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Selling 101 Hindi Book LifeFeeling
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1. तावना
3. सब कुछ ज़ रत से शु होता है
4. बेवकूफ एक इंसान है
6. लब म शा मल न ह
9. जराड का यं वाला ब सा
15. खुशबू को बे चए
16. जासूसी और गु तचरी
तावना
वजेता नज़ रय का तरीक़ा
ले कन अगर आप ‘ य ’ या ‘कैसे’ जाने बना यह सब करते ह, तो इससे आपको उतना
ही फ़ायदा होगा, जतना क कसी ताबीज़ को पहनने या कसी माला को जपने से होता
है। सही नज़ रये रखने का एकमा तरीका यह जानना है क ग़लत नज़ रये कौन से ह और
वे आपम कैसे आए तथा आप उ ह य रखते ह। और म आपको अपने नज़ रय क
कहानी बताने जा रहा :ँ ग़लत नज़ रये और फर मेरे जीवन म आ बड़ा प रवतन, जो
मुझे सही नज़ रय क ओर ले गया। यह वचार मन म न लाएँ क म कसी जा ई पल का
ज़ कर रहा ,ँ जब आसमान से आई कसी अँगुली ने मुझे छू लया। जैसा आपको पता
चलेगा, मेरे जीवन म प रवतन ब त ही अलग कारण से आ, ज ह समझना आसान है।
म यह नह कह रहा ँ क म जन प र तय से गुज़रा ,ँ वे आसान थ । ले कन
इसके बावजूद म सफल हो गया। म जतनी बुरी तरह असफल था, उसे दे खते ए अगर म
यह काम कर सकता ,ँ तो हर ऐसा ही कर सकता है, जो हारने से, असफल होते
रहने से उकता चुका है और आ जज़ आ चुका है। म इस बात क भी गारंट दे ता ँ। ले कन
पहले क़दम के प म आपको सही नज़ रय का अपना द का सं करण तैयार करना
होगा। फर जब आप मेरे स टम के सरे नयम और ह स को समझ लगे, तो आप यह
भी समझ जाएँगे क वे य कारगर होते ह, बशत आप उ ह सही तरीक़े से कर और
लगातार करते रह। 250 का नयम यह कर दे गा क आपको इस स टम का उपयोग
हर समय य करना चा हए। जब हम समय के उपयोग पर बात करगे, तो आप समय के
मू य और इसे बबाद करने क क़ मत के बारे म त य ही नह जानगे। आप तो वयं
और अपनी मता के बारे म यथाथवाद बनने के मह व को भी समझ गे। साथ ही इस
बारे म भी, क आप द घकाल और अ पकाल म द के त अ े कैसे बन। मने या
कया था, इसके कुछ पहलु पर जब हम आएँगे, तो ज़ा हर है, म इस बारे म बात क ँ गा
क मने लोग को कैसे कार बेच । मने जो कया, उसे म उससे जोड़ ँ गा, जो सरे े के
से सपसन करते ह। इसम से ब त सा है और आप द ही इसका अनुमान लगा
सकते ह। जब म कहता ँ क ाहक को कार क मु त सवारी या डेमो राइड पर ले जाना
अ नवाय है, तो अगर आप मकान बेचते ह, तो आप जान जाते ह क इसका मतलब है
लोग को मकान के नमूने दखाने लाना। या ाहक को सूट पहनाना। या अगर आप ाहक
को नया कचन बेच रहे ह , तो उनके लए भोजन पकाना। घर-घर जाकर वै यूम लीनर
बेचने वाला पुराने ज़माने का से समैन फ़श पर धूल- म फकता था और फर वै यूम
चलाकर दखाता था क यह कतनी अ तरह काम करता है। लब ए यु म नयम
से समैन अपने बतन दखाते समय भोजन पकाता है। गद्दे बेचने वाले से समैन को अपने
ाहक को उस पर लटाना होगा। ये प से नई शैवल म डेमो राइड के अनु प चीज़
ह।
ले कन मने कार बेचने के े म जो भी कया और कहा है, कोई भी सरी चीज़
बेचने म उसक कोई न कोई समानता हमेशा मल जाएगी। शायद जीवन बीमा से समैन
आपको अपनी द क अं ये म न ले जा पाए, जैसा क टॉम सॉयर नामक सा ह यक
पा ने कया था, ले कन वह आपसे आपक प नी और ब के बारे म बात करने को
कहेगा। शायद वह आपसे उनक त वीर नकलवाकर मेज़ पर भी रखवा लेगा। इससे
आपके दमाग़ म आजाता है क आप हमेशा के लए जदा नह रहने वाले और हो सकता
है क उसे आपको बस इतना ही याद दलाने क ज़ रत हो। यह भी एक तरह क डेमो
राइड है
यहाँ के बाद म आपको कदम - दर - क़दम ले चलूँगा और बताऊँगा क असफल से
सफल म होने वाले इस कायाक प का तरीका मने कैसे खोजा। म आपको दखाऊँगा क
मने अचूक वजेता के नज़ रये कैसे बनाए और वे नज़ रये मुझे अपना स टम तैयार करने
क ओर कैसे ले गए। और यह बात याद रख : उ ह नज़ रय और उसी स टम ने मुझे
संसार का सबसे महान से समैन बनाया है।
2
मेरी पहली ब
मुझे लगता है क जब म जाकर लोग के सामने गड़ गड़ाता था क वे मुझे अपने जूते
पॉ लश करने द, तब भी शायद मुझे बेचने का थोड़ा ब त अनुभव मला था। शायद फ़श
पर श के करतब दखाने का मेरा छोटा नाटक भी एक तरह से ब बढ़ाने वाली
तरक ब ही था। ले कन बेचने के बारे म मने पहली बार सचमुच तब सीखा, जब मने
अख़बार बाँटना शु कया। म सुबह लगभग छह बजे उठकर गैरराज तक जाता था, जहाँ
डे ॉइट ेस क तयाँ प ँचती थ । म आस-पास के इलाके म बाँटने के लए उ ह तह
करता था और फर एक बैग म रखकर अपने तयशुदा माग पर चल दे ता था। इसके बाद म
कूल जाता था और वहाँ से लौटने पर जूते चमकाने के लए चल पड़ता था
वैसे मने बेचने के बारे म सचमुच तब सीखा, जब अख़बार ने नए ाहक बनाने के
लए एक त धा आयो जत क । आप अगर कसी को नया ाहक बनाते थे और वह
कम से कम एक महीने तक ाहक बना रहता था. तो आपको पे सी-कोला का एक बॉ स
मल जाता था। दे खए, यह मेरे लए ब त बड़ा सौदा था। पे सी क 12 आउ स या न
लगभग 350 म ली. क 24 बोतल का बॉ स सचमुच बड़ी चीज़ था। आप ो साहन और
ेरणा क बात करते ह। वाह, इससे मुझे कमाल का ो साहन मला, गज़ब क ेरणा
मली। मुझे जो भी सड़क दखी, मने उसके हर घर और हर अपाटमट म जाकर अपना
अख़बार ख़रीदने का आ ह कया। मने इतने सारे दरवाज़ क घं टयाँ बजा क अँगु लयाँ
सूज ग । उस त धा के दौरान शायद मने एक-दो दन कूल का नागा भी कर दया।
ले कन म लगनशील था। म संभा वत ाहक से कहता था, “हमारे यहाँ एक त धा हो
रही है और म चाहता ँ क आप सफ़ एक स ताह के लए साइन कर द।’’ पुर कार एक
महीने तक ाहक बनाने पर ही मलता था, ले कन म सोचता था क एक बार जब लोग
ाहक बन जाएँग,े तो अ धकतर लोग उसके बाद भी अख़बार लेते रहगे। म उ ह बताता था
क उनके उठने से पहले अख़बार उनके दरवाज़ पर प ँच जाएगा, जो सच था। और अगर
वे नह कह दे ते थे, तब भी म को शश म लगा रहता था, कभी हार नह मानता था, कभी
इतना नराश नह होता था क दरवाज़े क घं टयाँ न बजाता र ँ। तुकराया जाना मज़ेदार
नह होता है ले कन ज द ही मुझे समझ म आ गया था क म जतने यादा लोग से बात
करता ँ, मेरी ब भी उतनी ही यादा होती है। और यह मजेदार था, मजेदार से भी
बेहतर था। य क काफ़ ज द हमारे मकान के पीछे वाले छोटे गैराज म पे सी के बॉ स
भरे थे। उस इलाके म मुझे उनक जतनी क़ मत मल सकती थी, म उस पर उ ह बेचने
लगा। इससे म घर पर यादा पैसे लाया और मेरे मन म यह उ मीद जागी क शायद अब
पताजी मुझे क़ा बल मान लगे। ले कन अफ़सोस, यह भी कारगर नह आ।
लगभग पाँच साल तक म जूत क पॉ लश करने और अख़बार बाँटने का काम
करता रहा। म अ धकतर समय कूल गया, ले कन वहाँ मेरा दशन यादा अ ा नह था।
म ब त बु मान नह था, ले कन वहाँ पर मने थोड़ा-ब त सीखा और यादा बुरा दशन
नह कया। ले कन पताजी के साथ मेरी मु कल कभी कम नह ई। शायद उ ह ने मुझे
24-25 बार घर से बाहर नकाला होगा। ऐसे मौक़ पर म रेलवे याड म जाकर मालगाड़ी के
ड बे म सो जाता था। कई बार म शहर के ापा रक इलाक़े म चला जाता था और उसक
सरहद पर बने एक स ते लॉज म एक ब तर ले लेता था । यह क बे का घ टया ह सा था,
जहाँ स ते होटल, जुआघर, वे यालय थे और घ टया अ ील फ म थ । मुझे एक रात म
दस सट या चौथाई डॉलर म वहाँ एक ब तर मल जाता था – आपको एक कमरा नह
मलता था, बस एक तरह के शयनक म एक पलंग मलता था, जसम शराबी या नशे म
उ म सरे लोग भी सोते थे। कुछ समय बाद ही पताजी मुझे खोजते ए वहाँ आ जाते थे
और अ तरह रहने क हदायत दे ने के बाद मुझे घर ले जाते थे। वे शायद मेरी माँ के
कहने पर ऐसा करते थे। म घर लौटता था, कुछ समय तक कूल जाता था, नु कड़ पर
यार-दो त के साथ समय बबाद करता था और एक बार फर मुझे घर से नकाल दया
जाता था।
जब म 16 साल का था, तो एक रात को म उसी इलाक़े के अपने दो दो त के साथ
नु कड़ पर खड़ा था। उ ह ने कहा, ‘‘हम मेल म और लफ़ैयट के बार म चोरी करने जा रहे
ह। हमने पहले ही वहाँ का जायज़ा ले लया है। वहाँ शराब क पे टयाँ रखी रहती ह और
शायद वह थोड़े नक़द पैसे भी छोड़कर जाता होगा। हमारे साथ चोरी करने चलोगे?’’ म
उस बार म जूते चमकाता था, इस लए म उसे पहचानता था। मने कभी पहले इस तरह क
चोरी-चकारी नह क थी, ले कन उस जगह को पहचानने या ऐसे ही कसी कारण से म
उनके साथ जाने को तैयार हो गया। दे खए, म और कुछ भी हो सकता ,ँ चोर नह ँ। कम
से कम तब तक तो नह था। म नह जानता क मने उनके साथ जाने का फैसला य
कया, ले कन म उनके साथ चला गया।
उस बार क तहक़ क़ात करते व त एक आदमी टॉयलेट जाने के बहाने जाकर
खड़क खुली छोड़ आया। उन दन आप ऐसा कर सकते थे। अब तो खड़ कय पर छड़
रहती ह, अलाम रहते ह और मीटर लगा रहता है, जो रात को नगरानी करने वाले आदमी
को बता दे ता है क खड़क बंद नह है। ले कन तब नह , उस घ टया, ग़रीब इलाक़े म भी
नह , जसम हम रहते थे।
तो उस रात लगभग दस बजे हम ह टयर होटल के गैराज म चोरी से गए। व टयर
होटल नद कनारे बना एक उ कृ अपाटमट होटल था। वहाँ से हमने एक कार चुराई।
मुझे याद है क वह एक टु डबेकर थी। म अब भी सुन सकता ँ क गैराज का आदमी
च ला रहा था, “अरे कहाँ जा रहे हो, उस कार के साथ वापस आओ।’’ ले कन हमने
फ़राटे से कार वहाँ से र भगाईऔर इलाक़े क एक छोट गली म छपा द ।
डे ॉइट म बार रात को दो बजे बंद होते ह, इस लए हम तब तक इंतज़ार करना था,
जब तक क कमचारी उसे बंद न कर द, साफ़-स ाई न कर द और वहाँ से चले न जाएँ।
सुबह के लगभग साढ़े तीन बजे हम उस जगह प ँचे। हम कार लेकर बार के पीछे वाली
गली म गए। सड़क पर या कह पर भी आस-पास कोई नह था। पूरा इलाक़ा रात के लए
पूरी तरह बंद था। यह सब होते समय भी मुझे ब त डर नह लग रहा था। वा तव म, जब
हम एक बार वहाँ प ँच गए तो उसके बाद मुझे ज़रा भी डर नह लगा।
एक आदमी खड़क म से रगकर अंदर घुसा और उसने पीछे वाले दरवाज़े क कुंडी
खोल द । फर हम शराब के जतने ब से कार म भर सकते थे, भरने लगे। यह तीय
व यु के ज़माने क बात थी। यह मई 1944 के आस-पास का समय रहा होगा और
शराब मलना उस व त भी काफ़ मु कल था। वा तव म, कुछ) समय के लए म शगन
म शराब क सीमा नधा रत कर द गई थी। जब हमने कार म शराब क पे टयाँ ठसाठस
भर ल और तजोरी साफ़ कर द , तो हम वहाँ से लौट आए और शराब छु पाकर पैसे बाँट
लए। तजोरी म 175 डॉलर थे। मेरा ह सा 60 डॉलर से कुछ यादा था। इसके अलावा
नु कड़ पर खड़े रहने वाले लोग को शराब बेचने पर मलने वाले पैस म भी ह सा मलना
था, या न एक बोतल पर लगभग एक डॉलर। मेरे लए यह बड़ा आसान पैसा था और सब,
कुछ इतनी अ तरह आ क मने दोबारा कभी इस बारे म नह सोचा
जब म उन दन क याद करता ,ँ तो यह मज़ेदार लगता है, य क म सचमुच नह
जानता क चोरी के उस पहले काम के बाद मने आगे भी वही काम य नह कया। कया
कया । मेरामेरा मेरा मतलब है क मुझे उसम ज़रा भी डर नह लगा था। पैसा भी अ ा -
ख़ासा , मला था। इसके अलावा हम ऐसे ही सरे ठकाने खोज सकते थे, जहाँ चोरी
करना इतना ही आसान हो। ले कन कारण चाहे जो हो, मने ऐसा नह कया। म सोचता ँ
क पताजी नौकरीकरने के लए मुझ पर ब त दबाव डाल रहे थे और मुझे कसी फ़ै म
नौकरी मल गई थी। अगर म नौकरी करने नह जाता, तो शायद मुझे उनका और उनक
बेरहम पटाई का यादा डर था।
जो भी हो, म इस पूरी घटना के बारे म लगभग सब कुछ भूल गया था या कम से कम
इसक को शश कर रहा था। ले कन एक दन जब मम म घरघर घर पर अपने ब तर पर
