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Asth Nindit Purush (अष्टनिन्दित पुरूष) - 8 Persons made Fun - Vaidyaनमः
Asth Nindit Purush (अष्टनिन्दित पुरूष) - 8 Persons made Fun - Vaidyaनमः
चरक सूत्र स्थान 21वें अध्याय मेंं अष्टनिन्दितीय पुरूष का वर्णन किया गया है।
1) अतिदीर्घश्च
2)अतिह्रस्वश्च
3)अतिलोमा
4)अलोमा
5)अतिकृ ष्णच
6)अतिगौरश्च
7)अतिस्थूलश्च
8)अतिकृ श्च
यहाँ शरीर की बनावट के अनुसार निन्दित पुरूषों का वर्णन किया गया है।
अतिलोम :-का तात्पर्य , बड़े, मोटे, एवं एक लोम कू प में अनेक रोम के होने से है।
लोमकू पों के द्वारा शारीरिक मल स्वेद रूप में निकला करते हैं।
अभ्यंग,परिषेक करना necessary for all.
रोम के अधिक होने से इन दोनों कार्यौं में बाधा आती है।
अभ्यंग करते. समय रोम के टूट जाने से व्रण आदि हो जाते हैं
अलोमा :- लोन न होने या कम होने पर रोमकू पों की संख्या भी तदनुसार अल्प होती है।so that,स्वेदादि
मल का पूरा निष्कासन होने से निन्दनीय है।
अतिगौर:-देखने में ये असुन्दर होते हैं,इनके शरीर में पित्त की प्रधानता होती है।रक्त की विकृ ति उन्हें ही
अधिक होती है।रोम भी अल्प होते है जिसमें सूर्य का ताप ये सहन नहीं कर सकते हैं।Now a days, kla
Albinism .इसमें त्वचा
का वर्ण श्वैत तथा Photophobia नामक लक्षण होता है।
अतिकृ श
अतिस्थूल
स्थूल व्यक्ति –
लंघन –मेदा नष्ट but वायु -अग्नि बढ़ जाएगी, जो पहले से ही स्थूल व्यक्ति में बढ़ी होती है।
अतिस्थूलता चिकित्सा:-
●वायु ,मेद,श्लेष्मा नष्ट करने वाले अन्न-पान ।
●तीक्षण, रुक्ष, उष्ण बस्तियां
●रूक्ष उबटन , गुडुची , नागरमोथा ,त्रिफला,तक्रारिष्ट+मधु का use
●वायविडंग ,सोंठ , क्षार,तीक्ष्ण लोह भस्म,मधु,जौ का आटा,आंवला चूर्ण -best