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A Brief History of Modern India - Rajiv Ahir - 1
A Brief History of Modern India - Rajiv Ahir - 1
A Brief History of Modern India - Rajiv Ahir - 1
आधु नक भारत का
सं त इ तहास
राजीव अहीर
आईपीएस ारा
संपादक
क पना राजाराम
े म बु स पी ल मटे ड
ए थम तल जनकपुरी नई द ली
Machine Translated by Google
आईएसबीएन
े म इं डया और े म बु स पी ल मटे ड ने
मू य ` इस पु तक म शा मल जानकारी व सनीय माने
जाने वाले ोत से ा त क है। हालाँ क े म
इं डया े म बु स पी ल मटे ड या लेख क
जानकारी क सट कता या पूण ता क गारंट दे ने का
ोड न कोऑ डनेटर के के प नाभन
काय नह करते ह और इस कार जानकारी के
उपयोग से उ प होने वाली कसी भी ु ट चूक या
त के लए ज मेदार नह ह। . लेख क और
उ पादन म सहायता वीआर कृ णदास काशक जानकारी तो दे रहे ह ले कन पेशेवर
सेवाएँ नह दे रहे ह।
लेज रटाइपसे टग ाफ स
शव शंक र गु ता
कवर डज़ाइन
ान गीता
े म बु स पी ल मटे ड ारा का शत
और वत रत ।
ए थम तल जनकपुरी नई द ली फोन
टे लीफै स
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सभी ववाद द ली े ा धकार के अधीन होगा।
यहां मु त
अजंता टस
नई द ली
Machine Translated by Google
संपादक का नोट
भारत के वतं ता सं ाम के उ चत स लेख क और इ तहासकार ारा कई कताब लखी गई ह
जो आधु नक भारत के इ तहास के कसी भी वचार म मुख कड़ी ह।
iii
Machine Translated by Google
संपादक का नोट
क पना राजाराम
iv
Machine Translated by Google
अंतव तु
यू नट I
ोत और कोण
अ याय
वदे शी भंडार
जीव नयाँ सं मरण और या ा वृ ांत
समाचार प और प काएँ
मौ खक सा य
रचना मक सा ह य
च कारी
सारांश
अ याय दो
v
Machine Translated by Google
अंतव तु
यू नट II
अ याय
भारत म यूरोपीय लोग का आगमन
भारत म पुतगाली
ए क खोज और खोज
भारत के लए समु माग
े डग से लेक र लग तक
पुतगाली रा य
पुतगा लय का मुगल से मोहभंग हो गया
पुतगा लय का पतन
पुतगा लय का मह व
डच नवासी
डच ब तयाँ
एं लो डच त ं ता
भारत म डच का पतन
अं ेज ी
महारानी ए लज़ाबेथ थम का चाटर
अं ेज ी कं पनी क गत
ांसीसी
भारत म ांसीसी के क ापना
वच व के लए आं ल ांसीसी संघष
कनाटक यु
अं ेज ी सफलता के कारण और
च वफलता
vi
Machine Translated by Google
अंतव तु
डेन
अं ेज कसके व सफल ए
अ य यूरोपीय श याँ
े डग कं प नय क संरचना और कृ त
नौसेना े ता
औ ो गक ां त
सै य कौशल एवं अनुशासन
र सरकार
धम के त कम उ साह
ऋण बाजार का उपयोग
सारांश
ब से
पुतगाली उ ान और पतन
ई ट इं डया कं पनी के ारं भक वष
भारत म डु ले स का उ ान और पतन
ारंभ म ापार म सामान के बारे म
अ याय
टश वजय क पूव सं या पर भारत
मुगल के सामने चुनौ तयां
बाहरी चुनौ तयाँ
औरंगजेब के बाद के कमजोर शासक एक
आंत रक चुनौती
मुगल सा ा य के पतन के कारण
जम दार क बदलती न ा
जागीरदारी संक ट
े ीय आकां ा का उदय
आ थक एवं शास नक सम याएँ
े ीय रा य का उदय
े ीय रा य का सव ण
े ीय रा य क कृ त एवं सीमाएँ
सामा जक आ थक तयाँ
कृ ष
ापार और उ ोग
श ाक त
सामा जक व ा
vii
Machine Translated by Google
अंतव तु
अ याय
भारत म टश श का व तार और सु ढ़ करण
टश शाही इ तहास
या टश वजय आक मक थी या जानबूझ कर
भारत म टश काल क शु आत कब ई
भारत म टश सफलता के कारण
े ह थयार सै य और रणनी त
बेहतर सै य अनुशासन और नय मत वेतन
नाग रक अनुशासन एवं न प चयन णाली
शानदार नेतृ व और सरे का समथन
पं के नेता
मजबूत व ीय बैक अप
रा वाद गौरव
बंगाल पर टश वजय
टश वजय क पूव सं या पर बंगाल
अलीवद खान और अं ेज
सराज उद दौला के सामने चुनौ तयाँ
लासी का यु
मीर का सम और क सं ध
ब सर का यु
इलाहबाद क सं ध
बंगाल म दोहरी सरकार
कं पनी के त मैसूर का तरोध
वोडेयार मैसूर राजवंश
हैदर अली का उदय
थम आं ल मैसूर यु
तीय आं ल मैसूर यु
तृतीय आं ल मैसूर यु
viii
Machine Translated by Google
अंतव तु
चतुथ आं ल मैसूर यु
ट पू के बाद मैसूर
आं ल मराठा वच व के लए संघष
मराठ का उदय
मराठा राजनी त म अं ेज का वेश
थम आं ल मराठा यु
तीय आं ल मराठा यु
तीसरा आं ल मराठा यु
मराठा य हारे
सध क वजय
तालपुरस अमीर का उदय
सध पर मक भु व
सध क वजय क आलोचनाएँ
पंज ाब क वजय
पंज ाब का स ख के अधीन एक करण
रणजीत सह और अं ेज
रणजीत सह के बाद पंज ाब
थम आं ल सख यु
सरा आं ल सख यु
आं ल सख यु का मह व
के मा यम से टश सव प रता का व तार
शास नक नी त
रग बाड़ क नी त
सहायक गठबंधन
चूक का स ांत
पड़ोसी दे श के साथ टश भारत के संबंध
दे श
एं लो भूटानी संबंध
आं ल नेपाली संबंध
आं ल बम संबंध
आं ल त बती संबंध
आं ल अफगान संबंध
जॉन लॉरस और क नी त
उ कृ न यता
लटन और ाउड रजव क नी त
टश भारत और उ र प म सीमा
सारांश
ix
Machine Translated by Google
अंतव तु
ब से
रॉबट लाइव
ट पू सु तान का अनुमान
अवध का वलय
यू नट III
अ याय
से पहले अं ेज के व जनता का तरोध
जन तरोध ता पय
जन तरोध क उ प
जन व ोह के कारक कारक
नाग रक व ोह
नाग रक व ोह के मुख कारण
नाग रक व ोह क सामा य वशेषताएँ
मह वपूण नाग रक व ोह
धा मक वर वाले कसान आंदोलन
आ दवासी व ोह
मु यभू म और के लए व भ कारण
उ र पूव जनजातीय व ोह
आ दवासी व ोह क वशेषताएँ
मु य भू म के मह वपूण जनजातीय आंदोलन
उ र पूव के जनजातीय आंदोलन
सपाही व ोह
कारण
मह वपूण व ोह
जन व ोह क कमजो रयाँ
सारांश
ब से
जनजातीय आंदोलन काल े कारण एक नजर म
उ र पूव सीमांत जनजातीय आंदोलन वष
े मुख कारण
अ याय
का व ोह
उबल रहा असंतोष
ए स
Machine Translated by Google
अंतव तु
का व ोह मुख कारण
आ थक कारण
राजनी तक कारण
शास नक कारण
सामा जक धा मक कारण
बाहरी घटना का भाव
सपा हय म असंतोष
व ोह क शु आत और सार
चगारी
मेरठ से शु होता है
व ोह का दमन
व ोह वफल य आ
अ खल भारतीय भागीदारी अनुप त थी
सभी वग शा मल नह ए
ख़राब ह थयार और उपकरण
असंग ठत और ख़राब ढं ग से संग ठत
कोई एक कृ त वचारधारा नह
ह मु लम एकता कारक
व ोह क कृ त
नतीजे
व ोह का मह व
सारांश
ड बा
ेत व ोह
यू नट IV
सुधार आंदोलन
अ याय
सामा जक धा मक सुधार आंदोलन
सामा य सु वधाएँ
xi
Machine Translated by Google
अंतव तु
प मी सं कृ त का वरोध
बु भारतीय म नई जाग कता
सुधार के सामा जक और वैचा रक आधार
म डल लास बेस
बौ क मानदं ड
दो धाराएँ
समाज सुधार क दशा
अ याय
बारह
Machine Translated by Google
अंतव तु
वो का लगा संघ
याय आ दोलन
वा भमान आ दोलन
मं दर वेश आ दोलन
इं डयन सोशल कॉ स
वहाबी वलीउ लाह आंदोलन
ट टू मीर का आंदोलन
फ़राज़ी आंदोलन
अहम दया आंदोलन
सर सैयद अहमद खान और अलीगढ आंदोलन
दे वबंद कू ल दा ल उलूम
पारसी सुधार आ दोलन
सख सुधार आंदोलन
यू नट वी
संघष शु होता है
अ याय
म यवग य बु जी वय का उदय
व म समसाम यक आंदोलन का भाव
त यावाद नी तयाँ और न लीय
शासक का अहंक ार
xiii
Machine Translated by Google
अंतव तु
अ याय
भारतीय रा ीय कां ेस फाउं डेशन और
म यम चरण
भारतीय रा ीय कां ेस क ापना या यह एक सुर ा वा व था
टश सा ा यवाद क आ थक आलोचना
संवैधा नक सुधार और चार
वधान मंडल
सामा य शास नक सुधार के लए अ भयान
नाग रक अ धकार का संर ण
ारं भक रा वा दय का एक मू यांक न
जनता क भू मका
सरकार का रवैया
सारांश
ड बा
इकाई VI
रा ीय आंदोलन
अ याय
उ वाद रा वाद का युग
उ वाद रा वाद का वकास
xiv
Machine Translated by Google
अंतव तु
सारांश
ड बा
अ याय
ां तकारी ग त व धय का पहला चरण
ां तकारी ग त व धय म उछाल य
ां तकारी काय म
ां तकारी ग त व धय का एक सव ण
बंगाल
महारा
पंज ाब
xv
Machine Translated by Google
अंतव तु
अ याय
थम व यु और रा वाद त या
होम ल लीग आंदोलन
आंदोलन के लए अ णी कारक
लीग
होम ल लीग काय म
सरकारी रवैया
तक आंदोलन य फ का पड़ गया
सकारा मक लाभ
भारतीय रा ीय का लखनऊ अ धवेशन
कां ेस
गरमपं थय का कां ेस म पुनः वेश
कां ेस और के बीच लखनऊ समझौता
मु लम लीग
म टागु का अग त का व
भारतीय आप याँ
सारांश
यू नट VII
अ याय
गांधी का उ व
अब रा वाद पुन ान य
यु ो र आ थक क ठनाइयाँ
सहयोग से राजनी तक लाभ क आशा
यु म
सा ा यवाद से रा वा दय का मोहभंग
नया भर
सी ां त का भाव नवंबर
म टागु चे सफोड सुधार और सरकार
xvi
Machine Translated by Google
अंतव तु
भारत अ ध नयम
मु य वशेषताएं
क मयां
कां ेस क त या
गांधी का नमाण
ारं भक कै रयर और योग
द णअ का म स ाई
द णअ का म गांधीजी का अनुभव
गांधीजी क स या ह क तकनीक
भारत म गांधी
चंपारण स या ह थम नाग रक
आ ा का उ लंघन
अहमदाबाद मल हड़ताल पहली भूख हड़ताल
खेड़ा स या ह थम असहयोग
चंपारण अहमदाबाद और खेड़ा से लाभ
रौलट ए ट स या ह ज लयांवाला बाग नरसंहार
रौलेट ए ट
रौलट ए ट के व स या ह
पहली सामू हक हड़ताल
टॉ टॉय फाम
अ याय
असहयोग आंदोलन और
खलाफत आंदोलन
पृ भू म
खलाफत अंक
ख़लीफ़ात असहयोग का वकास
program
खलाफत पर कां ेस का ख
मु लम लीग का कां ेस को समथन
असहयोग खलाफत आंदोलन
xvii
Machine Translated by Google
अंतव तु
आंदोलन का सार
लोग क त या
सरकारी त या
आंदोलन का अं तम चरण
गांधी जी ने आंदोलन य वापस लया
खलाफत असहयोग आंदोलन का मू यांक न
सारांश
अ याय
वराजवा दय का उदय समाजवाद वचार
ां तकारी ग त व धयाँ और अ य नई ताकत
वराजवाद और प रवतक नह
कां ेस खलाफत वरा य पाट क उ प
वराजवा दय के तक
नो चजस के तक
सहमत से असहमत
चुनाव के लए वराजवाद घोषणाप
गांधी का रवैया
प रषद म वराजवाद ग त व ध
नो चजस ारा रचना मक काय
नई ताकत का उदय समाजवाद वचार
युवा श े ड यू नयनवाद
मा सवाद एवं समाजवाद वचार का सार
भारतीय युवा क स यता
कसान का आंदोलन
े ड यू नयनवाद का वकास
जा त आंदोलन
ां तकारी ग त व ध क ओर एक मोड़ के साथ
समाजवाद
के दशक के दौरान ां तकारी ग त व ध
असहयोग आंदोलन के बाद ां तकारी ग त व धय के त आकषण
य
मुख भाव
पंज ाब संयु ांत बहार म
बंगाल म
xviii
Machine Translated by Google
अंतव तु
आ धका रक त या
अ याय
मु लम और ह सां दा यक त याएँ
ज ा ारा ता वत संशोधन
नेह रपोट असंतोषजनक पाई गई
सारांश
ड बा
अ याय
स वनय अव ा आंदोलन और दौर
टे बल स मेलन
स वनय अव ा आंदोलन का संचालन
कां ेस का कलक ा अ धवेशन
के दौरान राजनी तक ग त व ध
इर वन क घोषणा अ टू बर
द ली घोषणाप
लाहौर कां ेस और पूण वराज
जनवरी वतं ता त ा
स वनय अव ा आंदोलन नमक स या ह
और अ य उभार
गांधी जी क यारह मांग
नमक को मह वपूण वषय के प म य चुना गया
दांडी माच माच अ ैल
xix
Machine Translated by Google
अंतव तु
नमक अव ा का सार
आंदोलन का भाव
सामू हक भागीदारी क सीमा
सरकारी त या संघष वराम के यास
गांधी इर वन समझौता
स वनय अव ा आंदोलन का मू यांक न
कां ेस टड
गांधी क त या
पूना पै ट
पूना पै ट का द लत पर भाव
गांधीजी का ह रजन अ भयान और जा त पर वचार
के बीच वैचा रक मतभेद एवं समानताएँ
गांधी और अ बेडकर
सारांश
अ याय
xx
Machine Translated by Google
अंतव तु
रा वा दय क त या
सरे चरण क बहस
वभा जत राय
गांधी क त
चुनाव के लए कां ेस का घोषणाप
कां ेस का दशन
सारांश
अ याय
ा त म कां ेस का शासन
गांधी जी क सलाह
कां ेस मं ालय के अधीन काय कर
नाग रक सु वधा
कृ ष सुधार
म के त कोण
समाज क याण सुधार
मू यांक न
सारांश
इकाई आठव
वतं ता क ओर और
वभाजन
अ याय
के म े नजर रा वाद त या
तीय व यु
xxi
Machine Translated by Google
अंतव तु
सै नक शासन
अथ व ा पर वचार
धम
जा त और अ ृ यता
औरत
श ा
तीय व यु और रा वाद त या
कां ेस का वायसराय को ताव
वधा म सीड यूसी क बैठक
सरकार का रवैया और कां ेस
मं ालय का इ तीफा
सरकार का छपा आ एजडा
अग त ऑफर
जवाब
मू यांक न
गत स या ह
गांधी ने नेह को अपना उ रा धकारी नयु कया
स मशन
स मशन य भेज ा गया
मु य ताव
अतीत से ान और न हताथ
स मशन वफल य आ
सारांश
अ याय
आंदोलन का सार
सामू हक भागीदारी क सीमा
सरकारी दमन
अनुमान लगाना
xxii
Machine Translated by Google
अंतव तु
आप यां
दे साई लयाकत समझौता
वेवेल योजना
सरकार अब समाधान के लए उ सुक य थी
योजना
मु लम लीग का ख
कां ेस का टड
वेवेल क गलती
आज़ाद हद फौज और सुभाष बोस
आजाद हद फौज क उ प एवं थम चरण
सारांश
अ याय
यु ो र रा ीय प र य
रा ीय उ ान क दो धाराएँ
सरकार के रवैये म बदलाव य
कां ेस चुनाव अ भयान और आईएनए परी ण
रा वाद ल य के लए चुनाव अ भयान
आईएनए कै दय के लए कां ेस का समथन
आईएनए आंदोलन कई मायन म एक मील का प र
तीन उभार क शीत ऋतु
तीन चरण पैटन
क मता एवं भाव का मू यांक न
तीन उभार
कां ेस क रणनी त
चुनाव प रणाम
कां ेस का दशन
मु लम लीग का दशन
चुनाव क मह वपूण वशेषताएं
कै बनेट मशन
टश वापसी अब आस य लग रही है
कै बनेट मशन योजना क पूव सं या पर
xxiii
Machine Translated by Google
अंतव तु
ु पग लॉज क वभ ा याएँ
मु य आप याँ
वीकृ त एवं अ वीकृ त
सां दा यक नरसंहार और अंत रम सरकार
सरकार क ाथ मकताएँ बदल
अंत रम सरकार
अवरोधक कोण और परो
लीग के उ े य
भारत म सा दा यकता का ज म और सार
भारतीय सा दा यकता क चा र क वशेषताएँ
सा दा यकता के बढ़ने के कारण
रा स ांत का वकास
सारांश
ड बा
अ याय
बा कन क योजना बनाएं
xxiv
Machine Translated by Google
अंतव तु
इकाई IX
अ याय
संवैधा नक शास नक और या यक
घटना म
और के बीच संवैधा नक वकास
का रेगुले टग ए ट
का पट् स इं डया ए ट
का अ ध नयम
का चाटर अ ध नयम
का चाटर अ ध नयम
का चाटर अ ध नयम
का चाटर अ ध नयम
भारत क बेहतर सरकार के लए अ ध नयम
के बाद से आज़ाद तक का वकास
भारतीय प रषद् अ ध नयम
भारतीय प रषद् अ ध नयम
भारतीय प रषद् अ ध नयम
भारत सरकार अ ध नयम
साइमन कमीशन
भारत सरकार अ ध नयम
भारत म स वल सेवा का वकास
कॉनवा लस क भू मका
वेले ली क भू मका
का चाटर ए ट
भारतीय स वल सेवा अ ध नयम
वैधा नक स वल सेवा
कां ेस मांग और ए चसन स म त
म टफोड सुधार
ली कमीशन
टश नयम के तहत स वल सेवा का मू यांक न
xxv
Machine Translated by Google
अंतव तु
अ याय
भारत म टश नी तय का सव ण
शास नक नी तयाँ
फू ट डालो और शासन करो
श त भारतीय के त श ुता
जम दार के त रवैया
सामा जक सुधार के त कोण
अ वक सत सामा जक सेवाएँ
म वधान
ेस क वतं ता पर तबंध
ेत न लवाद
भारत म टश सामा जक और सां कृ तक नी त
नये वचार के ल ण
सोच के व ालय
भारतीय पुनजागरण
सरकार के सामने वधा
ईसाई मशन रय क भू मका
टश र ट
रयासत के त टश नी त
भारत म टश वदे श नी त
xxvi
Machine Translated by Google
अंतव तु
अ याय
कृ ष का ठहराव और गरावट
अकाल और गरीबी
भारतीय कृ ष का ावसायीकरण
उ ोग का वनाश एवं आधु नक उ ोग का दे र से वकास
आ थक नकास
अ याय
भारतीय ेस का वकास
ारं भक व नयम
ारं भक रा वा दय ारा सुर ा के लए संघष
ेस क वतं ता
वना यूलर ेस अ ध नयम
xxvii
Machine Translated by Google
अंतव तु
अ याय
श ा का वकास
कं पनी नयम के तहत
के चाटर अ ध नयम ारा एक वन शु आत
ा यवाद आं लवाद ववाद
लॉड मैक ाले का मनट
थॉमसन के यास
वुड्स ड ैच
ताज के स ा म आने के बाद
हंटर श ा आयोग
भारतीय व व ालय अ ध नयम
श ा पर सरकारी संक प
नी त
सैडलर व व ालय आयोग
ै ध शासन के तहत श ा
हाट ग स म त
श ा क साजट योजना
ानीय भाषा श ा का वकास
तकनीक श ा का वकास
श ा पर टश नी त का मू यांक न
ड बा
अ याय
कसान आंदोलन
उप नवेशवाद के तहत कसान
ारं भक कसान आंदोलन का सव ण
इं डगो व ोह
पबना ए े रयन ली स
डे कन दं गे
के बाद कसान आंदोलन का बदला आ व प
कमज़ो रयाँ
बाद के आंदोलन
xxviii
Machine Translated by Google
अंतव तु
म पला व ोह
बारडोली स या ह
अ खल भारतीय कसान कां ेस सभा
कां ेस मं ालय के अधीन
ांत म कसान ग त व ध
यु के दौरान
यु ो र चरण
कसान आंदोलन क बैलस शीट
अ याय
मज र वग का आंदोलन
ारं भक यास
वदे शी व ोह के दौरान
थम व यु के दौरान और उसके बाद
एटक
े ड यू नयन अ ध नयम
के दशक के अंत म
मेरठ षडयं के स
कां ेस मं ालय के अधीन
तीय व यु के दौरान और उसके बाद
आज़ाद के बाद
यू नट ए स
अ याय
xxix
Machine Translated by Google
अंतव तु
व वभाग
र ा का मक और उपकरण भाग
गांधी क ह या
शरणा थय का पुनवास और पुन ापन
पूव पंज ाब
बंगाल
अ पसं यक पर द ली समझौता
भारत म शरणाथ ब तय के क
क यु न ट और वतं ता क यु न ट वतं ता को
लेक र संशय म य थे
अ याय
भारतीय रा य
I. समानता के लए कं पनी का संघष
अधीनता क त
तीय. रग फस क नी त
तृतीय. अधीन अलगाव क नी त
चतुथ. अधीन संघ क नी त
कज़न का कोण
के बाद वी.
समान संघ क नी त एक गैर टाटर
अ याय
भारत के लए सं वधान का नमाण
पृ भू म
सं वधान सभा
गठन
दो सं वधान सभाएँ भारत और पा क तान
xxx
Machine Translated by Google
अंतव तु
आज़ाद के बाद
काय स म तयाँ एवं सवस म त
ड बा
ा पसमत
अ याय
अ याय
पहला आम चुनाव
चुनाव के लए जमीनी काय
चुनाव आयोग
मतदान के लए वधान
वतं भारत के लए मतदान हो रहा है
पहली बार
चुनौ तयां
लोकसभा चुनाव के लए मैदान म पा टयां
चुनाव का संचालन
प रणाम
ड बा
थम आम चुनाव वजेता
अ याय
नेह के नेतृ व म वकास
राजनी तक वकास
रा भाषा पर वाद ववाद
xxxi
Machine Translated by Google
अंतव तु
रा य का भाषाई पुनगठन
अ य राजनी तक दल का वकास
एक अलोकतां क कृ य
परश
. व श आंदोलन से जुड़े व
वदे शी आ दोलन
असहयोग आंदोलन
स वनय अव ा आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन
xxxii
Machine Translated by Google
इकाई I
सू का कहना है
और
कोण
Machine Translated by Google
के इ तहास के लए ोत
आधु नक भारत
पुरालेख साम ी
रा य सरकार के पुरालेख
रा य अ भलेख ागार म ोत साम ी म i पूव टश भारतीय ांत ii पूववत रयासत के
रकॉड शा मल ह ज ह के बाद भारतीय संघ म शा मल कया गया था और iii टश
के अलावा अ य वदे शी शासन . इनके अलावा उन भारतीय श य के रकॉड जन पर
अं ेज ने क ज़ा कर लया था उदाहरण के लए लाहौर सा ा य के अ भलेख ागार लोक य
प से से तक खालसा दरबार के रकॉड के प म जाना जाता है मह वपूण
ोत साम ी ह। भारत म टश पूव सावज नक अ भलेख ागार का एक अ य मह वपूण सं ह
पुण े के ए लयनेशन कायालय म त पेशवा द तर है। यह पेशवा के पतन से पहले लगभग
एक शता द क अव ध के लए मराठा इ तहास के अ ययन के लए सबसे मू यवान एकल
ोत है।
कागजात.
समाचार प और प काएँ
उ ीसव और बीसव शता द के समाचार प और प काएँ अं ेज ी के साथ साथ व भ
ानीय भाषा म का शत आधु नक भारत के इ तहास के नमाण के लए जानकारी का
एक मह वपूण और ामा णक ोत ह। भारत म समाचार प का शत करने का पहला
यास अं ेज ी ई ट इं डया कं पनी के असंतु कमचा रय ारा कया गया था ज ह ने नजी
ापार क गड़ब ड़य को उजागर करने क को शश क थी। उदाहरण के लए म
नजी ापार के लए नदे शक मंडल ारा नदा कए जाने पर व लयम बो ट् स ने कं पनी से
इ तीफा दे दया और एक समाचार प का शत करने के अपने इरादे क घोषणा क । बो ट
क योजना पर आ धका रक त या मजबूत थी और उनक योजना साकार होने से पहले
ही समा त हो गई। म जे स ऑग टस ह क ने भारत म पहला समाचार प द
बंगाल गजट या कलक ा जनरल एडवरटाइज़र का शत कया।
मौ खक सा य
रचना मक सा ह य
च कारी
औप नवे शक काल के दौरान सामा जक आ थक राजनी तक और सां कृ तक जीवन क कु छ
जानकारी उस काल के च से ा त क जा सकती है। कं पनी प ट स जसे पटना कलाम
भी कहा जाता है ई ट इं डया कं पनी के संर ण म उभरी। वे लोग और य को वैसे ही च त
करते ह जैसे वे उस समय मौजूद थे। इन काय म ापार यौहार नृ य और लोग क पोशाक
दखाई दे ती थ । कं पनी
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अवन नाथ टै गोर रव नाथ टै गोर के भतीजे ईबी हेवेल जो कलक ा म कला व ालय म
सपल के प म शा मल ए और आनंद क टश कु मार वामी ीलंक ा म एक मह वपूण
त मल राजनी तक नेता के बेटे के नेतृ व म बंगाल कू ल के उदय म मह वपूण भू मका नभाई।
भू मका। हालाँ क इस नई वृ क कई प टग मु य प से भारतीय वषय पर क त थ
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सारांश
आधु नक भारतीय इ तहास के ोत
अ भलेख ीय साम य म सावज नक नजी और वदे शी भंडार शा मल ह जनम भारत सरकार के अ भलेख ागार
सावज नक पुरालेख रा य सरकार के अ भलेख ागार बंगाल म ास और बॉ बे के तीन ेसीडसी के
अ भलेख ागार और या यक रकॉड शा मल ह।
के लए मुख कोण
आधु नक भारत का इ तहास
दे ख हाल
के वष म भारत के इ तहास का उ पादन ब त अ धक हो गया है और इसके लए कु छ ीकरण क
आव यकता हो सकती है... कारण दोतरफा है भारतीय प र य म बदलाव के लए त य क पुन ा या
क आव यकता है और इ तहासकार के कोण म बदलाव भारतीय इ तहास के आव यक त व.
प सवल ीयर
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रानाडे जीवी जोशी आरसी द के ट तेलंग जीके गोखले और डीई वाचा। रा ीय आंदोलन
का एकमा लेख ा जोखा आरजी जैसे रा वाद नेता इ तहासकार नह ारा कया गया था
दे ख कु छ
इ तहासकार ने हाल ही म एक नई वृ शु क है जसे इसके समथक ने सबा टन के पम
व णत कया है जो पछले सभी ऐ तहा सक लेख न को जसम मा सवाद प र े य पर आधा रत
लेख न भी शा मल है को कु लीन इ तहासलेख न के प म खा रज कर दे ता है और इस पुराने
धुंधले इ तहासलेख न को त ा पत करने का दावा करता है। यह जो दावा करता है वह एक नए
लोग या न नवग य कोण है।
बपन चं ा
सा दा यक कोण
इस कू ल के इ तहासकार पूरी तरह से म ययुगीन भारत के औप नवे शक इ तहासलेख न और
औप नवे शक युग क पा पु तक पर भरोसा करते ए ह और मुसलमान को ायी
श ुतापूण समूह के प म दे ख ते थे जनके हत पर र भ और एक सरे के वरोधी थे।
यह कोण न के वल इ तहासकार के लेख न म प रल त आ ब क सां दा यक राजनी तक
नेता के हाथ म भी इसका उ प दे ख ने को मला।
कै ज कू ल
इस वचारधारा के अनुसार औप नवे शक शासन के तहत मौ लक वरोधाभास सा ा यवाद
और भारतीय लोग के बीच नह था ब क वयं भारतीय के बीच था।
इसके अलावा भारतीय रा वाद औप नवे शक शोषण के खलाफ भारतीय लोग के संघष का
प रणाम नह था ब क टश शासक ारा उ ह दए गए लाभ ा त करने के लए भारतीय
के बीच संघष से उ प आ था। इस वचारधारा के अनुसार रा ीय आंदोलन के नेता स ा
और भौ तक लाभ क खोज से े रत थे। इस कोण क कई व ान ारा इस आधार पर
आलोचना क गई है क यह मानव वहार से दमाग या आदश को हटा दे ता है और रा वाद
को पशु राजनी त तक सी मत कर दे ता है।
नारीवाद इ तहासलेख न
म हला के इ तहास लेख न के संदभ म बदलाव के दशक के म हला आंदोलन के साथ
शु आ जसने भारत म म हला अ ययन के उ व के लए संदभ और ो साहन दान कया।
ब त ज द म हला का इ तहास ापक हो गया और ल गक इ तहास के अ धक ज टल
आकार को हण कर लया। म
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सारांश
वभ कोण औप नवे शक
सबा टन कोण यह मानता है क भारतीय इ तहासलेख न क पूरी परंपरा म अ भजा यवाद पूवा ह है और
आम जनता क भू मका क उपे ा क गई है। रणजीत गुहा इसी कू ल से थे।
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टे न म।
यू नट II
का उ ान
गोर
और
अं ेज का
एक करण
व ुत आगम
भारत
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का आगमन
भारत म यूरोपीय
य प हम इ तहास म ाचीन म यकालीन और आधु नक काल क बात करते ह इ तहास एक
नरंतरता है। जब एक अव ध समा त होती है और सरी शु होती है तो प से अंतर
करना हमेशा आसान नह होता है।
इस लए य द हम आधु नक भारत के इ तहास को यूरोपीय लोग के आगमन के साथ शु होने
के बारे म सोचते ह तो हम उस समय तक वापस जाना होगा जसे आम तौर पर म ययुगीन
काल माना जाता है अथात पं हव शता द । वा तव म मुगल के आने और अपना सा ा य
ा पत करने से भी पहले का समय है।
भारत म पुतगाली
ए क खोज और खोज
भारत के लए समु माग
दे ख
म वा को डी गामा का कालीकट म उतरना... आम तौर पर व इ तहास म एक नए युग क
शु आत माना जाता है खासकर ए शया और यूरोप के बीच संबंध म। हालाँ क ए शया और यूरोप
ाचीन काल से ही एक सरे के साथ ापा रक संबंध म थे दोन के बीच सीधे समु संबंध का
खुलना न के वल एक पुराने सपने क पू त थी ीक इ तहासकार हेरोडोटस के अनुसार फोनी शयन
ने अ का का च कर लगाया था छठ शता द ईसा पूव इसने दोन के बीच ापार म बड़ी वृ
क भ व यवाणी क । हालाँ क यह पुतगा लय के उ े य म से के वल एक था। पुतगा लय के लए
भारत के लए एक नया समु माग खोलने से मुसलमान अरब और तुक को बड़ा झटका लगेगा
जो ईसाई धम के पारंप रक मन थे और बढ़ती सेना के आधार पर यूरोप के लए एक नया खतरा
पैदा कर रहे थे। और तुक क नौसै नक श । भारत के साथ सीधा समु संपक पूव व तु
वशेषकर मसाल के ापार पर अरब और तुक के आभासी एका धकार को व ा पत कर दे गा।
उ ह यह भी अ आशा थी क अ का क अपनी खोज से वे स ायर जॉन के रा य के
साथ जुड़ने म स म ह गे और मुसलमान पर दो तरफ से हमला करने क त म ह गे। इस
कार वा ण यक और धा मक उ े य एक सरे का समथन और औ च य करते थे।
सतीश चं
ां स को डी अ मेडा म
पुतगाल के राजा ने तीन साल के कायकाल के लए भारत म एक गवनर नयु कया और
पुतगाली हत क र ा के लए पदधारी को पया त बल से सुस त कया। नव नयु
गवनर ां स को डी अ मेडा को भारत म पुतगा लय क त मजबूत करने और अदन
ओरमुज़ और मल का पर क ज़ा करके मु लम ापार को न करने के लए कहा गया।
दे ख जब
तक आप समु म श शाली ह तब तक आप भारत को अपना मानगे और य द आपके पास यह
श नह है तो कनारे पर त कला आपके कु छ काम नह आएगा।
ां स को डी अ मेडा
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अ फ सो डी अ बुक क अ बुक क जो
भारत म पुतगाली गवनर के प म अ मेडा के उ रा धकारी बने पूव म पुतगाली श के
वा त वक सं ापक थे यह काय उ ह ने अपनी मृ यु से पहले पूरा कया था। उसने समु के
सभी वेश ार पर अ े ा पत करके पुतगाल के लए हद महासागर का रणनी तक
नयं ण सुर त कर लया।
दे ख
मुसलमान का घोर उ पीड़न अ बुक क क नी त का एक गंभीर दोष था। यह पूव म मु लम
वा ण यक हत को पूरी तरह से समा त करके अपने दे शवा सय के हत को आगे बढ़ाने के उनके
संक प के कारण हो सकता है। अपने शासन के दौरान अ बुक क ने गोवा क कलेबंद को मजबूत
करने और इसके ावसा यक मह व को बढ़ाने के लए अपना सव े यास कया। भारत म
ायी पुतगाली आबाद को सुर त करने के लए उसने अपने लोग को भारतीय प नयाँ लेने के
लए ो सा हत कया।
नीनो दा कु हा नीनो दा कु हा
ने नवंबर म भारत म पुतगाली हत के गवनर का पद संभाला और लगभग एक साल
बाद भारत म पुतगाली सरकार का मु यालय कोचीन से गोवा ानांत रत कर दया। गुज रात
के बहा र शाह ने मुगल स ाट मायूँ के साथ अपने संघष के दौरान म अपनी नभरता
और राज व के साथ बे सन प पुतगा लय को स पकर उनक मदद हा सल क । उ ह ने उ ह
द व म एक बेस बनाने का भी वादा कया। हालाँ क जब म मायूँ गुज रात से वापस
चला गया तो बहा र शाह के पुतगा लय के साथ संबंध ख़राब हो गए। चूँ क शहर के नवा सय
ने पुतगा लय के साथ लड़ाई शु कर द थी इस लए बहा र शाह वभाजन क द वार खड़ी
करना चाहते थे। इसका वरोध करते ए पुतगा लय ने बातचीत शु क जसके दौरान
गुज रात के शासक को एक पुतगाली जहाज पर आमं त कया गया और म उनक ह या
कर द गई। दा कु हा ने गली को अपना मु यालय बनाकर कई पुतगाली नाग रक को वहां
बसाकर बंगाल म पुतगाली भाव बढ़ाने का भी यास कया।
पुतगाली रा य सामा य वृ
भारत म पुतगा लय क पकड़ को कम आंक ने क है। हालाँ क ए टाडो पोटु गुएस दा इं डया
पुतगाली भारत का रा य वा तव म भारतीय इ तहास म एक बड़ा त व था जतना इसके लए
ेय दया जाता है। कई तट य भाग
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गली पर क जा लगभग के
एक शाही फरमान के आधार पर पुतगाली अपनी ापा रक ग त व धय को जारी रखने के
लए बंगाल के सतगांव से थोड़ी री पर एक नद तट पर बस गए थे।
दे ख
पुतगाली एक हाथ म तलवार और सरे हाथ म ू स लेक र भारत म दा खल ए ब त सारा सोना पाकर
उ ह ने अपनी जेब भरने के लए ू स को एक तरफ रख दया और उ ह एक हाथ से पकड़ने म स म
नह होने के कारण वे इतने भारी हो गए क उ ह ने तलवार भी गरा द बाद म आने वाले लोग ारा
इस मु ा म पाए जाने पर उन पर आसानी से काबू पा लया गया।
पुतगाली उ ान और पतन
कालीकट म वा को डी गामा का आगमन और ानीय राजा ज़मो रन ारा उनका भ वागत।
पुतगा लय का मह व
अ धकांश इ तहासकार ने दे ख ा है क का आगमन
पुतगा लय ने न के वल वह आरंभ कया जसे कहा जा सकता है
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पुतगाली समु म उ त तकनीक के वामी थे। उनके ब डेक वाले जहाज का भारी
नमाण कया गया था उ ह नय मत मानसून से पहले चलने के बजाय अटलां टक तूफ ान से
बचने के लए डज़ाइन कया गया था इससे उ ह भारी ह थयार ले जाने क अनुम त मल गई।
बो डग पा टय को पीछे हटाने या लॉ च करने के लए उनके ारा कै स ो और टन का
उपयोग एक उ लेख नीय तरीका था। भारतीय ब र ने दोन को अपने उपयोग के लए
अनुकू लत कया।
हालाँ क संगठन म पुतगाली कौशल जैसे शाही श ागार और गोद के नमाण और पायलट
क एक नय मत णाली के रखरखाव और नजी ापारी श पग के खलाफ रा य बल क
मै पग और खड़ा करना और भी अ धक उ लेख नीय था। मुगल और मराठ ने न त प से
सीखा होगा पुतगाली से ले कन इस ान के अ धक न त उ रा धकारी ए शया म अ य
यूरोपीय वशेषकर डच और अं ेज थे।
भारत म धा मक उ पीड़न क मृ त और
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डच नवासी
वा ण यक उ म ने डच को पूव क ओर या ाएँ करने के लए े रत कया। कॉन लस डी
हाउटमैन म सुमा ा और बटम तक प ंचने वाले पहले डचमैन थे। म नीदरलड के
टे ट्स जनरल ने कई ापा रक कं प नय को नीदरलड क ई ट इं डया कं पनी म मला दया।
एं लो डच त ं ता इस समय अं ेज
भी पूव ापार म मुख ता क ओर बढ़ रहे थे और इसने डच के ावसा यक हत के लए
एक गंभीर चुनौती खड़ी कर द थी। ावसा यक त ं ता ज द ही खूनी यु म बदल गई।
दे ख
स हव शता द के दौरान अं ेज के साथ डच क त ं ता पुतगा लय से भी अ धक कड़वी
थी। पूव म डच क नी त दो उ े य से भा वत थी एक कै थो लक ेन उनक वतं ता के मन
और उसके सहयोगी पुतगाल से बदला लेना था और सरा था।
भारत म डच का पतन
डच मलय पसमूह के ापार म शा मल हो गए।
इसके अलावा तीसरे एं लो डच यु म सूरत और बंबई क नई अं ेज ी ब ती के
बीच संचार टू ट गया जसके कारण तीन घरेलू अं ेज ी जहाज को डच सेना ने बंगाल क खाड़ी
म पकड़ लया।
अं ेज ी
महारानी ए लज़ाबेथ थम का चाटर
म ां सस ेक क नया भर क या ा और म े नश आमडा पर अं ेज क
जीत ने अं ेज म उ म क एक नई भावना पैदा क जससे ना वक को पूव क ओर उ म
करने के लए ो सा हत कया गया। जैसे जैसे पूव ापार म पुतगा लय ारा अ जत उ
मुनाफ़े के बारे म जानकारी बढ़ अं ेज़ ापारी भी इसम ह सा चाहते थे। इस लए म
खुद को मचट एडवचरस कहने वाले अं ेज ी ापा रय के एक समूह ने एक कं पनी बनाई।
दसंबर को महारानी ए लजाबेथ थम ने गवनर एंड कं पनी ऑफ मचट् स ऑफ
लंदन े डग इनटू द ई ट इंडीज नाम क कं पनी को वशेष ापार के अ धकार वाला एक चाटर
जारी कया।
गाडन रीच पूव मदनापुर म हजली पर छापा मारा और बालासोर म मुगल कलेबंद पर
हमला कया। हालाँ क अं ेज को गली छोड़ने के लए मजबूर कया गया और उ ह गंगा नद
के मुहाने पर एक अ वा यकर ान पर भेज दया गया।
गली पर मुगल के हमले के बाद एक कं पनी एजट जॉब चान क ने सुतानुती नामक
ान पर लौटने के लए मुगल के साथ बातचीत शु क । चान क ने फरवरी म मुगल
के साथ एक सं ध पर ह ता र कए और अग त म सुतानु त लौट आए। इस कार
फरवरी को एक अं ेज ी फै क ापना क गई जस दन एक शाही फरमान
जारी कया गया था जसम अं ेज को बंगाल म अपना ापार संतोषपूवक जारी रखने क
अनुम त द गई थी। सभी बकाया रा श के बदले त वष पये के भुगतान पर।
दो अं ेज ी कं प नय का वलय क अं ेज ी ां त के बाद
ह स ने अपने बढ़े ए भाव से ई ट इं डया कं पनी के एका धकार का वरोध कया। इस कार
एक त ं कं पनी का गठन आ जसने अपने लए ापा रक वशेषा धकार हा सल करने
के लए औरंगजेब जनवरी अ ैल के दरबार म सर व लयम नॉ रस को अपना
राज त नयु कया। हालाँ क नई कं पनी वफल सा बत ई। ाउन और संसद के दबाव म
दोन कं प नय को म यूनाइटे ड कं पनी ऑफ मचट् स ऑफ इं लड े डग टू द ई ट इंडीज
के शीषक के तहत मला दया गया। यह ई ट इं डया कं पनी थी से तक जसे
भारत म टश राजनी तक स ा ा पत करनी थी।
ांसीसी
त ं ता क पृ भू म य प टश और
ांसीसी ापा रक उ े य के लए भारत आए थे ले कन अंततः वे भारत क राजनी त म शा मल
हो गए। दोन का इस े पर राजनी तक स ा ा पत करने का सपना था। भारत म एं लो
ांसीसी त ं ता उनके पूरे इ तहास म इं लड और ांस क पारंप रक त ं ता को दशाती
है इसक शु आत ऑ याई उ रा धकार यु के फै लने के साथ ई और सात साल के यु के
समापन के साथ समा त ई। वशेष प से भारत म तीन कनाटक यु के पम त ं ता ने
एक बार के लए यह तय कर दया क ांसीसी नह ब क अं ेज़ भारत के वामी बनगे।
थम कनाटक यु
पृ भू म कनाटक यूरोपीय लोग ारा कोरोमंडल तट और उसके भीतरी इलाक को
दया गया नाम था। थम कनाटक यु यूरोप म आं ल ांसीसी यु का व तार था जो
ऑ याई उ रा धकार यु के कारण आ था।
तीय कनाटक यु
पृ भू म तीय कनाटक यु क पृ भू म भारत म त ं ता ारा दान क गई
थी। थम कनाटक यु म ांसीसी सेना का सफलतापूवक नेतृ व करने वाले ांसीसी गवनर
डु ले स ने अं ेज को हराने के लए ानीय राजवंशीय ववाद म ह त ेप करके द णी
भारत म अपनी श और ांसीसी राजनी तक भाव बढ़ाने क को शश क ।
भारत म डु ले स का उ ान और पतन
कू टनी त के मा टर के प म डु ले स
पहले दो कनाटक यु का व ेषण डु ले क कू टनी त को एक ऐसे नेता के पम स करता है
जसने भारत क यूरोपीय वजय के माग क क पना क थी।
डु ले स भारत म असफल य आ
तीय कनाटक यु म ांसीसी सेना क शु आती हार और डु ले स के राजनी तक नणय के कारण
कं पनी को ई भारी लागत के कारण म डु ले स को वापस बुला लया गया। कई इ तहासकार ने
नदशक ारा डु ले स को वापस बुलाने को एक भूल बताया है जो अमे रका म मु पर ांस और इं लड
के बीच समझौते का प रणाम था हालाँ क डु ले स म कु छ कमज़ो रयाँ भी थ ज ह सं ेप म इस कार
रखा जा सकता है
अं ज
े ी कं पनी के फै टर ने म ास के गवनर सॉ स पर यान भटकाने वाले हमले का
ताव रखा।
उ ह ने चनोपोली पर दबाव कम करने के लए कनाटक क राजधानी अक ट पर अचानक
छापा मारने का सुझ ाव दया। उ ह ने तक दया क ऐसी त म चंदा साहब अपनी
राजधानी बचाने के लए दौड़ पड़गे। इस कार अग त म के वल लोग क
सेना के साथ रॉबट लाइव ने आक ट पर हमला कया और क जा कर लया। जैसा क
अपे त था चंदा सा हब चनोपोली से लोग क सेना लेक र अपनी राजधानी क
ओर बढ़े ले कन सतंबर से नवंबर तक दन क घेराबंद के बाद भी कले को
वापस पाने म असफल रहे। अब मैसूर तंज ौर और मराठा मुख मोरारी राव चनोपोली
और लाइव और गर लॉरस क सहायता के लए आए। सबसे पहले चनोपोली को
उसक घेराबंद से मु कर दया गया जब क ांस के जनरल लॉ चंदा साहब के साथ
ीरंगम प म कै द रहे। जून म उ ह आ मसमपण करने के लए मजबूर होना पड़ा
जब मुह मद अली ने चंदा सा हब को मार डाला अं ेज़ ह त ेप करने म वफल रहे।
जेआ र सीली
अ े ड लायल
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तृतीय कनाटक यु
पृ भू म यूरोप म जब ऑ या ने म सले सया को पुनः ा त करना चाहा
तो सात वष य यु शु हो गया।
टे न और ांस एक बार फर वपरीत दशा म थे।
भारत म यु का म म काउं ट डी लैली के नेतृ व म ांसीसी सेना ने म सट
डे वड और वजयनगरम के अं ेज ी कल पर क जा कर लया। अब अं ेज आ ामक हो गए और
मसूलीप नम म एड मरल डी एचे के नेतृ व म ांसीसी बेड़े को भारी नुक सान प ंचाया।
दे ख
जब क अं ेज को बंगाल से भोजन और धन क आपू त यूरोप से लोग क भत और उनक उ री
ब तय से अनाज मलता था ांसी सय को भू म के मा यम से कड़ी मेहनत से ा त होने वाली
चीज़ के अलावा कु छ भी नह मलता था। पहले को लगातार मजबूत कया गया सरे को लगातार
कमजोर कया गया। और इसने कू टे को े म लैली पर अपनी सै य े ता ा पत करने और उसे
पां डचेरी क द वार के भीतर घेरने म स म बनाया।
एचएच डोडवेल
अं ेज ी सफलता के कारण और
च वफलता
अं ेज ी कं पनी एक नजी उ म थी इससे लोग म उ साह और आ म व ास क भावना पैदा
ई।
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चीन जापान और इंडोने शयाई पसमूह म भारतीय कपास अपने ह के फर भी मजबूत गुण के लए
लोक य थी। जब डच अं ेज ी और ांसीसी ने भारत से साम ी हा सल क तो यह न के वल उनके घरेलू
दे श के लए थी ब क मल का या जावा तक प रवहन के लए भी थी जहां उनका मसाल के लए ापार
कया जाता था। व शता द तक ांसी सय के पास वशेष प बाजार के लए वशेष प से बुने गए
रंगीन पैटन वाले माल थे जो एक सफल उ मशीलता यास सा बत आ।
कपड़ा और मसाल के ापार का प रणाम दास का ापार था। आम तौर पर यह माना जाता है
क दास ापार का संबंध यूरोप अ का और अमे रका नई नया से है ले कन यह इस त य को
नजरअंदाज करता है क यूरोप और ए शया के बीच ापार ने भी गुलामी को बनाए रखने म मदद क ।
ांसीसी जहाज़ यूरोपीय सामान ए शया ले गए जहाँ उ ह कौ ड़याँ और भारतीय व ा त ए जनक
प मी अ का म अ य धक क मत थी। ापारी अ का म इन व तु का आदान दान दास से करते
थे ज ह अमे रका म ांस के उप नवेश म भेज ा जाता था। येल सटर फॉर द टडी ऑफ लोबलाइजेशन
का कहना है च पूरा हो गया था जब अमे रका से चीनी और अ य सामान जहाज पर लादकर वापस
ांस भेज दया गया।
डेन
डे नश ई ट इं डया कं पनी क ापना म ई थी और म उ ह ने भारत के पूव
तट पर तंज ौर के पास यूबार म एक कारखाना ा पत कया। उनक मु य ब ती कलक ा
के पास सेरामपुर म थी। डे नश फ़ै ट रयाँ जो कसी भी समय मह वपूण नह थ म
टश सरकार को बेच द ग । डे नश लोग वा ण य क तुलना म अपनी मशनरी ग त व धय
के लए अ धक जाने जाते ह।
अं ज
े कसके व सफल ए
अ य यूरोपीय श याँ
नये समु माग क खोज के बाद जतने भी यूरोपीय दे श ापारी बनकर भारत आये उनम से
इं लड अठारहव सद के अंत तक सबसे श शाली और सफल दे श बनकर उभरा। अ य
यूरोपीय श य पुतगाल नीदरलड ांस और डेनमाक के व सामा य प से नया म
और वशेष प से भारत म अं ेज ी क सफलता के लए जन मुख कारक को ज मेदार
ठहराया जा सकता है वे इस कार थे ापा रक कं प नय क संरचना और कृ त अं ेज ी
घरेलू तर पर कई त ं कं प नय को मलाकर बनाई गई ई ट इं डया कं पनी का नयं ण
एक नदे शक मंडल ारा कया जाता था जसके सद य हर साल चुने जाते थे। कं पनी
नौसेना े ता टे न क शाही
नौसेना न के वल सबसे बड़ी थी यह अपने समय का सबसे उ त था। ै नश आमडा के
खलाफ और ाफलगर म ांसी सय के खलाफ जीत ने रॉयल नेवी को यूरोपीय नौसै नक
बल के शखर पर प ंचा दया था। भारत म भी नौसै नक जहाज क मजबूत और तेज ग त के
कारण अं ेज पुतगा लय और ांसी सय को हराने म सफल रहे। अं ेज ने पुतगा लय से एक
कु शल नौसेना का मह व सीखा और तकनीक प से अपने बेड़े म सुधार कया।
औ ो गक ां त व सद क शु आत
म इं लड म नग जेनी ट म इंज न पावरलूम और कई अ य नई मशीन के आ व कार के
साथ औ ो गक ां त शु ई।
र सरकार क गौरवशाली
ां त के अपवाद के साथ टे न ने कु शल राजा के साथ र सरकार दे ख ी।
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धम के त कम उ साह
ेन पुतगाल या डच क तुलना म टे न धम के त कम उ साही था और ईसाई धम के सार
म कम च रखता था। इस कार इसका शासन अ य औप नवे शक श य क तुलना म
जा के लए कह अ धक वीकाय था।
सारांश
भारत के लए समु माग य i व सद
के यूरोप म पुनजागरण क भावना। ii यूरोपीय अथ व ा तेज ी से बढ़ रही है
जससे समृ और वला सता क व तु क मांग बढ़ रही है संर ण के लए मसाल क आव यकता
वाले मांस क आपू त म वृ ।
पुतगाली वा को डी गामा
ने म भारत के लए समु माग क खोज क ।
म वा को क सरी या ा के प रणाम व प कालीकट कोचीन और कै नानोर म ापा रक टे शन क
ापना ई।
ां स को डी अ मेडा थम गवनर ने नीले रंग क पहल क
जल नी त काटज़ णाली ।
अ फांसो डी अ बुक क को भारत म पुतगाली श का सं ापक माना जाता है बीजापुर से
गोवा पर क जा कया सताए ए मुसलमान वजयनगर के ी कृ णदे व राय से भटकल को
पकड़ लया और भारत के मूल नवा सय के साथ ववाह करने क नी त शु क और अपने भाव
े म इस था पर तबंध लगा दया।
सती
डच i नीदरलड
क यूनाइटे ड ई ट इं डया कं पनी वेरेह गज
ऊ ट इं ड चे कॉ ैनी माच म डच संसद के चाटर ारा ग ठत
संसद को यु छे ड़ने सं ध करने और कले बनाने क श याँ ा त थ ।
फाउं डेशन के लए
अं ेज ी कारक ेक क नया भर क या ा और श शाली े नश आमडा पर अं ेज ी क जीत ने
महान मह वाकां ा को ज म दया।
घरेलू तर पर कं पनी क सम याएँ म सर व लयम कोट न ारा ग ठत कोट न एसो सएशन नाम
क एक त ं कं पनी जसे बाद म असदा कं पनी कहा गया को चा स थम ारा ापार करने
का लाइसस दया गया। म दोन कं प नय का वलय हो गया।
ांसीसी
म लुई XIV के मं ी कोलबट ने इसक न व रखी
क नव कॉ ैनी इंडेस ओ रएंटे स। दे स
भारत म ब तयाँ मु यालय के प म वक सत पां डचेरी को म वा लक डापुरम के गवनर शेर खान लोद ारा
मसूलीप नम कारखाने के नदे शक कोइस मा टन को दान कया गया था। अंततः म भारतीय संघ म
शा मल कया गया।
क पूव सं या पर भारत
टश वजय
दे ख
ना दर शाह म के वल स ावन दन के लए मुगल स ाट थे ले कन उन दन ने ऐसे झटके
पैदा कए ज ह ने भारत क राजनी त को बदल दया। उ ह ने स ा के मौजूदा क को तोड़ दया
जससे मुगल स ा का दायरा बड़े पैमाने पर कम हो गया। उ ह ने घुड़सवार यो ा क टोली तैयार
क जो गांव और क ब से धन क तलाश म ामीण इलाक म तोड़फोड़ करते थे। जस भी श
के पास सबसे मजबूत कले थे उ ह ने ापा रय को द वार के पीछे धके ल दया। थोड़े समय के
लए बातचीत के बजाय लूट धन के नए क बनाने का सबसे भावी उपकरण बन गया। उन
स ावन दन ने वह ज़मीन तैयार क जसने ई ट इं डया कं पनी को पहली बार भारत म े जीतने
क अनुम त द ।
• म पानीपत क सरी लड़ाई अकबर और हेमू के बीच ई थी इसने मुग़ल शासन को जारी
रखने के प म नणय लया। • म मराठ और अहमद शाह अ दाली के बीच ई पानीपत क तीसरी
लड़ाई
ने भारत पर शासन करने क मराठा मह वाकां ा को समा त कर दया।
य पानीपत एक पसंद दा यु े था
• पानीपत क रणनी तक त थी। यु का एक प आम तौर पर उ री भारत क राजनी तक
राजधानी द ली पर क ज़ा करने के लए खैबर दर के मा यम से उ र उ र प म से आया था।
दे ख वह
बहा र शाह थम अं तम स ाट था जसके बारे म कु छ भी अनुकू ल कहा जा सकता है। इसके
बाद सा ा य का ती और पूण पतन और ावहा रक वघटन इसके सं भु क अ मता और
राजनी तक मह वहीनता म दशाया गया है।
सडनी ओवेन
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शाहजहाँ तृतीय
शाह आलम तीय उनके शासनकाल म दो नणायक लड़ाइयाँ
पानीपत क तीसरी लड़ाई और ब सर क लड़ाई । सं ध क शत के अनुसार
ई. म
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बहा र शाह तीय बहा र शाह तीय या बहा र शाह ज़फ़र ज़फ़र
उनका उपनाम था अं तम मुग़ल स ाट थे। के व ोह ने उ ह भारत का स ाट घो षत
करने का नरथक यास कया था। उ ह अं ेज ने पकड़ लया और रंगून भेज दया जहां
म उनक मृ यु हो गई।
और शाहजहाँ.
