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इफेक्टिव राइटिंग दफ़्तर में शामिल होने जा रहे हैं , तो आप पाएंगे कि आपकी लेखन को जरुरत अनस

ु ार होना होगा।

प्रोफेसर बिनोद मिश्रा

डिपार्टमें ट ऑफ़ हयम
ू नि
ै टिज़ एंड सोशल साइंसेज,

इंडियन इंस्टीट्यट
ू ऑफ़ टे क्नोलॉजी , रूरकी

लेक्चर - 03 प्रिंसिपल्स ऑफ़ इफेक्टिव राइटिंग

सप्र
ु भात और प्रभाशाली लेखन पर ऑनलाइन लेक्चर में आपका स्वागत है । आप सन
ु रहे हैं बिनोद

मिश्रा के इन व्याख्यान को और आशा है कि आपको ये भाषण पसंद आ रहे हैं। दोस्तों , जैसा कि

आपको याद है पिछले भाषणों में हमने प्रभावशाली लेखन के बारे में बात की , प्रभावशाली लेखन

होता क्या है , उसके मापदं ड क्या है , आपको वास्तव में प्रभावशाली लेखन क्या बना सकता है ,

मगर फिर ये सब काफी परिचयात्मक था।

और आज हम बात करने जा रहे हैं प्रभावशाली लेखन के सिद्धांतो की। जैसा कि मैन उस दिन

कहा था कि हम सब लेखक हैं, चाहे हम जैसा भी लिखें, हम सही हैं , बल्कि हम लेखक हैं। हम सभी

वास्तव में लिखना चाहते हैं और हम सभी के भीतर एक लेखक है । शायद कभी-कभी हमारे लेखक

होने की भमि
ू का बदलती है और ये बदलाव परिस्थितियों पर निर्भर करता है ।

जब हम प्रभावशाली लेखन के बारे में बात कर रहे हैं, हम ये भी चर्चा करें गे कि क्या हैं वास्तव में

वो आधारभत
ू सिद्धांत जो हम सभी को प्रभावशाली लेखक बना सकते हैं। मगर हमारे ये करने से

पहले, चलिए पता करते हैं कि हम किस प्रकार के लेखक हैं। क्योंकि आज की दनि
ु या में हम सभी

लिख रहे हैं , चाहे आप कलम से लिख रहे हैं या आप अपने लैपटॉप पे लिख रहे हैं, अपने निजी

कंप्यट
ू र या जिस भी तरीके से या आप अपने कार्यस्थल पर लिख रहे हैं या कभी आप लिख रहे हैं -

कभी आप लिखते हैं क्योंकि आपको कोई कार्य करना है , कभी-कभी , क्योंकि अगर आप आज कोई
(Refer Slide Time: 02:20) बेपरवाह लेखक वह लेखक हैं जो वास्तव में लिखने को एक उपोत्पाद समझते हैं। वे काम कर रहे हैं

इसलिए उन्हें कुछ लिखना है जरुरत के अनस


ु ार, आवश्यकता के अनस
ु ार, मेरे प्रिय दोस्तों ।

दस
ू रा वर्ग है अनर्व
ु र लेखकों का। अब कौन हैं ये अनर्व
ु र लेखक? ये लेखक वास्तव में वो हैं जो

लिखना चाहते हैं लेकिन उन्हें लिखने का समय नहीं मिलता।

ऐसे लेखकों को वास्तव में ये लगता है कि समय आएगा और उन्हें समय नहीं मिलता लिखने का -

वह शायद ये सोच रहे होंगे कि वह लिखना चाहते हैं लेकिन वह लिख नहीं सकते क्योंकि वह किसी

समय का इंतज़ार कर रहे हैं। लेखकों का अगला वर्ग है आकांक्षी लेखक का । ये लेखक - हम

आकांक्षा शब्द से जान सकते हैं - ये वास्तव में लेखक बनने कि ख्वाइश रखते हैं।

उनके अंदर आकांक्षा है लेखक बनने कि , मगर वास्तव में वह सही समय का इंतजार कर रहे हैं।

मेरे प्रिय दोस्तों , क्या वो सही अवसर आएगा - क्या वो दरू किसी समय में आएगा - और अगर हम
आपको ये भी याद होगा कि पिछले भाषणों में हमने बात करी थी लेखक के विभिन्न उद्दे श्यों की।
इंतजार करते रहें गे तो क्या हम लेखक बन सकते हैं? तो फिर एक और वर्ग है लेखकों का जिन्हें
अब, उद्दे श्य समझने पर क्या ये जानना जरुरी नहीं कि हम किस प्रकार का लेखन करें गे और किस
अनिच्छुक लेखों के श्रेणी में डाला जा सकते हैं। जैसा इस शीर्षक से पता चलता है , जैसा इस नाम
प्रकार के लेखक होते हैं और कैसे हम अपने आप को बदल सकते हैं एक साधारण लेखक से एक
से पता चलता है अनिच्छुक लेखक वे लेखक हैं जो वास्तव में लिखने के स्थिति में नहीं या लिखने
असामान्य लेखक में - एक लेखक जिसकी उत्कृष्टता, जिसकी प्रतिभा, जिसके लिखने की कला
की कला नहीं उनमें ।
वास्तव में मायने रखती है । क्योंकि जैसा कि हम सबने सीखा है कि लिखना एक कौशल है , लिखना

एक कला है और प्रयास से हम अपने आप को बेहतर लेखक बना सकते हैं, मगर उससे पहले ये वह लिखना नहीं चाहते इसलिए आप कई लोग पाएंगे जो अक्सर कार्यालय में छुपने कि कोशिश

समझने की कोशिश करते हैं कि हम किस प्रकार के लेखक हैं। करते हैं ताकि उन्हें कुछ लिखने का कार्य नहीं दिया जाए। तो ऐसे लेखक - वो अक्सर अपने आप को