लेटा आ था, तो मुझे काफ़ शोर शराबा सुनाई : दया । मेरी माँ रो रही थ और मुझे
समझ नह आया क माजरा या था। यह मुझे सूझा ही नह क इसका उस बार ई चोरी
से कोई संबंध हो सकता है। उस घटना को तीन महीने हो चुके थे और उसके बाद उन लोग
से मेरा कोई संपक नह रहा था और इसके बारे म कसी ने भी कुछ नह कहा था।
अचानक एक आदमी मेरे कमरे म आ गया और मुझे धकेलकर कहने लगा, “उठ
जाओ! मने अपनी आँख खोली। सपाही एक ब ला मेरे चेहरे के पास लाया और बोला,
‘‘अपने कपड़े पहनो।’’ अगली चीज़ जो मुझे पता है, म पु लस टे शन म था। वह सपाही
अपने बाक़ सा थय के साथ मुझसे उस बार के अलावा सरे शराबख़ान और कराने क
कान म ई चो रय के बारे म सवाल पूछ रहा था जनके बारे म म कुछ नह जानता था।
ले कन उ ह उस बार क जानकारी भी थी, जहाँ ई चोरी म म शा मल था। एक साथी
पकड़ा गया था और उसने बता दया था क उसने कौन - कौन - सी चो रयाँ क थ , जसम
वह बार भी शा मल था और कसी तरह मेरा नाम भी सामने आ गया था। तो अगली चीज
यह ई क म कशोर कारागृह म प ँच गया। यह वह सबसे बुरी जगह थी, जहाँ म कभी
रहा था। एक बड़ा कमरा था, जो ख टय और लड़क से भरा आ था। वहाँ एक लंबा-
चौड़ा आदमी पट् टा लेकर आता था और एक ब े को झुकने को कहता था तथा उसे
चाबुक मारने लगता था। यह तो उस रात से भी यादा बुरी थी, जो मने एक स ते लॉज म
गुज़ारी थी वहाँ उ ह ने रात को मर गए एक शराबी क लाश को बाहर नकालने के लए
आधी रात को ब याँ जला द थ । कशोर कारागृह म गुज़ारी रात मेरे जीवन क सबसे
बुरी रात थी, हालाँ क मने ब त-सी भयानक जगह पर ब त-सी रात गुज़ारी थ ।
सुबह उ ह ने मुझे बाहर नकालकर उस बार के मा लक से मलवाया जसे हमने लूटा
था। वह मुझे पहचानता था और उसने मुझसे पूछा क मने यह काम य कया। मने कहा
क मुझे नह मालूम, ले कन मने उसे आ त कया क म उसे अपने ह से के मले पैसे
लौटा ँ गा। वह मान गया और उसने आरोप नह लगाया, इस लए म उस जगह से बाहर
नकल आया। मवहाँ से बाहर नकलने के लए कुछ भी करने को तैयार था।
पताजी और ताऊजी मुझे कारागृह से बाहर नकलवाने के लए आए। जैसे ही हम
इमारत से बाहर नकले, पताजी ने मेरी पटाई शु कर द । उ ह ने कार म मेरी पटाई क
और घर प ँचने के बाद भी करते रहे। वे च लाते रहे क मने ख़ानदान के नाम पर बट् टा
लगा दया था। इस बार तो म भी सोचता था क मेरी पटाई होनी चा हए थी। मने अपने
पता के सामनेयह सा बत कर दया था क वे मेरे बारे म हमेशा जो कहते थे, वह सच था –
म क़तई अ ा नह था, छु टपुट चोर था और म गर तार हो गया था।
ले कन उस रात कशोर कारागृह म गुज़ारने के बाद मुझे भयंकर डर भी लगा। चाहे
जो हो जाए, म दोबारा वहाँ नह जाऊँगा। म उन ब त-से लोग क तरह जेल नह जाऊँगा,
जनके साथ रहकर मने वह काम कया था।
इस लए मने पड़ोस क एक टोव कंपनी म नौकरी कर ली, जहाँ ब त-से
स सलीवासी काम करते थे। म टोव क प ट् टय म अ नरोधक साम ी लगाता था। यह
बड़ा ही सड़ा काम था, य क वह साम ी आपके कपड़ , वचा और नाक सब जगह चली
जाती थी। और वे आपसे तेज़ और कठोर मेहनत कराते थे। एक दन मुझे सगरेट पीते ए
पकड़ लया गया यह मेरी सरी ग़लती थी- और उ ह ने मुझे झाडू मार द । हम नौकरी से
नकालने के लए झाडू श द का इ तेमाल करते थे। यह तो वैसा ही है, जैसे आप कचरे के
टु कड़े ह और वे आपको बाहर नकालकर जगह साफ़ कर दे ते ह जैसा म अपने बारे म
यादातर समय महसूस भी करता था।
मने कतनी नौक रयाँ क , म उन सबको नह गन सकता, ले कन मेरा अंदाजा है क
उन दन मने लगभग 40 नौक रयाँ क थ । मने एक टर के लए एक क चलाया था,
जब तक क ड लवरी म ब त यादा समय लगने के कारण मुझे वहाँ से नकाल नह दया
गया। मने ाइ लर मोटस म काम कया और इ ी रय स के लए हाथ के ह े बनाए।
यह यादा बुरा काम नह था मने हडसन मोटर कार म असबली लाइन पर काम कया, जो
सबसे बुरे काम म से एक है, य क आप मशीन से जुड़े रहते ह और वही यह नणय लेती
ह क आप कतनी कड़ी मेहनत कर। मने एक इले ो ले टग फ़ै म भी काम कया था,
जहाँ गम अ ल और पघली धातु क टं कयाँ भरी थ तथा उनका धुआँ आपके फेफड़ म
घुस जाता था। तभी से मुझे अ मा क शकायत हो गई है।
म कुछ समय तक टै टलर होटल म सहायक वेटर भी रहा। एक और समय म बुक-
कै डलैक होटल म सामान लाने-ले जानेवाला नौकर था, जो बाद म शैरेटन बन गया। मने
वहाँ पर एक छोटा काम कया था। म एक यु नफॉम पहनकर अ त थय क पे जग करता
था या न लाउड ीकर पर नाम क घोषणा करता था। एक दन मने कमर तक टे ली ाम
प ँचाने के बजाय उनके ढे र को कचरे म फक दया। बाद म मने इंकार कया क यह मेरे
वहाँ रहने क अव ध म आ ही नह था, ले कन उन पर समय क मोहर लगी थी और म
यह बात नह जानता था। इस लए उ ह ने मुझे नकाल दया। म कई बार सोचता ँ क
अगर म इस तरह क चीज़ जानता होता, तो म बेहतर काम कर सकता था और तब शायद
म शैरेटन जैसे कसी होटल का वाइस े सडट भी बन सकता था। ले कन उन दन म
काफ़ अ ानी था।
म कूल के अंदर-बाहर होता रहता था। इसी दौरान ई टन हाई- कूल के टडी हॉल
परामशदाता के साथ एक वाकया हो गया, जसक वजह से मुझे कूल से नकाल दया
गया। वह परामशदाता मुझे बार-बार ख़ाम वाह या ब ारा क जाने वाली वाभा वक
हरकत के लए तंग करता था। ले कन कुछ समय बाद उसने सीमा पार कर द । उसने
मुझसे ‘‘तुम लोग’’ कहना शु कर दया और वह इस तरह क बात कहता था, “तुम लोग
यह सीख जाओ, तो अ ा है।’’ मने उसे बताया क मेरा नाम ‘‘तुम लोग’’ नह है, य क
आप जानते ह क जब कोई ‘‘तुम लोग’’ कहना शु करता है, तो इसका या मतलब
होता है। वह इतालवी लोग के बारे म बोल रहा था। ज द ही त काफ़ बगड़ गई, मने
उसक पटाई कर द और मेरे कूल का अ याय समा त हो गया।
जहाँ मुझे है, मने अपनी अ धकतर तक याद नौक रयाँ इस लए गँवाई, य क मने
उन लोग से लड़ाई क , जो ‘‘वॉ स’’ ( गै़र - क़ानूनी अ वासी) और “डेगोज़’’ (घ टया)
और ‘‘ ग नज़ वदे शी स स लयन’’ के बारे म बात करते थे। शायद उन दन म मु कल म
फँसने के लए बेताब रहता था। शायद म हमेशा असफल होना चाहता था और पताजी को
दखाना चाहता था क उनक बात सही है और म क़तई अ ा नह ँ। ले कन मेरे अंदर
ोध का वालामुखीधधक रहा था और उन दन इसका शकार बनने के लए ब त-से
कट् टर लोग आस-पास मौजूद भी थे।
कशोर कारागृह म गुज़री उस रात ने शायद मुझे बदतर तय से बचा लया। म
कभी नह भूल पाऊँगा क तब मुझे कैसा महसूस आ था। शायद म क़तई अ ा नह था,
ले कन न त प से इतना बुरा भी नह था क यह सब झेलूँ।
एक घ टया नौकरी से अगली घ टया नौकरी तक जाने का सल सला कुछ समय तक
चलता रहा। फर मने सेना म नाम लखवा लया। यह 1947 क शु आत क बात थी।
ले कन म एक क से गर गया और बु नयाद श ण के दौरान मेरी पीठ म चोट लग गई।
इस पर उ ह ने मुझे सेवामु कर दया। ले कन यह आसान नह था। मुझे सेना से नफ़रत
थी। यह तो मेरे लए जेल म रहने जतना ही बुरा था। ले कन कुछ समय तक उ ह ने मुझे
बाहर के बजाय बैरक के क स प दए। फर एक दन एक साज ट आया, जसे मने
कभी नह दे खा था। उसने मेरे सामने ताव रखा क अगर म सेवामु होते समय मलने
वाली रा श उसे दे ँ , तो वह सेवामु होने म मेरी मदद करेगा। कुछ समय तक म सोचता
रहा क यह कसी तरह का हथकंडा है। और वे लोग मुझे कसी अफ़सर को र त दे ने के
जुम म फँसाने क को शश कर रहे ह। वह बार-बार मुझसे कहता रहा और म उसे
नज़रअंदाज़ करने क को शश करता रहा। आ ख़रकार जब मेरा करण पेश आ और
सेना ने मुझे सेवामु कर दया, तो उसने आकर अपना पैसा माँगा। मने उसे वह पैसा दे
दया और स मानजनक सेवामु के साथ घर लौटा। म नह जानता क उसने इस मामले
म कुछ कया था या नह , ले कन वहाँ से बाहर नकलने पर म इतना खुश था क मने उसे
वे चंद स के दे दए, जो मुझे मले थे। जब म घर लौटा, तो मेरी माँ मुझे दे खकर खु़श ई,
ले कन पताजी ने एक बार फर कहना शु कर दया क म कतना गया-गुज़रा ँ। उ ह ने
कहा क सेना भी मुझे नह चाहती है। उ ह ने कहा, ‘‘तुम क़तई अ े नह हो और कभी
अ े नह बन पाओगे।’’ उ ह ने कहा क जब म पैदा आ था, तभी उ ह मेरा गला घ ट
दे ना चा हए था। म जब तक जी वत र ँगा, उस दन को कभी नह भूलूँगा। मेरी आँख म
आँसू भरे ए थे। पताजी बार-बार चीख़- च ला रहे थे। माँ क आँख म आँसू थे। ऐसी
पर त म म घर छोड़कर चला गया, कई बार अलग-अलग काम कए और सरे मौक़
पर यूँ ही समय गुज़ारता रहा। तब भी मेरे पता क चीख़-पुकार लगातार मेरा पीछा करती
रही।
फर 1948 म अपनी मूखता क वजह से म एक और क़ानूनी मु कल म फँस गया।
मने एक सरे आदमी के साथ मलकर हमारे इलाके़ म हैट क सफ़ाई और जूते चमकाने
वाली कान खोली। पीछे वाले कमरे म हम ताश और पांसे से जुआ भी खलवाते थे।
हमारे याल से हमने पु लस को चकमा दे ने क काफ़ अ व ा कर ली थी। हमम
से एक कान के सामने पहरा दे ता था और अगर सपाही जैसा कोई नज़र आता
था, तो हम द वार क क ल ारा एक संकेत दे दे ते थे। व ा यह थी क संकेत मलते ही
पीछे वाले कमरे म बैठा आदमी या तो पांसा नगल लेगा या फर भाग जाएगा, ता क कोई
माण न रहे। एक दन म सामने पहरा दे रहा था और बाबर जू नयर हाई- कूल का मेरा
पुराना दो त अंदर आया। हमने पुराने दन के बारे म बात क और उसने बताया क वह
नमाण कारोबार म था। फर उसने पीछे वाले कमरे म जाने का आ ह कया और मने उसे
बेधड़क अंदर जाने दया। मेरा साझेदार उसे दे खते ही पहचान गया क वह सपाही था और
वह पांसे लेकर पीछे के रा ते से भाग गया।
आसान पैसे का मु कल तरीक़ा
यह बात मेरे दमाग़ म कभी आई ही नह क हमारे इलाके़ का कोई आदमी सपाही भी बन
सकता है। कोई सपाही बन सकता है, यह सुझाव दे ना भी एकतरह का अपमान समझा
जाता था। वा तव म, स सली म कसी से सपाही बनने क बात कहना एक शाप या
बद् आ है। ले कन यह आदमी सपाही था। हालाँ क मेरा साझेदार जुए के माण के साथ
भाग गया था, , इस लए बस इतना ही मला था क ताश का दो ताना खेल चल रहा था था
फर भी उ ह ने हर ाहक को मटरग ती के जुमाने के ट कट थमा दए। हमारे क़ म क
कान के साथ नयम यह क जब ाहक मटरग ती के जुम म पकड़े जाएँग,े तो जुमाना
कानदार को को दे ना दे ना पड़ेगा। इस तरह हमारा छोटा धंधा ख़ म हो गया और हमारे
पास ट कट का ढे र आ गया, जन पर हम जुमाना दे ना था। यह जुएघर के संचालक के
प म मेरे दन का अंत था। यह अ ा ही आ, य क जब तक हम पर छापा नह पड़ा
था, हम काफ़ आसानी से पैसे बना रहे थे। और कुछ समय तक मुझे इस बात पर सचमुच
यक़ न था क आसान पैसे जैसी चीज़ होती है, हालाँ क मने अपने जीवन म जो पैसा
कमाया, उसम से अ धकतर के लए काफ़ जी तोड़ मेहनत क थी
इसके बाद घ टया नौक रय क एक और ंखला आई। नौक रयाँ लड़ाई - झगड़े,
नौकरी से नकाला जाना और अड् ड पर लोग के साथ समय गुज़ारना, अवां छत सरे
काम आ द। कई बार म सोचता ँ क अगर उन दन कसी ने मेरे साथ अ ा बताव
कया होता, तो म उस नौकरी म क सकता था और कसी अ चीज़ म तर क़ कर
सकता था। ले कन शायद कसी ने मेरे साथ अ ा बताव ) इस लए नह कया, य क म
सचमुच मानता था क म क़तई अ ा नह ँ और इसे सा बत करने के लए म ग़लत काम
कए जा रहा था। म सचमुच सोचता ँ क म ग़लत काम इस लए कर रहा था, ता क
पताजी जान जाएँ क वे सही थे और फर शायद वे मुझसे कर। म जानता ँ क यह
पागलपन भरा लगता है, ले कन ब त बार लोग इसी तरह काम करते नज़र आते ह। उन
आद मय को दे ख, जो लड़ कय क पटाई करके और यहाँ तक क उ ह जान से मारकर
भी उनसे ेम पाना चाहते ह। इसम कोई समझदारी नज़र नह आती है, ले कन जब लोग