व लयम इर वन क सेना भारतीय मुगल
समाज। सड़ांध सै य और के प म कट ई
राजनी तक लाचारी. दे श अपनी र ा नह कर सका रॉय ट
नराशाजनक प से या मूख था कु लीन लोग वाथ थे
और अ रदश ाचार अकु शलता और व ासघात बदनाम
सावज नक सेवा क सभी शाखाएँ। इस य के बीच म
और म हमारे सा ह य कला और यहां तक क स े धम म भी था
ख़ म हो गया.
जेएन सरकार का पतन मुगल सा ा य वॉ यूम. चतुथ
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औरंगजेब और उसके बाद बहा र शाह थम ने राजपूत को दबाने का यास करके उ ह मुगल
के खलाफ लड़ने के लए े रत कया। बाद के मुगल ने राजपूत के साथ मेल मलाप क नी त
अपनाने का यास कया ले कन तब तक ब त दे र हो चुक थी राजपूत को मुगल पर इतना
भरोसा नह रहा क वे सा ा य के क याण के लए उनके साथ सहयोग कर सक।
े ीय रा य का उदय
के पतन के प रणाम व प जन रा य का उदय आ
मुगल सा ा य को न न ल खत तीन ापक े णय म वग कृ त कया जा सकता है
े ीय रा य का सव ण
हैदराबाद हैदराबाद
के आसफ जाह घराने का सं ापक क लच खान था जो नज़ाम उल मु क के नाम से मश र
था। यह जु फकार खान ही थे ज ह ने सबसे पहले द कन म एक वतं रा य क क पना क
थी। ले कन म उनक मृ यु के साथ सपना अधूरा रह गया
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अवध अवध
क वतं रयासत का सं ापक सआदत खान था जसे बुरहान उल मु क के नाम से जाना
जाता था। सआदत खान शया थे. वह सै यद बंधु के व षडयं म शा मल हो गया था
जसके प रणाम व प उसे बढ़ा आ मनसब दया गया था। बाद म अदालत से बाहर नकाल
दए जाने पर उ ह एक नया वतं रा य ा पत करने के लए े रत कया गया। सआदत
खान ने ना दर शाह के दबाव के कारण आ मह या कर ली जो उससे भारी लूट क मांग कर
रहा था। उनके बाद सफदर जंग अवध के नवाब बने।
बंगाल
मु शद कु ली खान बंगाल के वतं रा य के सं ापक थे। वह एक यो य शासक थे और उ ह ने
बंगाल को एक समृ रा य बनाया। म उनके बेटे शुज ा उद द न ने उनका उ रा धकारी
बना लया। उनके उ रा धकारी सरफराज खान क म घे रया म बहार के ड ट गवनर
अलीवद खान ने ह या कर द ज ह ने स ा संभाली और वा षक ांज ल दे क र खुद को
मुगल स ाट से वतं कर लया।
राजपूत राजपूत ने
व शता द म अपनी वतं ता पुनः ा पत करने का यास कया। इसने मुगल शासक
बहा र शाह थम को अजीत सह के खलाफ माच करने के लए मजबूर कया
ज ह ने जय सह तीय और गादास राठौड़ के साथ गठबंधन बनाया था। ले कन गठबंधन
टू ट गया और त मुगल के लए बच गई। एक समय म राजपूत का द ली के द ण से
लेक र प मी तट तक फै ले पूरे े पर नयं ण था।
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मैसूर
अठारहव शता द म अपनी उप त दज कराने वाला एक और मह वपूण रा य मैसूर था।
पूव और प मी घाट के जं न पर त इस े पर वोडेयार का शासन था। इस े म च
रखने वाली व भ श य ने इस े को नरंतर यु े म बदल दया। अंत म मैसूर रा य
को हैदर अली के शासन के अधीन लाया गया जसने रा य पर शासन कया ले कन बना कसी
परेशानी के । वह अं ेज के साथ लगातार यु म शा मल थे और उनका बेटा ट पू सु तान भी
ऐसा ही था।
के रल मातड
वमा ने ावणकोर को अपनी राजधानी बनाकर के रल का एक वतं रा य ा पत कया।
उसने अपने रा य क सीमाएँ क याकु मारी से लेक र कोचीन तक बढ़ाय । उ ह ने अपनी सेना
को प मी मॉडल पर संग ठत करने का यास कया और अपने रा य के वकास के लए
व भ उपाय अपनाये।
जाट द ली
मथुरा और आगरा के आसपास रहने वाले कृ षक जाट ने औरंगजेब क दमनकारी नी तय के
खलाफ व ोह कया।
कु छ ारं भक असफलता के बाद चूड़ामन और बदन सह भरतपुर म जाट रा य ा पत
करने म सफल रहे। ले कन यह सूरजमल के अधीन था क जाट श अपने चरम पर प ंच
गई। उ ह ने न के वल शासन क एक कु शल णाली दान क ब क रा य के े का भी
काफ व तार कया। उनके रा य म पूव म गंगा से लेक र द ण म चंबल तक के े और
आगरा मथुरा मेरठ और अलीगढ़ के सूबे शा मल थे। हालाँ क म सूरज मल क मृ यु
के बाद जाट रा य को गरावट का सामना करना पड़ा। इसके बाद रा य छोटे छोटे जम दार
ारा नयं त छोटे े म वभा जत हो गया जो मु य प से लूट से अपना जीवन यापन
करते थे।
सख के गु
गो बद सह ने अपने धम और वतं ता क र ा के लए सख को एक उ वाद सं दाय म
बदल दया। बंदा बहा र ज ह ने बाद म म सख का नेतृ व संभाला था
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सामा जक आ थक तयाँ
अठारहव सद का भारत आ थक सामा जक या सां कृ तक प से पया त ग त से ग त
करने म वफल रहा। भारत वरोधाभास का दे श बन गया य क अ य धक गरीबी और
अ य धक वला सता साथ साथ मौजूद थी। आम जनता द र पछड़ी और उ पी ड़त रही और
यूनतम नवाह तर पर जीवनयापन करती रही अमीर और श शाली लोग वला सता और
वला सतापूण जीवन का आनंद लेते थे। ले कन यह यान दे ने यो य बात है क व शता द
म भारतीय जनता का जीवन टश शासन के वष के बाद क तुलना म काफ हद तक
बेहतर था।
कृ ष हालाँ क कृ ष
तकनीक प से पछड़ी ई थी फर भी इसम कसान क कड़ी मेहनत लगती थी। ले कन
इस मेहनतकश वग को अपने प र म का फल कम ही मलता था। य प कृ ष उपज शेष
समाज का भरण पोषण करती थी परंतु कसान का अपना तफल अ यंत अपया त था। उ ह
रा य जम दार जागीरदार और राज व कसान को अ य धक रकम दे ने के लए मजबूर
कया गया। ले कन टश शासन के तहत यह बदतर हो गया।
ापार और उ ोग ह त श प और
कृ ष उ पाद म आ म नभर होने के कारण भारत बड़े पैमाने पर वदे शी व तु का आयात नह
करता था। सरी ओर इसके औ ो गक और कृ ष उ पाद क वदे शी बाज़ार म अ माँग
थी। इस लए इसका नयात इसके आयात से अ धक था चाँद और सोने के आयात से ापार
संतु लत आ। भारत को ब मू य धातु के भंडार के प म जाना जाता था।
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वचार
यान रख क भारत का वा ण य व का वा ण य है और... जो इस पर वशेष प से नयं ण कर
सकता है वह यूरोप का तानाशाह है।
महान पीटर
उसक वा तुक ला महान थी सुंदरता म नया क कसी भी वा तुक ला के बराबर। उसके पास
महान इंज ी नय रग काय थे। उसके पास महान ापारी महान वसायी महान बकर और फाइनसर
थे। वह न के वल सबसे महान जहाज नमाण करने वाली रा थी ब क उसके पास भू म और समु के
मा यम से महान वा ण य और ापार था जो सभी ात स य दे श तक फै ला आ था। ऐसा ही वह
भारत था जसे अं ेज ने तब पाया था
आया।
जेट सुंदरलड
स दय से बंगाल के हथकरघा बुनकर ने नया के सबसे वांछनीय कपड़ म से कु छ का उ पादन कया था वशेष प से
ब ढ़या मलमल बुनी ई हवा के प म ह के जो यूरोपीय पोशाक नमाता ारा पसंद कए गए थे। अठारहव शता द
के म य तक बंगाल के व अभी भी प मम म तुक और फारस और पूव म जावा चीन और जापान अ तरह से
ा पत ापार माग के साथ साथ यूरोप तक नयात कए जा रहे थे।
श ाक त व सद के भारत म
द जाने वाली श ा अभी भी पारंप रक थी जो प म म तेज ी से हो रहे वकास के साथ मेल
नह खा सकती थी। ान सा ह य कानून धम दशन और तक तक ही सी मत था और इसम
भौ तक और ाकृ तक व ान ौ ो गक और भूगोल का अ ययन शा मल नह था। व तुतः
ाचीन व ा पर अ य धक नभरता के कारण कोई भी मौ लक वचार हतो सा हत हो गया।
ह और मुसलमान के बीच ारं भक श ा काफ ापक थी। ह और मु लम ाथ मक
व ालय को मशः पाठशाला और मकतब कहा जाता था। श ा पढ़ने लखने और
अंक ग णत तक ही सी मत थी। नचली जा त के ब े कभी कभी कू ल म जाते थे ले कन
म हला क उप त होती थी
लभ।
दे ख एक
ह म हला कह भी अके ले जा सकती है यहां तक क सबसे भीड़ भाड़ वाली जगह पर भी और
उसे कभी भी बेक ार आरामकु सय क धृ नगाह और मजाक से डरने क ज रत नह है।
सारांश
मुगल सा ा य का पतन य आ
• औरंगजेब का धा मक और डे कन नी तयाँ धा मक
नी त ने राजपूत सख जाट और मराठ को नाराज कर दया
द कन क नी त ने स ाट को काफ समय तक राजधानी से र रखा
अव ध।
•
• े ीय आकां ा का उदय अवध का उदय और ापना
बंगाल हैदराबाद मैसूर के रल राजपूत रा य और जाट रा य
वघटन क या को तेज़ कर दया।
े ीय रा य का उदय
• तीन े णयां
सामा जक आ थक तयाँ
कृ ष • र एवं तकनीक प से पछड़ी कृ ष
कसान के ब त क ठन प र म से मुआ वजा दया गया।
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भारत म टश श का व तार और
सु ढ़ करण
टश शाही इ तहास
टे न के संपूण शाही इ तहास को दो चरण म वभा जत कया जा सकता है पहला सा ा य
जो अटलां टक के पार अमे रका और वे ट इंडीज क ओर फै ला था और सरा सा ा य
पे रस क शां त के आसपास शु आ और पूव ए शया क ओर बढ़ रहा था। और
अ का. टे न का शाही इ तहास सोलहव शता द म आयरलड क वजय के साथ शु
आ। अं ेज़ तब नए रोमन के प म उभरे जन पर नया भर म तथाक थत पछड़ी जा तय
को स य बनाने का आरोप लगाया गया। इसके लए वशेष प से टे न और सामा य प से
यूरोप के ानोदय के बाद के बु जी वय ने खुद को ओ रएंट लोग और अ य लोग क तुलना
म स य मा णत करना शु कर दया। व भ ा नक और प र तज य श य के कारण
समय के साथ टे न क सा ा यवाद वचारधारा क कृ त बदल गई ले कन इसके मूल
स ांत वही रहे।
या टश वजय आक मक थी या
जानबूझ कर
इ तहासकार ने इस मूलभूत पर बहस क है क या भारत पर टश वजय आक मक
थी या जानबूझ कर।
जॉन सीली उस समूह का नेतृ व करते ह जो कहता है क भारत पर टश वजय आँख बंद
करके अनजाने म क गई थी
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Views
भारत का हमारा अ ध हण आँख मूँद कर कया गया था। अं ेज़ ारा अब तक कोई भी महान
काय इतना अनजाने म और इतने आक मक प से नह कया गया जतना क भारत क वजय।
जॉन सीली
जू डथ ाउन
ऐसा तीत होता है क दोन वचारधाराएँ अपने कोण को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर
रही ह। ारंभ म शायद कं पनी के अ धका रय ने के वल अपने ापा रक हत को बढ़ावा दे ने
और उनक र ा करने के लए े का अ ध हण करना शु कर दया था खासकर जब
उ ह ने दे ख ा क राजनी तक त कतनी गुटबाजी थी। उ ह एहसास आ क वे कतनी
आसानी से एक ानीय शासक को सरे के खलाफ खड़ा कर सकते ह और ानीय राजनी त
म ह त ेप करना शु कर दया और इस या म े पर क ज़ा कर लया। ले कन बाद म
टे न म टश राजनेता और उनके ारा भारत भेज े गए शासक ने े को हा सल करने
और एक सा ा य ा पत करने क इ ा और योजना पर काम कया।
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भारत म टश काल क
शु आत कब ई
व सद के म य म भारत म व भ ऐ तहा सक ताकत काम कर रही थ जसके
प रणाम व प दे श एक नई दशा क ओर बढ़ गया। कु छ इ तहासकार वष को टश
काल क शु आत मानते ह जब यूरोप म ऑ याई उ रा धकार के यु के म े नजर भारत म
वच व के लए एं लो ांसीसी संघष शु आ था। कु छ लोग वष को न द त थ के
प म दे ख ते ह जब अं ेज ने लासी म बंगाल के नवाब को हराया था। फर भी अ य लोग
को जो क पानीपत क तीसरी लड़ाई का वष है जब मराठा अहमद शाह अ दाली से
परा जत ए थे भारतीय इ तहास के इस चरण क शु आत मानते ह। हालाँ क ऐसे सभी
कालानु मक मील के प र कु छ हद तक मनमाने ह य क उस समय के आसपास शु ए
राजनी तक प रवतन को पूरा होने म लगभग अ सी साल लग गए।
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बेहतर सै य अनुशासन और
नय मत वेतन
वेतन भुगतान क एक नय मत णाली और अनुशासन क स त व ा ऐसे साधन थे
जनके ारा अं ेज ी कं पनी ने यह सु न त कया क अ धकारी और सै नक वफादार थे।
उनक ओर से अ धकांश भारतीय शासक के पास नय मत प से वेतन दे ने के लए
पया त धन नह था। मराठ ने कभी कभी अपने सै य अ भयान को राज व इक ा करने के
लए मोड़ दया ता क अपने सै नक को भुगतान कया जा सके । इसके अलावा भारतीय
शासक गत अनुचर या भाड़े के त व के झुंड पर नभर थे जो अनुशासन के लए
उ रदायी नह थे और जब हालात अ े नह थे तो व ोही हो सकते थे या वरो धय म
शा मल हो सकते थे।
टश। एकजुट होकर लड़ने क भावना उनक ेरणा नह थी। इस कार वे अ सर पड़ोसी
शासक के व अं ेज का समथन करते थे। भारत क चेतना का अभाव था।
मजबूत व ीय बैक अप
कं पनी क आय अपने शेयरधारक को अ ा लाभांश दे ने के साथ साथ भारत म अं ेज ी यु
को व पो षत करने के लए पया त थी। इसके अलावा इं लड शेष व के साथ अपने ापार
से शानदार मुनाफ़ा कमा रहा था।
रा वाद गौरव भौ तक उ त म
व ास करने वाले और अपने रा ीय गौरव पर गव करने वाले आ थक प से संप टश
लोग को एक कृ त राजनी तक रा वाद क भावना से वं चत कमजोर आपस म बंटे ए
भारतीय का सामना करना पड़ा। भारतीय म भौ तकवाद का अभाव भी अं ेज ी कं पनी
क सफलता का एक कारण था।
बंगाल पर टश वजय
टश वजय क पूव सं या पर बंगाल मुगल सा ा य के सबसे अमीर ांत
बंगाल म वतमान बां लादे श शा मल था और इसके नवाब का उस े पर अ धकार था जो
वतमान बहार और ओ डशा रा य का नमाण करता था।
बंगाल से यूरोप को नयात म नमक चावल नील काली मच चीनी रेशम सूती व
ह त श प आ द जैसे क े उ पाद शा मल थे। इं लश ई ट इं डया कं पनी के बंगाल म ापार
म मह वपूण ावसा यक हत थे य क लगभग तशत ए शया से टश आयात म
बंगाल से माल शा मल था। के दशक के दौरान अं ेज का बंगाल के साथ नय मत
संपक जारी रहा जब उ ह ने बालासोर गली का समबाजार पटना और ढाका म कारखाने
ा पत कए। के दशक तक अं ेज ी कं पनी ारा कलक ा क ापना ने अं ेज ी
वा ण यक नपटान क या पूरी कर ली
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लासी का यु
लड़ाई क तावना कं पनी के
अ धका रय ने अपने ापार वशेषा धकार का बड़े पैमाने पर पयोग कया जससे नवाब
के व पर तकू ल भाव पड़ा।
अं ेज ने नवाब क अनुम त के बना कलक ा क कलेबंद कर द ।
कं पनी ने आगे भी उसे गुमराह करने क को शश क और समझौता कर लया
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यहां ब चा रत लैक होल ासद का ज कया जा सकता है। ऐसा माना जाता
है क सराज उद दौला ने अं ेज य को कै द कर लया था ज ह एक ब त छोटे से
कमरे म बंद कर दया गया था जसके कारण उनम से क दम घुटने से मौत हो गई।
लड़ाई म ास से
कलक ा म रॉबट लाइव क कमान के तहत एक मजबूत सेना के आगमन ने बंगाल म अं ेज ी
त को मजबूत कया। लाइव ने नवाब के ग ार मीर जाफ़र राय लभ जगत सेठ बंगाल
का एक भावशाली बकर और ओमीचंद के साथ एक गु त गठबंधन बनाया। सौदे के तहत
मीर जाफ़र को नवाब बनाया जाना था जो बदले म कं पनी को उसक सेवा के लए पुर कृ त
करेगा। षडयं का रय के साथ कं पनी के गु त गठबंधन ने अं ेज ी त को और मजबूत कर
दया। इस लए लासी क लड़ाई जून म अं ेज क जीत लड़ाई लड़ने से पहले ही
तय हो गई थी। नवाब के अ धका रय क सा जश के कारण सराज क मजबूत सेना
लाइव क मु भर सेना से हार गई। मीर जाफ़र के बेटे मीरान के आदे श से सराजु ौला को
पकड़ लया गया और उसक ह या कर द गई। लासी क लड़ाई ने बंगाल के वशाल संसाधन
को अं ेज के हाथ म स प दया।
सलहट का ापार.
iii मीर का सम कं पनी को बकाया रा श का भुगतान करने के लए सहमत हो गया। iv
मीर का सम ने द णी
भारत म कं पनी के यु यास के व पोषण के लए पाँच लाख पये क रा श दे ने का
वादा कया। v इस बात पर सहम त थी क मीर का सम के मन थे
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उनके अ य मह वपूण कदम नौकरशाही को अपनी पसंद के लोग के साथ पुनग ठत करना और
सेना को उसके कौशल और द ता को बढ़ाने के लए फर से तैयार करना था।
ब सर का यु
यु क तावना कं पनी ने
सोचा था क मीर का सम उनके लए एक आदश कठपुतली सा बत होगा। हालाँ क मीर
का सम ने कं पनी क उ मीद पर पानी फे र दया। बहार के उप रा यपाल राम नारायण नवाब
ारा बहार के राज व का लेख ा जोखा तुत करने के बार बार अनुरोध का जवाब नह दे रहे
थे।
कं पनी के नौकर ने भी अपने नजी ापार के लए समान वशेषा धकार का दावा कया।
कं पनी के नौकर कमीशन के बदले भारतीय ापा रय को द तक भी बेचते थे। इसके अलावा
उ ह ने स ती दर पर सामान ा त करने के लए जबरद ती के तरीक का इ तेमाल कया जो
शु क मु ापार क भावना के खलाफ था। शु क मु ापार का सीधा सा अथ है अ यथा
त ध बाजार म स ती खरीदारी करना। मीर का सम ने कत को पूरी तरह समा त करने
का फै सला कया ले कन अं ेज ने इसका वरोध कया और अ य ापा रय क तरह तरजीही
वहार करने पर जोर दया।
लड़ाई मीर का सम
अवध के नवाब और शाह आलम तीय क संयु सेना को मेज र हे टर मुनरो के नेतृ व म
अं ेज ी सेना ने अ टू बर को एक करीबी मुक ाबले म ब सर म हरा दया था। मीर
का सम के खलाफ अं ेज ी अ भयान छोटा ले कन नणायक था।
रॉबट लाइव
इलाहबाद क सं ध
रॉबट लाइव ने अग त म इलाहाबाद म दो मह वपूण सं धयाँ क एक अवध के नवाब
के साथ और सरी मुगल स ाट शाह आलम तीय के साथ।
चाहे इसे वदे शी और मूल नवा सय के बीच ं के प म माना जाए या ापक ायी प रणाम
वाली एक घटना के प म ब सर अब तक लड़ी गई सबसे नणायक लड़ाइय म से एक है।
जीबी मैलेसन
प सवल ीयर
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राज व.
द वानी काय के अ यास के लए कं पनी ने दो ड ट द वान नयु कए बंगाल के
लए मोह मद रज़ा खान और बहार के लए राजा सताब रॉय। मोह मद रज़ा खान ने ड ट
ना जम या ड ट सूबेदार के प म भी काम कया।
थम आं ल मैसूर यु
पृ भू म बंगाल म
अपनी आसान सफलता के बाद अं ेज अपनी सै य ताकत के तआ त थे। के साथ उ ह ने
एक सं ध क
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यु का म यु बना
कसी न कष के डेढ़ वष तक चलता रहा।
हैदर ने अपनी रणनी त बदल द और अचानक म ास के ार के सामने आ गया। म ास म पूरी
तरह से अराजकता और दहशत थी जससे अं ेज को अ ैल को हैदर के साथ एक
ब त ही अपमानजनक सं ध करने के लए मजबूर होना पड़ा म ास क सं ध। सं ध म कै दय
क अदला बदली और वजय क पार रक बहाली का ावधान था। हैदर अली को कसी
अयश ारा हमला कए जाने क त म अं ेज क मदद का वादा कया गया था।
तीय आं ल मैसूर यु
पृ भू म हैदर अली
ने अं ेज पर व ास तोड़ने और म ास क सं ध का पालन न करने का आरोप लगाया जब
म उन पर मराठ ारा हमला कया गया और अं ेज उनक सहायता म आने म वफल
रहे। साथ ही उ ह ने पाया क उनक सेना क बं क शोरा और सीसे क आव यकता को पूरा
करने म अं ेज़ क तुलना म ांसीसी अ धक मददगार थे। प रणाम व प मालाबार तट पर
ांसीसी क जे वाले माहे के मा यम से कु छ ांसीसी यु साम ी मैसूर म लाई गई। इस बीच
अमे रक वतं ता सं ाम छड़ गया था जसम ांसीसी अं ेज के खलाफ व ो हय के प
म थे। ऐसी प र तय म हैदर अली क ांसी सय से म ता ई
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तृतीय आं ल मैसूर यु पृ भू म ट पू और
ावणकोर रा य के
बीच ववाद उ प हो गया।
ावणकोर ने कोचीन रा य म जलको ल और क ानोर को डच से खरीदा था। चूं क कोचीन
ट पू का सामंत था इस लए उसने ावणकोर के कृ य को अपने सं भु अ धकार का उ लंघन
माना। इस लए अ ैल म ट पू ने अपने अ धकार क बहाली के लए ावणकोर के
खलाफ यु क घोषणा क ।
यु का म अं ेज ने
ावणकोर का प लेते ए ट पू पर हमला कर दया। म ट पू ने जनरल मीडोज के नेतृ व
म अं ेज को हराया। म कॉनवा लस ने नेतृ व संभाला और एक बड़ी सेना के मु खया
के प म अंबूर और वे लोर से होते ए बगलु तक माच कया क जा कर लया
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य
हमने अपने म को अ य धक जय बनाए बना ही अपने श ु को भावी ढं ग से पंगु बना दया है।
लॉड कॉनवा लस
चतुथ आं ल मैसूर यु पृ भू म अं ेज और ट पू
सु तान ने अपने
नुक सान क भरपाई के लए से क अव ध का उपयोग कया। ट पू ने
से रगप म क सं ध क सभी शत को पूरा कया और अपने पु को रहा करवा लया।
म जब वोडेयार वंश के ह शासक क मृ यु हो गई तो ट पू ने वोडेयार के नाबा लग
बेटे को सहासन पर बठाने से इनकार कर दया और खुद को सु तान घो षत कर दया।
उसने अपनी अपमानजनक हार और से रगप म क सं ध क शत का बदला लेने का भी
फै सला कया।
म सर जॉन शोर के बाद लॉड वेले ली नये गवनर जनरल बने। मूल प से
एक सा ा यवाद वेले ली ट पू क ांसी सय के साथ बढ़ती दो ती से च तत था और
उसका उ े य ट पू के वतं अ त व को न करना या सहायक गठबंधन क णाली के
मा यम से उसे अधीन होने के लए मजबूर करना था। तो ट पू के खलाफ आरोप प म
उ लेख कया गया है
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ट पू सु तान का अनुमान
ट पू सु तान का ज म नवंबर म हैदर अली और फा तमा के घर आ था। एक सु श त
वह अरबी फ़ारसी कना रस और उ म वतं प से बातचीत कर सकता था।
यु का म यु
अ ैल को शु आ और मई को से रगप नम के पतन के साथ समा त
आ। ट पू को पहले अं ेज जनरल टु अ ट और फर जनरल है रस ने हराया। लॉड वेले ली के
भाई आथर वेले ली ने भी यु म भाग लया। मराठ और नज़ाम ारा फर से अं ेज क मदद
क गई। मराठ को ट पू के े का आधा ह सा दे ने का वादा कया गया था और नज़ाम ने
पहले ही सहायक गठबंधन पर ह ता र कर दए थे। ट पू ने बहा री से लड़ते ए अपनी जान
दे द उनके प रवार के सद य को वे लोर म नजरबंद कर दया गया और उनके खजाने को
अं ेज ने ज त कर लया। अं ेज ने मैसूर के पहले ह शाही प रवार के एक लड़के को
महाराजा के प म चुना और उस पर सहायक गठबंधन णाली भी लागू क ।
कु छ लेख क ारा ट पू को पहला भारतीय रा वाद और भारत क वतं ता के लए शहीद माना गया है।
ले कन यह वतमान को अतीत म े पत करके नकाला गया एक गलत कोण है। जस युग म ट पू रहते
थे और शासन करते थे उस समय भारतीय म रा वाद क कोई भावना या यह जाग कता नह थी क वे
एक पराधीन लोग ह। इस लए यह कहना अ तशयो होगी क ट पू ने भारत क आजाद क खा तर अं ेज
के खलाफ यु छे ड़ा था।
ले टनट मूर
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आं ल मराठा वच व के लए संघष
मराठ का उदय जैसे जैसे मुगल सा ा य
का पतन आ सा ा य के सबसे क र और क र वरो धय म से एक मराठा को स ा म आने
का मौका मला। उ ह ने दे श के एक बड़े ह से पर नयं ण कर लया इसके अलावा उ ह उन
े से भी ांज ल ा त ई जो सीधे उनके नयं ण म नह थे। अठारहव शता द के म य
तक वे लाहौर म उ र भारतीय सा ा य के शासक बनने और मुगल के दरबार म कगमेक र
क भू मका नभाने के बारे म सोच रहे थे।
उसे जीतना और शासन करना था ले कन त कालीन मराठा राजा शा के नाम पर। मराठा
प रवार जो मुख प से उभरे वे थे i बड़ौदा के गायकवाड़ ii नागपुर के भ सले iii
इंदौर के होलकर iv वा लयर के स धया और v पूना के पेशवा।
मराठा राजनी त म अं ज
े का वेश व सद क अं तम तमाही और व सद
क पहली तमाही के बीच के वष म मराठ और अं ेज के बीच राजनी तक वच व के लए
तीन बार संघष आ जसम अंत म अं ेज वजयी ए। इन संघष का कारण अं ेज क
अ य धक मह वाकां ा और मराठ का वभा जत घराना था जसने अं ेज को अपने उ म म
सफलता क आशा करने के लए ो सा हत कया। बंबई म अं ेज़ बंगाल बहार और उड़ीसा
म लाइव ारा क गई व ा के अनु प सरकार ा पत करना चाहते थे।
थम आं ल मराठा यु
पृ भू म म
माधवराव क मृ यु के बाद उनके भाई नारायणराव पांचव पेशवा के प म उनके उ रा धकारी
बने। हालाँ क नारायणराव के चाचा रघुनाथराव ने अपने भतीजे क ह या कर द और खुद को
अगला पेशवा घो षत कर दया हालाँ क वह कानूनी उ रा धकारी नह थे।
यु का म अं ेज ी और
मराठा सेनाएँ पुण े के बाहरी इलाके म मल । हालाँ क मराठा सेना म अं ेज क तुलना म
सै नक क सं या अ धक थी ले कन बाद वाले के पास अ य धक बेहतर गोला बा द और
तोप थ । हालाँ क मराठा सेना क कमान महादजी स धया ज ह महादजी शदे के नाम से
भी जाना जाता है नामक एक तभाशाली सेनाप त ने संभाली थी। महादजी ने अं ेज ी सेना
को तालेगांव के पास घाट पहाड़ी दर म फं साया और सभी तरफ से अं ेज को फँ सा दया
और खोपाली म अं ेज ी आपू त अ े पर हमला कर दया। मराठ ने झुलसी ई पृ वी नी त का
भी उपयोग कया कृ ष भू म को जला दया और कु म जहर डाल दया। जैसे ही अं ेज
तालेगांव क ओर हटने लगे मराठ ने हमला कर दया जससे उ ह वडगांव गांव म पीछे हटने
के लए मजबूर होना पड़ा। इधर अं ेज ी सेना को मराठ ने चार तरफ से घेर लया और भोजन
और पानी क आपू त बंद कर द । जनवरी के म य तक अं ेज ने आ मसमपण कर
दया और वाडगांव क सं ध पर ह ता र कए जसने बंबई सरकार को पद छोड़ने के लए
मजबूर कया।
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सं ध क शत का उ चत पालन।
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तीय आं ल मराठा यु
पृ भू म सरा आं ल
मराठा यु पहले जैसी ही प र तय म शु आ। म पेशवा माधवराव नारायण क
आ मह या के बाद रघुनाथराव का अयो य पु बाजीराव तीय पेशवा बन गया। बाजीराव
तीय के क र श ु नाना फड़नवीस मु यमं ी बने। मराठ के बीच मतभेद ने अं ेज़ को मराठा
मामल म ह त ेप करने का अवसर दान कया। म नाना फड़नवीस क मृ यु से अं ेज
को अ त र लाभ मला।
यु का म अ ैल
को पेशवा ने जसव तराव हो कर के भाई वठू ज ी क बेरहमी से ह या कर द । ो धत
जसव त ने स या और बाजीराव तीय क संयु सेना के व अपनी सेनाएँ खड़ी
कर द । उथल पुथल जारी रही और अ टू बर को जसव त ने पूना के पास हड र
म पेशवा और स धया क सेना को नणायक प से हरा दया और अमृतराव के पु
वनायकराव को पेशवा क ग पर बठाया। भयभीत बाजीराव तीय बे सन भाग गया जहां
दसंबर को उसने अं ेज के साथ एक सं ध पर ह ता र कए।
पेशवा ारा सहायक गठबंधन वीकार करने के बाद स धया और भ सले ने मराठा
वतं ता को बचाने का यास कया। ले कन आथर वेले ली के नेतृ व म अं ेज क अ तरह
से तैयार और संग ठत सेना ने स धया और भ सले क संयु सेना को हरा दया और उ ह
अं ेज के साथ अलग सहायक सं ध करने के लए मजबूर कर दया।
तीसरा आं ल मराठा यु
पृ भू म लॉड हे ट स
क टश सव प रता थोपने क सा ा यवाद योजना थी। के चाटर ए ट ारा पूव
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भारत कं पनी का चीन म ापार चाय को छोड़कर का एका धकार समा त हो गया और
इस लए कं पनी को अ धक बाजार क आव यकता थी।
कई जा तय और वग से बने पडारी भाड़े के सै नक के प म मराठा सेना से
जुड़े ए थे। जब मराठा कमजोर हो गये तो पडा रय को नय मत रोजगार नह मल सका।
अमीर खान और करीम खान जैसे पडारी नेता ने आ मसमपण कर दया जब क चटू खान
जंगल म भाग गए।
बे सन क सं ध जसे सफ़र पेशवा के साथ एक सं ध के प म व णत कया
गया है ने अ य मराठा नेता क भावना को आहत कया। उ ह ने इस सं ध को वतं ता
के पूण समपण के प म दे ख ा।
यु का म पेशवा ने पूना
म टश रेज ीडसी पर हमला कया। नागपुर के अ पा साहब ने नागपुर के रेज ीडसी पर हमला
कया और हो कर ने यु क तैयारी क । ले कन तब तक मराठा लगभग वे सभी त व खो चुके
थे जो एक श के वकास के लए आव यक होते ह। सभी मराठा रा य क राजनी तक एवं
शास नक तयाँ अ त त एवं अकु शल थ । जसव तराव हो कर क मृ यु के बाद
हो कर क पसंद दा माल कन तुलसी बाई पूना म मामल के शीष पर आ ग ।
मराठा य हारे
अं ेज से मराठ क हार के कई कारण थे। मु य कारण इस कार थे. i अयो य नेतृ व मराठा
रा य च र म नरंकु श था। रा य के मु खया के व और च र का
रा य के मामल पर ब त भाव पड़ता था। ले कन भा य से बाद के मराठा नेता बाजीराव
तीय दौलतराव स धया और जसव तराव होलकर बेक ार और वाथ नेता थे। ए फ टन जॉन
मै कम और आथर वेले ले ज ह ने बाद म नेपो लयन को जीतने के लए अं ेज का नेतृ व कया
जैसे अं ेज ी अ धका रय के लए उनका कोई मुक ाबला नह था। ii मराठा रा य क दोषपूण कृ त
मराठा रा य के लोग का सामंज य जै वक नह ब क कृ म और आक मक था और इस लए
अन त था। शवाजी के समय से ही सु वचा रत संग ठत सां दा यक सुधार श ा के सार या
लोग के एक करण के लए कोई यास नह कया गया। मराठा रा य का उदय धा मक रा ीय
आंदोलन पर आधा रत था। मराठा रा य का यह दोष तब हो गया जब
उहप म क सव मप त पर संग ठत एक यूरोपीय श से संघष करना पड़ा। iii
ढ ली राजनी तक व ा मराठा सा ा य छ प त और बाद म पेशवा के नेतृ व म एक ढ ला संघ
था। गायकवाड़ जैसे श शाली मुख
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कालो नय का अ ध हण. सरी ओर भारतीय अभी भी पुराने हठध मता और धारणा ारा
च त म ययुगीनता म डू बे ए थे।
मराठा नेता ने रा य के सांसा रक मामल पर ब त कम यान दया। पुरो हत वग के भु व
पर आधा रत पारंप रक सामा जक पदानु म को बनाए रखने के आ ह ने सा ा य के संघ को
क ठन बना दया।
सध क वजय
व शता द क शु आत म अं ेज ने सध म च दखानी शु कर द जहां उ ह ने
म मुगल स ाट के एक फरमान ारा अ धकृ त कु छ ापार सु वधा का आनंद लया। इस
फरमान ने अं ेज को सध के बंदरगाह म ऐसे वशेषा धकार दान कए जो उ ह अ य ात
थे।
शा त मै ी क सं ध जून म स के
अले जडर थम के साथ टल सट के गठबंधन म नेपो लयन बोनापाट भी शा मल हो गए।
गठबंधन क एक शत भू म माग से भारत पर संयु आ मण था। अब अं ेज़ स और टश
भारत के बीच बाधा उ प करना चाहते थे। इसे ा त करने के लए लॉड मटो ने गठबंधन
बनाने के लए व भ मुख य के नेतृ व म तीन त न धमंडल भेज े। तदनुसार मेटकाफ
को लाहौर एल फ टन को काबुल और मै कम को तेहरान भेज ा गया।
क सं ध म
व लयम ब टक ने अमीर के साथ सं ध पर ह ता र करने के लए कनल पो टगर को सध
भेज ा। सं ध के ावधान इस कार थे
दे ख ना
ऑकलड और उनके स चव के मं मंडल के तहत भारत म टश नी त पहले से कह अ धक बेईमानी के नचले तर पर गर गई
थी और त य यह है क इस समय के बाद से सध के साथ वहार राजनी तक प से कतना भी समीचीन हो नै तक प
से अ य था।
पीई रॉबट् स
रा यपाल.