छुपाने कि कोशिश करते हैं, वो वास्तव में दे खे जाने से डरते हैं , वह डीझना नहीं चाहते और इसलिए
अब यहाँ हैं लेखक काम पर - जब आप कोई कार्यस्थल में शामिल होते हैं , जब आप कोई संगठन में
वह ज़्यादातर समय बचते रहते हैं , वह वास्तव में भागने कि कोशिश करते हैं।
शामिल होते हैं या कोई अन्य व्यवसाय में शामिल होते हैं तो आप पाएंगे कि आपके जिम्मेदारियों में

थोड़ा लेखन भी शामिल है । तो यहाँ ऐनी जेनज़र के किताब से एक पन्ना लेते हुए जहां वह
लेखकों का एक और वर्ग है परे शान लेखक। अब लेखकों क ये वर्ग थोड़ा बेहतर है - लेखकों का ये वर्ग
लिखती हैं कि हम सबके आस पास लेखक हैं और हम इन लेखकों को श्रेणीबद्ध कर सकते हैं।
, यह बहुत कोशिश करते हैं कार्य परू ा करने का, वह लिखना चाहते हैं और वह केवल लिखना नहीं

तो पहले आता है बेपरवाह लेखक। जब आप कोई संगठन में शामिल होते हैं , आप एक दिन पाएंगे चाहते बल्कि वह परू ा भी करना चाहते हैं, वह लिखना चाहते हैं और बहुत कोशिश करते हैं। बेशक,

कि आपके जिम्मेदारियों में लिखना भी आता है लेकिन फिर आप लेखक नहीं। तो असावधान या लेखक बनने कि पीढ़ी उनमें शरू
ु हो चक
ु ी है मगर फिर जब इस प्रकार की रुचि , इस प्रकार की इच्छा
आती है उनमें लिखने की , वे वास्तव में लिखना शरू
ु करते हैं और एक समय आता है जब वे में प्रभावशाली रूप से नहीं लिख सकता है । अगर आप दे खें जैसा कि मैने उस दिन कहा था अगर

बोझ-ग्रसित लेखक बन जाते हैं। आप दे खें प्रसिद्ध लेखकों को - उन्होंने रात भर काम किया है ।

अब कौन हैं ये बोझ-ग्रसित लेखक ? ये लेखक, जो वास्तव में सोचते हैं कि वे कोई भी चीज़ और और ख़ास तौर पे अब ऐसा है कि चाहे आप लेखक बनना चाहे या नहीं , मेरे

हर चीज़ लिख सकते हैं। ऐसे लेखक न केवल कोशिश बहुत करते हैं , बल्कि वह हर प्रकार का लेखन मतलब रचनात्मक लेखक या नहीं मगर फिर अगर आप कहीं काम कर रहे हैं आपकी लेखन मायने

करना चाहते हैं। और इन लेखकों को वास्तव में उतना समय नहीं मिलता व्यक्त करने के लिए , रखनी चाहिए क्योंकि किसी न किसी समय आपके व्यवसाय में , आपके पेशा में , आपके जिंदगी में ,

उतना समय नहीं मिलता संशोधन के लिए , उतना समय नहीं मिलता अपना लेखन सन्
ु दर करने के आपके दै निक कार्यों में ऐसा समय आता है जब लिखने की आवश्यकता आती है और आपकी जरुरत

लिए। मगर फिर क्योंकि आप लेखक बनना चाहते हैं, जैसा कि मैन उस दीन कहा था कि हम सब होते है ।

लेखक बनना चाहते हैं। तो कभी भी ऐसा मत सोचिए कि लेखक विशेष लोग हैं- वह विशेष लोग नहीं हैं , वह विशेष बनते हैं

अपने मेहनत के द्वारा, वह महत्वपर्ण


ू बनते हैं अपने किए गए प्रयास से। और फिर , लोगो की
तो लेखक बनने के लिए वातव में जरुरी है वास्तव में कि हम इनमें से किसी वर्ग में न आएं जो मैंने
ये धारणा भी है कि अगर आप ज्यादा शब्द जानते हैं, अगर आपकी शब्दावली अच्छी है , अगर आप
अभी बताए। वास्तव में हमें एक ऐसा लेखक बनना है जो महत्वपर्ण
ू है , एक लेखक जो मायने
वाक्य लिखना जानते हैं - मगर फिर वाक्य लिखना मतलब प्रभावशाली वाक्य लिखना
रखता है । और जो आप चाहते हैं वैसा बनने के लिए - आप एक मल्
ू यवान लेखक बनना चाहते हैं।

एक लेखक मल्
ू यवान तभी बनता है जब उसके लिखे शब्द न केवल मायने रखते हैं बल्कि जब Refer Slide Time 11:00)

उसके लिखे शब्द वास्तव में उसे बहुत महत्त्व दे ते हैं।

तो एक मल्
ू यवान लेखक जिसे हम सफल लेखक भी कह सकते हैं। अब ये सफल लेखक एक दिन में

नहीं बन सकते। आप शायद ऐसा सोच रहे होंगे कि आप लेखक बनना चाहते हैं, आपके पास शब्द हैं

और आप लिख सकते हैं मगर फिर मायने रखने के लिए, अपने आप को सफल लेखकों के वर्ग में

डालने के लिए आपको वास्तव में ऐसा विषय-वस्तु जो मायने रखता है और ऐसे विषय-वस्तु के

लिए वास्तव में बहुत धीरज, बहुत दृढ़ता और बहुत प्रयास चाहिए होता है मेरे प्रिय दोस्तों।

अब समस्या कहाँ है लेखक बनने में , क्या वास्तव में अफवाह, क्या वास्तव में प्रचलित धारणा है जो

शोर मचाती है । हम में से बहुत लोग ये सोचने लगते हैं कि लेखक विशेष व्यक्ति हैं - मेरा मतलब

लोग विशेष क्षमता के साथ पैदा होते हैं , वह वास्तव में पैदा होता हैं लिखने के प्राकृतिक प्रतिभा के

साथ। अब ये केवल अफवा है , कोई भी एक दिन में लेखक नहीं बन सकता है और कोई भी एक दिन
विचारों को लिखे जाने की आवश्यकता है , उन्हें समझाने की आवश्यकता है - उन्हें समझाना पड़ेगा

