रकया गया िै:
o वमशन मोड दृविकोण,
o ग्रैंड चैलेंज प्रोजेक्वस, और
o ब्लू स्काई प्रोजेक्वस।
• ब्लू-स्काई प्रोजेक्वस दीघातिवध (0-15 िषत) में असर क्रदखाने िाले प्रोजेक्वस िैं। इसके तित मुयय रूप से िैवश्वक स्तर पर िौवद्धक संपदा (IP) स्थावपत
करने और भारतीय उद्योग के वलए प्रवतस्पधी लाभ सुवनवश्चत करने पर ध्यान क्रदया जाएगा।
7.6.17. डायरे क्ट मे थ नॉल फ्यू ल से ल्स {Direct Methanol Fuel Cells (DMFCs)}
• जि कोिाल्ट और प्लेरटनम की वमश्र धातु को मैंगनीज के साथ वमलाया गया, तो उसे DMFCs में एक प्रभािी उत्प्रेरक के रूप में पाया गया।
• DMFC विद्युत रासायवनक ऊजात को रूपांतररत करने िाला एक उपकरण िै। यि तरल मेथनॉल की रासायवनक ऊजात को सीधे विद्युत ऊजात में
पररिर्ततत करता िै।
• DMFCs में उच्च ऊजात घनत्ि, अवधक दिता और कम पररचालन तापमान िोता िै। साथ िी, इनका पररचालन भी अवधक सुरवित िोता िै, क्योंक्रक
ये तरल ईंधन (मेथनॉल) पर आधाररत िोते िैं।
• उपयोग: छोटे िािनों के वलए िैकवल्पक ऊजात स्रोत तथा मोिाइल फोन, वडवजटल कै मरा, लैपटॉप और अन्य छोटे इलेक्ट्ॉवनक गैजेट के वलए िैटरी
चाजतर के रूप में उपयोग क्रकया जा सकता िै।
िाल िी में, श्री अल्लूरी सीताराम राजू की 125िीं जयंती और रम्पा विद्रोि की 100िीं िषतगांठ के अिसर पर िैदरािाद में
िषत भर चलने िाले उत्सि का शुभारं भ क्रकया गया।
आरं वभक जीिन
• जन्म स्थान: इनका जन्म 04 जुलाई, 1897 को आंध्र प्रदेश के भीमािरम के वनकट मोगल्लु गांि में हुआ था।
• 18 िषत की आयु में िे सभी सांसाररक सुखों को त्याग करके संन्यासी िन गए थे।
भारत की आजादी में योगदान
• िे असियोग आंदोलन (NCM) के दौरान मिात्मा गांधी से प्रभावित हुए थे:
o उन्िोंने आक्रदिावसयों को स्थानीय पंचायत अदालतों में न्याय पाने और औपवनिेवशक अदालतों का िविष्कार करने
के वलए प्रेररत क्रकया था।
o उन्िोंने लोगों को खादी पिनने और मद्यपान का त्याग करने के वलए प्रेररत क्रकया था।
8.3. िैवस्टल डे और फ्ांसीसी िांवत (1789-1815) {Bastille Day and French Revolution (1789-1815)}
िाल िी में, भारत के प्रधान मंत्री ने फ्ांस में िैवस्टल डे परे ड में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में भाग
वलया।
िैवस्टल डे के िारे में
• 14 जुलाई, 1789 को िैवस्टल जेल पर हुए िमले के साथ िी फ्ांसीसी िांवत की शुरुआत मानी
जाती िै। इसकी िषतगांठ के उपलक्ष्य में 14 जुलाई को िैवस्टल डे के रूप में मनाया जाता िै।
• िैवस्टल डे से संिवं धत घटनाएं:
o फ्ांस के राजा और असेंिली एक-दूसरे को संदेि की दृवि से देखते थे। अचानक राजा ने
सैवनकों को शिर में जाने का आदेश दे क्रदया।
o इससे यि अफिाि फै ल गई क्रक राजा जल्द िी सेना को नागररकों पर गोवलयां चलाने का
आदेश दे सकता िै।
o इसके िाद िजारों लोगों के एक समूि ने पेररस वस्थत क्रकले की िैवस्टल नामक जेल पर
िमला कर क्रदया। लोगों को ििां एकवत्रत क्रकया गया, जिाँ उन्िें गोला-िारूद वमलने की
उम्मीद थी।
