अभिव्यक्ति एवं माध्यम

You might also like

Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 23

के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

3. अभिव्यक्ति और माध्यम, एन सी ई आर टी, नई D. अश्वतथामा ने


भिल्ली द्वारा प्रकाभित – कक्षा-11वी ीं व 12वी ीं ANSWER= B. संजय ने
इकाई –1. जनसींचार माध्यम और लेखन 4. दे ववषा नारद का वाद्य यंत्र था
पाठ 1 जनसंचार माध्यम - कक्षा-11व ं A. वसतार
पाठ 2 पत्रकाररता के ववववध आयाम - कक्षा-11व ं B. व णा
पाठ 3 ववविन्न माध्यम ं के विए िेखन - कक्षा-12व ं C. वगटार
पाठ 4 पत्रकार य िेखन के ववविन्न रूप और िेखन D. इकतारा
प्रविया - कक्षा-12व ं ANSWER= B. व णा
पाठ 5 ववशेष िेखन - स्वरुप और प्रकार - कक्षा-12व ं 5. हम जनसंचार के आधुवनक माध्यम प्राप्त हुए हैं
इकाई –2. सृजनात्मक लेखन A. पु तागाविय ं से
पाठ 6 कैसे बनत है कववता - कक्षा-12व ं B. फ्ां स वसय ं से
पाठ 7 नाटक विखने का व्याकरण - कक्षा-12व ं C. अंग्रेज ं से
पाठ 8 कैसे विखें कहान - कक्षा-12व ं D. डच ि ग ं से
पाठ 9 डायर विखने क किा - कक्षा-11व ं ANSWER= C. अंग्रेज ं से
पट 10 कथा-पटकथा - कक्षा-11व ं 6. समाचार-पत्र, रे वडय , टे ि ववजन, इं टरनेट आवद प्राप्त
पाठ 11 कैसे करें कहान का नाट्य रूपां तरण - कक्षा- हुए हैं
12व ं A. उत्तर से
पाठ 12 कैसे बनता है रे वडय नाटक - कक्षा-12व ं B. पविम से
पाठ 13 नए और अप्रत्यावशत ववषय ं पर िेखन - कक्षा- C. दवक्षण से
12व ं D. पूवा से
इकाई –1. व्यावहाररक लेखन ANSWER= B. पविम से
पाठ 14 कायाा िय िेखन और प्रविया - कक्षा-11व ं 7. मानव ज वन अब संिव नह ं है
पाठ 15 स्ववृत्त िेखन और र जगार संबंध आवेदन-पत्र - A. संचार के वबना
कक्षा-11व ं B. सैर के वबना
पाठ 16 शब्दक श : संदिा ग्रन् ं क उपय ग वववध और C. गप् ं के वबना
पररचय - कक्षा-11व ं D. पढाई के वबना
ANSWER= A. संचार के वबना
8. जनसंचार माध्यम ं का सकारात्मक और नकारात्मक
कक्षा-11वी ीं व 12वी ीं भहन्दी-MCQ
प्रिाव पड़ता है
इकाई 1. जनसींचार माध्यम और लेखन
A. पवक्षय ं पर
1. जनसींचार माध्यम MCQ
B. पशुओं पर
1. िारत का पहिा समाचार वाचक वकसे माना जाता है
C. सि प्रावणय ं पर
A. वेद ं क
D. ि ग ं पर
B. दे ववषा नारद क
ANSWER= D. ि ग ं पर
C. उपवनषद ं क
9. सबसे बेहतर संचार करने क क्षमता और कुशिता है
D. मनु क
A. पवक्षय ं क
ANSWER= B. दे ववषा नारद क
B. मनुष्य क
2. धरत और दे वि क के ब च संवाद-सेतु कौन थे-
C. पशुओं क
A. नारद
D. इनमें से वकस क ि नह ं
B. इं द्र
ANSWER= B. मनुष्य क
C. अविदे व
10. टे ि फ न, इं टरनेट, फैक्स, समाचार-पत्र, रे वडय ,
D. वायुदेव
टे ि ववजन, वसनेमा आवद ववविन्न माध्यम हैं -
ANSWER= A. नारद
A. संचार के
3. महािारत के युद्ध का वववरण सुनाया था-
B. जनसंचार के
A. ववजय ने
C. संचार और जनसंचार के
B. संजय ने
D. इनमें से वकस के नह ं
C. ववदु र ने
ANSWER= C. संचार और जनसंचार के
pg. 1
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

11. संचार माध्यम ं के ववकास के कारण कौन-स दू ररयााँ A. ड क वडं ग


कम ह रह हैं ? B. एनक वडं ग
A. ऐवतहावसक C. एमक वडं ग
B. वैज्ञावनक D. ररक वडं ग
C. िौग विक ANSWER= A. ड क वडं ग
D. राजन वतक 19. फ डबैक के अनुसार संदेश में सुधार कौन करता है -
ANSWER= C. िौग विक A. संचारक
12. टे ि ववजन पर दे खे गए विकेट मैच क कहते हैं B. प्रसारक
A. स धा प्रसारण C. ववचारक
B. प्रत्यक्ष प्रसारण D. प्रचारक
C. पर क्ष प्रसारण ANSWER= A. संचारक
D. हवाई प्रसारण 20. संचार क प्रविया क वकससे बाधा पहुाँ चत है -
ANSWER= A. स धा प्रसारण A. ि ड़ से
13. आधुवनक ज वन क कल्पना वकसके वबना नह ं क B. महं गाई से
जा सकत ? C. श र से
A. अच्छे खान-पान के D. िड़ाई-झगड़े से
B. आधुवनक वेश-िूषा ANSWER= C. श र से
C. िव्य िवन ं के 21.संचार प्रविया में प्राप्त कताा क प्रवतविया क कहते हैं
D. संचार और जनसंचार के A. फ डबैक
ANSWER= D. संचार और जनसंचार के B. फ ड
14. 'संचार' शब्द क उत्पवत्त वजस धातु से हुई है , वह है - C. फ ड िैट
A. चर D. फ ड फारवडा
B. चार ANSWER= A. फ डबैक
C. संचा 22. सां केवतक संचार है
D. संच A. इशारे से बुिाना
ANSWER= B. चार B. साथ िे जाकर समझाना
15. 'संचार' का अथा है - C. विखकर समझाना
A. चिना D. पढकर सुनाना
B. गणना करना ANSWER= A. इशारे से बुिाना
C. समाचार दे ना 23. कक्षा समूह में आपस ववचार-ववमशा संचार के वकस
D. समझाना प्रकार का उदाहरण है ?
ANSWER= A. चिना A. अंत: वैयक्तिक संचार
16. वकस संचारशास्त्र के अनुसार संचार अनुिव ं क B. अंतर वैयक्तिक संचार
साझेदार है - C. जनसंचार
A. बेिग्राम D. समूह संचार
B. एड सन ANSWER= D. समूह संचार
C. ववल्बर श्रैम 24. जन संचार का अंग्रेज रूपां तरण है -
D. माकोन A. Public Communication
ANSWER= C. ववल्बर श्रैम B. Mass Communication
17. प्राप्त संदेश का कूट वाचन कौन करता है ? C. Personal Communication
D. People Communication.
A. प्राप्तकताा
ANSWER= B. Mass Communication
B. संदेश वाहक
25. वनयंत्रण, अविव्यक्ति, सूचना, सामावजक संपका,
C. संदेश प्रसारक
मन रं जन, वनगरान आवद जनसंचार के हैं
D. इनमें से क ई नह ं
A. तत्व
ANSWER= A. प्राप्तकताा
B. काया
18. प्राप्त संदेश में वनवहत अथा क समझने क क वशश
C. गुण
है -
pg. 2
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

D. इनमें से क ई नह ं ANSWER= A. दै वनक इवतहास िेखन


ANSWER= B. काया 7. कौन-से वकस्से-कहान समाचार नह ं ह सकते?
26. सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर वनगरान A. समुद्र गहराई के
रखने का काया करता है - B. पवात य ऊाँचाइय ं के
A. जनसंचार C. िूत-प्रेत ं के
B. ि क संचार D. जंगि क्षेत्र ं के
C. समूह संचार ANSWER= C. िूत-प्रेत ं के
D. अंत: वैयक्तिक संचार 8. समाचार संगठन ं क समाचार ं के चयन और प्रस्तुवत
ANSWER= A. जनसंचार क न वत क कहते हैं -
2. पत्रकाररता के भवभवध आयाम MCQ A. समाचार य न वत
1. ववविन्न घटनाओं क समाचार ं के रूप में पररववतात B. संपादक य न वत
करते हैं - C. प्रबंधन न वत
A. संपादक D. पत्रकार न वत
B. पत्रकार ANSWER= B. संपादक य न वत
C. कवव 9. तथ् ं क शुद्धता, वस्तुपरकता, वनष्पक्षता, संतुिन और
D. िेखक स्र त हैं -
ANSWER= B. पत्रकार A. संपादन के प्रकार
2. समाचार जल्द में विखा गया ......... है । B. संपादन के गुण
A. िूग ि C. संपादन के वसद्धां त
B. इवतहास D. संपादन के तत्त्व
C. ववज्ञान ANSWER= C. संपादन के वसद्धां त
D. मन ववज्ञान 10. एक पत्रकार समाचार के रूप में पेश करता है
ANSWER= B. इवतहास A. कल्पना क
3. सूचना प्राथवमकताएाँ वनधाा ररत क जात हैं - B. यथाथा क
A. उपि िाओं के अनुसार C. िावनाओं क
B. आवथाक क्षमता के अनुसार D. झूठे अत त क
C. राजन वतक महत्त्व के अनुसार ANSWER= B. यथाथा क
D. सावहक्तत्यक श्रेष्ठता के अनुसार 11. वकस ि पत्रकार के विए सदा क्या ह ना आवश्यक
ANSWER= A. उपि िाओं के अनुसार है ?
4. समाचार वह है ज उस घटना क जानकार दे ज - A. वनष्पक्ष
A. बास ह B. कपट
B. ताज ह C. एकपक्ष य
C. बेकार ह D. दु िाा वपूणा
D. शुष्क ह ANSWER= A. वनष्पक्ष
ANSWER= B. ताज ह 12. समाचार ं में कौन-सा तत्व अवधक अहम् ह ता है
5. समाचार य महत्त्व काफ हद तक ......... से वनधाा ररत A. अन्यायपूणा
ह ता है B. न्यायसंगत
A. िंबाई C. ववद्वे ष पूणा
B. राजन वतक वववशष्टता D. असत्य
C. प्रिाव ANSWER= B. न्यायसंगत
D. स्थान यता 13. पत्रकार का गुण है -
ANSWER= D. स्थान यता A. असहज
6. पत्रकाररता एक तरह से कौन-सा िेखन है ? B. असत्यवाद
A. दै वनक इवतहास िेखन C. संदेह करना
B. पुरातन समाचार िेखन D. ि ध
C. पौरावणक प्रसंग िेखन ANSWER= C. संदेह करना
D. साप्तवहक कथा िेखन
pg. 3
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

3. भवभवध माध्यम ीं के भलए लेखन MCQ C. वपरावमड शैि


1. इनमें से कौन-सा जनसंचार माध्यम अनपढ व्यक्ति के D. उल्टा वपरावमड शैि
विए उपय ग नह ं है ? ANSWER= D. उल्टा वपरावमड शैि
A. इं टरनेट 9. इनमें से कौन-सा उल्टा वपरावमड शैि का अंग नह ं
B. समाचार-पत्र है ?
C. पवत्रकाएाँ A. मध्य िाग
D. त न ं B. बॉड
ANSWER= D. त न ं C. इं टर
2. सवाा वधक खचीिा जनसंचार माध्यम कौन-सा है ? D. समापन
A. रे वडय ANSWER= A. मध्य िाग
B. टे ि ववजन 10. उल्टा वपरावमड शैि में समाचार वकतने िाग ं में
C. समाचार पत्र बााँ टा जाता है ?
D. इं टरनेट A. त न
ANSWER= D. इं टरनेट B. चार
3. श्रव्य जनसंचार माध्यम कौन-सा है ? C. पााँ च
A. समाचार पत्र D. द
B. रे वडय ANSWER= A. त न
C. इं टरनेट 11. दृश्य ं का वकस माध्यम में अवधक महत्व ह ता है ?
D. टे विववजन A. समाचार पत्र
ANSWER= B. रे वडय B. रे वडय
4. मुद्रण का आरं ि वकस दे श में हुआ? C. टे ि ववजन
A. िारत D. इं टरनेट
B. जापान ANSWER= C. टे ि ववजन
C. च न 12. टे ि ववजन के विए खबर विखने क मौविक शता क्या
D. इं ग्लैण्ड है ?
ANSWER= C. च न A. सावहक्तत्यक िाषा में िेखन
5. वतामान छापेखाने का अववष्कार वकसने वकया? B. दृश्य के साथ िेखन
A. गुटेनबगा ने C. सनसन खेज िेखन
B. वचनवमन ने D. सामान्य िेखन
C. वनहाि वसंह ने ANSWER= B. दृश्य के साथ िेखन
D. जॉनसन ने 13. वहन्द में नेट पत्रकाररता वकसके साथ आरं ि हुई?
ANSWER= A. गुटेनबगा ने A. वैब दु वनया के साथ
6. िारत में पहिा छापाखाना कब िगा? B. दै वनक जागरण के साथ
A. सन् 1556 में C. दै वनक िास्कर के साथ
B. सन् 1546 में D. राजस्थान पवत्रका के साथ
C. सन् 1656 में ANSWER= A. वैब दु वनया के साथ
D. सन् 1576 में 14. विकेट मैच का प्रसारण वकस प्रकार का है ?
ANSWER= A. सन् 1556 में A. फ न इन
7. िारत में पहिा छापाखाना कहााँ पर िगाया गया? B. एं कर पैकेज
A. वदल्ल में C. स धा प्रसारण
B. क िकाता में D. एं कर वाइट
C. ग वा में ANSWER= C. स धा प्रसारण
D. कानपुर में 15. आधुवनक युग में इं टरनेट पत्रकाररता का कौन-सा
ANSWER= C. ग वा में दौर चि रहा है ?
8. समाचार िेखन क प्रिावशाि शैि कौन स है ? A. वद्वत य
A. वणानात्मक शैि B. तृत य
B. वववेचनात्मक शैि C. प्रथम
pg. 4
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

