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कक्षा 12 (म. प्र.

बोर्ड) रसायनविज्ञान

इकाई 1: विलयन (CH-1)

प्रश्न बैंक- 2023-24 उत्तरमाला

नोट-

1. वस्तुननष्ठ प्रश्न (1 अंक)


2. अनतलघउ
ु त्तरीयप्रश्न (2 अंक)
3. लघुउत्तरीयप्रश्न ( 3 अंक)

िस्तुननष्ठ प्रश्न

प्रश्न.1 हे नरी ननयतांक का मान

(a)तापमान बढ़ने के साथ बढ़ता है

(b)तापमान बढ़ने के साथ घटता है

(c)ननयत बना रहता है

(d)पहले बढ़ता है फिर घटता है

उत्तर- (a)

प्रश्न.2 ननम्न में से कौन राहुल के ननयम से धनात्मक ववचलन प्रदर्शित करता है

(a)एसीटोन +एनीलीन

(b एसीटोन+ इथेनॉल

(c)जल+ नाइट्रिकअम्ल
(d)क्लोरोिामि+ बेंजीन

उत्तर- (b)

प्रश्न.3 सांद्र ववलयन का परासरणदाब फकसी ट्रदए हुए तापमान -

(a) तनु ववर्लयन की तल


ु ना में अधधक होता है

(b)मनोववज्ञान की तुलना में कम होता है

(c)तनु ववर्लयन की बराबर होता है

(d)तुलना नहीं की जा सकती

उत्तर- (a)

परासरण दाब ववलयन की सांद्रता के समानुपाती होता है

प्रश्न.4 यट्रद 4g सोडियम हाइड्रोक्साइि 200ml ववर्लयन में उपस्स्थत हो तो,ववलयन की मोलरता
होगी-

(a)0.25

(b) 0.5

(c) 5

(d) 10

उत्तर- (b)

प्रश्न.5 ननम्नर्लखित में से कौन सा ननयम फकसी गैस की तरल में ववलेयता और दाब के मध्य संबंध
प्रदर्शित करता है

(a)राउल्ट का ननयम
(b)हे नरी का ननयम

(c)वाष्प दाब में ननम्नता

(d)वांटहाि का ननयम

उत्तर- (b)

प्रश्न.6 सही जोड़ी र्मलाइये

(a)वायुमंिलीय प्रदष
ू ण को मापने की इकाई। (i) गैस में ठोस का बबर्लयन

(b)राउल्ट का ननयम। (ii)अर्दिधपारगम्य खिल्ली

(c)कपरू और नाइिोजन गैस (iii) ppm

(d)सेल्यूलोस एसीटे ट (iv) आदशि बबर्लयन

उत्तर-

(a) (iii)

(b)(iv)

(c) (i)

(d) (ii)

प्रश्न.7 ररक्त स्थानों की पूनति करें -

(a)मोलर्लटी m, मोलॉररटी M, और नॉमिर्लटी N, में से…………….. तापमान से प्रभाववत नही होती।

(b)उदासीन ववलयन का PH मान……….….. होता है।

(c) 1m सल््यरू रक अम्ल के र्लए 1 Kg ववलायक में इसकी मात्रा……….है।


(d) मोलप्रभाज X, मोलॉररटी M, और नॉमिर्लटी N में से………….. ववलयन की सांद्रता और वाष्पदाब में
संबंध प्रदर्शित करने में उपयोगी है ।

उत्तर-

(a)मोलर्लटी m

(b) 7

(c) 98g

(d) मोलप्रभाज

अनतलघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न.8राउल्ट का ननयम क्या है ?


उत्तर-राउल्ट के ननयमकेअनुसार “ स्स्थर ताप पर वाष्पदाब में आपेक्षिक अवनमन, ववलयन में उपस्स्थत
ववलेय के मोल प्रभाज के बराबर होता है।”
गखणतीय रूप में, P∘A−PA / P∘A=XB
जहााँ, P∘A = शर्द
ु ध ववलायक का वाष्पदाब ,
PA= ववलयन में उपस्स्थत ववलायक का वाष्पदाब
XB = ववलेय का मोल प्रभाज।

प्रश्न.9 पायस फकसे कहते है?