अभीष्ट मांग को परू ी करने के लिए , अभीष्ट निवेदन - और इसलिए मैं कहे जा रहा हूँ कि प्रयास

तो लोगो की धारणा है कि मौखिक क्षमता हमें प्रभावशाली लेखन में मदद कर सकता हैं। क्या ? ज़्यादा मायने रखता है ।

आपके पास शायद मौखिक क्षमता होगी मगर आप शायद प्रभाशाली लेखन न कर सकें क्योंकि हम
अब जैसा कि मैने पिछली कक्षा में खा था कि हमें लेखक बनना है मगर हम मेहनत नहीं करते हैं।
में से बहुत लोग सोचने लगते हैं कि सभी लेखन एक समान है - इसका क्या मतलब है ? सभी लेखन
क्या आपको लगता है केवल सोचने से आप लेखक बन सकते हैं - आप लेखक बन जाएंगे? नहीं,
एक समान है मतलब वास्तव में जिंदगी में , और व्यवसाय, पेशा, आजीविका, संस्थानों में लेखकों
आपको कभी न कभी शरु
ु आत करनी होगी या किसी न किसी तरीके से - और इसे कहता हूँ मै प्रयास
की अन्य श्रेणियां होते हैं और आप विभिन्न प्रकार के लेखन पाएंगे, है कि नहीं ?
का ज़्यादा महत्व होना।

अब ऐसे लेखन - हर लेखन के लिए अलग अलग प्रकार की समझ की आवश्यकता होती है , एक

अलग प्रकार की स्थिति जिसमें एक व्यक्ति लिखता है और स्थिति बदलती रहती है , परिस्थिति

बदलती रहती है । तो सभी लेखन एक जैसा नहीं भले ही कई लोग सोचते हैं कि सभी लेखन एक (Refer Slide Time: 14:14)

जैसा होता है ।

और क्यों? ऐसे लोग सोचते हैं कि एक ही तरीका हमेशा काम करे गा। उदाहरण के लिए, मान

लीजिये आप एक खत लिखने जा रहे हैं या आप विवरण लिखने जा रहे हैं - आप अपने दोस्त को

खत लिखने जा रहे हैं और आप अपने मालिक को खत लिखने जा रहे हैं - आप एक कविता लिखने

जा रहे हैं और आप एक नाटक लिखने जा रहे हैं - आप एक तकनिकी प्रस्ताव लिखने जा रहे हैं और

आप एक सीवी लिखने जा रहे हैं। क्या ये सभी एक जैसी बनती हैं? क्या इन सभी प्रकार के लेखन में

एक ही मात्रा में औपचारिकताएं हैं , एक ही प्रकार का ख़ाका है - नहीं, मेरे प्रिय दोस्तों।

और फिर हमें कहना पड़ेगा कि एक तरीका हर समय काम नहीं करता। हर लेखन के अलग सीमाएं

होते हैं, अलग उम्मीदें होती हैं - हम चर्चा करें गे कि कैसे उन उम्मीदों को और उन विभिन्न सीमाओं

को, कैसे उन अन्य मांगों को परू ा किया जाता है जब आप लिख रहे हैं, विशेष रूप में एक या एक से
अब, यहाँ मै आपको एक सन्
ु दर उद्धरण दे ना चाहता जो एंजेला डकवर्थ ने अपने प्रसिद्ध किताब
अधिक उद्दे श्यों के लिए। कई लोग ऐसा भी सोचते हैं कि उनके पास कुछ विचार आएं हैं और मैंने
ग्रिट में दिया था। ये एंजेला डकवर्थ कहती हैं और ये वास्तव में एक प्रतिक्रिया है उन लोगो के लिए
हमेशा खा है कि विचारों ने मानवता को दनि
ु या चलने में मदद की है । आपके पास विचार हैं मगर जो सोचते हैं कि लेखक विशेष हैं और लेखक प्राकृतिक कला के साथ पैदा होते हैं। अब एंजेला डकवर्थ
आप इन विचारों के साथ क्या करते हैं - वास्तव में आपके पास आए गए विचारों को लिखे जाने की
कहती हैं 'प्राकृतिक पक्षपात' एक छुपी पर्व
ू धारणा है । अब इन शब्दों को दे खें - प्राकृतिक पक्षपात एक
आवश्यकता है । मौखिक अंग्रेजी में , उन्हें बोले जाने की आवश्यकता है मगर लिखित अंग्रेजी में
छुपी पर्व
ू धारणा है उन लोगों के खिलाफ जिन्होंने हासिल किया है जो उनके पास है । अब, अगर आप

सोचते हैं सिर्फ प्रकृति से या भगवान दिए कला से आप लेखक बन सकते हैं। नहीं। तो जब आप इस

पक्षपात से पीड़ित हैं जो कहता है कि लेखक प्राकृतिक हैं, लेखक पैदा होते हैं.. नहीं। ये प्राकृतिकता

एक छुपी पर्व
ू धारणा है उनके विरुद्ध जिन्होंने प्राप्त किया है जो उनके पास है , क्योंकि उन्होंने

उसके लिए मेहनत करी है और एक छुपी पसंद उनके लिए जो हम सोचते हैं अपने जगह प्राकृतिक

प्रतिभा के कारण पहुंचे हैं।

अगर आप दे खें उन सभी प्रसिद्ध लेखक, नाटककार उपन्यासकार, और कवि को तो उन्होंने काफी

ज़्यादा लिखा है । और आप शायद ये सोच रहे होंगे कि उनके पास प्राकृतिक प्रतिभा है शायद इसलिए

उनके पास कल्पना है मगर अपने कल्पना को इस प्रकार के लेखन में बदलने के लिए जो लोगों को

