Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 2

Class Notes For Students of B.A. Geography (Hons.

) Part-II, Paper-III, Unit-II

प्रश्न: भारतीय कृषि की षिशेिताओं का िर्णन करें I

उत्तर: सत्तर के दशक में दे श में आयी हररत क्रांतत ने कृषि की ददशर व ददशर ही बदलकर रख दी है I

आज भररत की गिनती षवश्व के गिने चन


ु े कृषि प्रधरन दे श के रूप में होती है I भररत कई फसलों के

उत्परदन में षवश्व में प्रथम स्थरन पर है I यहराँ की नई कृषि षवशेितरओां में मशीनों द्वररर कृषि, खरद

और उववरक कर प्रयोि, पयरवप्त ससांगचत भूसम, प्रौद्योगिकी कर इस्तेमरल एवां डिजजटल कृषि तकनीक आदद

हैं I

भररत एक कृषि प्रधरन दे श हैं।यहराँ अतत प्ररचीन करल से ही कृषि करयव ककयर जरतर हैं। इततहरस िवरह है

कक जब सांसरर के अगधकरांश मरनव असभ्य थे, उस समय भी भररतवरसी कृषि में तनपुण थे। आयव युि में

जुतरई, ससांचरई, कटरई, तनररई आदद करयव ककयर जरतर थर। कृषि के सरथ पशुपरलन व्यवसरय सांलग्न हैं।

षवश्व में चीन के बरद भररत ही वह दस


ू रर दे श हैं, जहराँ इतनी बडी सांख्यर में लोि कृषि करयव में सांलग्न

हैं। कृषि भररतीय अथवव्यवस्थर कर मूल आधरर हैं तथर दे श की 50 % कृषि से ही होती हैं। दे श के घरे लू

उत्परद में कृषि क्षेत्र कर लिभि 26 % योिदरन हैं। दे श के कुल तनयरवतों में कृषि कर योिदरन 1999-2000

में 43 % थर। इसीसलए कृषि को दे श की अथवव्यवस्थर की रीढ़ कहर जरतर हैं।

भररत के 22 करोड पशुओां कर भोजन भी कृषि जन्य पदरथो से प्ररप्त होतर हैं। िैर कृषि क्षेत्र के सलये बडी

मरत्रर में उपभोक्तर वस्तुयें और अगधकरांश कच्चर मरल कृषि से ही प्ररप्त होतर हैं। दे श की एक अरब से

भी अगधक जनसांख्यर कर भरण पोिण कृषि के षवकरस से ही सांभव हैं। भररत एक षवशरल दे श होने के

सरथ-सरथ कृषि प्रधरन दे श भी हैं जोकक मरनसूनी जलवरयु एवां ससांचरई पर तनभवर हैं। यहरां उच्चरवच,

जलवरयु तथर मद
ृ र सांबांधी षवषवधतरएाँ स्वभरषवक है जजस कररण यहराँ फसलों के प्रकरर एवां उत्परदन में

पयरवप्त षवसभन्नतर समलतर हैं। यहरां पर अनेक प्रकरर से कृषि की जरती हैं। भररत की कृषि पर विरव कर

प्रभरव अगधक पडतर हैं। भररत की कृषि की षवशेितरएां तनम्नसलखखत हैं:

1. यह ररष्ट्रीय आय कर प्रमुख स्त्रोत हैं। कुल ररष्ट्रीय आय कर लिभि एक चौथरइव कृषि से प्ररप्त

होतर है ।

2. उद्योिों को कच्चे मरल की भरपूर आपूततव होती हैं। सूती वस्त्र जूट, तम्बरकू,शक्कर, व वनस्पतत

आदद उद्योिों को कच्चे मरल की पूततव कृषि द्वररर ही कीजरती हैं।


3. हमररें यहरां कृषि में श्रम की प्रधरनतर हैं। कृषि कर अगधकरांश करयव ककसरन हरथ से करते हैं।

4. अन्य दे शों की तुलनर में हमररे यहरां कृषि योग्य भूसम कर क्षेत्रफल सबसे अगधक हैं।

5. भररत में पैदर की जरने वरली कइव फसलों चरय, जूट, तम्बरकू, कपरस,ततलहन,व मसरलें आदद के

कररण कृषि कर अांतररवश्रीय व्यरपरर में महत्वपूणव योिदरन हैं। इससे भररत कर अांतररवष्ट्रीय महत्व

बढ़र हैं।

6. भररतीय कृषि कर अगधकरांश भरि ससचरई के सलए मरनसून पर तनभवर करतर है ।

7. भररतीय कृषि की महत्त्वपूणव षवशेितर जोत इकरइयों की अगधकतर एवां उनके आकरर कर छोटर

होनर है ।

स्रोत: https://www.thehansindia.com/posts/index/Hans/2017-04-03/Agriculture-sector-a-must-for-GDP-growth/290889

8. भररतीय कृषि में जोत के अन्तिवत कुल क्षेत्रफल खण्िों में षवभक्त है तथर सभी खण्ि दरू ी पर

जस्थत हैं।

9. भूसम पर प्रत्यक्ष एवां परोक्ष रूप से जनसांख्यर कर अगधक भरर है ।

10. कृषि उत्परदन मुख्यतयर प्रकृतत पर तनभवर रहतर है । ......................................................क्मशः

 सन्दभव
 https://www.scotbuzz.org/2017/06/krashi-ke-prakar.html?m=1 by Bandey June 07, 2017
 https://www.sookshmas.com/enote by Sudhakar verma September 29,2018 at 12:08 PM
 भररत कर भि
ू ोल, कॉसमॉस पजललकेशन, महेश बणववरल
 भररत कर भूिोल, बौद्गधक प्रकरशन, एस० के० ओझर
 सरस्वती भूिोल: िी० आर० खुल्लर, इन्टरनेट एवां अन्य प्रततयोिी पस्
ु तकें

बोलेंद्र कुमरर अिम, सहरयक प्ररध्यरपक, भूिोल, ररजर ससांह महरषवद्यरलय, सीवरन

You might also like