D. चतुथा A. 500 से 5000 शब्द


ANSWER= B. तृत य B. 250 से 2000 शब्द
16. िारत में इं टरनेट पत्रकाररता का दू सरा दौर कब C. 100 से 500 शब्द
आरं ि हुआ? D. 550 से 5000 शब्द
A. 2001 में ANSWER= B. 250 से 2000 शब्द
B. 2002 में 6. इनमें समाचार पत्र क आवाज वकसे माना जाता है ?
C. 2003 में A. फ चर
D. 2004 में B. संपादक के नाम पत्र
ANSWER= C. 2003 में C. संपादक य
17. समाचार पत्र प्रकावशत या प्रसाररत करने के विए D. स्तंि िेखन
आक्तखर समय स मा क क्या कहा जाता है ? ANSWER= C. संपादक य
A. ब्लू िाइन 7. समाचार िेखन क श्रेष्ठ शैि कौन-स है ?
B. ब्लैक िाइन A. स धा वपरावमड शैि
C. रै ड िाइन B. उल्टा वपरावमड शैि
D. डै ड िाइन C. व्याख्या शैि
ANSWER= D. डै ड िाइन D. वववेचनात्मक शैि
ANSWER= B. उल्टा वपरावमड शैि
4. पत्रकारीय लेखन के भवभिन्न रूप और लेखन 8. समाचार िेखन के विए वकतने ककार आवश्यक हैं ?
प्रभिया MCQ A. चार
1. पत्रकार वकतने प्रकार के ह ते हैं ? B. त न
A. द C. पााँ च
B. चार D. छः
C. त न ANSWER= D. छः
D. पााँ च 9. इं टर में वकतने ककार ं क आधार बनाकर खबर विख
ANSWER= C. त न जान चावहए?
2. समाचार संगठन में काम करने वािे वनयवमत A. त न या चार
वेतनि ग पत्रकार क क्या कहते हैं ? B. एक या द
A. फ् िां सर C. द या त न
B. पूणाकाविक D. चार या पााँ च
C. अंशकाविक ANSWER= A. त न या चार
D. अल्पकाविक 10. तथ् ,ं सूचनाओं तथा आं कड़ ं क गहर छानब न
ANSWER= B. पूणाकाविक करने वाि ररप टा क क्या कहते हैं ?
3. समाचार पत्र का संपादन करने वािे क क्या कहते हैं ? A. वववेचनात्मक ररप टा
A. प्रकाशक B. ववश्लेषणात्मक ररप टा
B. संवाददाता C. ख ज ररप टा
C. फ चर िेखक D. इन डे प्थ ररप टा
D. संपादक ANSWER= D. इन डे प्थ ररप टा
ANSWER= D. संपादक 11. फ चर क कौन-स ववशेषता है ?
4. िुगतान के आधार पर अिग-अिग समाचर पत्र ं में A. सृजनात्मक
विखने वािे पत्रकार क क्या कहते हैं ? B. सुव्यवक्तस्थत
A. फ् िां सर C. आत्मवनष्ठ
B. अल्पकाविक पत्रकार D. उपयुाि त न ं
C. अं शकाविक पत्रकार ANSWER= D. उपयुाि त न ं
D. संपादक 12. पत्रकार य िेखन के विए कच्चा माि वकससे प्राप्त
ANSWER= A. फ् िां सर ह ता है ?
5. समाचार पत्र ं में छपने वािे फ चर में िगिग वकतने A. संपादक के नाम पत्र से
शब्द ह ने चावहए? B. संपादक य से
pg. 5
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

C. फ चर से A. वहट ववकेट
D. साक्षात्कार से B. क्तिन
ANSWER= D. साक्षात्कार से C. रन
D. तेजवड़ए
5. भविेष लेखन-स्वरूप और प्रकार MCQ ANSWER= D. तेजवड़ए
1. ववशेष िेखन कहिाता है ? 8. इनमें से कौन-सा शब्द आवथाक क्षेत्र से सम्बक्तन्धत नह ं
A. सामान्य िेखन से हटकर वकस ववशेष ववषय पर है ?
वकया गया िेखन A. तेजवड़ए
B. वकस ववषय पर विखा गया रचनात्मक िेखन B. वबकवाि
C. वकस ववषय पर वकया गया वियात्मक िेखन C. मंदवड़ए
D. वकस ि ववषय पर वकया गया गवतश ि िेखन D. रन आउट
ANSWER= A. सामान्य िेखन से हटकर वकस ववशेष ANSWER= D. रन आउट
ववषय पर वकया गया िेखन 9. िारत में कौन-सा खेि अवधक ि कवप्रय है ?
2. संवाददाताओं क रुवच और ज्ञान क ध्यान में रखकर A. फुटबाि
उनके काम के वविाजन क क्या कहते हैं ? B. विकेट
A. स ट C. वॉि बाि
B. न ट D. टे वनस
C. ब ट ANSWER= B. विकेट
D. रप ट
ANSWER= C. ब ट इकाई 2 सृजनात्मक लेखन
3. ववशेष िेखन के वकतने क्षेत्र हैं ? 6. कैसे बनती हैं कभवता MCQ
A. एक 1. कववता का जन्म वकस परं परा के रूप में हुआ था?
B. द A. वावचक रूप में
C. चार B. विक्तखत रूप में
D. अनेक C. यां वत्रक रूप में
ANSWER= D. अनेक D. उपयुाि त न ं रूप ं में
4. ववशेष िेखन के विए वकस प्रकार क िाषा शैि ANSWER= A. वावचक रूप में
अपेवक्षत है ? 2. 'प्ले ववद का वड्ा स' वकसने कहा था?
A. सावहक्तत्यक िाषा A. थ ट् स
B. सहज, सरि तथा ब धगम्य िाषा B. शेक्सप यर
C. बाजारू िाषा C. वमल्टन
D. वहन्द उदू ा वमवश्रत िाषा D. डब्ल्यू ० एच० ऑडे न
ANSWER= B. सहज, सरि तथा ब धगम्य िाषा ANSWER= D. डब्ल्यू० एच० ऑडे न
5. इनमें से ववशेष िेखन का कौन-सा क्षेत्र नह ं है ? 3. इनमें से कौन-सा कववता का घटक नह ं है ?
A. वसनेमा A. िाषा
B. मन रं जन B. शब्द
C. स्वास्थ्य C. छं द
D. समाचार D. वाद्य यंत्र
ANSWER= D. समाचार ANSWER= D. वाद्य यंत्र
6. कार बार और व्यापार से संबंवधत खबर का सम्बन्ध 4. शब्द कववता का कौन-सा उपकरण है ?
वकससे है ? A. प्रथम
A. खेि क्षेत्र से B. वद्वत य
B. कृवष क्षेत्र से C. तृत य
C. आवथाक क्षेत्र D. चतुथा
D. राजन वतक क्षेत्र ANSWER= A. प्रथम
ANSWER= C. आवथाक क्षेत्र 5. कववता का अवनवाया तत्त्व है -
7. इनमें से कौन-सा शब्द विकेट जगत का नह ं है ? A. छं द
pg. 6
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

B. िय B. वजज्ञासा, उत्सुकता एवं कौतुहि क


C. मुि छं द C. वजज्ञासा और करुणा क
D. संग त D. उत्सुकता और ईष्याा क
ANSWER= B. िय ANSWER= B. वजज्ञासा, उत्सुकता एवं कौतुहि क
6. कववता के विए पंत ज ने वकस प्रकार क िाषा क 4. िारत में वकस ग्रंथ क कहावनयााँ ि कवप्रय हैं ?
आवश्यक माना है ? A. कादं बर
A. वणानात्मक िाषा B. कथा सररत्सागर
B. प्रत कात्मक िाषा C. वहत पदे श
C. िाक्षवणक िाषा D. पंचतंत्र
D. वचत्रात्मक िाषा ANSWER= D. पंचतंत्र
ANSWER= D. वचत्रात्मक िाषा 5. कहान वकसका अंग है ?
7. वजसे पााँ च ज्ञानेक्तिय ं रूप पााँ च अंगुविय ं द्वारा पकड़ा A. ज वन का
जाता है , वह सावहत्य क कौन-स ववधा है ? B. वशक्षा का
A. उपन्यास C. मानव स्विाव का
B. वनबंध D. धमा का
C. कववता ANSWER= C. मानव स्विाव का
D. कहान 6. कहान कार घटनाओं में वकसका वमश्रण करता है ?
ANSWER= C. कववता A. कल्पना का
8. एक शब्द में वकतने अथा वछपे रहते हैं ? B. हास्य का
A. एक C. व्यंग्य का
B. द D. यथाथा का
C. त न ANSWER= A. कल्पना का
D. अनेक 7. वकस कहान क परं परा प्राच नकाि से चि आ रह
ANSWER= D. अनेक है ?
9 कववता क प्रथम शता क्या है ? A. विक्तखत कहान क
A. िाव संपदा B. मौक्तखक कहान क
B. ववविन्न प्रकार के िाव C. ऐवतहावसक कहान क
C. शब्द ं में मेि-ज ि D. धावमाक कहान क
D. छं द और वबंब ANSWER= B. मौक्तखक कहान क
ANSWER= C. शब्द ं में मेि-ज ि 8. पंचतंत्र में वकस प्रकार क कहावनयााँ विख गई हैं ?
A. ऐवतहावसक कहावनयााँ
8. कैसे भलखें कहानी MCQ B. धावमाक कहावनयााँ
1. कहान हमारे ज वन का अंग है - C. वशक्षाप्रद कहावनयााँ
A. अवविाज्य D. मन रं जन प्रधान कहावनयााँ
B. अनावश्यक ANSWER= C. वशक्षाप्रद कहावनयााँ
C. व्यथा 9. कहान का पहिा तत्त्व कौन-सा है ?
D. बेकार A. कथानक
ANSWER= A. अवविाज्य B. पात्र ं का चररत्र वचत्रण
2. प्रत्येक व्यक्ति अपने अनुिव ं क क्या करना चाहता C. संवाद
है ? D. िाषा-शैि
A. अपने तक स वमत रखना ANSWER= A. कथानक
B. वकस क न बताना 10. कथानक के वकतने िाग हैं ?
C. केवि बेट ं क बताना A. एक
D. बााँ टना B. द
ANSWER= D. बााँ टना C. त न
3. कहान मानव मन क वकन वृवत्तय ं क शां त करत है ? D. चार
A. िूख और ईष्याा क ANSWER= C. त न
pg. 7
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

11. कहान के त सरे िाग का नाम क्या है ? ANSWER= A. डायर िेखक के रूप में
A. आरं ि 5. डायर िेखन अब वकस रूप में ि कवप्रय ह गया है ?
B. मध्य A. ववधा
C. द्वं द्व B. शौक
D. अंत C. ववचार
ANSWER= D. अंत D. पद्यवत
12. कहान -िेखन स खने का सबसे कारगर तर का ANSWER= A. ववधा
कौन-सा है ? Hide Answer
A. नान से कहान सुनना 6. हम डायर क शब्दबद्ध करते हैं -
B. दाद से कहान सुनना A. अपने विए
C. कहान विखने का अभ्यास B. पराय ं के विए
D. अच्छ कहावनयााँ पढना C. सावहत्य के विए
ANSWER= D. अच्छ कहावनयााँ पढना D. छपवाने के विए
13. कहान का केंद्र य वबंदु क्या है ? ANSWER= A. अपने विए
A. कथानक 7. ऐन फ्ैंक कौन थ ?ं
B. दे शकाि A. जमान में पैदा हुई एक यहूद िड़क
C. पात्र ं का चररत्र-वचत्रण B. इं ग्लैंड में पैदा हुई एक इसाई िड़क
D. संवाद C. र म में पैदा हुई एक यहूद िड़क
ANSWER= A. कथानक D. जापान में पैदा हुई एक बौद्ध िड़क
ANSWER= A. जमान में पैदा हुई एक यहूद िड़क
9. डायरी भलखने की कला MCQ Question 8. ऐन फ्ैंक का ज वन काि था
1. म टे गत्ते क वजल्द वाि न ट बुक, वजसके पन्न ं पर A. 1919-1945
साि के 365 वदन ं क िमवार वतवथयााँ आवद सज ह त B. 1925-1945
हैं , उसे कहते हैं - C. 1929-1945
D. 1939-1945
A. कॉप
ANSWER= C. 1929-1945
B. डायर
9. नावजय ं ने अत्याचार वकए थे-
C. बह खाता
A. वहं दुओं पर
D. रवजस्टर
B. इसाइय ं पर
ANSWER= B. डायर
C. बौद्ध ं पर
2. 'ऐन फ्ैंक क डायर ' छप डायर वकन वषों के मध्य
D. यहूवदय ं पर
विख गई थ -
ANSWER= D. यहूवदय ं पर
A. 1940-42
B. 1941-43 10. ऐन फ्ैंक के पररवार में से ज ववत कौन बचा था?
C. 1942-44 A. वपता
D. 1944-46. B. माता
ANSWER= C. 1942-44 C. बहन
3. ऐन फ्ैंक ने डायर वजस नगर में विख थ , वह है D. िाई
A. पेररस ANSWER= A. वपता
B. िंदन 11. ऐन फ्ैंक क डायर वकस िाषा में विख हुई थ -
C. र म A. अंग्रेज
D. एस्टडा म B. जमान
ANSWER= D. एस्टडा म C. डच
4. म हन राकेश, रमेश चंद्र शाह आवद प्रवसद्ध हुए- D. रूस
A. डायर िेखक के रूप में ANSWER= C. डच
B. कवव के रूप में 12. ऐन फ्ैंक क डायर का श षाक था-
C. िाषणकताा के रूप में A. अ यंग गिा इन टर बि
D. वनबंधकार के रूप में B. अ यंग गिा इन पेन

pg. 8
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

C. द डायर ऑफ अ यंग गिा C. फ्लैशिाईट


D. द डायर ऑफ अ सफर D. फ्लैशिाईव
ANSWER= C. द डायर ऑफ अ यंग गिा ANSWER= B. फ्लैशफारवडा
8. नाटक में घटनास्थि प्रायः कैसा ह ता है ?
10. कथा पटकथा MCQ Question Answer A. स वमत
1. कथानक अविन्न वहस्सा ह ता है - B. अस वमत
A. अहसास ं का C. ववशंखि
B. गान ं का D. अवनयंवत्रत
C. पटकथा का ANSWER= A. स वमत
D. संवाद ं का
ANSWER= C. पटकथा का 11. कैसे करें कहानी का नाट्य रूपाींतरण MCQ
2. वकस उपन्यास क वहं द में त सर बार वफल्माया गया Question Answer
है ? 1. कहान और नाटक कैस ववधाएाँ हैं ?
A. बहुरान A. समान
B. बड़े घर क बेट B. अिग-अिग
C. दे वदास C. ववपर त
D. ग दान D. वमित -जुित
ANSWER= C. दे वदास ANSWER= B. अिग-अिग
3. 'दे वदास' उपन्यास वकसके द्वारा रवचत है ? 2. नाटक में कैसे पात्र ह ने चावहए?
A. प्रेमचंद A. सज व
B. अज्ञेय B. वनजीव
C. शरत् चंद्र C. कठपुति
D. कृष्ण चंद्र D. रूढ
ANSWER= C. शरत् चंद्र ANSWER= A. सज व
4. अत त में ह चुक घटनाएाँ वकस तकन क से प्रस्तुत क 3. नाटक में वकस तत्त्व क प्रधानता ह त है ?
जात हैं - A. कथानक क
A. फ्लैशफारवडा B. िाषा क
B. फ्लैशबैक C. िेखन क
C. फ्लैशिाईट D. मंच सज्जा क
D. फ्लैशिाईव ANSWER= D. मंच सज्जा क
ANSWER= B. फ्लैशबैक 4. नाटक क मंच पर क्या वकया जाता है ?
5. पटकथा क मूि इकाई क्या है ? A. प्रस्तुत वकया जाता है
A. दृश्य B. विखा जाता है
B. रं गमंच C. दे खा जाता है
C. कंप्यूटर D. अविन त वकया जाता है
D. अविनेता ANSWER= D. अविन त वकया जाता है
ANSWER= A. दृश्य 5. कहान क नाटक में रूपां तररत करते समय उसके
6. पटकथा में वकतने घटनास्थि ह ते हैं ? कथानक का वकस आधार पर वविाजन वकया जाता है ?
A. एक A. संवाद ं के आधार पर
B. दस B. पात्र ं के आधार पर
C. ब स C. समय और स्थान के आधार पर
D. अस वमत D. िाषा-शैि के आधार पर
ANSWER= D. अस वमत ANSWER= C. समय और स्थान के आधार पर
7. िववष्य में ह ने वाि घटनाओं क वकस तकन क से 6. 'ईदगाह' कहान के िेखक का क्या नाम है ?
प्रस्तुत वकया जाता है ? A. ि ष्म साहन
A. फ्लैशफारवडा B. िगवत चरण वमाा
B. फ्लैशबैक C. उदय प्रकाश
pg. 9
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