अच्छी लगे, जिसके लिए लोग पागल हो जाएं, जो पढ़ना पसंद करें । वास्तव में इस सब के लिए
अब आपके पास विचार हैं अगर आप रचनात्मक लेखक के लिए जा रहे हैं तब भी। मगर फिर जब
केवल प्राकृतिक प्रतिभा नहीं बल्कि बहुत प्रयास की आवश्यकता है । और ये प्रयास, मेरे प्रिय दोस्तों,
भी आप लिखते हैं ऐसे कुछ चीज़ें हैं जो आपको अपने आप से जरूर पछ
ू ना चाहिए क्योंकि लेखन
ये प्रयास आप पाएंगे ज़्यादा मायने रखती है । ये प्रयास ज़्यादा कैसे मायने रख सकती है ?
जैसा कि मैने कहा केवल एक दिन में नहीं आ सकता है । और जब आप अपना प्रयास लगाना चाहते
केवल एक छुपी पर्व
ू धारणा होने से नहीं मगर फिर एक प्रकार का प्रयास करने से - और ये प्रयास
हैं तब भी क्या विभिन्न चीज़ें है जिनके अंदर आपको अपने दिमाग में रखना होगा लिखते समय।
कैसे? आप वास्तव में प्रयास करते हैं लेखक बनने का। और इसलिए हम कहते हैं कि जो हम सोचते
पहला है - अपने आप से पछि
ू ए कि आप क्यों लिख रहे हैं, क्या आप ये लिखने में मजबरू करता है ।
हैं कहीं पहुंचे हैं , वो उधर नहीं पहुँच सकते है या नहीं आ सकते हैं लिखने की चाह से जब तक वह
अगर हम में से ज्यादातर सोचना शरू
ु करें कि आप नौकरी में हैं या आप अपने खद
ु के व्यवसाय में हैं
उसमें अपना सारा प्रयास नहीं लगाते। अब, तो , जो, जो परिणाम पर हम यहाँ पहुंचे हैं कि आपके
जहां आप लेखन को अपना पेशा बनाना चाहते हैं, अपने जीविका।
प्रयास का ज़्यादा महत्व है ।

तो अपने आप से पछि
ू ए कि आप क्यों लिख रहे हैं, आपका उद्दे श्य क्या है - मेरा मतलब जब रब

आप अपने लिखने का उद्दे श्य नहीं जानेंगे तब तक आप प्रयास नहीं कर सकते हैं - क्योंकि जब
(Refer Slide Time: 16:55)
आप अपने लिखने का उद्दे श्य जानेंगे तब आप ये भी जानेंगे। क्योंकि ये उद्दे श्य आपको बताएगा

आप वास्तव में मन बहलाने के लिए लिख रहे हैं, जैसा कि मैने उस दिन क्या था उन लक्ष्यों के बारे

में जो आप हासिल करना चाहते हैं। सहज र्रोप से जब आप मन बहलाने के लिए लिख रहे हैं आप

कुछ लिखना शरू


ु करें गे बहुत रचनात्मक रूप में । आप सचि
ू त करने के लिए लिख रहे हैं तो जब आप

सचि
ू त करने के लिए लिख रहे हैं तब वह बहुत औपचारिक बन जाएगा और जब आप समझाने की
कोशिश करें गे - सहज रूप से जब आप समझाएंगे तब आपका ढं ग बदलेगा। तो आप क्यों लिख रहे नहीं आ सकता, आप केवल एक अनम
ु ान लगा सकते हैं और ज़्यादातर समय आप पाएंगे कि आपके

हैं ? पछि
ू ए अपने आप से आप क्यों लिख रहे हैं - हम वास्तव में कई कारणों के लिए लिखते हैं। अनम
ु ान सही है ।तो, आप किसके लिए लिख रहे हैं - कौन है वो लोग जिनके लिए आप लिख रहे हैं।

मान लीजिये , एक नौजवान नौकरी हासिल करना चाहता है - वह क्या लिखेगा ? वह लिखेगा या वह जब आप जानेंगे आप किन लोगों के लिए लिख रहे हैं आपका तरीका परू ा बदल जाएगा - क्योंकि

एक सी.वी का मसौदा तैयार करे गा। अब एक सी.वी बनाना एक कविता लिखने से अलग होगा। आप शायद उस व्यक्ति की पष्ृ टभमि
ू जान रहे होंगे, उसका स्वाद जान रहे होंगे, आप शायद उसकी

सहज रूप से, अब, अब आप दे ख सकते हैं कैसे ये दो चीज़ें अलग हैं। तो, आप क्यों लिख रहे हैं ? पद जान रहे होंगे, आप शायद उसकी स्थिति जान रहे होंगे, आप शायद उसकी भाषा पर

आप नौकरी पाने के लिए लिख रहे हैं। अब जब आप नौकरी पाने के लिए लिख रहे हैं, आपका अपने नियंत्रण भी जान रहे होंगे, आप शायद उसके विषय के बारे में ज्ञान भी जान रहे होंगे, आप शायद

आप से पहला सवाल होना चाहिए मझ


ु े कैसे लिखना चाहिए, क्योंकि सभी लिख रहे हैं, सभी किसी ये भी सोच रहे होंगे यह व्यक्ति कैसी प्रतिक्रिया दे गा, आप शायद ये भी प्रत्याशा कर रहे होंगे की यह

प्रकार का सी.वी बना रहे हैं। अब आपको एक ऐसा सी.वी लिखना है जो बीके, एक सी.वी जो वास्तव व्यक्ति सकारात्मक, नकारात्मक या निष्पक्ष रूप से प्रतिक्रिया दे गा। और आखिर में , आपको ये भी

में आपके बारे में बेहतर तरीके से बता सकता है - सचि


ू त कर सकता है भावी नियोक्ताओं को आपके सोचना होगा आप हासिल क्या करना चाहते हैं. आपने पहले से पछ
ू रखा है अपने आप से आप लिख

गुण के बारे में , आपके प्रतिभा के बारे में , आपके क्षमताओं के बारे में । क्यों रहे हैं .

