मोटरगाड़ी चालन - विकिपीडिया

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मोटरगाड़ी चालन

चलती कार

मोटरगाड़ी चालन (Driving) से


ता पय जमीन पर
वाली कसी गाड़ी (जै
चलने से
कार, बस, क, बाइल,
कू
टर आ द) को नयंत ढं
ग से
चलाना।
प रचय
जब कोई नई गाड़ी खरीद कर चलता है
तब
उसक यही दे
खने
क इ छा रहती है
वह गाड़ी अ धक
से
अ धक कतनी र तार पकड़ती है
। ले
कन ऐसा
करना खतरे
सेखाली नह होता। आरं
भक थम १०००
कमी क या ा म उसे
३० कमी त घं
टा से
अ धक
चलाना ही नह चा हए। वै
से
तो कारखान म नमाण के
बाद ये
क मोटर गाड़ी के
इं
जन को ठ ये
पर बै
ठा कर
और चलाकर भली भाँ
त जाँ
च लया जाता ह, ले
कन
यह अ पका लक ही होता है
। अत: गाड़ी म लगाने
के
बाद भी आरं
भ म कु
छ समय तक उसे
धीरे
चलाने
से
उसके
सब बे
य रग और पु
ज रवाँ
हो जाते
ह। ऐसा न
करने
सेकई बार, इं
जन केस लडर, बे
य रग और श
षण यंब त गरम होने
े सेजल और ठ कर इतने
खराब हो सकते
ह क उनी मर मत करना असं
भव हो
जाय। इस समय उनम खू
ब ते
ल भी दया जाना चा हए।
स लडर म ब त अ धक ते
ल दे
ने
सेयही हा न होती है
क वह फालतू
ते
ल जलकर, स लडर म काबन के प
, जसेथम १,००० कमी क या ा के
म जम जाता है
बाद ही साफ करना आव यक हो जाता है
। फर बाद म
४,००० कमी क या ा के
बाद साफ करना आव यक
हो जाता है
। गाड़ी क सु
र ा केलये
उपयु सावधानी
बरतनी ही चा हए।

सं
चालन व ध
सफल मोटर ाइवर बनने
केलये
उसकेनयंक
,
उपकरण का उपयोग और बाजार क भीड़ भाड़ म से
बना टकराए गाड़ी चलाना ही काफ नह होता। थम
यो यता तो एक आध घं
टे
म ही ा त क जा सकती है

एक द ाइवर क यही पहचान हैक वह सब कार के
, अपनी और जनता
माग पर औसत उ चतम र तार से
क सु
र ा का पू
णतया यान रखतेए गाड़ी को चलाते
ए उसे
इस कार से
सँ
भालेक उसम घसाई, टू
ट फू

और पेोल आ द का खचा यू
नतम हो। यह गु
ण नरं
तर
अ यास से
ही ा त होता है

ाइवर को अपनी गाड़ी क चौड़ाई का सही ान होना


आव यक हैजससे
वह गाड़ी को बना कसी चीज से
टकराए यू
नतम थान म सेनकाल कर ले
जा सके

उसे
अपनी गाड़ी और सरे
वाहन क र तार क सही
अटकल लगाने
क यो यता होनी चाहए। गाड़ी को चालू
करते
समय नयंक उपकरण का सं
चालन इस कार
करना चा हए क उनक या पू
णतया व थत हो।
ाइवर क नगाह आगे
केरा ते
पर लगभग १०० मी
क री तक फै
ली रहनी चा हए और आव यकता पड़ने
पर उसका हाथ, बना माग से हटाए, सही नयंक
उपकरण पर पड़ना चा हए। नए ाइवर क नगाह आगे
के
रा ते
पर लगभग १०० मी क री तक फै
ली रहनी
चा हए और आव यकता पड़ने
पर उसका हाथ, बना
माग से हटाए, सही नयंक उपकरण पर पड़ना
चा हए। नए ाइवर के
साथ घटनाएँाय: इस लये
होती हैक वे
उपकरण को दे
खकर पकड़ने
केलये
अपनी माग से
हटा ले
ते
ह। यह यो यता कई सौ
कमी क या ा कर चु
कने
केबाद ही ा त होती है