D. प्रेमचंद 14. ईदगाह' कहान में अम्मा वािे अंश के विए नाट्य
ANSWER= D. प्रेमचंद रूपां तरण करते समय वकस शैि का उपय ग वकया जा
7. इनमें से कौन-स कहान प्रेमचंद क नह ं है ? सकता है ?
A. कफन A. वणानात्मक शैि का
B. दु ववधा B. फ्लैश बैक शैि का
C. बड़े िाई साहब C. िावात्मक शैि का
D. म टे राम शास्त्र D. संब धनात्मक शैि का
ANSWER= B. दु ववधा ANSWER= B. फ्लैश बैक शैि का
8. स्थान और समय के आधार पर कहान क वकन रूप ं 15. कहान का नाट्य रूपां तरण करते समय पहिा पाठ
में विखा जाता है ? क्या ह सकता है ?
A. संवाद ं के रूप में A. कथानक का आरं ि
B. दे शकाि के रूप में B. वकस नाटक क पढना
C. िाषा-शैि के रूप में C. रूपां तरण के वनयम ं क जानना
D. दृश्य ं के रूप में D. अच्छ नाट्य प्रस्तुवतयााँ दे खना
ANSWER= D. दृश्य ं के रूप में ANSWER= D. अच्छ नाट्य प्रस्तुवतयााँ दे खना
9. नाटक का प्रत्येक दृश्य कैसा िगना चावहए? 16. 'ईदगाह' कहान में ईदगाह में जाने से पहिे बच्चे क्या
A. कथानक का आरं ि वगन रहे हैं ?
B. कथानक का वहस्सा A. अपने पैसे
C. कथानक का मध्य B. अपने कपड़े
D. कथानक का अंत C. अपने साथ
ANSWER= B. कथानक का वहस्सा D. अपने क्तखिौने
10. नाटक के संवाद कैसे ह ने चावहएाँ ? ANSWER= A. अपने पैसे
A. ववस्तृत
B. िंबे 12. कैसे बनता है रे भडय नाटक
C. कवठन िाषा में MCQ Question Answer
D. छ टे और प्रिावशाि 1. प्राच नकाि में आम आदम घर बैठे मन रं जन के विए
ANSWER= D. छ टे और प्रिावशाि वकसका सहारा िेता था?
11. 'ईदगाह' कहान में हावमद नामक पात्र क वकस वस्तु A. कहावनय ं का
का वजि नह ं वकया गया? B. रे वडय का
A. खान-पान का C. टे ि ववजन का
B. कपड़ ं का D. आपस गप-शप का
C. वातावरण का ANSWER= B. रे वडय का
D. ब ि-चाि का 2. 'अंधा युग' के रचवयता का नाम क्या है ?
ANSWER= B. कपड़ ं का A. म हन राकेश
12. नाटक में अविनय वकसका काम है ? B. नरे श मेहता
A. पात्र का C. धमाव र िारत
B. िेखक का D. प्रिाकर माचवे
C. वनदे शक का ANSWER= C. धमाव र िारत
D. दशाक का 3. रे वडय नाटक का दू सरा प्रमुख नाम क्या है ?
ANSWER= C. वनदे शक का A. अविनेय नाटक
13. स्वगत कथन के स्थान पर आजकि वकसका प्रय ग B. ध्ववन नाटक
वकया जाता है ? C. नाटक
A. वायस ओवर का D. स ररयि नाटक
B. वायस का ANSWER= B. ध्ववन नाटक
C. वायस व क का 4. रे वडय नाटक में वकतने अंक ह ते हैं ?
D. चैज वायस का A. क ई अंक नह ं ह ते
ANSWER= A. वायस ओवर का B. द अंक ह ते है
pg. 10
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

C. त न अंक ह ते हैं C. आधुवनक ववषय ं से संबंवधत


D. चार अंक ह ते है D. गंि र ववषय ं से संबंवधत
ANSWER= A. क ई अंक नह ं ह ते ANSWER= B. सामान्य ववषय ं से हटकर नव न ववषय
5. रे वडय नाटक के दृश्य कैसे ह ने चावहएाँ ? 2. प्रायः ववद्याथी दू सर ं के वनबंध ं क पढकर क्या करते
A. छ टे हैं ?
B. िंबे A. ज्य -ं का-त्य ं प्रस्तुत करते हैं
C. बड़े B. मौविक वनबंध विखते हैं
D. ववस्तृ त C. पररववतात रूप में विखते हैं
ANSWER= A. छ टे D. वनबंध-िेखन क ओर ध्यान नह ं दे ते
6. रे वडय नाटक वकस प्रकार का माध्यम है ? ANSWER= A. ज्य -ं का-त्य ं प्रस्तुत करते हैं
A. दृश्य माध्यम 3. वनबंध वकस पर विखा जाता है ?
B. श्रव्य माध्यम A. घटना पर
C. दृश्य और श्रव्य माध्यम B. कहान पर
D. इनमें से क ई नह ं C. ववचार या िाव पर
ANSWER= B. श्रव्य माध्यम D. प्रसंग पर
7. रे वडय नाटक में वकसका ववशेष महत्त्व ह ता है ? ANSWER= C. ववचार या िाव पर
A. अविनय का 4. ववद्याथी क अविव्यक्ति कौशि कैसे प्राप्त ह ता है ?
B. संवाद का A. नया स चने और नया विखने से
C. िाषा का B. पुराने वनबंधकार ं का अनुकरण करके
D. ध्ववन का C. विक्तखत वनबंध ं क याद करके
ANSWER= D. ध्ववन का D. परं परागत ववषय ं पर िेख विखकर
8. रे वडय नाटक वकससे वमित -जुित ववधा है ? ANSWER= A. नया स चने और नया विखने से
A. उपन्यास और कहान से 5. अप्रत्यावशत ववषय पर विखने से पहिे ववद्याथी क क्या
B. वसनेमा तथा रं गमंच से करना चावहए?
C. कहान और एकां क से A. ववषय के बारे में स च-ववचार
D. उपन्यास और रं गमंच से B. वबना स च-ववचार के विखना
ANSWER= B. वसनेमा तथा रं गमंच से C. वशक्षक क सहायता िेना
9. रे वडय नाटक का कथानक वकतन घटनाओं पर D. माता-वपता क सहायता िेना
आधाररत ह ता है ? ANSWER= A. ववषय के बारे में स च-ववचार
A. एक घटना पर 6. नए तथा अप्रत्यावशत ववषय ं के विए वकस प्रकार क
B. द घटनाओं पर शैि का प्रय ग करना चावहए?
C. त न घटनाओं पर A. वणानात्मक शैि
D. चार घटनाओं पर B. वववेचनात्मक शैि
ANSWER= A. एक घटना पर C. संब धनात्मक शैि
10. रे वडय नाटक में पात्र ं क संख्या वकतन ह न D. आत्मपरक शैि
चावहए? ANSWER= D. आत्मपरक शैि
A. बहुत अवधक 7. अप्रत्यावशत ववषय ं पर विखने से क्या िाि ह गा?
B. 7-8 तक A. पुराने ववचार ं का ज्ञान ह गा
C. 10-15 तक B. नए ववचार ं का ज्ञान ह गा
D. बहुत कम C. नए ववषय के बारे में पता चिेगा
ANSWER= D. बहुत कम D. अविव्यक्ति कौशि में उन्नवत ह ग
ANSWER= D. अविव्यक्ति कौशि में उन्नवत ह ग
13. नए तथा अप्रत्याभित भवषय ीं पर लेखन 8. रटं त का अथा है ?
MCQ Question Answer A. रट्टा िगाकर याद करना
1. अप्रत्यावशत ववषय का क्या अथा है ? B. स च-समझकर पढना
A. प्राच न सामान्य ववषय C. वशक्षक से प्रेरणा िेना
B. सामान्य ववषय ं से हटकर नव न ववषय D. माता-वपता से पूछकर विखना
pg. 11
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

ANSWER= A. रट्टा िगाकर याद करना में िगा दे ते हैं । कई बार हम अकेिे में खुद से बातें करने
िगते हैं । यवद समाज में रहना है और उसके ववविन्न
जनसींचार माध्यम और लेखन – जनसींचार माध्यम वियाकिाप ं में वहस्सा िेना है त यह वबना बातच त या
 सींचार, पररिाषा और महत्व, संचार क्या है ? संचार के संिव नह ं है । संचार यान संदेश ं का आदान-
 सींचार के तत्त्व, स्र त, एनक वडं ग, संदेश, प्रदान।
माध्यम, प्राप्तकताा , फ डबैक और श र सींचार और हमारा जीवन
 सींचार के प्रकार हम अपने दै वनक ज वन में संचार वकए वबना नह ं रह
सां केवतक संचार सकते। वास्तव में संचार ज वन क वनशान है । मनुष्य
मौक्तखक और अमौक्तखक संचार जब तक ज ववत है , वह संचार करता रहता है । यहााँ तक
अंतःवै यक्ति संचार वक एक बच्चा ि संचार के वबना नह ं रह सकता। वह
अंतरवैयक्ति संचार र कर या वचल्लाकर अपन मााँ का ध्यान अपन ओर
समूह संचार खच ं ता है । एक तरह से संचार ख़त्म ह ने का अथा है -
जनसंचार मृत्यु। वैसे त प्रकृवत में सि ज व संचार करते हैं िेवकन
 जनसींचार की भविेषताएँ मनुष्य क संचार करने क क्षमता और कौशि सबसे
 सींचार के कायय बेहतर है ।अकसर यह कहा जाता है वकमनुष्य एक
 जनसींचार के कायय – समावजक प्राण है और उसे सामावजक प्राण के रूप में
सूचना दे ना, वशवक्षत करना, मन रं जन करना ववकवसत करने में उसक संचार क्षमता क सबसे बड़
एजेंडा तय करना िूवमका रह है ।
वनगरान करना पररवार और समाज में एक व्यक्ति के रूप में हम अन्य
ववचार-ववमशा के मंच ि ग ं सं संचार के जररये ह संबंध स्थावपत करते हैं और
 िारत के जनसींचार माध्यम ीं का भवकास र जमराा क जरूरतें पूर करते हैं । संचार ह हमें एक-
समाचार-पत्र-पवत्रकाएाँ दू सरे से ज ड़ता है ।
रे वडय सभ्यता के ववकास क कहान संचार और उसके साधन ं
टे विववजन के ववकास क कहान है । मनुष्य ने चाहे िाषा का ववकास
वसनेमा वकया ह या विवप का या वफर छपाई का, इसके प छे मूि
इं टरनेट इच्छा संदेश ं के आदान-प्रदान क ह थ । दरअसि,
 जनसींचार माध्यम ीं का प्रिाव संदेश ं के आदान-प्रदान में िगने वािे समय और दू र क
सींचार एक पररचय पाटने के विए ह मनुष्य ने संचार के माध्यम ं क ख ज
संचार के वबना ज वन संिव नह ं है । मानव सभ्यता के क।
ववकास में संचार क सबसे महत्वपूणा िूवमका रह है । संचार और जनसंचार के ववविन्न माध्यम -ं टे ि फ न,
संचार द या द से अवधक व्यक्तिय ं के ब च सूचनाओं, इं टरनेट, फैक्स, समाचारपत्र, रे वडय , टे ि ववजन और
ववचार ं और िावनाओं का आदान-प्रदान है । इस तरह वसनेमा आवद के जररये मनुष्य संदेश ं के आदान-प्रदान में
संचार एक प्रविया है वजसमें कई तत्व शावमि हैं । संचार एक-दू सरे के ब च क दू र और समय क िगातार कम
के कई प्रकार हैं वजनमें मौक्तखक और अमौक्तखक संचार के से कम करने क क वशश कर रहा है । यह कारण है वक
अिावा अंत:वैयक्तिक, अंतरवैयक्तिक, समूह संचार और आज संचार माध्यम ं के ववकास के साथ न वसफा
जनसंचार प्रमुख हैं । िौग विक दू ररयााँ कम ह रह हैं बक्ति सां स्कृवतक और
जनसंचार कई मामि ं में संचार के अन्य रूप ं से अिग मानवसक रूप से ि हम एक-दू सरे के कर ब आ रहे हैं।
है । जनसंचार सूचना, वशक्षा और मन रं जन के अिावा शायद यह कारण है वक कुछ ि ग मानते हैं वक आज
एजेंडा तय करने का काम ि करता है । िारत में दु वनया एक गााँ व में बदि गई है ।
जनसंचार के ववविन्न माध्यम ं का प्रिाव बढता जा रहा है। जनसींचार माध्यम भकतने उपय गी
जनसंचार माध्यम ं का ि ग ं पर सकारात्मक के साथ- दु वनया के वकस ि क ने में क ई घटना ह , जनसंचार
साथ नकारात्मक प्रिाव ि पड़ता है । इन नकारात्मक माध्यम ं के जररये कुछ ह वमनट ं में हमें खबर वमि जात
प्रिाव ं के प्रवत ि ग ं का सचेत ह ना बहुत जरूर है । है । अगर वहााँ वकस टे ि ववजन समाचार चैनि का
सींचार-पररिाषा और महत्व संवाददाता मौजू द ह त हमें वहााँ क तसव रें ि तुरंत
हम अवधकां श समय अपन छ ट -छ ट जरूरत ं क पूरा दे खने क वमि जात हैं । इस तरह आज टे ि ववजन के
करने या अपन िावनाओं और ववचारप ं क ं प्रकट करने परदे पर हम दु वनयािर के अिग-अिग क्षेत्र ं में घट रह
के विए एक-दू सरे से या समूह में बातच त या संचार करने घटनाओं क स धे प्रसारण के जररये ठ क उस समय

