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Desh Ko Aage Badhao
Desh Ko Aage Badhao
स्वतंत्रता दिवस के इस शभ ु अवसर पर मझ ु े आप सभी के सामने अपने विचार साझा करने का अवसर मिला,
यह मेरा सौभाग्य है . सबसे पहले मैं आप सभी को आजादी की 77वीं वर्षगांठ की बधाई दे ता हूँ. आज हम अपने
महान ् भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने जा रहे है , इसलिए हम सभी यहाँ एकत्रित हुए है और
आज परू ा दे श इस आजादी की सालगिरह मना रहा हैं
साथियों! 15 अगस्त का यह पावन दिन हर वर्ष आता है और हमारे दिलों में “हम स्वतंत्र हैं और स्वतंत्र रहें गे”
का भाव उजागर करके दे शवासियों को प्रेरित करता है . 15 अगस्त भारत के गर्व, सम्मान और सौभाग्य का
दिन है और यह हमारा सबसे बड़ा राष्ट्रीय पर्व है . साल 1857 से लेकर 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के
बाद और काफी अत्याचार सहने के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत दे श ब्रिटिश शासन की बेड़ियों से
मक्
ु त हुआ और सभी भारतवासियों ने आजादी की सांस ली और हमारा दे श एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया. तभी से
भारतवासी स्वतंत्रता दिवस बड़े उल्लास के साथ धम ू धाम से मनाते है .
"गँज
ू रहा है दनि
ु या में भारत का नगारा,
चमक रहा आसमान में दे श का सितारा!
आज़ादी के दिन आओ मिलके करें ,
दआ
ु की बल ु द
ं ी पर लहराता रहे तिरं गा हमारा"
भारत की आजादी की लड़ाई ब्रिटिश शासन के दौरान एक ब्रिटिश अधिकारी द्वारा क्रांतिकारी मंगल पांडे को
गोली मारने से शरू
ु हुई. तब से सभी भारतीयों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई. ये स्वतंत्रता भारत को
इतनी सरलतापर्वू क प्राप्त नहीं हुई थी.
यह दिन वो दिन है जब अंग्रेजों की 200 वर्ष की गल ु ामी से हमारे दे श को आजादी प्राप्त हुई थी और इस
स्वतंत्रता के लिए और अंग्रेजों के जल् ु मों से दे श की जनता को बचाने के लिए अनेकों स्वतंत्रता प्रेमियों ने अपने
प्राण न्यौछावर कर दिये और यह दिन हमें उन वीर सपत ू ों, क्रांतिकारियों की याद दिलाता है , जिन्होंने भारत को
आजादी दिलवाने के लिए अपने जीवन तक का बलिदान दे दिया
आजादी की कभी शाम ना होने दें गे, शहीदों की "कुर्बानी बदनाम ना होने दें गे, बची है जो एक बद ंू लहू की, तब
तक भारत मां का आंचल नीलाम ना होने दें गे,"
आजादी के बाद हमारे भारत दे श ने हर क्षेत्र में उन्नति की है . भारत ने साइंस, टे क्नोलोजी, आर्थिक, कृषि,
शिक्षा, साहित्य, खेल आदि क्षेत्रों में बहुत तरक्की की है . परं तु आज भी भारत गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी,
भ्रष्टाचार आदि समस्याओं से जझ ू रहा है . हमें एक साथ मिलकर इन समस्याओं को समाप्त करना चाहिए.
दे श के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते इस पावन दिन पर हम सभी प्रतिज्ञा लेते हैं कि हम सभी मिलकर इन
समस्याओं का निराकरण करें गे और हमारे भारत को दनि ु या का सर्वश्रेष्ठ दे श बनाएंगे. इसी के साथ मैं अपने
विचारों को कुछ चंद पक्तियों के साथ यही विराम करता हूँ.
“दे सलामी इस तिरं गे को,
जिससे तेरी शान है ,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान है .”
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