उत्तर- जब फकसी कोलाइि में एक द्रव के सभी कण दस


ू रे द्रव के सभी कणों में पररिेवपत तो हो जाते
हैं लेफकन घुलते नहीं हैं तो इस कोलाइि को पायस कहते हैं।

प्रश्न.10 बिर ववलयन क्या है?


उत्तर-वह ववलयन जो फक अम्ल या िार की साधारण मात्राओं को अपनी प्रभावी अम्लता या िारता में
पयािप्त पररवतिन फकये बबना अवशोवषत कर लेता है उसे बिर ववलयन कहते हैं।

प्रश्न.11 यूररया (NH2CONH2) के द्रव्यमान की गणना कीस्जए, स्जसके 2.5kg के 0.25 मोलल जलीय
ववलयन बनाने के र्लए आवश्यक है।

उत्तर-0.25 मोल यूररया 1000g जल में है।


यूररया का द्रव्यमान = 0.25 × 60 = 15g
ववलयन का कुल द्रव्यमान = 1000 + 15 = 1015g
= 1.015kg
1.015 kg ववलयन में यूररया है = 15g.
2.5 kg ववलयन में यूररया की आवश्यकता होगी,

= 15×2.5 / 1.015 = 36.94g.

प्रश्न.12 मोल प्रभाज को पररभावषत कीस्जए।

उत्तर- मोल प्रभाज -फकसी ववलयन में उपस्स्थत फकसी अवयव (ववलायक या ववलेय) के मोलों की संख्या
तथा ववलयन में उपस्स्थत कुल मोलों की संख्या के अनुपात को मोल प्रभाज कहते हैं।
यट्रद ववलेय के मोलों की संख्या n व ववलायक के मोलों की संख्या N हो, तो
ववलेय का मोल प्रभाज = n / n+N
ववलायक का मोल प्रभाज = N/ n+N

प्रश्न.13 द्रव्यमान की दृस्ष्ट से 25% ववलयन के 300g एवं 40% के 400g को र्मलाने पर प्राप्त
ववलयन के द्रव्यमान प्रनतशत की गणना कीस्जए।

उत्तर: 25% ववलयन के 300 g में ववलेय कीमात्रा = 75g


40% ववलयन के 400 g में ववलेय कीमात्रा = 160g
कुल ववलेय = 160 + 75 = 235g
कुल ववलयन = 300 + 400 = 700g
ववलेय का द्रव्यमान % =235 / 700 × 100 = 33.5%
जल का द्रव्यमान % = 100 – 33.5 = 66.5%.

प्रश्न.14 हे नरी का ननयम क्या है? इसके कुछ प्रमुि अनुप्रयोग र्लखिए।

उत्तर- स्स्थर ताप पर फकसी ववलायक के ननस्श्चत आयतन में ववलेय गैस का द्रव्यमान गैस के दाब के
समानुपाती होता है, स्जसके साथ वह ववलायक साम्यावस्था में है।
यट्रद ववलायक आयतन में ववलेय गैस का द्रव्यमान m तथा साम्य दाब हो, तो

m = kp (जहााँ k एक स्स्थरांक है।)


हे नरी के ननयम के अनुप्रयोग–

1. काबोननकृत पेय पदाथों के उत्पादन में


2. रक्त में घुली गैसों के ववननमय में
3. गहरे समद्र
ु में गोतािोरी के र्लए
4. रक्त में ऑक्सीजन की कमी पवितारोट्रहयों को कमजोर बना दे ती है , स्जसेएनॉस्क्सया (Anoxia) कहा
जाता है।