pg. 12
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

दे ख सकते हैं । हम विकेट मैच दे खने स्टे वडयम ििे न सुहाग ने स्वयं मवणपुर पहुाँ चकर क्तस्थवत का जायजा विया
जाएाँ िेवकन घर बैठे उस मैच का स धा प्रसारण (िाइव) है । चंदेि के एक वररष्ठ पुविस अवधकार ने बताया वक
दे ख सकते हैं । पुविस घटनास्थि से शह द ं के शव ं क िा चुक है ।
आज संचार और जनसंचार के माध्यम हमार अवनवाया इनमें 17 शव छठ ड गरा रे ज मेंट के जवान ं के हैं ,
आवश्यकता बन गए हैं । हमारे र जमराा के ज वन में जबवक एक शव उग्रवाद का है । हािााँ वक, यह िष्ट नह ं
उनक बहुत अहम िूवमका ह गई है । उनके वबना हम वक उग्रवाद वकस सगठन से संबंवधत है । पुविस ने बताया
आज आधुवनक ज वन क कल्पना ि नह ं कर सकते। वे वक तिाश अवियान सेना और असम राइफल्स वमिकर
हमारे विए न वसफा सूचना के माध्यम हैं बक्ति वे हमें चिा रहे हैं । िेवकन अब तक वकस क वगरफ्तार नह ं
जागरूक बनाने और हमारा मन रं जन करने में ि अग्रण क गई है । उन् न ं े बताया वक घटनास्थि जंगि के काफ
िूवमका वनिा रहे हैं । अंदर एवं दु गाम है ।
मैगी की भबिी पर र क महज 20 वकि म टर क दू र पर म्यां मार स मा है ।
नई दे ल्ल , ववशेष संवाददाता इसविए हमिा कर उग्रवाद िागने में कामयाब रहे । सूत्र ं
सरकार ने शुिवार क नेस्ले कंपन के ब्ां ड मैग क ने बताया वक उग्रवावदय ं क धरपकड़ के विए पराि ग ं ,
सि नौ वकस् ं क वबि पर पूरे दे श में पाबंद िगा द । चर ग ं , म ल्तुह और कुछ अन्य इिाक ं में ख ज अवियान
िारत य खाद्य संरक्षा एवं मानक प्रावधकरण चिाया जा रहा है । इस ब च, सुरक्षा का जायजा िेने पहुाँचे
(एफएसएसएआई) ने कहा, ‘मैग के नौ नूडि खाने के सुहाग ने शुिवार क त सर क र के कमां डर और श षा
विहाज से असुरवक्षत और खतरनाक हैं । इसविए कंपन पुविस अवधकाररय ं के साथ बैठक क । उन् न ं े घटना
तुरंत इनक वबि और उत्पादन पर र क िगाए।’ और मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था क जानकार ि । सुहाग ने
कींपनी ने मैगी पर सफाई िी : नेस्ले के ग्ल बि स ईओ कहा वक उग्रवावदय ं के क्तखिाफ द घाकाविक और िवक्षत
पॉि बुिे ने वदल्ल में प्रेस कां फ्ेंस कर मैग पर सफाई अवियान ं के विए एक ववस्तृत अवियान य जना पर काम
द । उन् न ं े कहा, ‘मैग पूर तरह सुरवक्षत है वफर ि वकया जा रहा है ।
हमने इसे िारत य बाजार से हटाने का फैसिा विया है सींचार क्या है?
क्य वं क बेवजह भ्रम फैिने से ग्राहक ं का िर सा प्रिाववत संचार शब्द क उत्पवत्त ‘चर’ धातु से हुई है , वजसका अथा
ह रहा है ।’ पॉि क्तस्वट् जरिैंड से आए थे। है -चिना या एक स्थान से दू सरे स्थान तक पहुाँ चना।
15 भिन में जवाब िें : खाद्य वनयामक एफएसएसएआई संचार स हमारा तात्पया द या द से अवधक व्यक्तिय ं के
ने नेस्ले क कारण बताओ न वटस जार करके पंद्रह वदन ब च सूचनाओं, ववचार ं और िावनाओं का आदान-प्रदान
के अंदर जवाब मां गा है । वनयामक का कहना है वक नेस्ले है । मशहूर संचारशास्त्र ववल्बर श्रैम के अनुसार “संचार
ने उत्पाद मंजूर विए बगैर और वबना ज क्तखम एवं सुरक्षा अनुिव ं क साझेदार है ।’ इस प्रकार सुचनाओं, ववचार ं
आकिन के मैग ओट् स मसािा नूडल्स पेश वकया है । और िावनाओं क विक्तखत, मौक्तखक या दृश्य-श्रव्य
इसविए मैग क सि नौ वकस्ें तुरंत बाजार से वापस माध्यम ं के जर ये सफितापूवाक एक जगह से दू सर
िेने का आदे श वदया हैं । एफएसएसएआई के मुख्य जगह पहुाँ चाना ह संचार है और इस प्रविया क अंजाम
कायाकार वाईएम मविक ने बताया, कंपन क त न वदन दे ने में मदद करने वािे तर के संचार माध्यम कहिाते हैं ।
में बाजार से मैग हटाने के आदे श पर ररप टा दे ने क कहा सींचार के तत्व
गया है । साथ ह यह प्रविया पूर ह ने तक र ज प्रगवत संचार एक प्रविया है । इस प्रविया में कई तत्व शावमि
ररप टा सौंपने का ि वनदे श वदया गया है । िारत क जां च हैं । इनमें से प्रमुख तत्व वनम्नविक्तखत है -
पर सवाि! : नेस्ले के ग्ल बि स ईओ पॉि से जब यह 1. स्त्र त या सींचारक - संचार-प्रविया क शुरुआत
पूछा गया वक क्या वह िारत य िैब में हुई जां च पर सवाि ‘स्र त” या ‘संचारक’ से ह त है । जब स्र त या
उठा रहें हैं त उन् न ं े इस बात स इनकार वकया। पॉि ने संचारक एक उद्दे श्य के साथ अपने वकस ववचार,
कहा, ‘सबक जां च का तर का अिग-अिग ह सकता संदेश या िावना क वकस और तक पहुाँ चाना
है । हम िारत का तर का समझेंगे।’ चाहता है , त संचार-प्रविया क शुरुआत ह त है ।
उग्रवाभिय ीं की तलािी का अभियान तेज जैसे हमें वकताब क जरूरत ह ने पर जैसे ह हम
इं फाि एजेंवसय ं वकताब मााँ गने क स चते हैं , संचार क प्रविया
सुरक्षाबि ं ने गुरुवार क सेना के कावफिे पर घात शुरू ह जात है । वकताब मााँ गने के विए हम अपने
िगाकर हमिा करने में शावमि उग्रवावदय ं क पकड़ने वमत्र से बातच त करें गे या उसे विखकर संदेश
के विए मवणपुर के चंदेि वजिे में तिाश अवियान तेज िेजेंगे। बातच त या संदेश िेजने के विए हम िाषा
कर वदया है । इस हमिे में ड गरा रे ज मेंट के 18 सैवनक का सहारा िेते हैं ।
शह द ह गए थे। इस ब च, सेना प्रमुख दिब र वसंह

pg. 13
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

2. कूटीकृत या एनक भडीं ग - यह संचार क प्रविया में सुधार करता है और इस तरह संचार क प्रविया
का दू सरा चरण है । सफि संचार के विए जरूर है आगे बढत है ।
वक आपका वमत्र ि उस िाषा यान क ड से 7. ि र - संचार प्रविया में कई बाधाएाँ ि आत हैं ।
पररवचत ह वजसमें आप अपना संदेश िेज रहे हैं । इन बाधाओं क श र (नॉयज) कहते हैं । संचार क
इसके साथ ह संचारक का एनक वडं ग क प्रविया प्रविया क श र से बाधा पहुाँ चत है । यह श र
पर ि पूरा अवधकार ह ना चावहए। इसका अथा वकस ि वकस् का ह सकता है । यह मानवसक से
यह हुआ वक सफि संचार के संचारक का िाषा िेकर तकन क और िौवतक श र तक ह सकता
पर पूरा अवधकार ह ना चावहए। साथ ह उसे अपने है । श र के कारण संदेश अपने मूि रूप में
संदेश के मुतावबक ब िना या विखना ि आना प्राप्तकताा तक नह ं पहुाँ च पाता। सफि संचार के
चावहए। विए संचार प्रविया से श र क हटाना या कम
3. सींिेि - संचार-प्रविया में संदेश का बहुत अवधक करना बहुत जरूर है ।
महत्व है । वकस ि संचारक का सबसे प्रमुख सींचार के प्रकार
उद्दे श्य अपने संदेश क उस अथा के साथ संचार ववविन्न प्रकार के ह ते हैं , पर वे परिर काफ
प्राप्तकताा तक पहुाँ चाना है । इसविए सफि संचार वमिे-जुिे ह ते हैं । इन्ें अिग करके दे खना कवठन ह ता
के विए जरूर है वक संचारक अपने संदेश क है । संचार के वनम्नविक्तखत रूप हैं -
िेकर खुद पूर तरह से िष्ट ह । संदेश वजतना ह 1. साींकेभतक सींचार-जब हम वकस व्यक्ति क
िष्ट और स धा ह गा, संदेश के प्राप्तकताा क उसे संकेत या इशारे से बुिाते हैं त इसे सां केवतक
समझना उतना ह आसान ह गा। संचार कहते हैं । अपने से बड़ ं क प्रणाम करते
4. माध्यम (चैनल) - संदेश क वकस माध्यम हुए हाथ ज ड़कर प्रणाम करना मौक्तखक संचार का
(चैनि) के जररये प्राप्तकताा तक पहुाँ चाना ह ता है । उदाहरण है । मौक्तखक संचार के समय चेहरे और
जैसे हमारे ब िे हुए शब्द ध्ववन तरं ग ं के जररये शर र के ववविन्न अंग ं क मुद्राओं क मदद ि
प्राप्तकताा तक पहुाँ चते हैं , जबवक दृश्य संदेश जात है । खुश , प्रेम, डर आवद अमौक्तखक संचार
प्रकाश तरं ग ं के जररये। इस तरह वायु तरं ग ं के द्वारा व्यि वकया जाता है ।
जररये ि संदेश पहुाँ चते हैं । जैसे खाने क खुशबू 2. अींत:वैयक्तिक (इीं टरपसयनल) सींचार-जब हम
हम तक वायु तरं ग ं के जररये पहुाँ चत है । िशा या कुछ स च रहे ह ते हैं , कुछ य जना बना रहे ह ते हैं
छूना ि एक तरह का माध्यम है । इस तरह या वकस क याद कर रहे ह ते हैं त यह ि एक
टे ि फ न, समाचारपत्र, रे वडय , टे ि ववजन, संचार है । इस संचार-प्रविया में संचारक और
इं टरनेट और वफल्म आवद ववविन्न माध्यम ं के प्राप्तकताा एक ह व्यक्ति ह ता है । यह संचार का
जररये ि संदेश प्राप्तकताा तक पहुाँ चाया जाता है । सबसे बुवनयाद रूप है । इसे अंत:वैयक्तिक
5. प्राप्तकताय या ररसीवर - यह प्राप्त संदेश का (इं टरपसानि) संचार कहते हैं । हम जब पूजा,
कूटवाचन यान उसक ड क वडं ग करता है । इबादत या प्राथाना करते वि ध्यान में ह ते हैं त
ड क वडं ग का अथा है प्राप्त संदेश में वनवहत अथा वह ि अंत:वैयक्तिक संचार का उदाहरण है ।
क समझने क क वशश। यह एक तरह से वकस ि संचार क शुरुआत यह ं से ह त है ।
एनक वडं ग क उिट प्रविया है । इसमें संदेश का 3. समूह सींचार-इस संचार में हम ज कुछ ि
प्राप्तकताा उन वचहन ं और संकेत ं के अथा कहते हैं , वह वकस एक या द व्यक्ति के विए न
वनकािता है । जावहर है वक संचारक और ह कर पूरे समूह के विए ह ता है । समूह संचार का
प्राप्तकताा द न ं का उस क ड से पररवचत ह ना उपय ग समाज और दे श के सामने उपक्तस्थत
जरूर है । समस्याओं क बातच त और बहस-मुबावहसे के
6. फीडबैक - संचार-प्रविया में प्राप्तकताा क इस जररये हि करने के विए ह ता है । संसद में जब
प्रवतविया क फ डबैक कहते हैं । संचार-प्रविया ववविन्न मुद्द ं पर चचाा ह त है त यह ि समूह
क सफिता में फ डबैक क अहम िूवमका ह त संचार का ह एक उदाहरण है ।
है । फ डबैक से ह पता चिता है वक संचार- 4. जनसींचार-जब हम व्यक्तिय ं के समूह के साथ
प्रविया में कह ं क ई बाधा त नह ं आ रह है । प्रत्यक्ष संवाद क बजाय वकस तकन क या
इसके अिावा फ डबैक से यह ि पता चिता है यां वत्रक माध्यम के जररये समाज के एक ववशाि
वक संचारक ने वजस अथा के साथ संदेश िेजा था वगा से संवाद कायम करने क क वशश करते हैं त
वह उस अथा में प्राप्तकताा क वमिा है या नह ?ं इसे जनसंचार कहते हैं । इसमें एक संदेश क
इस फ डबैक के अनुसार ह संचारक अपने संदेश यां वत्रक माध्यम के जररये बहुगुवणत वकया जाता है

