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महिला आरक्षण बिल क्या है?

'महिला आरक्षण बिल' में भारत के लोकसभा और राज्यों की विधानसभा की एक-


तिहाई यानी 33% सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएगी।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति


में महिला आरक्षित सीटों को भी इस
अधिनियम में शामिल कर लिया जाएगा।
इसका मतलब अभी 131 सीटें जो एससी
एसटी के लिए आरक्षित है उनमें से 43
सीटें महिला के लिए आरक्षित होंगी।
महिला आरक्षण बिल का इतिहास क्या है।
सर्वप्रथम ये बिल वर्ष 1996 में देवगौड़ा सरकार द्वारा सदन में टेबल किया गया।
वर्ष 1998 से 2003 में सरकार ने बिल को 4 बार पेश किया गया पर पारित कराने में विफल रही।
वर्ष 2009 में इसको विवादों के बीच पेश किया गया। अंततः 2010 में राज्यसभा में इस विधेयक को पास
किया गया।
परन्तु महिला आरक्षण बिल को 2023 तक लोकसभा में पेश होने का मौका
ही नहीं मिल पाया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कानून मंत्री अर्जुन राम
मेघवाल द्वारा नए संसद भवन में 19 सिंतबर को पेश किया गया। लोकसभा में
20 सितंबर को इस बिल के पक्ष में 454 मत पड़े और 2 सांसद ने इसके
विपक्ष में मत दिए।
असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील दोनों AIMIM पार्टी से आते हैं।
22 सितंबर 2023 को 214 सांसद ने इसके पक्ष में मत दाल कर इसको
राज्यसभा से भी पास करवाया। विपक्ष में एक भी मत नहीं पड़ा। साथ ही महिला
आरक्षण बिल का नाम बदल कर 'नारीशक्ति वंदन अधिनियम' कर दिया।
बिल पारित होने पर क्या-क्या होंगे बदलाव।
अब इस नए बिल की बात करें, तो पास होने की सूरत में इसमें
संविधान के 4 अनुच्छेदों में बदलाव होगा -
239AA - इस आर्टिकल के तहत दिल्ली की विधानसभा में
रिज़र्वेशन दिया जाएगा (जी, दिल्ली की विधानसभा के लिए
संविधान का अलग अनुच्छेद है)
330A - इसी आर्टिकल के तहत लोकसभा में आरक्षण दिया
जाएगा
332A - इस आर्टिकल के तहत राज्यों की विधानसभा में
आरक्षण दिया जाएगा
334A - इस आर्टिकल के तहत ये कहा गया कि ये कानून अगले
परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा
नारीशक्ति वंदन अधिनियम के विपक्ष में बयान
"मैं इस कानून का विरोध करता हूं... विधेयक के लिए जो औचित्य दिया जा रहा है वह
यह है कि अधिक महिलाएं संसद में निर्वाचित होंगी। यदि यही औचित्य है, तो उस
औचित्य को ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं तक क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है जिनका
प्रतिनिधित्व संसद में है यह प्रतिष्ठित सदन न्यूनतम है,''
असदुद्दीन ओवैसी

"ओबीसी रिजर्वेशन इस बिल में शामिल होना चाहिए। भारत की आबादी के बड़े हिस्से को आरक्षण
मिलना चाहिए। जो इसमें नहीं है।"
"मेरे अनुसार इस बिल में एक चीज ऐसी है जिससे ये अधूरा है वो है ओबीसी रिज़र्वेशन। भारत की बड़ी
महिला आबादी को इस रिज़र्वेशन में शामिल करना चाहिए था। इसके अलावा दो चीजें ऐसी हैं जो अजीब
हैं - एक तो ये कि आपको इसे लागू करने के लिए जनगणना की जरूरत है और दूसरा परिसीमन।"

राहुल गाँधी "ये एक अच्छी इमारत है, लेकिन मैं इस प्रोसेस में भारत की राष्ट्रपति को देखना चाहता था. वो एक
महिला हैं और एसटी कम्युनिटी से आती हैं। और ये अच्छा होता कि इस बदलाव में दिखतीं"
विधयक के विरोध में तर्क ।

विधेयक में के वल इतना कहा गया है कि यह "इस उद्देश्य के लिये


परिसीमन की कवायद शुरू होने के बाद पहली जनगणना के लिये
प्रासंगिक आँ कड़े प्राप्त करने के बाद लागू होगा।" यह चुनाव के चक्र को
निर्दिष्ट नहीं करता है जिससे महिलाओं को उनका उचित हिस्सा मिलेगा।
वर्तमान विधेयक राज्यसभा और राज्य विधानपरिषदों में महिला आरक्षण
प्रदान नहीं करता है। राज्यसभा में वर्तमान में लोकसभा की तुलना में
महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। प्रतिनिधित्व एक आदर्श है जो निचले
और ऊपरी दोनों सदनों में प्रतिबिंबित होना चाहिये।
नारीशक्ति वंदन के पक्ष में बयान
"महिला आरक्षण बिल पारित होने के लिए ये सही समय है। हम बिल को
अटकने नहीं देंगे। भारत लोकतंत्र की जननी है। इस बिल को पास करके हम
लोकतंत्र की यात्रा में नया इतिहास रच रहे हैं।"
"आज हम महिलाओं को न्याय दे रहे हैं। बिल पास करके हम महिलाओं को
अर्जुन राम मेघवाल और सशक्त कर रहे हैं।"

इसके पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आरक्षण बिल का


समर्थन किया और इसे पूर्व प्रधानमंत्री 'राजीव गांधी का सपना' बताया।
आरक्षण तुरंत लागू करने की मांग करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "मैं सरकार
से जानना चाहती हूँ कि महिलाओं को इसके लिए कितना लंबा इंतज़ार करना
होगा?"
सोनिया गाँधी
विश्व के अन्य देशों में महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व
50%
महिलाओं की भागीदारी
प्रतिशत में।
40%
डाटा दैनिक भास्कर की
30%
वेबसाइट से लिया गया है।
20%

10%

0%
रवांडा बोलिविया क्यूबा फ्रांस ब्रिटेन जर्मनी अमेरिका रूस भारत

वानुअतु, पापुआ न्यू गिनी और माइक्रोनेशिया में महिलाओं का बिल्कु ल भी प्रतिनिधित्व नहीं है।
संदर्भ सूची

बीबीसी वेबसाइट
आज तक वेबसाइट
नवभारत टाइम्स वेबसाइट
दृष्टि आई.ए.एस. वेबसाइट
दैनिक भास्कर वेबसाइट
लल्लनटॉप वेबसाइट
एबीपी वेबसाइट
आकाशवाणी वेबसाइट

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