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34.unesco Heritages Sites in India
34.unesco Heritages Sites in India
आगरा का वकला
• उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थस्थत आगरा का वकला भारत के सबसे प्रमुख वकले एिं प्रससद्ध
ऐततहाससक स्थलों में से एक है कहा जाता है वक इस वकले का ननमााण ससकरिार िंश के शासकों ने करिाया
था
• 1080 ई. में मोहम्मद गजनिी ने इस वकले पर कब्जा
वकया इसके प्रश्चात ददल्ली सल्तनत के प्रथम शासक
मोहम्मद ससकंदर लोदी ने इस वकले पर अपना आनधपत्य
स्थावपत वकया उसने सन् 1504 ई. में इस वकले का
मरम्मत भी करिाया ।
• सन् 1517 ई. में ससकंदर लोदी की मृत्यु हो गरीब सजसके
बाद उसके पुत्र इब्रादहम लोदी ने इस वकले पर अपना
अनधकार वकया लेवकन सन् 1526 में बाबर और इब्रादहम लोदी के बीच पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ सजसमें
इब्रादहम लोदी मारा गया सजसके प्रश्चात मुगलों ने इस वकले पर अपना कब्जा कर सलया मुगलों के प्राय सभी
शासकों ने इसी वकले से अपना शासन व्यिस्था चलाया मुगल साम्राज्य के प्रससद्ध शासक शाहजहां ने इस
वकले को ितामान रूप ददया ।
• सन् 1983 में आगरा के इस वकले को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शानमल वकया गया और
ितामान में आगरा का वकला पूरे विश्व में प्रससद्ध है ।
ताजमहल
एलोरा की गुफाएं
• एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरं गाबाद सजले में स्थस्थत एक भारतीय पुरातात्विक स्थल है इन गुफाओं का
ननमााण राष्ट्रकुट िंश के शासकों ने करिाया था
• एलोरा की गुफाएं भारतीय पािाण सशल्प स्थापत्य कला का
एक उत्कृष्ट उदाहरण है यहां कुल 34 गुफाएं हैं सजसमें से 12
बौद्ध गुफाएं 17 दहिंदू गुफाएं और 5 जैन गुफाएं मौजूद है इन्हीं
गुफाओं में प्रससद्ध एलोरा का कैलाशनाथ मंददर स्थस्थत है ये
सभी 34 गुफाएं लगभग 2 वकलोमीटर के िेत्र िेत्र में फैला
हुआ है ।
• महाराष्ट्र के एलोरा में स्थस्थत ये गुफाएं भारत की सशल्प कला
का अदद्वतीय जीिंत प्रदशान है
• जो दहिंदू धमा, बौद्ध धमा और जैन धमा को समवपित है इस गुफा की अदद्वतीय सशल्पकला, सुंदरता और भव्यता
को देखते हुए सन् 1983 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल घोवित वकया गया ।
कोणाका सूया मंददर, उडीसा
• कोणाका सूया मंददर भारत के उडीसा राज्य के कोणााक शहर में स्थस्थत है
• यह सूया मंददर भारत के प्रससद्ध सूया मंददरों में से एक है
एक है इततहास की माने तो इस मंददर का ननमााण
राजा नरससिंह देि ने करिाया था
• इस मंददर का ननमााण लाल रं ग के बलुआ पत्थरों में एिं
ग्रेनाइट पत्थरों से वकया गया है यह मंददर कसलिंग शैली
का एक प्रससद्ध उदाहरण है
• यह मंददर भारत के सबसे प्रससद्ध मंददरों में से एक है
सजसके कारण इस मंददर को यूनेस्को द्वारा सन् 1984 में विश्व विरासत स्थल घोवित वकया गया था ।
• भारत के तनमलनाडु राज्य में स्थस्थत महाबलीपुरम के स्मारक समूह भारत के दक्षिण पूिा मैं स्थस्थत पल्लि
सभ्यता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है
• इस संपूणा स्मारक समूह को पत्थरों को काटकर एिं तराशकर
बनाया गया था इस स्मारक समूह का ननमााण सातिीं से
आठिीं शताब्दी में पल्लि िंश के शासकों द्वारा करिाया गया
था