संसार से नाराज़ होते ह, जब संसार उनके साथ सही बताव नह करता है, तब वे ऐसे ही
काम करते ह।
मुझे आ ख़रकार एक आदमी ने अवसर दया और इससे मेरा जीवन थोड़ा बदलने
लगा। उनका नाम एब सेपर ट न था और वे ब त छोटे पैमाने के घर बनाने वाले थे। वे
दरअसल यह करते थे क अलग-अलग इलाक़ो म ख़ाली लॉट ख़रीद लेते थे और फर उन
लॉट पर छोटे स ते मकान बनाने के लए कुछ मज़ र रख लेते थे। एक बार म एक
मकान, शायद साल भर म आधा दजन या इसके करीब। वे कोई बड़े तर का काम नह
कर रहे थे बस छु टपुट कारोबार चला रहे थे। उ ह ने मुझे मज़ र के प म काम दे दया
और म इतना ही कर सकता था। मने एक क चलाया, सीमट मलाई, इमारत बनाने क
साम ी ढोई और ट रखने तथा मकान म होने वाली हर चीज़ म काम कया। मकान को
यादा बेचने क ज़ रत नह होती थी और वैसे भी क मशन बचाने के च कर म बेचने का
काम वे खु़द करते थे। मु य काम अ धकतर बक से लोन लेने के बारे म होता था - गरवी
रखना आ द। लोग को स ते मकान क ज़ रत होती थी और क़ज़ मलने पर वे उ ह
ख़रीद लेते थे
यह इतना छोटा धंधा था क मने दरअसल दे ख-सीख लया क हर चीज़ कैसे क
जाती है और जसे हम खु़द नह कर सकते थे, उसे करने के लए कसे बुलाया जाता है।
जब म सेपर ट न के लए काम करने लगा, लगभग उसी समय मेरी शाद ई थी और फर
हमारा पहला ब ा होने वाला था पा रवा रक त के अलावा यह बात भी थी क
सेपर ट न मेरे साथ अ ा बताव करते थे और मुझे कारोबार सीखने दे ते थे, जस वजह से
म वहाँ बना रहा। यह शायद पहली नौकरी थी, जहाँ म एक साल से यादा समय तक रहा।
यादा कमाई नह थी, सफ़ रोज़ी-रोट चलाने लायक़ व ा थी इतना मल जाता था
क म अपनी प नी, अपने बेटे जॉय और अपनी बेट ेस का पेट भर सकूँ।
जब सेपर ट न ने रटायर होने का नणय लया, तो उ ह ने कारोबार मेरे सुपुद कर
दया। यह यादा बड़ी वरासत नह थी, य क हमारे पास बस एक पुराना क, कुछ
औज़ार और एक छोटा सीमट म सर था। ले कन मने यह सीख लया था क उन चीज़
का उपयोग कैसे कया जाता है और मुझे साथ व अकेले काम करने का कुछ अनुभव भी
था। डे ॉइट क अथ व ाम सरी जगह से यादा उतार-चढ़ाव रहते ह। ले कन कसी
अ े वष म आप क बे म चार तरफ़ एक बार म एक मकान बनाकर पया त मकान बना
सकते ह। इस तरह म सामा य नौकरी म मलने वाले पैसे से थोड़े यादा पैसे बना सकता
था |
पर तयाँ कुछ समय तक तो काफ़ अ चल । ले कन यह दरअसल छोटा
कारोबार ही था। अगर आपको एक साथ दो ख़ाली लॉट मल जाएँ, तो आप पया त
साम ी और मज़ र के वेतन दे कर एक साथ दो नीव क खुदाई करा सकते थे तथा इस
तरह पैसे बचा सकते थे। हम आम तौर पर जो करते थे, यह उससे भी यादा बड़े पैमाने
का काम था। ले कन यादा बड़े पैमाने पर काम करने के लाभ दे खने के लए कसी ती
बु क ज़ रत नह थी। इस लए मने इस काम को फैलाने का नणय लया।
सेपर ट न भले आदमी थे। उ ह ने मेरे साथ पु वत वहार कया और म उनसे ेम
करता था। जब म क ाइवर से सुपरवाइज़र, और फर मा लक बना, तो उ ह ने मुझे
ब त कुछ सखाया। ले कन जो म नह सीख पाया था, वह यह था क कस पर भरोसा
क ँ और कस पर न क ँ । हमारे पास जतना छोटा कारोबार था, उसम व ास
मह वपूण नह था। कोई भीलंबे समय तक यादा पैस के लए हम पर भरोसा नह करता
था।
जब म अपने दम पर काम करने लगा, तो म यह नह जानता था क आपको कसी
बात पर तब तक व ास नह करना चा हए, जब तक क आप उसे ल खत म न दे ख ल।
मने ज़मीन के कसी बड़े लॉट क तलाश शु कर द , जहाँ म एक साथ कई मकान बना
सकूँ। सभी बाहरी लोग से कराने वाले काम और साम य को यादा स ते म ख़रीदा व
प ँचाया जा सकता था। आ ख़रकार मुझे डे ॉइट के उ र-पूव उपनगर म ज़मीन का एक
टु कड़ा मला। म वहाँ एक ही जगह पर लगभग 50 मकान बना सकता था म एक समय म
कम से कम चार मकान तैयार कर सकता था। वह भी पहले से कम लागत पर।
ज़मीन क क़ मत इतनी कम थी क म उसका ख़च उठा सकता था। इसका अहम
कारण यह था क यह पूरी तरह अ वक सत थी - या न वहाँ नकासी क ना लयाँ और
पाइप नह बछे थे। और डे ॉइट के लोग से टक टक वाले मकान नह ख़रीदना चाहते थे।
पहले तो मेरी उस लॉट म दलच ी नह थी। ले कन फर से समैन ने कहा, “सीवर लाइन
क चता मत करो। म माउं ट लीमस म सट हॉल म गया था और वहाँ मने सुना है क वे
वसंत म ही यहाँ सीवर लाइन बछाने वाले ह। ले कन कसी को मत बताना क मने तु ह
यह बात बताई है। वे लोग नह चाहते क यहाँ आस-पास ज़मीन क क़ मत ब त तेज़ी से
बढ़ जाए।’’
बेहतरीन! म यही तो सुनना चाहता था, इस लए मने एक अनुबंध वह जायदाद भारी
याज दर पर ख़रीद ली। ले कन चता क कोई बात नह थी! म नमूने के लए मॉडल घर
बना लूँगा और वहाँ एक बार जब बैठकर बाक़ मकान बेचने लगूँगा, तो ब त सारा पैसा
आ जाएगा। यह लगभग सु न त दख रहा था।
मने अपना पहला मकान बना लया, साइन बोड लगाए, व ापन दए और इंतज़ार
करने लगा। कामकाजी लागत को कम करने के लए म खु़द ही बेचने जा रहा था। हर
स ताहांत पर म जाकर उस मकान म बैठता था। स ताहांत के दौरान ही लोग के पास
मकान दे खने और ख़रीदने का समय होता है। ब त-से लोग दे खने आए और उ ह ने जो
दे खा, वह उ ह पसंद आया। क़ मत वा जब थी, इस लए ख़रीददारी म काफ़ च नज़र
आई।
ले कन उन सभी ने एक ही सवाल पूछा : या सीवर लाइन है? मने उ ह वह बता
दया, जो म जानता था क सीवर लाइन कुछ महीन म बछ जाएगी। यह सुनकर उ ह ने
कहा क जब सीवर लाइन डल जाएगी, तभी वे आएँगे। और म वहाँ बैठा-बैठा इंतज़ार
करता रहा। यह न भूल क ज़मीन का पैसा उधार था और नमाण साम ी का भी। इमारत
बनाने के कारोबार मअ पकालीन उधार का काफ़ चलन रहता है। जब आप बेचना शु
करते ह, तो आप अपना पैसा नकाल लेते ह। ले कन म कुछ नह बेच पा रहा था और
अ पकालीन क़ज़ द घकालीन होता जा रहा था। हर कोई पैसे के लए तकाज़ा करने लगा।
मुझ पर लगभग 60,000 डॉलर का क़ज़ था।
आ ख़र मेरे दमाग़ म आया क म खु़द जाकर उस सीवर लाइन के बारे म जानकारी
हा सल कर लूँ, तो यादा अ ा रहेगा। इस लए मने सट हॉल जाकर यह सवाल पूछा।
हर कसी ने मेरी ओर आ य से दे खा : कौन-सी सीवर लाइन? मुझे ज द ही पता चल गया
क सीवर लाइन क न तो तब कोई योजना थी, न पहले कभी थी। वा तव म, वहाँ अभी
तक सीवर लाइन नह डली है। म खु़द को महामूख समझने लगा, जो मने उस रयल ए टे ट
से समैन क बात क जाँच कए बना उस पर व ास कर लया। अब नतीजा सामने था।
पछले दस साल से मने जो कया था – मुसीबत म न पड़ना, कड़ी मेहनत करना – वह सब
नाली म बह गया था।
आ ख़रकार नौबत यहाँ तक आ गई क रात को घर आते समय म कार को घर से
आधा कलोमीटर र खड़ी करता था। फर म ग लय म से होते ए अपने घर के पछले
बाड़े को लाँघता था और अपने ही मकान म चोरी से घुसता था। बक वाले मेरी कार पर
क़ ज़ा करने क को शश कर रहे थे।
बेहतर तरीक़े के साथ आगे कैसे दे खना है, यह जानने के लए पीछे मुड़कर दे ख।
3
सब कुछ ज़ रत से शु होता है
बेवकूफ़ एक इंसान है
वतहीन यु
इसका मतलब है क अपने कामकाजी जीवन म हम हर दन जो करते ह, वह एक तरह का
यु होता है। मेरा वाक़ई यह मतलब है। यह एक तरह का यु है, य क संभा वत ाहक
अ सर हम श ु समझते ए अंदर आते ह। वे सोचते ह क हम उनसे पैसे ठना चाहते ह
और हम सोचते ह क वे हमारा समय बबाद करने आए ह। ले कन अगर आप इस त
को यह पर छोड़ दे ते ह, तो आप मु कल म ह। य क वे श ुतापूण महसूस करते रहगे
और आप भी। दोन ही तरफ़ से झूठ बोले जाएँगे और एक- सरे को चकमा दया जाएगा।
शायद वे आपसे सामान ख़रीद लगे या शायद वे नह ख़रीदगे। ले कन चाहे इनम से जो भी
मामला हो, अगर दोन ही तरफ़ श ुतापूण भावनाएँ स य रहती ह, तो प रणाम को लेकर
कोई भी अ ा महसूस नह करेगा। इससे भी अ धक मह वपूण बात, जब दोन तरफ़
शंका, श ुता और अ व ास साफ़ झलकता हो, तो ब करने क संभावनाएँ ब त अ
नह होती ह।
तो आप या कर? म इस व त ब क या के व तृत ववरण म नह जाना
चाहता, ले कन फर भी बेचने के इस यु म ाहक और से समैन के बु नयाद नज़ रय
पर यान क त करना चाहता ँ। उन संभा वत ाहक को भूल जाएँ, जो सचमुच बेवकूफ़
होते ह (और कुछ लोग ऐसे भी होते ह, जनके लए सामान दे खना और न ख़रीदना एक
तरह का खेल होता है।) और उन लोग के बारे म भी भूल जाएँ, जो खुद को से समैन
कहते ह, ले कन हर मलने वाले को इस लए धोखा दे ना चाहते ह, य क वे अपनी
भावना मक सम या पर क़ाबू नह रख पाते। (कई बार हम सभी भावना मक
सम या से त रहते ह, ले कन हम उ ह घर पर छोड़कर आना चा हए या बेचने म
उपयोगी नज़ रय म बदल लेना चा हए। हम इस बारे म आगे बात करगे।) हम तो यहाँ उन
लोग के बारे म बात कर रहे ह, जो खुद को संजीदा और सम पत पेशेवर से समैन मानते
ह।
आइए एक बार फर इन बेवकूफ़ लोग क ओर दे खते ह। सबसे पहली बात तो यह
है क वे बेवकूफ़ नह ह। वे तो इंसान ह, जो अपने पैसे के लए कड़ी मेहनत करते ह और
आपसे कोई चीज़ ख़रीदने म उनक स ी च होती है। हर अंदर आने वाले के बारे
म आपक पहली बु नयाद मा यता यही होनी चा हए। जैसा म कह चुका ँ और जब आप
इस बारे मसोचगे, तो आप खुद समझ जाएँग,े क वे आपसे डरे ए ह, ख़ास तौर पर अपने
ख़रीदने के फै़सले से भी। वे आपके साथ यु रत ह, और चाहे आप ऐसा सोच या न सोच,
इसका मतलब है क आप भी उनके साथ यु रत ह।
म यह नह कह रहा ँ क यह एक अ ा नज़ रया है, ले कन आम तौर पर स ाई
यही होती है। ले कन यह एक ऐसी स ाई है, जससे आप नबट सकते ह और हर एक के
लाभ के लए इसका इ तेमाल कर सकते ह। य क अगर आप यह समझ लेते ह क उस
ाहक के दमाग़ म या चल रहा है, तो आप उस यु को जीत सकते ह। न सफ़ जीत
सकते ह, ब क अपने तथा अपने ाहक दोन ही के लए एक मू यवान अनुभव म बदल
सकते ह। आप अपने ाहक के शु आती डर को ख़ म करके और वजय पाकर - या न
ब करके – ऐसा कर सकते ह।
यह सोचने म कोई बुराई नह है क बेचने क त यु जैसी होती है, जब तक क
आप यह भी समझते ह क वजय – वह पल जब आप ह ता र, पैसा, ब ा त करते
ह - एक ऐसा अनुभव है, जो दोन ही प के लए अ ा है। आपने एक श ु को परा त
कर दया है, आपने गोल कर दया है, आप जीत गए ह, आपने अपने समय का अ ा
इ तेमाल कया है और पैसा भी बनाया है।
ले कन श ु का या आ? उस बेवकूफ़, उस डरे ए ाहक को या मला? दे खए,
य द उसे सही तरीके़ से सामान बेचा गया है, तो उसे भी लाभ आ है। उसे वह मल गया,
जसक ख़ा तर वह आया था : अब वह उन जूत या सूट या कार का मा लक है। उसक
भी जीत ई है और उसे यह महसूस भी होना चा हए। उसे महसूस होना चा हए क उसने
अपना समय अ तरह ख़च कया है और अपना पैसा भी अ तरह ख़च कया है। वह
यु म हार गया है, ले कन अंतत: जीत उसी क ई है।
यह न त प से सबसे अ े क़ म का यु है – जहाँ हर कोई जीतता है और
कोई भी नह हारता। बेचने वाली त को अगर सही तरीके़ से सँभाला जाए, तो यह
कसी पेशेवर से समैन के लए अपनी श ुता से छु टकारा पाने का काफ़ अ ा तरीक़ा है,
चाहे यह कह से भी आती हो।
जब भी म कसी ाहक का सामना करता ,ँ तो म अ सर सोचता ँ क म एक
मायने म एक बार फर अपने पता का सामना कर रहा ँ। दे खए, म हमेशा यह चाहता था
क अपने पता को हरा ँ और उनका स मान व ेम हा सल क ँ । एक तरह से, जब भी म
ब करता ँ, जो अ सर होता है, तो म हर बार उ ह हराता ँ। ले कन साथ ही, म उ ह
खुश भी करता ँ, य क उ ह ने मुझसे कार ख़रीद । म नह जानता क कोई
मनो व ेषक इस बात पर या कहेगा। ले कन हम सभी के अंदर ोध और डर क
भावनाएँ होती ह। अगर हम अ ब करके दन म एक या दो या बीस बार उनसे उबर
सकते ह , तो उसम या ग़लत बात है?