• वनरं कुश और तानाशाि िुिो राजिंश का अंत: िांवत के तित िुिो राजिंश उन्मूलन कर क्रदया गया था और • िांवत ने राष्ट्रिाद की भािना को जागृत क्रकया:
1791 से लागू नए संविधान के िाद से क्रकसी भी राजा ने दैिीय अवधकारों का दािा निीं क्रकया। इसने इटली और जमतनी के एकीकरण का मागत
• सामावजक व्यिस्था पर प्रभाि: प्रशस्त क्रकया। यि भािना जल्द िी िेवल्जयम,
o विशेषावधकार प्राप्त िगत का अंत: िांवत से एक नए सामावजक ताने-िाने की शुरुआत हुई।
सर्ितया, ग्रीस और िंगरी में भी फै ल गई।
o सामंतिाद का अंत: सामंती लॉड्सत ने प्रशासन, सेना और चचत में सभी प्रमुख पदों पर कब्जा क्रकया
हुआ था। िांवत के िाद से इस प्रिृवि में काफी कमी आई। • मानिावधकारों की घोषणा: इसने कई आंदोलनों
o मध्यम और वनम्न िगत की वस्थवतयों में सुधार: जिरन श्रम पर प्रवतिंध लगा क्रदया गया। क्रकसानों को को जन्म क्रदया। इसके तित लोगों ने न के िल
भूवम आिंरटत की गई और कई कर िटा क्रदए गए। राजनीवतक स्ितंत्रता िवल्क संपवि के अवधकार
• चचत की सिोच्चता में वगरािट: सभी संप्रदायों को धार्मतक स्ितंत्रता प्रदान की गई। िांवतकाररयों ने िुवद्ध और अवभव्यवक्त की स्ितंत्रता की भी मांग की।
और तकत पर अवधक जोर क्रदया।
• नई क्रदल्ली के प्रगवत मैदान में अंतरातष्ट्रीय प्रदशतनी-सि-सम्मेलन कें द्र (IECC) का नाम ‘भारत मंडपम’ रखा गया िै।
• ‘भारत मंडपम’ नाम के पीछे की प्रेरणा भगिान िसिेश्वर (12िीं शताब्दी) का ‘अनुभि मंडप’ िै।
• अनुभि मंडप इवतिास की सिसे प्रारं वभक संसदों में से एक थी। यिां पर शरणों (कवियों और सामावजक-आध्यावत्मक सुधारकों) द्वारा अलग-अलग
िेत्रों में सुधारों के वलए विचार-विमशत क्रकया जाता था।
o एक मिान योगी प्रभुदि े इस संसद के अध्यि थे। ििीं भगिान िसिेश्वर प्रधान मंत्री के रूप में कायत करते थे।
o मंडप के सदस्यों का चयन लोगों द्वारा निीं क्रकया जाता था, िवल्क मंडप के उच्च प्रावधकाररयों द्वारा चयवनत या मनोनीत क्रकया जाता था।
• तवमलनाडु के पुदक
ु ोट्टई वजले में अिवस्थत पोपतनैकोट्टई स्थल पर की गई खुदाई से संगम युग से संिवं धत सोने का स्टड, िड्डी से िना एक नुकीला
औजार तथा एक कानेवलयन मनका प्राप्त हुआ िै।
o संगम युग तवमलनाडु ि के रल के प्राचीन इवतिास का एक काल िै। यि छठी शताब्दी ईसा पूित से लेकर तीसरी शताब्दी ईस्िी तक विस्तृत था।
• उत्खनन स्थल से शिाधान स्थल का संकेत वमला िै तथा दुगत िेत्र में स्थल के अंदर जल वनकायों के प्रमाण वमले िैं।
• कानेवलयन मनके की खोज ने देश में आंतररक व्यापार का संकेत क्रदया िै, क्योंक्रक ये सामान्यतिः भारत के उिरी भाग से प्राप्त हुए िैं।
• िड्डी के नुकीले औजारों की खोज से संकेत वमलता िै क्रक पोपतनक
ै ोट्टई िुनाई उद्योग का स्थल था।
• कें द्रीय संस्कृ वत मंत्रालय और भारतीय नौसेना सामूविक रूप से जिाज वनमातण की 2000 साल पुरानी तकनीक को पुनर्ितकवसत करने के वलए एक
पररयोजना शुरू करें गे। इस तकनीक को टं काई पद्धवत के नाम से जाना जाता िै।