ाइवर को पै
र से
चलाए जाने
वाले
उपकरण क थत
का भी सही ान होना आव यक है
। ाय: गाड़ी को एक
दम रोकने
क इ छा से
पै
रचा लत े
क दबाने
के यास
म नौ स खय का पै
र भू
ल सेफसल कर व र फलक
, जससे
पर पड़ता है भारी घटना हो जाती है
। कई
ाइवर भीड़ भाड़ क जगह पर पै
रच लत े
क का ही
अ धक उपयोग कया करते
ह, ले
कन उ ह बगली म
लगे
हाथ े
क का भी उपयोग करना चा हए। कई बार
आठ दस फु
टक री म ही गाड़ी रोकनी पड़ती है
। ऐसी
थ त म अं
दाजा न रहने
पर य द ाइवर हाथ े
क को
टटोलता ही रह जाए तो घटना होना न त है

ाइवर केलये
राजमाग य नयम का जानना भी
आव यक है
। याद रखना चा हए क सड़क क बाई
तरफ का भाग अपनी गाड़ी और दाहनी तरफ का भाग
सामने
सेआने
को वाहन म लए न त है
। अपनी ही
दशा म आगे
चलने
वाले
वाहन का अ भलं
घन करने
के
लये
उ ह अपनी बा तरफ छोड़कर उनक दाहनी तरफ
सेनकल जाना चा हए। कसी घोड़ा, या बै
लगाड़ी के
चालक, अथवा पु
लस केसपाही के
कहने
पर ाइवर
को मोटर एकदम रोकनी चा हए, सँ
भव हैक घोड़ा, या
बै
ल चालक के
वश म न हो; या चलने
म असमथ हो।
चौराह पर खड़ेसपा हय के
संके
त का त ण पालन
करना चा हए। साथ ही ाइवर को चा हए क वेवयं
कधर को जाना चाहते
ह, यह बात इशारे
सेपु
लसवाल
को भी बता द। अपने
आस पास चलने
वाले
अय
ाइवर को भी बता द क वे कना चाहते
ह अथवा
कधर को मु
ड़ना चाहते
ह। आधु
नक राजमाग के
चौराह आ द पर यातायात केनयंण केलयेसपाही
तै
नात न कर बजली केवचा लत सं
के
त भी लगा दए
जाते
ह, अत: उ ह भी समझकर तनु
दसार काय करना
चा हए।

गाड़ी के
इं
जन को चालू
करना
भ कारखान क बनी गा ड़य क रचना म भ ता
रहने
केकारण उनको चालू
करने
क व ध म भी कु

भ ता होती है
। वशे
ष कर शरद्
ऋतु
म कई गा ड़याँ
चालू
होते
समय क ठनाई उ प कर दे
ती ह, अत: पहले
से
ही उनकेनयंक उपकरण का समं
जन उ चत कार
से
कर ले
ना चा हए। उदाहरणत:, गाड़ी म व वतक यं
लगा हो अथवा न लगा हो, ये
क गाड़ी के
उपरोधी
(thhrottle) और वालक लीवर को पहले
सेही सही
समं
जत कर रखना चा हए। य द गाड़ी म प रवतनशील
वालक यु लगी हो, जससेबजली क चनगारी
पहले
सेअथवा वलं
बत कर छोड़ी जा सकती हो, तो
गाड़ी को चालू
करते
समय उसे
कुछ लं
बत कर दे
ना
चा हए। य द चनगारी पहले
सेछोड़ द जायगी, तो
सं
पी डत गै
स समय से
पहले
ही जल उठे
गी जससे
इं न- पन आ द पर ब त जोर पड़े
जन क गजे गा। चालू
करते
ही गअर बॉ स के
लीवर को तट थ थ त म
रखना चा हए और बगली के
हाथ े
क को बँ
धा आ।
फर पेोल को खोलकर वालक वच लगा दे
नी चाहए,
जससेक उसका भी प रपथ पू
रा हो जाए। य द
आव यक हो तो काबू
रे
टर को हलके
सेठकठका दे
ना
चा हए, जससे
उसके को म पेोल भर जाए। अब
य द व वतक (self-starter) यंलगा हो, तो उसे
चालू
कर दे
ना चा हए, अ यथा के
वल हाथ से
घु
माने
का
ही बं
ध हो, तो पहले
उसके
ह डल को पू
रे
दो च कर
घु
माना चा हए, जससे
एक स लडर म ते
पेोल क गै