चा स ने पयर
पंज ाब क वजय
सख के अधीन पंज ाब का एक करण अं तम सख गु गु गो वद सह क ह या
के बाद बंदा बहा र के नेतृ व म सख के एक वग ने बहा र शाह के शासन के दौरान मुगल
के खलाफ व ोह कया।
अमृतसर क सं ध अमृतसर क
सं ध अपने ता का लक और संभा वत भाव के लए मह वपूण थी। इसने सतलज नद को
अपने भु व और कं पनी क सीमा रेख ा के प म वीकार करके पूरे सख रा पर अपना
शासन बढ़ाने क रणजीत सह क सबसे पो षत मह वाकां ा म से एक को रोक दया। अब
उसने अपनी ऊजा प म क ओर लगा द और मु तान क मीर और पेशावर
पर क ज़ा कर लया।
थम आं ल सख यु
कारण
थम एं लो सख यु क शु आत का ेय नद पार करने वाली सख सेना क कारवाई को
दया गया है
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यु का म यु दसंबर
म टश प म से सै नक के साथ शु आ जब क सख के
पास लाल सह क सम कमान के तहत लगभग लोग थे। ले कन लाल सह और
तेज ा सह के व ासघात के कारण सख को मुदक दसंबर फरोजशाह
दसंबर बु े लवाल अलीवाल जनवरी और सोबराओन
फरवरी म लगातार पांच हार का सामना करना पड़ा। ।
सरा आं ल सख यु
कारण
थम आं ल सख यु म हार तथा लाहौर और भैरोवाल क सं धय के ावधान सख के लए
अ य धक अपमानजनक थे। रानी जदान ज ह पशनभोगी के प म बनारस भेज ा गया था
के साथ कए गए अमानवीय वहार ने सख क नाराजगी को और बढ़ा दया।
यु के म म लॉड
डलहौजी वयं पंज ाब क ओर बढ़े । पंज ाब पर अं तम क ज़ा होने से पहले तीन मह वपूण
लड़ाइयाँ लड़ी ग ।
ये तीन यु थे
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एं लो सख यु का मह व एं लो सख यु ने दोन प को एक सरे क
लड़ने क मता के लए पार रक स मान दया। सख को के व ोह और म भारतीय
वतं ता तक कई अ य अ भयान और यु म टश प से वफादारी से लड़ना था।
टश सव प रता का व तार
शास नक नी त के मा यम से
क अव ध के दौरान कं पनी ारा शाही व तार और टश सव ता को मजबूत करने
क या दो तरफा प त के मा यम से क गई थी ए वजय या यु ारा क जे क नी त और
बी कू टनी त और शास नक तं ारा वलय क नी त। हम पहले ही चचा कर चुके ह क कै से
कं पनी ने एक एक करके बंगाल मैसूर मराठ और सख जैसी मुख भारतीय श य को हराया
और अपने अधीन कया मु य प से उनके खलाफ यु छे ड़कर।
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रग फस क नी त वॉरेन हे ट स ने टश शासन
के एक मह वपूण समय म गवनर जनरल के प म कायभार संभाला जब अं ेज को मराठ
मैसूर और हैदराबाद के श शाली संयोजन का सामना करना पड़ा। उ ह ने रग फस क नी त
का पालन कया जसका उ े य कं पनी क सीमा क र ा के लए बफर जोन बनाना था।
मोटे तौर पर यह अपने वयं के े क सुर ा के लए अपने पड़ो सय क सीमा क र ा
क नी त थी। वारेन हे ट स क यह नी त मराठ और मैसूर के व उसके यु म प रल त
ई। कं पनी के े को मु य खतरा अफगान आ मणका रय और मराठ से था। इन खतर से
सुर ा के लए कं पनी ने अवध क सीमा क र ा को इस शत पर संग ठत करने का बीड़ा
उठाया क नवाब र ा सेना का खच वहन करगे। उस समय अवध क र ा ने बंगाल क र ा
का गठन कया था। इस कार रग फस णाली के तहत लाए गए रा य को बाहरी आ मण
के खलाफ सै य सहायता का आ ासन दया गया था ले कन अपने वयं के खच पर। सरे
श द म इन सहयो गय को सहायक सेनाएँ बनाए रखने क आव यकता थी ज ह कं पनी के
अ धका रय ारा संग ठत सुस त और कमांड कया जाना था ज ह बदले म इन रा य के
शासक ारा भुगतान कया जाना था।
सहायक गठबंधन
सहायक गठबंधन णाली का उपयोग लॉड वेले ली ारा कया गया था जो तक
गवनर जनरल थे एक गठबंधन बनाने के लए
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दे ख
वेले ली ने टश सा ा य भारत को टश सा ा य भारत म बदल म दया। भारत म राजनी तक
श य म सेका एक से कं पनी भारत म सव श बन गई और पूरे दे श पर अपना एकमा संर क
होने का दावा कया। वेले ली के समय से ही भारत क र ा कं पनी क ज मेदारी थी।
टश श का व तार और सु ढ़ करण
पगत रा य पर क ज़ा यह संयोग क
बात थी क लॉड डलहौजी के कायकाल के दौरान रा य के कई शासक बना कसी पु ष के
मर गए और सात रा य को हड़प स ांत के तहत हड़प लया गया। इनम से सबसे मह वपूण
सतारा झाँसी और नागपुर थे। अ य छोटे रा य म जैतपुर बुंदेलखंड
संभलपुर उड़ीसा और बघाट म य दे श शा मल थे।
टश श का व तार और सु ढ़ करण
अवध का वलय
सहायक गठबंधन के तहत लाए गए जी वत रा य म अवध सबसे पुराना था और इस णाली के
ू र भाव के प रणाम व प वष क लंबी अव ध तक फजूलखच और फजूलखच वाले नवाब के
अधीन इसका नरंतर कु शासन रहा।
लोग को नवाब ारा लगाए गए भारी कर के साथ साथ उसके अ धका रय और तालुक दार ारा
क जाने वाली अवैध वसूली से भी परेशानी उठानी पड़ी। राजकोष का द घका लक दवा लयापन आं शक
प से सहायक सै नक के रखरखाव के लए टश सरकार ारा वसूले गए भारी शु क के कारण था।
इसके अलावा अवध के मामल से पूरी तरह असंब उ े य के लए लॉड हे ट स लॉड एमह ट और लॉड
व लयम ब टक ारा बड़े योगदान दए गए। म नवाब को राजा क उपा ध और दजा दया गया।
आं ल नेपाली संबंध
म गोरखा ने भटगांव के रणजीत म ल के उ रा धका रय से नेपाल का नयं ण छ न
लया। उ ह ने पहाड़ से परे अपने भु व का व तार करना शु कर दया। उ ह द णी दशा म
व तार करना आसान लगा य क उ र ची नय ारा अ तरह से सुर त था। म
अं ेज ने गोरखपुर पर क ज़ा कर लया जससे गोरखा क सीमा और कं पनी क सीमा एक
हो गई। यह संघष लॉड हे ट स के काल म गोरखा ारा बुटवल और योराज पर
क ज़ा करने के कारण शु आ। यु क सगौली क सं ध के साथ समा त आ जो
अं ेज के प म थी।
सं ध के अनुसार • नेपाल ने
एक टश नवासी को वीकार कया। • नेपाल ने गढ़वाल
और कु माऊं के जल को स प दया और तराई पर अपना दावा छोड़ दया। • नेपाल भी
स कम से हट गया।
मसूरी और नैनीताल और
• गोरखा बड़े पैमाने पर टश भारतीय सेना म शा मल हो गये
नंबर.
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आं ल बम संबंध
व सद क शु आत म बमा एक वतं दे श था और प म क ओर व तार करना चाहता
था। बमा के वन संसाधन के लालच बमा म टश व नमाण के लए बाजार और बमा और
शेष द ण पूव ए शया म ांसीसी मह वाकां ा क जांच करने क आव यकता से े रत
अं ेज के व तारवाद आ ह के प रणाम व प तीन एं लो बम यु ए और अंत म
म बमा का टश भारत म वलय।
थम बमा यु
बमा के साथ पहला यु तब लड़ा गया जब बमा का प म क ओर व तार और अराकान और
म णपुर पर क ज़ा और असम और पु घाट के लए खतरा उ ीसव सद के शु आती
दशक म बंगाल और बमा के बीच अ सीमा पर लगातार घषण का कारण बना। शतक। मई
म टश अ भयान दल ने रंगून पर क ज़ा कर लया और राजधानी अवा के कमी
के भीतर प ँच गये।
कलक ा म बम त।
सरा बमा यु
तीय यु अं ेज क ापा रक आव यकता तथा लाड डलहौजी क सा ा यवाद नी त का
प रणाम था। टश ापारी ऊपरी बमा के लकड़ी संसाधन पर क ज़ा करने के इ ु क थे
और बम बाज़ार म और अ धक पैठ बनाने क भी को शश कर रहे थे। इस बार अं ेज ने बमा
के एकमा बचे ए तट य ांत पेगु पर क ज़ा कर लया। नचले बमा पर पूण टश नयं ण
ा पत करने से पहले एक ती गु र ला तरोध पर काबू पाना पड़ा।
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तीसरा बमा यु
बम राजा भडन क मृ यु के बाद उसका पु थबॉ ग पर बैठा। थबॉ शु से ही अं ेज के
त श ुतापूण था। रंगून और नचले बमा के टश ापारी थबॉ के सौतेले वहार के बारे
म शकायत कर रहे थे जो ांस जमनी और इटली क त ं श य के साथ वा ण यक
सं धय पर भी बातचीत कर रहे थे। ांसी सय ने उस समय मांडले से ांसीसी े तक रेल
संपक बछाने क भी योजना बनाई थी जब अं ेज नाइजर म और मेडागा कर म ांसी सय
के साथ संघष म थे। थबॉ ारा एक टश लकड़ी कं पनी पर अपमानजनक जुमाना लगाया
गया था। डफ़ रन ने म ऊपरी बमा पर आ मण और अं तम क ज़े का आदे श दया।
आं ल त बती संबंध
त बत पर चीन क नाममा आ धप य के तहत बौ भ ु लामा के धमत का शासन
था। त बत के साथ मै ीपूण और वा ण यक संबंध ा पत करने के टश यास का अतीत
म कोई प रणाम नह नकला था और कजन के भारत आगमन के समय तक ग तरोध आ गया
था। त बत पर चीनी आ धप य अ भावी था और हासा पर सी भाव बढ़ रहा था। त बत
म सी ह थयार और गोला बा द आने क खबर थ । कज़न को चता ई और उसने त ब तय
को एक समझौते पर आने के लए बा य करने के लए कनल यंगहसबड के नेतृ व म एक छोट
गोरखा टु क ड़ी को एक वशेष मशन पर त बत भेज ा। त ब तय ने बातचीत करने से इनकार
कर दया और अ हसक तरोध क पेशकश क । यंगहसबड ने हासा म अपना रा ता बना
लया अग त जब क दलाई लामा भाग गए।
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हासा क सं ध
यंगहसबड ने त बती अ धका रय को शत तय क जसम यह ावधान था
बाद म रा य स चव के आ ह पर और स को द गई त ा के अनु प सं ध को
संशो धत कया गया और तपू त को लाख पये से घटाकर लाख पये कर दया गया
और तीन साल के बाद चु बी घाट को खाली करने का ावधान कया गया घाट वा तव म
खाली हो गई थी के वल जनवरी म।
आं ल अफगान संबंध
उ ीसव सद क शु आत म फारस म सी भाव म वृ ने टश भाव को बदल दया
और यू े ट् स नद के मा यम से भारत के लए एक नया माग ा पत करने क अं ेज ी योजना
को वफल कर दया। वशेषकर तुक मानचाई क सं ध के बाद अं ेज भारत के संबंध
म संभा वत सी योजना के बारे म च तत हो गए। ज द ही भारतीय प क ओर से एक
वै ा नक सीमा क खोज क जाने लगी। उ र प म के दर भारत म वेश क कुं जी तीत
होते थे। अफ़ग़ा न तान पर अं ेज़ के म कसी शासक का नयं ण होना आव यक महसूस
कया गया।
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थम आं ल अफगान यु
क प ीय सं ध के तुरंत बाद मूल परेशा नय को र करने के कारण े क
राजनी तक त म भारी बदलाव आया फारस ने हेरात क घेराबंद हटा ली और स ने
काबुल से अपने त को वापस बुला लया।
दे ख सर
जॉन लॉरस क वदे श नी त आ म नभरता और आ म संयम क नी त थी अव ा क नह ब क
र ाक ती ा करने और दे ख ने क नी त थी क अगर आ ामक कारवाई का समय कभी आया
तो वह और अ धक मजबूत और सही दशा म हमला करने म स म हो सकते ह। .
सरा आं ल अफगान यु
लटन ने शेर अली को एक अनुकू ल सं ध क पेशकश क ले कन अमीर अपने दोन श शाली
पड़ो सय स और टश भारत के साथ दो ती चाहता था जब क दोन को एक हाथ क
री पर रखा गया था। बाद म शेर अली ने काबुल म टश त रखने से इनकार कर दया
जब क पहले उसने सय को इसी तरह क रयायत द थी। लटन अ स था और जब
सय ने काबुल से अपना त वापस ले लया तो लटन ने अफगा न तान पर आ मण करने
का नणय लया। टश आ मण का सामना करते ए शेर अली भाग गया और शेर अली के
सबसे बड़े बेटे याकू ब खान के साथ गंडामक क सं ध मई पर ह ता र कए गए।
टश भारत और
उ रप म सीमा
प रणाम व प एक शां तपूण उ र प मी सीमा तैयार ई। उसके बाद कभी कभार जनजातीय
व ोह के साथ शां तपूण तयाँ जारी रह । जनवरी म यह घोषणा क गई क
एनड यूएफपी को गवनर ांत के प म ग ठत कया जाएगा। से यह ांत पा क तान
का है।
सारांश
वे कारक ज ह ने भारत म अं ेज को सफलता दलाई
सुपी रयर आ स
सै य अनुशासन
नाग रक अनुशासन
शानदार नेतृ व जसने बेईमान था को अपनाने क परवाह नह क
व ीय श
रा वाद गौरव
मैसूर पर टश वजय
• थम आं ल मैसूर यु म ास क सं ध • तीय आं ल मैसूर यु
मगलोर क सं ध • तृतीय आं ल मैसूर यु से रगप म क सं ध • चतुथ आं ल मैसूर यु
मैसूर पर क ज़ा कर लया गया है
टश सेना
टश श का व तार और सु ढ़ करण
सध क वजय
• लॉड एलेनबरो भारत के गवनर जनरल थे
कारवाई म टश सव ता • वॉरेन हे ट स क रग
बाड़ नी त
नागपुर
झाँशी
अवध कु शासन के आरोप म
थम आं ल बमा यु
तीय आं ल बमा यु
तीसरा आं ल बमा यु
• आं ल त बती संबंध
हासा क सं ध
• आं ल अफगान संबंध
ऑकलड क फॉरवड नी त
थम आं ल अफगान यु
जॉन लॉरस क उ कृ न यता क नी त
लटन और ाउड रजव क नी त
सरा आं ल अफगान यु
गंडामक क सं ध मई
•उ रप म सीमा
डू रंड समझौता
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यू नट III
उभरता आ
के खलाफ
नाराजगी
कं पनी
नयम
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जनता का वरोध
से पहले अं ेज
जन तरोध मतलब
टश शासन के खलाफ लोग के तरोध के संदभ म लोग श द म भारतीय समाज के कई
वग शा मल ह जो वदे शी शासन से भा वत थे। कसान कारीगर आ दवा सय शासक वग
स य या बेदखल सै य क मय कं पनी के अधीन और साथ ही पूव शासक के वघ टत
सै नक धा मक नेता ह और मु लम आ द ने सुर ा के लए लड़ाई लड़ी। उनके हत
कभी कभी अलग अलग और कभी कभी एक साथ। औप नवे शक सरकार ारा लगाए गए
हाउस टै स के खलाफ म बनारस म आंदोलन नमक शु क के खलाफ म सूरत
दं गे पु लस टै स और नगरपा लका कर के खलाफ म बरेली म व ोह शहरी आंदोलन
के कु छ उदाहरण ह जनम नचले तबके के लोग शा मल थे। कारीगर छोटे कानदार और जैसे
वग
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शहरी गरीब ने समृ शहरी कु लीन वग के साथ मलकर लड़ाई लड़ी। इन तरोध के हत इस
अथ म भ थे क येक वग क अलग अलग शकायत थ ले कन वे एक ही उ े य पर
सहमत थे टश शासन को समा त करना।
जन तरोध क उ प
पूव औप नवे शक भारत म शासक और उनके अ धका रय के खलाफ लोग का वरोध
असामा य नह था रा य ारा उ भू म राज व क मांग आचरण और अ धका रय का
स त रवैया कु छ भड़काने वाले कारक थे। हालाँ क औप नवे शक शासन क ापना और
उसक नी तय का सम प से भारतीय पर कह अ धक वनाशकारी भाव पड़ा। उनक
शकायत सुनने वाला या उनक सम या पर यान दे ने वाला कोई नह था। कं पनी को के वल
नकालने म च थी
आय।
औप नवे शक कानून और यायपा लका ने सरकार और उसके सहयो गय जम दार
ापा रय और सा कार के हत क र ा क । इस कार लोग के पास कोई वक प नह
बचा और उ ह ने ह थयार उठाकर अपनी र ा करने का फै सला कया। जनजातीय लोग क
पर तयाँ मु य भू म म रहने वाले लोग से भ नह थ ले कन उनक वतं जनजातीय
राजनी त म बाहरी लोग के अ त मण ने उ ह और अ धक पी ड़त और हसक बना दया।
नाग रक व ोह
स वल श द म वह सब कु छ शा मल है जो र ा सै य से संबं धत नह है ले कन यहां हमने
उन व ोह को शा मल कया है जनका नेतृ व आम तौर पर अपद दे शी शासक या उनके
वंशज पूव जम दार जम दार पो लगस द ण भारत म े के धारक ने कया था या
पलायम जसम शासक मु य प से नायक सै य सेवा और ांज ल के बदले म व जत
रा य के पूव अनुचर और अ धका रय या कभी कभी धा मक नेता ारा उ ह दए गए कु छ
गांव शा मल थे। आम तौर पर बड़े पैमाने पर समथन कराए पर लेने वाले कसान बेरोजगार
कारीगर और वघ टत सै नक से मला हालां क इन व ोह के क म त कालीन स ा संप
वग थे।
मह वपूण नाग रक व ोह
स यासी व ोह
के वनाशकारी अकाल और अं ेज क कठोर आ थक व ा ने पूव भारत म
स या सय के एक समूह को टश कू मत से लड़ने के लए मजबूर कर दया। मूल प से
कसान यहाँ तक क कु छ ज़मीन से बेदखल कए गए इन सं या सय के साथ बड़ी सं या म
बेदखल छोटे जम दार वघ टत सै नक और ामीण गरीब भी शा मल हो गए। उ ह ने कं पनी के
कारखान और कोषागार पर छापे मारे और कं पनी क सेना से लड़ाई क । लंबी कारवाई के
बाद ही वॉरेन हे ट स सं या सय को अपने वश म कर सका। ह मुसलमान क समान
भागीदारी
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मदनापुर और धालभूम म व ोह
म अं ेज ने मदनापुर पर क ज़ा कर लया और उस समय वहाँ लगभग
जम दार और तालुक दार थे जनके अपने रैयत के साथ सौहादपूण संबंध थे। ले कन
म अं ेज ारा नई भू म राज व णाली क शु आत के बाद यह सामंज यपूण प र य
बदल गया। टश गवनर वैन सटाट के अनुसार रैयत और अं ेज ी राज व सं ह करने वाले
अ धका रय के बीच संघष क त म मदनापुर के जम दार रैयत के प म थे। प म
और उ र प म मदनापुर के जंगल महल के वशाल भूभाग म रहने वाले धालभूम
मानभूम रायपुर पंचेत झट बुनी कणगढ़ और बागरी के जम दार को अंततः के
दशक तक उनक जम दा रय से बेदखल कर दया गया था। व ोह के मह वपूण नेता
दामोदर सह और जग ाथ ढल थे।
मोआम रया का व ोह
म मोआम रया का व ोह असम के अहोम राजा के अ धकार के लए एक सश
चुनौती थी। मोमा रया न न जा त के कसान थे जो अ न दे व क
श ा का पालन करते थे और उनका उ ान उ र भारत म अ य न न जा त समूह के
समान था। उनके व ोह ने अहोम को कमजोर कर दया और सर के लए इस े पर
हमला करने के लए दरवाजे खोल दए उदाहरण के लए म दराग के राजा
कृ णनारायण ने अपने बुक डाज़ बड मु लम सेना और जम दार के हतो सा हत
सै नक क सहायता से व ोह कर दया । इन व ोह को कु चलने के लए अहोम शासक
को बा य होना पड़ा
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वजयनगरम के राजा का व ोह
म अं ेज और वजयनगरम के शासक आनंद गजप तराजू के बीच संयु प से उ री
सरकार से ांसी सय को बाहर करने के लए एक सं ध ई। इस मशन म वे सफल रहे ले कन
अं ेज़ जैसा क भारत म उनके मामले म हमेशा होता था सं ध क शत का स मान करने के
अपने वादे से मुक र गए।
अवध म नाग रक व ोह
अवध के चौथे नवाब वजीर अली खान अं ेज क मदद से सतंबर मग पर बैठे थे।
गंज म और गुमसूर म व ोह
उ री सरकार म गंज म और उसके आसपास के े ने टश शासन के खलाफ व ोह कर
दया। गंज म जले के गुमसूर के जम दार ाइकरा भंज ने म राज व दे ने से इनकार कर
दया। म उ ह ने खुले तौर पर व ोह कया और सावज नक अ धका रय क अवहेलना
क । व ोह को दबाने के लए एक दमनकारी और कले टर नोड ास को बदल दया गया।
ाइकरा
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हालाँ क भारी बकाया का भुगतान करने म असमथ धनंज य भंज ने सरी बार व ोह कया
जब टश सेना ने नवंबर म गुमसूर और कोलैडा पर क जा कर लया। व ोह ने सरकार
के अ धकार को ब त कम कर दया ले कन दसंबर म धनंज य क मृ यु हो गई और
उनके अनुया यय ने तरोध जारी रखा। सरकार ने त से नपटने के लए रसेल को पूण
ववेक ाधीन श य के साथ नयु कया। यह संघष फरवरी तक चला जब एक जय
नेता रा बसायी को गर तार कर लया गया। गुमसूर क जम दारी ज त कर ली गई।
पलामू म व ोह
पलामू क राजनी तक त कृ ष जम दारी और सामंती व ा के संक ट से ज टल थी।
म चेरो मुख भुख न सह ने व ोह कर दया। व ोह को दबाने के लए कनल जो स ने
पलामू और सरगुज ा म दो साल तक डेरा डाला। म भुख न सह क मृ यु हो गई और बाद
म व ोह शांत हो गया।
पो लगस का व ोह
द ण भारत के पो लगस या पलाय करगल ने और के बीच अं ेज का कड़ा
तरोध कया। इन मजबूत व ोह के मु य क त ेवेली या थ नेलवेली रामनाथपुरम
शवगंगा शव ग र म रै और उ री अक ट थे। सम या म शु ई जब आक ट के
नवाब ने तनेवेली और कनाटक ांत का बंधन और नयं ण ई ट इं डया कं पनी को दे दया।
यह
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भवानी म व ोह
म ह रयाणा के जाट ने व ोह कर दया। जाट ने भवानी म अपनी कलेबंद कर ली
और कड़ा तरोध कया।
व ोह को दबाने के लए एक श शाली हमलावर मेढ़े के साथ सभी ह थयार क एक गेड
क आव यकता थी।
द वान वेलु थ ी का व ोह
म वेले ली के तहत एक सहायक गठबंधन व ा पर सहमत होने के बाद ई ट इं डया
कं पनी ारा ावणकोर रा य पर लगाई गई कठोर शत ने े म गहरी नाराजगी पैदा कर द ।
शासक स सडी का भुगतान करने म स म नह था और बकाया हो गया। ावणकोर का टश
रे जडट रा य के आंत रक मामल म ह त ेप कर रहा था। कं पनी के अ ड़यल रवैये ने धान
मं ी या दलावा वेलु थ ी को नायर सै नक क सहायता से कं पनी के खलाफ उठने के लए
मजबूर कया। वेलु थ ी ने कुं डारा म एक सभा को संबो धत कया और खुले तौर पर अं ेज
को अपनी मूल भू म से बाहर नकालने के लए उनके खलाफ ह थयार उठाने का आ ान
कया। इसे बाद म कुं डरा उ ोषणा के नाम से जाना गया। प रणाम व प अं ेज के व
बड़े पैमाने पर व ोह आ। एक बड़ा
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बु दे लख ड म अशां त
तीय आं ल मराठा यु के दौरान अं ेज ारा जीते गए वशाल बुंदेलखंड ांत
को बंगाल ेसीडसी के अंतगत रखा गया था। बुंदेला सरदार ने नई सरकार का तब तक वरोध
कया जब तक वे लगभग एक सौ पचास क सं या म अपने कल से लड़ सकते थे। पहला
बड़ा तरोध अजयगढ़ कले के कलादार कला कमांडर ल मण दावा क ओर से आ।
ल मण को म समा त होने वाले दो वष के लए अ ायी व ा के प म कले को
अपने पास रखने क अनुम त द गई थी ले कन वह कायकाल क समा त के बाद भी अपना
क ज़ा जारी रखना चाहते थे। फरवरी म उ ह ने आ मसमपण कर दया और उ ह
कलक ा ले जाया गया। अगला तरोध कालंज र के ह यारे द रया सह से आ जसे जनवरी
म दबा दया गया। ले कन सबसे गंभीर खतरा गोपाल सह नामक एक स सै य
साहसी से था जसका अपने चाचा के साथ ववाद था जसे अं ेज का समथन ा त था। चार
वष तक गोपाल सह टश सेना क सभी सतकता और सै य रणनी त से बचते रहे। इन
गड़ब ड़य को रोकने के लए अं ेज को बु दे लख ड के वंशानुगत सरदार को सं वदा मक
दा य व क एक ृंख ला इकरनामः ारा बा य करने क नी त अपनानी पड़ी।
क या क व ोह
म अं ेज और क के महाराजा भारमल तीय के बीच एक सं ध ई जसके ारा
स ा सहासन म न हत हो गई।
हालाँ क महाराजा और सरदार के एक समूह के बीच स ा संघष था।
बरेली म उ ान
व ोह का ता का लक कारण पु लस कर लगाना था जससे नाग रक म ती आ ोश भड़क
उठा। मामला तब धा मक हो गया जब एक स मा नत बुज ुग मु ती मुह मद ऐवाज़ ने माच
म शहर के म ज े ट को एक या चका द ।
हाथरस म व ोह
दयाराम जो क अलीगढ़ जले के कई गाँव का तालुक दार था का हाथरस के कले म एक
मजबूत आधार था। यह कला जसे भारत के सबसे मजबूत कले म से एक माना जाता है
एक सरा भरतपुर क द वार काफ ऊं चाई और मोटाई क थ जनक र ा एक गहरी
खाई और शीष पर तोपखाने से क गई थी। अं ेज़ ने दयाराम को कसान बनाकर हाथरस
जागीर का बंदोब त कर लया था। ले कन उ रो र बढ़ते उ राज व के कारण दयाराम
बकाया का भुगतान करने म लगातार वफल रहे और यहां तक क सरकारी भगोड़ को शरण
दे क र श ुता के कई काय भी कए। इस लए कं पनी ने एक बड़ी सेना के साथ फरवरी म
हाथरस पर हमला कया। दयाराम दन से अ धक समय तक बहा री से लड़े और सुर त
बच नकले। ले कन अंततः उ ह समपण क शत पर वापस आना पड़ा और पशन के साथ
समझौता करना पड़ा। मुरसान के राजा एक अ य स व ोही भगवंत सह ने अपने कले
को न करने से भयभीत होकर सरकार के सामने समपण कर दया।
पाइका व ोह
ओ डशा के पाइ स पारंप रक ज़मीनदार म ल शया शा दक प से पैदल सै नक थे और
उ ह वंशानुगत आधार पर अपनी सै य सेवा और पु ल सग काय के लए कराया मु भू म
वा म व का आनंद मलता था।
म अं ेज ी कं पनी क ओ डशा पर वजय और खुदा के राजा क ग से उतारे जाने से
पाइ स क श और त ा ब त कम हो गई थी। इसके अलावा कं पनी क जबरन वसूली
वाली भू राज व नी त ने जम दार और कसान म समान प से नाराजगी पैदा क । आम
जनता भा वत ई
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वाघेरा राइ जग
टश सरकार ारा सम थत बड़ौदा के गायकवाड़ क मांग के साथ वदे शी शासन के खलाफ
नाराजगी
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अहोम व ोह
थम बमा यु के बाद अं ेज ने असम से हटने क त ा क थी। ले कन यु
के बाद पीछे हटने के बजाय अं ेज ने अहोम के े को कं पनी के भु व म शा मल करने
का यास कया। इसने म अहोम राजकु मार गोमधर क वर के नेतृ व म धनजॉय ब गोहेन
और जयराम खारघ रया फु कन जैसे हमवतन लोग के साथ व ोह को ज म दया। जोरहाट के
नकट एक त होकर व ो हय ने औपचा रक प से गोमधर क वर को राजा बना दया।
कू का आंदोलन कू का आंदोलन
क ापना मप मी पंज ाब म भगत जवाहर मल ज ह सयान साहब भी कहा जाता
है ने क थी। उनके बाद आंदोलन के एक मुख नेता बाबा राम सह थे। वह
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फ़राज़ी व ोह फ़राज़ी
पूव बंगाल म फरीदपुर के हाजी शरीयत अ लाह ारा ा पत एक मु लम सं दाय के
अनुयायी थे। उ ह ने आमूल चूल धा मक सामा जक और राजनी तक प रवतन क वकालत
क।
दा मयां के पु शरीयत अ लाह ने अं ेज ी घुसपै ठय को बंगाल से बाहर
नकालने के उ े य से अपने अनुया यय को संग ठत कया। सं दाय ने जम दार के खलाफ
का तकार के आंदोलन का भी समथन कया। फ़राज़ी अशां त से तक जारी
रही। अ धकांश फ़राज़ी वहाबी रक म शा मल हो गए।
आ दवासी व ोह
चुआ र व ोह अकाल
बढ़ ई भू राज व मांग और आ थक संक ट ने मदनापुर जले के जंगल महल और बंगाल म
बांकु रा जले के चुआ र आ दवासी आ दवा सय को ह थयार उठाने के लए े रत कया।
कोल व ोह
कोल अ य जनजा तय के साथ छोटानागपुर के नवासी ह। इसम रांची सहभूम हज़ारीबाग़
पलामू और मानभूम के प मी ह से शा मल थे। म सम या कोल मु खया से ह
सख और मु लम कसान और सा कार जैसे बाहरी लोग को भू म के बड़े पैमाने पर
ह तांतरण के साथ शु ई जो दमनकारी थे और भारी कर क मांग करते थे। इसके अलावा
टश या यक और राज व नी तय ने कोल क पारंप रक सामा जक तय को बुरी तरह
भा वत कया। कोल लोग को यह नागवार गुज रा और म बु ो भगत के नेतृ व म कोल
व ो हय ने लगभग एक हजार बाहरी लोग को मार डाला या जला दया। बड़े पैमाने पर सै य
अ भयान के बाद ही व ा बहाल हो सक ।
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हो और मुंडा व ोह
पाराहाट के राजा ने सहभूम अब झारखंड म के क जे के खलाफ व ोह करने के लए अपने
हो आ दवा सय को संग ठत कया। व ोह तक जारी रहा जब हो आ दवा सय को
समपण के लए मजबूर होना पड़ा। हालाँ क बाद म म उ ह ने नई शु क गई कृ ष
राज व नी त और अपने े म बंगा लय के वेश के वरोध म छोटानागपुर के मुंडा के साथ
मलकर फर से एक व ोह का आयोजन कया। हालाँ क म व ोह समा त हो गया
ले कन हो ऑपरेशन तक जारी रहा।
संथाल व ोह
संथाल जो एक कृ षक लोग थे जो राजमहल पहा ड़य बहार के मैदानी इलाक म बसने के
लए भाग गए थे के नरंतर उ पीड़न के कारण जम दार के खलाफ संथाल व ोह आ।
सा कार ज ह अ य लोग के अलावा पु लस का भी समथन ा त था कसान से दमनकारी
वसूली करने और भू म से बेदखल करने के लए जम दार के साथ शा मल हो गए थे। यह व ोह
टश वरोधी आंदोलन म बदल गया। सधू और का दो भाइय के तहत संथाल ने कं पनी
शासन को समा त करने क घोषणा क और भागलपुर और राजमहल के बीच के े को
वाय घो षत कया। तक व ोह दबा दया गया।
ख ड व ोह
से तक ओ डशा से लेक र आं दे श के ीकाकु लम और वशाखाप नम जल
तक फै ले पहाड़ी इलाक के ख ड ने कं पनी शासन के खलाफ व ोह कया। च ब नोई एक
युवा राजा ने ख ड का नेतृ व कया जो इसम शा मल हो गए
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कोया व ोह पूव
गोदावरी ै क आधु नक आं के कोया ने ख डा सारा मुख से मलकर
और म व ोह कया। वे म टॉमा सोरा के तहत एक
बार फर से उठे । उनक शकायत पु लस और सा कार ारा उ पीड़न नए नयम और वन
े पर उनके पारंप रक अ धकार से इनकार थ । टॉमा सोरा क मृ यु के बाद म राजा
अनंत यार ारा एक और व ोह का आयोजन कया गया था।
भील व ोह प मी
घाट म रहने वाले भील ने उ र और द कन के बीच के पहाड़ी दर को नयं त कया। उ ह ने
म कं पनी शासन के खलाफ व ोह कया य क उ ह अकाल आ थक संक ट और
कु शासन का सामना करना पड़ा। व ोह को नयं त करने के लए अं ेज ने बल और सुलह
दोन यास का इ तेमाल कया। हालाँ क भील ने और म फर से
व ोह कया। बाद म एक सुधारक गो वद गु ने तक द ण राज ान बांसवाड़ा
सुंथ रा य के भील को भील राज के लए लड़ने के लए खुद को संग ठत करने म मदद क ।
कोली व ोह भील के
पड़ोस म रहने वाले कोली और फर के दौरान कं पनी के शासन के
खलाफ व ोह म उठे । उ ह ने कं पनी के शासन को लागू करने का वरोध कया जो उनके लए
बड़े पैमाने पर बेरोजगारी लेक र आया और उनके कल को न कर दया गया।
रामोसी व ोह रामो सस
प मी घाट क पहाड़ी जनजा तयाँ टश शासन और टश पैटन के साथ सामंज य नह
बठा पाई थ ।
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. माशल पहा ड़या ारा पहा ड़या व ोह राजमहल पहा ड़याँ अपनी भू म पर टश व तार के
व ।
. चुआ र आ दवासी आ दवा सय ारा चुआ र व ोह अं ेज ारा मांग म वृ और आ थक
नजीकरण के खलाफ।
. बु ो भगत के नेतृ व म छोटानागपुर के कोल लोग ारा कोल व ोह उनक भू म पर टश शासन
के व तार और उनक भू म को बाहरी लोग को ह तांत रत करने के खलाफ व ोह दबा दया गया।
. हो और मुंडा व ोह
ए राजा पाराहत के नेतृ व म हो आ दवा सय ारा सहभूम और छोटानागपुर अं ेज ारा
सहभूम पर क जे के खलाफ। बी हो आ दवा सय और मुंडा ारा नई शु क गई
कृ ष राज व नी त के खलाफ। सी बरसा मुंडा रांची के द ण के नेतृ व म मुंडा
ारा बरसा को पकड़कर जेल म डाल दया गया। डी
व ोह बरसा मुंडा ारा सम थत सामंती जम दारी कायकाल क शु आत और सा कार
और वन ठे के दार ारा शोषण के खलाफ।
उलगुलान
नये कर.
. नायकदा आंदोलन का दशक म य दे श और गुज रात
अं ेज़ और सवण ह के ख़लाफ़।
. खरवार ारा खरवार व ोह बहार राज व बंदोब त ग त व धय के व ।
राजा
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. ग ड के व ा सय को एक साथ लाने के लए ग ड व ोह ।
धम.
खासी व ोह गारो और
ज तया पहा ड़य के बीच के पहाड़ी े पर क ज़ा करने के बाद ई ट इं डया कं पनी एक
सड़क बनाना चाहती थी
वष े मुख कारण
से पहले के आंदोलन
. अहोम व ोह असम बम यु के बाद कं पनी क त ा को पूरा न करने के व कं पनी ारा
रा य को वभा जत करके व ोह को दबा दया गया।
के बाद के आंदोलन . कु कय का
व ोह म णपुर थम व यु के दौरान मक क भत क टश नी तय के व ।
. पुरा म व ोह गृह कर क दर म बढ़ोतरी और े म बाहरी लोग को बसाने के खलाफ ए परी त जमा तया
के नेतृ व म बी र नम ण के नेतृ व म रयांग
व ोह सी भारती सह के नेतृ व म के दशक
सगफोस व ोह क
शु आत म असम म सगफोस के व ोह को तुरंत दबा दया गया ले कन उ ह ने व ोह
आयो जत करना जारी रखा।
म एक व ोह म टश राजनी तक एजट क मृ यु ई। मुख नरंग फ ने म
एक व ोह का नेतृ व कया जसम टश गैरीसन पर हमला और कई सै नक क मौत
शा मल थी।
सपाही व ोह
के महान व ोह से पहले दे श के व भ ह स म कई छटपुट सै य व ोह ए।
कारण
न न ल खत कारण से टश शासन के व सपा हय का असंतोष बढ़ रहा था i
भुगतान और पदो त म भेदभाव ii टश
अ धका रय ारा सपा हय के साथ वहार iii सु र े म लड़ाई
के दौरान सरकार ारा वदे शी सेवा भ ा दे ने से इंक ार करना iv लॉड कै नग के
जनरल स वस एन ल टमट ए ट पर उ जा त के ह सपा हय क
धा मक आप यां जसम सभी रंग ट को भारत के भीतर और बाहर
सेवा के लए तैयार रहने का आदे श दया गया था।
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मह वपूण व ोह से पहले के
समय म ए सबसे मह वपूण व ोह न न ल खत ह i म बंगाल म सपा हय का
व ोह। ii का वे लोर व ोह जब
सपा हय ने अपने सामा जक और धा मक े म ह त ेप का वरोध कया
अ यास कया और मैसूर के शासक का झंडा फहराते ए व ोह का झंडा उठाया।
जन व ोह क कमजो रयाँ
• इन व ोह म बड़ी सं या म तभागी शा मल ए ले कन वा तव म ये ानीय थे
और अलग अलग े म अलग अलग समय पर ए। • वे अ धकतर ानीय शकायत से
उप ए। • नेतृ व च र म
अध सामंती पछड़े दखने वाला कोण म पारंप रक था और उनका
तरोध मौजूदा सामा जक व ा के लए वक प दान नह करता था।
सारांश
• जन व ोह के व प
नाग रक व ोह
कसान आंदोलन
आ दवासी व ोह
सै य व ोह
• से पहले नाग रक व ोह
स यासी व ोह बहार और बंगाल मंज ू शाह
मूसा शाह भवानी पाठक और दे बी चौधुरानी थे
कु छ मह वपूण नेता.
म व ोह मदनापुर और धालभूम बंगाल दामोदर
सह जगननाथ ढल आ द।
का व ोह मोअम रयास असम और वतमान के कु छ ह से
बां लादे श कृ णनारायण मह वपूण नेता थे.
नाग रक म व ोह गोरखपुर ब ती और बहराईच उ र
दे श.
का व ोह के राजा वजयनगरम उ री सकार वजीराम
रौज़े च ा वजयरामराजू को उसक जा का समथन ा त था।
म व ोह बेदनूर कनाटक धुं डया वाघ.
का व ोह के रल वमा पजह सी राजा के रल
के रल वमा.
नाग रक का व ोह अवध पूव उ र दे श वज़ीर
अली खान वज़ीर अली ।
व ोह म गंज म और गुमसूर पूव
ओ डशा ाइकर भंज धनंज य भंज और रा बसायी।
म व ोह पलामू झारखंड का छोटानागपुर
व ोह के नेता भुख न सह थे।
पो लगस का व ोह त वे ली रामनाथपुरम
त मलनाडु के शव ग र म रै और उ री अरकोट क ाबो मन
नायकन एक मह वपूण नेता थे।
का व ोह द वान वेलू थ ी ावणकोर द वान के नेतृ व म
रा य के वेलु थ ी।
म गड़बड़ी बुंदेलखंड बुंदेलखंड के े
वतमान म य दे श और उ र दे श म ल मण
दावा अजयगढ़ कले का कलादार द रया सह कलादार
कलंज र के और गोपाल सह एक सै य साहसी थे
मह वपूण व ोही.
पाला कमेडी का कोप उड़ीसा नारायण दे व और
गजप त दे व.
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• कसान आंदोलन
• आ दवासी व ोह
• सपाही व ोह
वे लोर व ोह
व ने टव इ फ यू नट का व ोह
ेने डयर कं पनी का व ोह असम
शोलापुर म व ोह
व ने टव इ फ का व ोह
व ने टव इ फ का व ोह
व ने टव इ फ का व ोह
व ने टव इ फ का व ोह
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का व ोह
का व ोह
वभ े म व भ कारण से व ोह ए।
कु छ आंदोलन के व ोह के बाद भी जारी रहे। द ण पूव प म और उ र पूव े
म बड़े व ोह ए ज ह कं पनी ने ू रता से दबा दया।
का व ोह मुख कारण
के व ोह के कारण पहले के व ोह क तरह सभी वग और वग को पार करते ए
भारतीय आबाद के दै नक अ त व के सभी पहलु सामा जक सां कृ तक आ थक और
राजनी तक से उभरे। इन कारण पर नीचे चचा क गई है।
का व ोह
दे ख यह
टश घुसपै ठया ही था जसने भारतीय हथकरघा को न कर दया और चरखे को न कर दया।
इं लड ने भारतीय कपास को यूरोपीय बाज़ार से वं चत करना शु कया इसके बाद इसने ह तान
म बदलाव ला दया और अंत म कपास क मातृभू म को कपास से भर दया।
काल मा स म
राजनी तक कारण
ई ट इं डया कं पनी क लालची नी त के साथ साथ टू ट त ा और वाद का प रणाम आ
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शास नक कारण
कं पनी के शासन म वशेषकर पु लस छोटे अ धका रय और नचली अदालत म ात
ाचार असंतोष का एक मुख कारण था। दरअसल कई इ तहासकार का मानना है क
भारत म अब जो ापक ाचार हम दे ख ते ह वह कं पनी शासन क वरासत है। इसके
अलावा टश शासन के च र ने भारतीय क नज़र म इसे एक वदे शी और वदे शी प
दान कया एक कार क अनुप त सं भुता।
सामा जक धा मक कारण
न लीय भाव और े ता क भावना ने मूल भारतीय आबाद के त टश शास नक रवैये
क वशेषता बताई। भारत म टश वज का पालन करने वाले ईसाई मशन रय क
ग त व धय को भारतीय ारा संदेह क से दे ख ा जाता था। सती था क समा त वधवा
ववाह को समथन और म हला क श ा जैसे सामा जक धा मक सुधार के यास को
आबाद के एक बड़े वग ने बाहरी लोग ारा भारतीय समाज के सामा जक और धा मक े
म ह त ेप के प म दे ख ा। म जद और मं दर क ज़मीन पर कर लगाने और धा मक
वकलांगता अ ध नयम जैसे कानून बनाने के सरकार के फै सले ने इन आशंक ा को
और बढ़ा दया जसने उदाहरण के लए ह री त रवाज को संशो धत कया।
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का व ोह
गोपाल.
