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UPSC CSE मेन्स सिलेबस IN HINDI
UPSC CSE मेन्स सिलेबस IN HINDI
SALEEM SIR
पेपर II सामान्य अध्यर्ि I – भारतीर् नवरासत और संस्कृनत, नवश्व और समाज का इनतहास और तीि 250
भूगोल घं टे
पेपर III सामान्य अध्यर्ि II – शासि, संनवधाि, कल्याण पहल, सामानजक न्यार् और अंतराय ष्ट्रीर् तीि 250
संबंध घं टे
पेपर IV सामान्य अध्यर्ि III – प्रौद्योनगकी, आनथयक नवकास, कृनष, जै व नवनवधता, सुरक्षा और तीि 250
आपदा प्रबंधि घं टे
जीएि पेपर 1
भारतीर् संस्कृनत – प्राचीि से आधु निक काल तक कला रूपों, सानहत्य और वास्तुकला के मुख्र् पहलू।
आधु निक भारतीर् इनतहास
अठारहवीं शताब्दी के मध्य (1750 के दशक) के दौराि की महत्वपूणय घटिाएं , मुद्दे, व्यल्पित्व वतय माि
तक।
‘स्वतं त्रता संग्राम’ में दे श के नवनभन्न नहस्ों से नवनभन्न चरणों और महत्वपूणय र्ोगदािकताय ओं और
र्ोगदाि।
स्वतंत्रता के बाद दे श के भीतर समेकि और पुिगयठि।
नवश्व का इनतहास
18वीं शताब्दी के बाद से समाज पर घटिाएं , रूप और प्रभाव (नवश्व र्ु द्ध, औद्योनगक क्ां नत, उपनिवेशवाद,
राष्ट्रीर् सीमाओं का पुिनियमाण, उपनिवेशवाद, राजिीनतक दशयि जै से साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद, आनद)
समाज
भारतीर् समाज और नवनवधता – मुख्य पहलू ।
मनहलाओं और मनहला संगठिों की भूनमका, जिसंख्या और संबंनधत मुद्दे, गरीबी और नवकासात्मक
मुद्दे, शहरीकरण, उिकी समस्याएं और उपचार।
सामानजक सशल्पिकरण, सां प्रदानर्कता, क्षेत्रवाद और धमयनिरपेक्षता।
भारतीर् समाज पर वै श्वीकरण का प्रभाव।
भूगोल
दनक्षण एनशर्ा और भारतीर् उपमहाद्वीप सनहत दु निर्ा भर में प्रमुख प्राकृनतक संसाधिों का नवतरण;
भारत सनहत दु निर्ा के नवनभन्न नहस्ों में प्राथनमक, माध्यनमक और तृ तीर्क क्षेत्र के उद्योगों के स्थाि के
नलए नजम्मेदार कारक।
महत्वपूणय भूभौनतकीर् घटिाएं जै से भूकंप, सुिामी, ज्वालामुखी गनतनवनध, चक्वात आनद।
भौगोनलक नवशे षताएं और उिका स्थाि, महत्वपूणय भौगोनलक नवशे षताओं में पररवतय ि (जल-निकार्ों
और ध्रु वीर् बर्य की टोपी सनहत) और, विस्पनतर्ों और जीवों में और ऐसे पररवतय िों के प्रभाव।
नवश्व के भौनतक भूगोल की मुख्य नवशे षताएं ।
By DR.SALEEM SIR
जीएि पेपर II
भारतीर् संनवधाि
ऐनतहानसक आधार,
नवकास, नवशे षताएं
संशोधि, महत्वपूणय प्रावधाि
बु निर्ादी संरचिा नसद्धां त
अन्य दे शों के साथ भारतीर् संवैधानिक र्ोजिा की तु लिा
संघ और राज्ों के कार्य और नजम्मेदाररर्ााँ, संघीर् ढां चे से संबंनधत मुद्दे और चु िौनतर्ााँ, स्थािीर् स्तर तक