• इस स्मारक समूह में कुछ दहिंदू मंददर एिं 40 प्राचीन स्मारक
है इसी स्मारक समूह में महाबलीपुरम का मंददर भी शानमल है
• इसकी अदद्वतीय बनािट और प्राचीन महत्ता के कारण 1984
में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व विरासत स्थल की सूची में शानमल वकया गया ।
• काजीरं गा राष्ट्रीय उद्यान आंसशक रूप से असम राज्य के गोलाघाट और नागांि सजले में स्थस्थत असम राज्य
का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान एिं भारत का एक प्रससद्ध राष्ट्रीय उद्यान है ।
• नदी और दक्षिण में काबी आंगलोंग पहादडयों को नमलाकर
यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 430 िगा वकलोमीटर के िेत्र में
फैला हुआ है इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1904 में
ब्रब्रवटश शासन के दौरान ब्रब्रवटश सरकार द्वारा की गई थी ।
• भारत के असम राज्य में स्थस्थत यह राष्ट्रीय उद्यान एक सींग
िाले गैंडे के सलए प्रससद्ध है दुननया में एक सींग िाले गैंडे की
सबसे अनधक आबादी ऐसी राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है
• सजसके कारण यूनेस्को द्वारा सन् 1984 में इस राष्ट्रीय उद्यान को िैश्वश्वक महि का स्थल घोवित वकया गया ।
मानस राष्ट्रीय उद्यान
• खजुराहो के स्मारक समूह भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर सजले में स्थस्थत है यह स्मारक समूह जैन धमा
और दहिंदू धमा के स्मारकों का समूह है
• खजुराहो के इन स्मारकों के अनधकांश मंददरों का ननमााण
चंदेल शासकों द्वारा वकया गया था ऐततहाससक वििरण के
अनुसार खजुराहो के स्मारक समूह में कुल 85 मंददर है
• सजसका ननमााण 12 िीं शताब्दी में वकया गया था लेवकन
ितामान समय में इनमें से केिल 25 मंददर ही बचे हैं
• इन मंददरों की स्थापना नागरा िास्तुकला के अंतगात की
गई थी मंददरों की अनधकांश मूततियां कामुक कला की है स्थावपत मंददरों में कंदररया महादेि का मंददर भारतीय
कला एिं दहिंदू धमा की अभभव्यनि को दशााता है ।
• फतेहपुर सीकरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थस्थत है यह एक नगर है सजसे मुगल सम्राट अकबर ने बसाया
75071 से 1585 तक यह मुग़ल नगर मुगल साम्राज्य
की राजधानी रही कहा जाता है
• वक जहां मुगल िास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है
फतेहपुर सीकरी मस्जिद दहिंदू और पारसी िास्तुकला
का एक सस्थम्मसलत उदाहरण है
• फतेहपुर सीकरी में मौजूद स्मारकों में आंख नमचौली,
दीिान-ए-खास, बुलंद दरिाजा, शाही मससजद पंच
महल, ख्िाबगाह, जौधा बाई का महल, अनूप तालाब प्रमुख है स्मारकों में की गई कारीगरी देखने लायक है
• इन स्मारकों की प्राचीनता एिं सुंदरता का संरिण करने के सलए यूनेस्को द्वारा फतेहपुर सीकरी को विश्व
विरासत स्थल भी घोवित वकया गया ।
गोिा के नगररजाघर ि कॉन्वेंट
• दक्षिणी भारतीय राज्य, गोिा की राजधानी पणजी में स्थस्थत नगरजाघर और कॉन्िेंट संपूणा विश्व में प्रससद्ध हैं
• गोिा के नगरजाघर का ननमााण 16िीं शताब्दी में वकया गया था
गोिा के नगरजाघर पुतागाली गोतथक शैली में वकया गया था
सजसकी भव्यता आज भी देखने लायक है ।
• मुख्य रूप से यहां चचा ऑफ बॉम्ब जीसस, सजसमें सेंट
फ्रेंससस जेवियर और सेंट कैथेड्रल के मकबरे हैं यहां स्थस्थत चचा
ऑफ़ सेंट फ्रांससस आसससी पूरी तरह से सेंट फ्रांससस को
समवपित है