अंततः टश भारतीय सेना म व ोह का एक लंबा इ तहास रहा है बंगाल
वे लोर बैरकपुर और अफगान यु के दौरान जनम से कु छ
का उ लेख कया जाए तो।
व ोह क शु आत और सार
चगारी आटे म ह ी
का बुरादा मलाने और एनफ राइफल क शु आत के बारे म रपोट ने सरकार के त
सपा हय के बढ़ते असंतोष को बढ़ा दया। नई राइफल के कारतूस के ीस लगे रै पग पेपर
को लोड करने से पहले काटना पड़ता था और क थत तौर पर ीस गोमांस और सुअ र क चब
से बना होता था। गाय ह के लए प व थी जब क सुअ र मुसलमान के लए व जत था।
सेना शासन ने इन आशंक ा को र करने के लए कु छ नह कया और सपा हय को लगा
क उनका धम गंभीर खतरे म है।
मेरठ म शु आ व ोह
मई को द ली से कमी र मेरठ म शु आ और फर तेज ी से ताकत इक ा
करते ए ज द ही उ र म पंज ाब और द ण म नमदा से लेक र पूव म बहार और राजपूताना
तक एक वशाल े को अपनी चपेट म ले लया। प म म।
का व ोह
नाग रक जुड़
का व ोह
स ाट बहा र शाह संभवतः व ोह के नेतृ व क ृंख ला क सबसे कमजोर कड़ी थे। उनके कमजोर
व बुढ़ापे और नेतृ व गुण क कमी ने व ोह के मु य क म राजनी तक कमजोरी पैदा कर द
और उसे अपूरणीय त प ंचाई।
टश सेना ारा झाँसी से बाहर नकाले जाने पर उ ह ने यु का नारा दया म अपनी झाँसी
नह ँ गी म अपनी झाँसी नह ँ गी । कानपुर क हार के बाद नाना साहेब के करीबी सहयोगी
तां तया टोपे भी उनके साथ शा मल हो गए । झाँसी क रानी और तां तया टोपे ने वा लयर क
ओर माच कया जहाँ भारतीय सै नक ने उनका वागत कया। स या ानीय
दे ख यहां
वह म हला लेट ई थी जो व ो हय के बीच एकमा पु ष थी।
रोज झांसी क
रानी को उस क ओर से ांज ल जसने उसे हराया
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का व ोह
हालाँ क शासक ने अं ेज का प लेने का फै सला कया और आगरा म शरण ली। नाना साहब
को पेशवा घो षत कया गया और द ण म माच क योजना बनाई गई। जून म अं ेज
ने वा लयर पर पुनः क ज़ा कर लया।
व ोह का दमन
अंततः व ोह दबा दया गया। लंबी और तीखी लड़ाई के बाद सतंबर को अं ेज ने
द ली पर क जा कर लया।
घेराबंद के नेता जॉन नकोलसन बुरी तरह घायल हो गए
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और बाद म उनक चोट के कारण मौत हो गई। बहा र शाह को बंद बना लया गया। शाही राजकु मार
को पकड़ लया गया और मौके पर ही क ल कर दया गया ले टनट हडसन ने सावज नक प से
ब त करीब से गोली मार द । स ाट को रंगून म नवा सत कर दया गया जहां म उनक मृ यु
हो गई। इस कार मुगल का महान घर अंततः और पूरी तरह से समा त हो गया। द ली के नवा सय
पर भयानक तशोध बरपाया गया। द ली के पतन के साथ ही व ोह का क ब लु त हो गया।
व ोह वफल य आ
अ खल भारतीय भागीदारी अनुप त थी सी मत े ीय सार एक
कारक था व ोह के बारे म कोई अ खल भारतीय लबास नह था। पूव द णी और
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का व ोह
सभी वग शा मल नह ए
कु छ वग और समूह इसम शा मल नह ए और वा तव म व ोह के खलाफ काम कया।
कोई एक कृ त वचारधारा नह व ो हय
के पास औप नवे शक शासन क समझ का अभाव था न ही उनके पास कोई रदश
काय म कोई सुसंगत वचारधारा कोई राजनी तक प र े य या कोई सामा जक वक प था।
व ो हय ने वतमान राजनी त क अलग अलग शकायत और अवधारणा के साथ व वध
त व का त न ध व कया।
ह मु लम एकता कारक
पूरे व ोह के दौरान जनता सै नक नेता सभी तर पर ह और मुसलमान के बीच पूण
सहयोग था। सभी व ो हय ने एक मु लम बहा र शाह जफर को स ाट के प म वीकार
कया और मेरठ म ह सपा हय का पहला आवेग मुगल सा ा य क राजधानी द ली क
ओर माच करना था। मौलाना आज़ाद के अनुसार के व ोह क उलझी ई कहानी के
बीच दो त य प से सामने आते ह। पहला है इस काल म भारत के ह और मुसलमान
के बीच एकता क उ लेख नीय भावना। सरी वह गहरी न ा है जो लोग ने मुगल ताज के त
महसूस क । व ोही और सपाही ह और मु लम दोन एक सरे क भावना का स मान
करते थे। कसी वशेष े म व ोह सफल होते ही गोह या पर त काल तबंध लगाने का
आदे श दया गया। नेतृ व म ह और मु लम दोन का अ ा त न ध व था उदाहरण के
लए नाना साहेब के सहयोगी के प म अजीमु ला एक मु लम और राजनी तक चार म
वशेष थे जब क ल मीबाई को अफगान सै नक का ठोस समथन ा त था।
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का व ोह
व ोह क कृ त
य
ऐ तहा सक सात य म मजबूती से खड़ा है। नःसंदेह यह राजनी तक उथल पुथल मचाने वाली
सामा जक ताकत का य प रणाम नह था ब क आक मक संयोग था जसने इन ताकत पर
तबंध लगा दया।
यूरोप म क तरह असमानता के बावजूद यह बना कसी मु े के व ोह था जो एक समाज को
आधु नक करण के ारं भक चरण म ले जा सकता था।
ए रक टो स
एसबी चौधरी
आरसी मजूमदार
तारा चंद
का व ोह
प र ध भाला
एसएन सेन
जॉन लॉरस
मा सवाद ा या
टे नली वो पट
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नतीजे
का व ोह भारत के इ तहास म एक मह वपूण मोड़ था। इससे शासन णाली और
टश सरकार क नी तय म रगामी प रवतन आये।
का व ोह
ेत व ोह
टश ई ट इं डया कं पनी से टश ाउन को स ा ह तांतरण के म े नजर कं पनी के तहत कायरत
यूरोपीय सेना के एक वग ने इस कदम का वरोध कया जसके तहत तीन ेसीडसी सेना को अपनी
न ा न य कं पनी से रानी के त ानांत रत करने क आव यकता थी जैसा क टश सेना म. इस
आ ोश के प रणाम व प कु छ अशां त उ प ई जसे ेत व ोह कहा गया।
ब ा
ानांतरण से संबं धत कानून क लॉड कै नग क कानूनी ा या ने भी भा वत ेत सै नक को ो धत
कर दया।
ेत व ोह को भारत म पहले से ही अ न त टश त के लए एक संभा वत खतरे के पम
दे ख ा गया था जसम भारत म अभी भी उ सा हत आबाद के बीच नए सरे से व ोह भड़काने क
संभावना थी। यूरोपीय सेना क मांग म भत बोनस या उनके दा य व से मु का वक प शा मल था।
अंततः घर तक नःशु क और रहाई क मांग वीकार कर ली गई और पु ष ने घर लौटने का वक प
चुना। यह भी माना जाता है क यूरोपीय सेना क ओर से खुला व ोह और शारी रक हसा ऐसी थी क
रानी क सेना म वीकार कए जाने क संभावना ब त कम थी।
इं लै ड म ढ़वाद त या ने अं ेज को बनाया
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का व ोह
दे ख ना
व ोह का मह व
अं ेज के लए का व ोह उपयोगी सा बत आ य क इसने कं पनी के शासन और
उसक सेना म गंभीर क मय को उजागर कया जसे उ ह ने तुरंत ठ क कर लया।
का व ोह
सारांश
व ोह औप नवे शक शासन के च र और नी तय का एक उ पाद।
आ थक कारण नए राज व समझौते के तहत भारी कराधान
सारांश बेदखली भारतीय के खलाफ भेदभावपूण टै रफ नी त
उ पाद पारंप रक ह त श प उ ोग का वनाश और
आधु नक तज पर सहवत औ ोगीकरण का अभाव जो भा वत आ
• व ोह के क और नेता
द ली जनरल ब त खान
बागपत शाह मल
• टश तरोध
द ली ले टनट वलॉबी जॉन नकोलसन
ले टनट हडसन
• असफलता के कारण
सी मत े ीय एवं सामा जक आधार।
सम वय और क य नेतृ व का अभाव.
सुसंगत वचारधारा एवं राजनी तक कोण का अभाव।
• कृ त
• भाव
ताज ने क ज़ा कर लया कं पनी शासन समा त कर दया गया। रानी क उ ोषणा ने शासन को बदल दया। सेना
का पुनगठन आ. जातीय व े ष गहरा गया।
ेत व ोह.
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यू नट IV
सुधार
आंदोलन
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सामा जक धा मक सुधार
आंदोलन सामा य वशेषताएं
को ज म दे ने वाले कारक
सुधार क इ ा
टश शासन का भाव
भारतीय धरती पर औप नवे शक सरकार क उप त ने आधु नक भारतीय इ तहास के इस
मह वपूण चरण म एक ज टल फर भी नणायक भू मका नभाई। भारतीय समाज और
सं कृ त पर टश शासन का भाव भारत ारा पहले से ात भाव से ापक प से भ
था। पहले के अ धकांश आ मणकारी जो भारत आए थे और इसक सीमा के भीतर बस
गए थे या तो इसक े सं कृ त से भा वत हो गए थे या इसके साथ सकारा मक बातचीत
क थी और इस भू म और इसके लोग का ह सा बन गए थे। हालाँ क टश वजय अलग
थी। यह ऐसे समय म आया जब भारत
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जा त सम या एक अ य बल
कारक जा त थी। इसम पृथ करण क एक णाली शा मल थी जो अनु ान क त के
आधार पर पदानु मत प से नधा रत क गई थी। सीढ़ के नचले भाग म अछू त या
अनुसू चत जा तयाँ आ जैसा क बाद म उ ह कहा जाने लगा। अछू त को असं य और गंभीर
वकलांगता का सामना करना पड़ा
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बु जन म नई जाग कता
भारतीय
आधु नक प मी सं कृ त के भाव और वदे शी श से पराजय क चेतना ने एक नई जागृ त
को ज म दया।
यह जाग कता थी क भारतीय सामा जक संरचना और सं कृ त क कमजो रय के कारण
भारत जैसे वशाल दे श को मु भर वदे शय ने अपना उप नवेश बना लया था। कु छ समय
तक ऐसा लगा क भारत स यता क दौड़ म पछड़ गया है। इससे व वध त याएँ उ प
। कु छ अं ेज ी श त बंगाली युवा म ह धम और सं कृ त के त घृण ा पैदा हो गई
उ ह ने पुराने धा मक वचार और परंपरा को याग दया और जानबूझ कर ह भावना
के लए सबसे अ धक आ ामक था को अपनाया जैसे शराब पीना और गोमांस खाना।
त या वा तव म व वध थी ले कन सामा जक और धा मक जीवन म सुधार क आव यकता
एक आम तौर पर साझा धारणा थी।
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म डल लास बेस
उ ीसव सद म दे ख े गए उ ान का सामा जक आधार नव उभरता आ म यम वग और
श त पारंप रक प से श त और प मी श त दोन बु जीवी थे ले कन
समकालीनता क बढ़ती जाग कता से ा त ापक प से म यम वग के आदश के बीच
एक मह वपूण अंतर था। प म म वकास और मु य प से गैर म यम वग का सामा जक
आधार।
बौ क मानदं ड
जन चीज़ ने इन सुधार आंदोलन को वैचा रक एकता दान क वे थे तकवाद धा मक
सावभौ मकता और मानवतावाद। सामा जक ासं गकता को आंक ने के लए बु वाद लाया
गया। राजा राममोहन राय पूरे अभूतपूव ांड को जोड़ने वाले काय कारण के स ांत और
स य क एकमा कसौट के प म दशन म ढ़ता से व ास करते थे। अ य कु मार द ने
यह घोषणा करते ए क तकवाद ही हमारा एकमा उपदे शक है माना क सभी ाकृ तक
और सामा जक घटना का व ेषण और समझ वशु प से यां क या ारा क
जा सकती है। इस कार उ ह ने परंपरा का अ ययन करने के लए एक तकसंगत कोण का
इ तेमाल कया उ ह ने सामा जक उपयो गता के कोण से और व ास को तकसंगतता से
बदलने के लए समकालीन सामा जक धा मक था का मू यांक न कया। प रणाम व प
समाज म वेद क अचूक ता को अ वीकार कर दया गया जब क अलीगढ़ आंदोलन ने
आधु नक युग क ज रत के साथ इ लामी श ा के सामंज य पर जोर दया। सैयद अहमद
खान ने इस हद तक जोर दया क धा मक स ांत अप रवतनीय नह ह।
दो धाराएँ
सुधार आंदोलन को मोटे तौर पर दो े णय म वग कृ त कया जा सकता है समाज
ाथना समाज अलीगढ़ आंदोलन जैसे सुधारवाद आंदोलन और आय समाज और दे वबंद
आंदोलन जैसे पुन ानवाद आंदोलन। सुधारवाद और साथ ही पुन ानवाद आंदोलन
अलग अलग ड ी तक उस धम क खोई ई प व ता क अपील पर नभर थे जसम वे सुधार
करना चाहते थे। एक सुधार आंदोलन और सरे सुधार आंदोलन के बीच एकमा अंतर यह था
क वह कस हद तक परंपरा या तक और ववेक पर नभर था।
क त क बेहतरी के लए लड़
औरत
सुधारक को बड़ी वपरीत प र तय म भी काम करना पड़ा। म हला को आम तौर पर
न न दजा दया जाता था और उ ह पु ष से कमतर सहायक माना जाता था जनक अपनी
कोई पहचान नह होती थी। उ ह अपनी तभा को अ भ दे ने का कोई मौका नह मला
य क वे पदा कम उ म ववाह वधवा ववाह पर तबंध सती आ द जैसी था से दबी
ई थ । ह और मु लम दोन म हलाएं आ थक और सामा जक प से पु ष र तेदार पर
नभर थ जब क श ा आम तौर पर उ ह मना कर दया जाता है। ह म हला को संप
वरासत म लेने या अवां छत ववाह को समा त करने का अ धकार नह था। मु लम म हला
को संप वरासत म मल सकती थी ले कन पु ष क तुलना म के वल आधी जब क तलाक
के मामल म पु ष और म हला के बीच कोई समानता नह थी। ब ववाह ह के साथ
साथ मुसलमान म भी च लत था।
आ गया।
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समतावाद कोण वाला संगठन। इसका पहला स मेलन पुण े के फ यूसन कॉलेज म
आयो जत कया गया था। मह वपूण सं ापक सद य म महारानी च नाबाई गायकवाड़
सांगली क रानी सा हबा सरो जनी नायडू कमला दे वी च ोपा याय और लेडी दोराब टाटा
शा मल थ । इसका उ े य सामा जक याय अखंडता समान अ धकार और अवसर के
स ांत पर आधा रत समाज के लए काम करना था और येक मनु य के लए जीवन क
अ नवायता को सुर त करना ज म या लग क घटना से नह ब क नयो जत
सामा जक वतरण ारा नधा रत कया जाता है। इस उ े य के लए AIWC ने भारत क
आजाद से पहले और बाद म व भ वधायी सुधार क दशा म काम कया कु छ उदाहरण
ह सारदा अ ध नयम ह म हला संप का अ धकार अ ध नयम फै टरी
अ ध नयम ह ववाह और तलाक अ ध नयम वशेष ववाह अ ध नयम
ह अ पसं यक और संर कता अ ध नयम ह द क हण और
भरण पोषण अ ध नयम म हला के अनै तक ापार का दमन अ ध नयम
मातृ व लाभ अ ध नयम दहेज नषेध अ ध नयम और समान
पा र मक अ ध नयम ।
मृत और दफ़नाए गए लोग हमेशा के लए मर जाते ह दफ़नाए जाते ह और जला दए जाते ह और मृत अतीत को
इस लए पुनज वत नह कया जा सकता जब तक क पुरानी साम य को नए संग ठत प म सुधार न कया जाए।
महादे व गो वद रानाडे
बीआर अंबेडकर
एमके गांधी
सारांश
• सुधार आंदोलन को ज म दे ने वाले कारक भारतीय धरती पर औप नवे शक सरकार क उप त।
भारतीय समाज को परेशान करने वाली व भ बुराइयाँ ढ़वाद अंध व ास ब दे ववाद मू तपूज ा म हला क
अपमा नत त शोषणकारी जा त पदानु म।
सामा जक का एक सामा य सव ण
सां कृ तक सुधार आंदोलन
राजा
राममोहन राय और उनका समाज सभी व भ सुधार आंदोलन के लए शु आती ब है
चाहे वह ह धम समाज या राजनी त म हो जसने आधु नक भारत को आंदो लत कया है।
मुझ े यह कहते ए खेद है क ह ारा पालन क जाने वाली वतमान धम णाली उनके राजनी तक
हत को बढ़ावा दे ने के लए अ तरह से तैयार नह है... मुझ े लगता है क यह आव यक है क कम से
कम उनके धम म कु छ बदलाव कया जाए। उनका राजनी तक लाभ और सामा जक आराम।
सफलता।
हालाँ क समाज का भाव कलक ा और अ धक से अ धक बंगाल से आगे नह
बढ़ पाया। इसका कोई ायी भाव नह पड़ा.
ाथना समाज म के शव
चं सेन ने आ माराम पांडुरंग को बॉ बे म ाथना समाज ा पत करने म मदद क । सबसे पहले
वचार का सार महारा म आ। ाथना समाज का पूववत परमहंस सभा था जो उदार
वचार को फै लाने और जा त और सां दा यक बाधा को तोड़ने के लए ो सा हत करने के
लए एक गु त समाज क तरह था। महादे व गो वद रानाडे म समाज म
शा मल ए और समाज ारा कया गया अ धकांश काम और लोक यता उनके यास के
कारण थी। उनके यास से समाज को अ खल भारतीय व प ा त आ।
हालाँ क डेरो ज़यन द घका लक भाव डालने म वफल रहे। डेरो जयो को उनके
क रपंथ के कारण म ह कॉलेज से नकाल दया गया था। उनक सी मत सफलता
का मु य कारण उस समय क च लत सामा जक प र तयाँ थ जो क रपंथी वचार
को अपनाने के लए उपयु नह थ ।
बालशा ी ज ेक र
बालशा ी ज ेक र बंबई म प का रता के मा यम से सामा जक सुधार के
अ त थे उ ह ने ा णवाद ढ़वा दता पर हमला कया और लोक य ह धम म सुधार
करने का यास कया। उसने ार कया
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परमहंस मंडली
म महारा म ा पत परमहंस मंडली के सं ापक दादोबा पांडुरंग मेहताजी गाराम
और अ य एक गु त समाज के प म शु ए जसने सामा य प से ह धम और समाज
म सुधार के लए काम कया। समाज क वचारधारा मानव धम सभा से गहराई से जुड़ी ई थी।
यह मानने के अलावा क एक ई र क पूज ा क जानी चा हए समाज ने यह भी कहा क
वा त वक धम ेम और नै तक आचरण पर आधा रत है। तकसंगतता के साथ साथ वचार क
वतं ता को भी ो सा हत कया गया। मंडली के सं ापक मु य प से जा त नयम को
तोड़ने म च रखते थे। उनक बैठक म नचली जा त के लोग ारा पकाया गया भोजन
सद य ारा लया जाता था।
सोशल स वस लीग
गोखले के अनुयायी नारायण म हार जोशी ने जनता के लए जीवन और काय क बेहतर और
उ चत तयाँ सु न त करने के उ े य से बॉ बे म सोशल स वस लीग क ापना क ।
रामकृ ण आंदोलन और
वामी ववेक ानंद
य
कोई भी अ य धम ह धम के प म इतने ऊं चे तर पर मानवता क ग रमा का उपदे श नह दे ता है
और पृ वी पर कोई भी अ य धम ह धम क तरह गरीब और न न लोग पर अ याचार नह करता है।
यह मत भूलो क न न वग अ ानी गरीब अनपढ़ मोची सफाई करने वाले तु हारे हाड़ मांस तु हारे
भाई ह।
वामी ववेक ानंद
अपनी ापना के बाद से मशन कई कू ल अ ताल औषधालय चला रहा है। यह भूकं प
अकाल बाढ़ और महामारी जैसी ाकृ तक आपदा के समय पी ड़त को सहायता दान करता है। मशन
एक व ापी संगठन के प म वक सत हो गया है। यह एक गहन धा मक सं ा है ले कन यह धमातरण
कराने वाली सं ा नह है। यह वयं को ह धम का एक सं दाय नह मानता है। दरअसल मशन क
सफलता का यह एक मजबूत कारण है। आय समाज के वपरीत मशन आ या मक उ साह वक सत करने
और शा त सवश मान भगवान क पूज ा म छ व पूज ा क उपयो गता और मू य को पहचानता है हालां क
यह आव यक भावना पर जोर दे ता है न क तीक या अनु ान पर। इसका मानना है क वेदांत का दशन
एक ईसाई को बेहतर ईसाई और एक ह को बेहतर ह बना दे गा।
दे ख जहां
तक बंगाल का सवाल है ववेक ान द को आधु नक रा वाद आंदोलन का आ या मक पता माना
जा सकता है।
सुबाष चं बोस
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समाज ारा याग दया गया. इसने सभी जा तय क सेवा क और नरा त म हला को
श ा च क सा और क याण सेवाएं दान क ।
दे व समाज क
ापना म लाहौर म शव नारायण अ नहो ी ारा क गई थी जो
पहले एक अनुयायी थे दे व सदन एक धा मक और सामा जक सुधार समाज है। समाज
ने आ मा क शा तता गु क सव ता और अ े कम क आव यकता पर जोर दया।
इसम र त न लेने नशीले पदाथ और मांसाहारी भोजन से परहेज करने और हसक काय
से र रहने जैसे आदश सामा जक वहार का आ ान कया गया। इसक श ा को दे व
शा नामक पु तक म संक लत कया गया था । अ नहो ी ने बाल ववाह का वरोध कया.
धम सभा
राधाकांत दे ब ने म इस सभा क ापना क थी। एक ढ़वाद समाज यह
सामा जक धा मक मामल म यथा त के संर ण के लए खड़ा था यहां तक क सती
था के उ मूलन का भी वरोध करता था।
हालाँ क इसने लड़ कय के लए भी प मी श ा को बढ़ावा दे ने का समथन कया।
भारत धम महामंडल
ढ़वाद श त ह का एक अ खल भारतीय संगठन यह आय समा जय
थयोसो फ ट और रामकृ ण मशन क श ा के खलाफ ढ़वाद ह धम क र ा
के लए खड़ा था। ढ़वाद ह धम क र ा के लए बनाए गए अ य संगठन सनातन धम
सभा द ण भारत म धम महा प रषद और बंगाल म धम महामंडली थे। इन
संगठन ने म मलकर भारत धम महामंडल का एकल संगठन बनाया जसका
मु यालय वाराणसी म था। इस संगठन ने ह धा मक सं ान का उ चत बंधन शु करने
ह शै णक सं ान खोलने आ द क मांग क । पं डत मदन मोहन मालवीय इस आंदोलन
म एक मुख थे।
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स चव। एसएनडीपी के गठन म डॉ. पालपु के यास को अव य वीकार कया जाना चा हए।
उ ह ने एझावा मेमो रयल मलयाली मेमो रयल आ द आंदोलन के मा यम से सामा जक याय
क लड़ाई शु क थी।
वा भमान आंदोलन
इस आंदोलन क शु आत के दशक के म य म ब लजा नायडू ईवी रामा वामी नायकर
ने क थी। इस आंदोलन का उ े य ा णवाद धम और सं कृ त को अ वीकार करने से कम
कु छ नह था जसका नायकर को लगता था क यह मु य साधन है
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मं दर वेश आंदोलन
इस दशा म ी नारायण गु और एन. कु मारन आसन जैसे सुधारक और बु जी वय ारा पहले
ही मह वपूण काय कया जा चुक ा था। मुख समाज सुधारक और दे शा भमानी के संपादक ट के
माधवन ने ावणकोर शासन के साथ मं दर म वेश का मु ा उठाया। कु छ भी घ टत नह आ.
दे वबंद कू ल दा ल उलूम
दे वबंद आंदोलन मु लम उलेमा के बीच ढ़वाद वग ारा एक पुन ानवाद आंदोलन
के प म आयो जत कया गया था जसका उ े य मुसलमान के बीच कु रान और हद स
क शु श ा का चार करना और वदे शी शासक के खलाफ जहाद क भावना को
जी वत रखना था।
सुधार का संदेश रा ट गो तार स ाई बताने वाला अखबार ारा फै लाया गया था । पारसी
धा मक अनु ान और था म सुधार कया गया और पारसी पंथ को फर से प रभा षत
कया गया। सामा जक े म पदा था को हटाकर ववाह और श ा क उ बढ़ाकर
पारसी म हला क त को ऊपर उठाने का यास कया गया। धीरे धीरे पारसी
भारतीय समाज के सबसे प मी वग के प म उभरे।
सख सुधार आंदोलन
उ ीसव सद के तकवाद और ग तशील वचार के बढ़ते वार से सख समुदाय अछू ता
नह रह सका।
सुधार आंदोलन का मह व
इससे एक ओर दो अलग अलग लोग क धारणा पैदा ई सरी ओर ाचीन काल के दौरान
धा मक प से वीकृ त शोषण का सामना करने वाले समाज के न न जा त वग के लए अतीत
क बना सोचे समझे क गई शंसा वीकाय नह थी। इसके अलावा अतीत को भी प पातपूण
आधार पर खंड म रखा जाने लगा। मु लम म य वग के कई लोग अपनी परंपरा और गौरव
के ण के लए प म ए शया के इ तहास क ओर ख करने लगे।
सारांश
• मुसलमान म
वहाबी वलीउ लाह आंदोलन
• पार सय म
रहनुमाई मजदाय नान सभा
• स ख म
सह सभा आंदोलन
अकाली आंदोलन
• सकारा मक पहलू को भय
मनो वकृ त से अनु पता से मु ।
पूज ा ने म य वग के लए सां कृ तक जड़ को और अ धक
गत मामला बना दया इस कार अपमान क भावना को कम कया अ यंत आव यक आ म
स मान ा त आ धम नरपे कोण को बढ़ावा मला आधु नक करण के
लए सामा जक माहौल को बढ़ावा
मला शेष व से भारत का सां कृ तक बौ क अलगाव समा त आ
रा ीय चेतना का वकास आ।
• नकारा मक पहलू
संक ण सामा जक आधार
अ य प से रह यवाद को बढ़ावा दया
सं कृ त के धा मक दाश नक पहलु पर अ य धक जोर दया गया जब क धम नरपे और
नै तक पहलु पर कम जोर दया गया
ह ने अपनी शंसा ाचीन भारतीय इ तहास और तक ही सी मत रखी
म ययुगीन इ तहास म मुसलमान ने दो अलग अलग लोग क धारणा बनाई और सां दा यक चेतना बढ़ाई
यू नट वी
संघष
शु करना
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आधु नकता क शु आत
भारत म रा वाद
के वकास म कारक
आधु नक रा वाद
भारत।
iv टश सा ा यवाद नी तय पर कड़ी त या
भारत।
ेस और सा ह य क भू मका
उ ीसव सद के उ राध म औप नवे शक शासक ारा समय समय पर ेस पर लगाए गए कई
तबंध के बावजूद भारतीय वा म व वाले अं ेज ी और ानीय समाचार प क अभूतपूव
वृ दे ख ी गई। म ानीय भाषा म लगभग समाचार प का शत ए और
उनका सार के आसपास प ंच गया।
सामा जक धा मक का ग तशील च र
सुधार आंदोलन
म यम वग के बु जी वय का उदय टश शास नक और आ थक
नवाचार ने क ब म एक नए शहरी म यम वग को ज म दया। प सवल ीयर के अनुसार
नया म यम वग व वध पृ भू म वाला एक अ तरह से एक कृ त अ खल भारतीय वग था
ले कन ान वचार और मू य क एक समान अ भू म थी... यह भारतीय समाज का
अ पसं यक था ले कन एक ग तशील अ पसं यक था। .. इसम उ े य और आशा क एकता
क भावना थी।
इं डयन एसो सएशन ऑफ कलक ा जसे इं डयन नेशनल एसो सएशन के नाम से
भी जाना जाता है ने इं डयन लीग का ान ले लया और इसक ापना म सुर नाथ
बनज और आनंद मोहन बोस के नेतृ व म बंगाल के युवा रा वा दय ने क थी जो ढ़वाद
और जम दार समथक नी तय से असंतु हो रहे थे। टश इं डयन एसो सएशन.
इं डयन एसो सएशन कां ेस पूव संघ म सबसे मह वपूण था और इसका उ े य हर वैध
तरीके से लोग क राजनी तक बौ क और भौ तक उ त को बढ़ावा दे ना था। इसका
ल य था i राजनी तक पर एक मजबूत जनमत तैयार करना
और
ii भारतीय लोग को एक सामा य राजनी तक काय म म एकजुट करना।
सारांश
• आधु नक रा वाद के वकास के कारक
राजनी तक संघ
बंगभाषा का शका सभा
जम दारी एसो सएशन या लडहो स सोसायट
बंगाल टश इं डया सोसायट
टश इं डयन एसो सएशन
ई ट इं डया एसो सएशन
इं डयन लीग
इं डयन एसो सएशन ऑफ़ कलक ा या इं डयन नेशनल एसो सएशन
भारतीय रा ीय कां ेस
फाउं डेशन और
म यम चरण
भारतीय रा ीय कां ेस
सुर नाथ बनज रोमेश चं द आनंद मोहन बोस और गोपाल कृ ण गोखले। अ य मुख नेता म
महादे व गो वद रानाडे बाल गंगाधर तलक स सर कु मार घोष मोतीलाल घोष मदन मोहन मालवीय
जी. सु म यम अ यर सी. वजयराघवाचाय दनशॉ ई. शा मल थे।
वाचा.
म कलक ा व व ालय क पहली म हला नातक काद बनी गांगुली ने कां ेस
स को संबो धत कया जो भारत क म हला को रा ीय जीवन म उनका उ चत दजा दलाने के
लए वतं ता सं ाम क तब ता का तीक था।
या यह एक सुर ा वा व था
एक स ांत यह भी है क म ने कां ेस का गठन इस वचार से कया था क यह भारतीय के बढ़ते
असंतोष को र करने के लए एक से ट वा व सा बत होगी। इस उ े य से उ ह ने लॉड डफ़ रन
को कां ेस के गठन म बाधा न डालने के लए मना लया। लाला लाजपत राय जैसे उ वाद नेता
सुर ा वा व स ांत म व ास करते थे। यहां तक क मा सवाद इ तहासकार का ष ं स ांत
भी सुर ा वा व धारणा क संतान था। उदाहरण के लए आरपी द का मानना था क भारतीय
रा ीय कां ेस का ज म भारत म एक लोक य व ोह को रोकने क सा जश से आ था और बुज ुआ
नेता इसम एक पाट थे।
आधु नक युग
म यम कोण
म यम राजनी तक ग त व ध म कानून के दायरे म संवैधा नक आंदोलन शा मल था और यह
धीमा ले कन व त दखा
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भारतीय रा ीय कां ेस
उदारवाद रा वा दय का योगदान
भारतीय रा ीय कां ेस
प रषद और ांतीय वधान प रषद म अ त र सद य क सं या बढ़ा द गई। इंपी रयल वधान प रषद म अब गवनर
जनरल म दस से सोलह गैर अ धकारी हो सकते ह पहले छह से दस के बजाय । • भारतीय वधान प रषद के गैर
आ धका रक सद य को बंगाल चबर ऑफ कॉमस और ांतीय वधान प रषद ारा ना मत कया जाना था। सद य
क सफा रश व व ालय नगर पा लका जम दार और वा ण य मंडल ारा क जा सकती है। इस लए
त न ध व का स ांत पेश कया गया। • बजट पर हो सकती है चचा. • पूछे जा सकते ह।
सीमाएँ
भारतीय रा ीय कां ेस
का एक मू यांक न
ारं भक रा वाद
ारं भक रा वा दय ने रा ीय भावना को जागृत करने के लए ब त यास कया भले ही वे जनता को अपनी
ओर आक षत नह कर सके । i वे उस समय क सबसे ग तशील ताकत का त न ध व करते थे। ii वे
समान
viii हालाँ क वे अपने लोकतां क आधार और अपनी मांग के दायरे को ापक बनाने म वफल
रहे।
भारतीय रा ीय कां ेस
य
हम उ ह भारतीय राजनी तक सुधार के अ त के प म अपनाए गए रवैये के लए उतना दोष नह दे
सकते जतना क हम उस ट और गारे को दोष दे सकते ह जो एक आधु नक इमारत क न व और कु स
म छह फ ट गहराई तक दबी ई है। उ ह ने औप नवे शक वशासन सा ा य के भीतर गृह शासन
वराज और सबसे ऊपर पूण वतं ता ारा मं जल दर मं जल अ धरचना को संभव बनाया है।
प ा भ सीतारमैया से
तक का काल भारतीय रा वाद का बीज काल था और आरं भक रा वा दय ने बीज अ तरह और
गहराई से बोये थे।
बपन चं ा यह एक
अवसरवाद आंदोलन था। इसने व ासघात और पाखंड के लए अवसर खोल दए। इसने कु छ लोग
को दे शभ के नाम पर ापार करने म स म बनाया।
कां ेस अपने पतन क ओर लड़खड़ा रही है और भारत म रहते ए मेरी एक बड़ी मह वाकां ा इसे शां तपूण
अंत म मदद करना है।
लॉड कजन
सारांश
• भारतीय रा ीय कां ेस क ापना थम अ धवेशन ब बई म आ।
कां ेस के मूलभूत स ांत और मुख व ासी सुर ा वा व स ांत लाला लाजपत राय
ष ं स ांत आरपी द लाइट नग कं ड टर स ांत जीके
गोखले म यम चरण के मह वपूण नेता दादाभाई
नौरोजी बद न तैयबजी फ़रोज़शाह मेहता पी. आनंद चालू सुर नाथ
बनज रोमेश चं द आनंद मोहन बोस जी.के
गोखले आ द।
• ारं भक रा वाद प त
क़ानून क चारद वारी के भीतर संवैधा नक आंदोलन
भारत म जनमत तैयार करना और इं लड म भारतीय मांग के समथन के लए अ भयान चलाना
लोग क राजनी तक श ा
उस तर पर टे न के साथ राजनी तक संबंध भारत के हत म थे
औप नवे शक शासन को सीधी चुनौती दे ने का समय अभी उपयु नह है
• उदारवाद रा वा दय का योगदान
टश सा ा यवाद क आ थक आलोचना
वधानमंडल म संवैधा नक सुधार एवं चार सार
सामा य शास नक सुधार के लए अ भयान
नाग रक अ धकार क र ा
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इकाई VI
रा ीय
आंदोलन
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कलक ा म भारतीय सद य क सं या
नगम कम हो गए.
आ धका रक गोपनीयता अ ध नयम ने ेस क वतं ता पर तबंध लगा दया।
भारतीय व व ालय अ ध नयम ने व व ालय पर अ धक सरकारी
नयं ण सु न त कया जसे इसने राजनी तक ां तका रय को पैदा
करने वाली फ़ै ट रय के प म व णत कया।
श ा का वकास जहां एक ओर श ा
के सार से जनता म जाग कता बढ़ वह सरी ओर श त के बीच बेरोजगारी और
अ परोजगार म वृ ने गरीबी और दे श क अथ व ा क अ वक सत त क ओर यान
आक षत कया। वासीय शासन व ध। इससे अ धक उ रा वा दय के बीच पहले से ही उबल
रहे असंतोष म और इजाफा आ।
अंतरा ीय भाव
य
संसार म य द कोई पाप है तो वह है बलता सभी कमज़ो रय से बच कमज़ोरी पाप है कमज़ोरी मृ यु है।
बीजी तलक
दे ख ना
एकजुट बंगाल एक ताकत है. वभा जत बंगाल कई अलग अलग तरीक से ख चेगा... हमारा एक
मु य उ े य वभा जत करना है और इस तरह हमारे शासन के वरो धय के एक ठोस समूह को
कमजोर करना है।
र ली भारत सरकार के गृह स चव
कां ेस क त
म गोखले क अ य ता म भारतीय रा ीय कां ेस क बैठक म i बंगाल के वभाजन
और कजन क त यावाद नी तय क नदा करने और ii बंगाल के वभाजन वरोधी और
वदे शी आंदोलन का समथन करने का संक प लया गया।
के तहत आंदोलन
अ तवाद नेतृ व
के बाद बंगाल म वदे शी आंदोलन पर उ वा दय का भाव बढ़ गया। इसके तीन कारण
थे
संघष के नये प
उ रा वा दय ने सै ां तक चार और काय म तर पर कई नए वचार सामने रखे।
आंदोलन ारा तुत कए गए संघष के कई प न न ल खत थे।
वचार
वधम के अ यास के लए वराज या वशासन आव यक है। वराज के बना कोई सामा जक
सुधार नह हो सकता कोई औ ो गक ग त नह हो सकती कोई उपयोगी श ा नह हो सकती
कोई रा ीय जीवन क पू त नह हो सकती। हम यही चाहते ह इसी लए भगवान ने हम उसे पूरा
करने के लए नया म भेज ा है।
बीजी तलक
अर वद घोष
वभाजन क समा त
म मु य प से ां तकारी आतंक वाद के खतरे को रोकने के लए बंगाल के वभाजन
को र करने का नणय लया गया। यह र करण मु लम राजनी तक अ भजा य वग के लए
एक करारा झटका था। मुसलमान को छू ट दे ने के लए राजधानी को द ली ानांत रत करने
का भी नणय लया गया य क यह मु लम गौरव से जुड़ा था ले कन मुसलमान इससे खुश
नह थे। बहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर दया गया और असम को एक अलग ांत
बना दया गया।
का मू यांक न
वदे शी आंदोलन
रा ीय आंदोलन क सभी मुख वृ याँ ढ़वाद संयम से लेक र राजनी तक उ वाद तक ां तकारी
ग त व धय से लेक र आरं भक समाजवाद तक या चका और ाथना से लेक र न य तरोध और
असहयोग तक वदे शी आंदोलन के दौरान उभर । • आंदोलन क समृ के वल राजनी तक े तक ही
सी मत नह थी ब क इसम कला सा ह य व ान और उ ोग भी शा मल थे। • लोग को न द से जगाया
गया और अब उ ह ने साह सक राजनी तक पद लेना और
राजनी तक काय के नए प म भाग लेना सीख लया। • वदे शी अ भयान ने के आ धप य को
कमजोर कर दया
नरमपंथी चरमपं थय
. संवैधा नक तरीक के ही योग पर जोर दया. .अतर उपयोग करने म संक ोच नह कया
अपने उ े य को ा त करने के लए ब ह कार
और न य तरोध जैसे संवैधा नक तरीके ।
उनक राजनी त क शैली के लए युवा पीढ़ का समथन पाने म उनक वफलता उजागर ई।
जनता के बीच काम करने म उनक वफलता का मतलब यह था क उनके वचार जनता के
बीच जड़ नह जमा सके । यहां तक क नरमपं थय का चार भी जनता तक नह प ंच सका।
वदे शी और ब ह कार आंदोलन के पैमाने का कोई भी अ खल भारतीय अ भयान पहले
नरमपं थय ारा आयो जत नह कया गया था और इस अ भयान म उ ह ने
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उ वाद वचारधारा और उसक काय णाली म भी नरंतरता का अभाव था। इसके समथक म
खुले सद य और गु त सहानुभू त रखने वाल से लेक र कसी भी कार क राजनी तक हसा का वरोध करने
वाले लोग शा मल थे। इसके नेता अर बदो तलक बीसी पाल और लाला लाजपत राय क अपने ल य
के बारे म अलग अलग धारणाएँ थ । तलक के लए वराज का अथ एक कार क वशासन था जब क
अर बदो के लए इसका अथ वदे शी शासन से पूण वतं ता था। ले कन राजनी तक वैचा रक तर पर जन
भागीदारी और आंदोलन के सामा जक आधार को ापक बनाने क आव यकता पर उनका जोर उदारवाद
राजनी त पर एक ग तशील सुधार था। उ ह ने दे शभ को शै णक मनोरंज न के तर से बढ़ाकर दे श के
लए सेवा और ब लदान के तर तक प ँचाया। ले कन राजनी तक प से ग तशील चरमपंथी सामा जक
त यावाद सा बत ए। उनके वचार म पुन ानवाद और अ तावाद भाव जुड़े ए थे। सहम त क
आयु वधेयक पर तलक का वरोध जससे लड़ कय क ववाह यो य आयु वष से बढ़कर वष हो
जाती भले ही उनक आप मु य प से यह थी क ऐसे सुधार वयं पर शासन करने वाले लोग ारा कए
जाने चा हए न क कसी वदे शी शासन के तहत उनका आयोजन गणप त और शवाजी उ सव को रा ीय
उ सव के प म मा यता दे ना गाय ह या वरोधी अ भयान को उनका समथन दे ना आ द ने उ ह एक ह
रा वाद के प म च त कया। इसी तरह बीसी पाल और अर बदो ने ह रा और ह हत क बात क ।
सूरत वभाजन
सूरत म कां ेस का वभाजन दसंबर म आ उस समय के आसपास जब ां तकारी ग त व ध ने ग त
पकड़ी थी।
दोन घटनाएँ असंब नह थ ।
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बंटवारा होता है
गरमपंथी चाहते थे क का अ धवेशन नागपुर म हो
म य ांत वदे शी ब ह कार और रा ीयता क पुनरावृ के साथ तलक या लाजपत राय के
अ य के पम
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सरकारी दमन
सरकार ने चरमपं थय पर बड़ा हमला बोला.
और के बीच सरकार वरोधी ग त व धय पर रोक लगाने के लए पाँच नये
कानून लागू कये गये। इन वधान म दे श ोही बैठक अ ध नयम शा मल है भारतीय
समाचार प अपराध को उकसाना अ ध नयम आपरा धक कानून संशोधन
अ ध नयम और भारतीय ेस अ ध नयम । मु य चरमपंथी नेता तलक पर
म राज ोह का मुक दमा चलाया गया य क उ ह ने म अपने के सरी म बंगाल
के ां तका रय ारा मुज फरपुर म फके गए बम के बारे म लखा था जसके
प रणाम व प दो नद ष यूरोपीय म हला क मौत हो गई थी। .