सं
पी डत होकर भर जाए, जो वालन केलये
तै
यारी
होगी और सरेस लडर म चू
षण या होगी। फर जब
ह डल नीचे
क तरफ हो, तब उसे
एकदम झटके
केसाथ
ऊपर क तरफ घु
माना चा हए, इस कर वालन होकर
इं
जन चल पड़े
गा। खाली इं
जन के
कुछ मनट तक चलने
के
बद, जब उसके ये
क भाग म गम आ जाए तभी
उसपर गाड़ी के े
षण यंका बोझा डालना चा हए।
य द रे
डएटर के
साथ जल प रवाहक शटर भी लगा हो,
तो स दय म उसे
भी एक दो मनट तक बं
द रखना
चा हए, जससे
जै
के
ट के
पानी म हलक सी उ णता आ
जाए।
खड़ी गाड़ी को चालू
करना
उपयु या ारा जब इं
जन भली भाँ
त चलने
लगे
तब लच के
फलक को दो चार से
कं
ड तक दबाकर गाड़
के े
षण यंको न न गअर म लगाना चा हए। इस
समय बगली का े
क लगा रहना चा हए और एक पै

को व र फलक पर रखकर लच को धीरे
सेलगा दे
ना
चा हए। फर इं
जन केवरा पकड़ते
ही े
क को छु
डा
दे
ना चा हए। इस कार गाड़ी धीमी र तार से
आगे
बढ़ने
लगे
गी। कई आधु
नक गा ड़य म उसके
चालू
होने
के
तु
रं
त बाद ही सरा गअर लगा दया जाता है

गअर बदलना
न न गअर सेसरेगअर पर बदली करने
केलये
लच फलक को थोड़ा ही दबाना चा हए, पू
रा नह । इस
समय व र फलक को आजाद छोड़ दे
ना चा हए,
गअर लीवर को एक ण केलये
तट थ थ त म
रखकर उसे
ऊँची थ त म सरकार दे
ना चा हए। इसके
बाद लच को धीरे
सेलगा दे
ना चा हए। फर व र
फलक को दबा दे
ना चा हए, जससे
इं
जन पहलेजतने
ही च कर लगाने
लगे
। गाड़ी को और अ धक ऊँ
चे
गअर पर लगाने
केलये
उसे
उ चत र तार पर चलने
दे
तेए उपयु सभी याएँ
दोहरानी चा हए। इसम
अं
तर के
वल यही होगा क गअर लीवर को तट थ
थ त म कु
छ अ धक ण तक रखना होता है
। गअर
को ऊँ
ची अथवा नीची थ त म बदलते
समय उ
तट थता क अव ध ये
क गाड़ी केलयेभ आ
करती है
। एक बार जब गाड़ी ऊँ
चेगअर पर लग द
जाए तब उसक र तार म कमीबे
शी उपरोधी ारा क
जाती है
। गाड़ी केगयर को हमे
शा पू
रा लच दबाकर
ही बदलना चा हए| अगर पू
रा लच बना दबाये
आप
गयर बदलते
ह तो गयर बॉ स ज द ख़राब होने

आशं | [1]
का बनी रहती है

गाड़ी को धीमे
करना और रोकना
जै
सा पहले
बाताया गया हैक य द ाइवर, अपनी
नगाह माग पर गाड़ी से
लगभग १०० मीटर आगे
तक
फै , तो सामने
लाए रखे सेआने
वाल से , भोपू
बचने
, मोड़ पर घू
बजाने , या चढ़ाई पर चढ़ने
मने केलयेगअर
बदलने
अथवा चाल को धीमी करने
आ द केलये
काफ
समय मल जाता है
और गाड़ी को दोन क लगाकर

झटके
सेरोकने
क आव यकता नह पड़ती।

य द गाड़ी को कह ठहराना अभी हो, तो पहले


उपरोधी (throttle) को बं
द कर दे
ना और व र फलक
से
पै
र हटा ले
ना चा हए, ले
कन लच को लगे
रहने
दे
ना
चा हए। इस कार गाड़ी क सहज ग त के
कारण जब
इं
जन श र हत होकर खाली चले
गा तो वह एक कार
के े
क का काम करे
गा, जससे
गाड़ी वत: ही धीमी
पड़ती जाएगी। फर अं
त म लच को भी छु
ड़ाकर हाथ
अथवा पै
र का े
क यथा अवसर लगा दे
ना चा हए। गाड़ी
के
ठहरते
ही गअर लीवर को तट थ कर दे
ना चा हए
और हाथ े
क बाँ
ध दे
ना चाहए। य द गाड़ी को कसी
, तो बाई तरफ के
ढाल पर खड़ा करना पड़े अगले
या
पछले
प हए को कब प थर से
अटका दे
ना चा हए, इस
कार गाड़ी लु
ढ़के
गी भी नह और े
क पर भी अ धक
जोर नह दे
ना होगा।