pg. 14
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

तावक उसे अवधक से अवधक ि ग ं तक पहुाँ चाया 2. भिभक्षत करना-जनसंचार माध्यम सूचनाओं के
जा सके। इसके विए हमें वकस उपकरण या जररये हमें जागरूक बनाते हैं । ि कतंत्र में
माध्यम क मदद िेन पड़त है -मसिन अखबार, जनसंचार माध्यम ं क एक महत्वपूणा िूवमका
रे वडय , ट ०व ०, वसनेमा या इं टरनेट। अखबार में जनता क वशवक्षत करने क है । यहााँ वशवक्षत करने
प्रकावशत ह ने वािे समाचार वह ह ते हैं िेवकन से आशय है -उन्ें दे श-दु वनया के हाि से पररवचत
प्रेस के जररये उनक हजार -ं िाख ं प्रवतयााँ कराना और उसके प्रवत सजग बनाना।
प्रकावशत करके ववशाि पाठक वगा तक पहुाँ चाई 3. मन रीं जन करना-जनसंचार माध्यम मन रं जन
जात हैं । के ि प्रमुख साधन हैं । वसनेमा, ट ०व ०, रे वडय ,
जनसींचार की भविेषताएँ संग त के टे प, व वडय और वकताबें आवद
जनसंचार क ववशेषताएाँ वनम्नविक्तखत हैं - मन रं जन के प्रमुख माध्यम हैं ।
4. एजेंडा तय करना-जनसंचार माध्यम सूचनाओं
1. जनसंचार माध्यम ं के जररये प्रकावशत या और ववचार ं के जररये वकस दे श और समाज का
प्रसाररत संदेश ं क प्रकृवत सावाजवनक ह त है । एजेंडा ि तय करते हैं । जब समाचार-पत्र और
इसका अथा यह हुआ वक अंतरवैयक्तिक या समूह समाचार चैनि वकस खास घटना या मुद्दे क
संचार क तुिना में जनसंचार के संदेश सबके प्रमुखता से उठाते हैं या उन्ें व्यापक कवरे ज दे ते
विए ह ते हैं । हैं , त वे घटनाएाँ या मुद्दे आम ि ग ं में चचाा के
2. जनसंचार का संचार के अन्य रूप ं से एक फका ववषय बन जाते हैं । वकस घटना या मुद्दे क चचाा
यह ि है वक इसमें संचारक और प्राप्तकताा के का ववषय बनाकर जनसंचार माध्यम सरकार और
ब च क ई स धा संबंध नह ं ह ता है । समाज क उस पर अनुकूि प्रवतविया करने के
3. जनसंचार के विए एक औपचाररक संगठन क विए बाध्य कर दे ते हैं ।
ि जरूरत पड़त है । औपचाररक संगठन के वबना 5. भनगरानी करना-वकस ि कतां वत्रक समाज में
जनसंचार माध्यम ं क चिाना मुक्तिि है । जैसे जनसंचार माध्यम ं का एक और प्रमुख काया
समाचारपत्र वकस न वकस संगठन से प्रकावशत सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर वनगरान
ह ता है या रे वडय का प्रसारण वकस रे वडय रखना ि है । अगर सरकार क ई गित कदम
संगठन क ओर से वकया जाता है । उठात है या वकस संगठन/संस्था में क ई
4. जनसंचार माध्यम ं ढे र सारे द्वारपाि (गेटक पर) अवनयवमतता बरत जा रह है , त उसे ि ग ं के
काम करते हैं । द्वारपाि वह व्यक्ति या व्यक्तिय ं सामने िाने क वजम्मेदार जनसंचार माध्यम ं पर
का समूह है ज जनसंचार माध्यम ं से प्रकावशत या है ।
प्रसाररत ह ने वाि सामग्र क वनयंवत्रत और 6. भवचार-भवमिय के मींच-जनसंचार माध्यम ं का
वनधाा ररत करता है । एक काया यह ि है वक वे ि कतंत्र में ववविन्न
जनसंचार माध्यम ं में द्वारपाि क िूवमका बहुत ववचार ं क अविव्यक्ति का मंच उपिब्ध कराते हैं ।
महत्वपूणा मान जात है । यह उनक ह वजम्मेदार है वक इसके जररये ववविन्न ववचार ि ग ं के सामने पहुाँ चते
वे सावाजावनक वहत, पत्रकाररता के वसद्धां त ,ं मूल् ं और हैं । जैसे वकस समाचार-पत्र के ‘संपादक य’ पृष्ठ
आचार संवहता के अनुसार सामग्र क संपावदत करें और पर वकस घटना या मुद्दे पर ववविन्न ववचार रखने
उसके बाद ह उनके प्रसारण या प्रकाशन क इजाजत वािे िेखक अपन राय व्यि करते हैं । इस तरह
दें । ‘संपादक के नाम वचट्ठ ’ स्तंि में आम ि ग ं क
जनसींचार के कायय अपन राय व्यि करने का मौका वमिता है । इस
वजस प्रकार संचार के कई काया हैं , उस तरह जनसंचार तरह जनसंचार माध्यम ववचार-ववमशा के मंच के
माध्यम ं के ि कई काया हैं । उनमें से कुछ प्रमुख काया रूप में ि काम करते हैं ।
इस प्रकार हैं : िारत में जनसींचार माध्यम ीं का भवकास
िारत में जनसंचार माध्यम ं का इवतहास बहुत पुराना है ।
1. सूचना िे ना-जनसंचार माध्यम ं का प्रमुख काया इसके ब ज पौरावणक काि के वमथक य पात्र ं में वमि
सूचना दे ना है । हमें उनके जररये ह दु वनयािर से जाते हैं । दे ववषा नारद क िारत का पहिा समाचार
सूचनाएाँ प्राप्त ह त हैं । हमार जरूरत ं का बड़ा वाचक माना जाता है ज व णा क मधुर झंकार के साथ
वहस्सा जनसंचार माध्यम ं के जररये ह पूरा ह ता धरत और दे वि क के ब च संवाद-सेतु थे। उन् ं क तरह
है । महािारत काि में महाराज धृतराष्टर और रान गां धार क
युद्ध क झिक वदखाने और उसका वववरण सुनाने के

pg. 15
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

विए वजस तरह संजय क पररकल्पना क गई है , वह एक 2. उन्ें संपावदत कर छापने िायक बनाना!
अत्यंत समृद्ध संचार व्यवस्था क ओर इशारा करत है । 3. पत्र या पवत्रका के रूप में छापकर पाठक ं तक
चंद्रगुप्त मौया, अश क जैसे सम्राट ं के शासन-काि में पहुाँ चाना।
स्थाय महत्व के संदेश ं के विए वशिािेख ं और सामवयक यद्यवप ये त न ं काम परिर जुड़े हुए हैं पर पत्रकाररता के
या तात्काविक संदेश ं के विए कच्च स्याह या रं ग ं से अंतगात पहिे द काम ं क शावमि वकया जाता है । जहााँ
संदेश विखकर प्रदवशात करने क व्यवस्था और मजबूत बाहर से खबरें िाने का काम संवाददाताओं का ह ता है ,
हुई। तब बाकायदा र जनामचा विखने के विए कमाचार वह ं तमाम खबर ,ं िेख ,ं फ चर ं क व्यवक्तस्थत तर के से
वनयुि वकए जाने िगे और जनता के ब च संदेश िेजने संपावदत करने और सुरुवचपूणा ढं ग से छापने का काम
के विए ि सह व्यवस्था क गई। संपादक य वविाग में काम करने वािे संपादक ं का ह ता
ि मबेटका के गुफावचत्र इसके प्रमाण हैं । यह समानां तर है । आज पत्रकाररता का क्षेत्र ि बहुत व्यापक ह चिा है ।
व्यवस्था बाद में कठपुति और ि कनाटक ं क ववववध खबर का संबंध वकस एक या द ववषय ं से नह ं ह ता।
शैविय ं के रूप में वदखाई पड़त है । दे श के ववविन्न दु वनया के वकस ि क ने क घटना समाचार बन सकत
वहस्स ं में प्रचवित ववववध नाट्यरूप -ं कथावाचन, बाउि, है बशता वक उसमें पाठक ं क वदिचि ह या उसमें
सां ग, रागन , तमाशा, िावन , नौटं क , जात्रा, गंगा-गौर , सावाजावनक वहत वनवहत ह ।
यक्षगान आवद का ववशेष महत्व है । इन ववधाओं के िारत में अखबारी पत्रकाररता का आरीं ि
किाकार मन रं जन त करते ह थे , एक क्षेत्र से दू सरे क्षेत्र िारत में अखबार पवत्रका क शुरुआत सन् 1780 में
तक संदेश पहुाँ चाने और जनमत वनमाा ण करने का काम जेम्स ऑगस्ट वहक के ‘बंगाि गजट’ से हुई ज किकत्ता
ि करते थे। (क िकाता) से वनकिा था जबवक वहं द का पहिा
िेवकन जनसंचार के आधुवनक माध्यम ं के ज रूप आज साप्तावहक पत्र ‘उदत माताड’ ि किकत्ता से ह सन्
हमारे यहााँ हैं , वे वनिय ह हमें अंग्रेज ं से वमिे हैं । चाहे 1826 में पंवडत जुगि वकश र शुक्ल के संपादन में
समाचारपत्र ह ं या रे वडय , टे ि ववजन या इं टरनेट, सि वनकिा था। वहं द िाषा के ववकास में शुरुआत अखबार ं
माध्यम पविम से ह आए। हमने शुरुआत में उन्ें उस और पवत्रकाओं ने बहुत महत्वपूणा िूवमका वनिाई। इस
रूप में अपनाया िेवकन ध रे -ध रे वे हमार सां स्कृवतक विहाज से िारतेंदु हररिंद्र का नाम हमेशा सम्मान के
ववरासत के अंग बनते चिे गए। चाहे वफल्में ह ं या ट ०व ० साथ विया जाएगा वजन् न ं े कई पवत्रकाएाँ वनकाि ं।
स ररयि, एक समय के बाद वे िारत य नाट्य परं परा से आजाद के आं द िन में िारत य पत्र ं ने अहम िूवमका
पररचावित ह ने िगते हैं । इसविए आज के जनसंचार वनिाई। महात्मा गां ध , ि किान्य वतिक और
माध्यम ं का खाका ििे ह पविम ह . िेवकन उनक मदनम हन मािव य जैसे नेताओं ने ि ग ं क जागरूक
ववषयवस्तु और रं गरूप िारत य ह हैं । बनाने के विए पत्रकार क ि िूवमका वनिाई।
जनसंचार माध्यम ं के वतामान प्रचवित रूप ं में प्रमुख हैं - गां ध ज क हम समकाि न िारत का सबसे बड़ा
समाचारपत्र-पवत्रकाएाँ , रे वडय , टे ि ववजन, वसनेमा और पत्रकार कह सकते हैं , क्य वं क आजाद वदिाने में उनके
इं टरनेट। इन माध्यम ं के जररये ज ि सामग्र आज पत्र ं न महत्वपूणा िूवमका वनिाई। आजाद के पहि के
जनता तक पहुाँ च रह है , राष्टर के मानस का वनमाा ण करने प्रमुख पत्रकार ं में गणेश शं कर ववद्याथी, माखनिाि
में उसक महत्वपूणा िूवमका है । चतुवेद , महाव र प्रसाद दवववेद , बाबुराव वबष्णुराव
समाचारपत्र-पभत्रकाएँ पराड़कर, प्रताप नारायण वमश्र, वशवपूजन सहाय.
जनसंचार क सबसे मजबूत कड़ पत्र-पवत्रकाएाँ या वप्रंट रामवृक्ष बेन पुर और बािमुकुंद गुप्त हैं । उस समय के
म वडया ह है । हािााँ वक अपने ववशाि दशाक वगा और महत्वपूणा अखबार ं और पवत्रकाओं में ‘केसर ’,
त व्रता के कारण रे वडय और टे ि ववजन क ताकत वहं दुस्तान’ ‘सरस्वत ’ ‘हं स’ ‘कमाव र’, ‘ आज’,’ प्रताप
ज्यादा मान जा सकत है िेवकन वाण क शब्द ं के रूप ‘,’प्रद प’ और ‘ववशाि िारत’ आवद प्रमुख हैं ।
में ररकॉडा करने वािा आरं विक माध्यम ह ने क वजह से स्वतींत्र िारत के प्रमुख समाचार पत्र
वप्रंट म वडया का महत्व हमेशा बना रहे गा। आज ििे ह आजाद के बाद के प्रमुख वहं द अखबार ं में ‘नविारत
वप्रंट, रे वडय , टे ि ववजन या इं टरनेट, वकस ि माध्यम से टाइम्स’, ‘जनसत्ता’, ‘नई दु वनया’, ‘राजस्थान पवत्रका’,
खबर ं के संचार क पत्रकाररता कहा जाता ह , िेवकन ‘अमर उजािा’ , ‘दै वनक िास्कर’, “दै वनक जागरण और
आरं ि में केवि वप्रंट माध्यम ं के जररये खबर ं के आदान- पवत्रकाओं में ‘धमायुग’, ‘साप्तावहक वहं दुस्तान’, ‘ वदनमान’
प्रदान क ह पत्रकाररता कहा जाता था। , ‘रवववार’ , ‘इं वडया टु डे’ और ‘आउटिुक’ का नाम विया
पत्रकाररता के स पान जा सकता है । इनमें से कई पवत्रकाएाँ बंद ह चुक हैं ।
इसके वनम्नविक्तखत त न स पान हैं - आजाद के बाद के वहं द के प्रमुख पत्रकार ं में
1. समाचार ं क संकवित करना। सक्तच्चदानंद ह रानंद वात्स्यानन ‘अज्ञेय’, रघुव र सहाय,
pg. 16
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