दे ख ना
... तलक के मुक दमे और नदा क शरारत उससे भी बड़ी होगी अगर आपने उ ह अके ला छोड़
दया।
जॉन मॉल भारत के रा य स चव ने बंबई के गवनर सडेनहैम को लखे एक
प म
लोग को वरा य के अ धकार दान करना। तलक को दोषी ठहराया गया और छह साल के
कारावास और पये के जुमाने क सजा सुनाई गई। उ ह छह साल के लए मांडले बमा
जेल भेज दया गया। अर बदो और बीसी पाल ने स य राजनी त से सं यास ले लया। लाजपत
राय वदे श चले गये। चरमपंथी आंदोलन को बनाए रखने के लए एक भावी वैक पक पाट
का आयोजन करने म स म नह थे। नरमपं थय के पास कोई लोक य आधार या समथन
नह बचा था खासकर जब युवा चरमपं थय के पीछे लामबंद हो गए थे।
सरकार क रणनी त
भारत म टश सरकार शु से ही कां ेस क वरोधी रही थी। यहां तक क जब नरमपं थय
ने जो शु से ही कां ेस पर हावी थे खुद को उ रा वाद वृ से र करना शु कर दया
जो उ ीसव सद के आ खरी दशक के दौरान ही दखाई दे ने लगी थी तब भी सरकारी श त
ु ा
बंद नह ई। ऐसा इस लए था य क सरकार के वचार म नरमपंथी अभी भी एक सा ा यवाद
वरोधी ताकत का त न ध व करते थे जसम मूल प से दे शभ और उदार बु जीवी
शा मल थे।
इसे दमन सुलह दमन के तरीय कोण के प म व णत कया जा सकता है। पहले
चरण म गरमपं थय का ह का दमन कया जाना था मु यतः नरमपं थय को डराने के लए।
सुधार
वायसराय लॉड मटो और भारत के रा य स चव
जॉन मॉल इस बात से सहमत थे क कु छ सुधार अपे तह
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नरमपं थय के साथ साथ मुसलमान को भी संतु कर। उ ह ने उपाय का एक सेट तैयार कया
जसे मॉल मटो या मटो मॉल सुधार के प म जाना जाता है जो के भारतीय प रषद
अ ध नयम म अनुवा दत आ।
वचार
सुधार राज को नह बचा सकते ले कन य द वे नह बचाते तो और कु छ नह बचाएगा।
लॉड मॉल
म टफोड रपोट
उनके चार ओर राजनी तक अवरोध पैदा कर दया गया उ ह शेष भारत से अलग कर दया गया और स दय से
चली आ रही एक करण और एक करण क या को उलट दया गया... बाधा पहले छोट थी य क मतदाता
ब त सी मत थे ले कन हर एक के साथ मता धकार के व तार से यह बढ़ता गया और राजनी तक और सामा जक
जीवन क पूरी संरचना को कसी नासूर क तरह भा वत करने लगा जसने पूरी व ा को कर दया।
मू यांक न
के सुधार से भारतीय राजनी तक सम या का कोई उ र नह मला। लॉड मॉल ने यह
कर दया क औप नवे शक वशासन जैसा क कां ेस ने मांग क थी भारत के लए
उपयु नह थी और वह भारत म संसद य या ज मेदार सरकार क शु आत के खलाफ
थे। उ ह ने कहा अगर यह कहा जा सकता है क सुधार के इस अ याय ने य या
अ य प से भारत म संसद य णाली क ापना का नेतृ व कया तो मेरा इससे कोई
लेना दे ना नह होगा।
सारांश • उ वाद
रा वाद य बढ़ा . यह एहसास क टश शासन क
वा त वक कृ त शोषणकारी थी और टश भारत सरकार और अ धक वीकार करने के बजाय
जो अ त व म था उसे भी छ न रही थी।
. आ म व ास एवं वा भमान क वृ ।
. श ा के वकास का भाव जाग कता और बेरोजगारी म वृ ।
उदारवाद नेतृ व वाला वभाजन वरोधी आंदोलन सुर नाथ बनज के के म ा पृ वीचं
रे के अधीन था।
तरीक म सावज नक बैठक या चकाएँ ापन समाचार प और पै लेट के मा यम से चार शा मल
था।
उ वा दय के तहत आंदोलन का नेतृ व तलक ने कया था
ब पन चं पाल लाजपत राय अर बदो घोष।
तरीक म वदे शी कपड़े और अ य व तु का ब ह कार सावज नक बैठक और जुलूस वयंसेवक या
स म तय का गठन पारंप रक लोक य योहार का उपयोग और चार आ म नभरता पर जोर दे ना
वदे शी या रा ीय श ा वदे शी या वदे शी उ म का काय म शु करना शा मल था। मेल
भारतीय
च कला गीत क वता म नई वृ य क शु आत करना व ान आ
म अमशणी अनुसंधान करना और
बाद म कू ल कॉलेज प रषद सरकारी सेवा आ द के ब ह कार का आ ान करना।
कू ल कॉलेज कानून अदालत वधान प रषद सरकारी सेवा नगर पा लका आ द के ब ह कार के
मा यम से सरकार।
ां तकारी का थम चरण
ग त व धयाँ
ां त का उभार य
ग त व धयाँ
ां तकारी काय म
ां तका रय ने पूरे दे श म एक हसक जन ां त पैदा करने या सेना क वफादारी को न करने
क को शश करने के वक प पर वचार कया ले कन उस तर पर उ ह लागू करना ावहा रक
नह लगा। इसके बजाय उ ह ने सी शू यवा दय या आय रश रा वा दय के न ेक दम पर
चलने का वक प चुना।
ां तकारी ग त व धय का एक सव ण
थम व यु से पहले और उसके दौरान भारत और वदे श के व भ ह स म ां तकारी
ग त व धय का एक सं त सव ण न न ल खत है।
बंगाल
के दशक तक कलक ा का छा समुदाय गु त समाज म शा मल हो गया था ले कन ये
ब तस य नह थे। पहला ां तकारी समूह म मदनापुर ान नाथ बसु के अधीन
और कलक ा ोमोथा म र ारा ा पत अनुशीलन स म त और जत नाथ स हत म
संग ठत कया गया था।
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च रंज न दास ने अर बदो का बचाव कया. यायाधीश ने अर बदो को सभी आरोप से बरी कर
दया और उनके खलाफ सबूत क कमजोर कृ त क नदा क । ां तका रय क गु त
सोसायट के मु खया के पमबर घोष और बम बनाने वाले के प म उ लासकर द को
मृ युदंड दया गया जसे बाद म आजीवन कारावास म बदल दया गया। मुक दमे के दौरान
नर गोसा या गो वामी जो सरकारी गवाह बन गए थे क जेल म दो सह आरो पय
स ये नाथ बोस और कनाईलाल द ा ने गोली मारकर ह या कर द थी।
महारा
महारा म सबसे पहली ां तकारी ग त व ध वासुदेव ारा रामोसी कसान सेना का संगठन था
पंज ाब
पंज ाब के उ वाद को भू म राज व और सचाई कर म वृ जम दार ारा बेगार क था
और बंगाल क घटना के साथ लगातार अकाल जैसे मु से बढ़ावा मला।
नेता म आगा हैदर सैयद हैदर रज़ा भाई परमानंद और क रपंथी उ क व लालचंद फलक
शा मल थे।
मई म सरकार ारा राजनी तक बैठक पर तबंध लगाने और लाजपत राय
और अजीत सह के नवासन के बाद पंज ाब म उ वाद तेज ी से ख म हो गया।
इसके बाद अजीत सह और कु छ अ य सहयोगी सूफ अंबा साद लालचंद भाई परमानंद
लाला हरदयाल पूण पैमाने पर ां तका रय के प म वक सत ए।
वचार
ां तका रय का अं तम उ े य आतंक वाद नह ब क ां त है और ां त का उ े य एक रा ीय
सरकार ा पत करना है।
सुभाष चं बोस
• ग़दर
ग़दर पाट एक ां तकारी समूह था जो सा ता हक समाचार प ग़दर के आसपास संग ठत
आ था जसका मु यालय सैन ां स को म था और इसक शाखाएँ अमे रक तट और सु र
पूव म थ ।
गदर पाट के पीछे क ेरक आ माएँ लाला हरदयाल रामच भगवान सह करतार
सह सराबा बरकतु लाह और भाई परमानंद थे। गद रय का इरादा भारत म व ोह लाने का
था। उनक योजना को म दो घटना कोमागाटा मा घटना और थम व यु
के फै लने से ो साहन मला।
रास बहारी बोस जापान भाग गए जहाँ से उ ह ने और अबानी मुख ज ने ह थयार भेज ने के कई
यास कए जब क स चन सा याल को जीवन भर के लए ले जाया गया।
• सगापुर म व ोह इस अव ध के दौरान
बखरे ए व ोह म सबसे उ लेख नीय फरवरी को सगापुर म पंज ाबी मु लम
व लाइट इ फ और जमादार च ती खान जमादार अ ल गनी और सूबेदार दाउद खान के
नेतृ व म व सख बटा लयन ारा कया गया व ोह था। एक भीषण यु के बाद इसे कु चल
दया गया जसम कई लोग मारे गए। बाद म य को फाँसी दे द गई और को
जीवन भर के लए जेल भेज दया गया।
गरावट
थम व यु के बाद ां तकारी ग त व धय म अ ायी राहत मली य क भारत क र ा
नयम के तहत बंद कै दय क रहाई से भावनाएं थोड़ी शांत हो ग म टागु के अग त
के व और संवैधा नक सुधार क बात के बाद सुलह का माहौल था और अ हसक
असहयोग के काय म के साथ गांधीजी के प र य पर आने से नई आशा का वादा आ।
सारांश
• ां तकारी ग त व धयाँ
उ व के कारण
खुले चरण क गरावट के बाद युवा त व पीछे हटने को तैयार नह ह।
वचारधारा
अलोक य अ धका रय क ह या कर इस कार शासक के दल म दहशत पैदा कर और लोग को
बलपूवक अं ेज को बाहर नकालने के लए े रत कर आय रश रा वा दय क तज पर गत
वीरतापूण काय पर आधा रत या
सी शू यवाद और जन आधा रत दे श ापी संघष नह ।
• वदे श म ां तकारी ग त व ध
यामजी कृ णवमा ने इं डयन होम ल सोसाइट क ापना क
और इं डया हाउस और लंदन प का नकाली। समाजशा ी म
ग़दर काय म
अ धका रय क ह या करो.
ां तकारी सा ह य का शत कर.
वदे श म भारतीय सै नक के बीच काम कर और धन जुटाएं।
टे न के सभी उप नवेश म एक साथ व ोह कर।
फरवरी को भारत म सश व ोह करने का यास
को कोप से बनी अनुकू ल प र तय के बीच
थम व यु और कोमागाटा मा घटना सत बर
. व ासघात के कारण योजना वफल हो गई।
भारत र ा अ ध नयम मु य प से नपटने के लए पा रत कया गया
गदराइट् स।
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थम व यु और
रा वाद त या
थम व यु और रा वाद त या
मटो सुधार.
यह नणय लया गया क गरमपं थय को कां ेस म शा मल कया जाये। हालाँ क बेसट कां ेस
से होम ल लीग क अपनी योजना को मंज ूरी दलाने म वफल रह ले कन कां ेस ने श ा द
चार काय म और ानीय तर क कां ेस स म तय के पुन ार के लए खुद को तब
कया। ब त लंबे समय तक इंतजार करने को तैयार नह बेसट ने शत रखी क य द कां ेस
अपनी तब ता को लागू नह करती है तो वह अपनी खुद क लीग ा पत करने के लए
वतं ह गी जो अंततः उ ह करना पड़ा य क कां ेस क ओर से कोई त या नह आई।
थम व यु और रा वाद त या
थम व यु और रा वाद त या
तरोध। बेसट सकारा मक नेतृ व दे ने म असमथ रह और तलक के इं लड चले जाने से आंदोलन नेतृ वहीन
हो गया।
सकारा मक लाभ
होम ल लीग और संबं धत ग त व धय का कु छ सकारा मक भाव पड़ा और आने वाले वष म वतं ता
सं ाम को नई दशा दे ने म योगदान मला। i आंदोलन ने श त अ भजात वग से जनता पर जोर दया और
नरमपं थय ारा नधा रत पा म से आंदोलन को ायी प से हटा दया।
समझ।
iii एनी बेसट और तलक ने पुन मलन के लए जोरदार यास कये थे। उदारवाद
संदेह को र करने के लए तलक ने घोषणा क थी क वह शासन म सुधार का समथन
करते ह न क सरकार को उखाड़ फकने का। उ ह ने हसा के कृ य क भी नदा क । iv
दो नरमपं थय गोखले और फ़रोज़शाह मेहता क मृ यु ज ह ने गरमपं थय के त
नरमपंथी वरोध
का नेतृ व कया था ने पुन मलन क सु वधा दान क ।
थम व यु और रा वाद त या
समझौते क कृ त कां ेस और मु लम
लीग के बीच लखनऊ समझौते को वतं ता के लए रा वाद संघष के म म एक मह वपूण
घटना माना जा सकता है।
य
लगभग दस वष के ददनाक अलगाव और गलतफहमी के जंगल और अ य ववाद के च ूह म
भटकने के बाद... भारतीय रा वाद पाट के दोन प को इस त य का एहसास आ है क एकजुट
होकर वे खड़े रहते ह ले कन वभा जत होने पर वे गर जाते ह।
इसके अलावा इस पुन मलन से लोग म भारी उ साह पैदा आ। यहां तक क सरकार ने आने
वाले समय म भारतीय को वशासन दे ने के अपने इरादे क घोषणा करके रा वा दय को संतु
करने का नणय लया जैसा क म टागु क अग त क घोषणा म न हत था।
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थम व यु और रा वाद त या
म टागु का अग त का व
भारत के रा य स चव एड वन सैमुअ ल म टागु ने अग त को टश हाउस ऑफ
कॉम स म एक बयान दया जसे क अग त घोषणा के प म जाना जाता है। बयान
म कहा गया है सरकार क नी त एक शासन क हर शाखा म भारतीय क बढ़ती भागीदारी
और टश सा ा य के अ भ अंग के प म भारत म ज मेदार सरकार क ग तशील ा त
क से वशासी सं ान का मक वकास।
भारतीय आप याँ
म टागु के बयान पर भारतीय नेता क आप याँ दो कार क थ
सारांश
• होम ल लीग आंदोलन रा ीय आंदोलन म आ ामक
राजनी त क वृ क अभ आयरलड म इसी तरह के आंदोलन क तज पर तलक और एनी बेसट
ारा इसका नेतृ व कया गया था।
उपयोग क जाने वाली व धयाँ चचाएँ आयो जत करना वाचनालय सावज नक बैठक
समाचार प पै लेट पो टर आ द के मा यम से चार करना।
सकारा मक लाभ का जोर जनता पर ायी प से ानांत रत हो गया शहर और दे श के बीच ा पत
संगठना मक संबंध उ साही रा वा दय क एक पीढ़ तैयार क लखनऊ म उदारवाद चरमपंथी
पुन मलन को भा वत कया
इकाई सातव
मास का युग
रा वाद
ारंभ
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गांधी जी का ा भाव
गांधी जी का ा भाव
य।
अब रा वाद पुन ान य
यु के बाद भारत क तय और वदे श से आए भाव ने ऐसी त पैदा कर द जो
वदे शी शासन के खलाफ रा ीय व ोह के लए तैयार थी।
मक और कारीगर आबाद का यह वग
बेरोजगारी का सामना करना पड़ा और ऊं ची क मत का खा मयाजा भुगतना पड़ा।
कसान वग उ कराधान और गरीबी का सामना करते ए कसान वरोध के लए
नेतृ व क ती ा कर रहे थे।
सै नक वदे श से यु के मैदान से लौटे सै नक ने ामीण जनता को अपने अनुभव का
प रचय दया। वे ऐसे दे श म लौटकर भी आ यच कत थे जो द र था और जहां पहले क
तुलना म कम वतं ता थी।
रा वाद से मोहभंग
नया भर म सा ा यवाद
यु के दौरान उप नवेश को अपने प म एकजुट करने के लए म श य ने उनसे यु के
बाद लोकतं और आ म नणय के युग का वादा कया था। यु के दौरान यु के दोन प ने
एक सरे को बदनाम करने और एक सरे के अस य औप नवे शक रकॉड को उजागर करने
के लए चार शु कया था। ले कन ज द ही पे रस शां त स मेलन और अ य शां त सं धय
से यह हो गया क सा ा यवाद श य का उप नवेश पर अपनी पकड़ ढ ली करने का
कोई इरादा नह था वा तव म वे परा जत श य के उप नवेश को आपस म बाँटने लगे। इस
सबने गोर क सां कृ तक और सै य े ता के मथक को और भी कमजोर करने का काम
कया। प रणाम व प यु के बाद क अव ध म उ रा वाद का पुन ान दे ख ा गया
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गांधी जी का ा भाव
सी ां त का भाव नवंबर
मु य वशेषताएं
म टफोड सुधार क मु य वशेषताएं इस कार थ ।
गांधी जी का ा भाव
क मयां
सुधार म कई क मयाँ थ i मता धकार ब त सी मत
था। एक अनुमान के अनुसार क य वधानमंडल के लए मतदाता क सं या
लगभग डेढ़ म लयन तक बढ़ा द गई थी जब क भारत क जनसं या लगभग म लयन
थी।
क ।
कां ेस क त या कां ेस ने अग त
म हसन इमाम क अ य ता म बंबई म एक वशेष स म बैठक क और सुधार को
नराशाजनक और असंतोषजनक घो षत कया और इसके बजाय भावी वशासन क
मांग क ।
गांधी जी का ा भाव
वचार
जब मं मंडल ने परम वशासन अ भ का योग कया तो संभवतः उ ह ने
वष क म यवत अव ध पर वचार कया।
लॉड कजन
व के इ तहास म कभी कसी महान जनता के साथ ऐसा धोखा नह आ जैसा इं लै ड ने भारत के साथ कया जब यु के
दौरान भारत क अमू य सेवा के बदले म हमने भारतीय रा को इतना बदनाम अपमानजनक अलोकतां क अ याचारी
सं वधान दया।
गांधी का नमाण
ारं भक कै रयर और योग
द ण अ का म स ाई
मोहनदास करमचंद गांधी का ज म अ टू बर को गुज रात के का ठयावाड़ रयासत के
पोरबंदर म आ था।
उनके पता रा य के द वान मं ी थे। इं लड म कानून क पढ़ाई करने के बाद गांधी म
अपने मुव कल दादा अ ला से जुड़े एक मामले के सल सले म द ण अ का गए।
संघष का म यम चरण
इस चरण के दौरान गांधी ने द ण अ का और टे न म अ धका रय को या चकाएं और
मारक भेज ने पर भरोसा कया यह आशा करते ए क एक बार अ धका रय को भारतीय
क दशा के बारे म सू चत कया जाएगा तो वे उनक शकायत के नवारण के लए ईमानदारी
से कदम उठाएंगे जैसा क आ खरकार भारतीय थे। टश जा. भारतीय के व भ वग
को एकजुट करने के लए उ ह ने नेटाल इं डयन कां ेस क ापना क और इं डयन ओ प नयन
अखबार शु कया।
न य तरोध या स या ह का चरण
गांधी जी का ा भाव
वहां भारतीय को हर समय अपनी उं ग लय के नशान के साथ पंज ीकरण माणप रखना
होगा। गांधीजी के नेतृ व म भारतीय ने इस भेदभावपूण उपाय के त समपण न करने का
नणय लया। गांधीजी ने कानून क अवहेलना करने और इस तरह क अव ा के प रणाम व प
होने वाले सभी दं ड को भुगतने का अ भयान चलाने के लए न य तरोध संघ का गठन
कया। इस कार स या ह या स य के त समपण का ज म आ जो हसा के बना वरो धय
का वरोध करने क तकनीक थी। सरकार ने गांधीजी और अ य लोग को जेल म डाल दया
ज ह ने खुद को पंज ीकृ त करने से इनकार कर दया था। बाद म अ धका रय ने इन उ ं ड
भारतीय को अपना पंज ीकरण कराने के लए छल का इ तेमाल कया।
गांधी के नेतृ व म भारतीय ने सावज नक प से अपने पंज ीकरण माणप जलाकर जवाबी
कारवाई क । इस सबने द णअ क सरकार क छ व ख़राब क । अंत म समझौता समझौता
हो गया।
टॉ टॉय फाम
चूँ क संघष के तेज़ वर को बनाए रखना क ठन हो गया गांधी ने अपना सारा यान संघष पर लगाने का
नणय लया।
टॉ टॉय फाम क ापना म क गई थी और इसका नाम गांधी के सहयोगी हरमन कालेनबाख
ने सी लेख क और नै तकतावाद के नाम पर रखा था जनक गांधी शंसा करते थे और उनके साथ प
वहार करते थे। श ा के े म एक योग होने के अलावा यह लोग के प रवार को आ य दे ना और उ ह
अपना भरण पोषण करने का रा ता दे ना था।
स या ही
टॉ टॉय फाम गांधीजी ारा ा पत अपनी तरह का सरा फाम था। उ ह ने म नेटाल म फ न स
फाम क ापना क थी जो जॉन र कन क पूंज ीवाद क आलोचना को पढ़ने और एक ऐसे काम से े रत था
जसम म
े म और मानव क ग रमा के सरल जीवन के गुपयत
ण क शंयह
सा क गईअं थी।
तम फ न स ब ती क तरह
टॉ टॉय फाम म भी मैनुअ ल काम नदश के साथ साथ चलता था। लड़क और लड़ कय को सवागीण
वकास दे ने के लए ावसा यक श ण शु कया गया था। सह श ा क ाएं आयो जत क ग और
लड़क और लड़ कय को एक साथ काम करने के लए ो सा हत कया गया। ग त व धय म सामा य म खाना
बनाना सफाई करना च पल बनाना साधारण बढ़ईगीरी और संदेशवाहक काय शा मल थे। एक एक कृ त समुदाय
के मनोवै ा नक सामा जक और नै तक क याण के लए झा लगाना सफ़ाई करना और पानी लाना जैसे
मै युअ ल काम को अमू य माना जाता था। इस संदभ म गांधीजी का उ े य ारं भक ारं भक वष से ही शारी रक
म के त व स मान के अलावा समाज सेवा और नाग रकता के आदश को वक सत करना था।
गांधी जी का ा भाव
दे ख ना
... एक आदमी जो कामुक सुख के लए कु छ भी परवाह नह करता है धन के लए कु छ भी नह आराम या
शंसा या पदो त के लए कु छ भी नह ले कन बस वही करने के लए ढ़ है जो वह सही मानता है। वह एक
खतरनाक और असु वधाजनक मन है य क उसका शरीर जसे आप हमेशा जीत सकते ह आपको उसक
आ मा पर ब त कम खरीद दे ता है।
द णअ का म गांधीजी का अनुभव
i गांधीजी ने पाया क जनता के पास कसी ऐसे उ े य म भाग लेने और ब लदान
दे ने क अपार मता है जसने उ ह े रत कया। ii वह अपने नेतृ व म व भ धम और वग
के भारतीय और पु ष और म हला को समान प से एकजुट करने म स म थे।
iii उ ह यह भी एहसास आ क कभी कभी नेता को अपने उ साही समथक के साथ
अलोक य
नणय लेने पड़ते ह। iv वह त ध राजनी तक धारा के वरोध से भा वत ए
बना सी मत पैमाने पर नेतृ व और राजनी त क अपनी शैली और संघष क नई तकनीक को
वक सत करने
म स म थे।
मतलब।
भारत म गांधी
जनवरी म गांधी भारत लौट आए। द णअ का म उनके यास न के वल श त के
बीच ब क जनता के बीच भी स थे। उ ह ने अगले एक वष म दे श का दौरा करने और
जनता क त को वयं दे ख ने का नणय लया।
गांधी जी का ा भाव
चंपारण स या ह थम नाग रक
आ ा का उ लंघन
गांधी जी से एक ानीय राजकु मार शु ल ने बहार के चंपारण के नील बागान मा लक
के संदभ म कसान क सम या पर गौर करने का अनुरोध कया था। यूरोपीय बागान
मा लक कसान को कु ल भू म के भाग पर नील क खेती करने के लए मजबूर कर रहे
थे जसे तनक ठया णाली कहा जाता है । जब उ ीसव शता द के अंत म जमन सथे टक
रंग ने नील क जगह ले ली तो यूरोपीय बागान मा लक ने कसान से अ य फसल क ओर
ख करने से पहले अपने मुनाफे को अ धकतम करने के लए उ लगान और अवैध बकाया
क मांग क । इसके अलावा कसान को यूरोपीय लोग ारा नधा रत क मत पर उपज बेचने
के लए मजबूर कया गया।
अहमदाबाद मल हड़ताल
पहली भूख हड़ताल
माच म गांधी ने लेग बोनस बंद करने के मु े पर अहमदाबाद के कपास मल
मा लक और मक के बीच ववाद म ह त ेप कया। मल मा लक बोनस वापस लेना
चाहते थे। मक अपने वेतन म तशत क वृ क मांग कर रहे थे ता क वे थम
व यु म टे न क भागीदारी के कारण यु कालीन मु ा त जसने खा ा कपड़े
और अ य आव यकता क क मत दोगुनी हो ग के समय बंधन कर सक। मल मा लक
के वल तशत वेतन वृ दे ने को तैयार थे। कमचारी हड़ताल पर चले गये.
गांधी जी का ा भाव
रौलट ए ट स या ह ज लयाँवाला
बाग नरसंहार
जहां एक ओर सरकार ने संवैधा नक सुधार य प एक असंतोषजनक आदे श के बावजूद
क योजना बनाई वह सरी ओर उसने सुधार के खलाफ कसी भी असंतोषजनक
आवाज को दबाने के लए खुद को असाधारण श य से लैस करने का फै सला कया।
गांधी जी का ा भाव
बना कसी मुक दमे के दो साल तक जेल म रखा गया और यहां तक क दे श ोही समाचार
प का क ज़ा भी अपराध का पया त सबूत होगा।
इंपी रयल वधान प रषद के सभी नवा चत भारतीय सद य ने वधेयक के खलाफ मतदान
कया ले कन वे अ पमत म थे और आ धका रक या शय ारा आसानी से खा रज कर
दया गया। सभी नवा चत भारतीय सद य जनम मोह मद अली ज ा मदन मोहन
मालवीय और मजहर उल हक शा मल थे ने वरोध म इ तीफा दे दया।
गांधी जी का ा भाव
य
पंज ाब म कु छ ानीय गड़ब ड़य को शांत करने के लए सरकार ारा उठाए गए कदम क वशालता ने
एक गहरे झटके के साथ हमारे मन म भारत म टश जा के प म हमारी त क असहायता को
उजागर कर दया है... ट वह कम से कम यह कर सकता है मेरे दे श के लए मेरा काम यह है क म
आतंक क मूक पीड़ा म डू बे अपने लाख दे शवा सय के वरोध को आवाज दे ने के लए सभी नतीजे अपने
ऊपर ले लूं। समय आ गया है जब स मान के तमगे अपमान के असंगत संदभ म हमारी शम को कर
द...
व तु न से दे ख ा जाए तो डायर ने शु आत सु न तक
टश राज के अंत का.
अमृतसर म जो कु छ आ उससे गांधीजी को यह घोषणा करनी पड़ी क शैतानी
शासन के साथ सहयोग अब असंभव है।
उ ह ने महसूस कया क टश शासन से भारतीय वतं ता का उ े य नै तक प से उ चत
था। असहयोग आंदोलन का रा ता तैयार हो गया.
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गांधी जी का ा भाव
जांच क हंटर स म त
ज लयांवाला बाग म ए नरसंहार ने भारतीय के साथ साथ कई अं ेज को भी झकझोर कर
रख दया। भारत के रा य स चव एड वन म टागु ने आदे श दया क मामले क जांच के लए
एक जांच स म त बनाई जाए। इस लए अ टू बर को भारत सरकार ने वकार जांच
स म त के गठन क घोषणा क जसे अ य लॉड व लयम हंटर पूव सॉ ल सटर जनरल के
नाम पर अ धक ापक प से और व भ प से हंटर स म त आयोग के प म जाना जाने
लगा। कॉटलड के लए और कॉटलड म कॉलेज ऑफ ज टस के सीनेटर। आयोग का उ े य
बॉ बे द ली और पंज ाब म हाल क गड़बड़ी उनके कारण और उनसे नपटने के लए कए
गए उपाय क जांच करना था।
गांधी जी का ा भाव
आंदोलन।
तैयबजी एमआर जयकर और गांधी। कां ेस ने रखा अपना नज रया. इस कोण ने डायर के
कृ य को अमानवीय बताते ए इसक आलोचना क और यह भी कहा क पंज ाब म माशल लॉ
लागू करने का कोई औ च य नह है।
सारांश • थम
व यु के अंत म रा वाद व ोह य
यु ो र आ थक क ठनाई।
नया भर म सा ा यवाद से रा वा दय का मोहभंग।
सी ां त का भाव.
क मयां ै ध
शासन व ा इतनी ज टल और अता कक है क इसे याशील नह कया जा सकता।
के य कायपा लका वधा यका के त उ रदायी नह है।
सी मत चाइजी.
• वशेष प से रोलेट ए ट के बाद अं ेज ारा व ासघात क भावना यु के बाद इनाम दे ने के टश वादे पूरे नह
हो सके ।
रा वा दय को नराशा ई.
•द णअ का म गांधीजी क स यता
नेटाल इं डयन कां ेस क ापना क और पंज ीकरण माणप के व भारतीय राय.
स या ह शु कया।
भारतीय वासन पर तबंध के व अ भयान।
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गांधी जी का ा भाव
पृ भू म
दोन आंदोलन क पृ भू म थम व यु के बाद क घटना क एक ृंख ला ारा दान क
गई थी जसने भारतीय वषय के त सरकार क उदारता क सभी आशा को वफल कर
दया था। वष म वशेष प से भारतीय के सभी वग म व भ चीज़ के त असंतोष
क ती भावना दे ख ी गई
कारण
• यु के बाद के वष म व तु क क मत म वृ भारतीय उ ोग के उ पादन म
कमी कर और लगान के बोझ म वृ आ द से दे श क आ थक त चताजनक हो गई थी।
समाज के लगभग सभी वग को आ थक क ठनाई का सामना करना पड़ा। यु और इससे
टश वरोधी रवैया मजबूत आ। • रोलेट ए ट पंज ाब म माशल लॉ लागू करना और
ज लयांवाला बाग ह याकांड ने वदे शी शासन के ू र और अस य चेहरे को उजागर कर दया।
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खलाफत मु ा
खलाफत पर कां ेस का ख
यह ब कु ल था क खलाफत आंदोलन क सफलता के लए कां ेस का समथन
आव यक था। हालाँ क हालाँ क गांधी खलाफत मु े पर सरकार के खलाफ स या ह और
असहयोग शु करने के प म थे ले कन कां ेस इस कार क राजनी तक कारवाई पर
एकजुट नह थी। तलक कसी धा मक मु े पर मु लम नेता के साथ गठबंधन करने के
वरोधी थे और उ ह इस पर संदेह भी था
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असहयोग ख़लाफ़त
आंदोलन
आंदोलन का सार
गांधीजी ने अली बंधु के साथ दे श ापी दौरा कया। हजार छा ने सरकारी कू ल और
कॉलेज को छोड़ दया और लगभग रा ीय कू ल और कॉलेज म शा मल हो गए
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लोग क त या आंदोलन म
भागीदारी समाज के ापक दायरे से थी ले कन अलग अलग सीमा तक।
म य वग म य वग के
लोग ने शु आत म आंदोलन का नेतृ व कया ले कन बाद म उ ह ने गांधी के काय म के बारे
म ब त आप यां दखा । कलक ा बंबई और म ास जैसे ान म जो कु लीन राजनेता
के क थे गांधी के आ ान पर त या ब त सी मत थी। सरकारी सेवा से यागप दे ने
उपा धयाँ यागने आ द के आ ान क त या को गंभीरता से नह लया गया। भारतीय
राजनी त म तुलना मक प से नवागंतुक को आंदोलन म अपने हत और आकां ा क
अभ मली। बहार म राज साद और गुज रात म व लभभाई पटे ल ने ठोस समथन
दान कया और वा तव म उनके जैसे नेता ने औप नवे शक सरकार के खलाफ लड़ने के
लए असहयोग को आतंक वाद का एक वहाय राजनी तक वक प माना।
ापा रक वग आ थक
ब ह कार को भारतीय ापार समूह से समथन मला य क उ ह रा वा दय के वदे शी के
उपयोग पर जोर दे ने से लाभ आ था। ले कन बड़े वसाय का एक वग आंदोलन के त
सशं कत रहा।
छा छा
आंदोलन के स य वयंसेवक बन गए और उनम से हजार ने सरकारी कू ल और कॉलेज छोड़
दए
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म हला ने
पदा याग दया और अपने आभूषण तलक न ध के लए अ पत कर दये। वे बड़ी सं या म
आंदोलन म शा मल ए और वदे शी कपड़ा और शराब बेचने वाली कान के सामने धरना दे ने
म स य भाग लया।
ह मु लम एकता मो पला व ोह
जैसी घटना के बावजूद मुसलमान क ापक भागीदारी और सां दा यक एकता बनाए
रखना बड़ी उपल यां थ । कई ान पर गर तार कए गए लोग म से दो तहाई मुसलमान
थे और इस कार क भागीदारी न तो पहले दे ख ी गई थी और न ही भ व य म दे ख ी जाएगी।
सरकार क त या
मई म गांधी और वाइसराय री डग के बीच बातचीत टू ट गई य क सरकार चाहती थी
क गांधी अली बंधु से भाषण से उन ह स को हटाने का आ ह कर जनम हसा का संके त
दया गया था। गांधी को एहसास आ क सरकार उनके और खलाफत नेता के बीच दरार
पैदा करने क को शश कर रही थी और उ ह ने जाल म फं सने से इनकार कर दया। दसंबर म
सरकार ने दशनका रय पर स ती बरती। वयंसेवी दल को अवैध घो षत कर दया गया
सावज नक बैठक पर तबंध लगा दया गया ेस पर ताला लगा दया गया और गांधी को
छोड़कर अ धकांश नेता को गर तार कर लया गया।
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जब जनता का उ साह चरम सीमा पर प ँच रहा था तभी पीछे हटने का आदे श दे ना कसी रा ीय आपदा
से कम नह था।
महा मा के मुख ले टनट दे शबंधु दास पं डत मोतीलाल नेह और लाला लाजपत राय जो सभी
जेल म थे ने लोक य नाराजगी साझा क ।
सुभाष चं बोस
मा सवाद ा या
दे ख ना
डॉ। कोएनराड ए ट
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सारांश
• खलाफत असहयोग आ दोलन
तीन मांग
. तुक के लए अनुकू ल सं ध . पंज ाब क
गल तय का नवारण . वराज क ापना
यु तकनीक
सरकार ारा संचा लत कू ल कॉलेज कानून अदालत नगर पा लका और सरकारी सेवा
वदे शी कपड़े शराब का ब ह कार रा ीय व ालय महा व ालय पंचायत क ापना और
खाद का उपयोग कर का भुगतान न करने पर स वनय अव ा को शा मल करने का सरा चरण।
मतलब।
चौरी चौरा घटना फरवरी उ े जत भीड़ क हसा ने गांधीजी को आंदोलन वापस लेने के
लए े रत कया।
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वराजवा दय का उदय
समाजवाद वचार ां तकारी
ग त व धयाँ और अ य
नई ताकत
वराजवाद और प रवतक नह
कां ेस खलाफत वरा य क उ प
दल
गांधी क गर तारी माच के बाद रा वाद रक म वघटन अ व ा और मनोबल
गर गया।
कां े सय के बीच इस बात पर बहस शु हो गई क सं मण काल यानी आंदोलन के
न य चरण के दौरान या कया जाए.
सीआर दास मोतीलाल नेह और अजमल खान के नेतृ व म एक वग वधान
प रषद के ब ह कार को समा त करना चाहता था ता क रा वाद इन वधानसभा क
बु नयाद कमजो रय को उजागर करने के लए उनम वेश कर सक और लोक य उ साह
जगाने के लए इन प रषद को राजनी तक संघष के े के प म उपयोग कर सक। .
सी. राजगोपालाचारी व लभभाई पटे ल राज साद और एमए अंसारी के नेतृ व वाले वचार
को नो चजस के प म जाना जाने लगा। नो चजस ने प रषद म वेश का वरोध कया
रचना मक काय पर एका ता क वकालत क और ब ह कार और असहयोग जारी रखा और
नलं बत स वनय अव ा काय म को फर से शु करने के लए शांत तैयारी क ।
वराजवा दय के तक
प रषद म वेश क वकालत करने के लए वराजवा दय के पास अपने कारण थे।
नो चजस के तक
नो चजस ने तक दया क संसद य काय से रचना मक काय क उपे ा होगी ां तकारी
उ साह क हा न होगी और राजनी तक ाचार होगा। रचना मक काय सभी को स वनय
अव ा के अगले चरण के लए तैयार करेगा।
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प रषद म वराजवाद ग त व ध
धीरे धीरे ापक सां दा यक दं ग और वयं वराजवा दय के बीच सां दा यक और
उ रदा य ववाद गैर उ रदायी आधार पर वभाजन के कारण वराजवाद त कमजोर हो
गई थी। वराजवा दय को वभा जत करने क सरकार क रणनी त उदारवाद से अ धक
उ वाद मुसलमान से ह सफल रही। जब पाट ने बंगाल म जम दार के खलाफ
का तकार के मु े का समथन नह कया अ धकांश का तकार मु लम थे तो वराजवा दय
ने कई मुसलमान का समथन खो दया। पाट म सा दा यक हत भी वेश कर गये।
उपल य
i गठबंधन सहयो गय के साथ उ ह ने बजट य अनुदान से संबं धत मामल पर
भी कई बार सरकार को मात द और गन ताव पा रत कए। ii उ ह ने वयं पर
ओज वी भाषण के मा यम से आंदोलन कया
क मयाँ i
वराजवा दय के पास वधा यका के अंदर अपने उ वाद और बाहर के जन संघष के
बीच सम वय ा पत करने क नी त का अभाव था।
वे जनता से संवाद करने के लए पूरी तरह से अखबार क रपो टग पर नभर थे।
के दौरान ां तकारी ग त व ध
के दशक
काकोरी डकै ती अग त
एचआरए क सबसे मह वपूण कारवाई काकोरी डकै ती थी। उन लोग ने लखनऊ के पास एक
अ ात गांव काकोरी म डाउन े न को रोक लया और उसक आ धका रक रेलवे नकद लूट
ली। काकोरी डकै ती के बाद सरकार क कारवाई के कारण कई लोग को गर तार कया गया
जनम से को जेल ई चार को आजीवन कारावास आ और चार ब मल अशफाकु लाह
रोशन सह और राज ला हड़ी को फांसी द गई। काकोरी एक झटका सा बत ई।
एचएसआरए ने
काकोरी झटके से उबरने के लए ढ़ संक प कया समाजवाद वचार से े रत युवा
ां तका रय ने द ली म फरोजशाह कोटला के खंडहर म एक ऐ तहा सक बैठक सतंबर
म ह तान रप लक एसो सएशन को पुनग ठत करने का नणय लया। च शेख र
आज़ाद के नेतृ व म HRA का नाम बदलकर ह तान सोश ल ट रप लकन एसो सएशन
HSRA कर दया गया। तभा गय म पंज ाब से भगत सह सुख दे व भगवतीचरण वोहरा
और संयु ांत से बजॉय कु मार स हा शव वमा और जयदे व कपूर शा मल थे। एचएसआरए
ने सामू हक नेतृ व के तहत काम करने का फै सला कया और समाजवाद को अपने आ धका रक
ल य के प म अपनाया।
सॉ स क ह या लाहौर दसंबर
ठ क उसी समय जब एचएसआरए के ां तका रय ने गत वीरतापूण कारवाई से र जाना
शु कर दया था एक बार साइमन कमीशन वरोधी जुलूस अ टू बर पर लाठ चाज
के दौरान शेर ए पंज ाब लाला लाजपत राय क मृ यु हो गई। फर से गत ह या करने के
लए। भगत सह आज़ाद और राजगु ने लाहौर म लाठ चाज के लए ज़ मेदार पु लस
अ धकारी सॉ स क गोली मारकर ह या कर द । ह या को इन श द के साथ उ चत ठहराया
गया था एक साधारण पु लस अ धकारी के अयो य हाथ से लाख लोग ारा स मा नत नेता
क ह या... रा का अपमान था। इसे मटाना भारत के नवयुवक का परम कत था... हम
एक क ह या करने का अफसोस है ले कन वह उस अमानवीय और अ यायपूण व ा
का अ भ अंग था जसे न कया जाना चा हए।
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के य वधान सभा म बम अ ैल
के दशक
के दौरान बंगाल म कई ां तकारी समूह ने अपनी भू मगत ग त व धय को पुनग ठत कया
जब क कई ने कां ेस के तहत काम करना जारी रखा इस कार जनता तक प ंच बनाई और
क ब और गांव म कां ेस को एक संगठना मक आधार दान कया। सीआर दास के
वराजवाद म कईय ने उनका सहयोग कया
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आ धका रक त या पहले तो
घबराहट ई और फर भयंक र सरकारी दमन आ।
दमनकारी अ ध नयम से लैस सरकार ने ां तका रय पर पु लस ढ ली कर द । चटगांव
म कई गांव को जला दया गया और कई अ य पर दं डा मक जुमाना लगाया गया। म
जवाहरलाल नेह को राज ोह के आरोप म गर तार कया गया और दो साल क सजा द गई
य क उ ह ने सा ा यवाद क नदा क थी और ां तका रय क वीरता क शंसा क थी।
सारांश
• वराजवाद और प रवतनवाद
गैर क वापसी के बाद वराजवा दय ने प रषद म वेश क वकालत क
को ख़ म करने या सुधारने के उ े य से सहयोग आंदोलन
प रषद।
सं मण काल म नो चजस ने रचना मक काय क वकालत क ।
काकोरी डकै ती
पुनग ठत
सॉ स क ह या
के य वधान सभा म बम
वायसराय क े न को उड़ाने का यास
आज़ाद क पु लस मुठभेड़ म मृ यु
भगत सह राजगु सुख दे व को फाँसी
• एचएसआरए का व तृत य
• बंगाल म ां तकारी
कलक ा पु लस क म र क ह या का यास
सूय सेन का चटगांव व ोह समूह और चटगांव डकै ती
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साइमन कमीशन और
नेह रपोट
भारतीय त या साइमन
कमीशन के त भारतीय त या त काल और लगभग सवस मत थी। भारतीय को सबसे
अ धक गु सा इस बात पर था क आयोग से भारतीय को बाहर रखा गया था और इस
ब ह कार के पीछे मूल धारणा यह थी क वदे शी वशासन के लए भारत क उपयु ता पर
चचा करगे और नणय लगे। इस धारणा को आ म नणय के स ांत के उ लंघन और
भारतीय के आ मस मान के जानबूझ कर अपमान के प म दे ख ा गया।
कां ेस क त या म ास म
कां ेस स दसंबर म एमए अंसारी क अ य ता म ई बैठक म हर तर पर और
हर प म आयोग का ब ह कार करने का नणय लया गया। इस बीच नेह अ धवेशन म
एक व रत ताव पा रत कराने म सफल रहे जसम पूण वतं ता को कां ेस का ल य
घो षत कया गया।
अ य समूह जन लोग
ने साइमन कमीशन के ब ह कार के कां ेस के आ ान का समथन करने का नणय लया
उनम ह महासभा के उदारवाद और ज ा के अधीन मु लम लीग का ब सं यक गुट
शा मल था। म मु लम लीग के दो स ए एक ज ा के नेतृ व म कलक ा म
जहाँ साइमन कमीशन का वरोध करने का नणय लया गया और सरा लाहौर म मुह मद
शफ के नेतृ व म ज ह ने सरकार का समथन कया। कु छ अ य लोग जैसे पंज ाब म
यू नय न ट और द ण म ज टस पाट ने आयोग का ब ह कार नह करने का फै सला
कया।
सावज नक त या
फरवरी को आयोग बंबई प ंचा। उस दन दे श ापी हड़ताल का आयोजन कया
गया और बड़े पैमाने पर रै लयाँ आयो जत क ग
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डॉ. अ बेडकर को बॉ बे वधान प रषद ारा साइमन कमीशन के साथ काम करने के लए नयु
कया गया था। अ टू बर म अ बेडकर आयोग के सम गये।
उनक ओर से उ ह ने द लत वग
ब ह के
कृ त लए आव
हतका रणी यक
सभा अ धकार और सुर ा उपाय पर एक ापन
तुत कया।
आयो जत। जहाँ भी आयोग गया वहाँ काले झंडे दशन हड़ताल और साइमन गो बैक के
नारे लगे।
इस उभार क एक मह वपूण वशेषता यह थी क युवा क एक नई पीढ़ को
राजनी तक कारवाई का पहला वाद मला।
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उ ह ने वरोध म सबसे स य भू मका नभाई और इसे उ वाद रंग दे दया। युवा लीग और
स मेलन को वा त वक ो साहन मला।
पु लस का दमन पु लस ने
दशनका रय पर भारी कारवाई क व र नेता तक को नह ब ते ए लाठ चाज कया
गया। लखनऊ म जवाहरलाल नेह और जीबी पंत क पटाई क गई। अ टू बर म
लाला लाजपत राय क छाती पर गंभीर हार ए जो घातक सा बत ए और नवंबर
को उनक मृ यु हो गई।
दे ख
आज मुझ पर जो हार ए वे टश सा ा यवाद के ताबूत म ठ क गई आ खरी क ल ह।
नेह रपोट
लॉड बरके नहेड क चुनौती के उ र के प म फरवरी म एक सवदलीय स मेलन क
बैठक ई और सं वधान का मसौदा तैयार करने के लए मोतीलाल नेह क अ य ता म एक
उप स म त नयु क गई। यह भारतीय ारा दे श के लए संवैधा नक ढांचे का मसौदा तैयार
करने का पहला बड़ा यास था। स म त म तेज बहा र स ू सुभाष बोस एम.एस. शा मल थे
मु य सफ़ा रश
नेह रपोट ने खुद को टश भारत तक ही सी मत रखा य क इसम संघीय आधार पर
रयासत के साथ टश भारत के भ व य के जुड़ाव क प रक पना क गई थी। डो म नयन के
लए इसने सफा रश क i वशा सत डो म नयन क तज पर डो म नयन का दजा भारतीय
ारा वां छत सरकार के प म युवा उ वाद वग के लए काफ नराशा क बात है
नेह उनम मुख थे । ii पृथक नवा चका क अ वीकृ त जो अब तक संवैधा नक सुधार
का आधार थी इसके बजाय क म और उन ांत म मुसलमान के लए सीट के आर ण के
साथ संयु नवाचन
मंडल क मांग क गई जहां वे अ पसं यक थे और वहां नह जहां मुसलमान
ब सं यक थे जैसे क पंज ाब और बंगाल वहां क मु लम आबाद के अनुपात म अ धकार
के साथ। अ त र सीट पर चुनाव लड़ने के लए. iii भाषाई ांत।
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समझौते सवदलीय
स मेलन के वचार वमश के दौरान मु लम लीग ने खुद को अलग कर लया और मुसलमान के
लए सीट के आर ण क अपनी मांग पर अड़ी रही खासकर क य वधा यका और मु लम
ब ल ांत म।
इस कार मोतीलाल नेह और रपोट का मसौदा तैयार करने वाले अ य नेता ने खुद को
वधा म पाया य द मु लम सां दा यक राय क मांग को वीकार कर लया गया तो ह
सां दा यक अपना समथन वापस ले लगे य द बाद वाले संतु हो गए तो मु लम नेता अलग हो
जाएंगे।
ज ा ारा ता वत संशोधन
नेह रपोट पर वचार करने के लए दसंबर म कलक ा म आयो जत सवदलीय स मेलन म ज ा
क ओर से
मु लम लीग ने रपोट म तीन संशोधन ता वत कए i क य वधानमंडल म मुसलमान को एक
तहाई त न ध व ii वय क मता धकार ा पत होने तक बंगाल और पंज ाब
वधानमंडल म
मुसलमान को उनक जनसं या के अनुपात म आर ण और
ज ा के चौदह सू ज ा मु लम लीग के शफ़
सारांश
• साइमन कमीशन
म आगे क संवैधा नक ग त क संभावना तलाशने आये।
• नेह रपोट
संवैधा नक योजना का मसौदा तैयार करने का पहला भारतीय यास।
अनुशं सत भु व का दजा
अलग नवाचक मंडल नह ब क
अ पसं यक के लए आर त सीट के साथ संयु नवाचन े ।
भाषाई ांत
मौ लक अ धकार क और ांत
म उ रदायी सरकार।
व भ समूह क त याएँ
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स वल के लए रन अप
अव ा आंदोलन
इर वन क घोषणा अ टू बर
साइमन कमीशन क रपोट आने से पहले लॉड इर वन ारा घोषणा क गई थी। यह लेबर
सरकार कं जव टव क तुलना म भारतीय आकां ा के त हमेशा अ धक सहानुभू त रखने
वाली और एक कं जव टव वायसराय का संयु यास था। घोषणा के पीछे का उ े य टश
नी त के अं तम उ े य म व ास बहाल करना था। यह घोषणा अ टू बर को
भारतीय राजप म एक आ धका रक व त के प म क गई थी। इसम कहा गया था
इराद पर क जाने वाली ा या के संबंध म ेट टे न और भारत दोन म जो संदेह
कए गए ह उ ह यान म रखते ए क क़ानून को लागू करने म टश सरकार क ओर
से म महाम हम सरकार क ओर से यह प से कहने के
लए अ धकृ त ं क उनके नणय म क घोषणा म यह अंत न हत है क
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द ली घोषणाप
नवंबर को मुख रा ीय नेता के एक स मेलन ने द ली घोषणाप जारी कया
जसम गोलमेज स मेलन म भाग लेने के लए कु छ शत रखी ग
. स मेलन म कां स
े का ब मत त न ध व होना चा हए और . राजनी तक कै दय
के लए सामा य माफ और सुलह
क नी त होनी चा हए दसंबर म मोतीलाल नेह और अ य राजनी तक
नेता के साथ गांधीजी ने लॉड इर वन से मुलाकात क जब
वायसराय एक बम व ोट के बाद बाल बाल बच गए थे जसका आशय उस े न से
टकराना था जसम वह या ा कर रहे थे । उ ह ने वायसराय से यह आ ासन मांगा क गोलमेज़
स मेलन का उ े य डो म नयन टे टस के लए एक संवैधा नक योजना का मसौदा तैयार करना
था। इर वन ने कहा यह स मेलन का उ े य नह था। वायसराय इर वन ने द ली घोषणाप म
रखी गई मांग को खा रज कर दया।
जनवरी वतं ता
त ा
पूरे दे श म गांव और क ब म सावज नक बैठक आयो जत क ग और ानीय भाषा म
वतं ता त ा पढ़ गई और रा ीय वज फहराया गया। यह त ा जसे गांधीजी ारा
तैयार कया गया माना जाता है म न न ल खत बात कही ग • वतं ता पाना भारतीय
का अ वभा य अ धकार है। • भारत म टश सरकार ने न के वल हम आजाद से वं चत
कया और हमारा शोषण कया ब क
हम आ थक राजनी तक सां कृ तक और आ या मक प से भी बबाद कर दया।
इस लए भारत को टश संबंध तोड़ दे ना चा हए और पूण वराज या पूण वतं ता
ा त करनी चा हए।
. भारतीय के लए तट य श पग आर त कर।
वभ ान पर स या ह उपमहा प के व भ
ह स म स वनय अव ा आंदोलन क कृ त का एक सं त सव ण नीचे दया गया है।
हालां क असम कां ेस नेतृ व ने इन कानून से इनकार कर दया था। • बंगाल बंगाल कां ेस
सुभाष बोस
और जेएम सेनगु ता के नेतृ व म दो गुट म वभा जत होकर कलक ा नगम चुनाव
म शा मल थी। इसके प रणाम व प कलक ा के अ धकांश भ लोक नेता ामीण जनता से
अलग थलग हो गए।
गुज रात म इसका असर खेड़ा जले के आणंद बोरसाद और न डयाद इलाक सूरत
जले के बारडोली और म महसूस कया गया।
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य
गांधीजी का शरीर जेल म है ले कन उनक आ मा आपके साथ है। भारत क त ा
अब आपके हाथ म है. आपको कसी भी कार क हसा का योग नह करना चा हए
कसी भी प र त म. तु ह पीटा जाएगा ले कन तु ह वरोध नह करना चा हए
तु ह वार से बचने के लए हाथ भी नह उठाना चा हए।
सरो जनी नायडू पर पूव सं याका धरसाना
नमक सहया ह
आंदोलन का भाव
. वदे शी कपड़ा और अ य व तु का आयात गर गया।
. सरकार को शराब उ पाद शु क और भू राज व से होने वाली आय क हा न ई।
र ा और व और
. टे न के व ीय नपटारे के लए एक वतं याया धकरण
दावा.