और कसी से समैन के पेशेवर जीवन म इससे अ धक संतु दायक कुछ नह है क
वह एक अ ब कर ले। मेरे लए, अ ब वह होती है, जहाँ ाहक उस चीज़ के
साथ बाहर जाता है, जसक ख़ा तर वह अंदर आया था। वह इतनी अ क़ मत पर वह
कार ले जा रहा है क वह अपने म , अपने र तेदार तथा अपने सहक मय से जो
जराड क तारीफ़ करेगा और उससे ही कार ख़रीदने क सफ़ा रश करेगा। बेवकूफ़ के
ख़लाफ़ यु म म हर दन ऐसी ही वजय क तलाश करता ँ। जब वे मेरे पास से लौटकर
जाते ह, तब वे बेवकूफ़ नह रहते ह। तब वे मुझसे ज़रा भी नह घबराते ह, य क हम
दोन ने ही ब का यु जीत लया है।
म दे श भर के लोग से बात करता ँ, जो कहते ह क से सपसन अपने ाहक का
शोषण करते ह। आप जानते ह, म उ ह या जवाब दे ता ँ। म कहता ँ: यह कसी आदमी
का शोषण कैसे हो सकता है, जब म उसे उसके पैस के बदले म एक अ ा उ पाद अ े
भाव पर दे ता ?ँ और अगर उसक जेब म पैसा नह होता – और यादातर लोग के पास
सचमुच नह होता तो म कार ख़रीदने के लए क़ज़ दलाने म उसक मदद करता ँ। जब
कोई 20,000 डॉलर क कार का मा लक बनकर मेरे पास से जाता है, तो या यह
कामकाजी वग का शोषण करना है? म तो ऐसा नह सोचता और मुझे यक़ न है क आप
भी नह सोचते ह गे।
तो याद रख : अंदर आते समय ाहक चाहे जो भी हो, बाहर जाते समय वह बेवकूफ़
नह होता। उसे म बना ल। इसके बाद वह आपक ख़ा तर काम करेगा। म जन 10
ाहक को बेचता ,ँ उनम से लगभग सात या तो पुराने ाहक होते ह जो मुझसे दोबारा
कार ख़रीदने आते ह या कोई ऐसा होता है, जसे कसी प र चत ने मेरा नाम सुझाया
है। मेरा 70 तशत कारोबार इसी तरह होता है। जो भी खुद को से समैन कहता है, वह
ाहक से ज दबाज़ी कराकर या उसे चकमा दे कर पहली बार तो सामान बेच सकता है,
ले कन अगर ाहक को महसूस होता है क उसके साथ धोखा आ है, तो वह उस जगह
दोबारा लौटकर नह आएगा। और मेरा 70 तशत कारोबार संतु ाहक तथा मेरी जान-
पहचान के लोग से होता है। इस लए अपने दमाग़ से बेवकूफ़ जैसी सारी अ भ याँ
नकाल द। वे और कुछ नह , असल अवसर को दे खने और उनका उपयोग करने क राह
म बाधक होती ह।
आ ख़रकार, यह अ े पैसे बनाने के एक संतु दायक तरीके़ के बारे म है। और इस
काम म जीतने तथा लाभ कमाने से यादा संतु दायक कुछ नह होता। अगली बार जब
भी आप कसी ाहक के सामने ह , तो अपने मन म झाँककर अपनी भावना पर ग़ौर
कर। ाहक के बारे म अपनी खुद क भावना को व त करने क को शश कर। या
आप इस बात पर चढ़ गए ह, य क आप जो मज़ाक़ सुना रहे थे, उसे उसने बीच म काट
दया? या उसे दे खकर आपको कसी ऐसे क याद आती है, जसे आप पसंद नह
करते? अगर वह पाइप पी रहा हो, तो आपके मन म या भावना आती है? सरे लोग क
बकवास को भूल जाएँ, ज ह ने आपको बताया है क पाइप पीने वाले फै़सला नह कर
पाते। शायद वे अपने अ नणय को पाइप के पीछे छपा लेते ह। ले कन आपका काम यह है
क आप उनक छपने क इ ा को ही ख़ म कर द और उ ह उबार ल। यही वह पहली
चीज़ है जो आपको करनी होती है, य क आप कसी डरे ए इंसान को नह बेच सकते।
वह आपसे र भागेगा। आप कसी बेवकूफ़ को कोई सामान नह बेच सकते – आप सफ़
कसी इंसान को ही बेच सकते ह। तो जब भी कसी से मल, इसी वचार को दमाग म
रखकर शु कर। आपके सामने एक यु है – आपके ाहक के साथ और आपक खूद
क भावना के साथ। यह नभूल क आप कौन ह और ाहक कौन है। यह न भूल क
आप दोन ही वहाँ य ह - एक ऐसी ब के लए, जो आप दोन ही के लए अ हो।
ाहक के साथ वहार का मेरा एक ब त ढ़ नयम है। पछले अ याय म मने आपको
हर मलने वाले के त अपने नज़ रये के बारे म थोड़ा-ब त बताया था। आपको ऐसा लग
सकता है क चूँ क म इस कारोबार म सुपर टार ँ इस लए अगर कोई संभा वत ाहक
मुझे तंग कर रहा है, या अगर मुझे उसका चेहरा पसंद नह है या कोई सरा कारण है, तो
म उसे फटकारकर या खेपन से पेश आकर उससे मु पा सकता ँ। मेरी ब और
आमदनी का रकॉड दे ख ल।
ले कन अगर आप इस बात पर यक़ न करते ह, तो आप सबसे मह वपूण ब को
अनदे खा कर रहे ह। और वह यह है : चाहे म अपने बारे म कैसा भी महसूस क ँ या चाहे
म जसके भी साथ र ँ, म अपनी भावना को आड़े नह आने दे ता। हम एक कारोबार म
ह, हम एक मह वपूण पेशे म ह। और ये संभा वत ाहक हमारे लए, हमम से येक के
लए संसार म सबसे मह वपूण चीज़ ह। वे वधान या मु कल नह ह। उनसे तो हमारी
रोजी-रोट चलती है। और अगर हम इस कठोर कारोबारी स ाई का एहसास नह है, तो
हम नह जानते ह क हम या कर रहे ह। म उनम से कुछ या अ धकतर संभा वत ाहक
के बारे म बात नह कर रहा ँ। म तो उन सभी के बारे म बात कर रहा ँ।
म आपको वह समझाता ,ँ जसे म जराड का 250 का नयम कहता ँ। इस
वसाय म उतरने के कुछ समय बाद ही म एक अं ये गृह गया। म वहाँ एक म क मृत
माँ को ांज ल दे ने गया था। कैथो लक अं ये गृह म वे मास काड भेजते ह, जसम
दवंगत आ मा का नाम और त वीर रहती है म उ ह बरस से दे ख रहा ,ँ ले कन मने उस
दन से पहले उनके बारे म कभी सोचा नह था। मेरे दमाग़ म एक सवाल आया, इस लए
मने अं ये का बंधन करने वाले से पूछा, ‘‘आपको कैसे पता क कतने काड छापने ह
’’ उसने कहा, ‘‘यह अनुभव का मामला है। लोग जस पु तक म अपने नाम लखते ह,
उसम गनने पर कुछ समय बाद आपको पता चल जाता है क आने वाले लोग क औसत
सं या 250 होती है।’’
कुछ समय बाद एक ोटे टट अं ये संचालक ने मुझसे एक कार ख़रीद । बात -
बात म मने उससे पूछा क मृत शरीर को दे खने और अं ये म शरकत करने वाले लोग
क औसत सं या कतनी होती है। उसका जवाब था, ‘‘लगभग 250 ।’’ फर एक दन,
मेरी प नी और म एक ववाह समारोह म गए थे। वहाँ रसे शन म मुझे वह आदमी मला,
जो केट रग मा लक था। मने उससे पूछा क शाद म आने वाले अ त थय क औसत
सं या या होती है। उसने मुझे बताया, ‘‘ हे क तरफ़ से लगभग 250 और हन क
तरफ़ से लगभग 250 ।’’
मुझे लगता है, आप समझ गए ह गे क जराड का 250 का नयम या है, ले कन म
फर भी आपको बता दे ता ँ। हर अपने जीवन म 250 लोग को जानता है, जो
उसके लए इतने मह वपूण होते ह क उ ह ववाह और अं ये म आमं त कया जाए -
250!
आप दलील दे सकते ह क सं या सय के इतने म नह होते। मगर यह न भूल क
ब त-से लोग के 250 से ब त यादा म होते ह। आँकड़े यही सा बत करते ह क 250
औसत सं या है। इसका मतलब है क अगर आप एक स ताह म 50 लोग से मलते ह
और उनम से सफ़ दो ही उनके त मेरे वहार से नाखुश ह, तो साल के अंत तक
26,000 लोग एक स ताह के उन दो लोग से भा वत हो जाएँगे। म 14 साल से कार बेच
रहा ँ। इसका अथ है क अगर मने एक स ताह म सफ़ दो मलने वाल को नकार दया
होता, तो ऐसे 3 , 64 , 000 लोग हो जाते – या न एक पूरा टे डयम भरकर, जो एक चीज़
प के तौर पर जानते : जो जराड से कार मत ख़रीदो!
यह जानने के लए ग णत म उ ताद होने क ज़ रत नह है क जराड का 250 का
नयम वह सबसे मह वपूण चीज़ है, जो आप मुझसे सीख सकते ह।
ज़रा इस बारे म सोच : कोई संभा वत ाहक अंदर आता है, ले कन उस व त
आपक मनोदशा ख़राब है, इस लए आप उसके साथ बुरा सलूक करते ह इस बात पर
झुँझलाता आ वह ऑ फ़स लौटकर जाता है, जहाँ उसका सहकम उससे पूछता है, ‘‘ या
मामला है?’’ इस पर वह जवाब दे ता है, ‘‘मुझे सैम लॉट् स ने अभी-अभी झाड़ा है।’’ जब
इस आदमी को पता चलता है क उसका कोई म या र तेदार या सहकम कोई कार
ख़रीदने जा रहा है, तो वह बस उसे एक ही सलाह दे ता है, ‘‘सैम लॉट् स से र रहना। वह
घ टया वहार करता है।’’
आप यह बात नह जानते क आपसे जो लोग मलने आ रहे ह, उनम से कौन कसी
कान का बंधक या सुपरवाइज़र है, जसक बात कसी फ़ै या ऑ फ़स के ब त-से
लोग मानते ह। आप कभी नह जानते क कौन-सा आदमी मेसन समुदाय का े सडट
है और वह आपसे मलने के बाद अपने समुदाय क मी टग म जा रहा है। या नाई या
ड ट ट के बारे म सोच, जो हर दन काम करते समय ब त-से लोग से बातचीत करते ह।
या वह कसी सरे उ पाद का से समैन भी हो सकता है।
अगर औसत आदमी अपने जीवन म नय मत प से 250 लोग से मलता है, तो
इन सरे लोग के बारे म या, जो अपने कारोबार के सल सले म एक स ताह म उससे
ब त यादा लोग से मलते ह?
या आप यह गवारा कर सकते ह क आपसे मलने के बाद एक भी आदमी
चड़ चड़ा और असंतु लौटे ? कभी नह , अगर एक औसत आदमी अपने जीवन म 250
अ य लोग को भा वत करता हो। कभी नह , अगर आप हर दन जन लोग से मलते ह,
वे हर दन ब त-से सरे लोग से मलते ह ।
लोग जो ख़रीदते ह या जसे ख़रीदने क योजना बनाते ह, उसके बारे म वे सरे
लोग से ब त बातचीत करते ह। सरे लोग हमेशा सलाह दे ते ह क वे कहाँ से ख़रीद और
कस भाव पर ख़रीद। यह आम लोग के रोज़मरा के जीवन का एक बड़ा ह सा होता है।
या आप इनम से कसी भी एक को जो ख़म म डालना गवारा कर सकते ह। म तो
नह कर सकता। और आप जानते ह क अगर कोई यह गवारा कर सकता है, तो वह म ही
ँ। ले कन म जानता ँ क म यह बात गवारा नह कर सकता, य क म इस बात को
अ तरह जानता ँ क लोग सरे लोग को मेरे बारे म जो बताते ह, उससे मेरी कतनी
यादा ब तथा आमदनी होती है। यह मेरे पेशेवर जीवन म एक बल श है और
आपके जीवन म भी होनी चा हए।
हम ेम या म ता के बारे म बात नह कर रहे ह। हम तो कारोबार के बारे म बात
कर रहे ह। मुझे परवाह नह है क आप जन लोग से पेश आते है, उनके बारे म आपक
असल राय या है। एकमा मह वपूण बात तो यह है क आप कस तरीके़ से उनके साथ
काम करते ह, कस तरीके़ से उनसे पेश आते ह। ज़ा हर है, य द आप अपने दल क
असली भावना को नयं त नह कर सकते, तो आपके सामने एक सम या है। ले कन
यह कारोबार है और कारोबार म सभी तरह के लोग - बेवकूफ़, अ य, अ यमन क, पाइप
पीने वाले – आपक जेब म पैसा प ँचा सकते ह।
ले कन जब आप कसी एक को भी, बस एक को, अपनी ोधपूण या सव ाता
ट पणी ारा नाराज़ कर दे ते ह, तो आप कम से कम 250 अ य लोग के बीच बदनाम होने
का जो ख़म उठा रहे ह, जनक जेब म पैसा है। और जो आपको उसका कुछ ह सा दे
सकते ह।
यह एक ावसा यक नज़ रया है, जसे वक सत करना और कामकाज के दौरान
हर पल दमाग़ म रखना अ नवाय है। अगर आपने ऐसा नह कया, तो जराड का 250 का
नयम आपको तबाह कर सकता है।
लब म शा मल न ह
वजय का रोमांच
इस पर यक़ न न कर। मेरे ख़ुद के क रयर म ब त ज द ही मने यह सबक़ मु कल तरीक़े
से सीखा था। एक बार जब मने अपने प रवार को भोजन कराने के लए कराने का वह
बैग हा सल कर लया, तो म बेचने क वजय के मह व को समझने लगा। सबसे पहले तो
मेरे सामने ता का लक आव यकता थी घर पर भोजन ले जाना। ले कन उससे भी बड़ी
कोई चीज़ थी, य क उस पहली ब म बेचने का ख़ास रोमांच भी था। हालाँ क म एक
साल पहले ब र के प म कुछ मकान बेच चुका था, ले कन मेरे मकान ब त स ते थे
और उन दन ब त कम स ते मकान उपल थे, इस लए दरअसल मुझे सचमुच क
ब करने क ख़ास ज़ रत ही नह पड़ी थी। ले कन उसकोका-कोला से समैन को
शैवल कार बेचना स ी वजय थी। न सफ़ मुझे कराना और क मशन मला, ब क मुझे
वजय का रोमांच भी महसूस आ, जो हर से समैन को अनुभव होता है, बशत वह स ा
से समैन हो। यह मेरी पहली ब थी। इससे मुझे और अ धक बेचने के लए नए-नए
वचार को आज़माने का आ म व ास मला। म वहाँ पर कसी सरे से समैन को नह
जानता था और म समझता था क मेरे आने से वे नाखुश थे। उनक नज़र म म एक ऐसा
था, जो उनसे वसाय छ नने के लए वहाँ आया था। इस लए मने वहाँ कोई म
नह बनाए। इसके बजाय मने ब त-सी कार बेच । पहले महीने म मने 13 कार बेच और
सरे महीने म 18। सरा महीना ख़ म होने तक म उस डीलर शप का अ वल से समैन बन
गया था। फर मुझे वहाँ से नकाल दया गया।
इस बात को काफ़ अरसा हो चुका है, इस लए मुझे बस इतना याद है। क सरे
से समैन ने मेरी ब पर आप क थी। उ ह ने दावा कया था क म उनके कारोबार
को छ न रहा ँ। मेरे ख़याल से उ ह दरअसल इस बात का मलाल था क म बलकुल
अनुभवहीन, नया बंदा होने के बावजूद उनसे बेहतर दशन कर रहा था। इसके अलावा, म
उनके त यादा दो ताना भी नह था।
इस लए म सरी डीलर शप म काम करने चला गया। जब म पहली बार वहाँ प ँचा,
तो से स मैनेजर ने मुझे बताया क मेरे लए यह बेहतर होगा अगर म सरे से समैन के
साथ यारी-दो ती म समय न बताऊँ। मुझे पहले ही यह बात समझ म आ चुक थी।
बहरहाल, म यह भी जानता था क उ ह मन बनाने म कोई तुक नह है। इस लए मने तब
से इस बारे म सावधान रहने क को शश क है। वे जानते ह क म उनसे अलग तरीक़े से
काम करता ँ और म गपशप लब म अपने दन बबाद करना पसंद नह करता। और वे
जानते ह क यह मेरे लए फ़ायदे का सौदा है। एक ही जगह पर काम करने वाले लोग के
बीच भ ताएँ होती ह। ले कन म अपने तरीक़े से काम करने के बावजूद उसी जगह पर
बने रहने म कामयाब आ ँ।
मेरे कारोबार म से समैन के बीच बातचीत के य वषय ये ह कौन-सी डीलर शप
सव े है? वे जहाँ काम कर रहे ह, उस डीलर शप म या गड़बड़ी है? कोई सरी
डीलर शप बेहतर य है, जहाँ उनका म काम करता है? ले कन म इतने साल बाद भी
उसी डीलर शप म ँ। दे खए, सबसे मह वपूण यह नह होता क आप कहाँ काम करते ह,
सबसे मह वपूण तो यह होता है क आप कैसे काम करते ह। हमारी डीलर शप क
लोकेशन या जगह अ है, ले कन अ धकतर शेवल डीलर या बाक़ अ े डीलर क
जगह भी अ होती है। और हमारे क मशन क योजना भी बाक़ कसी डीलर जैसी ही
है। मने पाया है क सबसे मह वपूण यह होता है क म कतनी चतुराई से मेहनत करता ,ँ
जो इस बात से भी अ धक मह वपूण है क म कतनी कड़ी मेहनत करता ँ।
जब मेरे बाक़ साथी लंच करने जाते ह, तो उ ह पता होता है क म कभी उनके साथ
लंच पर नह जाऊँगा, य क दौरान म सरी चीज़ उस क ँ गा। जब म कसी के साथ लंच
पर जाता ,ँ तो सफ़ गपशप के लए नह ब क अ े कारोबारी कारण से जाता ँ। म
कसी सरे अ याय म चचा क ँ गा क म कसे लंच पर ले जाता ,ँ म या करता ँ और
य करता ँ। ले कन हाल- फलहाल म बस इतना ही कहना चाहता ँ क जब म काम
कर रहा होता ,ँ तो पूरी तरह कारोबार पर क त होता ँ, चाहे यह कसी को कैसा भी
दखता हो।
म आप तक जो संदेश प ँचाने क को शश कर रहा ,ँ वह यह है: लब म शा मल न
ह । और अगर आप लब म ह तो धीरे-धीरे उससे बाहर नकल आएँ, य क इससे सरी
बुरी आदत और ग़लत नज़ रये बढ़ जाएँगे।
इस बारे म सोच : जब से स मैनेजर कोई से स मी टग बुलाता है, तो कतनी बार
आप इन सभी लोग को कराहते ए सुनते ह, ‘‘एक और बकवास मी टग झेलनी पड़ेगी’’?