धमाव र िारत , मन हर श्याम ज श , राजेि माथुर, जाते हैं , त सूचना क ववश्वसन यता कई गुना बढ जात
प्रिाष ज श , सवेश्वर दयाि सक्सेना, सुरेि प्रताप वसंह है ।
का नाम विया जात सकता है । िारत में टे ि ववजन क शुरुआत यूनेस्क क एक शैवक्षक
रे भडय पररय जना के अंतगात 15 वसतंबर, 1959 क हुई थ ।
पत्र-पवत्रकाओं के बाद वजस माध्यम ने दु वनया क सबसे इसका मकसद टे ि ववजन के जररये वशक्षा और
ज्यादा प्रिाववत वकया, वह रे वडय है । सन् 1895 में जब सामुदावयक ववकास क प्र त्सावहत करना था। इसके
इटि के इिेक्तररकि इं ज वनयर ज ० माकन ने वायरिेस तहत वदल्ल के आसपास के गााँ व ं में 2 ट ०व ० सेट िगाए
के जररये ध्ववनय ं और संकेत ं क एक जगह से दू सर गए वजन्ें 200 ि ग ं ने दे खा। यह हफ्ते में द बार एक-
जगह िेजने में कामयाब हावसि क , तब रे वडय जैसा एक घंटे के विए वदखाया जाता था। िेवकन 1965 में
माध्यम अक्तस्तत्व में आया। पहिे ववश्वयुद्ध तक यह स्वतंत्रता वदवस से िारत में वववधवत ट ०व ० सेवा का
सूचनाओं के आदान-प्रदान का एक महत्वपूणा औजार बन आरं ि हुआ। तब र ज एक घंटे के विए ट ०व ० कायािम
चुका था। िारत में 1892 में रे वडय क शुरुआत हुई। वदखाया जाने िगा। 1975 तक वदल्ल , मुंबई, श्र नगर,
1921 में मुंबई में ‘टाइम्स ऑफ इं वडया’ ने डाक-तार अमृतसर, क िकाता, मद्रास और िखनऊ में ट ०व ०
वविाग के सहय ग से संग त कायािम प्रसाररत वकया। सेंटर खुि गए। िेवकन 1976 तक ट ०व ० सेवा
1936 में वववधवत् ऑि इवडया रे वडय क स्थापना हुई आकाशवाण का वहस्सा थ । 1 अप्रैि, 1976 से इसे अिग
और आजाद के समय तक दे श में कुि में रे वडय स्टे शन कर वदया गया। इसे दू रदशान नाम वदया गया। 1984 में
खुि चुके थे-िखनऊ, वदल्ल , बंबई (मुंबई), किकत्ता इसक रजत जयंत मनाई गई।
(क िकाता), मद्रास (चेन्नई) वतरुवचरापल्ल , ढाका, स्वगीय प्रधानमंत्र इं वदरा गां ध क दू रदशान क ताकत
िाहौर और पेशावर। इनमें से त न रे वडय स्टे शन का एकसास था। वे दे शिर में टे ि ववजन केंद्र ं का जाि
वविाजन के साथ पावकस्तान के वहस्से में चिे गए। वबछाना चाहत थ ।ं 1980 में इं वदरा गां ध ने प्र फेसर
आजाद के बाद िारत में रे वडय एक बेहद ताकतवर प ०स ० ज श क अध्यक्षता में दू रदशान के कायािम ं क
माध्यम के रूप में ववकवसत हुआ। आज आकाशवाण गुणवत्ता में सुधार के विए एक सवमवत गवठत क । ज श
दे श क 24 िाषाओं और 146 ब विय ं में कायािम प्रस्तु त ने अपन ररप टा में विखा, हमारे जैसे समाज में जहााँ पुराने
करत है । दे श क 96 प्रवतशत आबाद तक इसक पहुाँ च मूल् टू ट रहे ह ं और नए न बन रहे ह ,ं वहााँ दू रदशान बड़
है । 1993 में एकएम (वफ्क्वेंस मॉडयूिेशन) क शुरुआत िूवमका वनिाते हुए जनतंत्र क मजबूत बना सकता है ।
के बाद रे वडय के क्षेत्र में कई वनज कंपवनयााँ ि आगे दू रदशान कायािम ं क गुणवत्ता के सुधार में प्र ० प ०स ०
आई ह। िेवकन अि उन्ें समाचार और सम-सामवयक ज श क अध्यक्षता में एक सवमवत गवठत क गई, वजसने
कायािम ं के प्रसारण क अनुमवत नह ं है । अपन ररप टा में विखा-‘हमारे जैसे समाज में जहााँ पुराने
रे वडय एक ध्ववन पाध्यम है । इसक तात्काविकता, मूल् टू ट रहे ह ं और नए न बन रहे ह ,ं वहााँ दू रदशान बड़
घवनष्ठता और प्रिाव के कारण गां ध ज ने रे वडय क एक िूवमका वनिाते हुए जनतंत्र क मजबूत बना सकता है ।’
अद् िुत श न कहा था। ध्ववन-तरं ग ं के जररये यह दे श के टे लीभवजन के उद्दे श्य
क ने -क ने तक पहुाँ चता है । दू र-दराज के गााँ व ं में, जहााँ टे ि ववजन के वनम्नविक्तखत उद्दे श्य हैं -
संचार और मन रं जन के अन्य साधन नह ं ह ते, वहााँ  सामावजक पररवतान
रे वडय ह एकमात्र साधन है . बाहर दु वनया से जुड़ने का।  राष्टर य एकता
वफर अखबार और टे ि ववजन क तुिना में यह बहु ‘  वैज्ञावनक चेतना का ववकास
सस्: ि है ।  पररवार-कल्ाण क प्र त्साहन
इसविए िारत के दू रदराज के हिाक ं में ि ग ं ने रे वडय  कृवष-ववकास
क्लब बना विए हैं । आकाशवाण के अिावा सैकड़ ं वनज  पयाा वरण-संरक्षण
एफएम स्टे शन ं और ब ब स , वायस आाँ फ अमेररका,  सामावजक ववकास
ड यचे वेिे (रे वडय ं जमान ), मास्क रे वडय , रे वडय ं  खेि–संस्कृवत का ववकास
पेइवचंग, रे वडय आस्टर े विया जैसे कई ववदे श प्रसारण और  सां स्कृवतक धर हर क प्र त्साहन
है म अमेच्य र रे वडय क्लब ं (स्वतंत्र समूह द्वारा संचावित दू रदशान ने दे श क सूचना, वशक्षा और मन रं जन क
पंज कृत रे वडय स्टे शन) का जाि वबछा हुआ है । जरूरत ं क पूरा करने क वदशा में उल्लेखन य सेवा क
टे लीभवजन है , िेवकन िंबे समय तक सरकार वनयंत्रण में रहने के
आज टे ि ववजन जनसंचार का सबसे ि कवप्रय और कारण इसमें ताजग का अिाव खटकने िगा और
ताकतवर माध्यम बन गया है । वप्रंट म वडया के शब्द और पत्रकाररता के वनष्पक्ष माध्यम के तौर पर यह अपन
रे वडय क ध्ववनय ं के साथ जब टे ि ववजन के दृश्य वमि जगह नह ं बना पाया। अिबत्ता मन रं जन के एक
pg. 17
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

ि कवप्रय माध्यम के तौर पर इसने अपन एक खास जगह करने का और अत्याधुवनक तकन क के इस्तेमाि से
बना ि है । ि ग ं क सपन ं क दु वनया में िे जाने का माध्यम ि है ।
टे ि ववजन का असि ववस्तार तब हुआ, जब िारत में मौजूदा समय में िारत हर साि िगिग 800 वफल्म ं का
दे श वनज चैनि ं क बाढ आने िग । अरू बर, 1993 में वनमाा ण करता है और दु वनया का सबसे बड़ा वफल्म-
ज ट ०व ० और स्टार ट ०व ० के ब च अनुबंध हुआ। वनमाा ता दे श बन गया है । यहााँ वहं द के अिावा अन्य
इसके बाद समाचार के क्षेत्र में ि ज न्यूज और स्टार क्षेत्र य िाषाओं और बाविय ं में ि वफल्में बनत हैं और
न्यूज नामक चैनि आए और सन् 2002 में आजतक के खूब चित हैं ।
स्वतंत्र चैनरि के रूप में आने के बाद त जैसे समाचार इीं टरनेट
चैनि ं क बाढ ह आ गई। जहााँ पहिे हमारे सावाजवनक इं टरनेट जनसंचार का सबसे नया, िेवकन तेज से
प्रसारक दू रदशाक का उद्दे श्य राष्टर-वनमाा ण और ि कवप्रय ह रहा माध्यम है । एक ऐसा माध्यम, वजसमें
सामावजक उन्नयन था, वह ं इन वनज चैनि ं का मकसद वप्रंट म वडया, रे वडय , टे ि ववजन, वकताब, वसनेमा यहााँ
व्यावसावयक िाि कमाना रह गया। इससे जहााँ तक वक पुस्तकािय के सारे गुण मौजूद हैं । उसक पहुाँ च
टे ि ववजन समाचार क वनष्पक्षता क पहचान वमि , दु वनया के क ने -क ने तक है और उसक रफ़्तार का क ई
उसमें ताजग आई और वह पेशेवर हुआ, वह ं एक अंध जवाब नह ं है । उसमें सारे माध्यम ं का समागम है ।
ह ड़ के कारण अनेक बार पत्रकाररता के मूल् ं और इं टरनेट पर आप दु वनया के वकस ि क ने से छपनेवािे
उसक नैवतकता का ि हनन हुआ। इसके बावजूद आज अखबार या पवत्रका में छप सामग्र पढ सकते हैं । रे वडय
पूरे िारत में 200 से अवधक चैनि प्रसाररत ह रहे हैं और सुन सकते हैं । वसनेमा दे ख सकते हैं । वकताब पढ सकते
र ज नए-नए चैनि ं क बाढ आ रह है । हैं और ववश्वव्याप जाि के ि तर जमा कर ड़ ं पन्न ं में से
भसनेमा पििर में अपने मतिब क सामग्र ख ज सकते हैं ।
जनसंचार का सबसे ि कवप्रय और प्रिावशाि माध्यम यह एक अंतरवियात्मक माध्यम है यान आप इसमें मूक
है -वसनेमा। हािााँ वक यह जनसंचार के अन्य माध्यम ं क दशाक नह ं है । आप सवाि-जवाब, बहस-मुबावहस ं में
तरह स धे तौर पर सूचना दे ने के अन्य िाग िेते हैं , आप चैट कर सकते हैं और मन ह त अपना
नह ं करता, िेवकन पर क्ष रूप में सूचना, ज्ञान और संदेश ब्लाग बनाकर पत्रकाररता क वकस बहस के सूत्रधार बन
दे ने का काम करता है । वसनेमा क मन रं जन के एक सकते हैं । इं टरनेट ने हमें म वडया समागम यान कंवजेस
सशि माध्यम के तौर पर दे खा जाता रहा है । वसनेमा के के युग में पहुाँ चा वदया है और संचार क नई संिावनाएाँ
आववष्कार का श्रेय थॉमस अल्वा एवडसन क जाता है जगा द हैं ।
और यह 1883 में वमनेवटस्क प क ख ज के साथ जुड़ा हर माध्यम में कुछ गुण और कुछ अवगुण ह ते हैं ।
हुआ है । 1894 में फ्ां स में पहि वफल्म बन ‘द अराइवि इं टरनेट ने जहााँ पढने -विखने वाि ं के विए, श धकताा ओं
ऑफ टर े न’। वसनेमा क तकन क में नेज से ववकास हुआ के विए संिावनाओं के नए कपाट ख िे हैं , हमें ववश्वग्राम
और जल्द ह यूर प और अमेररका में कई अच्छ वफल्में का सदस्य बना वदया है , वह ं इसमें कुछ खावमयााँ ि हैं ।
बनने िग ं। पहि खाम त यह है वक इसमें िाख ं अश्ल ि पन्ने िर
िारत में पहि मूक वफल्म बनाने का श्रेय दादा साहे ब वदए गए हैं , वजसका बच्च ं के क मि मन पर बुरा असर
फािे क जाता है । यह वफल्म थ 1913 में बन -‘राजा पड़ सकता है । दू सर खाम यह है वक इसका दु रुपय ग
हररिंद्र’। इसके बाद के द दशक ं में कई और मूक वकया जा सकता है । हाि के वषों में इं टरनेट के दु रुपय ग
वफल्में बन ं। इनके कथानक धमा, इवतहास और ि क- क कई घटनाएाँ सामने आई हैं ।
गाथाओं के इदा -वगदा बुने जाते रहे । 1931 में पहि ब ित जनसींचार माध्यम ीं का प्रिाव
वफल्म बन -‘ आिम आरा’। इसके बाद वक ब ित आज के संचार प्रधान समाज में जनसंचार माध्यम ं के
वफल्म ं का दौर शुरू हुआ। आजाद वमिने के बाद जहााँ वबना ज वन क कल्पना नह ं क जा सकत । हमार
एक तरफ िारत य वसनेमा ने दे श के सामावजक यथाथा ज वन-शैि पर संचार माध्यम ं का जबरदस्त असर है ।
क गहराई से पकड़कर आवाज दे ने क क वशश क , अखबार पढे वबना हमार सुबह नह ं ह त । ज अखबार
वह ं ि कवप्रय वसनेमा ने व्यावसावयकता का रास्ता नह ं पढते , वे र जमराा क खबर ं के विए रे वडय या
अपनाया। एक तरफ पृथ्व राज कपूर, महबूब खान, ट ०व ० पर वनिार रहते हैं । हमार महानगर य युवा प ढ
स हराब म द , गुरुदत्त जैसे वफल्मकार थे, त दू सर तरफ समाचार ं और सूचनाओं के आदान-प्रदान के विए
सत्यवजत राय जैसे वफल्मकार। वसनेमा जनसंचार के एक इं टरनेट का उपय ग करने िग है । खर द-फराख्त के
बेहतर न और सबसे ताकतवर माध्यम ं में से एक है । हमारे फैसि ं तक पर ववज्ञापन ं का असर साफ दे खा जा
इसके कई और आयाम ि हैं । यह मन रं जन के साथ- सकता है । यहााँ तक वक शाद -ब्याह के विए ि ि ग ं क
साथ समाज क बदिने का, ि ग ं में नई स च ववकवसत अखबार या इं टरनेट के मैवटर म वनयि पर वनिारता बढने