तो आप कारण जानते हैं। मेरे सी.वी. लिखने का या मसौदा करने का कारण - वही वजह है । अब
तो कई चीज़ें हैं और वैसे ही जब आप कुछ अलग लिख रहे हैं। मान लीजिये आप लिखने जा रहे
मै क्या हासिल करना चाहता हूँ सी.वी लिखकर या मसौदा करके, मै वास्तव में साक्षात्कार के लिए
हैं एक छोटा विवरण या एक लम्बा विवरण या एक साध्यता विवरण या कुछ भी - सहज रूप से वह
चन
ु ा जाना चाहता हूँ। तो, और मै निर्भर कर रहा हूँ - आपके उद्दे श्य, आपके क्षेत्र, आपके लिखने
भी अलग होगा। तो पहले आपको पछ
ू ना होगा क्या लिख रहे हैं आप? तो जब आपको जवाब मिल
की वजह के अनस
ु ार आपके लिखने का परू ा ढं ग बदल जाएगा, क्योंकि जैसा कि मैने पहले ही क्या है ,
जाएगा आप क्या लिख रहे हैं, आप अभिन्यास के बारे में जान जाएंगे। और कवाल अभिन्यास नहीं,
मेरे प्रिय दोस्तों, आप भी उस भाषा के बारे में सोच रहे होंगे जो आपको पसंद है ।
जब आप जानेंगे आप क्यों लिख रहे हैं, आप ये भी जान जाएंगे आप किसके लिए लिख रहे हैं, है

ना ? जब आप जानते हो उस व्यक्ति को जिसके लिए आपका लेखन बना है और आप जान रहे हैं उस

व्यक्ति का विषय, ज्ञान, पष्ृ टभमि


ू , उम्र, शिक्षा, परिवेश - यह वास्तव में आपको मजबरू करे गा या
क्योंकि आप लिखने की वजह जानते हैं, मगर आपको ये भी जानना होगा आप किसके लिए लिख
सहायता करे गा उस प्रकार का भाषा चन
ु ने में जो दस
ू रे व्यक्ति को वास्तव में चाहिए।
रहे हैं - कभी आप केवल नियोक्ता के लिए लिख रहे होंगे। क्योंकि जब आप व्यवसाय में लिखते हैं -
तो जब आप हासिल करने की आशा करते हैं, आप पाएंगे वास्तव में की वह आपसे जड़
ु ग
े ा, वह
जब आप लिखते हैं आपके पास दो प्रकार के पाठक होंगे। और मैं कहते आ रहा हूँ कि जब भी आप
जोड़ेगा न केवल लिखने के उद्दे श्य से बल्कि आखिरकार, परिणाम से। क्या होगा परिणाम मेरे
लिखना शरू
ु करें पहले अपने पढ़ने वाले के बारे में सोचिए , अपने दर्शक - हम और चर्चा करें गे कि
लेखन का? तो, आप क्या हासिल करें गे यह लिखकर? तो, जब आपने ये सब कर लिया। अब शायद,
अपने दर्शक को कैसे जानें। तो जब आप अपने दर्शक को जानेंगे तब आप न केवल अपने दर्शक को
आपका आधा कार्य सरल बन गया मेरे प्रिय दोसतों। तो, जैसा मैने कहा , आपको अपने पाठकों को
जानेंगे - और अपने दर्शक को जानना काफी कठिन है ।
जानना जरूरी है । आप जानते हैं आप क्यों लिख रहे हैं और अब आप जानते हैं आपके पाठक कौन
उसके लिए, हमें क्या करना चाहिए ? हमें वास्तव में पहले से सोचना होगा, मेरा मतलब एक प्रकार
है ।
की कल्पना करने होगी, एक प्रकार की प्रत्याशा, एक प्रकार की पर्व
ू ज्ञान - आपके पास ये पर्व
ू ज्ञान
अब, कौन हो सकते हैं आपके पाठक, सोचिए ? जब आप सी.वी मसौदा कर रहे हैं, सहज रूप से ये अब, कोई भी सनि
ु श्चित नहीं कर सकता है कि जो भी आप लिखें या जो भी मै लिखंू मेरे पाठकों को

नियोक्ताएं, ये भर्ती करने वाली संस्था आपके पहले पाठक होंगे। मगर जब आप विवरण लिख रहे हैं संतष्ु ट कर पाएगा या मेरे पाठकों को समझा पाएगा। क्योंकि अंत में आपकी लेखन महत्वपर्ण
ू तभी

तब कौन होगा पहला पाठक, मझ


ु े उन्हें मख्
ु य पाठक और अप्रधान लेखक कहना चाहिए। कौन बनेगी जब कोई प्रतिक्रिया है । अब वापिस चलते हैं संचार सिद्धांत पर जो कहता है कि जब आप

बनेगा मख्
ु य यहां? मख्
ु य लेखक वह व्यक्ति है जिसको आप अपना विवरण प्रस्तत
ु करें गे, मख्
ु य एक सन्दे श भेजते हैं।

लेखक वास्तव में वह भर्ती करने वाली संस्था हैं जिन्हें आप अपना सी.वी प्रस्तत
ु कर रहे हैं, है ना ? तो, एक लेखक के रूप में भी आप एक सन्दे श भेज रहे हैं और उत्तर का इंतज़ार कर रहे हैं। तो, ये

और फिर कभी कभी तैयार या लिख भी रहे हो सकते हैं अपना प्रस्तत
ु ीकरण । उत्तर अच्छा तभी आ सकता है जब लेखन अच्छा हो। तो, लेखन शाब्दिक है , मतलब आपने सही

शब्द चन
ु े हैं, आपने सही तरीका चन
ु ा है जिसकी चर्चा हम आने वाले भाषणों में करें गे।
तो आपको सोचना होगा कौन होंगे आपके दर्शक, कौन होंगे पाने वाले। तो, और आप याद रखना

होगा, आपको बल्कि समझना होगा - सबसे पहले समझना होगा कि सभी पाठक एक जैसे नहीं। तो सभी पाठक एक जैसा नहीं, उनके पसंद अलग हैं, उनके स्वाद अलग हैं। यहाँ तक कि उनकी

शिक्षात्मक पष्ृ टभमि


ू और अनभ
ु व विविध हैं, वास्तव में होता क्या है ज़्यादातर समय हमारे पास

कुछ कल्पना होते है , क्या है ये कल्पना? ये कल्पना है कि जो भी मै जानता हूँ या जो भी आप जानते