• नगरजाघरों में लकडी पर उकेरी गई कष्ट कला देखने लायक है जो विश्व भर में प्रससद्ध है।
एलीफेंटा की गुफाएं
• एसलफेंटा की गुफाएं अथिा घारापुरी की गुफाएं भारत के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर से 12 वकलोमीटर दूरी
पर स्थस्थत है यह गुफाएं अपनी कलात्मकता के कारण प्रससद्ध है
• इन गुफाओं का ननमााण पाचिी और सातिीं शताब्दी में वकया
गया था यहां कुल 7 गुफाएं हैं सजसमें से 5 गुटों में दहिंदू जबवक
दो गुफाओं में बौद्ध धमा का साक्ष्य नमलता है धमा के देिी-
देिताओं की मूततियां है ।
• इन सभी गुफाओं गुफाओं में मुख्य गुफा में 26 स्तंभ है इन
स्तंभों में भगिान सशि को कई रूपों में उकेरा गया है इस गुफा
में भगिान सशि की नो बडी-बडी मूततियां है
• इसके अलािा इस गुफा में दहिंदू देिी – देिताओं के अनेक मंददर और मूततियां हैं गुफाओं में पहाडों को काटकर
की गई कारीगरी दक्षिण भारतीय मूततिकला का उत्कृष्ट उदाहरण है ।
• सन 1987 में एलीफेंटा की गुफाओं को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शानमल वकया गया था ।
सुद
ं रिन राष्ट्रीय उद्यान
• सुंदरिन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चश्चम बंगाल राज्य में स्थस्थत प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान बायोस्फीयर ररजिा और
बाघ अभयारण्य है
• यह राष्ट्रीय उद्यान गंगा नदी के सुंदरिन डेल्टा में स्थस्थत है
यह राष्ट्रीय उद्यान विश्व में बंगाल बाघ के सबसे बडे भंडारों
में से एक है यहां 400 से ज्यादा बंगाल बाघ पाए जाते हैं
• बाघों के अलािा यह राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों के सलए भी
आकिाण का केंद्र है
• इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना ििा 1984 में की गई थी यह राष्ट्रीय उद्यान में मैंग्रोि िनों से तघरा हुआ है जो
सुंदरिन डेल्टा का दहस्सा है ।
• पट्टदकल का स्मारक समूह भारत के कनााटक राज्य में स्थस्थत है यह स्मारक समूह 7िीं – 8िीं शताब्दी के
मध्य में बनाया गया था
• पट्टदकल मध्य भारत में चालुक्य िंश की राजधानी थी इस
स्मारक समूह में मौजूद मंददरों का ननमााण चालू का िंश के
शासकों ने करिाया था
• इन स्मारक समूह में मौजूद मंददरों का प्रारं भभक ननमााण नागर
शैली में वकया गया था लेवकन इस मंददर के अनधकांश द्रविड
शैली के साक्ष्य नमलते हैं ।
• इस स्मारक समूह में कुल 10 मंददर है सजसमें से 9 दहिंदू मंददर
तथा एक जैन मंददर है सजसमें से 5 मंददरों का ननमााण द्रविड
शैली में वकया गया है
• तथा 4 मंददर का ननमााण नागर शैली में वकया गया है तो एक मंददर नमक्षित शैली का उदाहरण है इस स्मारक
समूह में मौजूद मूततियां रामायण और महाभारत वकस कृततयों को दशााता है पट्टदकल के स्मारक समूह को ििा
1987 में विश्व विरासत स्थल घोवित वकया गया था ।
• दक्षिण भारत के तनमलनाडु राज्य में स्थस्थत महान चोल मंददर का ननमााण शासकों के द्वारा वकया गया था यह
मंददर तनमल सभ्यता के विचारधारा अनोखा साक्ष्य है
• 11िीं और 12िीं शताब्दी में चोल शासकों द्वारा 3 प्रससद्ध
मंददर बनाया गया तंजािुर के बृहदेश्वर मंददर,
गंगाईकोंडचोसलसिरम के मंददर, और दरासुरम में ऐराितेश्वर
मंददर ।
• चोल शासकों द्वारा बनाए गए इन मंददरों को चोल मंददर
कहा जाता है सन् 1987 में यूनेस्को द्वारा तंजािुर के