प्रश्न.15 ननम्न जोड़ों में प्रमुि अन्तर-आस्ववक आकषिण अन्तःफिया को समिाइये


(i) n-हे क्सेन एवं n-ऑक्टे न,
(ii) I2 एवं CCl4
(iii) NaClO4 एवं जल
(iv) मेथेनॉल एवं एसीटोन
उत्तर: (i) n-हे क्सेन एवं n- ऑक्टे न – पररिेपण अथवा लविन बल
(ii) I2 एवं CCl4 (दोनों अध्रव
ु ीय) – लविन अथवा पररिेपण बल
(iii) NaClO4 एवं जल (आयननक) (ध्रुवीय) – आयन-र्दववध्रुव अन्तर-फिया को आयन का हैं।
(iv) मेथेनॉल एवं ऐसीटोन – र्दववध्रुव-र्दववध्रुव (ध्रुवीय)
प्रश्न.16यट्रद CuS का ववलेयता गण
ु निल 6 × 10-16 है। जलीय ववलयन में Cus की अधधकतम
मोलरता की गणना कीस्जए।

उत्तर-

CuS का ववलेयता गुणनिल Ksp = 6 × 10-16


यट्रद ‘S’ ववलेयता है, तब
Cus ⇌ Cu2+ + S2-
[Cu2+] = S [Su2-] = S
Ksp = [Cu2+] [Su2-] = S2
अतः ववलेयता S = √Ksp = √6×10−16 = 2.45 × 10-8M.

प्रश्न.17500g जल में 19-5g CH2F COOH घुला है।जल में ट्रहमांक में अवनयन 1.0°C प्रेक्षित हुआ,
ववलयनकीमोललताज्ञातकीस्जये।

उत्तर-CH2F COOH का आस्ववक द्रव्यमान (MB ) = 78g


WB = 19.5g, WA= 500g
अतःमोललताm = WB×1000 / MB×500

=19.5×1000 / 78×500=0.50m

लघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न.18स्स्थरक्वाथी र्मश्रणफकसे कहते हैं ? ये फकतने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर- ऐसे ववलयन, जो बबना संघटन के पररवतिन के एक ही ताप पर आसववत हो जाते हैं , स्स्थर
क्वाथी र्मश्रण कहलातेहै।

95.6% एल्कोहॉल और 4.4% जल का र्मश्रण स्स्थर क्वाथी र्मश्रण का उदाहरण है, जो 78.13°C पर
उबलता है। स्स्थर क्वाथी र्मश्रण के अवयवों को आसवन र्दवारा पथ
ृ क् नहीं फकया जा सकता।
स्स्थर क्वाथी र्मश्रण दो प्रकार के होते हैं –
(i) ननम्न क्वथन स्स्थर क्वाथी र्मश्रण-ऐसे ववलयन, जो राउल्ट के ननयम से धनात्मक ववचलन प्रदर्शित
करते हैं अथाित ् इनका वाष्पदाब उच्च होता है। अतः इनका क्वथनांक कम होता है।
उदाहरण – एसीटोन + CS2,C2H5 OH + n-hexane
(ii) उच्च क्वथन स्स्थर क्वाथी र्मश्रण-वे ववलयन जो राउल्ट के ननयम से ऋणात्मक ववचलन प्रदर्शित
करते हैं, उनका वाष्पदाब अपेिाकृत कम व क्वथनांक उच्च होता है। उदाहरण – एसीटोन +
क्लोरोिॉमि, ईथर + क्लोरोिॉमि।

प्रश्न.19क्वथनांक मेंउन्नयनकोसमिाए। तथा क्वथनांक मेंउन्नयन तथाआस्ववक द्रव्यमान में सम्बन्ध


दीस्जए।

उत्तर- क्वथनांक मेंउन्नयन- जब फकसी द्रव में अवाष्पशील पदाथि घोल ट्रदया जाता है तो इसका
क्वथनांक का मान बढ़ जाता है या इसके क्वथनांक में उन्नयन हो जाता है , इसे क्वथनांक का
उन्नयन कहते है।

जब फकसी शुर्दध ववलायक में कोई अवाष्पशील पदाथि र्मलाया जाता है तो अवाष्पशील पदाथि के कण
द्रव की सतह पर आ जाते है स्जससे वाष्प दाब का मान कम हो जाता है , अब चाँफू क अवाष्पशील
पदाथि घोलने से वाष्प दाब कम हो जाता है इसर्लए द्रव के वाष्प दाब को वायम
ु ंिलीय दाब के बराबर
करने के र्लए द्रव को और अधधक ताप दे ना पड़ेगा।