गाड़ी को ठहराने
केसं
बं
ध म दो बात याद रखनी चा हए:

(१) गाड़ी को सड़क के


मोड़ या कोने
पर कभी नह
खड़ा करना चा हए। ऐसा करने
सेअ य आने
जाने
वाली गा ड़य से
ट कर हो सकती है

(२) कसी गली या सीधी चौड़ी सड़क पर भी गाड़ी
को कसी सरी खड़ी ई गाड़ी के
मुह के
ँ सामने
नह
खड़ा करना चा हए। ऐसा करना सबको
असु
वधाजनक होता है

चढ़ाई के
माग पर चलना
ाइवर लोग ाय: यह गलती कया करते
ह क चढ़ाई
पर चढ़ते
समय जब गाड़ी मं
द पड़ने , तब ब त
लगती है
दे
र बाद गअर बदलने
का य न करते
ह। वै
से
तो
आधु
नक गा ड़य क या मकता म काफ लचीलापन
होता है
और छोट तथा हलक चढ़ाइयाँ
तो वे
वै
से
ही
, ले
उ च गअर पर अनायास पार कर सकती है कन
उ च गअर पर अ धक ऊँ
ची चढ़ाई चढ़ने
सेइं
जन और
श षण यं पर अनु
े चत जोर पड़ता है
। यही
तरीका तो हैक य ही चढ़ाई आरं
भ होने
वाली हो,
आव यक न न गअर पर े
षण यंको डाल दया
जाए, जससे
गाड़ी अपने
म कु
छ अ धक श सं
चत
कर ले
और यह चढ़ाई पर काम आए।

मोड़ पर घू
मना
सड़क क मोड़ पर आगे
का रा ता नह दखाई दे
ने
के
करण वहाँ
खतरे
क सं
भावना रहती है
। अत: अ छा
तरीका यही हैक कसी भी ते
ज मोड़ अथवा साधारण
घु
माव के
आने
के१०० या १५० मी पहले
सेही गाड़ी
क र तार मश: कु
छ मं
द कर द जानी चा हए, जससे
आव यकता पड़ने
पर गाड़ी को सरलता से
ज द ही
रोका जा सके
और घु
माते
समय टय रग पर अ धक
जोर न पड़े
। यहाँ
पर गाड़ी को सड़क के
म य से
जरा सा
बाएँ , रा ते
कर लया जाए, य क म य केनकट से के
कोने
सेआगे
का भाग कु
छ अ धक री तक दे
खा जा
सकता है
। इस कार टय रग च धीरे
धीरे
घु
माने
से
मोड़ आने
पर वत: ही गाड़ी बा तरफ सही चली जाती
है

भीड़ भाड़ म गाड़ी चलाते


समय ब त ही सावधानी क
आव यकता होती है
। हमारे
आसपास चलने
वाले
या करना चाहते
ह, इस बात का सही अं
दाजा लगाना
सदै
व सं
भव नह होता। अत: ऐसेथल म धीमी र तार
से
चलना और हमे
शा चौक ा रहना तथा भ पू
आद
प बजाना चा हए। आगे
चलतेए दो वाहन के
बीच
म से
हाकर आगेनकलने
क को शश नह करनी
चा हए। धीमे
चलने
वाले
वाहन का अ भलं
घन के
वल
उसी समय करना चा हए जब सामने
सेकोई सरा
वाहन न आ रहा हो। कसी मोड़ पर घू
मते
समय तो ऐसा
कभी भी नह करना चा हए। कसी खड़ेए वाहन का
लं
घन करने
केपहले
सदै
व भ पू
बजाना चा हए।
राजक य नयम
ये
क मोटर ाइवर को राजपथ पर गाड़ी चलाते
समय,
य द वह अपनी कु
शल चाहता है
तो, जन हत को म
रखतेए कु ,
छ नयम का पालन करना अ याव यक है
जनका यहाँ
सं
के
त मा :
कया जाता है

(१) मोटर गाड़ी क अ श केहसाब से


वा षक
अथवा ै
मा सक शु
क ले ,
कर लाइसस दया जाता है
जसे
मोटर चालक को गाड़ी चलाते
समय सदै
व अपने
पास रखना और पु
लसवाल के
माँ
गने
पर उसेदखाना
चा हए।