pg. 18
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

िग है । वटकट बुक कराने और टे ि फ न का वबि जमा 5. आतं कवाद का मुकाबिा करने क चुनौत ।
कराने से िेकर सूचनाओं के आदान-प्रदान के विए 6. सां प्रदावयकता से वनपटने क चुनौत ।
इं टरनेट का इस्तेमाि बढा है । इस तरह फुरसत के क्षण ं हम समाचार-पत्र ं क इन चुनौवतय ं के प्रवत काफ हद
में ट ०व ०-वसनेमा पर वदखाए जाने वािे धारावावहक ं तक संवेदनश ि पाते हैं । वे अपने दावयत्व का वनवाहन,
और वफल्म ं के जररये हम अपना मन रं जन करते हैं । इनसे प वडत ि ग ं क आवाज सरकार तक पहुं चाकर
कुि वमिाकर यह कहा जा सकता है वक जनसंचार कर रहे हैं , वजससे सरकार और अन्य स्वयंसेव संस्थाएाँ
माध्यम ं ने जहााँ एक ओर ि ग ं क सचेत और जागरूक इनक हि करने के विए आगे आत हैं । हााँ , छ टे
बनाने में अहम िूवमका वनिाई है , वह ं उसके समाचार-पत्र अपन स मा वनवित ह ने के कारण कई बार
नकारात्मक प्रिाव ं से ि इनकार नह ं वकया जा सकता। दबाव में आकर उतने संवेदनश ि नह ं ह पाते हैं ।
यह ि िष्ट है वक जनसंचार माध्यम ं के वबना आज प्रश्न 3 : ट ०व ० के वनज चैनि अपन व्यावसावयक
सामावजक ज वन क कल्पना नह ं क जा सकत । ऐसे में सफिता के विए कौन-कौन से तर के अपनाते हैं ?
यह जरूर है वक हम जनसंचार माध्यम ं से प्रसाररत और ट ०व ० के कायािम ं से उदाहरण दे कर समझाइए।
प्रकावशत सामग्र क वनक्तिय तर के से ग्रहण करने के उत्तर – ट ०व ० के वनज चैनि अपन व्यावसावयक
बजाय उसे सविय तर के से स च-ववचार करके और सफिता के विए ि ग ं का ध्यान अपन ओर आकवषात
आि चनात्मक ववश्लेषण के बाद ह स्व कार करें । एक करने वािे कायािम वदखाते हैं । ि ग ऐसे कायािम ं क
जागरूक पाठक, दशाक और श्र ता के बतौर हमें अपन ओर आकवषात ह ते हैं । ये चैनि कई बार ि ग ं क आस्था
आाँ खें, कान और वदमाग हमेशा खुिे रखने चावहए। V क ि वनशाना बनाने से नह ं चूकते। इन कायािम ं क
पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न टु कड़ ं में वदखाते हुए ऐसे म ड़ पर समाप्त करते हैं ,
प्रश्न 1 : इस पाठ में ववविन्न ि क-माध्यम ं क चचाा हुई है । वजससे ि ग ं क उत्सुकता अगिे कायािम के विए बन
आप पता िगाइए वक वे कौन-कौन से क्षेत्र का प्रवतवनवधत्व रहे । गत वदन ं जम्मू -कश्म र में आई बाढ क खबर ं तथा
करते हैं । अपने क्षेत्र में प्रचवित वकस ि कनाट्य या उनमें फैंसे नागररक ं क बचाने संबंध खबर ं क कई
ि कमाध्यम के वकस प्रसंग के बारे में जानकार हावसि वदन ं तक ट ०व ० पर वदखाया जाता रहा। इस प्रकार
करके उसक प्रस्तुवत के खास अंदाज के बारे में ि अमेठ (उत्तर प्रदे श) के िूपवत िवन पर अवधकार क
विक्तखए। िेकर संजय वसंह (राज्य सिा सां सद) और उनक पहि
उत्तर – इस पाठ में वजन ि कमाध्यम ं क चचाा हुई है , वे पत्न गररमा वसंह, पुत्र अनंत वविम वसंह के मध्य हुए
हैं -ि क-नृत्य, ि क-संग त और ि क-नाट्य। ये दे श के झगड़े एवं वववाद क कई बार वदखाया गया।
ववविन्न िाग ं में ववववध नाट्य रूप -ं कथावाचन, बाउि, प्रश्न 4 : इं टरनेट पत्रकाररता ने दु वनया क वकस प्रकार
सां ग, रावगन तमाशा, िावन , नौटं क , जात्रा, गंगा-गौर , समेट विया है ? उदाहरण सवहत िष्ट क वजए।
यक्ष-गान, कठपुति ि क-नाटक आवद में प्रचवित हैं । उत्तर – इं टरनेट पत्रकाररता के कारण अब दू ररयााँ
इनमें स्वााँ ग उत्तर िारत, नौटं क उत्तर प्रदे श, वबहार, वसमटकर रह गई हैं ; इं टरनेट क पहुाँ च दु वनया के क ने -
रावगन हररयाणा तथा यक्ष-गान कनाा टक क्षेत्र ं से संबंवधत क ने तक ह गई है । इसक रफ्तार बहुत तेज है । इसका
हैं । हमारे क्षेत्र में नौटं क का प्रय ग खूब ह ता है । यह असर पत्रकाररता पर ि हुआ है । इसक मदद से स्टू वडय
ग्राम ण नाट्य-शैि का एक रूप है । इसमें प्राय: रावत्र के में बैठा संचािक वकस ि मुद्दे पर दे श-ववदे श में बैठे
समय मंच पर वकस ि क-कथा या कहान क नाट्य- व्यक्ति से बातें कर िेता है और करा दे ता है । इसक
शैि में प्रस्तुत वकया जाता है । इसमें स्त्र -पात्र ं क मदद से ग वष्ठयााँ , वाताा एाँ आय वजत क जात हैं । इससे
िूवमका ि प्राय: पुरुष-पात्र करते हैं । हारम वनयम, ववश्व क वकस ि घटना क जानकार अब आसान ह
नगाड़ा, ढ िक आवद वाद्य-यंत्र ं के साथ यह संग तमय गई है ।
प्रस्तुवत ि क-िुिावन ह त है । प्रश्न 5 : वकन् ं द वहं द पवत्रकाओं के समान अंक ं क
प्रश्न 2: आजाद के बाद ि हमारे दे श के सामने बहुत (समान अववध के) पवढए और उनमें वनम्न वबंदुओं के
सार चुनौवतयााँ हैं । आप समाचार-पत्र ं क उनके प्रवत आधार पर तुिना क वजए :
वकस हद तक संवेदनश ि पाते हैं ?  आवरण पृष्ठ
उत्तर – आजाद के बाद ि हमारे दे श में बहुत-स  अंदर के पृष्ठ ं क साज-सज्जा
चुनौवतयााँ हैं । ये चुनौवतयााँ हैं :  सूचनाओं का िम
1. वनधानता से वनपटने क चुनौत ।  िाषा–शैि
2. बेर जगार से वनपटने क चुनौत । उत्तर – हम ‘सररता’ और ‘हंवडया टु डे’ पवत्रकाओं के
3. भ्रष्टाचार क चुनौत । समान अंक ं क िेते हैं और तुिना करते हैं :
4. दे श क एकता बनाए रखने क चुनौत । आवरण पृष्ठ-‘सररता’ पवत्रका का आवरण पृष्ठ अवधक
pg. 19
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

रं ग-वबरं गा. वचत्रमय, आकषाक और सुंदर है , जबवक सि क पसंद बन गया है ।


‘इं वडया टु डे’ का आवरण पृष्ठ अच्छा है , पर उतना (ड) उिाहरण-इं टरनेट पर समाचार-पठन, ग त-संग त,
आकषाक नह ं। वफल्म, बैठक, ग ष्ठ आवद दे खा-सुना जा सकता है ।
अींिर के पृष्ठ ीं की साज-सज्जा-‘सररता’ के पृष्ठ ं क साज- (च) उिाहरण-इं टरनेट और टे ि ववजन अपने कायािम ं
सज्जा पर अवधक ध्यान वदया गया है , जबवक ‘इं वडया टु डे’ से समाज में अश्ल िता पर सने का काम कर रहे हैं ।
के पृष्ठ ं पर कम। ‘सररता’ के पृष्ठ ं पर वचत्र अवधक हैं , पाठ पर आधाररत महत्वपूणय प्रश्न त्तर
जबवक ‘इं वडया टु डे’ के पृष्ठ ं पर कम। प्रश्न 1 : संचार ज वन क वनशान है । िष्ट क वजए।
सूचनाओीं का िम-‘सररता’ में सूचनाएाँ वकस क्षेत्र-ववशेष उत्तर – मनुष्य सामावजक प्राण है । सामावजक प्राण ह ने
से संबंवधत न ह कर ववववध क्षेत्र ं से संबंवधत हैं , जबवक के कारण वह संचार करता है । दै वनक ज वन में संचार के
‘इं वडया टु डे” में मुख्यत: राजन वतक खबरें एवं सूचनाएाँ वबना हम ज ववत नह ं रह सकते। मनुष्य जब तक ज ववत
हैं । है , वह संचार करता रहता है । संचार खत्म ह ने का
िाषा-िैली– सररता’ क िाषा सरि तथा ब धगम्य है , मतिब है -मृत्यु। संचार ह मनुष्य क एक-दू सरे से ज ड़ता
जबवक ‘इं वडया टु डे’ क िाषा-शैि अवधक उच्च-स्तर य है । अत: कहा जा सकता है वक संचार ज वन क वनशान
है । है ।
प्रश्न 6 : वनज चैनि ं पर सरकार वनयंत्रण ह ना चावहए प्रश्न 2 : संचार के साधन कौन-कौन से हैं ?
अथवा नह ?ं पक्ष-ववपक्ष में तका प्रस्तुत क वजए। उत्तर – टे ि फ न, इं टरने ट, समाचार-पत्र, फैक्स, रे वडय ,
उत्तर – वनज चैनि ं पर वनयंत्रण ह ने से उनका काम टे ि ववजन, वसनेमा आवद।
करने का दायरा एवं ढं ग प्रिाववत ह गा। इससे उनक प्रश्न 3 : दु वनया एक गााँ व में बदि गई है ? िष्ट क वजए।
वनष्पक्षता पर ि असर पड़े गा। उन्ें सरकार दबाव में उत्तर – आज संचार के अनेक साधन ववकवसत ह गए हैं
काम करना ह गा, अत: हमारे ववचार में वनज चैनि ं पर वजसके कारण िौवतक दू ररयााँ कम ह रह हैं । इन साधन ं
सरकार वनयंत्रण नह ं ह ना चावहए। के कारण मनुष्य सां स्कृवतक व मानवसक रूप से ि एक-
प्रश्न 7 : न चे कुछ कथन वदए गए हैं । उनके दू सरे के कर ब आ रहा है । जनसंचार के माध्यम ं से कुछ
सामने ✓ या × का वनशान िगाते हुए उसक पुवष्ट के विए ह क्षण में दु वनया के हर क ने क खबर वमि जात है ।
उदाहरण ि द वजए : (क) संचार माध्यम केवि इस कारण आज दु वनया एक गााँ व जैस िगने िग है ।
मन रं जन के साधन हैं । × प्रश्न 4 : संचार वकसे कहते हैं?
(ख) केवि तकन क ववकास के कारण संचार संिव उत्तर – ‘संचार’ शब्द क उत्पवत्त ‘चर’ धातु से हुई है ,
हुआ, इससे पहिे संचार संिव नह ं था। × वजसका अथा है -चिना या एक स्थान से दू सरे स्थान पर
(ग) समाचार-पत्र और पवत्रकाएाँ इतने सशि संचार पहुाँ चना। सूचनाओं, ववचार ं और िावनाओं क विक्तखत,
माध्यम हैं वक वे राष्टर का स्वरूप बदि सकते हैं । ✓ मौक्तखक या दृश्य-श्रव्य माध्यम ं के जररए सफितापूवाक
(घ) टे ि ववजन सबसे प्रिावशाि एवं सशि संचार एक जगह से दू सर जगह पहुाँ चाना ह संचार है ।
माध्यम है । ✓ प्रश्न 5 : संचार क प्रविया के तत्व कौन-कौन से हैं ?
(ड) इं टरनेट सि संचार माध्यम ं का वमिा-जुिा रूप या उत्तर – संचार क प्रविया के तत्व वनम्नविक्तखत हैं -
समागम है । ✓ 1. स्त्र त
(च) कई बार संचार माध्यम ं का नकारात्मक प्रिाव ि 2. एनक वडग
पड़ता है । ✓ 3. िाध्यम
उत्तर – (क) उिाहरण-संचार माध्यम ं से हमें तरह-तरह 4. प्राप्तकताा
का ज्ञान प्राप्त ह ता है , अत: ये केवि मन रं जन के साधन प्रश्न 6 : सफि संचार के विए क्या आवश्यक है ?
नह ं हैं । उत्तर – सफि संचार के विए िाषा के क ड का ज्ञान
(ख) उिाहरण-संचार द व्यक्तिय ं के ब च यहााँ तक ह ना जरूर है ।
अकेिे ि ह ता है । इसके विए तकन क ववकास क प्रश्न 7 : ड क वडं ग का अथा बताइए।
आवश्यकता अवनवाया नह ं थ । तकन क ववकास बाद में उत्तर –इसका अथा है -प्राप्त संदेश में वनवहत अथा क
सहायक बने हैं । समझने क क वशश। यह एनक वडं ग से उिट प्रवकया
(ग) उिाहरण-समाचार-पत्र-पवत्रकाएाँ घ टािे, भ्रष्टाचार, है । इसमें संदेश प्राप्तकताा प्राप्त वचहन ं व संकेत ं के अथा
अनैवतकता, सां प्रदावयकता आवद के ववरुद्ध आवाज वनकािता है ।
उठाकर राज्ट्र का स्वरूप बदि सकते हैं । प्रश्न 8:फ डबैक वकसे कहते हैं ?
(घ) उिाहरण-टे ि ववजन आवाज और वचत्र का संगम उत्तर –संचार प्रविया में संदेश प्राप्तकताा द्वारा दशाा ई गई
ह ने के कारण अम र-गर ब, शहर -ग्राम ण, युवा-वृद्ध
pg. 20
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