• इस पद्धवत में जिाज का वनमातण कीलों के प्रयोग के स्थान पर लकडी के तयतों को एक साथ जोडकर क्रकया जाता िै।
• इस पद्धवत से वनर्मतत जिाज के लचीलेपन और रटकाऊपन में िृवद्ध िो जाती िै। इससे इनके उथले जल और जलमि िालू-वभवि (sandbar) से
नुकसान पहुंचने की संभािना कम िो जाती िै।
• यूरोपीय जिाजों के आगमन से जिाज वनमातण की तकनीक में िदलाि आ गया था।
• प्रधान मंत्री ने संथाली भाषा की ओल वचकी वलवप का उपयोग करके संथाल जनजावत के लोगों को हूल क्रदिस की शुभकामनाएं दी।
o 92िें संविधान संशोधन अवधवनयम के माध्यम से संथाली को भारत के संविधान की आठिीं अनुसच
ू ी में जोडा गया था। इसे िोडो, डोगरी और
मैवथली भाषाओं के साथ संविधान में शावमल क्रकया गया था। आठिीं अनुसूची में भारत की आवधकाररक भाषाओं को सूचीिद्ध क्रकया गया िै।
• ओल वचकी वलवप का विकास 1925 में रघुनाथ मुमूत ने क्रकया था।
o संथाली एक मुड
ं ा भाषा िै। यि भाषा मुयय रूप से झारखंड, पवश्चम िंगाल, ओवडशा, िांग्लादेश, पूिी नेपाल और भूटान में िोली जाती िै।
o िषत 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में संथाली िोलने िालों की संयया लगभग 7.3 वमवलयन िै।
• संथाल विद्रोि (1855-56) वब्ररटश औपवनिेवशक शासन के वखलाफ शुरुआती विद्रोिों में से एक था।
• इस विद्रोि का मुयय कारण 1790 का स्थायी िंदोिस्त अवधवनयम था। इसके कारण िीरभूम और मानभूम िेत्रों (िततमान िंगाल) से इनका
विस्थापन िो गया था। िाद में जमींदार, पुवलस और वब्ररटश द्वारा उनका शोषण क्रकया गया था।
o यि विद्रोि झारखंड की राजमिल पिावडयों में दावमन-ए-कोि िेत्र में हुआ था।
o इस विद्रोि का नेतृत्ि दो भाइयों- वसद्धू और कान्हू मुमूत ने क्रकया था।
o इसमें देश की आवधकाररक भाषाओं को सूचीिद्ध क्रकया गया िै। िततमान में,
o मूल संविधान में 14 भाषाएं सूचीिद्ध थीं और िाकी भाषाओं को िाद में
o मसंधी भाषा को 1967 में और कोंकणी, मवणपुरी एिं नेपाली को 1992 में
इस सूची में शावमल क्रकया गया था। साथ िी, 2003 के 92िें संशोधन
• नई भाषा का समािेश:
o िततमान में क्रकसी भाषा को आठिीं अनुसच
ू ी में शावमल करने के वलए विचार करने िेतु कोई वनवश्चत मानदंड निीं िै।
o िालांक्रक, एक वनवश्चत मानदंड विकवसत करने के वलए सरकार ने पाििा (1996) और सीताकांत मिापात्र (2003) सवमवतयों का गठन क्रकया
गया था। लेक्रकन ये संिंवधत मानदंड विकवसत करने में सफल निीं िो सकी।
o वचन-कु की-वमजो नृजातीय समूि की सभी जनजावतयां: ये म्यांमार, भारत और िांग्लादेश में फै ली हुई िैं।
o इसमें कई उप-जनजावतयां और कु ल; जैसे वचन, कु की, वमजो, लुशेई, जोमी, पैतेई, िमार, राल्ते, पािी, लाई, मारा, गंगटे, थाडो आक्रद शावमल
िैं।
• ऐसा माना जाता िै क्रक ये जनजावतयां चीन से वतब्ित िोते हुए म्यांमार में िसने के वलए चली गई थीं।
• िे वतब्िती-िमी भाषा-समूि की भाषाएं िोलते िैं।
• यि वत्रपुरा में मनाया जाने िाला एक त्यौिार िै जो खारची पूजा के दो सप्ताि िाद मनाया जाता िै। इसमें संरिक देिता ‘के र’ की पूजा की जाती िै।