इस ब पर वाता टू ट गई।
. मु लम क भागीदारी कह भी नह थी
असहयोग आ दोलन तर.
. आंदोलन के साथ कोई बड़ा मक उभार नह आ।
य
भारत एक वशाल जेलखाना है। म इस कानून का खंडन करता ं.
एमके गांधी से लेक र लॉड इर वन तक
गांधी भारत म अं ेज के सबसे अ े पु लसकम थे।
एलेन व कसन दांडी माच
ां त का कडरगाटन चरण है....... इस धारणा पर आधा रत है क के तली म समु का पानी उबालकर राजा स ाट
को पद से हटाया जा सकता है।
सफोड एक अं ेज ी प कार
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सूदखोरी पर नयं ण
जी वत मज री स हत काम क बेहतर तयाँ काम के सी मत घंटे और औ ो गक
े म म हला मक क सुर ा
गोलमेज़ स मेलन
भारत के वायसराय लॉड इर वन और टे न के धान मं ी रामसे मैक डोना इस बात पर
सहमत ए क एक गोलमेज स मेलन आयो जत कया जाना चा हए य क साइमन कमीशन
क रपोट क सफा रश प से अपया त थ ।
थम गोलमेज़ स मेलन
पहला गोलमेज स मेलन नवंबर और जनवरी के बीच लंदन म आयो जत कया
गया था। इसे आ धका रक तौर पर नवंबर को कग जॉज पंचम ारा खोला गया था
और इसक अ य ता रामसे मैक डोना ने क थी।
सांगली के मुख साहब सर भाशंक र प ानी भावनगर मनुभाई मेहता बड़ौदा सरदार
सा हबजादा सु तान अहमद खान वा लयर अकबर हैदरी हैदराबाद मजा इ माइल मैसूर
कनल कै लास नारायण ह सर ज मू और क मीर ।
मु लम लीग ने आगा खान III टश भारतीय त न धमंडल के नेता मौलाना मोह मद अली
जौहर मुह मद शफ मुह मद अली ज ा मुह मद जफ ला खान एके फजलुल हक हा फज गुलाम
सैन हदायत उ लाह डॉ. शफाअत अहमद खान राजा को भेज ा। डोमेली के शेर मुह मद खान और
एएच ग़ज़नवी। ह महासभा और उसके समथक का त न ध व बीएस मुंज े एमआर जयकर और
द वान बहा र राजा नर नाथ ने कया। सख का त न ध व सरदार उ वल सह और सरदार
स ूण सह ने कया।
पार सय के लए फ़रोज़ सेठना कोवासजी जहांगीर और होमी मोद ने भाग लया। बेगम जहाँआ रा
शाहनवाज और राधाबाई सु बारायण ने म हला का त न ध व कया। उदारवा दय का तनधव
जेएन बसु तेज बहा र स ू सीवाई चताम ण वीएस ी नवास शा ी और चमनलाल ह रलाल
सीतलवाड ने कया। द लत वग का त न ध व बीआर अंबेडकर और रेटामलाई ी नवासन ने कया
था। ज टस पाट ने अक ट रामासामी मुद लयार भा करराव वठोजीराव जाधव और सर एपी पा ो
को भेज ा। लेबर का त न ध व एनएम जोशी और बी ने कया।
मुह मद पादशाह साहेब बहा र डॉ. शफ़ाअत अहमद खान जमाल मुह मद और नवाब
सा हबजादा सैयद मुह मद मेहर शाह। ह समूह का त न ध व एमआर जयकर बीएस मुंज े
और द वान बहा र राजा नर नाथ ने कया। स मेलन म उदारवाद जेएन बसु सीवाई थे
i दो मु लम ब ल ांत उ र प म
सीमांत ांत एनड यूएफपी और सध ii एक भारतीय
सलाहकार स म त क ापना iii तीन वशेष स म तय क ापना व
मता धकार और रा य और
iv य द भारतीय सहमत नह ए तो एकतरफा टश सां दा यक पुर कार क संभावना।
एपी पा ो तेज बहा र स ू डॉ. शफाअत अहमद खान सर शाद लाल तारा सह म हो ा सर
नृप नाथ सरकार सर पु षो मदास ठाकु रदास मुह मद जफ लाह खान।
स वनय अव ा फर से शु
यु वराम अव ध के दौरान
माच दसंबर
माच से दसंबर क अव ध के दौरान कु छ ग त व धय ने अव ा क भावना को जी वत
रखा। संयु ांत म कां ेस लगान म कटौती और सं त बेदखली के खलाफ आंदोलन का
नेतृ व कर रही थी। एनड यूएफपी म खुदाई खदमतगार और उनके नेतृ व वाले कसान के
खलाफ गंभीर दमन कया गया था जो सरकार ारा कर सं ह के ू र तरीक के खलाफ
आंदोलन कर रहे थे। बंगाल म आतंक वाद से लड़ने के नाम पर कठोर अ यादे श और सामू हक
हरासत का इ तेमाल कया गया था। सत बर म हजली जेल म राजनी तक कै दय
पर गोलीबारी क घटना ई।
म हला पर दमन वशेष प से कठोर था। ेस पर ताला लगा दया गया और रा वाद
सा ह य पर तबंध लगा दया गया।
लोक य त या लोग ने गु से
के साथ त या द । हालाँ क तैयारी नह थी फर भी त या ापक थी। अके ले पहले
चार महीन म लगभग स या हय को जेल म डाल दया गया जनम अ धकतर
शहरी और ामीण गरीब थे। वरोध के अ य प म शराब और वदे शी कपड़े बेचने वाली
कान पर धरना दे ना अवैध सभाएं अ हसक दशन रा ीय दवस मनाना रा ीय वज का
तीका मक फहराना चौक दारा कर का भुगतान न करना नमक स या ह वन कानून का
उ लंघन और एक क ापना शा मल है। ब बई के नकट गु त रे डयो ांसमीटर। स वनय
अव ा आंदोलन का यह चरण दो रयासत क मीर और अलवर म व ोह के साथ मेल
खाता था। पर तु आ दोलन का यह चरण अ धक समय तक कायम न रह सका य क
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गांधीजी क त या गांधीजी ने
सां दा यक पुर कार को भारतीय एकता और रा वाद पर हमले के प म दे ख ा। उ ह ने सोचा
क यह ह धम और द लत वग दोन के लए हा नकारक है य क इससे द लत वग क
सामा जक प से अपमा नत त का कोई जवाब नह मलता है। उ ह ने तक दया क एक
बार जब द लत वग को एक अलग राजनी तक इकाई के प म माना गया तो अ ृ यता को
ख म करने का सवाल कमजोर हो जाएगा जब क अलग नवाचन े यह सु न त करगे क
अछू त हमेशा के लए अछू त बने रहगे। उ ह ने कहा क आव यकता द लत वग के तथाक थत
हत क र ा क नह ब क अ ृ यता का जड़मूल से उ मूलन करने क है।
सतंबर
को द लत वग क ओर से बीआर अंबेडकर ारा पूना सं ध पर ह ता र कए गए पूना सं ध
ने द लत वग के लए अलग नवाचन े के वचार को याग दया। ले कन द लत वग के
लए आर त सीट ांतीय वधानमंडल म से बढ़ाकर और क य वधानमंडल म
कु ल सीट का तशत कर द ग ।
लासेस लीग का नाम बदलकर ह रजन सेवक संघ गांधी ारा कर दया गया अंबेडकर ने
यह दावा करके संगठन छोड़ दया क गांधी के लए अ ृ यता नवारण के वल एक मंच था
कोई ईमानदार काय म नह ।
कसी क आ मा और व को न कर दे गा।
वा तव म गांधीजी कम से कम शासन म ही सव म शासन म व ास करते थे।
दे ख ना
इस कार ऐसा तीत होता है क अंबेडकर और गांधी को सामा जक बुराई और सा ा यवाद अ याय
से समान एलज थी। ले कन एक बु नयाद अंतर जो वा त वक से भी अ धक है ने दोन के
दमाग को अलग कर दया।
ज टस कृ णा अ यर
सारांश
• कलक ा कां ेस अ धवेशन दस बर
सरकार को डो म नयन टे टस वीकार करने के लए एक वष का अ ट मेटम अ यथा पूण वतं ता के लए
स वनय अव ा शु क जाएगी।
• गोलमेज़ स मेलन
अ बेडकर
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आंदोलन
थम चरण क बहस
स वनय अव ा आंदोलन क समा त के तुरंत बाद रा वा दय को या काम करना चा हए इस पर तीन
कोण सामने रखे गए। पहले दो पारंप रक त याएँ थ जब क तीसरा कां ेस के भीतर एक मजबूत
वामपंथी वृ के उदय का त न ध व करता था। तीन कोण इस कार थे.
नेह का कोण
नेह ने कहा नया के लोग क तरह भारतीय लोग के सामने भी मूल ल य पूंज ीवाद
का उ मूलन और समाजवाद क ापना है। उ ह ने स वनय अव ा आंदोलन क वापसी
और प रषद म वेश को एक आ या मक हार आदश का आ मसमपण और
ां तकारी से सुधारवाद मान सकता क ओर वापसी माना।
मु य वशेषताएं
अग त म टश संसद ारा भारत सरकार अ ध नयम पा रत कया गया। इसके मु य
ावधान इस कार थे।
य और वह संघीय सभा को अ य ।
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• सभी सद य का चुनाव सीधे कया जाना था। मता धकार का व तार कया गया
म हला को पु ष के समान ही अ धकार मले। • मं य को सभी ांतीय वषय का शासन
करना होता था
एक धान मं ी क अ य ता वाली मं प रषद म।
• मं य को वधा यका के तकू ल वोट ारा जवाबदे ह और हटाने यो य बना दया
गया। • ांतीय वधा यका ांतीय और समवत सूची के वषय
पर कानून बना सकती थी। • बजट का तशत ह सा अभी भी मतदान यो य नह
था। • रा यपाल ए कसी वधेयक पर सहम त
दे ने से इनकार कर सकता है बी
य
हमने का अ ध नयम बनाया य क हमने सोचा क यह भारत म टश भाव को बनाए रखने का सबसे
अ ा तरीका था।
लॉड लन लथगो वायसराय
पैमाने।
रा वा दय क त या
के अ ध नयम क लगभग सभी वग ने नदा क और कां ेस ने सवस म त से इसे
अ वीकार कर दया। हालाँ क ह महासभा और नेशनल लबरल फाउं डेशन ने खुद को क य
और ांतीय तर पर अ ध नयम के कामकाज के प म घो षत कया। इसके बजाय
कां ेस ने वतं भारत के लए सं वधान बनाने के लए वय क मता धकार के आधार पर
नवा चत सं वधान सभा बुलाने क मांग क ।
यह ऐसे समय म कया जाना था जब कोई जन आंदोलन अभी तक संभव नह था। इस बात
पर पूरी सहम त थी क कां ेस को ये चुनाव एक व तृत राजनी तक और आ थक काय म के
आधार पर लड़ना चा हए जससे लोग क सा ा यवाद वरोधी चेतना को गहरा कया जा
सके । ले कन चुनाव के बाद या करना है ये अभी तक नह था. य द कां ेस को कसी
ांत म ब मत मल गया तो या उसे सरकार बनाने के लए सहमत होना था
कां ेस का दशन
कां ेस ने सीट पर चुनाव लड़कर सीट जीत । यारह ांत क वधानसभा म
सीट थ । इसे बंगाल असम पंज ाब सध और एनड यूएफपी को छोड़कर सभी ांत
म ब मत मला और यह बंगाल असम और एनड यूएफपी म सबसे बड़ी पाट बनकर उभरी।
इस दशन के कारण कां ेस क त ा बढ़ और नेह को एसट एस क मुख रणनी त के
साथ जोड़ दया गया।
सारांश
• थम चरण क बहस i गांधीवाद तज पर
रचना मक काय। ii संवैधा नक संघष और चुनाव म भागीदारी। iii
रचना मक काय और संवैधा नक संघष क अ वीकृ त
सीडीएम क नरंतरता.
ा त म कां ेस का शासन
ा त म कां ेस का शासन
बंबई म ास म य ांत उड़ीसा संयु ांत बहार और बाद म एनड यूएफपी और असम म
भी कां ेस मं मंडल का गठन कया गया।
गांधी जी क सलाह
नाग रक सु वधा
कां ेस मं मंडल ने नाग रक वतं ता पर तबंध को कम करने के लए ब त कु छ कया
प रवतन नह कर सका।
श याँ नह थ ।
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ा त म कां ेस का शासन
म के त कोण
अ य उपाय.
• जेल सुधार कये गये। • वदे शी उ म को
दया गया ो साहन। • म कां ेस अ य सुभाष बोस के नेतृ व म
ग ठत रा ीय योजना स म त के मा यम से योजना वक सत करने के यास कये
गये।
कां ेस क अ त र संसद य जन ग त व ध
ऐसी ग त व धय म शा मल ह • बड़े
पैमाने पर सा रता अ भयान शु करना • कां ेस पु लस टे शन
और पंचायत क ापना • कां ेस शकायत स म तयाँ सरकार को बड़े पैमाने पर
या चकाएँ तुत करना और
मू यांक न
ा त म कां ेस का शासन
सारांश
• पदा धका रय को गांधी जी क सलाह
कायालय का उपयोग ऐसे तरीके से कया जाना चा हए जो अं ेज ारा अपे त या इ त न हो।
कायालय को ह के ढं ग से पकड़ स ती से नह ।
• कां स
े मं ालय के अधीन काम करना नाग रक वतं ता
पर तबंध म ढ ल दे ना।
ेस पर से तबंध हटाया गया.
राजनी तक बं दय और ां तका रय को रहा कर दया गया।
कई अवैध संगठन पु तक और प का से तबंध हटाया।
सीडीएम से जुड़े अ धका रय क पशन क बहाली।
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इकाई आठव
क ओर
आज़ाद और
वभाजन
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रा वाद त या म
तीय व यु क लहर
ह रपुरा फरवरी
म गुज रात के ह रपुरा म कां ेस क बैठक म बोस को सवस म त से स का अ य
चुना गया।
वह अपने इस व ास पर ढ़ थे क ांत म कां ेस मं मंडल म अपार ां तकारी मता
थी जैसा क उ ह ने अपने अ य ीय भाषण म कहा था। बोस ने योजना के मा यम से दे श
के आ थक वकास क भी बात क और बाद म एक रा ीय योजना स म त क ापना म
मह वपूण भू मका नभाई।
पुरी माच
म कां ेस का अ धवेशन म य ांत वतमान म य दे श म जबलपुर के नकट पुरी म
आ। यह था क कां ेस के भीतर सब कु छ ठ क नह था। काय स म त कां ेस क
स ा ढ़ सं ा नवा चत नह होती ब क रा प त ारा मनोनीत होती है इस कार रा प त
का चुनाव एक संवैधा नक अवसर है जसके मा यम से सद यता कां ेस के नेतृ व क कृ त
को करती है। बोस क जीत से वचारधारा और भ व य के संघष के तरीके के संदभ म
ुवीकरण हो गया। इस कार आ धका रक तं के वरोध के बावजूद बोस के चुनाव से
ती आंत रक संक ट पैदा हो गया।
बोस ने अपने चुनाव म मले समथन को गलत बताया था। यहां तक क अ धकांशतः
समाजवाद और क यु न ट भी कां ेस म वभाजन के इ ु क नह थे। उ ह ने महसूस कया क
वभाजन से वामपंथ जो उस समय ब त अ धक संग ठत नह था एक वभा जत समूह म
त द ल हो जाएगा। उ ह ने गांधी के नेतृ व म एकजुट कां ेस को ाथ मकता द य क रा ीय
संघष अ यंत मह वपूण था और उस समय कां ेस इस संघष का मु य अंग थी।
पुरी के ताव म चीन से संबं धत एक दलच ताव था कां ेस चीन के लोग को शुभकामनाएं
दे ती है और ू र और अमानवीय सा ा यवाद के खलाफ उनके संघष म उनके परी ण और अभाव के
त अपनी गहरी सहानुभू त करती है। यह उनके वीरतापूण तरोध के लए उ ह बधाई दे ता है।
पूंज ीवाद सा यवाद शोषण और धा मक हसा अनुप त होगी। इसके बजाय दे श को अतीत
के भारत के अनु प बनाया जाना था। कई मायन म गांधी का लेख न एक पूव आधु नक
नै तक प से बु और अराजनी तक भारतीय रा य का आ ान करता है। वराज य
और सामुदा यक नमाण के मा यम से वशासन पर जोर दे ती है। गत तर पर वराज
नप आ म मू यांक न नरंतर आ म शु और बढ़ती आ म नभरता क मता से मह वपूण
प से जुड़ा आ है।
असं य... नरंतर व तृत होने वाले कभी न चढ़ने वाले ाम गणरा य। मूल इकाई गाँव
होगी जसके लोग सदै व स य और अ हसा के आदश का पालन करगे।
सै यवाद सुभाष
बोस सै य अनुशासन के त गहराई से आक षत थे और भारत र ा बल क व व ालय
इकाई म ा त बु नयाद श ण के लए आभारी थे। म कां ेस के कलक ा
अ धवेशन म औपचा रक समारोह के दौरान उ ह ने वे ा से गाड ऑफ ऑनर का गठन
कया। और यह बड़े पैमाने पर और भ पैमाने पर कया गया था। बोस ने फु ल ेस वद म
अपनी सै नक क समी ा क । गांधी और उनके अ धकांश समथक इस दशन से असहज
थे।
अथ व ा पर वचार गांधी क
वराज क अवधारणा का अपना अलग आ थक कोण था। वह रा य नयं ण के बना
वके कृ त अथ व ा चाहते थे। गांधी ने पूंज ीवाद और प मी समाजवाद दोन को खा रज
कर दया पहला अपनी शोषणकारी याद तय के लए और सरा औ ो गक करण से संबंध के
लए। उनका मानना था क दोन ही मनु य को वला सता और आ म भोग क लालसा क ओर
ले जाते ह।
याग दया गया और तथाक थत उ वग ने कसान का सरल जीवन जीना सीख लया।
धम गांधी ने
कहा ई र स य और ेम है ई र नै तकता और सदाचार है ई र अभय है. ई र काश और
जीवन का ोत है और फर भी वह इन सभी से ऊपर और परे है ई र ववेक है। वह ना तक
क भी ना तकता है। य क अपने असीम ेम म ई र ना तक को जी वत रहने क अनुम त
दे ता है।
औरत
गांधी के श द म म हला को कमजोर लग कहना अपमान है यह म हला के त
पु ष का अ याय है। गांधी जी ने मह वपूण भू मका नभाई
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श ा
गांधीजी अं ेज ी श ा णाली के वरोधी थे और साथ ही श ा के मा यम के प म अं ेज ी
के योग के भी खलाफ थे। वह चाहते थे क श ा ानीय भाषा म हो। उ ह ने से
वष के बीच के सभी लड़क और लड़ कय के लए मु त और अ नवाय श ा क वकालत
क।
तीय व यु और
रा वाद त या
सतंबर को जमनी ने पोलड पर हमला कया वह कारवाई जसके कारण तीय
व यु आ। सतंबर को टे न ने जमनी और अं ेज के खलाफ यु क घोषणा
क
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कां ेस के ताव म कहा गया सं भुता लोग के पास होनी चा हए चाहे वे रा य रयासत
म ह या ांत म। यह भी नणय लया गया क कां ेस संगठन बनते ही कां ेस स वनय अव ा
का सहारा लेगी।
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अग त ऑफर
हटलर क आ यजनक सफलता और बे जयम हॉलड और ांस के पतन ने इं लड को सुलह
के मूड म ला दया। चूँ क यूरोप म यु ने एक नया मोड़ ले लया था मुख कां ेस नेतृ व फर
से वधा म था। गांधी और नेह दोन ने टे न क त का लाभ उठाने के वचार का कड़ा
वरोध कया।
त याएँ कां ेस ने
अग त ताव को अ वीकार कर दया। नेह ने कहा डो म नयन टे टस क अवधारणा एक
डोरनेल के प म मृत है। गांधीजी ने कहा क इस घोषणा ने रा वा दय और टश शासक
के बीच क खाई को चौड़ा कर दया है।
मू यांक न
पहली बार अपना सं वधान बनाने के भारतीय के अंत न हत अ धकार को मा यता द गई और
एक सं वधान सभा क कां ेस क मांग को वीकार कर लया गया। डो म नयन टे टस क
पेशकश क गई थी।
गत स या ह
सरकार ने इस बात पर अ ड़यल ख अपना लया था क जब तक कां ेस मु लम नेता के
साथ समझौता नह कर लेती तब तक कोई संवैधा नक ग त नह हो सकती। इसने एक के
बाद एक अ यादे श जारी कर भाषण और ेस क वतं ता और संघ को संग ठत करने के
अ धकार को छ न लया।
स मशन
माच म टै फ़ ोड स क अ य ता म एक मशन को यु के लए भारतीय समथन
ा त करने के लए संवैधा नक ताव के साथ भारत भेज ा गया था। टै फ़ ोड स एक
वामपंथी लेबराइट हाउस ऑफ़ कॉम स के नेता और टश यु मं मंडल के सद य थे
ज ह ने स य प से भारतीय रा ीय आंदोलन का समथन कया था।
मु य ताव मशन के मु य
ताव इस कार थे।
. डो म नयन त वाला एक भारतीय संघ ा पत कया जाएगा यह रा मंडल के
साथ अपने संबंध पर नणय लेने के लए वतं होगा और संयु रा और अ य अंतररा ीय
नकाय म भाग लेने के लए वतं होगा।
पूण वतं ता के लए
ii नवा चत त न धय ारा नह ब क नामां कत य ारा रयासत का
त न ध व iii ांत को अलग होने का अ धकार
य क यह रा ीय एकता के स ांत के व था और iv स ा के त काल
ह तांतरण के लए कसी योजना का अभाव और
र ा म कसी वा त वक ह सेदारी का अभाव गवनर जनरल क सव ता बरकरार
रखी गई थी और यह मांग वीकार नह क गई थी क गवनर जनरल के वल
संवैधा नक मुख होगा।
मु लम लीग i ने एकल
भारतीय संघ के वचार क आलोचना क ii उ ह सं वधान सभा के
नमाण क मशीनरी और ांत के संघ म वलय पर नणय लेने क या पसंद
नह थी और iii सोचा क ताव ने मुसलमान को आ म नणय और
पा क तान के नमाण के अ धकार से वं चत कर दया।
वचार म
टश सा ा य के प रसमापन क अ य ता करने वाला महाम हम का पहला मं ी नह बना ं।
व टन च चल
सारांश • तीय
व यु पर कां ेस का ख
यह यु यास म सहयोग करेगा य द
i यु के बाद आज़ाद द गई। ii कसी कार क
वा त वक प से ज मेदार सरकार तुरंत ा पत क गई।
• लन लथगो का व अ टू बर
टे न का यु उ े य आ ामकता का वरोध करना है।
भ व य के लए अ ध नयम को संशो धत करने के लए सभी हत समूह से परामश कया जाना है।
• कां ेस क त या
यु म कोई भारतीय समथन नह
ांत म कां ेस मं मंडल को इ तीफा दे ना होगा
ले कन त काल कोई जनसंघष शु नह कया जाएगा
• माच
मु लम लीग के लाहौर अ धवेशन म पा क तान ताव पा रत आ
• अग त ताव अग त
डो म नयन टे टस द घका लक उ े य होगा यु के बाद सं वधान सभा का
गठन कया जाएगा जसम मु य प से भारतीय अ पसं यक क सहम त होगी जो भ व य म कसी
भी समझौते के लए
आव यक होगी।
कां ेस ने ताव खा रज कर दया
• अ टू बर
कां ेस ने शु कया गत स या ह स या हय ने गर तारी द
• माच
जापान लगभग पूरे द ण पूव ए शया पर क ज़ा करने के बाद रंगून प ँचता है।
• स मशन माच
यह ऑफर करता है
डो म नयन टे टस वाला एक भारतीय संघ जसके पास रा मंडल से हटने का अ धकार है। यु
के बाद सं वधान बनाने के लए
ांतीय वधानसभा ारा चुनी गई एक सं वधान सभा।
संघ म शा मल होने के इ ु क कसी भी ांत को टे न के साथ अलग समझौता करने क वतं ता।
मु लम लीग को आप है पा क तान को
प से सं वधान सभा के नमाण के लए मशीनरी क पेशकश नह
क जा रही है।
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अभी संघष य शु कर
कारण कई थे
. संवैधा नक ग तरोध को हल करने म स मशन क वफलता ने संवैधा नक ग त पर
टे न के अप रव तत रवैये को उजागर कया और यह कर दया क अब और चु पी भारतीय के
भा य का फै सला करने के टश अ धकार को उनसे परामश कए बना वीकार करने के समान होगी।
आंदोलन का सार
गांधीजी ने गत स वनय अव ा आंदोलन या स या ह संगठना मक सुधार और लगातार
चार अ भयान के मा यम से सावधानीपूवक ग त का नमाण कया था। हालाँ क सरकार
कां ेस के साथ बातचीत करने या आंदोलन के औपचा रक प से शु होने क ती ा करने
के मूड म नह थी।
जनता उ हो गई आम जनता ने
स ा के तीक पर हमला कया और सावज नक भवन पर जबरन रा ीय झंडे फहराए।
स या हय ने खुद को गर तार करने क पेशकश क पुल को उड़ा दया गया रेलवे ै क
हटा दए गए और टे ली ाफ लाइन काट द ग । इस कार क ग त व ध पूव संयु ांत
और बहार म सबसे ती थी। छा ने कू ल और कॉलेज म हड़ताल करके जुलूस म भाग
लेक र अवैध समाचार प प काएँ लखकर और वत रत करके और भू मगत नेटवक के
लए संदेशवाहक के प म काय करके त या क । अहमदाबाद ब बई जमशेदपुर
अहमदनगर और पूना म मज र हड़ताल पर चले गये।
दे ख ना
. . . हालाँ क अ हसा क आव यकता हमेशा दोहराई जाती थी गांधी का करो या मरो का मं गांधी के उ वाद मूड का
त न ध व करता है।
सु मत सरकार
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समानांतर सरकार
कई ान पर समानांतर सरकार ा पत क ग
• ब लया अग त म एक स ताह के लए च ू के अधीन
पांडे। उ ह ने कई कां ेसी नेता को रहा करवाया।
• तमलुक मदनापुर दसंबर से सतंबर तक जातीय सरकार ने च वात
राहत काय कया कू ल को अनुदान वीकृ त कया अमीर से गरीब तक धान क आपू त क
व ुत वा हनी का आयोजन कया आ द ।
सरकारी दमन
हालाँ क माशल लॉ लागू नह कया गया था दमन गंभीर था। आंदोलनकारी भीड़ पर लाठ चाज
कया गया आंसू गैस छोड़ी गई और गोलीबारी क गई। मारे गए लोग क सं या आंक
गई है।
ेस का मुंह बंद कर दया गया. सेना ने कई शहर पर क ज़ा कर लया पु लस और गु त सेवा ने
सव शासन कया। व ोही गांव पर भारी जुमाना लगाया गया और कई गांव म सामू हक कोड़े
मारे गये।
अनुमान • नेता
के बना रहने पर कोई संयम नह रहा और हसा आम हो गई।
का अकाल
के अकाल से यु क भयावहता और असु वधाएँ बढ़ ग । सबसे अ धक भा वत े
द ण प म बंगाल थे जनम तमलुक क ताई डायमंड हाबर े ढाका फरीदपुर टपपेरा
और नोआखली शा मल थे। इस मूल प से मानव न मत अकाल महामारी मले रया हैज ा
चेचक कु पोषण और भुख मरी म लगभग . से म लयन लोग मारे गए। अकाल के मूल
कारण इस कार थे।
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राजगोपालाचारी फॉमूला
इस बीच चल रहे संवैधा नक संक ट को हल करने के यास चल रहे थे और कु छ य ने
संवैधा नक ताव लाने का भी यास कया।
कां ेस के व र नेता
फॉमूला सी. राजगोपालाचारी सीआर ने म कां ेस लीग सहयोग के लए एक
फॉमूला तैयार कया। यह लीग क पा क तान क मांग क मौन वीकृ त थी। गांधीजी ने इस
फामूले का समथन कया. सीआर योजना के मु य ब थे • मु लम लीग ारा कां ेस क
वतं ता क मांग का समथन करना। • लीग क म अ ायी सरकार बनाने म कां ेस का
सहयोग करेगी। • यु क
समा त के बाद उ र प म और उ र पूव भारत के मु लम ब ल े क पूरी
आबाद जनमत सं ह
ारा यह नणय लेगी क एक अलग सं भु रा य बनाया जाए या नह । • वभाजन क
वीकृ त के मामले म र ा वा ण य संचार आ द क
सुर ा के लए संयु प से समझौता कया जाना चा हए। • उपरो शत के वल तभी
भावी ह गी जब इं लड ने भारत को पूण श याँ ह तांत रत कर द ।
आप याँ ज ा
चाहते थे क कां ेस रा स ांत को वीकार कर ले।
वह चाहते थे क जनमत सं ह म के वल उ र प म और उ र पूव के मुसलमान ही वोट कर
पूरी आबाद नह । उ ह ने साझा क के वचार का भी वरोध कया।
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वेवेल योजना
हालाँ क मई म यूरोप म यु समा त हो गया ले कन जापानी खतरा अभी भी बना आ
था। टे न म च चल के नेतृ व वाली कं जव टव सरकार भारत म संवैधा नक पर समाधान
तक प ंचने क इ ु क थी। वायसराय लॉड वेवेल को भारतीय नेता के साथ बातचीत शु
करने क अनुम त द गई। जून म कां ेस नेता को जेल से रहा कर दया गया।
योजना नए
सं वधान क तैयारी तक गवनर जनरल क कायकारी प रषद का पुन नमाण करने का वचार
था। इस उ े य से जून म वायसराय लाड वेवेल ारा शमला म एक स मेलन बुलाया
गया। वेवेल योजना के मु य ताव इस कार थे।
मु लम लीग का ख
लीग चाहती थी क सभी मु लम सद य लीग के उ मीदवार बन य क उसे डर था क चूं क
अ य अ पसं यक द लत वग सख ईसाई आ द के उ े य कां ेस के समान थे इस लए
यह व ा लीग को एक कर दे गी। तीसरा अ पसं यक. वेवेल ख हयात खान को प मी
पंज ाब से मु लम त न ध के प म चाहते थे। लीग ने प रषद म मुसलमान के वरोध वाले
नणय के लए कसी कार के वीटो का दावा कया जसके अनुमोदन के लए दो तहाई
ब मत क आव यकता थी।
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कां ेस का ख कां ेस ने इस
योजना पर आप जताते ए इसे कां ेस को एक वशु जातीय ह पाट का दजा दे ने का
यास बताया और अपने उ मीदवार म सभी समुदाय के सद य को शा मल करने के अपने
अ धकार पर जोर दया ।
बोस क मुलाकात हटलर से छ नाम ऑरलडो मैज़ ोटा के तहत ई थी। हटलर क
सहायता से वतं ता सेना मु सेना का गठन कया गया जसम जमनी और इटली ारा
पकड़े गए भारतीय मूल के सभी यु बं दय को शा मल कया गया।
जमनी के ेसडेन को वतं ता सेना का कायालय बनाया गया। जमनी के लोग बोस को नेताजी
कहने लगे। उ ह ने जमनी के इं डया सटर से स नारा जय हद दया।
जापानी सेना ारा आईएनए को दया गया था प का नाम मशः शहीद प और वराज
प रखा गया।
जुलाई को सुभाष बोस ने आजाद हद रे डयो से महा मा गांधी को
रा पता कहकर संबो धत कया गांधी को रा पता कहने वाले पहले थे । उ ह ने
भारत क आ खरी आज़ाद क लड़ाई के लए गांधीजी का आशीवाद मांगा।
शाह नवाज़ क कमान वाली एक INA बटा लयन को जापानी सेना के साथ भारत
बमा मोच पर जाने और इंफ ाल अ भयान म भाग लेने क अनुम त द गई थी। हालाँ क भारतीय
को जापा नय से भेदभावपूण वहार मला जसम राशन और ह थयार से इनकार कया
जाना और जापानी इकाइय के लए छोटा काम करना शा मल था और इससे आईएनए
इकाइयाँ नराश और हतो सा हत हो ग ।
इसके बाद लगातार जापानी वापसी ने आईएनए ारा दे श को आज़ाद कराने क कसी
भी उ मीद को ख़ म कर दया। वापसी के म य तक जारी रही।
सारांश
• भारत छोड़ो आंदोलन
लॉ च य ए अब आंदोलन
स क वफलता टश इ ाश क कमी का माण तुत करती है
भारतीय मांग को वीकार करना
यु ो र रा ीय प र य
रा ीय उ ान क दो धाराएँ
टश शासन के पछले दो वष के दौरान रा ीय व ोह के दो बु नयाद पहलु क पहचान
क जा सकती है i सरकार कां ेस और मु लम लीग से
जुड़ी ज टल बातचीत जो तेज ी से सां दा यक हसा के साथ ई और वतं ता और
वभाजन म प रणत ई। ii मक कसान और रा य के लोग ारा छटपुट ानीय
और अ सर बेहद उ वाद और एकजुट जन कारवाई जसने दे श ापी हड़ताल लहर का प
ले लया। इस
तरह क ग त व ध आईएनए रहाई आंदोलन रॉयल इं डयन नेवी आरआईएन
व ोह तेभागा आंदोलन वल व ोह पंज ाब कसान मोचा ावणकोर लोग के संघष वशेष
प से पु परा वायलार करण और तेलंगाना कसान व ोह के कारण ई थी।
यु ो र रा ीय प र य
कां स
े चुनाव अ भयान और आईएनए
परी ण
क स दय म चुनाव ए।
सरकार ऐसे भाषण पर लगाम लगाने म वफल रही. इसका सेवा के मनोबल पर
वनाशकारी भाव पड़ा। कां ेस मं ालय क वापसी क संभावना वशेषकर उन ांत म जहां
दमन सबसे ू र था ने सरकारी सेवा म शा मल लोग के डर को और बढ़ा दया।
यु ो र रा ीय प र य
कानदार कान बंद कर रहे ह कै दय क रहाई क मांग करने वाले राजनी तक समूह
आईएनए फं ड म योगदान छा बैठक और क ा का ब ह कार कसान स मेलन का
आयोजन और अ खल भारतीय म हला स मेलन आईएनए कै दय क रहाई क मांग कर रहा
है।
यु ो र रा ीय प र य
बे वाद भोजन वर
अ धका रय ारा वहार एचएमआईएस
पर भारत छोड़ो लखने पर रे टग क गर तारी
तलवार
आईएनए ने
इंडोने शया म भारतीय सै नक का परी ण कया उनक वापसी क मांग क ।
यु ो र रा ीय प र य
चुनाव प रणाम
कां ेस का दशन
• इसे तशत गैर मु लम वोट मले। • इसने स ल असबली क
सीट म से पर क जा कर लया। • ांतीय चुनाव म इसे बंगाल सध और
पंज ाब को
छोड़कर अ धकांश ांत म ब मत मला। कां ेस ब मत वाले ांत म एनड यूएफपी
और असम शा मल थे जन पर पा क तान होने का दावा कया जा रहा था।
मु लम लीग का दशन
• उसे . फ सद मु लम वोट मले. • इसने स ल असबली क
आर त सीट पर क ज़ा कर लया। • ांतीय चुनाव म उसे बंगाल और सध म
ब मत मला।
यु ो र रा ीय प र य
कै बनेट मशन
एटली सरकार ने फरवरी म तीन टश कै बनेट सद य पे थक लॉरस भारत के रा य
स चव टै फ़ ोड स ापार मंडल के अ य और एवी अले जडर एड मर ट के थम
लॉड का एक उ श मशन भेज ने के नणय क घोषणा क । भारत को बातचीत के ज रए
शां तपूण तरीके से स ा ह तांत रत करने के तरीके और साधन तलाशने के लए। पे थक
लॉरस मशन के अ य थे।
टश वापसी य तीत ई
अब आस
यु ो र रा ीय प र य
बंगाल और सख और ह ब ल अंबाला और
पंज ाब के जालंधर संभाग पहले से ही कु छ सख नेता दे श का वभाजन होने पर
एक अलग रा य क मांग कर रहे थे
यु ो र रा ीय प र य
समूहीकरण क व भ ा याएँ
धारा
येक पाट या समूह ने योजना को अपने कोण से दे ख ा।
मु य आप याँ व भ प ने
अलग अलग आधार पर योजना पर आप जताई।
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यु ो र रा ीय प र य
सां दा यक नरसंहार और
अंत रम सरकार
अंत रम सरकार
कां ेस के दबदबे वाली कां ेस ारा ापक कारवाई के डर से
नेह के नेतृ व वाली अंत रम सरकार ने शपथ ली
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यु ो र रा ीय प र य
भारतीय क चा र क वशेषताएं
सां दा यकता
सां दा यकता अ धक सट क प से सां दा यकता मूल प से एक वचारधारा है जो
सम प से ापक समाज के बजाय कसी के अपने जातीय धा मक समूह को अ धक मह व
दे ती है जो भारत म तीन ापक चरण के मा यम से वक सत ई है।
यु ो र रा ीय प र य
सामा जक आ थक कारण धम वा तव म
ह और मुसलमान के आ थक और राजनी तक हत को नधा रत नह करता था। एक
समुदाय जसम ह और मु लम भी शा मल ह सरे समुदाय जसम ह और मु लम भी
शा मल ह से भाषा सं कृ त जा त सामा जक त भोजन और पोशाक क आदत
सामा जक था या री त रवाज आ द के आधार पर भ होते थे। सामा जक और
सां कृ तक प से भी ह और मु लम जनता म समानता वक सत हो गई थी
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यु ो र रा ीय प र य
दे ख ना
यु ो र रा ीय प र य
यु ो र रा ीय प र य
यु ो र रा ीय प र य
तुत ह के उ सां दा यक रा वाद और गोलवलकर जैसे नेता के वचार म पाई गई। उ सा दा यकता
के आगमन के कई कारण थे।
Views
ब सं यक और अ पसं यक समुदाय का टश सरकार क दे न है और उनके हटने के साथ ही
गायब हो जाएगा।
एमके गांधी
आग़ा खान
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यु ो र रा ीय प र य
सारांश
• टश शासन के अं तम दो वष
दो बु नयाद सू
• कै बनेट मशन
ताव
पा क तान क अ वीकृ त
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यु ो र रा ीय प र य
एटली का फ़रवरी का व
टश धान मं ी लेमट एटली ने चार ओर क परेशानी को महसूस करते ए फरवरी
को एक घोषणा क । टश हाउस ऑफ कॉम स ने भारतीय उपमहा प छोड़ने के
टश इरादे क घोषणा क ।
एटली के बयान के मु य ब
कां ेस का ख एक से अ धक
क को स ा ह तांतरण का ावधान कां ेस को वीकाय था य क इसका मतलब था क
मौजूदा वधानसभा आगे बढ़ सकती थी और अपने त न ध व वाले े के लए एक सं वधान
बना सकती थी और इसने मौजूदा ग तरोध से बाहर नकलने का रा ता पेश कया।
आज़ाद और बँटवारा
सां दा यक दं ग और कां ेस लीग गठबंधन क अ वहायता ने क शु आत म कई
लोग को वभाजन के अब तक अक पनीय वचार को वीकार करने के बारे म सोचने के लए
मजबूर कया।
सबसे बल मांग अब बंगाल और पंज ाब के ह और सख सां दा यक समूह से आई है जो
अ नवाय समूहीकरण क संभावना से च तत थे जो उ ह पा क तान म मल सकता है। बंगाल
म ह महासभा प म बंगाल म एक अलग ह ांत क वहायता का आकलन कर रही थी।
मु य ब योजना के
मह वपूण ब इस कार थे.
• पंज ाब और बंगाल वधान सभा म वोट दे ने के लए ह और मु लम दो समूह म
बैठक ह गी
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श
ii कां ेस के लए व ोटक त क जाँच करने का अ धकार अपने हाथ म लेना अ धक
मह वपूण था और iii यह नौकरशाही और सेना म कु छ आव यक नरंतरता क
अनुम त दे गा।
दे ख ना
हालाँ क इस दावे का कोई आधार नह है क स वनय अव ा आंदोलन सीधे तौर पर वतं ता का
कारण बना। गांधीजी के अ भयान...भारत को आज़ाद मलने से लगभग चौदह साल पहले ही ख़ म
हो गए... थम व यु के दौरान भारतीय ां तका रय ने सश व ोह ारा दे श को आज़ाद कराने
के लए यु साम ी के प म जमन मदद का लाभ उठाने क को शश क । ले कन यास सफल नह
आ. तीय व यु के दौरान सुभाष बोस ने इसी प त का पालन कया और आईएनए का नमाण
कया। शानदार योजना और शु आती सफलता के बावजूद सुभाष बोस के हसक अ भयान वफल
रहे... भारत क आजाद क लड़ाई टे न के खलाफ भी लड़ी जा रही थी हालां क परो प से
यूरोप म हटलर और ए शया म जापान ारा। इनम से कसी को भी य सफलता नह मली ले कन
कु छ लोग इस बात से इनकार करगे क यह इन तीन का संचयी भाव था जसने भारत को वतं ता
दलाई।
आरसी मजूमदार
ारं भक त थ का औ च य अग त
टे न डो म नयन टे टस के लए कां ेस क सहम त सु न त करना चाहता था। साथ ही
अं ेज सां दा यक त क ज मेदारी से बच सकते थे।
बा कन क योजना बनाएं
ज द नकासी क सम या
माउं टबेटन के अधीन घटना क ती ग त के कारण वभाजन के ववरण व त करने म वसंग तयाँ पैदा
और पंज ाब नरसंहार को रोकने म पूरी तरह से असफल रहे य क
रा य का एक करण के दौरान
राजनी तक अ धकार और सं वधान सभा म वैक पक त न ध व क मांग को लेक र रा य जन आंदोलन का
एक नया उभार आ। नेह ने उदयपुर और वा लयर अ ैल म अ खल भारतीय रा य
पीपु स कॉ स स क अ य ता क । उ ह ने घोषणा क क सं वधान सभा म शा मल होने से इनकार करने
वाले रा य के साथ श ुतापूण वहार कया जाएगा। जुलाई म व लभभाई पटे ल ने नये रा य वभाग
का कायभार संभाला। पटे ल के अधीन भारतीय रा य का समावेश दो चरण म आ दोन म लोभन और
जन दबाव के कु शल संयोजन के साथ।
वभाजन क अ नवायता
कां ेस ने वभाजन को य वीकार कया • मु लम जनता को
रा ीय आंदोलन म आक षत करने म द घका लक वफलता के कारण कां ेस के वल
अप रहाय को वीकार कर रही थी। वभाजन कां ेस के नेतृ व वाले सा ा यवाद वरोधी
आंदोलन क सफलता असफलता के ं को दशाता है।
वली खान
आर जे मूर
सच तो यह है क हम थके ए आदमी थे और हम वष म भी आगे बढ़ रहे थे। हमम से कु छ लोग फर से जेल जाने क संभावना
को बदा त कर सकते ह और अगर हम अखंड भारत के लए खड़े होते जैसा क हम चाहते थे तो जा हर तौर पर जेल हमारा
इंतजार कर रही होती। हमने पंज ाब म आग जलती दे ख ी और हर दन ह या क खबर सुन । वभाजन क योजना ने एक रा ता
सुझ ाया और हमने उसे वीकार कर लया।
मुझ े लगा क अगर हमने वभाजन वीकार नह कया तो भारत कई टु क ड़ म बंट जायेगा और पूरी तरह बबाद हो जायेगा. एक
वष के कायालय के मेरे अनुभव ने मुझ े आ त कया क जस तरह से हम आगे बढ़ रहे ह वह हम वनाश क ओर ले जाएगा।
हमारे पास एक नह ब क कई पा क तान होते. हमारे हर द तर म पा क तान सेल होते.
