श्री कार्तवीर्यार्जुन स्त्रोत PDF

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श्री कार्तवीर्यार्जुन स्त्रोत

कार्तवीर्यार्जुनॊनाम राजाबाहुसहस्रवान ्।
तस्यस्मरण मात्रॆण गतम ् नष्टम ् च लभ्यतॆ॥

कार्तवीर्यह:खलद्वॆशीकृत वीर्यॊसत
ु ॊबली।

सहस्र बाहु:शत्रघ्
ु नॊ रक्तवास धनर्ध
ु र:॥

रक्तगन्थॊ रक्तमाल्यॊ राजास्मर्तुरभीश्टद:।

द्वादशैतानि नामानि कातवीर्यस्य य: पठॆ त ्॥

सम्पदस्तत्र जायन्तॆ जनस्तत्रवशन्गतह:।

आनयत्याशु दर्स्थ
ू म ् क्षॆम लाभयत
ु म ् प्रियम ्॥

सहस्रबाहुम ् महितम ् सशरम ् सचापम ्।

रक्ताम्बरम ् विविध रक्तकिरीट भष


ू म ्॥
चॊरादि दष्ु ट भयनाशन मिश्टदन्तम ्।

ध्यायॆनामहाबलविजम्भि
ृ त कार्तवीर्यम ्॥

यस्य स्मरण मात्रॆण सर्वद:


ु खक्षयॊ भवॆत ्।

यन्नामानि महावीरस्चार्जुनह:कृतवीर्यवान ्॥

है हयाधिपतॆ: स्तॊत्रम ् सहस्रावत्ति


ृ कारितम ्।

वाचितार्थप्रदम ् नण
ृ म ् स्वराज्यम ् सक्र
ु ु तम ् यदि॥

॥ इति श्री कार्तवीर्यार्जुन स्त्रोत द्वादश नामस्तॊत्रम ् सम्पर्ण


ू म्

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