• त्यौिार के दौरान एक संरवित िेत्र िनाने के वलए अगरतला के प्रिेश द्वार िंद कर क्रदए जाते िैं। इसके दौरान लोगों को आग जलाने, नृत्य करने, गाने
या यिां तक क्रक जूते पिनने की अनुमवत निीं िोती िै।
• यि त्यौिार पूिोिर के कु छ अन्य राज्यों के साथ-साथ िांग्लादेश के चटगांि पिाडी इलाकों में भी आयोवजत क्रकया जाता िै।
पररचय
‘मानिता के विना विज्ञान’ को मिात्मा गांधी द्वारा प्रवतपाक्रदत सात सामवजक पापों में से एक माना गया िै। गांधीजी ने इस िात पर जोर क्रदया क्रक यक्रद
विज्ञान की अिधारणा पूरी तरि तकनीक और प्रौद्योवगकी तक सीवमत िो जाती िै, तो यि मनुष्य को शीघ्र िी मानिता के विरुद्ध कर देगा। उन्िोंने उन
उच्च मानिीय उद्देश्यों पर ध्यान कें क्रद्रत करने पर जोर क्रदया, वजन्िें प्रौद्योवगकी के माध्यम से पूरा करने का प्रयास क्रकया जाना चाविए।
मानिता के विना िैज्ञावनक विकास के िावलया उदािरण
• मानि जीिन पर नकारात्मक प्रभाि की जानकारी िोने के िािजूद रूस-यूिेन युद्ध में घातक िवथयारों का प्रयोग क्रकया गया।
• चीन में एक शोधकतात ने वडजाइनर िेिी (िांवछत गुणों िाले िच्चे) िनाने के वलए जीन एवडटटंग तकनीक का इस्तेमाल क्रकया।
• कृ वत्रम एिं विनाशकारी प्रौद्योवगक्रकयां वनजता के उल्लंघन (मानिीय गररमा) जैसे पररणामों पर विचार क्रकए विना तेजी से प्रगवत कर रिी िैं।
प्रमुख वितधारक और उनके वित
िैज्ञावनक समुदाय • िैज्ञावनक: िैज्ञावनक विकास, िडे पैमाने पर लोक कल्याण के विचार आगे िढ़ाते हुए व्यवक्तगत विकास पर ध्यान कें क्रद्रत करना।
• संस्थान: इसमें साितजवनक और वनजी दोनों संस्थाएं शावमल िैं।
o साितजवनक संस्थाएं आम तौर पर राष्ट्रीय वितों से वनदेवशत िोती िैं।
o वनजी संस्थान आमतौर पर लाभ पर अवधक जोर देते िैं।
वनयामक वनकाय (राष्ट्रीय • वनयामक वनकायों का लक्ष्य मानिता के कल्याण के वलए विज्ञान के उपयोग को िढ़ािा देना िै।
और अंतरातष्ट्रीय) o उनका लक्ष्य अनुसंधान और िैज्ञावनक विकास के िेत्र में पारदर्शतता एिं जिािदेिी लाना िै।
संप्रभु राज्य • संप्रभु राज्यों का वित उनके राष्ट्रीय वित पर वनभतर करता िै।
o ये वित भू-राजनीवतक पररवस्थवतयों और घरेलू जरूरतों के अनुरूप वभन्न-वभन्न िो सकते िैं।
नागररक/ व्यवक्त • एक व्यवक्त की आकांिा मानि सभ्यता के समग्र कल्याण के साथ-साथ िैज्ञावनक विकास की मदद से अपने जीिन को िेितर िनाना िै।
9.2. मानि पर वनयंवत्रत दशाओं में संिमण के अध्ययन (CHIS) से संिवं धत नैवतक आचरण {Ethical Conduct of Controlled Human
Infection Studies (CHIS)}
भारतीय आयुर्ितज्ञान अनुसंधान पररषद (ICMR) की िायोएवथक्स यूवनट ने भारत में CHIS से संिंवधत नैवतक आचरण के वलए एक सितसम्मवत
आधाररत नीवतगत वििरण तैयार क्रकया िै। CHIS को ह्यूमन चैलज
ें स्टडीज़ भी किा जाता िै।
CHIS के िारे में
CHIS अथातत् ह्यूमन चैलज
ें स्टडीज़ में स्िेच्छा से शावमल क्रकसी स्िस्थ व्यवक्त (िॉलेंरटयसत) को अत्यवधक वनयंवत्रत दशाओं में रोग पैदा करने िाले