जब मने कार बेचना शु कया था, तब म कार या कसी सरी चीज़ को बेचने के बारे म
कुछ नह जानता था। म इन मी टग म इस लए गया, य क मुझे लगा क वहाँ म कुछ
सीख सकता ँ और आप जानते ह या आ? मने सचमुच सीखा। हो सकता है क आप
अपने से स मैनेजर को को पसंद न करते करते ह , ह संभवत: वह वह बेचने के बारे म म
ब त कुछ कुछ जानता है । हालाँ क म ँ ँ क क अ धकतर फ़ म म म हम जो से स
मैनेजर दखाए जाते ह, वे ब त अ े नह होते ह। ऐसा इस लए है, य क ये फ़ म
अ धकतर वे लोग बनाते ह, ज ह ने असल ज़दगी म फ़ म को छोड़कर कुछ भी नह
बेचा। (इसी लए म अपनी ख़ुद क ब श ण फ़ म बनाता और बेचता ँ : य क
हालाँ क मेरी फ़ म उतनी शानदार नह दखती है, ले कन उ ह ख़रीदने वाली कंप नयाँ
मुझे बताती ह क मेरी फ़ म ब के बारे म सही दखती तथा महसूस होती ह।) चाहे जो
हो, मैनेजर हम से स मी ट स म जो बात बताते थे, उनम मुझे समझदारी नज़र आई। और
मने सोचा क वे बेचने के बारे म मुझसे यादा जानते ह, जो कम से कम उन दन म सच
था। और मने पाया क अगर मने वह कया, जो वे कह रहे थे और जो उन फ़ म म
बताया गया था, तो यह कारगर होगा और मेरा कारोबार बढ़ जाएगा। चाहे यह जो भी हो,
टे लीफ़ोन का उपयोग करना, डायरे ट मेल भेजना, कोई भी उपाय तभी कारगर होगा, जब
म उसे ब त यादा क ँ
बाद म मने अपने तरीके़ से इससे भी बेहतर चीजे़ं करना सीख लया। मने अपनी ख़ुद
क डायरे ट मेल तैयार क , जो मेरे लए यादा कारगर सा बत ई। ले कन वहाँ उ ह ने
हम जो करने क सलाह द थी, वह शू य से बेहतर था। शू य से ब त बेहतर! और यह एक
ऐसी चीज़ है, जो आप लब म रहते समय नह सीख सकते। य क जो भी दन भर
दो त के साथ ग प लड़ाता रहता है, वह आपको शायद ही बताएगा क आप दन म एक
घंटे या 1 0 मनट भी फ़ोन का इ तेमाल करके कतना कारोबार हा सल कर सकते ह।
और आपका कोई दो त यह नह कहने वाला, ‘‘मेरा बे दा मज़ाक़ मत सुनो। अपनी डे क
पर जाओ और डायरे ट मेल के 10 लफ़ाफ़ पर नाम-पते लखो और उ ह हर दन भेजो।
अगर तुम ऐसा करते हो, तो तुम हर साल कार चलाने वाले 2,500 लोग के संपक म रहोगे,
ज ह कसी दन सरी कार क ज़ रत महसूस होगी।’’
गपशप लब के अ धकतर बंदे सोचते ह क आपको जतने कारोबार क ज़ रत है,
वह हर दन दरवाजे़ से अंदर चलकर आता है। इस लए वे कभी आपसे नह कहगे, जो म
जानता ँ : क आप लब के बाहर रहकर शहर का सबसे बड़ा कारोबार बना सकते ह,
य क आप अपना सारा समय इस बात म बता सकते ह क लोग अंदर आकर आपको
नाम से पूछ, सफ़दरवाजे़ के अंदर न घुस और उस से समैन का इंतज़ार न कर, जसक
बारी है। ब त-से से समैन काफ़ कुछ इसी तरह कामयाब होते ह, जब तक तक़द र उनका
साथ दे ती है। ले कन कोई भी हर एक को नह बेच सकता। इस लए जो से समैन अपनी
बारी का इंतज़ार करता है, वह अपनी क़ मत के भरोसे रहता है।
अपने प म संभावनाएँ बढ़ाना
म अपने काम म जो ख़म लेना पसंद नह करता। जब म लास वेगस जाता ,ँ तो म जानता
ँ क वहाँ संभावनाएँ या ह। वहाँ अगर म जो ख़म लेना चाहता ँ, तो अ बात है;
इसी लए तो म वहाँ पर गया ँ। ले कन म अपने कामकाजी जीवन और अपने प रवार क
सुर ा के साथ जुआ खेलना पसंद नह करता, इस लए म अपने कामकाज म कोई
जो ख़म नह लेता। म अपने अवसर ख़ुद बनाता ँ। और यह करने के सबसे मह वपूण
तरीक़ म से एक है गपशप लब के बाहर रहना।
मेरे इलाक़े म हम एक कहावत का इ तेमाल करते ह : अगर आप द वार पर पया त
गेट फकते ह, तो उसम से कुछ ज़ र चपकती ह। शायद चीनी लोग द वार पर पके
चावल फकने के बारे म बात करते ह। ले कन चाहे आप इसे कसी भी तरह से दे ख ल, यह
हमारे वसाय म संभावना का बु नयाद नयम है। यह दो त के साथ खड़े रहने और
अपनी बारी के लए ॉ नकालने म क़ मत आज़माने से काफ़ अलग है।
इसका अथ है क अगर आप कारोबार बढ़ाने के लए ब त-सी चीजे़ं करते ह, तो
आपका कारोबार बढ़ जाएगा। इन चीज़ को आदश तरीक़े से करना ज़ री नह है -
हालाँ क आप उ ह जतना बेहतर करते ह, वे उतनी ही बेहतर ह गी। ले कन मु य ब यह
है क आपको उ ह करना होता है - ब त सारा । और संभावना को अपने प म करने
के लए जो आपको करना है, वह आप तब तक नह कर सकते, जब तक क आप लब
से बाहर न रह।
ठ क है, आप पूछते ह, ले कन इसे शु करने के लए आप या कर? आप बहत-सी
चीजे़ं कर सकते ह। हम उन पर आएँगे और आप काफ़ हद तक उसे चुन सकते ह, जो भी
आपके लए सबसे अ तरह काम करती हो या जो आपक शैली, आपके व और
आपक चय के अनु प हो। ले कन मह वपूण बात यह है क आप कुछ कर। मने इतने
वष म बेचने के ब त-से कार के संदभ म ब त-से लोग से बातचीत क है। वे सभी
काफ़ हद तक इस बात से सहमत ह क शु आती से सपसन के काम छोड़कर जानेक
दर ब त ऊँची होती है। और इसके पीछे कारण यह है क शु आत म तो कोई भी कुछ
ब याँ कर सकता है। यह चाहे कार हो या बीमा या कोई सरी चीज़, हर कोई ख़ुद एक
ख़रीद सकता है, एक अपने ससुर को बेच सकता है और एक अपने सबसे अ े दो त को
बेच सकता है। एक से स मैनेजर ने एक बार मुझे बताया था, ‘‘तीसरी ब के बाद ही
यह पता चलता है क कोई आदमी स ा से समैन है या नह ।’’
जब आप उन लोग को वे आसान ब याँ कर लेते ह, जो आपक मदद करने के
इरादे से आपसे सामान ख़रीदते ह, तो उसके बाद आप या करते ह? यह एक बड़ा ही
अहम सवाल है और यही वह सवाल है, जसक ओर हम अब मुड़ने जा रहे ह।
मेरे पास कोई हैरी अंकल या कोई सास नह थी, जो सफ़ इस लए कार ख़रीद ल, य क
मुझे कार बेचने क ज़ रत थी। और जैसा मने पहले ही काफ़ कर दया है, मुझे
न त प से बेचने क ज़ रत थी। ले कन मेरे पास वह कोका-कोला वाला बंदा था –
आप जहाँ भी ह आपको ध यवाद। और फर मेरे पास वह ॉ े ट ल ट या संभा वत
ाहक क सूची भी थी, जसके बारे म मने आपको बताया था। डे ॉइट फ़ोन डायरे टरी
के चार पेज दो सफे़द, दो पीले। और मेरी डे क पर एक फ़ोन था। म नया और अनुभवहीन
था म यह बात नह जानता था क बेचने का इकलौता तरीक़ा यही है क हम सब एक सरे
से बढ़-चढ़कर कहा नयाँ सुनाते रह, जब तक क मेरी बारी न आ जाए और म सामने वाले
दरवाज़े से अंदर आने वाले संभा वत ाहक के साथ क़ मत न आजमाऊँ। मने वादा कया
था क म सरे से समैन से उनके अंदर आने वाले ाहक नह छ नूँगा और अ धकतर
मामल म मने अपना वादा नभाया। इसके अलावा, मने अपनी सूची पर काम कया।
आपको इस बात पर यक़ न नह होता क मने फ़ोन बुक के प से सूची बनाने का काम
कया? दे खए, म आपको कुछ बताना चाहता ँ : मने यही कया था। और म शत लगाता
ँ क अगर मुझे यह दोबारा करना पड़े, तो म आज भी इसे करके अ जी वका कमा
सकता ँ।
यह तक दे ना आसान है क अजन बय से फ़ोन पर संपक करने म ब त समय बबाद
होता है। यह सच है। आपको कई बार कोई जवाब नह मलता है, कुछ नंबर बदल जाते ह,
कुछ लोग आपक बात समझते नह ह और कुछ ऐसे भी होते ह, जो अँ े़जी ही नह बोल
पाते ह। ले कन अगर आप इस काम को सही तरीक़े से करते ह, तो कुछ प रणाम अव य
मलते ह। इस लए अगर आप कुछ मनट या एक घंटे तक ख़ाली ह, तो आप आधा दजन
फ़ोन कॉल करने का कठोर शारी रक म कर सकते ह। हो सकता है क इसके बदले
आपको कुछ न मले। ले कन यह भी तो हो सकता है क आपको ऐसा मौक़ा मल जाए,
जससे आपको संभा वत ाहक का कोई जीता-जागता सुराग़ मल जाए। अपनी नाक
खुजाने या बे दा मज़ाक़ सुनाने के बजाय फ़ोन कॉल करने का यास कह अ धक
मू यवान हो सकता है।
अगर आप संभा वत ाहक के सुराग़ पाना चाहते ह, तो अजन बय को फ़ोन करने
के बजाय कह अ धक उपयोगी तरीके़ ह। ले कन अगर आपके पास करने को कुछ बेहतर
न हो, तो फ़ोन घुमाते रहना साथक हो सकता है। हम ज द ही सुराग़ , संभा वत ाहक
और ाहक को पाने का स टम बनाने के तरीक़ो पर बात करगे। ले कन हाल- फ़लहाल म
आपके सामने यह सा बत करना चाहता ँ क कारोबार पाने का यह सबसे कम उपयोगी
तरीक़ा - फ़ोन बुक ारा अजन बय को फ़ोन करना – भी कुछ न करने से बेहतर है।
इस लए फ़ोन उठाएँ, भले ही आपके पास संभा वत ाहक क अ सूची न हो।
अगर आप कसी उपनगरीय इलाक़े म ह, जसक अलग फ़ोन बुक हो या शहर के आपके
ह से का एक अलग खंड हो, तो न त प से यह बेहतर है। ले कन यह ज़ री नह है।
याद रख, मने टे लीफ़ोन डायरे टरी म से कह से भी प े फाड़कर यह काम शु कया था।
अगर यही काम मुझे आज करना होता, तो म कुछ मनट छाँटने म लगाता, सड़क के पते
दे खता या सही लगने वाले नाम दे खता, इसके बाद ही फ़ोन उठाता।
जराड का यं वाला ब सा
मेरे कारोबार को बनाने म कौन से साधन सबसे अ ा काम करते ह, उनक सूची शायद
अब आपको हैरान नह करेगी। इसम इसम प से टे लीफ़ोन, मेरी फ़ाइल, डाक,
मेरे बज़नेस काड और मेरे ( 1 1 1 दे ख ) शा मल ह गे।
मने आपको पहले ही बता दया है क अजन बय से संपक के लए फ़ोन का
लाभकारी इ तेमाल कैसे कया जा सकता है। अगर आप इसके अलावा और कुछ भी नह
करते ह, तब भी आप आप एक ख़ासा वसाय कर सकते ह, जैसा मने द शत कया था
। और मने मने यह यह भी भी बताया था था क क म म कस तरह से रकॉड रखता ँ। म
एक डायरी का इ तेमाल करता ,ँ ता क मुझे याद रहे क द घकालीन ॉ े ट को दोबारा
फ़ोन कब करना है, चाहे वे मुझे को कॉल के ज़ रये मले ह ह या या सरे तरीके़ से।
ले कन आइए, का कर : भावी के के लए लए संतु ाहक सबसे सबसे अ े उ मीदवार
होते ह। इसी लए म ाहक क काड फ़ाइल क र ा जी - जान से करता ँ। हालाँ क
इसका एक सेट हमेशा मेरे कं यूटर म रहता है, ले कन म उन उन काड के के दो दो और
और सेट सेट रखता रखता ,ँ एक डीलर शप म अपने ऑ फ़स म और सरा उसके म के
इन दोन दोन सेट को को अ नरोधक अ नरोधक तजो रय म म रखता ँ, ँ जनम से
से येक येक क क लागत 500 डॉलर है । ले कन मेरे मेरे लए लए वे इससे कह
मू यवान ह । अगर मेरी फ़ाइल को को कुछ कुछ हो हो जाए , तो म वह वह सारी सारी
कसी कसी भी भी तरह से दोबारा इकट् ठ नह कर सकता। इसी लए म तीन सेट रखता
ँ. हालाँ क उनम से दो तजोरी म रहते ह।
यह जान रहे ह क आप या और य
ईमानदारी सव े नी त है
ख़ुशबू को बे चए
सोच क कसी उ पाद के बारे म आपको या रोमां चत करता है या कया करता था,
जब आपने उसे पहली बार ख़रीदा था। फर उस अनुभव का इ तेमाल अपने उ पाद के
रोमांच को बेचने के लए कर।
16
जासूसी और गु तचरी
नशाना लगाना
उससे बात करते समय म क ँगा, “आप इस कार को अ हालत म रखते ह।’’ यह हम
उन सवाल के पार ले जाता है क म उसे उस कार पर कतना दे ने वाला ँ और इस बात से
उसे अ ा महसूस होता है क म उस कार को पसंद करता ँ। अब शायद म उससे पूछूँगा,
‘‘आपके दमाग़ म या था?” और फर हम शु हो जाते ह। वह कह सकता है क वह
इसी जैसी सरी चाहता है। शायद वह शकायत करता है क यह ब त यादा खड़खड़
करती है। इस लए म चार के बजाय दो दरवाज़ वाली कार क सलाह ँ गा। वे थोड़ी कम
आवाज़ करती ह और मेरे कोण से यादा बेहतर बात यह है क उनक क़ मत थोड़ी
कम होती है, इस लए म उसे उससे कम भाव बता सकता ँ, जो उसे कसी सरे ने चार
दरवाज़ वाली कार के बताए ह।
अगर आप मकान बेच रहे ह और कोई आदमी लॉन तराशने के बारे म बड़बड़ाता है,
तो आप उसे कसी बड़े अहाते वाली जगह क सलाह नह दगे। अगर वह सी ढ़याँ चढ़ने के
बारे म शकायत करता है, तो आप उसके सामने तीन मं ज़ला मकान का ताव नह
रखगे, इसके बजाय आप तो उसे कोई एक मं ज़ला पशु फ़ाम दखाएँगे। यही कार के साथ
है। आप उसे कसी ऐसी कार म बैठाने वाले ह, जो उसके प रवार को आराम से बैठाए,
उसक नाव ढोए और उसक जेब म आराम से आ जाए।
ले कन अगर मुझे एहसास होता है क कोई ाहक अवरोध का अनुभव कर रहा है,
तो म सौदे बाज़ी म आगे नह बढूँ गा। म थोड़ा पीछे हट जाऊँगा। शायद म उसक कार म
दखी कार सीट पर बात क ँ गा और उससे पूछूँगा क उसका ब ा कतना बड़ा है। वह
शायद अपने पस म रखी त वीर नकालेगा और म उ ह दे खकर भू र-भू र शंसा क ँ गा।
जब तक वह मुझसे न पूछे, म अपने प रवार के बारे म बात नह क ँ गा। यह कोई
सामा जक मुलाक़ात नह है। यह तो ब है। म मानता ँ क से समैन एक ब त
मूखतापूण काम यह कर सकता है क ाहक के साथ त धा करने लगे। ाहक अपने
ब क त वीर नकालता है और ब त-से से समैन अपने खुद के ब क त वीर
नकाल लेते ह। यह यादा चतुराई भरा काम नह है, य क इस तरह आप उससे े
दखने क को शश कर रहे ह। ऐसा करते व त आप कह रहे ह, “आप सोचते ह क यह
बड़ी चीज़ है। अब ज़रा मेरे ब को दे खो।’’
उसे आपके ब क त वीर क परवाह नह है। वह तो अपने ब क शान
झाड़ना चाहता है। त धा करने से आपको या मलता है? कुछ भी नह । उसे मंच पर
रहने द। बस बैठकर दे खते रह।
अगर मने कार म मछली पकड़ने का उपकरण दे खा हो, तो म उससे पूछूँगा क वह
मछली पकड़ने के लए हाल- फ़लहाल कहाँ गया था। ज द ही वह मुझे एक ब त बड़ी
मछली के बारे म बताएगा, जो उसने पकड़ी थी। इसके तुरंत बाद ही कई से समैन यह कह
दे ते ह, ‘‘यह तो कुछ भी नह है। मने तो पछले र ववार को इतनी बड़ी पकड़ी थी।’’ तो
उससे या? इस तरह आपने उसके दमाग़ म यह बात डाल द क शायद उसके जीवन क
सबसे बड़ी घटना भी बताने लायक़ नह है। हो सकता है क आपने जॉज़ नामक 40 फुट
क सफ़ेद शाक पकड़ी हो। ले कन, जैसा मने कहा, यह ानीय खेल म ड ग हाँकने क
त धा नह है। यह तो कारोबार है और अगर उसने बस एक छोट मछली पकड़ी थी, तो
उसे यह सोचने द क यही वह हेल थी, जसने जोना को नगल लया था। आप उसे
अपनी तरफ़ लाना चाहते ह और उसे हराना चाहते ह। ले कन अगर आप अपने मछली
पकड़ने के आँकड़ से ऐसा करते ह, तो वह आपके ख़लाफ़ हो जाएगा और काँटे म फँसी
मछली क तरह छटपटाने लगेगा।
डेमो राइड के मह व पर म पहले ही बात कर चुका ँ। आप उसे मठाई का एक
टु कड़ा चखा रहे ह। यह एक मु त सपल है और आप उसे इतना पया त दे ना चाहते ह क
वह इसे पूरा ही चाहने लगे। म चाहता ँ क वह कार क सवारी करे, ता क वह इसे पूरा
चाहने लगे। म चाहता ँ क वह सवारी करे, ता क उसे महसूस हो क उसे कुछ नह के
बदले कुछ मल गया है औरउस पर मेरा थोड़ा अहसान चढ़ जाए। और म उसे कार म
इस लए बैठाना चाहता ँ, ता क वह इसे कसी जगह ले जाए और उसके ब ,े उसके म
व उसके सहकम उसे उसम बैठा दे ख सक। इससे पुरानी खटारा गाड़ी म घर वापस लौटना
उसके लए यादा मु कल हो जाता है। और म उस कार म उसे इस लए बैठाना चाहता ँ,
य क म यह दे खना चाहता ँ क वह कहाँजाता है और उसक कही हर बात सुनता ,ँ
जसम यह भी शा मल होता है क उसे या पसंद नह है।
ले कन सबसे बढ़कर, जैसा म पहले ही कह चुका ,ँ म चाहता ँ क वह खुशबू
उसक नाक से होती ई उसके दमाग़ म प ँच जाए, य क तब वह सौदे के लए तैयार
हो जाएगा। और तभी सड़क पर खड़ी उसक खटारा गाड़ी क बदबू म लौटकर जाना ब त
मु कल होगा।
जब उसे पूरा उपचार मल जाता है और इसके बाद भी वह मेरे साथ होता है, तो हम
ऑ फस म वेश करते ह, दरवाज़ा बंद हो जाता है और आगे के काम म बाधा डालने के
लए कसी फ़ोन कॉल क अनुम त नह होती। हम एक सरे के साथ अब भी बातचीत
कर रहे ह और जानकारी हा सल कर रहे ह। जब म उसक कार पर नज़र डालता ,ँ तो म
पूछ सकता ,ँ ‘‘इसका पूरा भुगतान हो चुका है, है ना?’’ अगर वह कहता है क उसक
दो–तीन क़ त बची ह, तो म जान जाता ँ क वह नई कार के लए क़ज़ लेगा। या न कार
लोन क व ा करने और उसके लए सही मा सक क़ त का इंतज़ाम करने क मेरी
यो यता भाव से यादा मह वपूण हो सकती है। फर हम पूरी क़ मत के बारे म बात कर
सकते ह, ले कन उसे जस चीज़ क सबसे यादा परवाह होती है, वह है, ‘‘हर महीने
कतना दे ना पड़ेगा?”
