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Mantra Sangrah
Mantra Sangrah
नवमहों के मन्
न्ऽ
िज िकसी व्य
िजस यिक्त को कोई मह भारी हो तो वह िनत्य क । शीय ूभ
य एक माला जप अवँय करें भाव
स
सम्बिन्धत वारर का ोत रख
ख
ें और बतायें अनुसार भोज र धारण करेंरें ।
जन करें तथा रत्न
6. शुब मन्ऽ
ॐ ॑ीं ौीं शुबाय नमः
(5 माला का जाप आवँयक)
रत्न हीरा. भोजन - नमक रिहत चावल, दध
ू दही इत्यािद
7. शिन मन्ऽ
ॐ ऐं हीं ौीं श्नैश्चराय नमः
(5 माला का जाप करें )
रत्न- नीलम . भोजन - उड़द व तेल से बने पदाथर्
8. राहू मन्ऽ
ॐ ऐं ह्नीं राहवे नमः
( 3 माला का जाप करें )
रत्न - गोमेद . भोजन - मीठी रोटी, रे वड़ी, ितल से बने पदाथर् .
केतु मन्ऽ
ॐ ॑ीं केतव नमः
(3 माला का जाप करें )
रत्न - लहसुिनया. भोजन - नमक रिहत गेहूँ व ितल से बना हुआ.
लआमी मन्ऽ ।।
हालआम्यै नमः ।
ॐ ौी मह
।। ःवाः न्ऽ ।।
ःथ्य ूािप्त मन्
अच्युतानन्
न्द गोिवन्द
नामोच्चाररण भेषजात ।
नँयिन्त सकला
स रोगाः
सत्यंसत्यं वदाम्यहम ् ।।
।
।। सफ़ल न्ऽ ।।
लता ूािप्त मन्
कृ ंण कृ ंण
ण महायोिगन
न्
भक्तानाम भयंकर
गोिवन्द परमानन्द
प सव नय ।।
व मे वँयमान
र्
।। सम्प न्ऽ ।।
पित्त ूािप्त मन्
समःतमिख िह मे परमेश्विर ।।
िखलां दे िह दे िह
।। दख
ु िवनाशक मन्ऽ ।।
1. ॐ अनन्ताय नमः ।
2. ॐ गोिवन्दाय नमः ।
हे पद्मनाभं सुरेशं ।
हे पद्मनाभं सुरेशं ।
हे चबधर !
हे चबपािण !!
हे चबायुधधारी !!!
हे जगन्नाथ ! हे जगदीश !!
हे वासुदेव !
हे नृिसंह !
हे आपादा उद्धारक !
।। ौी राम के जप मन्ऽ ।।
6. रामाय नमः ।
7. ौी रामचन्िाय नमः ।
8. ौी राम शरणं मम ् ।
।। ःनान मन्ऽ ।।
।। चरणामृत मन्ऽ ।।
अकालमृत्युहरणं सवर्व्यािधिवनाशनम ् ।
क्षीरोदाणर्वसम्भूत अिऽगोऽसमुद् भव ।
गृहाणाध्यर्ं शशांकेदं रोिहण्य सिहतो मम ।।
कनकवणर्महातेजं रत्नमालािवभूिषतम ् ।
र् िचर्तािस मुनीश्वरै ः ।
दे वी त्वं िनिमर्ता पूवम
पीपल मे जल दे ने का मन्ऽ ।
।। पीपल पूजन ।।
।। ूदिक्षणा मन्ऽ ।।
यािन कािन च पापािन जन्मान्तरकृ तािन च ।
।। नवमह मन्ऽ ।।
।। अन्नपूणार् मन्ऽ ।।
या
।। ॐ नमो नारायणाय ।।
मम बुिद्धूकाशं च दीपज्योितनर्ऽःतु ते ।।
।। ौी गंगा जी की ःतुित ।।
।। वेद ःतुित ।।
।। काली ःतुित ।।
।। शीतला ःतुित ।।
।। ौी दग
ु ार् गायऽी मन्ऽ ।।