रोगाणु से संिवमत करिाया जाता िै। इसके जररए मनुष्यों में िोने िाले संिामक रोगों के िारे में रोगजनन (Pathogenesis), संचरण, रोकथाम
और उपचार संिंधी मौजूदा समझ को और िेितर क्रकया जाता िै।
समाज • इससे साितजवनक स्िास््य लाभ, मिामारी संिंधी तैयाररयों में सुधार और सामुदावयक सशक्तीकरण िोना चाविए।
o कई विकासशील देशों में अनेक संिामक रोग स्थावनक िैं, और ििाँ ऐसे संिामक रोगजनकों में मौजूद दिाओं
के प्रवत प्रवतरोधक िमता िढ़ रिी िै।
शोधकतात • शोधकतात अनुसंधान के सभी चरणों में पयातिरण और संसाधनों की सुरिा के वलए वजम्मेदार िैं।
• रोगों से िोने िाले किों को कम करना और मानि स्िास््य को िढ़ािा देना।
नैवतक मचंताएं
• वचक्रकत्सा नैवतकता के मूल वसद्धांत - कोई नुकसान निीं पहुंचाना (Do No Harm) - का उल्लंघन: इसके तित स्िेच्छा से शावमल क्रकसी
स्िस्थ व्यवक्त को रोगजनकों से संिवमत क्रकया जाता िै जो एक प्रकार से विप्पोिे रटक शपथ का उल्लंघन किलाता िै। साथ िी, यि
वचक्रकत्सकों के वलए प्रवतपाक्रदत “डू नो िामत” की नैवतक संविता का उल्लंघन भी िै।
• मनोिैज्ञावनक संकट: इसके तित परीिण में शावमल व्यवक्त को आम लोगों से अलग रखा जाता िै और उन्िें अपने ररश्तेदारों आक्रद से वमलने
भी निीं क्रदया जाता िै। ऐसे में अके लापन व्यवक्त की मानवसक दशा को प्रवतकू ल रूप से प्रभावित कर सकता िै। उदािरण के वलए-
मनोिैज्ञावनक संकट जैसे क्रक मचंता, अके लापन और अिसाद।
• कु छ मामलों में जानकारी छु पाया जाना: उदािरण के वलए- 2010 में ह्यूमन पैवपलोमािायरस (HPV) िैक्सीन के परीिण से जुडे कु छ
नकारात्मक पिलू सामने आए थे, क्योंक्रक िॉलेंरटयसत को इसके िारे में पूरी जानकारी निीं दी गई थी।
• वनजता और गोपनीयता का मुद्दा: CHIS में संिेदनशील डेटा शावमल िोते िैं। यि प्रवतभावगयों के प्रवत सामावजक कलंक के जोवखम के साथ-
साथ उनके स्िास््य और कल्याण को भी प्रभावित कर सकता िै।
• तीसरे पि और समुदायों के वलए जोवखम: इसमें अन्य व्यवक्तयों के िीच रोगों के फै लने का जोवखम, पयातिरणीय जोवखम (जैसे- स्थानीय
भूजल प्रणावलयों का संदष
ू ण) और क्रकसी दुघटत ना की वस्थवत में लोगों के विश्वास में कमी, आक्रद शावमल िैं।
• प्रवतभावगयों को शावमल करने का कु रटल उद्देश्य: िॉलेंरटयसत को भुगतान की जाने िाली िडी रावश का विज्ञापन करके उन्िें इसमें भाग लेने के
वलए लुभाना पारं पररक नैदावनक परीिणों में काफी आम िै, जैसा क्रक भोपाल में आयोवजत कोिैवक्सन परीिण में देखा गया था।
10.1. प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन योजना {Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan (PM-SYM)}
िाल िी में, िढ़ती मुद्रास्फीवत और जीिनयापन की उच्च लागत के कारण असंगरठत िेत्रक के 21 प्रवतशत श्रवमक PM-SYM योजना से िािर िो गए िैं।
असंगरठत िेत्रक • यि कें द्रीय िेत्रक की एक योजना िै। इसे श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा प्रशावसत क्रकया जाता िै।
के श्रवमकों को • इसका क्रियान्ियन भारतीय जीिन िीमा वनगम (LIC) और
िृद्धािस्था में CSC ई-गिनेंस सर्ितसज