क्वथनांक के उन्नयन तथा आस्ववक द्रव्यमान में सम्बन्ध-मानलो WB ग्राम अवाष्पशील ववलेय WA ग्राम
ववलायक में घल
ु ा है तथा ववलेय का मोलर द्रव्यमान MB ग्राम है।
अतः मोललता m =WAX 1000/MB×WA ……………..(1)
फकसी अवाष्पशील ववलेय के र्लए,
ΔTb= Kb.m …………….(2)
समी. (1) एवं (2) से,
ΔTb = Kb×WB×1000 / MB×WA या,

Mb = Kb×WB×1000 / ΔTb×WA

प्रश्न.20आदशि और अनादशि ववलयन कोउदाहरण दे कर समिाइये।


उत्तर- आदशि ववलयन- ऐसे ववलयनजोराउल्ट के ननयम काकी सभी सान्द्रताओं तथा सभी ताप की
स्स्थनत में पूणि रूप से पालनकरतेहै, आदशिववलगनकहलातेहै।

आदशि ववलयन बनाने की शते इस प्रकार हैं –


(i) ΔVmixing = 0 (ii) ΔHmixing = 0.
उदाहरण – C2H5Br+C2H5Cl.
अनादशि ववलयन-अनादशि ववलयन ऐसे ववलयन हैं, स्जन पर राउल्ट केननयमका ववलयन की सभी
सान्द्रताओं तथा तापों की स्स्थनत में पूणि रूप से पालननहीकरते है।
इन ववलयनों के र्लए ΔVmixing # 0 एवं ΔHmixing # 0 होता है।
उदाहरण – बेंजीन + ऐसीटोन।

प्रश्न.21ववलयनों के अणस
ु ंख्यक गण
ु ों सेआपक्यासमितेहै? इसकेप्रकारर्लखिए।

उत्तर- ववलयन के ऐसे भौनतक गुण जो ववलयन के एक ननस्श्चत आयतन में घुले हुए ववलेय के कणों
की संख्या पर ननभिर करते हैं, अणुसंख्यक गुण-धमि कहलाते हैं । सभी अणुसंख्यक गुणों के मान
ववलेय के सान्द्रण में वर्द
ृ धध के साथ बढ़ते हैं तथा सान्द्रण में कमी के साथ घटते हैं ।

अणुसंख्यक गुणननम्नप्रकार हैं –


1. वाष्प दाब में अवनमन ।
2. क्वथनांक में उन्नयन ।
3.. ट्रहमांक का अवनमन ।
4. परासरण दाब ।

प्रश्न.22असामान्य अणुसंख्यक गुणों के मान असामान्य होने के कारण आस्ववक द्रव्यमान असामान्य
होते हैं,,कारण र्लखिए।
उत्तर-
असामान्य अणुसंख्यक गुणों के मान असामान्य होने के दो कारण हैं

(1) ववलेय के अणुओं का संगुणन,


(2) ववलेय के अणओ
ु ं का ववयोजन।

(1) ववलेय के अणओ


ु ं का संगण
ु न-फकसी भी ववलेय को ववलायक में ववलेय करने पर उसका संगण
ु न हो
जाता है, तो ववलयन में ववलेय के कणों की संख्या सामान्य रूप में प्राप्त होने वाले अणुओं की संख्या
से कम हो जाती है। इसके कारण अणुसंख्यक गुणों के मान कम प्राप्त होते हैं । इस प्रकार आस्ववक
द्रव्यमान की गणना करने पर प्राप्त मान ववलेय के सामान्य आस्ववक द्रव्यमान से अधधक होता है