बृहदेश्वर मंददर को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शानमल
वकया गया
• सजसके पश्चात ििा 2004 में गंगाईकोंडचोसलसिरम के मंददर, और दरासुरम के ऐराितेश्वर मंददर को इसी सूची
में जोड ददया गया दक्षिण भारत के गीत तीन चोल मंददर द्रविड शैली की रचनात्मक उत्कृष्टता का
प्रततनननधि करते हैं ।
नंदा दे िी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
• यह स्तूप मध्य प्रदेश के रायसेन सजले के सांची नगर में स्थस्थत है सांची के स्तूप पूणातः बौद्ध धमा को समवपित है
यहां कई बौद्ध स्मारक है
• इन बौद्ध स्मारकों का ननमााण तीसरी शताब्दी ई. पूिा से 12िीं
शताब्दी के मध्य वकया गया था सांची के महान मुख्य स्तूप का
ननमााण सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ई. पूिा में करिाया था
बाद में अभिनमत्र शुंग ने इस स्तूप का पुनः जीणोद्धार करिाया
तथा इसे और बडा और विशाल बनाया ।
• इस स्तूप में भगिान महात्मा बुद्ध के कुछ अिशेि रखे हैं सांची
का यह बौद्ध स्तूप देश के सबसे संरक्षित िेत्रों में से एक है
• इस स्तूप को संरक्षित करने के उद्देश्य से ििा 1989 में इसे
यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शानमल वकया गया ।
हुमायूं का मकबरा
• हुमायूं का मकबरा नई ददल्ली के पुराने वकले के ननकट मथुरा मागा के समीप स्थस्थत है यह मकबरा भारत में
स्थस्थत मुगल िास्तुकला का प्रससद्ध उदाहरण है
• इस मकबरे का ननमााण मुगल सम्राट हुमायूं की मृत्यु के बाद
उनकी विधिा पत्नी हमीदा बानो बेगम के आदेश से सन् 1562
में बनाया गया था
• इस मकबरे का ननमााण काया सन् 1572 में संपन्न हुआ इसमें
मकबरे में मुगल सम्राट हुमायूं का कब्र भी है
• इसके अलािा इस मकबरे में मुगल साम्राज्य के कई राजसी
लोगों के भी कब्रे मौजूद है यह भारत का सिाप्रथम मकबरा था
सजसके ननमााण में बडे पैमाने पर लाल बलुआ पत्थरों का उपयोग वकया गया ।
• इस मकबरे का ननमााण चारबाग शैली में वकया गया था इस शैली में नननमित यह भारत का प्रथम मकबरा था
यूनेस्को द्वारा ििा 1993 में इसे विश्व विरासत स्थल घोवित वकया गया।
• कुतुब मीनार और उसके स्मारक पररसर ददल्ली के लाल कोट में स्थस्थत है इसका ननमााण काया कुतुबुद्दीन
ऐबक के द्वारा सन् 1192 में शुरू वकया गया था
• लेवकन इसके बाद भी इस स्मारक का कई बार जीणोद्धार
हुआ सन् 1211 से 1236 में इल्तुतनमश ने , 1296 से 1316
के मध्य अलाउद्दीन श्वखलजी ने इस स्मारक समूह का पुनः
ननमााण करिाया और इसे बडा बनाया ।
• लेवकन ििा 1326 और 1368 में ब्रबजली नगरने के कारण
यह इमारत काफी िततग्रस्त हुआ लेवकन दफरोज शाह
तुगलक द्वारा इस इमारत का मरम्मत करिाया गया सजसके
पश्चात सन् 1503 ससकंदर लोदी ने इस इमारत के ऊपर के मंसजलों का जीणोद्धार करिाया ।
• ददल्ली में स्थस्थत यह स्मारक समूह भारत के प्रससद्ध स्मारको में से एक है ितामान में यह भारत के प्रससद्ध
सांस्कृततक एिं ऐततहाससक स्थलों में से एक है यूनेस्को द्वारा ििा 1993 में विश्व विरासत स्थल घोवित वकया
गया ।
• यूनेस्को द्वारा देश के विभभन्न राज्यों के पिातीय इलाकों में स्थस्थत भारत की तीन प्रमुख पिातीय रे लिे दासजिसलिंग
दहमालयन रे लिे, कालका-सशमला रे लिे और नीलनगरर पिातीय रे लिे को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में