(Refer Slide Time: 24:13)
हैं, आप एक लेखक के रूप में - मेरा अर्थ है आप कभी सोचते नहीं हमारे पाठक क्या उम्मीद करते हैं,

हमारे दर्शक क्या चाहते हैं या यहाँ तक की वास्तव में ये पाठकों के भलाई के लिए बना भी है - सिर्फ

तभ लेखन प्रभावशाली बन सकता है और ऊपर से हमारे पाठकों के पास सांस्कृतिक पर्वा


ू ग्रह भी हो

सकते हैं।

अब, अगर आप काम कर रहे हैं कहीं न कहीं। तो, लोग होते हैं विभिन्न संस्कृतियों के, विभिन्न धर्मों

के, विभिन्न दे शों के, विभिन्न स्वाद के, विभिन्न आदतों के और उनकी शिक्षात्मक पष्ृ टभमि
ू भी

अलग है । तो, उनमें से कई की संस्कृति भिन्न हो सकती है - जो हमारे से समान नहीं। अब, जब

आप कुछ लिख रहे हैं जो उनके संस्कृति को प्रभावित कर सकता है या आपके पास लेखक के रूप में

सांस्कृतिक पर्वा
ू ग्रह हो सकती है , क्योंकि हम में से कई इस विचार के हैं कि जो हम सोचते हैं, जो हम

करते हैं, जो हमारे संस्कृति में होता है वही दस


ु रे संस्कृतियों में भी होता है । तो हमें क्या करना है -

सांस्कृतिक पर्वा
ू ग्रह और पेशव
े र अनावरण। मान लीजिए, आप एक नए कार्यालय में शामिल हुए

और फिर जब आप कार्यालय पहली बार जाते हैं, आप पाते हैं ऐसे कई चीज़ें हैं जो अलग है और
तो आपको सोचना होगा कौन होंगे आपके दर्शक, कौन होंगे पाने वाले। तो, और आप याद रखना
आपको समय लगता है समयोजिय होने में ।
होगा, आपको बल्कि समझना होगा - सबसे पहले समझना होगा कि सभी पाठक एक जैसे नहीं।

अब, हमारे पाठक भी इस प्रकार के हैं - जब आप लिखते हैं और अपने पाठकों के बारे में नहीं सोचते
हैं, होता क्या है आप सोच रहे हैं अपने अनभ
ु वों के अनस
ु ार, अपने शिक्षा के अनस
ु ार, मगर पाठकों सोचते हैं कि सभी पाठक क्योंकि आप लेखक हैं, आप कुछ लिख रहे हैं- या तो आप सोचते हैं कि वह

की उम्मीदें और पाठकों की पष्ृ टभमि


ू अलग है । तो, सांस्कृतिक पर्वा
ू ग्रह और पेशव
े र अनावरण- शायद जानते हैं इसे जब आप समझाने जाएंगे आप सिखाएंगे, आप कुछ ज्ञान दें गे या अक्सर आप

उनसे वास्तव में असर पड़ सकता है । और इसलिए जब आप लिखने जा रहे हैं वास्तव में आपको ये भी सोचना शरू
ु करते हैं कि शायद वह इस चीज़ से पहले भी मिले हैं।

जानना होता है या आपको वास्तव में सोचना होता है अपने पाठकों के बारे में । तो आप ये कैसे कर
तो, अगर - क्योंकि हम कहते हैं संचार में परिचित होना बहुत अच्छी बात है । जब दो लोग एक जैसा
सकते हैं?
सोचते हैं तब संचार के परिणाम काफी अनक
ु ू ल होते हैं, लेकिन जब दो लोग - मेरा मतलब पाने वाला
आप आपके पाठक की प्रतिक्रिया अनक
ु ू ल हो सकती है या शायद प्रतिकूल। आपके पाठक अलग
और भेजने वाला - उनके अलग पष्ृ टभमि
ू होते हैं तब गतिरोध की संभावना भी हो सकती है । तो
प्रतिक्रिया दे सकते हैं, वह तटस्थ प्रतिक्रिया दे सकते हैं, वह कभी कभी अनक
ु ू ल भी हो सकते हैं,
लेखकों - लेखक के रूप में हमें संवेदनशील रहना है दर्शकों के मनोभाव के प्रति। उनका क्या
मगर फिर एक लेखक के रूप में हमारा उद्दे श्य होना चाहिए कि हम जो भी लिखें या जो भी आप
मनोभाव होगा - जैसा मैने कहा वह क्या प्रतिक्रिया दें गे।
लिखें - यह वास्तव में सनि
ु श्चित करना है कि वह ठीक से अवगत किया गया है । न केवल यह ठीक

से अवगत किया है बल्कि ये वांछित परिणाम लाता है । और यह कैसे संभव है , माफ़ करना, यह कैसे

मम
ु किन है मेरे प्रिय दोस्तों? अगर आप एक भाषा का उपयोग करते हैं, अगर आप ऐसे अंदाज़ के साथ जाते हैं जो वास्तव में

पाठकों के भाव को चोट पहुंचाए , सहज रूप में यह अनक


ु ू ल नहीं होगा, यह प्रतिकूल होगा। तो,

(Refer Slide Time: 28:06) लेखक को आवश्य समझना होगा कब ज़ोर दे ना है और कैसे, क्योंकि जब आप तय करते हैं आप

क्यों लिख रहे हैं और आपका उद्दे श्य - क्योंकि आपने पहले ही तय कर लिया है आप क्या हासिल

करना चाहते हैं, आपका उद्दे श्य फायदा करना है , है ना ? आपका उद्दे श्य है फायदा करना - उस

स्थिति में आपको क्या करना चाहिए ?