कज़ अमे रक जीवनजशैली है
अ धकतर लोग जब कोई बड़ा सामान ख़रीदते ह, तो क़ज़ लेकर ही ख़रीदते ह। और इसम
ाहक के लए श मदा होने वाली कोई बात नह है। हर कोई क़ त म सामान ख़रीदता है।
यह अमे रक तरीक़ा है। अगर आप पूरी रा श के बक म जमा होने का इंतज़ार कर, तो हो
सकता है क आप सारी ज़दगी इंतज़ार ही करते रह जाएँ और कुछ भी न ले पाएँ। ले कन
आज भी ब त-से लोग को इस बात पर शम आती है क वे हर चीज़ नक़द नह ले पाते।
तो आपको इसे सावधानी से सँभालना होता है, ख़ास तौर पर अगर ाहक ब त लंबी
अव ध से क़ त दे ता आ रहा है और उसक पुरानी कार का अब कोई ख़ास मू य नह रह
गया हो, हालाँ क उसक क़ त का भुगतान लगभग पूरा हो चुका है।
कई बार कसी ाहक को बेचने क यो यता इस बात पर नभर करती है क म कार
के भुगतान के लए उसे पया त क़ज़ दला सकता ँ या नह । अगर वह सचमुच तंगी म है
या टै स न चुकाने के कारण उसके ख़रीदे सामान क कुक हो चुक है या वह हाल ही म
दवा लया आ है, तो इसके बावजूद म उसे कार लोन दलाने के तरीक़े खोजता ँ, ले कन
अगर यह मामला है, तो मुझे इस बारे म पता होना चा हए। य क इससे सौदे क पूरी
कृ त ही बदल जाती है। भाव खड़क के बाहर चला जाता है। अब हम बस इस बारे म
बात कर रहे ह क ाहक के लए क़ज़ क व ा करने का तरीक़ा कैसे खोज या हम
कसी को सह-ह ता रकता बनाना पड़ेगा या, कई मामल म, कार को कसी म के नाम
पर दखाना पड़ेगा। म बाद म बताऊँगा क म कसी ाहक के म से सह-ह ता र कैसे
कराता ँ। और कार को कसी सरे के नाम पर दखाने क नी त म ब त सावधानी क
ज़ रत होती है। य द आप इस नी त का इ तेमाल करने जा रहे ह, तो आपको बक या
फ़ाइनस कंपनी को पहले से बता दे ना चा हए क आप यह करने वाले ह। वरना आप
क़ानून का पालन नह कर रहे ह। उ ह पहले से पता होना चा हए, य क उ ह यह
जानकारी होनी चा हए क अगर उ ह दोबारा इस पर क़ ज़ा करना हो, तो कार को कहाँ
खोज।
क़ज़ के बारे म मह वपूण बात यह है क आप यथासंभव अ धकतम जानना चाहते ह
क ाहक को कस मुददे् पर बेचना है। भाव पर या उसके लए लोन का इंतज़ाम करने क
यो यता पर? अगर उसक े डट रे टग या न ॠण पा ता शू य हो, तो भाव के आगे-पीछे
नाचने म कोई तुक नह है।
ले कन अगर उसक पुरानी कार क क़ त का भुगतान हो चुका है या लगभग हो
चुका है, तो हम कोई सम या नह आती। और जैसे ही मुझे पता चलता है क वह ठ क है,
तो म एक बार फर उसके वाभा वक डर को र करने लगता ँ। हो सकता है क म
उसक खड़क पर लगे येलो टोन पाक के टकर को चुन लूँ। म उससे या ा के बारे म
पूछता ँ और उसक बात सुनता ँ। अगर वह पूछता है क या म वहाँ गया ,ँ तो म
शायद हाँ कह ँ गा, ले कन इसके बाद भी म खुद बोलने के बजाय उसे ही बोलने ँ गा,
य क म चाहता ँ क वह कसी ऐसी चीज़ के बारे म बात करे, जसम उसे आनंद आया
था, कसी सुखद चीज़ के बारे म, ता क वह आरामदे ह हो जाए।
म जानता ँ क ाहक कब आरामदे ह हो रहा है, य क म उसक बॉडी ल वेज
पढ़ता ँ। म उसका चेहरा दे खता ँ, उसक आँख दे खता ,ँ जस तरह वह अपनी बाँह
को अपने क़रीब रखता है और उसके पैर एक- सरे को कसकर जकड़े होते ह, जब तक
क वह थोड़ा ढ ला नह होने लगता। जब यह सब चलता है, तो म पता लगा रहा होता ँ
क उसे कसक ज़ रत है और उसे या बेचा जा सकता है। ब त-से अलग-अलग
मॉडल, आकार, सजावट अ त र साम ी होती है, जनके तालमेल से म एक ऐसी कार
चुन सकता ,ँ जसका भाव उसे बेचने के लहाज़ से सही हो, बशत यह उसके उपयोग के
लए उपयु हो। जस कार के बारे म वह सोच रहा है, म उसके भाव के ऊपर जाकर उसे
एक मॉ टे काल दला सकता ँ या भाव के नीचे आकर कैवे लयर या इ ाला क ए वयो
भी। ज़ा हर है, म इसे आसान रखना चाहता ँ और उसे ठ क वही कार बेचना चाहता ँ,
जो अंदर आते व त उसके दमाग़ म थी। ले कन हो सकता है क वह उसका ख़च न उठा
पाए। या दरअसल वह कसी यादा बड़ी और बेहतर कार का ख़च उठा सकता हो। म
दोन ही तरफ़ जा सकता ँ।
मुझे जो जानने क ज़ रत है, वह यह है क वह पहले कतनी जगह भाव पूछ चुका
है और उसे कौन-से भाव बताए गए ह। मुझे यह जानने क ज़ रत इस लए है, य क म
शायद वह करने जा रहा ,ँ जससे वह सोचे क उसे मुझसे सव े संभव भाव मल रहा
है। मेरा यह मतलब नह है क उसे यह नह मलेगा। उसे मलेगा, बशत म उसक मदद
कर सकूँ, य क म हर कार पर थोड़ा कम क मशन पाकर ब त सारी कार बेचना चा ँगा,
बजाय इसके क म यादा क मशन के लालच म सफ़ कुछ कार बेचूँ। यही वह दशन, वह
तं है, जसने मुझे संसार का सबसे महान से समैन बनाया है। म कसी भी सरे कार
से समैन से यादा इस लए कमाता ँ, य क म यादा ऊँचे भाव पर नह बेचना चाहता,
ब क यादा कार बेचना चाहता ँ। अगर आप यह काम करते ह, तो बाक़ चीज़ अपने
आप सही हो जाएँगी। और ज़ा हर है, आपके पास से जाते समय ाहक खुश होता है और
वह जहाँ भी जाता है, आपके गुण गाता है तथा आपके पास और अ धक कारोबार भेजता
है।
य द म जानता ँ क उसक कार या जेब म सरे डीलर के ोशर रखे ए ह, तो म
जानता ँ क भाव पहले से ही उसके दमाग़ म है। भले ही मुझे यह बात पता न हो, ले कन
म आसानी से इसका पता लगा सकता ँ। इस समय तक हम मेरे ऑ फ़स म होते ह। मने
उसे क या सगार दे दया है। अगर उसके ब े उसके साथ आते ह, तो उ ह गु बारे और
लॉलीपॉप मलजाते ह। म उसके ब के साथ खेलता ,ँ यहाँ तक क अगर ज़ रत हो,
तो उनसे बात करने के लए घुटन के बल भी बैठ जाता ँ। कोई सम या नह । मेरे ऑ फ़स
का फ़श साफ़ रहता है और इसके अलावा म सफ़ एक ब के क मशन से कई लै स
पट ख़रीद सकता ँ। इस लए यह काम करने लायक़ है।
ब त-से से समैन अपनी डे क पर जाकर ख़ाली पैड सबसे ऊपर रख लेते ह। वे
ाहक के बारे म सारी जानकारी उस पर लखते ह और उस कार के बारे म भी, जसे वे
बेच रहे ह। उ ह लगता है क यह एक अ ा तरीक़ा है। ग़लत! यह मूखतापूण तरीक़ा है,
य क अगर आप ऐसा करते ह और फर अंत के क़रीब तक ले आते ह, तब भी कई बार
आप उसे पूरा नह बेच पाते।
जा ई श द
ाहक मेरे मुँह से जो सुनना चाहते ह, वे ह मेरे जा ई श द : “म आपके बताए भाव से कम
पर आपको कार दे सकता ँ।” और जस भी ने इधर-उधर भाव पता कए ह ,
लगभग हर के मामले म म अपने इन श द को सच सा बत कर सकता ँ। म न त
प से हर बार यही करना चाहता ँ। य क म कार बेचना चाहता ँ, भले ही इसक
ख़ा तर मुझे अपना क मशन थोड़ा कम करना पड़े। आ ख़र कसी चीज़ का छोटा टु कड़ा
शू य के बड़े टु कड़े से बेहतर होता है और मेरे कारोबार म मुनाफ़ा इतना अ ा होता है क
म इससे लाभ उठा सकता ँ और कसी सरे क क़ मत को वैधा नक तरीक़े से यादा से
यादा हरा सकता ँ। पैसा कमाने से मुझे ब त खुशी मलती है। पैसा बचाने से ाहक को
ब त खुशी मलती है। अगर म ाहक के बताए सबसे कम भाव से कम म उसे कार दे दे ता
ँ, तो हर कोई खुश हो जाता है।
भाव को कम करना हमेशा मा जन और मेरे क मशन म से कुछ डॉलर कम करने का
ही मामला नह होता। कई बार, भाव कम करने के लए मुझे ाहक से कसी वैक पक
चीज़ को हटाने के बारे म भी बात करनी पड़ सकती है, जैसे यादा बड़ा इंजन (“इस तरह
का गैस जलाने वाला इंजन आप य चाहते ह?”) या एक न त रयर-ऐ सल अनुपात (
“यह हर साल गैस पर 1 डॉलर से अ धक नह बचाएगा”) या एयर कंडीश नग (“जब भी
आपको इसक ज़ रत पड़ेगी, तो इसक लागत आपको हर बार 50 डॉलर पड़ेगी, य क
यहाँ आस-पास कतने दन गम होते ह?”