े इं वडया वलवमटेड (CSC SPV)
संरिण और
द्वारा क्रकया जा रिा िै।
सामावजक सुरिा
o इस योजना का पेंशन फं ड मैनज
े र LIC िै और यि पेंशन
प्रदान करना
भुगतान के वलए वजम्मेदार िै।
o इन योजना में नामांकन करने की सुविधा देश में सभी
कॉमन सर्ितस सेंटर (CSC) प्रदान कर रिे िैं।
o लाभाथी को योजना के तित कोई प्रशासवनक लागत
निीं देनी िोती िै क्योंक्रक यि भारत सरकार की एक
पूणतत: सामावजक सुरिा योजना िै।
• यि एक स्िैवच्छक और अंशदान आधाररत पेंशन योजना िै।
इसके तित लाभाथी को 60 िषत की आयु के िाद प्रवत माि
न्यूनतम 3,000 रुपये की सुवनवश्चत पेंशन प्राप्त िोगी।
• पेंशन वमलने के दौरान लाभाथी की मृत्यु की वस्थवत में लाभाथी के पवत या उसकी पत्नी को मूल पेंशन का 50% पाररिाररक पेंशन के रूप में
प्राप्त करने का अवधकार िोगा।
o पाररिाररक पेंशन के िल लाभाथी के पवत या उसकी पत्नी को िी वमलेगी।
• अवनिायत दस्तािेज:
o आधार काडत
o IFSC सवित िचत खाता/ जन धन खाता संयया।
• लाभाथी द्वारा क्रकया जाने िाला अंशदान: मुयय रूप से, लाभाथी का अंशदान मावसक आधार पर िैंक खाता से ऑटो-डेविट िो जाता िै।
िालांक्रक, इसमें वतमािी, छमािी और िार्षतक आधार पर भी अंशदान का भुगतान करने का प्रािधान िै।
o पिला अंशदान कॉमन सर्ितस सेंटर में नकद जमा करना िोता िै।
o कें द्र सरकार द्वारा लाभाथी के अंशदान के िरािर का अंशदान जमा क्रकया जाता िै।
o योजना के तित 18 से लेकर 40 िषत तक की आयु में शावमल िोने के िाद लाभाथी को 60 िषत की आयु तक अंशदान करना िोता िै।
• योजना को छोडने का प्रािधान: योजना से िािर वनकलने के प्रािधानों को लचीला रखा गया िै। ये प्रािधान वनम्नवलवखत िैं:
o यक्रद लाभाथी क्रकसी संगरठत िेत्रक से काम करने लगता िै और ििां कम से कम तीन िषत तक काम करता िै। िलांक्रक ति भी उसका खाता
तो चालू रिेगा, लेक्रकन इस खाते में सरकार अपना अंशदान (50 प्रवतशत अंशदान) जमा निीं करेगी।
o यक्रद लाभाथी 10 िषत से कम की अिवध के भीतर इस योजना को छोड देता िै तो के िल लाभाथी द्वारा क्रकया गया अंशदान िचत खाते में
वमलने िाली ब्याज दर के साथ लौटा क्रदया जाएगा।
o यक्रद व्यवक्त क्रदव्यांगता या क्रकसी अन्य कारणों से अंशदान निीं कर पा रिा/ रिी िै, तो उसे स्िेच्छा से इन योजना को छोडने का विकल्प
क्रदया गया िै। िालांक्रक यि विकल्प 5 िषों तक वनयवमत अंशदान करने पर िी उपलब्ध िै।
• अंशदान जमा करने में चूक: यक्रद क्रकसी लाभाथी ने वनयवमत अंशदान का भुगतान निीं क्रकया िै, ति उसे दंड के रूप में सरकार द्वारा तय क्रकए
गए शुल्क के साथ सम्पूणत िकाया रावश का भुगतान करना िोगा। इस तरि िि अपने अंशदान को वनयवमत कर सके गा।
• कोई व्यवक्त अटल पेंशन योजना के साथ-साथ PM-SYM में भी शावमल िो सकता िै।
उद्देश्य
ग्रामीण िेत्रों में आजीविका सुरिा को िढ़ाने के वलए ऐसे सभी पररिार को एक वििीय िषत में कम-से-कम 100 क्रदनों की गारं टीकृ त मजदूरी रोजगार
प्रदान करना, वजनके ियस्क सदस्य अकु शल शारीररक काम करना चािते िैं।