(2) ववलेय के अणुओं का ववयोजन।

कुछ ववर्दयत
ु ्-अपघट्य पदाथि के ववलयन में उनके अणओ
ु ं का दो या दो से अधधक कण जो आयन के
रूप में ववर्दयमान है का ववयोजन होता है। स्जससे ववर्दयुत ्-अपघट्य पदाथों के ववलयनों में कणों या
आयनों की संख्या ववलेय के अणुओं की संभाववत संख्या से अधधक हो जाती है। इस प्रकार ऐसे यौधगकों
के र्लए अणुसंख्यक गुण के आधार पर ज्ञात फकए आस्ववक द्रव्यमान के मान सामान्य आस्ववक द्रव्यमान
के मान से हमेशा कम ही होते हैं।

प्रश्न.23ननम्न को समिाइए

(1) मोलल ट्रहमांक अवनमन स्स्थरांक,

(2) मोलल क्वथनांक उन्नयन स्स्थरांक।

उत्तर- (1) मोलल ट्रहमांक अवनमन स्स्थरांक- फकसी ववलयन का मोलल ट्रहमांक अवनमन स्स्थरांक,
ववलयन के ट्रहमांक में उस कमी के बराबर है, जो एक मोल अवाष्पशील ववलेय को 1000 ग्राम
ववलायक में ववलेय करने पर प्राप्त होता है।
∴ ट्रहमांक में अवनमन ΔTf ∝ m
ΔTf = kf × m
यट्रद m = 1
तो ΔTf = kf
जहााँ, kf मोलल ट्रहमांक अवनमन स्स्थरांक है।
(2) मोलल क्वथनांक उन्नयन स्स्थरांक-फकसी ववलयन का मोलल क्वथनांक उन्नयन स्स्थरांक, ववलयन
के क्वथनांक में हुई उस वर्द
ृ धध के बराबर होता है, जो एक मोल अवाष्पशील पदाथि को 1000 ग्राम
ववलायक में ववलेय करने पर प्राप्त होता है।
क्वथनांक में उन्नयन ΔTb∝ m
ΔTb = kb × m
यट्रद m = 1
तो ΔTb = kb
जहााँ, kb मोलल ट्रहमांक अवनमन स्स्थरांक है।
प्रश्न.24क्वथनांक में उन्नयन क्या है ? अवाष्पशील पदाथि के र्मलाने से ववलयन का क्वथनांक क्यों
बढ़ जाता है ? ग्राि की सहायता से समिाइये।

उत्तर- क्वथनांक मेंउन्नयन- जब फकसी द्रव में अवाष्पशील पदाथि घोल ट्रदया जाता है तो इसका
क्वथनांक का मान बढ़ जाता है या इसके क्वथनांक में उन्नयन हो जाता है , इसे क्वथनांक का
उन्नयन कहते है।

जब फकसी शुर्दध ववलायक में कोई अवाष्पशील पदाथि र्मलाया जाता है तो अवाष्पशील पदाथि के कण
द्रव की सतह पर आ जाते है स्जससे वाष्प दाब का मान कम हो जाता है , अब चाँफू क अवाष्पशील
पदाथि घोलने से वाष्प दाब कम हो जाता है इसर्लए द्रव के वाष्प दाब को वायुमंिलीय दाब के बराबर
करने के र्लए द्रव को और अधधक ताप दे ना पड़ेगा।

Tb, , का मान T∘b के मान से अधधक है, अतः ववलयन का क्वथनांक ववलायक के क्वथनांक से अधधक
है। दस
ू रे शब्दों में, शर्द
ु ध ववलायक की अपेिा ववलयन उच्च ताप पर उबलता है। अतः ववलेय को
ववलायक में घोलने से उसके क्वथनांक में होने वाली वर्द
ृ धध को क्वथनांक का उन्नयन (Elevation of
boiling point) कहते हैं । उसे ΔTb, से प्रदर्शित करते हैं, अतः ΔTb=Tb−T0b