आपको वास्तव में ऐसा दृष्टिकोण लेना चाहिए, आपको ऐसा ठान लेना चाहिए कि मेरे पाठकों का

लाभ होना जरूरी है । तो, अगर आप कहीं ज़ोर दे ने वाले हैं, आपको वास्तव में इस तरीके से प्रस्तत

करना है कि पाठक समझ पाए आप कहाँ ज़ोर दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, व्यवसाय लेख में हमेशा

कहा गया है कि जब आप कोई उत्पाद बेचने की कोशिश कर रहे हैं या आप कोई नया उत्पाद प्रस्तत

करने जा रहे हैं, आपको पाठक को बताना होगा कैसे इस उत्पाद के ज़्यादा लाभ हैं। और यही वास्तव

में मख्
ु य तत्व है कि कहाँ आप ज़ोर डालेंगे और कैसे आप ज़ोर डालेंगे - गुणों के बारे में बता कर। हम

इसकी चर्चा दस
ू रे भाषणों में विस्तार से करें गे।
दर्शकों की पष्ृ ठभमि
ू या तो प्रभावित करे गा या बाधा करे गा। अब, कैसे, कैसे होता है ये - अक्सर हम
वास्तव में , यह एक खत उत्तर है और खत में आपको समझना होता है क्योंकि अब पाठक कुछ
आप आपका अपने दर्शकों के बारे में इस प्रकार सोचना होगा कि वह आपको अपने संचार लक्ष्य को
जानकारी जानना चाहता है मगर आपने इस तरीके से लिखा है कि वह सम्प्रेषित नहीं करता है । क्या
पाने में मदद करे । जैसा मैने कहा संचार का लक्ष्य होता है उनका लाभ करना और उसके लिए, न
वास्तव में करना चाहिए आपको या चाहिए या कर सकता था वो भाषा को ज़्यादा परिचित बनाने के
केवल आपको सही अभिन्यास चन
ु ना होगा, सही संरचना, बल्कि सही भाषा भी। कैसे? वास्तव में ,
लिए। यह भाषा यहाँ परिचित नहीं है , मेरे प्रिय दोस्त और इसलिए वह लक्ष्य पाने में नाकाम हुई।
जब आप अपने पाठक की पष्ृ टभमि
ू जानते हैं, वह आपको सक्षम करे गा या वह आपकी मदद करे गा

सही भाषा और लहज़ा चन


ु ने में । मेरे प्रिय दोस्तों, वास्तव मैं भाषा है जो मायने रखता है आज अब, जब आप यहाँ अपने दर्शक को जांचेंगे ऐसे कुछ सवाल है - जैसा मैंने पहले भी कहा था - जिन्हें

कल। ध्यान दे ना जरुरी है । कौन हैं मेरे मख्


ु य पाठक? जब आप लिखते हैं अपना बिक्री खत, बेशक, वह

इस पीढ़ी में जहाँ लोगों के पास समय नहीं - आप जानते है , हम सभी को समय की समस्या हो रही ग्राहकों के लिए है । अब, अगर हम पिछले स्लाइड से उदाहरण लें जैसा आपने पहले ही दे खा है । कुछ

है । और इसलिए, लेखक के रूप में , आपको इस प्रकार से केन्द्रित करना होगा कि कम समय में आप ग्राहक शायद समझें , मगर क्या सभी ग्राहक निहितार्थ समझ पाएंगे आखरी के लिखे गए तीन

अपने विचारों को बहुत संगठित रूप से संप्रेषित करें गे। अब आप दे ख सकते हैं इस उदाहरण को जो शब्दों का? बिलकुल नहीं।

मैने इधर दिया है । यह उदाहरण एक खत से है और यह पत्र एक ग्राहक के पत्र का उत्तर है । अब इसे अब कौन है मेरे अप्रधान पाठक ? जैसा मैने कहा आपको ध्यान दे ना है न केवल मख्
ु य बल्कि

दे खिए और अपने आप को पाने वाले के स्थिति में डालिए और सोचिए क्या ये भाषा उचित है , क्या अप्रधान पाठकों पे भी, मख्
ु य में शायद आपके नियोक्ता होंगे अप्रधान शायद लोग, पक्षकार, ग्राहक,

यह लहज़ा उचित है या कहाँ लेखक विफल हुआ है । खरीदने वाले। क्या है मेरा रिश्ता पाठक के साथ? अब आपका पाठक से साथ रिश्ता, चाहे मख्
ु य या

अब यह पत्र कहता है : अप्रधान , जब आप लिखते हैं या कोई विवरण प्रस्तत


ु करते हैं आप पाएंगे आपको सनि
ु श्चित करना

है कि आपका रिश्ता आपके नियोक्ता के साथ कैसा है और वह कैसी प्रतिक्रिया दें गे।
धन्यवाद इस उत्साही प्रतिक्रिया के लिए जो इस पदोन्नति ने उत्पन्न किया है । हमने दर्भा
ु ग्य से
ऊपर से, आपको अपनी लेखन कुर्बान नहीं करने केवल खश
ु करने के लिए या केवल अपने कियोक्ता
अपना भंडार कुछ समय के लिए खाली कर दिया है । हम, इस कारण से, आपकी मांग रोक रहे हैं
को खश
ु या प्रसन्न करने के लिए क्योंकि आपका मख्
ु य पाठक, मेरा मतलब अप्रधान पाठक ज़्यादा
जब तक भंडार नहीं भरता।
महत्वपर्ण
ू है । तो आपको यह मिश्रण जरूर बनाना होगा अपने मख्
ु य एवं अप्रधान पाठक को
अब, अब दे खिए मेरे प्रिय दोस्तों क्या होता है , क्या वास्तव में हुआ है । यहाँ, आपके या लेखक ने
समझने के बीच। कितना जानता है मेरा पाठक इस विषय के बारे में ?
पाठक के पष्ृ टभमि
ू को नहीं समझा। यहाँ कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका वास्तव में उपयोग किया गया है

और इसे इस प्रकार से उपयोग किया गया है । अब, दे खते हैं आखरी वाक्यों को यहाँ - जब तक भंडार अब, जैसा हमने पहले ही चर्चा किया है , क्योंकि ज़्यादातर समय हम दिखाने की कोशिश करते हैं