प्रवतविया क फ डबैक कहते हैं । यह सकारात्मक या वहत, पत्रकाररता के वसद्धां त ,ं मूल् ं और आचार संवहता
नकारात्मक द न ं ह ह सकत है । के अनुसार सामग्र क संपावदत करें तथा उसके बाद ह
प्रश्न 9:श र क्या है ? उनके प्रसारण या प्रकाशन क इजाजत दें ।
उत्तर –संचार प्रविया में आने वाि बाधाओं क श र प्रश्न 17:संचार के काया बताइए।
कहते हैं । यह श र मानवसक से िेकर तकन क और उत्तर –संचार के वनम्नविक्तखत काया हैं -
िौवतक ह सकता है । इसके कारण संदेश अपने मूि 1. संचार से कुछ हावसि वकया जाता है ।
रूप में प्राप्तकताा तक नह ं पहुाँ च पाता। 2. यह वकस के व्यवहार क वनयंवत्रत करता है ।
प्रश्न 10:संचार के प्रकार बताइए। 3. यह सूचना दे ने या िेने का काया करता है ।
उत्तर –संचार के अनेक प्रकार हैं -सां केवतक संचार, 4. यह मानव य िावनाओं क अविव्यक्ति एक
मौक्तखक संचार. अमौक्तखक संचार, अंत: वैयक्तिक संचार, खास तरह से प्रस्तुत करता है ।
अंतर वैयक्तिक संचार, समूह संचार व जनसंचारा। 5. यह प्रवतविया क व्यि करता है ।
प्रश्न 11:अंत: वैयक्तिक संचार वकसे कहते हैं ? प्रश्न 18:जनसंचार के कौन-कौन से काया हैं ? िष्ट करें ।
उत्तर –वह संचार वजसमें संचारक और प्राप्तकताा एक वह उत्तर –जनसंचार के वनम्नविक्तखत काया हैं -
व्यक्ति ह ता है , वह अंत: वै यक्तिक संचार कहिाता है । 1. सूचना िे ना-जनसंचार माध्यम ं का प्रमुख काया
पूजा करना, ध्यान िगाना आवद इसके रूप है । सूचना दे ना है । ये दु वनया िर में सूचनाएाँ प्रसाररत
प्रश्न 12:अंतर वैयक्तिक संचार का क्या महत्त्व है ? करते हैं ।
उत्तर –जब द व्यक्ति आपस में और आमने-सामने संचार 2. मन रीं जन-जनसंचार माध्यम-वसनेमा, रे वडय ,
करते हैं त इसे अंतर वैयक्तिक संचार कहते हैं । इसमें ट .व . आवद मन रं जन के ि प्रमुख साधन हैं ।
फ डबैक तत्काि वमिता है । इस तर के से संबंध 3. जागरूकता-जनसंचार माध्यम ि ग ं क
ववकवसत ह ते हैं । यह रूप पाररवाररक तथा सामावजक जागरूक बनाते हैं । वे जनता क वशवक्षत करते
ररश् ं क बुवनयाद है । व्यक्तिगत ज वन में सफिता के हैं ।”
विए हमारा अंतर वैयक्तिक संचार का कौशि उन्नत और 4. भनगरानी-जनसंचार माध्यम सरकार और
प्रिाव ह ना चावहए। संस्थाओं के कामकाज पर वनगरान रखते हैं ।
प्रश्न 13:समूह संचार का उपय ग कहााँ ह ता है ? 5. भवचार-ववमशा के मंच-ये माध्यम ि कतंत्र में
उत्तर –समूह संचार का उपय ग समाज और दे श के ववविन्न ववचार ं क अविव्यक्ति का मंच उपिब्ध
सामने उपक्तस्थत समस्याओं क बातच त और बहस के कराते हैं ।
जररए हि करने के विए ह ता है । इनके जररए ववविन्न ववचार ि ग ं के सामने पहुाँ चते
प्रश्न 14:जनसंचार वकसे कहते हैं ? हैं ।
उत्तर –जब संचार वकस तकन क या यां वत्रक माध्यम के प्रश्न 19:िारत का पहिा समाचारवाचक वकसे माना जाता
जररए समाज के ववशाि वगा से संवाद करने क क वशश है ?
क जात है त उसे जनसंचार कहते हैं । इसमें एक संदेश उत्तर –दे ववषा नारद।
क यां वत्रक माध्यम के जररए बहुगुवणत वकया जाता है प्रश्न 20:िारत में जनसंचार का इवतहास वकस काि में
तावक उसे अवधक-से-अवधक ि ग ं तक पहुाँ चाया जा वमि सकता है ?
सके। उत्तर –पौरावणक काि में।
प्रश्न 15:जनंसचार क प्रमुख ववशेषताएाँ बताइए। प्रश्न 21:प्राच न काि में संदेश वकस तरह वदए जाते थे ?
उत्तर –जनसंचार क वनम्नविक्तखत ववशेषताएाँ ह त हैं - उत्तर –वशिािेख ं पर िेख अंवकत करके।
1. जनसंचार माध्यम ं के जररए प्रकावशत या प्रश्न 22:िारत य संचार के ि क माध्यम बताइए।
प्रसाररत संदेश ं क प्रकृवत सावाजवनक ह त है । उत्तर –ि मवेटका के गुफावचत्र, कठपुति , ि कनाटक
2. इसमें संचारक और प्राप्तकताा के ब च प्रत्यक्ष आवद।
संबंध नह ं ह ता। प्रश्न 23:ि कनाटक ं के प्रकार बताइए।
3. इस माध्यम में अनेक द्वारपाि ह ते हैं ज इन उत्तर –कथावाचन, बाउि, सां ग, रागन , तमाशा, िावन ,
माध्यम ं से प्रकावशत/प्रसाररत ह ने वाि सामग्र नौटं क , जात्रा, गंगा-गौर , यक्षगान।
क वनयंवत्रत तथा वनधाररत करते हैं । प्रश्न 24:जनसंचार के आधुवनक माध्यम कौन-कौन से हैं ?
प्रश्न 16:जनसंचार माध्यम ं में दवारपाि ं क िूवमका क्या उत्तर –रे वडय , ट .व . समाचार-पत्र, वसनेमा इं टरनेट
है ? आवद।
उत्तर –जनसंचार माध्यम ं में द्वारपाि ं क िूवमका
महत्वपूणा है । यह उनक वजम्मेदार है वक सावाजवनक
pg. 21
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

समाचार-पत्र-पभत्रकाएँ प्रश्न 39:एफ. एम. रे वडय क शुरुआत कब हुई?


प्रश्न 25:जनसंचार में वप्रंट म वडया का क्या महत्व है ? उत्तर –1993 में।
उत्तर –जनसंचार क सबसे मजबूत कड़ वप्रंट म वड़या प्रश्न 40:रे वडय क पहुाँ च वकतने प्रवतशत आबाद तक है ?
है । यह माध्यम वाण क शब्द ं के रूप में ररकाडा करता उत्तर –96 प्रवतशत।
है ज स्थाय ह ते हैं । प्रश्न 41:गााँ ध ज ने रे वडय क अदिुत शक्ति क्य ं कहा
प्रश्न 26:पत्रकाररता के पहिुओं के बारे में बताइए। था?
उत्तर –पत्रकाररता के त न पहिू हैं -पहिा-समाचार ं क उत्तर –रे वडय क तात्काविकता, घवनष्ठता व प्रिाव के
संकवित करना, दू सरा उन्ें संपावदत कर छपने िायक कारण गााँ ध ज ने इसे अद् िुत शक्ति कहा था।
बनाना तथा त सरा उसे पत्र या पवत्रका के रूप में छापकर
पाटक तक पहुाँ चाना। टे लीभवजन
प्रश्न 27:िारत में छपने वािा पहिा अखबार कौन-सा था? प्रश्न 42:टे ि ववजन में वकन-वकन माध्यम ं का वमिन ह ता
उत्तर –बगाि गजट ( 1780)। है ?
प्रश्न 28:वहद का पहिा साप्तावहक-पत्र कौन-सा था? उत्तर –शब्द, ध्ववन व दृश्य।
उत्तर –पं० जुगि वकश र शुक्ल द्वारा संपावदत उदत प्रश्न 43:ववश्व में टे ि ववजन कायािम कब शुरू हुए?
मातंट्ट (1876-80); उत्तर –1927 ई. में, अमेररका।
प्रश्न 29:वहं द िाषा के प्रारं विक दौर में वकन ववदवान ं ने प्रश्न 44:िारत में ट . व . क शुरूआत कब हुई तथा
य गदान वदया। इसका उददे श्य क्या था?
उत्तर –िारतेंदु हररिंद्र, महात्मा गााँ ध , वतिक. उत्तर –िारत में ट .व . क शुरूआत 15 वसतंबर, 1959
मदनमंवहन मारुव य, गणेश शंकर ववद्याथी, माखनिाि क हुई। इसका उद्दे श्य वशक्षा और सामुदावयक ववकास
चतुवेद , रामवृक्ष बेन पुर तथा बािमुकुंद गुप्त आवद। क प्र त्सावहत करना था।
प्रश्न 30:स्वतंत्रता संघषा के दौरान छपने वािे प्रमुख पत्र- प्रश्न 45:दू रदशान आकाशवाण से कब अिग हुआ?
पवत्रकाओं के नाम बताइए। उत्तर –1 अप्रैि, 1976 से।
उत्तर –केसर , वहं दुस्तान, सरस्वत , हं स, कमाव र, आज, प्रश्न 46:प . स . ज श सवमवत ने दू रदशान के कौन-कौन से
प्रताप, प्रद प, ववशाि िारत आवद। उददे श्य बताए?
प्रश्न 31:िारत क आजाद से पूवा प् :काररता का क्या उत्तर –प . स . ज श सवमवत का गठन 1980 में इं वदरा
िक्ष्य था? गााँ ध ने दू रदशान के कायािम ं क गुणवत्ता क सुधारने के
उत्तर –स्वाध नत्वा क ं प्राक्तप्त। विए वकया था। इस कमेट ने दू रदशान के वनम्नविक्तखत
प्रश्न 32:आजाद के बाद पत्रकाररता के चररत्र में क्या उद्दे श्य बताए
पररवतान आया? 1. सामावजक पररवतान
उत्तर –पत्रकाररता ववशुद्ध व्यवसाय बन गया। 2. राष्टर य एकता
प्रश्न 33:आजाद के बाद के प्रमुख पत्रकार ं के नाम 3. वैज्ञावनक चेतना का ववकास
बताइए। 4. पररवार कल्ाण
उत्तर –अज्ञेय, रघुव र सहाय, धमाव र िारत , राजेंद्र 5. कृवष ववकास
माथुर, प्रमाण ज श , सुरेंद्र प्रताप वसंह आवद। 6. पयाा वरण संरक्षण
प्रश्न 34:वकन् द प्रमुख वहंद अखबार ं के नाम बताइए। 7. सामावजक ववकास
उत्तर –जनसत्ता, पंजाब केसर ! प्रश्न 47:आधुवनक ट .व . चैनि ं के नाम बताइए।
उत्तर –स .एन.एन. ब .ब .स ., आज तक, ज न्यूज आवद।
रे भडय प्रश्न 48:अत्यवधक चैनि ं के आने से क्या पररणाम हुआ?
प्रश्न 35:रे वडय का आववष्कार कब हुआ? उत्तर –अत्यवधक चैनि ं के आने से टे ि ववजन समाचार
उत्तर –1895 में इटि के इं ज वनयर ज . माकन द्वारा। क वनष्पक्षता व ताजग वमि , परं तु पत्रकाररता मूल् ं व
प्रश्न 36:ववश्व का पहिा रे वडय स्टे शन कब व कहााँ खुिा? नैवतकता का पतन हुआ।
उत्तर –1892 में अमेररक शहर वपट् सबगा, न्यूयाका व
वशकाग में ववश्व के शुरुआत रे वडय स्टे शन खुिे। भसनेमा
प्रश्न 37:ऑि इं वडया रे वडय क स्थापना कब हुई? प्रश्न 49:वसनेमा का आववष्कार वकसने वकया?
उत्तर –1936 ई. में। 192 = वहं द (केंवद्रक)-XI उत्तर –वसनेमा का आववष्कार थॉमस अल्वा एवडसन ने
प्रश्न 38:रे वडय का माध्यम क्या है ? 1883 में वकथा।
उत्तर – ध्ववन।
pg. 22
के न्द्रीय विद्यालय संगठन, विभागीय परीक्षा (LDCE)-पीजीटी-विन्द्दी

प्रश्न 50:ववश्व क सबसे पहि वफल्म कौन-स थ ? जरूरतें आवद पूर ह ने िग हैं । ये हमार ज वन शैि क
उत्तर –द अराइवि ऑफ टर े न (1894, फ्ां स)। प्रिाववत कर रहे हैं ।
प्रश्न 51:िारत में पहि मूक वफल्म वकसने बनाई? प्रश्न 61: ि कतंत्र में जनसंचार माध्यम ं का प्रिाव
उत्तर –िारत में पहि मूक वफल्म ‘राजा हररिंद्र’ (1913) बताइए।
दादा साहब फािे ने बनाई। उत्तर – ि कतंत्र में जनसंचार माध्यम ं ने ज वन क
प्रश्न 52:िारत क पहि ब ित वफल्म कौन-स थ ? गवतश ि व पारदशी बनाया है । इनके माध्यम से
उत्तर –आिम आरा (1931)। सूचनाओं व जानकाररय ं का आदान-प्रदान वकया जाता
प्रश्न 53: वहं द के प्रवसदध वफल्मकार बताइए। है । इसके माध्यम से ववविन्न मुद्द ं पर बहस या ववचार-
उत्तर – पृथ्व राज कपूर, महबूब खान, गुरुदत्त, सत्यज त ववमशा ह त है , ज सरकार क काया शैि पर कुछ हद
राय आवद। तक अंकुश िगाने का काम करता है ।
प्रश्न 54: सत्तर के दशक तक िारत य वसनेमा क प्रश्न 62: जनसंचार के दु ष्प्रिाव बताइए।
ववचारधारा। कैस थ ? उत्तर –
उत्तर – प्रेम, फंतास व कि न हारने वािे सुपर नैचुरि 1. जनसंचार के माध्यम खासतौर पर ट .व . व
ह र क पररकल्पना। वसनेमा ने ि ग ं क काल्पवनक दु वनया’ क सैर
प्रश्न 55: समानां तर वसनेमा क्या था? कराई है । फिस्वरूप ि ग आम ज वन से दू र ह
उत्तर – आठवें दशक में ि ग ं में जागरूकता फैिाने व जाते हैं तथा व्यसन ह जाते हैं । अत: हम कह
यथाथापरक ज वन क व्यि करने वािे वसनेमा क सकते हैं वक जनसंचार के माध्यम पिायनवाद
समानां तर वसनेमा कहा जाता था। प्रवृवत्त क बढावा दे ते हैं ।
प्रश्न 56: समानां तर वसनेमा के प्रमुख वफल्मकार कौन-से 2. ये समाज में अश्ल िता व असामावजक व्यवहार
थे? क बढावा दे ते हैं ।
उत्तर –सत्यवजत राय, श्याम बेनेगि, मृणाि सेन, एम. 3. समाज के कमज र वगों क कम महत्त्व वदया
एस. संधू आवद। जाता है ।
प्रश्न 57:नवें दशक से वहं द वफल्म ं में कैसा स्वरूप ग्रहण 4. अनावश्यक मुद्द ं क उछािा जाता है ।
वकया?
उत्तर –नवें दशक से वहं द वफल्म ं का केंद्र र मां स, वहं सा,
सेक्स व एक्शन ह गया। मुनाफा कमाना वफल्मकार का
मुख्य उद्दे श्य बन गया है ।
प्रश्न 58:इं टरनेट क्या है ?
उत्तर –यह एक ऐसा माध्यम है वजसमें वप्रंट म वडया,
रे वडय , ट .व ., वसनेमा आवद सि के गुण ववद्यमान हैं ।
प्रश्न 59: इं टरनेट से िाि व हावनयााँ बताइए।
उत्तर –इीं टरनेट से लाि-
1. इससे ववश्वग्राम क अवधारणा मजबूत हुई है ।
2. इं टरनेट से संचार क नई संिावनाएाँ जग हैं ।
3. इससे श धकताा ओं व पढने वाि ं के विए अपार
संसाधन उपिब्ध हुए हैं ।
इीं टरनेट से हाभनयाँ -
1. इससे अश्ल िता क बढावा वमिा है ।
2. इसका दु रुपय ग वकया जा रहा है ।
3. बच्च ं व युवाओं में अकेिापन बढता जा रहा है ।

जनसींचार माध्यम ीं के प्रिाव


प्रश्न 60:जनसंचार माध्यम ं का आम ज वन पर क्या प्रिाव
है ?
उत्तर –जनसंचार माध्यम ं का आम ज वन पर बहुत
प्रिाव है । इनसे सेहत, अध्यात्म, दै वनक ज वन क

pg. 23

You might also like