शानमल वकया गया है ।
• यह स्थान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन सजले स्थस्थत है जो पुरापािाण काल का एक पुरास्थल है यह
स्थल आदद मानि द्वारा बनाए गए शैलासचत्रों के सलए प्रससद्ध
है
• जो भारतीय उपमहाद्वीप में मानि जीिन का प्राचीनतम
साक्ष्य है इस स्थल की खोज सन् 1957-58 में डॉ. विष्णु
िीधर िाकणकर के द्वारा की गई थी
• इस स्थान पर कई पूरा अिशेि नमले हैं जो भारत की
प्राचीनता का साक्ष्य है भीमबेटका के इस िेत्र को अगस्त
1990 में भारत के पुरातात्विक सिेिण विभाग द्वारा राष्ट्रीय महि का स्थल घोवित वकया गया
• सजसके पश्चात ििा 2003 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व विरासत स्थल घोवित वकया गया ।
• छत्रपतत सशिाजी टनमिनल भारत के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर का ऐततहाससक रे लिे स्टे शन है यह रे लिे
स्टे शन भारत के सबसे व्यस्त रे लिे स्टे शनों में से एक
है
• इसके पहले इस रे लिे स्टे शन को विक्टोररया टनमिनस
कहा जाता था स्टे शन की इमारत का ननमााण
विक्टोररयन गोतथक शैली में वकया गया था
• यह इमारत विक्टोररयन गोतथक शैली और परं परागत
भारतीय शैली का संगम दशााता है यह स्टे शन उन्नत
संरचना, तकनीकी विशेिता एिं भारतीय स्थापत्य कला के सौंदया को दशााता है
• 2 जुलाई 2004 को इस स्टे शन को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोवित वकया गया ।
• यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शानमल चंपानेर – पािागढ़ पुराति उद्यान भारत के गुजरात राज्य के
पंचमहल सजले में स्थस्थत एक पुरातात्विक उद्यान है
• यहां स्थस्थत पािागढ़ वकले का ननमााण 15िीं शताब्दी में चौहान राजपूतों के द्वारा वकया गया था इस पुराति
उद्यान में कई स्मारक स्थस्थत है
• इस उद्यान में िृहद स्तर पर भारतीय पुरातात्विक, ऐततहाससक और जीिंत संस्कृततक धरोहर स्थस्थत है
• सजसके कारण यूनेस्को द्वारा ििा 2004 में इस उद्यान को विश्व धरोहर स्थल घोवित वकया गया ।
लाल वकला – नई ददल्ली
• लाल वकला भारत की राजधानी ददल्ली के ऐततहाससक स्थलों में से एक इस वकले का ननमााण 1648 मुगलों
के द्वारा वकया गया था
• इस वकले के ननमााण में लाल बलुआ पत्थरों का प्रयोग
वकया गया है इस वकले की ददिारी लाल होने के
कारण इसे लाल वकला कहा जाता है या वकला मुगल
शासकों का राजनीततक एिं औपचाररक केंद्र था जो
मुगलकालीन िास्तुकला और सौंदया का उत्कृष्ट
उदाहरण है ।
• ददल्ली में स्थस्थत यह वकला भारत की आजादी और
आन – बान तथा शान का प्रतीक है इस वकले की भव्यता और सुंदरता को देखने के सलए दुननया के कोने-
कोने से लोग यहां आते हैं
• इस वकले को ददल्ली में स्थस्थत इस ऐततहाससक वकले को ििा 2007 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में
शानमल वकया गया ।
जंतर-मंतर – जयपुर
• राजस्थान के जयपुर शहर में स्थस्थत जंतर – मंतर एक खगोलीय िेधशाला और UNESCO विश्व धरोहर स्थल है
• सजसका ननमााण महाराजा जयससिंह दद्वतीय ने सन् 1724
ईसिी में करिाया था महाराणा जयससिंह दद्वतीय ने ऐसी
खगोलीय िैधशाला का ननमााण जयपुर के अलािा चार
और जगहों ददल्ली, िाराणसी, मथुरा और उज्जैन में भी
करिाया था
• यह सभी पांचों जंतर मंतर अथाात खगोलीय िेधशाला
ग्रहों की स्थस्थतत और चाल को बताते हैं