सरदार पटे ल
मौलाना आज़ाद
गांधी क बेबसी
गांधी असहाय महसूस कर रहे थे य क लोग का सां दा यकरण हो गया था। उनके पास
वभाजन वीकार करने के अलावा कोई वक प नह था य क लोग यही चाहते थे।
सां दा यकता से लड़ने के लए सां दा यक लोग को शा मल करके कोई आंदोलन कै से हो
सकता है हालाँ क उ ह ने कां े सय से कहा क वे इसे अपने दल से वीकार न कर।
दे ख ना
मने अके ले ही अपने से े टरी और टाइपराइटर क मदद से मुसलमान के लए पा क तान जीत लया।
एमए ज ा
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सारांश
• एटली का व फरवरी
जून स ा ह तांतरण क समय सीमा तय क गई
स ा एक क को या कु छ े म मौजूदा ांतीय सरकार को ह तांत रत क जा सकती है
• जुलाई
भारतीय वतं ता अ ध नयम को शाही वीकृ त मली और इसे अग त को लागू
कया गया।
इकाई IX
भारत के अंतगत
टश शासन
शासन और अ य
पहलू
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संवैधा नक शास नक और
या यक वकास
म ई ट इं डया कं पनी क ापना और म एक ापा रक इकाई से एक शासक
सं ा म इसके प रवतन का भारतीय राजनी त और शासन पर कोई त काल भाव नह पड़ा।
ले कन कं पनी शासन के तहत और के बीच क अव ध और फर तक
टश ाउन के तहत संवैधा नक और शास नक प रवतन क अ धकता दे ख ी गई। इन
प रवतन क कृ त और उ े य टश सा ा यवाद वचारधारा क सेवा करना था ले कन
अनजाने म उ ह ने भारत क राजनी तक और शास नक व ा म आधु नक रा य के त व
को शा मल कर दया।
और के बीच संवैधा नक
वकास
ब सर क लड़ाई के बाद ई ट इं डया कं पनी को बंगाल बहार और उड़ीसा क द वानी
राज व एक करने का अ धकार मल गया। मुगल स ाट शाह आलम तीय को वा षक
स सडी और अवध के नवाब शुज ा उद दौला को वा षक पशन द जानी थी। कं पनी ने दो
भारतीय को ड ट द वान नयु कया बंगाल के लए मोह मद रज़ा खान और बहार के लए
राजा शताब राय।
कसान वग •
कं पनी का दवा लयापन जब क नौकर फल फू ल रहे थे।
का रेगुले टग ए ट
• रेगुले टग ए ट ने ई ट इं डया कं पनी के कामकाज को नयं त और व नय मत
करने के यास म भारतीय मामल म टश सरकार क भागीदारी को ज म दया। इसने माना
क भारत म कं पनी क भू मका के वल ापार से परे शास नक और राजनी तक े तक
फै ली ई है और क कृ त शासन के त व को पेश कया।
का अ ध नयम •
कॉनवा लस गवनर जनरल और कमांडर इन चीफ दोन क श याँ ा त करना
चाहता था। नए अ ध नयम ने इस मांग को वीकार कर लया और उसे श भी दे द ।
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का चाटर अ ध नयम
इं लड म ापा रक हत भारत म ापार पर कं पनी के एका धकार को समा त करने के
लए दबाव डाल रहे थे य क नेपो लयन ारा अह त ेप क भावना और महा पीय
णाली के कारण यूरोपीय बंदरगाह टे न के लए बंद कर दए गए थे। के अ ध नयम
ने इन शकायत का नवारण करने क मांग क • भारत म ापार पर कं पनी का एका धकार
समा त हो गया ले कन कं पनी ने चीन के साथ ापार और चाय के ापार को बरकरार
रखा। • कं पनी के शेयरधारक को भारत के राज व पर . तशत का लाभांश
दया गया।
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बढ़ा आ. •
भारत के मूल नवा सय के बीच सा ह य श ा और व ान के पुन ार चार और
ो साहन के लए हर साल एक लाख पये क रा श अलग रखी जानी थी।
उ े य.
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ाउन ारा स ा क धारणा सार के बजाय औपचा रकता म से एक थी। इसने पहले
से ही मरे ए घोड़े को स मानपूवक दफ़नाया कं पनी शासन ने।
के बाद से अब तक का वकास
आजाद
भारतीय प रषद अ ध नयम • के
अ ध नयम ने इस दशा म ग त क क वधायी नकाय म गैर सरकारी त न धय
के स ांत को वीकार कर लया गया कानून उ चत वचार वमश के बाद बनाए जाने थे और
कानून के टु क ड़ के प म उ ह के वल उसी वचार वमश या ारा बदला जा सकता था।
इस कार कानून नमाण को अब कायपा लका के वशेष वसाय के प म नह दे ख ा गया।
बढ़ाए गए.
• क य और ांतीय दोन वधान प रषद क श यां बढ़ा द ग ।
साइमन कमीशन
के अ ध नयम म ावधान कया गया था क अ ध नयम के दस साल बाद इसके
कामकाज पर रपोट दे ने के लए एक रॉयल कमीशन नयु
कया जाएगा।
नवंबर म नधा रत समय से दो साल पहले टश सरकार ने ऐसे आयोग भारतीय
वैधा नक आयोग क नयु क घोषणा क । आयोग ने म अपनी रपोट तुत क ।
इसने सफा रश क क ै ध शासन को समा त कया जाए ांत म ज मेदार सरकार का
व तार कया जाए टश भारत और रयासत का एक संघ ा पत कया जाए और
सां दा यक नवाचन मंडल जारी रखा जाए।
लगभग सभी वग ारा और कां ेस ारा सवस म त से खा रज कर दया गया। इसके बजाय
कां ेस ने वतं भारत के लए सं वधान बनाने के लए वय क मता धकार के आधार पर
नवा चत सं वधान सभा बुलाने क मांग क ।
कॉनवा लस क भू मका
कॉनवा लस गवनर जनरल स वल सेवा को अ त व म लाने और व त
करने वाले पहले थे। उ ह ने ाचार को रोकने क को शश क • स वल सेवक का
वेतन बढ़ाना • नजी ापार के खलाफ
नयम को स ती से लागू करना • स वल सेवक को
उपहार र त लेने से रोकना
वगैरह।
वेले ली क भू मका म
वेले ली गवनर जनरल ने नए रंग ट के श ण के लए फोट व लयम
कॉलेज क ापना क । म वेले ली के कॉलेज को कोट ऑफ डायरे टस ने अ वीकार
कर दया और इसके बजाय रंग ट को दो साल का श ण दे ने के लए इं लड के हैलेबरी
म ई ट इं डया कॉलेज क ापना क गई।
का चाटर अ ध नयम के
चाटर अ ध नयम ने कं पनी के संर ण को समा त कर दया और आगे से खुली तयो गता
के मा यम से भत करने का आदे श दया।
• यह व ास क के वल अं ेज़ ही टश हत क पू त के लए शास नक सेवाएँ
ा पत कर सकते ह • यह व ास क भारतीय अयो य अ व सनीय
और टश हत के त असंवेदनशील थे • त य यह है क आकषक पद के
लए वयं यूरोपीय लोग के बीच अ य धक त धा थी तो उ ह
भारतीय को य दया जाए।
टे न.
डफ़ रन ारा ा पत सावज नक सेवा पर ए चसन स म त ने सफा रश
क • सं वदाकृ त और असं वदाकृ त श द को हटा
दया जाए • स वल सेवा का वग करण इंपी रयल इं डयन स वल स वस इं लड म
परी ा ांतीय स वल
सेवा भारत म परी ा और अधीन स वल सेवा भारत म परी ा म और • आयु
सीमा बढ़ाकर वष करना।
म टफोड सुधार
म टफोड सुधार • ने एक यथाथवाद
नी त बताई य द भारत म एक ज मेदार सरकार ा पत करनी है तो हम जतने
अ धक भारतीय को सावज नक सेवा म नयो जत कर सक उतना बेहतर होगा।
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ली कमीशन
ली आयोग ने सफा रश क क • रा य स चव को आईसीएस
इंज ी नयर क सेवा क सचाई शाखा भारतीय वन सेवा आ द क भत जारी
रखनी चा हए
म पु लस व ा का वकास
आधु नक भारत
अं ेज ने अ खल भारतीय पु लस नह बनायी।
अं ेज के अधीन सेना
सेना भारत म कं पनी के शासन क रीढ़ थी।
के व ोह से पहले टश नयं ण म सै य बल के दो अलग अलग समूह थे जो भारत
म संचा लत होते थे। इकाइय का पहला समूह जसे रानी क सेना के नाम से जाना जाता है
भारत म ूट पर तैनात सेवारत सै नक थे। सरी कं पनी क सेना थी ता नय क यूरोपीय
रेज ीमट और भारत से ानीय तर पर भत क गई मूल रेज ीमट का म ण ले कन टश
अ धका रय के साथ। रानी क सेना ाउन के सै य बल का ह सा थी।
ऊपर। •
कॉनवा लस कोड बनाया गया राज व और याय को अलग कर
दया गया
शासन।
बाद के वकास
यह ावधान कया गया क यूरोपीय लोग आपरा धक मामल को छोड़कर
कसी वशेष वशेषा धकार का दावा नह कर सकते और भारतीय मूल का कोई यायाधीश
उन पर मुक दमा नह चला सकता।
सु ीम कोट और सदर अदालत को कलक ा बॉ बे और म ास म तीन
उ यायालय म मला दया गया।
मू यांक न
शासन क य
ांतीय ानीय
क सरकार ने भारत क बेहतर सरकार
के लए अ ध नयम म शासन करने क श ई ट इं डया कं पनी से टश ाउन को
ह तांत रत कर द । ज टल प र तय म दे श का शासन चलाने म कं पनी क सीमाएँ
के व ोह से उजागर हो गई थ इसके अलावा यादा जवाबदे ही भी नह थी.
भारत म सरकार को पहले क तरह गवनर जनरल ारा चलाया जाना था जसक
त ा य द अ धकार नह तो उसे द गई वायसराय क नई उपा ध के साथ बढ़ गई थी।
वाइसराय को एक कायकारी प रषद ारा सहायता दान क जानी थी जसके सद य को
व भ वभाग के मुख के साथ साथ वाइसराय के आ धका रक सलाहकार के प म काय
करना था।
ांतीय सरकार
भारतीय प रषद अ ध नयम ने म ास और बंबई ांत को वधायी श यां वापस कर
द जो म छ न ली गई थ । बाद म अ य ांत म वधायी प रषद ा पत क ग । ब बई
म ास क तीन ेसीडसी
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ानीय नकाय
नगर पा लका और जला बोड के मा यम से ानीय सरकार को बढ़ावा दे क र शासन
का वक करण करने का नणय लया गया
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और के बीच इस अव ध म
पहली बार ानीय नकाय का गठन कया गया था ले कन यादातर मामल म इसम नामां कत
सद य होते थे और उनका नेतृ व जला म ज े ट करते थे। इस कार इ ह अ त र कर सं ह
के उपकरण के अलावा और कु छ नह दे ख ा गया।
भावी ानीय वशासी नकाय का युग अभी भी एक अधूरा सपना था। मौजूदा ानीय
नकाय म कई क मयां थ । • सभी जला बोड और कई नगर पा लका म नवा चत सद य
अ पमत म थे • मता धकार ब त सी मत था • जला बोड का नेतृ व जला अ धकारी
करते रहे हालां क धीरे धीरे गैर अ धकारी नगर पा लका के मुख
बन गये • सरकार ने स त नयं ण बनाए रखा और
वह अपनी इ ानुसार इन नकाय को नलं बत या ानांत रत कर सकती थी।
मई का संक प इस ताव म अग त
क घोषणा के आलोक म ानीय वशासन के संपूण क समी ा क गई
जसम घोषणा क गई थी क संवैधा नक ग त क भ व य क दशा भारत के लोग को
ज मेदार सरकार दान करने क ओर है। उस आदश क ग तशील ा त क दशा म
पहला कदम ानीय वशासन के े म होना था।
ै ध शासन के तहत
ानीय वशासन को भारत सरकार अ ध नयम ारा लोक य मं तरीय नयं ण
के तहत एक ह तांत रत वषय बना दया गया था और येक ांत को ांतीय
आव यकता और आव यकता के अनुसार ानीय वसं ान वक सत करने क
अनुम त द गई थी।
ले कन चूं क व एक कायकारी पाषद के भार के तहत एक आर त वषय था
इस लए भारतीय मं ी धन क कमी के कारण ानीय वशासन के े म यादा काम नह
कर सके ।
भारत म टश नी तय का सव ण
भारत म टश नी तय का सव ण
शास नक नी तयाँ
ग तशील तज पर भारत को आधु नक बनाने क को शश करने के उनके से पहले के
इराद के वपरीत अब शासन ने इस बहाने से प से त यावाद नी तयां अपना
क भारतीय व शासन के लए उपयु नह थे और उ ह अपने जीवन म टश उप तक
आव यकता थी।
श त भारतीय के त श ुता
उभरता आ म यवग य रा वाद नेतृ व टश शासन के शोषणकारी औप नवे शक च र का
व ेषण कर रहा था
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Views
सभी अनुभव हम सखाते ह क जहां एक मुख जा त सरे पर शासन करती है वहां सरकार का
सबसे नरम प नरंकु शता है।
चा स वुड भारत के रा य स चव
अ वक सत सामा जक सेवाएँ
सेना और नाग रक शासन पर अनुपातहीन प से बड़ा य और यु क लागत पर खच
करने के लए ब त कम बचा
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भारत म टश नी तय का सव ण
म वधान यूरोप म औ ो गक ां त
के ारं भक चरण क तरह उ ीसव सद के भारत म कारखान और बागान म काम करने क
तयाँ दयनीय थ । म हला और ब के साथ साथ पु ष के लए भी काम के घंटे लंबे
थे और मज़ री कम थी। भीड़ भाड़ वाले कम हवादार और कम रोशनी वाले काय ल म
सुर ा उपाय ावहा रक प से अ त वहीन थे।
मुझ े उ र
प म और पंज ाब म ह और मुसलमान के बीच बढ़ती खटास के बारे म सुनकर ख आ। कोई
नह जानता क या चाहा जाए य क वचार और काय क एकता राजनी तक प से ब त
खतरनाक हो सकती है वचार का वचलन और टकराव शास नक से क कारी है। दोन म से
उ रा सबसे कम जो खम भरा है हालां क यह उन लोग पर चता और ज मेदारी डालता है जहां
घषण मौजूद है।
है म टन रा य स चव
ेस क वतं ता पर तबंध
रा वा दय ने जनता क राय को श त करने और आलोचना और नदा के मा यम से
सरकारी नी तय को भा वत करने और बाद म रा ीय चेतना जगाने के लए ेस ौ ो गक
म नई ग त का उपयोग करने म तेज ी दखाई थी।
भारत म टश नी तय का सव ण
ेत न लवाद
औप नवे शक शासक ारा भारतीय को रेलवे के ड ब पाक होटल लब आ द म उ
ेड क सेवा नाग रक और सै य दोन से व त प से बाहर करके और न लीय
अहंक ार के सावज नक दशन ारा ेत े ता क धारणा को ब त सावधानी से बनाए रखा
गया था। मारपीट मारपीट और यहां तक क ह याएं घटना के प म रपोट क ग ।
जैसा क ए गन ने एक बार लखा था हम के वल इस त य को बनाए रखते ए शासन कर
सकते ह क हम मुख न ल थे हालां क सेवा म भारतीय को ो सा हत कया जाना
चा हए एक ब है जहां हम नयं ण अपने पास रखना होगा अगर हम बने रहना है ।
टश सामा जक और सां कृ तक
भारत म नी त
तक अं ेज ने दे श के सामा जक धा मक और सां कृ तक जीवन म ह त ेप न करने
क नी त का पालन कया। के बाद व और व शता द के दौरान यूरोप म
मह वपूण प रवतन के म े नजर उ ीसव शता द के टे न म नए हत और वचार के उ व
के कारण भारतीय समाज और इसके सां कृ तक प रवेश को बदलने के लए उपाय कए गए।
इनम से कु छ प रवतन थे
नये वचार के ल ण
नवीन वचार धारा क कु छ वशेषताएँ
थे
वचारधारा के कू ल वचार क इन नई
धारा ने शासक के बीच संघष पैदा कया और व भ वचारधारा को ज म दया
ढ़वा दय ने यथासंभव कम बदलाव लाने क वकालत क । उनका मानना था क भारतीय
स यता यूरोपीय स यता से भ है ले कन ज री नह क उससे कमतर हो।
भारत म टश नी तय का सव ण
टश र ट
हालाँ क के बाद झझक भरी आधु नक करण क नी त को धीरे धीरे छोड़ दया गया।
हालाँ क भारतीय यो य श य सा बत ए और अपने समाज के आधु नक करण और अपनी
सं कृ त पर जोर दे ने क ओर तेज ी से आगे बढ़े और वतं ता समानता और याय के आधु नक
स ांत के अनुसार शासन क मांग क । अब अं ेज़ समाज के सामा जक प से ढ़वाद
और ढ़वाद त व के प म आ गये। उ ह ने जा तवाद और सा दा यकता को भी बढ़ावा
दया।
टश नी त के त
रयासत
रयासत के साथ संबंध को दो सू ीय नी त ारा नद शत कया जाना था उ ह सा ा य क
सुर ा के प म उपयोग करना और बनाए रखना और उ ह पूरी तरह से टश ा धकरण
अधीन संघ क नी त के अधीन करना।
भारत म टश नी तय का सव ण
दे ख ना
भारत म टश वदे श नी त
टश सा ा यवाद के हत से नद शत वदे श नी त के अनुसरण के कारण अ सर भारत का
पड़ोसी दे श के साथ टकराव होता था। ये संघष व भ कारण से उ प ए। सबसे पहले दे श
के राजनी तक और शास नक सु ढ़ करण के साथ साथ संचार के आधु नक साधन क
शु आत ने भारत सरकार को आंत रक सामंज य के लए ाकृ तक भौगो लक सीमा तक
प ंचने के लए े रत कया।
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सारांश
• शास नक नी तयाँ
श त भारतीय से श ुता।
जम दार और जम दार को रा वा दय के तकार के प म आगे बढ़ाया गया।
सामा जक सुधार को समथन क नी त का उलटा होना।
सामा जक सेवा क अनदे ख ी क गई।
आधे अधूरे मन से और अपया त म कानून पेश कये गये।
जहां भी दे ख ा गया क ेस का दमन रा वाद उभार म मदद कर रहा है।
जातीय अहंक ार.
का आ थक भाव
भारत म टश शासन
वऔ ोगीकरण बबाद
कारीगर और ह त श पी
यूरोपीय बाज़ार भारतीय नयात के लए लगभग बंद कर दये गये। भारतीय बाज़ार म
टश न मत स ते कपड़ क बाढ़ आ गई।
नए शु कए गए रेल नेटवक ने यूरोपीय उ पाद को दे श के सु र कोन तक प ंचने म मदद
क । शु नयातक से भारत शु आयातक बन गया।
ामीणीकरण
वऔ ोगीकरण क एक अ य वशेषता कई शहर का पतन और भारत के ामीणीकरण क
या थी। कई कारीगर को कम रटन और दमनकारी नी तय का सामना करना पड़ा बंगाल
म कं पनी के शासन के दौरान कारीगर को कम मज री द जाती थी और उ ह अपने उ पाद
कम क मत पर बेचने के लए मजबूर कया जाता था उ ह ने अपना पेशा छोड़ दया गांव म
चले गए और खेती करने लगे। इसके प रणाम व प भू म पर दबाव बढ़ गया। टश शासन
के दौरान अ य धक बोझ वाला कृ ष े गरीबी का एक मुख कारण था और इससे गाँव क
आ थक व ाअ त त हो गई।
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कसान वग क द र ता
सरकार जो के वल लगान को अ धकतम करने और राज व म अपना ह सा सुर त करने म
च रखती थी ने बड़े ह से म ायी नपटान णाली लागू क थी। भू म क ह तांतरणीयता
नई ब ती क एक वशेषता थी जसके कारण करायेदार को भारी असुर ा का सामना करना
पड़ा ज ह ने भू म पर अपने सभी पारंप रक अ धकार खो दए। भू म उ पादकता म सुधार पर
सरकार ारा ब त कम खच कया गया। बढ़ ईश य के साथ जम दार ने सं त
न कासन का सहारा लया उपज म अपना ह सा अ धकतम करने के लए अवैध बकाया और
बेगार क मांग क और इस तरह कृ ष म सुधार के लए नवेश करने के लए उनके पास कोई
ो साहन नह था। अ य धक बोझ से दबे कसान को जम दार को अपना बकाया चुक ाने म
स म होने के लए सा कार के पास जाना पड़ता था। सा कार जो अ सर गाँव का अनाज
ापारी भी होता था कसान को अपना बकाया चुक ाने के लए कम क मत पर उपज बेचने के
लए मजबूर करता था। श शाली सा कार यायपा लका और कानून को अपने प म करने
म भी स म था।
दे ख ...
अ धकांश औप नवे शक युग के लए भारत के नमाण क कहानी बेदखली व ापन और हार क
थी। भारत के व के साथ जो आ वह सव दोहराया गया। सुंदरलड ारा व णत महान व नमाण
रा से भारत के वल क े माल और खा पदाथ क े कपास साथ ही जूट रेशम कोयला अफ म
चावल मसाल और चाय का नयातक बन गया।
बचौ लय का उ व अनुप त
जम दारी पुराने जम दार का खंडहर
तक बंगाल क कु ल भू म का आधा ह सा नए हाथ म चला गया था ापारी
सा कार और शहर म रहने वाले अ य धनवान वग। नए ज़म दार ने बढ़ ईश य के साथ
ले कन नए नवेश के लए ब त कम या कोई रा ता नह होने के कारण भू म क ज़ा और उप
संघष का सहारा लया। भुगतान कए जाने वाले बचौ लय क सं या म वृ ने अनुप त
जम दारीवाद को ज म दया और कसान पर बोझ बढ़ गया। चूँ क भू म क माँग अ धक थी
क मत बढ़ ग और कसान क दे नदा रयाँ भी बढ़ ग । का तकार के साथ कोई पारंप रक या
परोपकारी संबंध न होने के कारण जम दार के पास कृ ष के सुधार म नवेश करने के लए कोई
ो साहन नह था। जम दार का हत के वल टश शासन को कायम रखने और रा ीय
आंदोलन का वरोध करने म था।
ठहराव और गरावट
कृ ष
कृ षक के पास कृ ष म नवेश करने के लए न तो साधन थे और न ही कोई ो साहन। जम दार
क गाँव म कोई जड़ नह थ जब क सरकार कृ ष तकनीक या जन श ा पर ब त कम
खच करती थी। इन सबने उप सं मण के कारण भू म के वखंडन के साथ आधु नक
ौ ो गक को लागू करना क ठन बना दया जससे उ पादकता का तर लगातार न न तर पर
रहा।
अकाल और गरीबी
भारत म अकाल क नय मत पुनरावृ दै नक अ त व क एक सामा य वशेषता बन गई। ये
अकाल सफ खा ा क कमी के कारण नह थे ब क भारत म औप नवे शक ताकत ारा
फै लाई गई गरीबी का य प रणाम थे। से के बीच अकाल म करीब . करोड़
लोग क मौत ई.
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भारतीय कृ ष का ावसायीकरण
उ ीसव सद के उ राध म एक और मह वपूण वृ कृ ष के ावसायीकरण का उदय थी।
अब तक कृ ष एक ावसा यक उ म के बजाय जीवन जीने का एक तरीका था। अब कृ ष
ावसा यक वचार से भा वत होने लगी। कु छ व श फ़सल गाँव म उपभोग के लए नह
ब क रा ीय और यहाँ तक क अंतरा ीय बाज़ार म ब के लए उगाई जाने लग ।
दे ख
कं पनी के नौकर ने मूल नवा सय को महँगा खरीदने और स ते म बेचने के लए मजबूर कया... इस
कार कलक ा म भारी संप तेज ी से जमा हो गई जब क तीस करोड़ मनु य गरीबी क चरम सीमा
तक प ँच गए। उ ह इस तरह अ याचार के अधीन कभी नह रहना पड़ा था...
मैक ाले
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उ ोग का वनाश और व
आधु नक उ ोग का वकास
भारतीय उ ोग लगातार न हो गये। भारत क कपड़ा त धा का न होना भारत के
औ ोगीकरण का वलंत उदाहरण है। अं ेज ने भारतीय व के लए पाउं ड म भुगतान
करना बंद कर दया इसके बजाय उ ह ने बंगाल से ा त राज व से ब त कम दर पर भुगतान
करना चुना जससे कसान और अ धक गरीब हो गए।
दे ख ना
वऔ ोगीकरण एक सोची समझी टश नी त थी कोई घटना नह । टश उ ोग फला फू ला
और भारतीय उ ोग टै रफ और व नयामक उपाय ारा े रत व त वनाश के कारण नह
फला फू ला जसने टश उ ोग को भारतीय बाजार पर वजय ा त करने के प म खड़ा कर
दया न क इसके वपरीत।
क रा वाद आलोचना
औप नवे शक अथ व ा
उ ीसव सद के पूवा के शु आती बु जी वय ने इस धारणा के साथ टश शासन का
समथन कया क वह नवीनतम तकनीक और पूंज ीवाद आ थक संगठन के आधार पर दे श का
आधु नक करण करेगा। के दशक के बाद राजनी तक प से जाग क लोग म मोहभंग
होने लगा और उ ह ने भारत म टश शासन क वा त वकता क जांच करना शु कर दया।
आ थक नकास
य
इं डया रफॉम ै ट II पृ. कहता है यह दे श के संसाधन पर एक थका दे ने वाली बबाद है
जसके मु े को कसी भी त या से त ा पत नह कया जाता है यह रा ीय उ ोग क नस
से जीवन र का न कषण है जसे बहाल करने के लए पोषण क कोई बाद क शु आत नह क
जाती है।
जहां कसी दे श म वदे शी पूंज ी डू ब गई हो उस दे श का शासन तुरंत बांडधारक क चता का वषय बन जाता
है।
ह सत बर
दादाभाई नौरोजी
भारत से।
सर जॉज वगेट
दे शी नरंकु श शासन के तहत लोग जो कु छ पैदा करते ह उसे अपने पास रखते ह और उसका आनंद
लेते ह हालां क कभी कभी उ ह कु छ हसा का भी सामना करना पड़ता है। टश भारतीय तानाशाह
के तहत आदमी शां त म है कोई हसा नह है उसका पदाथ अ य शां तपूवक और सू मता से
समा त हो जाता है वह शां त से भूख ा मरता है और शां तपूवक कानून और व ा के साथ
शां त से न हो जाता है।
दादाभाई नौरोजी
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एकतरफ़ा मु ापार और टै रफ नी त
रा वा दय ने दावा कया क एकतरफा मु ापार बबाद हो रहा है
भारतीय ह त श प उ ोग को समय से पहले असमान और अनु चत त धा म उजागर
कया गया जब क टै रफ नी त ारा नद शत कया गया था
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वचार इस
बात से इनकार नह कया जा सकता क एक बड़ा ब ह वाह था जो वष तक चला। य द इन
न धय को भारत म नवेश कया गया होता तो वे आय तर बढ़ाने म मह वपूण योगदान दे सकते थे।
कहना है क राजा ारा उठाया गया कराधान सूय ारा ख ची गई नमी क तरह है जसे उपजाऊ बा रश के प
म पृ वी पर लौटाया जाता है ले कन भारतीय म से उठ नमी अब भारत पर नह ब क अ य भू म पर उवरक
वषा के प म उतरती है।
आरसी द
स दानंद स हा
आ थक न कासन का भाव
नाली स ांत म रा वाद आलोचना के सभी सू शा मल थे क इसने भारत को उसक उ पादक
पूंज ी से वं चत कर दया।
रा वाद अनुमान के अनुसार उस समय आ थक नकास था • कु ल भू म राज व से अ धक
या • कु ल सरकारी
राज व का आधा या • कु ल बचत का एक तहाई आज के
संदभ म यह रा श का तशत था रा ीय उ पाद
आ थक मु ा एक ेरक
रा ीय अशां त
थम चरण
ापा रक पूंज ी ापा रकता क अव ध जसे अ सर एका धकार ापार और य क
अव ध के प म व णत कया जाता है
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सरे चरण
शोषण का तरीका ापार होने के कारण इस चरण को मु ापार का उप नवेशवाद भी कहा
जाता है। इसक शु आत ई
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सारांश
• टश शासन का आ थक भाव
वऔ ोगीकरण कारीगर और ह त श पय का वनाश।
आलोचना
औप नवे शक शोषण के कारण भारत गरीब होता जा रहा है।
गरीबी क सम या उ पादक मता और ऊजा बढ़ाने क एक रा ीय सम या।
वकास को औ ोगीकरण के समान माना जाता है जो वदे शी पूंज ी के बजाय भारतीय पूंज ी के मा यम
से होना चा हए।
ापार व बु नयाद ढांचे के वकास य पर टश नी तयां सा ा यवाद हत क पू त के लए
बनाई गई थ ।
भारत क टे न के त आ थक अधीनता को पूण तः समा त करने और एक वतं अथ व ा के
वकास क आव यकता।
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भारतीय ेस का वकास
भारतीय ेस का वकास
म जे स ऑग टस ह क ने द बंगाल गजट या कलक ा जनरल एडवरटाइजर शु
कया जो भारत का पहला अखबार था जसे सरकार क मुख र आलोचना के कारण
म ज त कर लया गया था। बाद म और भी समाचार प प काएँ सामने आ द बंगाल जनल
द कलक ा ॉ नकल द म ास कू रयर द बॉ बे हेरा । कं पनी के अ धका रय को चता थी
क कह ये समाचार प लंदन तक न प ंच जाएं और उनके कु कम का भंडाफोड़ न कर द। इस
कार उ ह ने ेस पर अंकु श लगाने क आव यकता समझी।
ारं भक व नयम
लाइस सग अ ध नयम
के व ोह के कारण उ प आपातकाल के कारण इस अ ध नयम ने मेटकाफ
अ ध नयम ारा नधा रत पहले से मौजूद पंज ीकरण या के अ त र लाइस सग तबंध
लगा दए और सरकार ने कसी भी पु तक समाचार प या मु त के काशन और सार
को रोकने का अ धकार सुर त रखा। मामला।
भारतीय ेस का वकास
भारतीय ेस का वकास
ोध।
सरकार ेस म इस उ वाद वृ और श ुता को रोकने के लए एक अवसर क तलाश म थी।
उ ह ने जनता के सामने एक उदाहरण ा पत करने के लए तलक को शकार बनाने का नणय लया। रड
क ह या के बाद के सरी म शवाजी के कथन नामक क वता के काशन और शवाजी उ सव म तलक
ारा दए गए एक भाषण के आधार पर तलक को गर तार कया गया था जसम शवाजी ारा अफजल
खान क ह या को उ चत ठहराया गया था। शवाजी ारा अफजल खान क ह या पर तलक के बचाव को
अ भयोजन प ने टश अ धका रय को मारने के लए उकसावे के प म च त कया। तलक को दोषी
ठहराया गया और अठारह महीने के कठोर कारावास क सजा द गई। इसके साथ ही बॉ बे ेसीडसी म कई
अ य संपादक पर मुक दमा चलाया गया और उ ह इसी तरह क कठोर सजाएँ द ग । इन उपाय के ख़लाफ़
ापक वरोध दशन ए। रात रात तलक एक रा ीय नायक बन गए और उ ह लोकमा य लोग ारा
स मा नत और स मा नत क उपा ध द गई एक नया नेता जो अपने काय से चार करता था।
भारतीय ेस का वकास
सरे व यु के दौरान
भारत क र ा नयम के तहत पूव ससर शप लागू क गई और ेस आपातकालीन
अ ध नयम और आ धका रक गोपनीयता अ ध नयम म संशोधन कए गए। एक समय कां ेस
क ग त व धय से संबं धत सभी समाचार के काशन को अवैध घो षत कर दया गया था।
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श ा का वकास
श ा का वकास
भा य से श ा के मा यम और अ ययन क व तु के प म अं ेज ी और ानीय
भाषा को लेक र ब त म था।
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थॉमसन के यास
एनड यू ांत के ले टनट गवनर जे स थॉमसन ने ानीय भाषा के मा यम
से ामीण श ा क एक ापक योजना वक सत क । इन गाँव के कू ल म े म त और
कृ ष व ान जैसे उपयोगी वषय पढ़ाये जाते थे। इसका उ े य नव ा पत राज व और लोक
नमाण वभाग के लए क मय को श त करना था।
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श ा का वकास
वुड्स ड ैच
म चा स वुड ने भारत के लए एक शै क णाली पर एक ेषण तैयार कया। भारत म अं ेज ी
श ा का मै ना काटा माना जाने वाला यह द तावेज़ भारत म श ा के सार के लए पहली ापक योजना
थी।
. इसने श ा के मा यम के प म अं ेज ी क सफा रश क
कू ल तर पर उ अ ययन और ानीय भाषा के लए।
. इसम म हला एवं ावसा यक श ा तथा श क के श ण पर जोर दया गया।
वकास म कलक ा
बॉ बे और म ास म व व ालय ा पत कए गए और बाद म सभी ांत म श ा वभाग ा पत कए
गए। जे.ई.डी. बे यून ारा कलक ा म ा पत बे यून कू ल म हला क श ा के लए एक
श शाली आंदोलन का पहला फल था जो और के दशक म उभरा था।
वुड्स ड ैच के आदश और तरीके पांच दशक तक इस े पर हावी रहे जसके बाद तेज ी से
प मीकरण आ
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हंटर श ा आयोग
पहले क योजना म ाथ मक और मा य मक श ा क उपे ा क गई थी। जब म
श ा को ांत म ानांत रत कर दया गया तो ाथ मक और मा य मक श ा को और
अ धक नुक सान आ य क ांत के पास पहले से ही सी मत संसाधन थे। म सरकार
ने के ड ैच के बाद से दे श म श ा क ग त क समी ा करने के लए ड यूड यू
हंटर क अ य ता म एक आयोग नयु कया। हंटर आयोग ने अपनी सफा रश को यादातर
ाथ मक और मा य मक श ा तक सी मत रखा। आयोग
श ा का वकास
श ा का वकास
ै ध शासन के तहत श ा
म टागु चे सफोड सुधार के तहत श ा को ांतीय मं ालय म ानांत रत कर दया गया और
सरकार ने शै क मामल म य च लेना बंद कर दया जब क से उदारतापूवक
वीकृ त कए जाने वाले सरकारी अनुदान अब बंद कर दए गए।
हाट ग स म त
कू ल और कॉलेज क सं या म वृ के कारण श ा मानक म गरावट आई है। श ा के
वकास पर रपोट दे ने के लए हाट ग स म त क ापना क गई थी। इसक मु य सफ़ा रश
इस कार थ .
श ा का वकास
तकनीक श ा का वकास
ड़क म इंज ी नय रग कॉलेज क ापना म ई थी म कलक ा कॉलेज ऑफ़
इंज ी नय रग क ापना ई। म पूना म ओवर सयस कू ल को पूना कॉलेज ऑफ़
इंज ी नय रग का दजा दया गया और बॉ बे व व ालय से संब कर दया गया।
श ा पर टश नी त का मू यांक न
श ा का वकास
कसान आंदोलन
भू म
• नई भू राज व णाली • औप नवे शक शास नक
और या यक णाली।
जम दारी े म कसान को ऊं चे लगान अवैध उगाही मनमानी बेदखली और
अवैत नक म का सामना करना पड़ा। रैयतवाड़ी े म सरकार वयं भारी भू राज व लगाती
थी। अ य धक बोझ से दबे कसान अपनी आजी वका के एकमा ोत के खोने के डर से
अ सर ानीय सा कार के पास जाते थे जो उधार दए गए धन पर याज क ऊं ची दर वसूल
कर उनक क ठनाइय का पूरा फायदा उठाते थे। अ सर कसान को अपनी ज़मीन और मवेशी
गरवी रखने पड़ते थे। कभी कभी सा कार गरवी रखे सामान को ज त कर लेता था। धीरे धीरे
बड़े े म वा त वक कृ षक अपनी इ ानुसार करायेदार बटाईदार और भू महीन मज र
क त म आ गए।
कसान आंदोलन
पबना कृ ष लीग
और के दशक के दौरान पूव बंगाल के बड़े ह से म जम दार क दमनकारी
था के कारण कृ ष अशां त दे ख ी गई। जम दार ने कानूनी सीमा से परे लगान बढ़ाने का
सहारा लया और करायेदार को के अ ध नयम कसान ने वयं को घाटे म पाया।
दमनकारी शासन से काफ परेशान होने के बाद पटना जले के युसुफ शाही परगना के
कसान ने जम दार क मांग का वरोध करने के लए एक कृ ष लीग या संयोजन का गठन
कया। लीग ने लगान हड़ताल का आयोजन कया रैयत ने अदालत म जम दार को चुनौती
दे ते ए बढ़े ए लगान का भुगतान करने से इनकार कर दया। रैयत ारा अदालती मामले
लड़ने के लए धन जुटाया जाता था। संघष पूरे पटना और पूव बंगाल के अ य जल तक फै ल
गया। संघष का मु य प कानूनी तरोध था ब त कम हसा ई.
द कन दं गे
प मी भारत के द कन े के रैयत को रैयतवारी णाली के तहत भारी कर का सामना
करना पड़ा। यहां भी कसान ने खुद को एक ऐसे शा तर जाल म फं सा आ पाया जसम
सा कार ही शोषक और मु य लाभाथ था। इन
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कसान आंदोलन
रैयत ने उनक कान से खरीदारी करने से इनकार कर दया. कोई भी कसान अपने खेत म खेती
नह करेगा। नाई धोबी मोची उनक सेवा नह करगे। यह सामा जक ब ह कार तेज ी से पूना
अहमदनगर शोलापुर और सतारा के गांव तक फै ल गया। ज द ही सामा जक ब ह कार सा कार
के घर और कान पर व त हमल के साथ कृ ष दं ग म बदल गया।
कमजो रय
• उप नवेशवाद क पया त समझ का अभाव था। • व सद के कसान के पास
कोई नई वचारधारा
और कोई नया सामा जक आ थक और राजनी तक काय म नह था। • ये संघष
हालां क उ वाद थे वैक पक समाज क सकारा मक अवधारणा के अभाव वाली पुरानी
सामा जक व ा के ढांचे के भीतर ए।
बाद के आंदोलन
व सद के कसान आंदोलन से रा ीय वतं ता सं ाम ब त भा वत आ और इसका उस
पर उ लेख नीय भाव पड़ा। चंपारण और खेड़ा स या ह के लए वतं ता आंदोलन पर
अ याय दे ख ।
कसान आंदोलन
एका आंदोलन
के अंत म संयु ांत के कु छ उ री जल हरदोई बहराईच सीतापुर म कसान असंतोष
फर से उभर आया। इसम शा मल मु े थे i उ कराया दज क तुलना म तशत अ धक
दर
ii राज व के भारी ठकादार का उ पीड़न
सं ह और iii शेयर
कराये का अ यास।
एका या एकता आंदोलन क बैठक म एक तीका मक धा मक अनु ान शा मल था
जसम इक े ए कसान ने कसम खाई थी क वे • के वल रकॉड कए गए लगान का भुगतान करगे
ले कन समय पर भुगतान करगे • बेदखल होने पर न
छोड़ • बेगारी करने से इंक ार • अपरा धय को कोई मदद न द • पंचायत के नणय का
पालन कर।
म पला व ोह
म पलास मालाबार े म रहने वाले मु लम करायेदार थे जहां अ धकांश जम दार ह थे।
म पलास ने उ ीसव शता द के दौरान भी जम दार के उ पीड़न के खलाफ अपना आ ोश
कया था। उनक शकायत कायकाल क सुर ा क कमी उ कराया नवीनीकरण
शु क और अ य दमनकारी वसू लय पर क त थ ।
गांधी शौकत अली और मौलाना आज़ाद जैसे खलाफत असहयोग आंदोलन के नेता ने
म पला बैठक को संबो धत कया। रा ीय नेता क गर तारी के बाद नेतृ व ानीय
म पला नेता के हाथ म चला गया।
कसान आंदोलन
ांत म कसान ग त व ध
के रल
मालाबार े म कसान को मु य प से कां ेस सोश ल ट पाट के कायकता ारा
संग ठत कया गया था। अनेक कृ षक संघम कसान संगठन अ त व म आये। सबसे
लोक य तरीका जाठ या कसान समूह का जम दार के पास अपनी माँग मनवाने के लए
माच करना था। कसान का एक मह वपूण अ भयान म मालाबार का तकारी
अ ध नयम म संशोधन के लए था।
आं इस
े म पहले ही चुनाव म कां े सय से हार के बाद जम दार क त ा म गरावट दे ख ी गई
थी।
कु छ ान पर जम दार वरोधी आंदोलन चल रहे थे।
अनेक ा तीय रैयत संघ स य थे। एनजी रंगा ने म इं डया पीजट् स इं ट ूट क
ापना क थी। के बाद कां ेसी समाजवा दय ने कसान को संग ठत करना शु
कया। अनेक ान पर अथशा एवं राजनी त क ी मकालीन पाठशालाएँ
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कसान आंदोलन
पीसी जोशी अजॉय घोष और आरडी भार ाज जैसे नेता ने आयो जत और संबो धत कया।
बहार
यहां सहजानंद सर वती के साथ कायानंद शमा य नंदन शमा रा ल सांकृ यायन पंचानन शमा
जामुन करजी त आ द शा मल ए। म ांतीय कसान स मेलन ने जम दारी वरोधी नारा
अपनाया। ांतीय कसान सभा ने एक तकू ल सरकारी ताव के कारण बका त भू म मु े पर
कां ेस के साथ दरार पैदा कर ली जो सभा को वीकाय नह था। अग त तक आंदोलन
समा त हो गया।
पंज ाब यहां
पहले क कसान लामबंद पंज ाब नौजवान भारत सभा क त कसान पाट कां ेस और अका लय
ारा आयो जत क गई थी। आंदोलन को एक नई दशा म पंज ाब कसान स म त ारा द
गई थी। आंदोलन का मु य ल य प मी पंज ाब के जम दार थे जनका संघवाद मं ालय पर भु व
था। उठाए गए ता का लक मु म अमृतसर और लाहौर म भू राज व का पुनवास और मु तान और
म टगोमरी क नहर कॉलो नय म पानी क दर म वृ शा मल थी जहां नजी ठे के दार ारा सामंती
कर क मांग क जा रही थी। यहां कसान ने हड़ताल क और अंततः रयायत हा सल करने म
सफल रहे।
यु के दौरान
क यु न ट ारा अपनाई गई यु समथक लाइन के कारण
एआईके एस क यु न ट और गैर क यु न ट आधार पर वभा जत हो गया था
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यु ो र चरण
कसान आंदोलन
• भारत क सबसे बड़ी रयासत के नरंकु श सामंती शासन को हला दया गया जससे
भाषाई आधार पर आं दे श के गठन का रा ता साफ हो गया और इस े म रा ीय आंदोलन का
एक और उ े य साकार हो गया।
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मज र वग का आंदोलन
का आंदोलन
मक वग
उ ीसव सद के उ राध क शु आत म भारत म आधु नक उ ोग के वेश क शु आत ई।
रेलवे के नमाण म लगे हजार हाथ आधु नक भारतीय मक वग के अ त थे। आगे
औ ोगीकरण रेलवे के साथ साथ सहायक उ ोग के वकास के साथ आया। कोयला उ ोग
तेज ी से वक सत आ और बड़ी सं या म कायबल को रोजगार मला। फर कपास और जूट
उ ोग आये।
ारं भक यास
ारं भक रा वाद वशेष प से नरमपंथी • मक हत के त उदासीन थे •
भारतीय वा म व वाले कारखान और टश वा म व वाले कारखान
म मक के बीच अंतर कया गया • माना जाता है क म कानून भारतीय वा म व वाले
उ ोग ारा ा त त धा मक बढ़त को भा वत करगे • वग के आधार पर
आ दोलन म
वभाजन नह चाहते थे • और के फ़ै टरी अ ध नयम का समथन नह कया
इन कारण से।
इस कार मक क आ थक त म सुधार के पहले यास परोपकारी यास क कृ त
म थे जो पृथक छटपुट और व श ानीय शकायत के उ े य से थे।
वदे शी व ोह के दौरान
कायकता ने ापक राजनी तक मु म भाग लया। हड़ताल का आयोजन अ नी कु मार बनज
भात कु मार रॉय ने कया था
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मज र वग का आंदोलन
चौधरी ेमतोष बोस और अपूव कु मार घोष। ये हड़ताल सरकारी ेस रेलवे और जूट उ ोग म
आयो जत क ग ।
तलक क गर तारी और मुक़ दमे के बाद उस समय क सबसे बड़ी हड़ताल आयो जत
क गई।
एटक
अ खल भारतीय े ड यू नयन कां ेस क ापना अ टू बर को ई थी। उस वष के
लए भारतीय रा ीय कां ेस के अ य लाला लाजपत राय को AITUC के पहले अ य और
द वान चमन लाल को पहले महास चव के प म चुना गया था।
सेनगु ता स यमू त वीवी गरी और सरो जनी नायडू । ारंभ म AITUC टश लेबर पाट के
सामा जक लोकतां क वचार से भा वत था। अ हसा ट शप और वग सहयोग के गांधीवाद
दशन का आंदोलन पर ब त भाव था। गांधीजी ने अहमदाबाद टे सटाइल लेबर एसो सएशन
को संग ठत करने म मदद क और एक वरोध दशन के मा यम से . तशत वेतन
वृ हा सल क । बाद म म य के फै सले ने तशत क वृ सु न तक।
े ड यू नयन अ ध नयम
े ड यू नयन अ ध नयम
• े ड यू नयन को कानूनी संघ के प म मा यता द गई • े ड यू नयन
ग त व धय के पंज ीकरण और व नयमन के लए नधा रत शत • वैध ग त व धय के
लए े ड यू नयन को अ भयोजन से
नाग रक और आपरा धक दोन तरह से छू ट दान क गई ले कन उनक राजनी तक
ग त व धय पर कु छ तबंध लगाए गए।
के दशक के
उ राध म आंदोलन पर एक मजबूत क यु न ट भाव ने इसे एक उ वाद और ां तकारी साम ी
दान क । म गरनी कामगार यू नयन के नेतृ व म बॉ बे टे सटाइल म स म छह महीने
लंबी हड़ताल ई थी। पूरे म अभूतपूव औ ो गक अशां त दे ख ी गई। इस अव ध म एसए
डांगे मुज फर अहमद पीसी जोशी सोहन सह जोशी आ द जैसे नेता के साथ व भ
क यु न ट समूह का टलीकरण भी दे ख ा गया।
मज र वग का आंदोलन
• डाक रेलवे पानी और बजली जैसी सावज नक उपयो गता सेवा म हड़ताल को
अवैध बना दया गया जब तक क हड़ताल पर जाने क योजना बना रहे येक
कमचारी ने शासन को एक महीने क अ म सूचना नह द • जबरद ती या पूरी
तरह से राजनी तक कृ त क े ड यू नयन ग त व ध और यहां तक क
सहानुभू तपूण हड़ताल पर भी रोक लगा द गई।
मेरठ षडयं के स
माच म सरकार ने मक नेता को गर तार कर लया और साढ़े तीन साल क
सुनवाई के प रणाम व प मुज फर अहमद एसए डांगे जोगलेक र फ लप ैट बेन ैडली
शौकत उ मानी और अ य को दोषी ठहराया गया। इस मुक दमे को नया भर म चार मला
ले कन मज र वग का आंदोलन कमजोर हो गया।
अब वाम मोच म क यु न ट कां ेसी समाजवाद और नेह और सुभाष जैसे वामपंथी रा वाद
शा मल थे।
से क अव ध म मक ने यु ो र रा ीय व ोह म स य प से
भाग लया। म बंबई और कलक ा के गोद मक ने इंडोने शया म यु रत सै नक
को आपू त ले जाने वाले जहाज को लोड करने से इनकार कर दया। के दौरान
कमचारी नेवल रे ट स के समथन म हड़ताल पर चले गये।
आज़ाद के बाद
मज र वग का आंदोलन राजनी तक वचारधारा के आधार पर ुवीकृ त हो गया।
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एनआईट ए स
वतं ता और
बाद
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भारत म मुसलमान.