(2) ये
क गाड़ी के
आगे , आयताकार
और पीछे
आकृ
त का नं
बर ले
ट लगा रहना चा हए, जसक
जमीन काली या सफे
द और अ र नधा रत नाप के
तथा सफे
द या काले
रं
ग म लखे
होने
चा हए।
(3) ये
क गाड़ी पर दो सफे
द लप आगे
क तरफ इस
कार लगे
होने
चा हए क आने
वाली गाड़ी क चौड़ाई
का अनु
मान र से
ही हो जाए। एक छोटा सफे
द लप
पीछे
क तरफ नं
बर ले
ट को का शत करतेए लगा
रहना चा हए और साथ ही एक लाल ब ी भी होनी
चा हए। पछला लप सू
या त के
आधे
घं
टे
बाद अव य
जला दे
ना चा हए तथा सू
य दय के
आधे
घं
टे
पहले
तक
जलता रहना चा हए। आगे
केअ द प सू
या त के
एक
घं
टे
बाद जला दे
ने
चा हए और सू
य दय के
एक घं
टे
पहले
बु
झा दे
ने
चा हए।

(४) चाल ध - आबाद क नकटवत सड़क पर


तबं
मोटर गा ड़याँ
३० कमी त घं
टा से
अ धक ते
ज नह
चलानी चा हए। आबाद के म १५ कमी त घं
टा
से
ते
ज न चलाने
का ाय: नयम होता है
। इस कार क
सू
चनाएँ
सड़क के
सहारे
लगे
सू
चनापट पर लख द
जाती ह। चाल नयंण और अ य कार क चे
ताव नयाँ
तथा अ य भी कई कार क सू
चनाएँाय: यथा थान
, ज ह समझकर गाड़ी को सदै
लगाई जाती है व
सावधानीपू
वक इतनी र तार से
चलाना चा हए क
कसी कार क घटना न हो।

(५) घटना होने


पर, चाहे
कोई मोटर चालक कसी
घाटना से य तया सं
बं
धत हो, या न हो, उसे
एकदम
ठहर जाना चा हए। य द पु
लसवाले
उससे
कोई पू
छताछ
कर, तो उसका स चाई से
उ र दे
कर, अपना नाम और
पता भी दे
दे
ना चा हए। वयं
सेघटना का पू
ण ववरण
लखकर तथा दो गवाह के
बयान भी लखकर, उनके
नाम और पते
स हत ह ता र भी ले
ले
ने
चा हए।
गा ड़य क ट कर हो जाने
पर उस थान को नापकर
अपनी गाड़ी क सही थ त तथा अ य सं
बं
धत गा डय
क थ त अं
कत कर उनक र तार भी लख ले
नी
चा हए। घटना म य द कोई घायल हो गया हो,
तो उस थल पर मौजू
द सभी ाईवर का कत हैक
वे
उस घायल क ाथ मक च क सा कर नकट थ
अ पताल म प ँ
चा द, तथा पु
लस को भी आव यक
सू
चना दे
द। य द गाड़ी का बीमा करवाया आ हो, तो
उ सब सू
चनाएँ
बीमा कं
पनी को भी भे
ज दे
नी चा हए।

(6) गाड़ी ठहराना- या य क सु


वधा केलये
राजमाग और ग लय म भी गाड़ी कु
छ दे
र ठहराई जा
, य द वहाँ
सकती है ठहराने
सेयातायात को बाधा न
प ँ
चे
। ऐसे
समय म गाड़ी के
इं
जन को बं
द कर े
क लगा
दे
ने
चा हए। ले
कन याद रहेक आम रा त पर गा ड़याँ
अ धक दे
र तक नह रोक जा सकत । बड़े
शहर म,
खास खास जगह पर गाड़ी ठहराने
केपड़ाव बनाए
जाते
ह। यहाँ
चाहेजतनी भी दे
र गाड़ी रोक जा सकती
है
। जहाँ
ऐसा थान नकट हो गाड़ी को वह रोकना
चा हए।

बाहरी क ड़याँ
1. Á

"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?
title=मोटरगाड़ी_चालन&oldid=3827521" सेलया गया

Last edited 1 month ago by ह थान …

साम ी CC BY-SA 3.0 के


अधीन है
जब तक अलग से
उ ले

ना कया गया हो।

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