ले कन म ाहक को बेचने के लए जो भी क ँ , जब वह उस कार म बैठकर जाता
है, तो वह जानता है क उसे वह कार वा जब दाम पर मली है। म जो बेचता ँ, उसम
आज तक कसी ने भी मुझ पर ग़लतबयानी या धोखे का आरोप नह लगाया है। कोई भी
मेरे सौदे के बाद मेरो लस शैवल से यह सोचता आ नह गया है क उसने जो ख़रीदा था,
वह उसे नह मला। म ऐसा इस लए नह क ँ गा, य क मेरी त ा मेरे लए इससे ब त
यादा मू यवान है। और चाहे लोग कुछ भी कहते रह, यह इस कारोबार म मेरी जान-
पहचान के अ धकतर से समैन के बारे म सही है।
कई बार से समैन फ़ाइनै स और भुगतान को लेकर कसी ाहक के साथ खेल
खेलने के लए ललचा जाते ह। यह सबसे बुरी चीज़ है जो आप कर सकते ह, ले कन यह
इन दन मु कल नह है। ब त-से ाहक के लए भाव क सम या सरे नंबर पर आती
है। पहले नंबर पर जो सम या आती है वह यह सवाल है : हर महीने कतना? ठ क है, अब
ज़रा सोच क यह कैसे काम कर सकता है। कोई ाहक एक ख़ास मॉडल चाहता है।
से समैन को एहसास हो जाता है क इस आदमी को मा सक क़ त के अलावा क़सी
चीज़ क परवाह नह है। वह आदमी जस कार का ख़च सचमुच उठा सकता है, उसे वही
दे ने के बजाय वह उसे अ त र उपकरण से लाद दे ता है। जब कार लोन लेने क बात
आती है, तो ाहक कहता है क वह उतनी ही क़ तचुकाना चाहेगा, जतनी वह अब तक
चुकाता रहा है, शायद 300 डॉलर त माह। से समैन कहता है, “हम इसे क़रीब ले
आएँगे।” जब बाद म बक से भुगतान पु तका ाहक के पास प ँचती है, तो मा सक क़ त
450 डॉलर क होती है। अगर ाहक ने उस चीज़ पर इस लए ह ता र कए थे, य क
वह से समैन पर भरोसा करता था, तो ाहक मु कल म है। ले कन से समैन भी मु कल
म है, य क उसने एक आदमी क जेब को शायद तीन-चार साल के लए ब त बुरी तरह
चोट प ँचाई है। याद रख, कोई भी ज़दगी म सफ़ एक ही कार नह ख़रीदता। ले कन वह
से समैन उस ाहक को सफ़ एक ही बार कार बेच पाएगा और 250 सरे लोग के सामने
उसक बुराई होगी, सो अलग।
म नह चाहता क यह मेरे साथ हो। इस लए जब ाहक मेरे साथ सौदा करते ह, तो
उ ह हमेशा पता होता है क उ ह ने कतने म या ख़रीदा है, कतने क मा सक क़ त है
और यह उ ह कतने महीन तक चुकानी होगी। कई बार से समैन ाहक को उसक माँगी
ई क़ त क रा श तो दे दे ता है, ले कन वह दो साल के बजाय चार साल का लोन करा
दे ता है। अगर ह ता र करते समय ाहक जानता है क उसे या मल रहा है, तो यह
जायज़ है। ले कन अगर उसे यह बात पहली बार तब पता चलती है, जब उसे बक से मोट
भुगतान पु तका मलती है, तो से समैन ने उसे चोट प ँचाई है।
म यह नह कह रहा ँ क कसी ाहक को साथ म महँगे सहायक उपकरण बेचना
कोई ग़लत चीज़ है। य द संभव हो, तो म भी यही क ँ गा। कई बार जब ाहक सौदा करके
जा चुका होता है, तो म घर पर उसे फ़ोन करके कुछ अ त र सामान बेचने क को शश
करता ँ, जो वह अपनी कार म चाह सकता है, जैसे बेहतर रे डयो या जंग तरोधक या
बेहतर टायर। ले कन उसे या मल रहा है, यह उसे पता होगा और अगर वह नह कह दे ता
है, तो यह नह ही होता है। जहाँ तक क़ त का सवाल है, म कसी ाहक को बता दे ता ँ
क वह जो चाहता है, उसका ख़च यादा आने वाला है अगर ाहक इसे भी पछली कार
जतनी अव ध म ही चुकाना चाहता है, तो उसे अपने बजट पर नज़र डालनी होगी और
कुछ ख़च कम करने ह गे, य क क़ त यादा आएगी। या अगर वह क़ त वही रखता है,
तो लोन क अव ध छह महीने या एक साल यादा हो जाएगी। यह बेचने का ह सा है।
अगर वह आदमी क़ त नह चुका सकता, तो म नह चाहता क वह इसे ले। इसक वजह
यह है क म नह चाहता क उस आदमी क कार बक छ नकर ले जाए, य क तब म
उसे, उसके म और र तेदार को हमेशा के लए खो ँ गा और म यह बदा त नह कर
सकता।
कसी ाहक को अ धक ख़रीदने के लए राज़ी करने म आप कतने ही मा हर ह ,
यह सु न त कर क ब त दे र होने से पहले ही उसे पता चल जाए क वह कन बात के
लए सहमत आ है। वरना आपने एक ख़राब ब कर द है। और न सफ़ आपने अपने
ाहक को चोट प ँचाकर खुद को चोट प ँचाई है, ब क आपने मुझे भी चोट प ँचाई है,
य क एक से समैन क बुरी त ा से सभी से समैन क त ा को चोट प ँचती है।
इस लए अपनीघ टया चाल से हमारे घ सले को गंदा न कर।
याद रख क कोई भी – म भी – हर एक को नह बेच सकता। इस बेचने के वसाय
म अ जी वका कमाने के लए आपको कसी क बाँह मरोड़ने या झूठ बोलने क
ज़ रत नह है। आपको तो बस अपने दमाग़ का इ तेमाल करना है, पया त बीज बोने ह
और पया त सीट भरनी ह। अगर आप इसे सही तरीक़े से करते ह, तो आप अ
आमदनी कमाने म स म ह गे और अपनी अंतरा मा के साथ जएँगे। मने सा बत कर दया
है क यह कया जा सकता है।
ख़राब को अ े म बदल
जब कोई ाहक कसी ख़राब कार को लेकर स वस डपाटमट म आता है, तो उस कार को
सही करने म मेरा और मेरे सा थय का ब त-सा समय तथा ऊजा लग सकती है। हम सही
जगह पर दबाव भी डालना पड़ सकता है। मुझसे कार ख़रीदना कसी सरे से समैन से
ख़रीदने के मुक़ाबले 500 डॉलर यादा फ़ायदे का सौदा होता है, सफ़ इस लए य क म
अपने उन ाहक क परवाह करता ँ, ज ह सम याएँ होती ह। इस तरह क गुणव ापूण
सेवा के लए म ाहक को यादा पैसे नह दे ने दे ता। उसे यह हमेशा मलती है, चाहे उसने
कार कतनी ही कम क़ मत पर मुझसे ख़रीद हो। म उसके काड पर यह नह लखता क
उसने यह मुझसे स ते म ख़रीद थी, इस लए अब म उसक ख़ा तर और कुछ नह क ँ गा।
हर एक को मुझसेउतनी ही अ सेवा मलती है।
म सोचता ँ क यह हर े म होना चा हए। अगर म कसी सेल म कोई सूट
ख़रीदता ,ँ तो म उ मीद करता ँ क यह मुझे उतनी ही अ तरह फ़ट आए, जैसे क
महँगा सूट आता। और अगर, मेरे मन म यह भावना आती है क कान वाले सूट क
फ़ टग के लए पया त बदलाव करने से कतरा रहे ह, तो म इसे सही करने के लए उन पर
दबाव डालूँगा। और जब मुझे एक और सूट क ज़ रत होगी, तो म उनके उस वहार को
याद रखूँगा।
कार क स व सग ब त-से लोग के लए एक बड़ा रह य है। पुराने ज़माने म कार
को समझना आसान होता था। हर लड़के को थोड़ा-ब त पता होता था क वे कैसे काम
करती ह और उ ह कैसे ठ क कया जाए। ले कन इन दन कार उस ज़माने क तुलना म
काफ़ यादा ज टल होती ह। हालाँ क कार बेहतर होती ह, ले कन जब चीज़ गड़बड़ होती
ह, तो ब त-से लोग काफ़ असहाय महसूस करते ह। मेरी जान-पहचान के कुछ लोग ने
तो ऑटो रपेयस म नाइट- कूल के कोस कए ह, ता क उ ह यह समझ म आ जाए क
मकै नक कस बारे म बात कर रहा है।
यह हम दोबारा ख़राब कार पर ले आता है। वे ख़राब हो सकती ह। ब त बार वे नह
होती ह। ले कन वे ख़राब इस लए हो सकती ह, य क शायद फ़ै के कसी जाँचकता
को पछली रात के नशे का असर रहा होगा, य क शायद कसी स लायर ने एक
मह वपूण पाट को बनाने म गड़बड़ कर द थी। मेरा इरादा इस उ ोग म काम करने वाले
कसी को नीचा दखाने का नह है। ले कन कई बार कोई कार जब बनकर
नकलती है, तो उसम ब त-सी चीज़ गड़बड़ होती ह। यह इतनी अ तो चलेगी क
असबली लाइन से डीलर के यहाँ प ँच जाए और अं तम जाँच से सही-सलामत गुज़र
जाए। ले कन इसके बाद हर चीज़ ख़राब होने लगेगी। मुझे लगता है क यह संभावना
क बात है। एक कार के ांस मशन म प रवतन क ज़ रत होती है, सरी का प टन
इसके सलडर म फ़ट नह होता, तीसरी के रयर ऐ सल म दोषपूण गयर होता है। हम
इस तरह क चीज़ को काफ़ आसानी से पकड़ और सुधार सकते ह। ले कन लाख म से
एक कार म ये सारी सम याएँ एक साथ होती ह, तब या होता है? तब आपके पास एक
ख़राब कार होती है।
आप एक गड़बड़ लेकर आते ह और उसे ठ क कर दया जाता है। फर कुछ दन
बाद सरी चीज़ गड़बड़ हो जाती है और आप फर से लौटकर आते ह। ब त-सी
डीलर शप म नज़ रया यह होता है : लो वह अ य फर आ गया। दे खए, म
आपको बता ँ क जब कसी आदमी को खराब कार मलती है, तो इकलौते अ य
वही लोग होते ह, जो उसके साथसही सलूक नह करते ह।
ख़राब कार क परवाह करना इतना आसान नह है। म स वस डपाटमट के लोग के
साथ ब त अ े संबंध रखता ँ। म उनके लए सुबह कॉफ़ ख़रीदता ँ, उनके ब े के
ज म पर उपहार दे ता ँ और ऐसी ही चीज़। ले कन ये कारोबारी ख़च होते ह, य क जब
मेरा कोई ाहक स व सग क सम याएँ लेकर आता है, तो यह कारोबार का मामला है। म
शैवल ऑ फ़स म फ़ोन करने के लए सही लोग को भी जानता ँ। और जब सारे यास
नाकाम रहते ह, तो म शहर के ापा रक े म फ़ोन करके यह सु न त करता ँ क मेरे
ाहक को वह मले, जसका वह अ धकारी है।
इस सब म मेरा पैसा लगता है और अ ा-खासा समय भी चला जाता है। ले कन म
नह सोचता क मेरे पास कोई वक प है। ज़रा सोच, कोई आदमी अं ये गृह म पड़ा
आ है और सभी अंदर आने वाले लोग को आ ख़री दशन करने के लए आते दे ख रहा है।
एक आदमी घर आता है, शे वग करता है, कपड़े बदलता है और अपने म को आ ख़री
बार दे खने के लए शायद अपना मैच छोड़ दे ता है। अं ये बॉ स म लेटे उस एक आदमी
क आकषण श के बारे म सोच। उसे दे खने के लए लगभग 250 लोग यही सब करने
वाले ह। हर एक म ऐसी ही आकषण श होती है और बेचने के पेशे म हमम से कोई भी
एक अकेले ाहक को जो ख़म म डालना बदा त नह कर सकता, य क वह अपने
जीवन म 250 लोग को भा वत करता है।
जैसा क आप जानते ह, लोग कार के बारे म ब त बातचीत करते ह। अमे रका के
कई ह स म यह बातचीत का सबसे लोक य वषय है, यहाँ तक क मौसम से भी यादा
लोक य। और म सोचता ँ क कह पर लोग एक कहानी बता रहे ह क कैसे उ ह ने एक
नई कार ख़रीद और उसक हर चीज़ गड़बड़ होने लगी। वे कार ठ क कराने के लए बार-
बार गए, ले कन वह कभी सही नह हो पाई, इस लए वे उस तरह क कार दोबारा नह
ख़रीदने वाले।तभी एक आदमी वही कहानी सुनाना शु करता है। बस वह इसका अंत
इस तरह करता है, “मने अपने से समैन जो जराड को अपनी सम या के बारे म बताया
और इससे पहले क मुझे पता चल पाए, कार नई से भी बेहतर चल रही थी।” म जानता ँ
क म लोग के साथ जैसा बताव करता ँ, उसके बारे म लोग इसी तरह क बात कहते ह,
य क मुझे यह बाद म पता चल जाता है। जब भी लोग नाम लेकर मेरे बारे म पूछते ह, तो
म उनसे हमेशा सवालकरता ँ क उ ह ने मेरे बारे म कैसे सुना। यह एक अ शु आत
होती है। और आप हैरान रह जाएँगे क उनम से कतने यह ज़ करते ह क कसी सरे
ने उ ह बताया था क उ ह मुझसे कतना अ ा भाव और कतना अ ा वहार मला
था।
म खुद को कसी तरह का दे वता सा बत नह करना चाहता, ले कन म सोचता ँ क
यह पूरे पेशे के लए ब त फ़ायदे मंद होता है। आप व ास कर सकते ह क यह मेरे
वसाय के लए तो ब त फ़ायदे मंद होता ही है।
मुझे उ मीद है क अब तक आप समझ गए ह गे क म ब त-सी ऐसी चीज़ करता ँ,
जो सरे से समैन नह करते ह। और मुझे उ मीद है, आप यह भी समझ गए ह गे क जो
मेरे लए कारगर है, वह हर एक के लए कारगर है। म अपने ाहक के साथ अ ा बताव
करता ँ। वे जानते ह क म सचमुच उनक परवाह करता ँ और वे मुझ पर भरोसा करते
ह। ले कन म कोई चीज़ ेम क ख़ा तर नह करता ँ। म इसे पैसे क ख़ा तर करता ँ।
मने अ सर कहा है क जो चीज़ करना मुझे संसार म सबसे यादा पसंद है, वह है सोना।
यह मेरा शौक़ है और यह मेरा य काम है, इस लए जब म सुबह ब तर छोड़ता ,ँ तो
कसी न कसी को इसके लए भुगतान करना होता है।
मगर याद रहे, जब म अपने ाहक के साथ अ ा बताव करता .ँ तो कोई बाहर
जाकर यह नह कहता, “ जराड का सचमुच ऐसा इरादा नह रहता है। वह तो यह काम
सफ़ पैसे क ख़ा तर करता है।” म कहता ँ क मेरा सचमुच ऐसा इरादा रहता है और म
इसे पैसे क ख़ा तर भी करता ँ। ले कन ाहक के त अ े बने रहना उससे कह
यादा सुखद होता है, बजाय इसके क उनके साथ बेवकूफ़ जैसा बताव कर और जब वे
मु कल म मदद माँगने के लए आपके पास आएँ, तो भागकर छप जाएँ। अपने ाहक
का व ास जीतकर आप काफ़ यादा पैसे बनाते ह।
म एक आदमी को जानता ,ँ जो अपने सारे कपड़े एक ख़ास टोर के एक ही
से समैन से ख़रीदता था। बाहर से दे खने पर एक सूट पसंद आने क वजह से वह पहली
बार टोर म अंदर गया था। उस समय जस से समैन क बारी थी, उसने उसे सूट बेच दया
और उसके साथ संबंध बना लया। वह आदमी हर साल उस से समैन से दो-तीन सूट
ख़रीदता था, हालाँ क उसेउनक उतनी ज़ रत नह थी, य क वह यादातर मौक़ पर
सूट पहनकर काम पर नह जाता था। ले कन से समैन ने यह पता लगाने क जहमत उठाई
थी क उसे या पसंद था और जब भी वह आदमी कोई चीज़ ख़रीदता था, तो वह हमेशा
दज से फ़ टग कराता था। और कई बार उस ाहक के आने पर से समैन उसे बताता था
क उसके याल से कोई ऐसी नई चीज़ नह आई है जो ाहक को पसंद आएगी।
से समैन को ग़लत सा बत करने क को शशकरना उस आदमी के लए लगभग एक
चुनौती होती थी।
एक दन वह आदमी टोर म आया और उसने से समैन के बारे म पूछा। एक सरे
से समैन ने उसे बताया क अब वह रटायर हो चुका है। इसके बाद वह से समैन र चला
गया। ाहक कुछ दे र तक रैक पर रखे सूट दे खता रहा और उसने एक जैकेट को पहनकर
भी दे खा। ले कन कोई भी उसके पास नह गया। वह आ ख़रकार वहाँ से चला गया और
दोबारा कभी लौटकर नह आया। इस लए मुझे यह न बताएँ क से समैन और ाहक के
बीच का संबंध मह वपूण नह है।
म एक ऐसी चीज़ बेचता ँ, जो लाख सरे से समैन बेचते ह। आप शायद सोचते ह,
शैवल तो शैवल है। आप उ ह अमे रका के कसी भी शहर म ख़रीद सकते ह। वे सभी एक
जैसी होती ह। सही? ग़लत! जो जराड से ख़रीद गई शैवल सफ़ एक कार नह है। यह तो
मेरे और उस ाहक तथा उसके प रवार, उसके म और उसके सहक मय के साथ पूरा
संबंध होता है। लगभग 250 लोग।
आप सोच रहे ह गे क आपने यह सब पहले सुन रखा है। ले कन म इसे बार-बार
कहता ,ँ य क म इस पर यक़ न करता ँ और म जानता ँ क यह कारगर है। यह
संसार म मेरे लए सबसे चीज़ है और इससे मेरा कारोबारी जीवन ब त दलच
तथा ब त लाभदायक बन जाता है। ले कन म इसे कहता र ँगा, य क हालाँ क यह मेरे
लए है, ले कन यह कसी सरे के लए ब त नह होगी। वरना ऐसा कैसे है क
इतने सारे से समैन ह, जो बमु कल रोज़ी-रोट कमा पाते ह और इतने सारे ाहक ह, जो
यह सोचते ह क सभी से समैन अमीर चालबाज़ होते ह?