शल्पिर्ों और नवत्त का हस्तां तरण और उसमें चु िौनतर्ााँ ।
नवनभन्न अंगों, नववाद निवारण तं त्र और संस्थािों के बीच शल्पिर्ों का पृथक्करण
कार्यपानलका और न्यार्पानलका की संरचिा, संगठि और कार्यप्रणाली
संसद और राज् नवधािमंडल
संरचिा, कामकाज
व्यापार करिा
शल्पिर्ां और नवशे षानधकार और इिसे उत्पन्न होिे वाले मुद्दे
सरकार के मंत्रालर् और नवभाग; दबाव समूह और औपचाररक/अिौपचाररक संघ और राजिीनत में उिकी
भूनमका।
जि प्रनतनिनधत्व अनधनिर्म की मुख्य नवशे षताएं
नवनभन्न संवैधानिक निकार्ों के नवनभन्न संवैधानिक पदों, शल्पिर्ों, कार्ों और नजम्मेदाररर्ों की निर्ु ल्पि।
वै धानिक, निर्ामक और नवनभन्न अधय -न्यानर्क निकार्।
नवनभन्न क्षेत्रों में नवकास और उिके नडजाइि और कार्ाय न्वर्ि से उत्पन्न होिे वाले मुद्दों के उद्दे श्य से सरकारी
िीनतर्ां और हस्तक्षेप।
नवकास प्रनक्र्ाएं और नवकास उद्योग – गै र सरकारी संगठिों, स्वर्ं सहार्ता समूहों , नवनभन्न समूहों और संघों,
संस्थागत और अन्य नहतधारकों की भूनमका।
केंद्र और राज्ों द्वारा आबादी के कमजोर वगों के नलए कल्याणकारी र्ोजिाएं और इि र्ोजिाओं का प्रदशय ि;
इि कमजोर वगों की सुरक्षा और बे हतरी के नलए गनठत तंत्र, कािूि, संस्थाि और निकार्।
स्वास्थ्य, नशक्षा, मािव संसाधि से संबंनधत सामानजक क्षेत्र/सेवाओं के नवकास और प्रबं धि से संबंनधत मुद्दे
गरीबी और भूख से संबंनधत मुद्दे
शासि के महत्वपूणय पहलू, पारदनशयता और जवाबदे ही, ई-गविेंस- अिुप्रर्ोग, मॉडल, सर्लताएं , सीमाएं और
क्षमता; िागररक चाटय र, पारदनशय ता और जवाबदे ही और संस्थागत और अन्य उपार्
लोकतं त्र में नसनवल सेवाओं की भूनमका
अंतराय ष्ट्रीर् सम्बन्ध
भारत और उसके पडोस – अंतराय ष्ट्रीर् संबंध
By DR.SALEEM SIR
नद्वपक्षीर्, क्षेत्रीर् और वै नश्वक समूह और भारत से जु डे और/र्ा भारतीर् नहतों को प्रभानवत करिे वाले
समझौते
भारत के नहतों, भारतीर् प्रवासी पर नवकनसत और नवकासशील दे शों की िीनतर्ों और राजिीनत का
प्रभाव।
महत्वपूणय अंतराय ष्ट्रीर् संस्थाि, एजें नसर्ां, उिकी संरचिा और जिादे श
By DR.SALEEM SIR
जीएि पेपर IV
र्ूपीएससी के मुख्य पाठ्यक्म में िैनतकता के इस पेपर में उम्मीदवारों के दृनष्ट्कोण और सावयजनिक जीवि
में ईमािदारी और ईमािदारी से संबंनधत मुद्दों के प्रनत दृनष्ट्कोण और नवनभन्न सामानजक मुद्दों के नलए
उिकी समस्या-समाधाि के दृनष्ट्कोण की जां च करिे के नलए प्रश्न शानमल हैं । प्रश्न इि पहलुओं को
निधाय ररत करिे के नलए केस स्ट्डी दृनष्ट्कोण का उपर्ोग कर सकते हैं और परीक्षा में िीचे नदए गए
पाठ्यक्म में उल्पिल्पखत क्षेत्र शानमल हैं ।