य
या पर वचार करने म टश सरकार क व त वफलता
भारत म स ा के कसी भी नयो जत ह तांतरण के लए तैयारी का तीक है
इस त य से क वह रैड लफ क पृ भू म और अभाव का था
अनुभव वह आने से पहले कभी ज ा टर के पूव म नह गया था
भारत को को इस तरह क शु आत करने के लए कहा जाना चा हए था
दन म ब त दे र से मौ लक काय।
वा टर रीड रखते ए गहना म ताज
दं ग से सवा धक भा वत े
ले कन सां दा यक दं गे अग त म ही शु हो गए थे
वभाजन और वतं ता क घोषणा के साथ
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इसके अलावा यूरोपीय अ धकारी भारत छोड़ने क तैयारी म त थे। भारतीय सेना के
कमांडर इन चीफ लॉकहाट अग त दसंबर के अनुसार य द नाग रक और
सश सेवा के सभी क मय को उनके संबं धत नए दे श म रखा गया होता तो ापक
अ व ा नयं ण म होती।
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भारत के वभाजन के साथ साथ नाग रक सरकार के संसाधन के वभाजन के साथ साथ सै य
बल और उपकरण का भी वभाजन आ।
मशीनरी उपकरण
और भंडार के सुचा वभाजन के लए एक संयु र ा प रषद क ापना क गई जसके
सव कमांडर औ चनलेक थे। प रषद ने नणय लया क मु लम ब ल इकाइय को
पा क तान और गैर मु लम इकाइय को भारत म ानांत रत कर दया जाना चा हए ले कन
दोन प के बीच गंभीर मतभेद के कारण सव कमांडर का पद समा त कर दया गया।
गंभीर अराजकता के बीच टश सै नक ने अग त से भारत छोड़ना शु कर
दया और यह या फरवरी तक पूरी हो गई।
गांधी जी क ह या
नाथूराम गोडसे पर मुक़ दमा चलाया गया और मौत क सज़ा सुनाई गई। अपने मुक़ दमे
म उ ह ने घोषणा क क गांधी ारा लगातार मुसलमान को बढ़ावा दे ने के कारण उ ह ने वैसा
ही कया जसका समापन उनके अं तम मु लम समथक उपवास म आ जसने आ ख़रकार
मुझ े इस न कष पर प ँचाया क गांधी के अ त व को ख़ म कया जाना चा हए तुरंत ख़ म
करो।
शरणा थय
वभाजन से व ा पत लोग इस अथ म शरणाथ थे क उ ह ने वे ा से अपने घर नह छोड़े
थे। दो नये
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पूव पंज ाब म कु छ
शरणा थय को अ ायी प से शरणाथ श वर म ठहराया गया था जो तक चलाए
गए थे। शहरी शरणा थय के लए सरकार ने औ ो गक और ावसा यक श ण योजनाएं
शु क और यहां तक क छोटे वसाय या उ ोग शु करने के लए अनुदान भी दया गया।
ामीण शरणा थय को भू म कृ ष ऋण और आवास स सडी द गई। हालाँ क रा य सरकार
और क सरकार ने बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाए ले कन यह अभी भी पया त नह था और
इस तरह के लाभ के लए अलग अलग अ धकार क एक सामा य वृ दे ख ी गई थी।
उदाहरण के लए सामा जक और सां कृ तक पूंज ी वग और जा त क त और राजनी तक
संबंध वाले शरणा थय को अ सर बेहतर सौदा मलता था जब क दबे ए वग पर ब त कम
या कोई वचार नह कया जाता था।
बंगाल
बंगाल म सम या कह अ धक ल बी एवं ज टल थी। तक उ जा त जम दार या
म यम वग के ह का के वल एक छोटा समूह गत तर पर संप या नौक रय के
आदान दान क व ा करके प म बंगाल म ानांत रत आ। ले कन दसंबर और
जनवरी के दौरान खुलना म हसा के ताजा कोप के कारण बड़ी सं या म कसान ने
पूव पा क तान छोड़ना शु कर दया। तशोध म मु लम वरोधी दं गे शु हो गये
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अ पसं यक पर द ली समझौता
शरणा थय क सम या को हल करने और दोन दे श म वशेषकर बंगाल पूव पा क तान
के साथ साथ प म बंगाल म सां दा यक शां त बहाल करने के लए भारतीय धान मं ी
जवाहरलाल नेह और पा क तानी धान मं ी लयाकत अली खान ने अ ैल म एक समझौते
पर ह ता र कए। . यह समझौता जसे अ पसं यक पर द ली समझौता या
लयाकत नेह समझौता के नाम से जाना जाता है म पा क तान और भारत दोन म क य
और ांतीय दोन तर पर अ पसं यक समुदाय से मं य क नयु क प रक पना क
गई थी। समझौते के तहत सीमा के दोन ओर बंगाल म सां दा यक दं ग के पीछे संभा वत
कारण क जांच करने और ऐसी घटना क पुनरावृ को रोकने के लए कदम क सफा रश
करने के लए जांच आयोग के साथ अ पसं यक आयोग क ापना क जानी थी।
क यु न ट और वतं ता
सतंबर को द ण भारत म कानून और व ाक त बनाए रखने के बहाने
भारतीय सेना ने ह त ेप कया और नज़ाम के ब त अ धक तरोध के बना हैदराबाद पर
नयं ण कर लया। ले कन क यु न ट के नेतृ व म ए तेलंगाना आंदोलन के कारण हैदराबाद
क आंत रक राजनी त ज टल हो गई। हैदराबाद के भारत म वलय से पहले ही कां ेस और
क यु न ट के बीच गठबंधन टू ट गया था।
सशत य क लोग आज़ाद के तुरंत बाद कां ेस को अ वीकार करने के लए तैयार नह थे।
सरकार ने भी कड़ी कारवाई करने का फै सला कया जब क हैदराबाद े म भारतीय
सश बल ने अपनी पु लस कारवाई जारी रखी प म बंगाल म माच म सीपीआई
पर तबंध लगा दया गया और जनवरी म क यु न ट नेता को बना मुक दमे के जेल म
डालने के लए एक सुर ा अ ध नयम पा रत कया गया। क यु न ट नेतृ व के भीतर चीनी
लाइन और सी लाइन पर वभाजन थे जो मई को ता वत रेलवे हड़ताल क
वफलता के बाद ापक हो गए।
भारतीय रा य
भारतीय रा य
I. अधीनता क त से समानता के
लए कं पनी का संघष
तीय. रग फस क नी त
यह नी त मराठ और मैसूर के खलाफ वॉरेन हे ट स के यु म प रल त ई और इसका
उ े य कं पनी क सीमा क र ा के लए बफर जोन बनाना था। मु य खतरा मराठ और
अफगान आ मणका रय से था कं पनी ने बंगाल क सुर ा क र ा के लए अवध क र ा
को व त करने का बीड़ा उठाया ।
भारतीय रा य
के बाद
बड़े पैमाने पर राजनी तक अशां त के सामने ग तशील और ां तकारी वकास का मुक ाबला
करने के लए सौहादपूण सहयोग क नी त शु ई।
बटलर स म त क सं भुता और
सव प रता क सीमा का अभी भी अप रभा षत था। रयासत और सरकार के बीच संबंध
क कृ त क जांच करने के लए बटलर स म त क ापना क गई थी। इसने
न न ल खत सफ़ा रश द
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भारतीय रा य
भारतीय रा य
मक एक करण अब सम या
दोतरफा थी i रा य को वहाय शास नक
इकाइय म बदलने क और ii उ ह संवैधा नक इकाइय म समा हत करने क ।
पृ भू म
हालाँ क भारत का सं वधान दसंबर और दसंबर के बीच तैयार कया गया था
ले कन इसक जड़ औप नवे शक शासन के खलाफ भारतीय रा ीय आंदोलन के साथ साथ
रयासत म ज मेदार और संवैधा नक सरकार के आंदोलन म गहराई से न हत ह।
और म। त य यह है क टश रयायत हर तर पर
रा वा दय क मांग से ब त कम थ ।
भारतीय रा मंडल वधेयक जसका मसौदा भारत म तैयार कया गया था और जसम
एनी बेसट तेज बहा र स ू वी.एस.
ी नवास शा ी ने मह वपूण योगदान दया जसे संसद य लेबर पाट क कायकारी स म त ने
सवस म त से वीकार कया। इस वधेयक को पहली बार दसंबर म हाउस ऑफ
कॉम स म पढ़ा गया यह हार गया ले कन यह मह वपूण सा बत आ य क इसे भारतीय
जनमत के ब त ापक वग का समथन ा त था और श द म नद कया गया था
क भारत को व शा सत भु व के साथ समान तर पर रखा जाएगा ।
इसे वधानसभा म भारी ब मत से पा रत कया गया। पहली बार कसी सं वधान क मांग और
उसे अपनाने क या को श द म समझाया गया।
सं वधान सभा
गठन
यह नणय लया गया क सं वधान सभा का चुनाव अ य प से ांतीय वधानसभा
ारा कया जाएगा। योजना के अनुसार टश भारत के ांत को तीन े णय ए बी और
सी म बांटा गया था। येक ांत को जनसं या के आधार पर दस लाख पर एक सद य के
अनुपात म सीट आवं टत क ग थ । एक ांत को द जाने वाली सीट का नणय तीन
समुदाय के बीच उनक सं या के आधार पर कया जाता था ये तीन समुदाय थे मु लम
सख और ह स हत सामा य और अ य सभी जो मु लम नह थे और
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न ही इसका चुनाव सावभौम वय क मता धकार के आधार पर कया गया जैसा क कां ेस ने
मांग क थी। कां ेस ने सां दा यक त न ध व और ांत के लए समूहीकरण योजना को भी
वीकार कर लया। यह लगाई गई सीमा के साथ भी चला गया
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वतं ता के बाद अग त
को भारत क वतं ता के साथ सं वधान सभा सं वधान बनाने के साथ साथ सामा य कानून
बनाने के लए ज मेदार एक सं भु नकाय बन गई।
ा पसमत
दे ख
a अ पसं यक ारा स ा म ह सेदारी का दावा... है को सां दा यकता कहा जाता है जब क
ब सं यक ारा पूरी स ा पर एका धकार करने को... है रा वाद कहा जाता है।
बीआर अंबेडकर
रा वाद का वकास
वदे श नी त
वतं ता के तुरंत बाद बाहरी नया के साथ भारत क त पर बातचीत को सु वधाजनक बनाने
वाले कारक म से एक औप नवे शक शासन के तहत भी पहले से ही अ तरह से ा पत
राजन यक जुड़ाव था। वतं ता के समय भारत अंतरा ीय संगठन का सद य था और
सं धय पर ह ता रकता था। थम व यु के बाद भारत ने वसाय सं ध पर ह ता र
कए थे जसका मु य कारण उस यु म दस लाख से अ धक सै नक का योगदान था।
के दशक म यह रा संघ अंतरा ीय म संगठन और अंतरा ीय यायालय का सं ापक
सद य था।
से थम व यु वरोधी
थम व यु
आज़ाद के बाद
नेह को अ सर वतं भारत क वदे श नी त का वा तुक ार कहा जाता है। उ ह ने अ य दे श
के साथ सीधे संपक रखने और व शां त और वतं ता को बढ़ाने म उनके साथ सहयोग करने
क आव यकता के मह व को महसूस कया उ ह ने एक वतं रा के प म पहचान बनाए
रखने और कसी अ य रा का उप ह न बनने के मह व को भी समझा चाहे वह कतना भी
श शाली य न हो। दसंबर को सं वधान सभा म अपने संबोधन म नेह ने भारत
क वदे श नी त क न व रखी ... कसी दे श के वदे शी मामल के संचालन क कला यह पता
लगाने म न हत है क दे श के लए सबसे अ धक फायदे मंद या है। हम शां त और वतं ता के
बारे म बात कर सकते ह और हम जो कहते ह उसका ईमानदारी से मतलब नकाल सकते ह।
ले कन अं तम व ेषण म एक सरकार उस दे श क भलाई के लए काय करती है जस पर
वह शासन करती है
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पंचशील अ ैल
को पंचशील या शां तपूण सह अ त व के पांच स ांत को पहली बार चीन और
भारत के त बत े के बीच ापार और संपक पर समझौते म औपचा रक प से तपा दत
कया गया था। इस समझौते क तावना म कहा गया था क दोन सरकार ने पांच स ांत
के आधार पर समझौता करने का संक प लया है अथात् i एक सरे क े ीय अखंडता के
लए पार रक स मान
और सं भुता ii
पार रक गैर आ ामकता iii
पार रक गैर ह त ेप iv समानता और
पार रक लाभ v शां तपूण सह अ त व।
पंचशील पर ऐ तहा सक प र े य
नेह सहमत ए और कौल ने समझौते के अपने मसौदा पाठ क शु आत म ही उनका उ लेख करने क
पहल क । वह जनवरी क बात है। हालाँ क चीनी वदे श कायालय क त या नकारा मक थी। उस
समय झोउ चीन म नह था।
जब झोउ पे कग लौटा तो समझौता करने क अपनी मूल तभा के साथ उसे वाया मी डया मला।
उ ह ने सुझ ाव दया क पाँच स ांत को मु य पाठ म मुख ता से शा मल नह कया जा सकता है ले कन
तावना म द शत कया जा सकता है। भारत ने समझौता वीकार कर लया. ले कन दो महीने बाद जब
झोउ ने द ली का दौरा कया तो नेह और कौल ने जून को जारी संयु बयान म इन स ांत
पर जोर दया। चीन के झझकने वाले सू ीकरण ने भारतीय ायोजन के कारण नया भर का यान
आक षत कया। झोउ ने स ांत का तपादन कया ले कन कौल ने उ ह उठाया और नेह ने उनका चार
कया। नेह को एनएएम म उ स मान ा त था और ज द ही बमा और इंडोने शया जैसे अ य ए शयाई
दे श ने भी इसका अनुसरण कया।
नेह और झोउ ऐसे नेता थे ज ह ने भारत और चीन के बीच घ न संबंध बनाने और पंचशील के
मा यम से एक बेहतर व व ा क शु आत करने के लए कड़ी मेहनत क । हालाँ क उनके यास को
वाथ या तशोधी सहयो गय क सा जश ारा कमजोर और पूववत कर दया गया और वे नराश होकर
मर गए।
ोत जून के ह तान टाइ स म भारत सरकार के पूव चीनी भाषा वशेष वीवी
परांज पे का एक लेख ।
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गुट नरपे ता भारत क वदे श नी त क मुख वशेषता है। भारत NAM के सं ापक
सद य म से एक था। शीत यु के युग म भारत ने कसी भी महाश का प लेने से इनकार
कर दया और गुट नरपे बना रहा। हालाँ क गुट नरपे ता को तट ता के साथ मत नह
कया जाना चा हए। दो गुट के बीच श ुता के दौरान एक तट रा य न य या न य
रहता है।
पहला आम चुनाव
पहला आम चुनाव
चुनाव आयोग
एक।
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चुनाव ारा भरी जाने वाली लोक सभा क सीट म से सीट अनुसू चत
जा त के उ मीदवार के लए और सीट अनुसू चत जनजा त के उ मीदवार के लए
आर त थ ।
पहला आम चुनाव
अजन बय को अपना उ चत नाम न बताएं। चुनाव आयोग को कड़े नदश जारी करने पड़े क
चूं क एक मतदाता का नाम उसक पहचान का एक अ नवाय ह सा है इस लए सही नाम
मतदाता सूची म शा मल कया जाना चा हए और कसी भी मतदाता को तब तक नामां कत
नह कया जाना चा हए जब तक क नाम स हत पया त ववरण न दया जाए। हम दया गया।
य द कोई म हला अपना उ चत नाम नह बताती तो उसे मतदाता के प म पंज ीकृ त नह कया
जाता था। प रणाम व प दे श म कु ल लगभग म लयन म हला मतदाता म से लगभग
दो से तीन म लयन के नाम पंज ीकृ त नह हो सके य क वे अपने उ चत नाम का खुलासा
करने म वफल रहे और ये म हलाएं अपने वोट का योग नह कर सक । रपोट म कहा गया है
क इनम से अ धकतर म हलाएं बहार उ र दे श म य भारत राज ान और व य दे श
रा य से थ ।
पहला आम चुनाव
रा ीय पा टयाँ थ . अ खल भारतीय
भारतीय जनसंघ बीजेएस
. बो शे वक पाट ऑफ इं डया बीपीआई
. भारतीय क यु न ट पाट सीपीआई
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पहला आम चुनाव
प रणाम
लोकसभा
भारतीय रा ीय कां ेस ने सीट पर चुनाव लड़ा और जीत हा सल क
लोकसभा क सीट का चंड ब मत।
सीपीआई ने सीट जीत और सोश ल ट पाट ने सीट जीत एकमा
अ य दल को दो अंक क सीट मलगी। के एमपीपी
सीट जीत । BJS ने सीट जीत । नदलीय को मला
कां ेस के बाद सबसे यादा सीट.
कां ेस को कु ल मतदान का करीब तशत वोट मले
वोट कर. सीपीआई को करीब . फ सद वोट मले. समाजवाद
पाट को . फ सद वोट मले.
थम आम चुनाव वजेता
सोश ल ट पाट . .
गणतं प रषद .
अ खल भारतीय ह महासभा .
शरोम ण अकाली दल .
भारतीय जनसंघ .
रा मंडल पाट .
झारखंड पाट .
अनुसू चत जा त महासंघ .
कृ षक लोक पाट .
म ास रा य मु लम लीग पाट .
रा य वधानमंडल रा य
वधानमंडल चुनाव म भी भारतीय रा ीय कां ेस ने जीत हा सल क । पाट ने कु ल मलाकर
सीट जीत । इसने सभी रा य म सरकार बनाई हालाँ क इसे चार रा य अथात् म ास
ावणकोर कोचीन उड़ीसा और PEPSU म अपने दम पर ब मत नह मला।
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राजनी तक वकास
के पहले आम चुनाव म कां ेस ने भारी ब मत हा सल कया और जवाहरलाल नेह के
नेतृ व म क म सरकार बनाई। भारत क पहली संसद के नवाचक मंडल ारा राज साद
को रा प त चुना गया।
भारतीय जनसंघ अ टू बर
को ा पत भारतीय जनसंघ द णपंथी वचारधारा पर आधा रत था। बपन चं ा के अनुसार
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वतं पाट अग त म ा पत
वतं पाट एक गैर समाजवाद सं वधानवाद और धम नरपे ढ़वाद पाट थी जसम
सी. राजगोपालाचारी ज ह ने कां ेस से इ तीफा दे दया था मीनू मसानी एनजी रंगा और
के एम मुंशी जैसे त त नेता थे जनम से अ धकांश अनुभवी थे। कां ेस नेता.
अंतरा ीय संबंध म पाट ने गुट नरपे ता के साथ साथ भारत सो वयत सहयोग क
नदा क और अमे रका और प मी यूरोप के दे श के साथ घ न संबंध चाहती थी।
साल।
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एक अलोकतां क कृ य
म कां ेस पाट को के रल रा य म अ या शत हार का सामना करना पड़ा जब सीपीआई
वधान सभा म सबसे बड़ी पाट के प म उभरी। ईएमएस नंबूदरीपाद ने कु छ नद लय के
समथन से सरकार बनाई।
आ थक के लए योजना क अवधारणा
वकास
नेह ापक भू म सुधार औ ोगीकरण और बजली संयं प रवहन प रयोजना
सचाई बांध आ द जैसी व भ बु नयाद सु वधा के वकास के लए लोकतां क या
के मा यम से भावी योजना बनाने म व ास करते थे। आ थक वकास पर अपने वचार
म वह गांधी के वचार के प म नह थे। इस लए उ ह ने रा य को अथ व ा म ह त ेप
करने इसके वकास का मागदशन करने और जनसं या के क याण को बढ़ावा दे ने के लए
सीधे काय करने क प रक पना क । नेह कई रा ीय नेता के साथ और
के दशक म सो वयत संघ म आ थक योजना क सफलता से रोमां चत थे। योजना आयोग
क उ प का पता म कां ेस ारा ा पत रा ीय योजना स म त और क
बॉ बे योजना से लगाया जा सकता है।
व ान एवं ौ ो गक क गत
नेह का मानना था क व ान और ौ ो गक भारत क सम या के समाधान के लए
मह वपूण थे। वै ा नक नी त
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• म मैसाचुसेट्स इं ट ट
ू ऑफ टे नोलॉजी के अनु प पांच ौ ो गक
सं ान म से पहला सं ान खड़गपुर म ा पत कया गया था। • परमाणु ऊजा आयोग
जसके अ य होमी जे.
सामा जक वकास
श ा म वकास म कु ल जनसं या का के वल
. तशत सा र था और ामीण े म यह तशत ब त कम था। बीच म
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वदे श नी त
एक उभरते रा के लए एक वतं वदे श नी त अपनाना वतं भारत के नेता के लए एक बड़ी चुनौती थी।
अंतरा ीय मामल पर कोई भी नणय लेते समय वतं ता सं ाम के दौरान वक सत ए ापक मापदं ड को मूल म
रखा जाना था। नेह ने इस आवाज़ को गुट नरपे आंदोलन NAM के मा यम से गुट नरपे ता के वचार और एक
संगठना मक ढांचे के प म आकार दया।
नेह वाद युग के दौरान भारत क वदे श नी त के बु नयाद स ांत मोटे तौर पर नीचे दए गए प रसर के
इद गद घूमते थे। i प ीय या ब प ीय प से कसी भी सै य गठबंधन म भागीदारी क अ वीकृ त। ii एक
वतं वदे श
शां त।
गुट नरपे ता और एनएएम के बु नयाद स ांत पर पहले ही रा वाद वदे श नी त का वकास अ याय
म व तार से चचा क जा चुक है।
दे ख ा जा सकता है।
चाटर का अनु ेद अंतरा ीय नर ीकरण क वकालत करता है।
भारत ने म परमाणु ऊजा आयोग के गठन का समथन कया और म अठारह रा नर ीकरण स मेलन
को ायो जत कया।
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क मीर मु ा पा क तान
ने अ टू बर को क मीर के भारत म वलय को वीकार करने से इनकार कर दया।
पा क तान ायो जत आ दवासी हमले के जवाब म शेख अ ला के नेतृ व म ानीय आबाद
ारा सम थत भारत ने व रत सै य कारवाई क । ले कन भा य से े को बचाने का काय
पूरा होने से पहले ही जनवरी म नेह ारा सुर ा प रषद म एक शकायत दज क
गई। इसके प रणाम व प जनवरी को यु वराम आ। भारत भी अंतरा ीय के
तहत म जनमत सं ह कराने पर सहमत आ। पयवे ण ले कन बदली ई प र तय
के कारण अंततः म यह ताव वापस ले लया गया।
म त बत म चीनी भु व के व एक जन व ोह आ। हालाँ क इस व ोह
को चीन ने दबा दया ले कन त बत के धा मक मुख दलाई लामा भाग गए और भारत म
शरण ले ली। इसी को बहाना बनाकर चीन ने म ल गजू और ल ाख के वग
मील भारतीय े पर क ज़ा कर लया। इसके बाद दोन दे श के बीच वरोध नोट ापन और
सहयोगी सं मरण का आदान दान आ। अगले कदम म चीन ने भारतीय े के बड़े ह से
पर दावा कया जसके बाद चीनी धान मं ी चाउ एन लाई अ ैल म सीमा ववाद पर
बातचीत करने के लए नई द ली आए। दोन दे श क आ धका रक ट म ने एक सरे का दौरा
भी कया ले कन कोई समझौता नह हो सका और सीमा ववाद जारी रहा।
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भारत चीन यु अ टू बर
म चीन ने भारत पर नेफ ा अ णाचल दे श और ल ाख म हमला कर दया। इस कार दोन
दे श के बीच यु शु हो गया जो भारत के लए एक सै य पराजय म समा त आ। ची नय
के पास भौगो लक लाभ के साथ साथ बेहतर ह थयार भी थे। नेह ने मदद के लए अमे रका
और टे न का ख कया। प मी श य संयु रा य अमे रका और साथ ही टे न ने
भारत को समथन दे ने का वादा कया और पहले से ही भारत म ह थयार भेज रहे थे। नवंबर
म चीन ने अपनी वापसी क एकतरफा घोषणा कर द । ले कन चीन ने ल ाख के एक
बड़े ह से पर अपना क ज़ा जारी रखा सन कआंग और द णी चीन के बीच एक ब त
त त रणनी तक लक।
भारत और भूटान अग त
म दोन दे श ने सतत शां त और म ता के लए एक सं ध पर ह ता र कए। भारत ने भूटान
के आंत रक शासन म ह त ेप न करने का वचन दया जब क भूटान अपने बाहरी संबंध के
संबंध म भारत सरकार क सलाह से नद शत होने पर सहमत आ।
भारत और ीलंक ा के त मल
सहली दं ग और उसके बाद ीलंक ा क त मल आबाद के त कु छ भारतीय नेता क
सहानुभू त आक षत ई। भारतीय संसद के अंदर और बाहर यह खुली सहानुभू त ीलंक ाई
सरकार को नापसंद थी। परंतु भारत सरकार ीलंक ा म जातीय ववाद को उस दे श का
आंत रक मामला मानकर ीलंक ा के त म वत बनी रही। दोन दे श ने पार रक प से
लाभ द आ थक और ापा रक संबंध बनाए। वा तव म ीलंक ा ने NAM का समथन कया
और कसी भी सै य गठबंधन म शा मल नह आ।
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परश
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. व श आंदोलन से जुड़े व
वदे शी आंदोलन
लोकमा य तलक ने वदे शी का संदेश पूना और ब बई तक फै लाया और दे शभ क
भावनाएँ जगाने के लए गणप त और शवाजी उ सव का आयोजन कया। उ ह ने इस बात पर
जोर दया क वदे शी ब ह कार और रा ीय श ा का उ े य वराज क ा त है। उ ह ने
सहकारी टोर खोले और वदे शी वा तु चा रणी सभा का नेतृ व कया।
उदारवाद रा वाद राय रखने वाले सुर नाथ बनज ने द बंगाली जैसे समाचार प
के मा यम से श शाली ेस अ भयान चलाया और सामू हक बैठक को संबो धत कया।
भारतीय रा ीय कां स
े के के बनारस अ धवेशन के अ य जीके गोखले ने
वदे शी आंदोलन का समथन कया।
परश
बांधब उपा याय ने अपने सं या और युगांतर बार कु मार घोष से जुड़े एक समूह ारा
का शत के मा यम से वराज और वदे शी आंदोलन को लोक य बनाया।
परश
असहयोग आंदोलन
एमके गांधी ने माच म एक घोषणाप जारी कया जसम उ ह ने अ हसक
असहयोग आंदोलन के स ांत क घोषणा क । वह आंदोलन के पीछे मु य श थे और
उ ह ने लोग से हाथ से कताई बुनाई स हत वदे शी स ांत और आदत को अपनाने और
अ ृ यता को र करने के लए काम करने का आ ह कया। म अपने रा ापी दौरे
के दौरान उ ह ने लाख लोग को संबो धत कया। फरवरी म यूपी के चौरी चौरा म
हसा भड़कने के बाद उ ह ने आंदोलन गत कर दया।
अली बंधु शौकत अली और मुह मद अली जो सबसे मुख खलाफत नेता थे ने
आंदोलन को फै लाने के लए गांधी के रा ापी दौरे म उनका जोरदार समथन कया। अ खल
भारतीय खलाफत स मेलन म मुह मद अली ने घोषणा क क मुसलमान के लए टश
सेना म बने रहना धा मक प से गैरकानूनी था। बाद म अली बंधु को गर तार कर लया
गया।
परश
कु ह मद हाजी कला थगल म माद अली मुस लयार सथी कोया थंगल और इ बेची कोया
थंगल ने कई ान पर ा पत खलाफत गणरा य के अ य के प म काय कया।
के . माधवन नायर यू. गोपाला मेनन याकू ब हसन और पी. मोइद न कोया खलाफत नेता और
असहयोग आंदोलन के समथक थे। उ ह फरवरी म गर तार कर लया गया।
असम के सरी अं बका गरी रॉय चौधरी क क वता का अस मया लोग पर गहरा
भाव पड़ा और उनम रा वाद भावना जगाने म मदद मली।
परश
कां ेस क अ य बनने वाली पहली भारतीय म हला सरो जनी नायडू सरकारी
नमक डपो धरसाना सा ट व स क ओर एक माच म शा मल थ । इस पूण अ हसक मामले
म भाग लेने वाले अ य नेता इमाम साहब द ण अ क संघष के गांधीजी के साथी और
गांधीजी के पु म णलाल थे ।
परश
स यमू त भूलाभाई दे साई एमए अंसारी और बीसी रॉय ने पुनज वत वरा य पाट के
मा यम से चुनावी राजनी त म वापसी क मांग क ।
जय काश नारायण अछू त पटवधन यूसुफ मेहराली अशोक मेहता और मीनू मसानी
चाहते थे क कां ेस का वामपंथ से जुड़ाव रहे।
परश
म य ांत के बैतूल म स या ह।
मौलाना भसानी ने सराजगंज म एक बड़े जा स मेलन का आयोजन कया और
जम दारी उ मूलन और ऋण म कमी क मांग क ।
ां तकारी कायकता रास बहारी बोस को जून म इं डयन इं डपडस लीग माच
म ग ठत का अ य चुना गया था। वह से एक भगोड़े के प म जापान म रह
रहे थे। उ ह ने टश औप नवे शक शासन के खलाफ सश व ोह के लए द ण पूव
ए शया म अं ेज क हार के बाद जापानी सेना ारा यु बंद बनाए गए भारतीय सै नक को
संग ठत कया।
परश
बगलु म कां स
े नेता के ट भा यम ने े ड यू नयन े मस य भू मका नभाई
और लगभग मक क हड़ताल आयो जत क ।
गवनर जनरल
. वॉरेन हे ट स i का
रेगुले टग ए ट। ii का ए ट जसके
तहत गवनर जनरल इन काउं सल और कलक ा म सु ीम कोट के बीच े ा धकार क
श य को प से वभा जत कया गया था। iii का पट् स इं डया
ए ट। iv का रो ह ला यु । v म पहला मराठा यु और
म सालबाई क सं ध। vi म
सरा मैसूर यु । vii बनारस के महाराजा चैत
सह के साथ तनावपूण संबंध जसके कारण इं लड म हे ट स पर बाद म महा भयोग
चलाया गया।
परश
म ास के गवनर ।
. लॉड एमह ट i थम बम
यु । ii भरतपुर पर क ज़ा ।
. लॉड व लयम ब टक
i सती और अ य ू र सं कार का उ मूलन । ii ठगी का दमन
। iii का चाटर अ ध नयम। iv
का संक प और शै क सुधार
और आ धका रक भाषा के प म अं ेज ी क शु आत।
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. लॉड ऑकलड
i थम अफगान यु । ii रणजीत सह क
मृ यु ।
. लॉड एलेनबरो i सध पर क ज़ा ।
ii वा लयर के साथ यु ।
. लॉड हा डग थम i थम आं ल सख
यु और लाहौर क सं ध ।
. लॉड डलहौजी
परश
. लॉड कै नग i म
कलक ा म ास और बॉ बे म तीन व व ालय क ापना। ii का व ोह।
वायसराय
. लॉड कै नग
i ई ट इं डया कं पनी से ाउन को नयं ण का ह तांतरण भारत सरकार अ ध नयम
। ii म यूरोपीय सै नक ारा ेत व ोह । iii
का भारतीय प रषद अ ध नयम।
. लॉड ए गन थम वहाबी
आंदोलन
. लॉड जॉन लॉरस i भूटान यु
ii कलक ा बॉ बे और म ास म
उ यायालय क ापना ।
. लॉड मेयो
i भारतीय राजकु मार के राजनी तक श ण के लए का ठयावाड़ म राजकोट
कॉलेज और अजमेर म मेयो कॉलेज खोलना। ii भारतीय सां यक सव ण क
ापना। iii कृ ष
एवं वा ण य वभाग क ापना।
. लॉड लटन
i के अकाल ने म ास बॉ बे मैसूर हैदराबाद म य भारत के कु छ ह स और
पंज ाब को भा वत कया रचड े ची क अ य ता म अकाल आयोग क नयु
। ii रॉयल टाइटल ए ट महारानी व टो रया ने कै सर ए हद
या भारत क महारानी क उपा ध धारण क । iii वना युलर ेस
ए ट । iv श अ ध नयम । v सरा अफगान यु ।
. लॉड डफ़ रन
i तीसरा बम यु । ii भारतीय रा ीय कां ेस क
ापना।
. लॉड लसडाउन
i फ़ै टरी अ ध नयम । ii
स वल सेवा का शाही सेवा म वग करण
अनं तम और अधीन . iii भारतीय प रषद
अ ध नयम । iv डू रंड आयोग क ापना
को प रभा षत करना
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परश
. लॉड कजन
i पु लस शासन क समी ा के लए सर एं यू े ज़र के अधीन पु लस आयोग क नयु
। ii व व ालय आयोग क नयु और भारतीय
व व ालय अ ध नयम पा रत करना। iii वा ण य एवं उ ोग वभाग क ापना।
iv कलक ा नगम अ ध नयम । v ाचीन मारक संर ण
अ ध नयम । vi बंगाल वभाजन । vii कज़न कचनर ववाद। viii
यंगहसबड
का त बत मशन ।
आंदोलन।
ii के रल म मोपला व ोह । iii के ेस अ ध नयम
और के रोलेट अ ध नयम का नरसन। iv आपरा धक कानून संशोधन अ ध नयम और
कपास का
उ मूलन
उ पाद शु क.
परश
. लॉड इर वन
संक प।
vi स वनय अव ा आंदोलन शु करने के लए गांधी ारा दांडी माच माच
।
vii लॉड इर वन ारा द पावली घोषणा । viii थम गोलमेज
स मेलन गांधी इर वन समझौता का ब ह कार और स वनय अव ा
आंदोलन का नलंबन।
. लॉड लन लथगो i थम आम
चुनाव कां ेस को पूण ब मत ा त आ। ii तीय व यु
शु होने के बाद कां ेस
मं मंडल का इ तीफा। iii कां ेस के इ यावनव स म सुभाष चं बोस को
कां ेस का अ य चुना गया।
. लॉड वेवेल
i सी. राजगोपालाचारी का सीआर फॉमूला क वफलता
गांधी ज ा वाता ।
ii वेवेल योजना और शमला स मेलन ।
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परश
. भारतीय रा ीय कां ेस के वा षक स
फ ता अ य ववरण
फ ता अ य ववरण
फ ता अ य ववरण
आर यूएन ढे बर
यूएन ढे बर
इं दरा गांधी
दोबारा
नीलम संज ीव रे ी
गर नीलम संज ीव रे ी
ई र दामोदरन संज ीव या थम द लत रा प त
दामोदरन संज ीव या
ई र के . कामराज
उर के . कामराज
वष और म आयो जत नह कया जा सका।
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एजे पहले कलक ा म राजा राममोहन राय सं ापक एके रवाद का चार कया अवतारवाद यान
आ मीय डेड व सद के दे वे नाथ टै गोर ने बाद म आ द का गठन कया ब ल पुज ा रय का अ त व मू तपूज ा
अंत म अंध व ास सती का वरोध कया ह समाज
म सुधार क मांग क ।
समाज के शुब चं ा
सेन बाद म ो से जुड़े
राममोहन राय ारा का शत प काएँ संबद
समाज ऑफ इं डया इस समूह के अलगाववा दय
कौमुद मरात उल अकबर दे वे नाथ
ने साधरण ो का गठन कया टै गोर ारा त व बो धनी प का के शुब चं सेन
समाज ने इं डयन मरर नकाला साधरण समाज
ने त व कौमुद द इं डयन मैसजर द संज ीबारी
न भारत और भासी को का शत कया ।
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उ साह हेनरी लुईस व वयन डेरो जयो सं ापक समाज म फै ली कु री तय का वरोध कया स य
र सककृ ण मु लक वतं ता और तक म व ास करते थे ानवेसन
ताराचंद चकर वती प का नकाली और सामा य ान ा त के लए
कृ णमोहन बनज सोसायट क ापना क डेरो ज़यो ने हे ेरस द
कलक ा लाइ ेरी गजट का संपादन कया और वह
इं डया गजट से जुड़े थे ।
ट काबुल म शु आत राय बरेली के सैयद अहमद सं ापक वलायत वलीउ लाह क श ा को लोक य बनाया अं ेज
एनड यूएफपी म म य अली शाह का वरोध कया और सख के खलाफ लड़ाई लड़ी
ए से मुह मद सैन फ़रहत सैन सभी पटना से धम म गत ववेक क भू मका पर बल दया।
तक इनायत अली
तक टश
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ओवेमट ापना करा करामत अली जौनपुरी शाह वलीउ लाह क धा मक श ा ने आधार
बनाया फ़राज़ी आंदोलन का वरोध कया।
एरीरी और साइं ट फक
अंडाली
परश
लोक य व ान और सामा जक पर बहस ई।
मजदायासन सभा ने संघ बनाया एसएस बंगाली नौरोजी फु रदोनजी दादाभाई पार सय क सामा जक त म सुधार करना और
नौरोजी और अ य पारसी धम क शु ता को बहाल करना। उनक
प का रा ट गो टर स ाई बताने वाला थी।
ब बई म अघो षत आ माराम पांडुरंग सं ापक गो वद रानाडे एके रवाद म हला के उ ान जा तगत भेदभाव और
मु य संर क आर.जी धा मक ढ़वा दता के उ मूलन पर जोर दे क र समाज का
भंडारकर सुधार और सुधार।
आईसीएल सोसायट क
ापना आरके ले कन
मु यालय डायर म ास के पास
मैडम एचपी लावा क
और कनल एचएस ओ कोट
एक सी
एक
अमे रक सं ापक एनी बेसट इसके अ य म
धा मक पुन परश
ान और सामा जक सुधार के ल य
के लए उप नषद वेदांत के दशन आ द से ेरणा
ली ।
से एक
क टयन सोसायट पुण े एमजी रानाडे वीजी चबड कर जीजी अगरकर प मी भारत म श ा और सं कृ त म योगदान के
सं ापक लए फ यूसन कॉलेज पुण े क ापना
म क गई।
बंबई बेहरामजी एम. मालाबारी बाल ववाह जबरन वधवापन के खलाफ
सामा जक प से शो षत क मदद करना
औरत
ent का दयानी म मजा गुलाम अहमद सं ापक ईसाई मशन रय ह पुन ानवा दय के हमल से
इ लाम क र ा क एक सावभौ मक धम म व ास
गुलाम अहमद ने खुद को मसीहा और भगवान कृ ण
का अवतार घो षत कया।
सायन क ापना बेलूर ववेक ान द मूलतः नरे नाथ ाचीन भारत के धा मक ंथ और अवधारणा
और क ब पर ई द ा इसके सं ापक वेदांत आ द के आधार पर ह धम को
रामकृ ण परमहंस पुनज वत करने का यास कया गया ह
ववेक ान द के गु धम म जा त तबंध उ पीड़न अंध व ास के
खलाफ जसका उ े य म हला का उ ान
करना और श ा णाली म सुधार करना था।
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मा महान मंडल मदन मोहन मालवीय द न दयाल ढ़वाद ह सनातन धा रणी का संगठन
शमा गोपाल कृ ण गोखले सं ापक जसने आय समाज क श ा का वरोध कया।
आरएमए मठ मठ एड वक पुण े ध डो के शव कव
औरत।
म हला
सुधार.
परश
क शै क ग त वधवा
व ालय
तम
क ापना क ।
अंडाल कलक ा सरलबाला दे वी चौधरानी म हला श ा एवं मु .
एल
भार नणय
जफर जनवरी के व ोह म राज ोह षड़यं व ोह और दोषी ठहराया गया और रंगून नवा सत कर दया गया।
माच ईली एच ह या
बनज
कलक ा म द बंगाली म उनक ट पणी पर अदालत क अवमानना दो साल के लए स वल जेल भेज दया गया।
और यंग इं डया के शंक रलाल यंग इं डया म अं ेज के खलाफ चार भड़काऊ साल के लए जेल क सज़ा ले कन म आज़ाद
बकर लेख कर दया गया।
य
म पु लस हेड कां टे बल क ह या
सॉ स
षड़यं और राज ोह
परश
सजा ए मौत क सुनवाई।
. जा त आ दोलन
ट वष े कारण और प रणाम
इसका नेतृ व सी.वी. रमन प लई के . रामा और एम. ा ण के वच व के व मलयाली मेमो रयल क ापना
प नाभ प लई ने कया म रमन प लई ारा क गई थी और नायर स वस सोसाइट क
ापना म प नाभ प लई ारा क गई थी।
ईवी रामा वामी रयार के नेतृ व म आंदोलन ा ण ारा जा तगत प पात के व कु डी अरासु प का क
त मलनाडु शु आत पे रयार ने म क थी।
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. कसान आंदोलन
ट वष े कारण और प रणाम
करम शाह और ट पू के नेतृ व म हाज ग और गारो कराये म बढ़ोतरी के ख़लाफ़ आंदोलन को हसक तरीके से दबा दया
का आंदोलन गया।
मैमन सह जला पहले
बंगाल के नील कसान के नेतृ व म यूरोपीय नील बागान मा लक ारा लगाई गई शत के ख़लाफ़ त
ब णु व ास ना दया को दे ख ने के लए म इं डगो आयोग क ापना क गई।
महारा म मराठा गांव और पूना म कसान का गुज राती और मारवाड़ी सा कार क था के खलाफ
व ोह का कृ षक राहत अ ध नयम पा रत कया गया।
ओसी व ोह का नेतृ व रामोसी कसान ने कया अकाल वरोधी कदम उठाने म टश वफलता के व
बलवंत फड़के पैमाने।
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शाह चं रॉय पाल खुद मो ला के नेतृ व म और अटे रजी क जाधा रय को क जा अ धकार ा त करने से रोकने क जम दार क
और आरसी द ारा सम थत रे रयन व ोह पबना नी तय के खलाफ का बंगाल करायेदारी अ ध नयम पा रत कया
ए ट बंगाल अब बां लादे श म गया।
ईसाइय का व ोह शता द के अं तम दशक के दौरान पंज ाब अपनी ज़मीन खोने क संभावना के ख़लाफ़ पंज ाब भू म ह तांतरण
अ ध नयम पा रत कया गया जसने भू म क ब और बंधक
और राज व मांग पर नयम लागू कए।
परश
चंपारण इहार के कसान ारा एक स या ह यूरोपीय नील बागान मा लक ारा थोपी गई तनक ठया व ा के
ख़लाफ़ चंपारण कृ ष अ ध नयम ने तनक ठया णाली को समा त कर
दया।
खेड़ा के कसान ारा कया गया स या ह के नेतृ व म फसल खराब होने क त म भू राज व क माफ के लए नजरअंदाज
गुज रात क गई अपील के खलाफ आ ख़रकार माँग पूरी ।
कु नबी पाट दार भू म कसान और अछू त ारा स या ह ऊं ची जा तय के उ पीड़न के ख़लाफ़ और बंबई सरकार ारा राज व म
अ य लोग ारा सम थत व लभभाई पटे ल सूरत तशत क बढ़ोतरी राज व को घटाकर . तशत कर दया गया।
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ट वष े कारण और प रणाम
गरीब कसान और करायेदार या बटाईदार ारा जम दार और सा कार के व बरगाडरी वधेयक पा रत कया
भुगतान बंगाल गया।
ते
सामा य व ापनदाता भी
कलक ा
आय रशमैन
परश
हेनरी लुई व वयन डेरो जयो
इसके साथ जुड़ा आ है.
रयर म ास
म ास से
ए ब बई
ब बई से
डी अं ेज ी म म ास आर. व लय स अं ेज ी ारा ारंभ कया गया
और ह ज़ ारा का शत
कलक ा
म मा सक
rnal जेएस ब कघम ारा शु कया गया
ट .ट .ई
कलक ा ह र ं राय
म अखबार
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म
राजा राममोहन राय
ली
कलक ा राजा राममोहन राय
इ शयन आह
कलक ा एक अं ेज ी फम
डु
आर
ब बई
जराती
व सद रॉबट नाइट ारा ा पत हेनरी
रोम ब बई व वयन डेरो जयो फाउं डेशन थॉमस बेनेट ारा शु
भारत के कया गया।
दादाभाई नौरोजी
धीरे धीरे
पस
भारत
थम
कलक ा
एसएन बनज
दे वे नाथ टै गोर
परश
म
म ास
म त एल जी पेपर
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अंतरा ीय संगठन स मेलन और सं धयाँ . भारत का भूगोल . व ान और ौ ो गक म वकास
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