म आपको बता रहा ँ क ब के बाद का चरण कतना मह वपूण होता है। मने
आपको बता दया है क म हमेशा हर ाहक को ध यवाद प भेजता ँ। मने आपको बता
दया है क जब ाहक मेरी बेची ई कार म मर मत क सम याएँ लेकर आते ह, तो म
उनक कस तरह परवाह करता ँ। या न आपको पता चल चुका होगा क जहाँ तक संभव
होता है, म उनके साथ बना रहता ँ। न सफ़ म वे चीज़ करता ,ँ जो मने अब तक बताई
ह, ब क म एक और चीज़ भी करता ँ।
संपक म रहना
भले ही ब के बाद ाहक मुझसे कभी संपक न करे, ले कन म उसके संपक म रहता ँ।
ब त-से से समैन अपना क मशन लेने के बाद ाहक के बारे म भूल जाते ह, ख़ास तौर पर
अगर कार के साथ कोई सम या न हो। ले कन, जैसी आप उ मीद कर सकते ह, म चीज़
को काफ़ अलग तरीक़े से दे खता ँ। अगर म कसी को कोई कार बेचता ,ँ तो उसे मेरा
ध यवाद प मलेगा और अगर उसे ज़ रत होगी, तो रपेय रग म भी मेरी मदद मलेगी।
वैस,े अगर उसे मेरी मदद क ज़ रत न पड़े, तब भी म उससे संपक करने वाला ँ।
ब करने के कुछ स ताह या महीने बाद म हा लया ाहक क फ़ाइल पर नज़र
डालता ँ और उ ह फ़ोन करने लगता ँ। आप सोचगे क यह मु कल को योता दे ना है,
ले कन मेरे लए यह भावी वसाय माँगना तथा यह सु न त करना है क यह मुझे ही
मले। ज़रा आम आदमी के उस आम अनुभव के बारे म सोच, जब वह कसी औसत
से समैन से कार ख़रीदता है। जब सौदा पूरा हो जाता है, तो ाहक बस वहाँ से सही-
सलामत लौटने पर राहत महसूस करता है।
ले कन मेरे ाहक के साथ मामला अलग रहता है। म कड़ी मेहनत करता ँ और वे
यह बात जानते ह। जब सौदा ख़ म होता है, तो उ ह भी राहत महसूस होती है, ले कन ऐसा
इस लए नह होता, य क वे अभी-अभी एक उ दबाव वाले से समैन के शकंजे से
बचकर नकले ह, ब क इस लए य क वे एक ऐसे अनुभव से गुज़रे, जसम शु आत म
वे डर रहे थे, ले कन अंत म ब त संतु महसूस कर रहे थे क उ ह उ मीद से बेहतर मल
गया।
फर म फ़ोन उठाता ,ँ डायल करता ँ और पूछता ँ क कार कैसी है। म आम तौर
पर दन के समय फ़ोन करता ँ, इस लए मेरी बातचीत प नी से होती है। अगर मने उ ह
ड लवरी लेने के बाद से नह दे खा है, तो म अनुमान लगा लेता ँ क उ ह कोई सम या
नह आई होगी। प नी आम तौर पर कहेगी क कार ठ क चल रही है। म पूछूँगा क या
कोई द क़त है। म उसे याद दलाता ँ क वॉरंट जारी रखने के लए आव यक परी ण
कराने आना होगा। म उससे क ँगा क वह यह सु न त कर ले तथा अपने प त को बता दे
क अगर उसे कार म कोई खड़खड़, माइलेज संबंधी सम या या जो भी द क़त हो, तो वह
उसे मेरे पास ले आए और मुझसे संपक करे। फर म पूछता ँ क या वह कसी को
जानती है, जो कार ख़रीदने वाला है। म म और र तेदार का सुझाव ँ गा तथा उसे याद
दलाऊँगा क अगर उसके बताए कसी ने मुझसे कार ख़रीद ली, तो म इसके लए
उसे 50 डॉलर ँ गा। अगर वह कहती है क उसका दे वर कुछ समय पहले कह रहा था क
उसक कार कतनी खटारा हो चुक है, तो म उससे उसका नाम और फ़ोन नंबर माँग लूँगा।
इसके अलावा, म उससे यह भी क ँगा क वह कृपया अपने उस दे वर को फ़ोन करके बता
दे क म बाद म फ़ोन क ँ गा। फर म उसे 50 डॉलर क याद दलाता ँ और वदा लेता ँ।
अब संभावना इस बात क है क यह म हला अपने प त को बताएगी क मेरा फ़ोन
आया था और उसने उनके बारे म पूछा था तथा यह भी पूछा था क वह कार कैसी थी।
अगर उस आदमी ने पहले कभी मुझसे कार न ख़रीद हो तो वह अपनी कुस से गर
सकता है, य क हर कोई सोचता है क से समैन, ख़ास तौर पर कार से समैन, बेचने के
बाद ाहक को भाड़ म भेजदे ता है और र ी भर भी परवाह नह करता। हो सकता है क
म उस म हला के दे वर को भी कार बेच ँ । इससे स ावना और अ े कारोबार क कड़ी
लंबी होती है, य क उसे 50 डॉलर क बडडॉग फ़ स मल जाती है और उसका दे वर
प रवार म मेरा सरा संतु ाहक बन जाता है। और अब मेरे पास हर तीन-चार या पाँच
साल म दो बँधे ए ाहक हो जाते ह।
बेहतरीन अ भनय सच है
मने कहा है क बेचना अ भनय है। म अपने ाहक के लए एक भू मका नभाता ँ। म
मंच पर अ भनय करने वाले अ भनेता या कॉमे डयन से यादा झूठ नह बोलता ँ। म एक
म , एक सलाहकार, एक राज़ी करने वाले क भू मका नभाता ँ। जब आप कैरल ओ
कॉनर को आच बंकर क भू मका नभाते दे खते ह, तो आप जानते ह क वह आच बंकर
नह है, और कोई भी आच बंकर नह है। ले कन आप यह भी यक़ न करते ह क कैरोल
ओ कॉनर ही आच बंकर है। जब वह बेहतरीन अ भनय करता है, तो वह आपसे झूठ नह
बोल रहा है। और म भी नह बोल रहा ँ। म वे सारी चीज़ ,ँ जो होने का म अ भनय
करता ँ और म जो जराड भी ,ँ जो एक और कार बेचकर रोमांच पाना चाहता है तथा
थोड़ा अ धक पैसा बनाने क ताक म है।
मुझे पटकथा तैयार करने म मदद क ज़ रत होती है। मुझे दशन के बाद दशक
को थएटर से बाहर नकालने म भी मदद क ज़ रत होती है पहले यह सारा काम म ख़ुद
करता था और काफ़ अ तरह करता था। सरे लोग को अपनी मदद करने के लए
नयु करने से पहले भी म कई पुर कार जीत चुका था। ले कन अब, उनक मदद से, म
इसे यादा अ तरह कर रहा ँ। और आप जतना अ धक कमाते ह, आप मदद का
इ तेमाल करने का उतना ही अ धक ख़च उठा सकते ह, ता क आप और अ धक कमाएँ।
एक बार जब आप दन के हर मनट काम कर रहे ह, तो उससे आगे वकास करने का कोई
तरीक़ा नह है, जब तक क आप सरे लोग का बु म ापूवक और कायकुशलता से
इ तेमाल न कर। कोई सरा तरीक़ा है ही नह ।
यह पूरी तरह सच नह है। ब त–से लोग मुझसे पूछते ह क म कभी ख़ुद कार डीलर
य नह बना। सरल जवाब यह है क म एक से समैन ँ। यह सच है क जीवन के
शु आती 35 वष म मने ब त–से सरे काम कए और इसके बाद ही म से समैन बना।
ले कन अ धकतर मामल म, मने उन काम को ब त अ तरह से नह कया। जब तक
क मने ब को नह खोजा – या इसे खोजने क ज़ रत नह पड़ी – तब तक मुझे
सचमुच ऐसी चीज़ नह मली, जससे म ेम करता था और जसे करना म कभी नह
छोड़ना चाहता था। ले कन अब ब मुझे जीवन म भारी खुशी, भारी संतु और भारी
आमदनी दे ने वाली चीज़ बन चुक है।
शायद म डीलर बनने लायक़ पैसे जुटा सकता ँ। और म इसे काफ़ अ तरह
चला भी सकता ँ। ले कन म ऐसा करना नह चाहता। बेचने म मुझे ब त मज़ा आता है।
मेरे पास दो शीष लोग ह, जो मेरे वसाय को सँभालने म अ े पैसे बनाते ह। मुझे
उनक दे ख–रेख करने क कोई ज़ रत नह है। मुझे कमचारी, पूँजी, सुर ा या बंधन
संबंधी नणय नह लेने होते। मेरा डीलर मुझसे यादा पैसे बनाता है, ले कन वह इसका
हक़दार है, य क उसने इस वसाय म ब त सारे पैस का नवेश कया है और वह
मुझसे ब त यादा कारोबारी ज़ मेदा रयाँ उठाता है। ले कन कई सरे डीलर ह, जनक
तुलना म म ब त यादा पैसे बनाता ँ।
का सबसे बड़ा रोमांच मेरे जीवन
डीलर बनने के बारे म सबसे बुरी बात यह है क मेरे पास बेचने का समय नह रहेगा। म
शायद यादा पैसे बनाऊँगा, ले कन उतने यादा भी नह । और मुझे अपने जीवन के सबसे
बड़े रोमांच को छोड़ना पड़ेगा, लगभग हर दन पाँच या अ धक ब य को लोज़ करने
का रोमांच। कोई डीलर इस रोमांच क कभी उ मीद नह कर सकता। और म इसे कसी
चीज़ क ख़ा तर नह छोड़ना चाहता। ऐसी बात नह है क डीलर शप जी वका कमाने का
स मा नत तरीक़ा नह है। यह न त प से है। ले कन यह बस उतना आनंददायक
तरीक़ा नह है। मुझे दोन चीज़ मल जाती ह – आनंद भी और पैसा भी। म नह सोचता
क बेचने क खुशी का कोई सानी है।
कुछ अ य चीज़ भी मुझे उतना ही रोमां चत करती ह, ज ह म कुछ साल से करने
लगा ,ँ ले कन उनका संबंध भी बेचने से ही है। जैसा मने बताया है, म से समैन के सामने
बोलता ँ और म से स े नग फ़ म म अ भनय करता ँ तथा उ ह बनाता ँ। दरअसल,
यह भी आमने–सामने बेचने जैसा ही है। कई मायन म इससे भी बेहतर, य क यह भी
बेचने के बारे म ही है।
मने लीवरेज और कार बेचने के रोमांच के बारे म बात क है। ले कन मने पाया है क
इन दो ग त व धय ने मुझे बेचने के रोमांच और लीवरेज को एक ख़ास तरीक़े से पाने क
अनुम त द है। दरअसल यह पु तक सट कता से इस बारे म नह है, ले कन म आपको
बताना चाहता ँ और म सोचता ँ क आप समझ जाएँगे क इसका उससे क़रीबी संबंध
है, जसके बारे म हम बात कर रहे ह। जब म मंच पर खड़े होकर सरे से समैन से बात
करता ,ँ तो दो फ़ायदे होते ह। एक तो मुझे वैसी ही भावना महसूस होती है, जैसी तब
होती है, जब म अपने आ◌ॅ फ़स म ाहक को अंततः ब करता ँ। मंच पर भी मुझे यही
भावना मलती है, बस थोड़ी यादा, य क म जानता ँ क म पूरे हॉल म मौजूद लोग से
बात कर रहा ँ। बाद म वे आकर मुझे बताते ह क मेरी बात का उन पर कतना असर
आ था। वे मुझे आमने–सामने बताते ह या प म लखते ह क कोई सरा उ ह इस बारे
म कभी नह बता पाता क बेचना दरअसल या है, य क जो भी ब पर भाषण दे ता
है, उसे इस काम का उतना अनुभव नह है जतना क मुझे है। फ़ म बनाने म रोमांचक
बात यह जानना है क इ ह दे खने वाले लोग ने उनके कारोबार के बारे म इतनी वा त वक
कोई चीज़ नह दे खी। म जो काम करता ँ और उसे जतनी अ तरह करता ँ, उस पर
मुझे गव है। मुझे यह जानकर रोमांच का एहसास होता है क म सरे से समैन के पेशेवर
जीवन म लाभ प ँचा रहा ँ।
म डीलर शप चलाने के वचार को जतना पसंद करता ँ, उसके ब न त मुझे
बेचना और सरे से समैन क मदद करना ब त यादा पसंद है। इसी लए मने जो जराड
से स कोस शु कया है। इतने बरस म मने दे खा है क कई लोग ब के े म अपनी
क़ मत आज़माते ह और अंतत: इसे छोड़ दे ते ह तथा औसत आमदनी के जीवन से संतु
हो जाते ह। मेरा हमेशा मानना रहा है क अगर इन लोग को उ चत मागदशन और
श ण मला होता, तो वे आज उस तरह का जीवन जी रहे होते, जो उ ह कभी संभव
नह लगा होगा।
ले कन बस याद रख क जब आप कसी ाहक के साथ अकेले ह , उस
अ याव यक मुठभेड़ म आमने–सामने ह , तो ब त–से सरे लोग और सेवाएँ आपके लए
काम कर रहे होते ह। और आपको उस सारी मदद क तलाश करनी चा हए और ा त
करनी चा हए, जसका आप ख़च उठा सकते ह। इसका मतलब बडडॉग हो सकते ह, साथ
ही पाट – टाइम और फुल–टाइममदद भी। य क लीवरेज – सबसे कायकुशल
कायकुशल तरीक़े से अपना व तार करना – ही आपके समय और यो यता का
अ धकतम लाभ उठाने का तरीक़ा है।
जो भी मेरी तरह का वसाय बनाना चाहता है, सचमुच चाहता है, वह ऐसा कर
सकता है। मने अपने कारोबार को धीरे–धीरे बनाया था। व तार क बदौलत जो अ त र
पैसा आता था, उसका एक ह सा मने भुगतान करने म लगाया। अ धक सहायता, अ धक
ाहक, अ धक धन, अ धक सहायता, अ धक ाहक, अ धक धन और इसी तरह यह च
चलता रहा। इसी तरीक़े से मने यह कया और इसी तरीक़े से आप भी यह कर सकते ह।
जब म कहता ँ क पहले मने एक पाट–टाइम कमचारी रखा और बाद म एक, फर
दो फुल–टाइम कमचारी नयु कए, तो यह न सोच क म अपनी आरामकुस पर बैठकर
सोता रहता ँ। म अब भी पहले जतने ही लंबे समय तक काम करता ँ। फ़क़ सफ़ इतना
है क अब म बेहतर काम कर रहा ,ँ य क म अब सारे समय जो कर रहा ,ँ वह वही है
जो म सबसे अ तरह करता ँ – ब । सजन अपने औज़ार ख़ुद साफ़ नह करता।
इसके लए वह कमतन वाह वाले लोग को नौकरी पर रख लेता है, ता क वह उस एक
चीज़ पर यान क त कर सके, जहाँ भारी पैसा है – सजरी। और हम भी सजन क तरह
ही ह, इस लए हम अपना सारा समय सजरी पर क त करना चा हए। कसी सरे को
मरीज़ को तैयार करने द, परी ा लेने द, इ तहास मालूम करने द, ता क हम ाहक के डर
को काटकर भीतर प ँच सक। भीतर जाने पर हम ब तरोध मल सकता है और हम
उसे ही बाहर नकालना है।
वह सारी मदद हा सल कर, जो आपको मल सकती है– इससे आपक कुल
आमदनी भी बढ़ती है और शु मुनाफ़ा भी।
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