नहीं भरता। अब कल्पना कीजिए, क्योंकि जैसा मै कहे आ रहा हूँ कि सभी पाठक एक जैसे नही होते हम क्या जानते हैं मगर हम कोशिश नहीं करते समझाने की अपने पाठकों को जो नहीं जानते और

हैं। तो जब एक पाठक आता है और एक पाठक लड़का हो सकता है , उदाहरण के लिए बीस इसलिए यह समस्या बनी रहती है ।

या इक्कीस वर्ष का -अब क्या वह करने में सक्षम होगा - क्योंकि आप उसकी पष्ृ ठभमि
ू नहीं जानते
(Refer Slide Time: 35:38)
हैं - क्या वह समझ पाएगा इन आख़िरी तीन शब्दों को - जब तब भंडार नहीं भरना।
कैसी प्रतिक्रिया दे गा पाठक मेरे सन्दे श पर? अब मेरे प्रिय दोस्तों जब हम चर्चा करते हैं इस सब के मतलब नहीं , मगर वह अपमानित करता है न केवल आपको एक लेखक के रूप में मगर फिर वह

बारे में , आपको वास्तव में सोचना पड़ेगा कि अपने लेखन को प्रभावशाली बनाने के लिए आपको जो वास्तव में आरोपित करता है आपके पढ़ने, आपके सीखने, और आपके अपने पाठकों को समझने

भी करना है , आपको जो भी समझना है - यही है कि एक संतल


ु न होने चाहिए पाठक क्या जानना में ।

चाहते हैं और लेखक क्या लिखना चाहते हैं उसके बीच। जब तक एक उचित संतल
ु न नहीं पाठकों के आशा करता हूँ, इस भाषण के साथ आप वास्तव में उत्पन्न कर पाएंगे एक प्रकार की चेतना कि कैसे

उम्मीदें और लेखक के इरादे के बीच, कोई आशयित परिणाम नहीं आएगा। लेखन, जैसा मै कहते आ आपको लिखना शरू
ु करना चाहिए और कैसे आपको अभ्यास करनी चाहिए सभी विभिन्न बारीकियों

रहा हूँ, एक कठिन कार्य है मेरे प्रिय दोस्तों , और लिखना एक दिन का काम नहीं। की। क्योंकि यह कोर्स जो हमने बनाया है वास्तव में आपको बताएगा और आपको परिचित करे गा

विभिन्न प्रकार के लेखन से - जो अगर आप अपने आप को पष्ृ टभमि


ू में रखें और अगर आप
जो आप लिखते हैं मायने रखता है और क्योंकि लिखना अभिलिखित जानकारी का एक हिस्सा बन
तदनस
ु ार चलें तो आपको बदलेंगी एक लेखक में जो एक लेखक को प्रभावित करता है , जो एक
जाता है , हिस्सा बन जाता है जानकारी का जिसे बचा के रखा जाएगा आने वाले वर्षों में । इसलिए ,
लेखक को मायने रखता है , जो सम्मान दिलाता है और प्रभावशाली है आने वाले सारे समय के लिए,
एक भावी लेखक के रूप में , एक भावी - उदाहरण के लिए , कार्यालय के व्यक्ति के रूप में , आपको
तब तक सोचते रहिए।
यह भी दे खना है कैसा आपका लेखन संप्रेषित करता है जो उसे संप्रेषित करना चाहिए। आप पाएंगे
बहुत बहुत धन्यवाद, आपका दिन शभ
ु हो।
इन भाषणों में पालन करने के लिए - क्या है लिखने के विभिन्न तरीके, क्या है विभिन्न उम्मीदें
Glossary / शब्दकोष
लिखने से और क्या है आधारभत
ू सिद्धांत जो आपके लिखन को प्रभावशाली बना सकते हैं।

No. English word Transliteration in Meaning in Hindi


Hindi
तब तक के लिए सोचते रहिए और सोचते रहिए न केवल अपने लेखन के बारे में बल्कि अपने पाठकों

के बारे में भी, अपने पाठकों के प्रतिक्रिया के बारे में भी, आप हासिल क्या करना चाहते हैं और क्या श्रेणीबद्ध करना
1. categorize कैटे गोराइज़
हासिल किया है के बारे में भी - क्योंकि अंत में यह आपका लेखन है जो आपकी गैरहाज़िरी में

आपका प्रतिनिधित्व करता है , आपका लिखन ही आपके पाठकों के दिमाग में एक चित्र बनाता है । 2. excellent एक्सीलेंट उत्कृष्ट

और आपका लेखन ही है जो वास्तव में आपको सफलता की सीढ़ियों के ओर ले जा सकता है न

केवल व्यवसाय में बल्कि जिंदगी में भी।


3 byproduct बाइप्रोडक् ट उपोत्पाद

आकांक्षा
और इसलिए, जब तक आप प्रयास करते रहें गे पर्ण
ू ता तक पहुँचने के ओर , क्योंकि जैसा मैंने कहा है 4 aspirational ऐस्पिरे शनल

पर्ण
ू ता एक अपनाम है , आप केवल एक दिन में उत्तम नहीं बन सकते हैं, आपको प्रयास करते रहना

होगा हर दिन, हर रात, और आपको सोचना भी होगा कौन से शब्द उचित हैं, कौन से शब्द
5 creative क्रिएटिव रचनात्मक
विश्वसनीय हैं, शब्दों का अर्थ क्या है क्योंकि ऐसे समय होते हैं जब आप कोई शब्द चन
ु ते हैं जिसका
6 anticipation एनटीसीपेशन प्रत्याशा

7 neutral न्यट्र
ू ल निष्पक्ष

8 interview इंटरव्यू साक्षात्कार

9 presentation प्रेजेंटेशन प्रस्तत


ु ीकरण

10 preference प्रेफरें स प्राथमिकतl

11 bias बायस पर्वा


ू ग्रह

12 deadlock डेडलॉक गतिरोध

व्यय करना
13 deplete डिप्लीट

पदोन्नति
14 Promotion प्रोमोशन

निहितार्थ
15 implication इम्पलीकेशन

आशयित
16 Intended इन्टे न्डेड

लेख्यांकित
17 recorded रिकार्डेड

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