• दरअसल महाराजा जयससिंह दद्वतीय द्वारा इन जंतर-मंतर का ननमााण दहिंदू और मुस्जस्लम खगोलशास्थियों के बीच
नछडी बहस को खत्म करने के सलए वकया गया था ।
पश्चश्चमी घाट
• अरब सागर के तट पर स्थस्थत जैि विविधता से भरपूर पहाडों को पश्चश्चमी घाट कहा जाता है सजनमें अनेकों
पहाड शानमल हैं जो भारत के विभभन्न राज्यों में स्थस्थत है
• इन पहाडों में पश्चश्चमी घाट के लगभग 39 पहाडों एिं स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शानमल
वकया गया है
• यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शानमल 39 पहादडयों में 20 केरल में , 10 कनााटक में, 5 तनमलनाडु में और
4 महाराष्ट्र में स्थस्थत हैं
• पश्चश्चमी घाट की पहादडयों में अन्नामलाई की पहादडयां, पेररयार की पहादडयां, नीलनगरी की पहादडयां, कुदरे मुख
की पहादडयां, तलाकािेरी की पहादडयां, सहयात्री की पहादडयां आदद यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शानमल
है ।
• िैसे तो राजस्थान में कई वकले / दुगा है सजसमें से राजस्थान के ससफा 6 पहाडी दुगा को ही ििा 2013 यूनेस्को
की विश्व धरोहर सूची में शानमल वकया गया है
• ये 6 पहाडी दुगा है –
• सचत्तौडगढ़ दुगा, सचत्तौडगढ़
• कुम्भलगढ़ दुगा, कुम्भलगढ़
• रणथंबोर दुगा, सिाई माधोपुर
• आमेर दुगा, जयपुर
• जैसलमेर दुगा, जैसलमेर
• गागरोन दुगा, झालािाड
रानी की िाि
• भारत के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर के फोटा इलाके में स्थस्थत विक्टोररयन और आटा डेको एनसेंबल का
ननमााण 19िीं सदी में विक्टोररयन ननयो गोतथक शैली में वकया गया था
• जो विक्टोररयन ननयो गोतथक सािाजननक भिनों एिं आटा डेको भिनो का संग्रह है सजसे ििा 2018 में यूनेस्को
के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शानमल वकया गया ।
• जयपुर भारत के राजस्थान राज्य का सबसे बडा शहर है इस नगर की स्थापना महाराजा जयससिंह दद्वतीय के
द्वारा की गई थी
• यह शहर अपनी समृद्ध भिन ननमााण-परं परा, सरस, संस्कृतत
और ऐततहाससक महि के सलए भारत के साथ-साथ संपूणा
विश्व में प्रससद्ध है इस शहर में महलों और पुराने घरों में
लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों के कारण इस शहर को भारत
का वपिंक ससटी या गुलाबी शहर कहा जाता है
• इस शहर को जुलाई 2019 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर
स्थल घोवित वकया गया ।
• रामप्पा मंददर या रुद्रेश्वर मंददर भारत दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य के मुलुंड सजले के पालमपेट गॉंि में
स्थस्थत एक प्रससद्ध दहिंदू मंददर है यह मंददर भगिान सशि को समवपित है
• इस मंददर में स्थस्थत सशलालेख के अनुसार इस मंददर का ननमााण सन् 1213 ईसिी में का काकतीय साम्राज्य उ
शासक गणपतत देि के सेनापतत रे चारला रुद्रदेि ने करिाया था
• यूनेस्को ने ििा 2021 में इस मंददर को अपनी विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोडा ।
धोलािीरा
• धोलािीरा गुजरात राज्य वकस सजले में स्थस्थत ससिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रससद्ध पुरास्थल एिं विश्व धरोहर
स्थल है
• यह स्थल अब तक ज्ञात ससिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बडे स्थलों में से एक है यहां ससिंधु घाटी सभ्यता से
संबंनधत कई अिशेि और स्थल पाये गये है ।