प्रश्न.25राउल्ट ननयम से धनात्मक एवं ऋणात्मक ववचलन कोसमिाइये।

उत्तर-राउल्ट ननयम से धनात्मक ववचलन-

जब ववलयन का वाष्प दाब, राउल्ट के ननयम से प्राप्त वाष्प दाब से अधधक होता है, तो वह धनात्मक
ववचलन कहलाता है। दो घटक A तथा B से बने ववलयन के र्लए यट्रद ववलेय और ववलायक A-B के
अन्तराकषिण बल का मान ववलेय (A-A) एवं ववलायक (B-B) के अन्तराकषिण बल के मान से कम हो
तो प्रत्येक घटक के आंर्शक दाब का मान राउल्ट के ननयम से प्राप्त होने वाले आंर्शक दाब की तुलना
में उच्च होता है।
धनात्मक ववचलनकेगण
ु -

(i) PA>P∘AXA एवं PB>P∘BXB


(ii) ΔHmixing >0 तब ववचलन धनात्मक होता है।
(iii) ΔUmixing >0 तब ववचलन धनात्मक होताहै।

ऋणात्मक ववचलन-

जब ववलयन का वाष्पदाब राउल्ट के ननयम से प्राप्त वाष्प दाब से कम प्राप्त होता है तो यह


ऋणात्मक ववचलन कहलाता है। इस प्रकार के ववलयनों में A-B (ववलेय और ववलायक) अन्तराकषिण
बल का । मान A-A (ववलेय-ववलेय) और B-B (ववलायक-ववलायक) के मध्य लगने वाले अन्तराकषिण
बल से प्रबल होता है। अतः ववलयन में A और B (ववलेय एवं ववलायक) के अणुओं के ननष्कार्सत होने
की प्रववृ त्त शर्द
ु ध घटकों की तुलना में कम होती है। अतः प्रत्येक घटक का ववलयन में वाष्प दाब
राउल्ट के ननयम से प्राप्त होने वाले दाब से कम होता है।

ऋणात्मक ववचलन के गुण –


(i) PA <P∘AXA तथा PB< PoBXB
(ii) ΔHmisxing <0 तब ववचलन ऋणात्मक होता है।
(iii) Δmisxing <0 तब ववचलन ऋणात्मक होता है।

प्रश्न.26हे प्टे न एवं ऑक्टे न आदशि ववलयन बनाते हैं। 373K पर दो द्रवों अवयवों का वाष्प दाब िमशः
105.2K Pa एवं 46.8 k Pa हैं। 26.0g हे प्टे न एवं 35g ऑक्टे न के र्मश्रण का वाष्पदाब क्या होगा?

उत्तर- ट्रदयागयाहै,

हे प्टे न (C7H16),काद्रव्यमान = 26g


मोलर द्रव्यमान = 100g
ऑक्टे न (C8H18)काद्रव्यमान = 35g .
मोलर द्रव्यमान = 114g
हे प्टे न केमोलों की संख्या n1 = 26/ 100 = 0.26
ऑक्टे न केमोलों की संख्या n2 = 35/ 114 = 0.31
मोल प्रभाज = X1 = n1 / n1+n2=0.456

X2 = 1 – 0.456
X2 =0.544
वाष्पदाब Po1 = 105.2
Po2 = 46.8
र्मश्रण का वाष्प दाब (P) = Po1X1+Po2X2
P = 105.2 × 0.456 + 46.8 × 0.544
P = 42.97 + 25.46 = 73.43 kPa.

प्रश्न.27298K पर शुर्दध जल का वाष्पदाब 23-8mm Hg है। 50g यूररया (NH2CONH2) को 850g जल


में घल
ु ा हो, तब इस ववलयन में जल के वाष्प दाब एवं इसके आपेक्षिक अवनमन की गणना कीस्जए।

उत्तर- हमजानतेहै-

p° – Ps/P° = XB = = n2/ n2 +n2


यहााँ P° = 23.8mm,

W2 (यरू रया )= 50g,


M2 (यूररया) = 60g mol-1
W1 (जल)= 850g,

M1 (जल) = 18g mol-1

P0−Ps / P0 =(50/60) / (850/18) + (50 /60)=0⋅017


वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन = 0.017
P° = 23.8mm

23⋅8−PS / 23⋅8=0⋅017
23.8 - Ps = 0.412
Ps= 23.39
ववलयन में जल का वाष्प दाब = 23.4 mmHg.

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