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विविधता में एकता

भारत एक विविधतापूर्ण देश है’। इसके


विभिन्न भागों में भौगोलिक अवस्थाओं,
नि वा सि यों और उनकी संस्कृतियों में
काफी अन्तर है । कुछ प्रदेश अफ्रीकी
रेगिस्तानों जैसे तप्त और शुष्क हैं, तो कुछ
ध्रुव प्रदेश की भांति ठण्डे है ।

कहीं वर्षा का अतिरेक है, तो कहीं उसका


नितान्त अभाव है । तमिलनाडु, पंजाब और
असम के निवासियों को एक साथ देखकर कोई
उन्हें एक नस्ल या एक संस्कृति का अंग
नहीं मान सकता । देश के निवासियों के
अलग-अलग धर्म, विविधतापूर्ण भोजन और
वस्त्र उतने ही भिन्न हैं, जितनी उनकी
भाषाएं या बोलियां ।

इतनी और इस कोटि की विभिन्नता के


बावजूद सम्पूर्ण भारत एकता के सूत्र में
निबद्ध है । इस सूत्र की अनेक विधायें
हैं, जिनकी जडें देश के सभी कोनों तक
पल्लवित और पुष्पित हैं । बाहर
विभिन्नताएं और विविधताएं भौतिक हैं,
किन्तु भारतीयों के अभ्यन्तर में
प्रवाहित एकता की अजस्र धारा भावनात्मक
एवं रोगात्मक है । इसी ने देश के जन-मन
को एकता के सूत्र में पिरो रखा है ।

भारत की एकता का यह भारतीय संस्कृति का


स्तम्भ है । भारतीय संस्कृति अति प्राचीन
ष्टता
है और वह अपनी वि ष्टताओं ओंशि
सहित
विकसित होती रही है । इसके कुछ वि षशेष
लक्षण हैं, जिन्होंने भारतीय एकता के
सूत्र की जड़ों को और भी सुदृढ़ किया है ।
विविधता में एकता

“विविधता में एकता” का अर्थ है विभिन्न


असमानताओं के बावजूद भी अखंडता का
अस्तित्व। “विविधता में एकता” की इस
अवधारणा के लिये भारत एक बेहतर
उदाहरण है। हम लोग यहाँ बेहद साफतौर
पर देख सकते हैं कि भारत की एक धरती पर
अर्थात् एक छत के नीचे समरसता के साथ
अलग-अलग धर्म, समुदाय, जाति, भाषा,
संस्कृति, जीवन-शैली, परिधान पहनने का
तरीका, भगवान में भरोसा, पूजा-पाठ के तौर-
तरीके आदि के लोग एक-साथ रहते हैं।
भारत में रहने वाले लोग एक माँ के
बच्चे हैं जिन्हें हम भारत माँ कह कर
बुलाते हैं।
भारत एक सा देश है जिसने “विविधता मे
एकता” की सच्चाई को सही साबित किया है।
बिना किसी परे नीनी शा
के कई वर्षों से
विभिन्न धर्म और जाति के लोगों ने एक
साथ रह कर दिखाया है। भारत ऊँ चे पहाड़ों,
घा टि यों , महासागरों, प्रसिद्ध नदियों, धारा,
जंगल, रेगिस्तान, प्राचीन संस्कृति और
परंपराएँ और सबसे खास “विविधता में
एकता” से सजा हुआ देश है। लोग यहाँ
अपने नस्ल, धर्म और भाषा से संबंध
रखते हैं फिर भी उन सभी के मानवता का
समान चरित्र होता है जो उन्हें एक साथ
रहने के काबिल बनाता है।
विविधता में एकता का महत्व:
“विविधता में एकता” लोगों की कार्यस्थल,

संगठन और समुदाय में मनोबल को बढ़ाता


है।
ये लोगों के बीच में दल भावना, रिते,श्ते समूह
कार्य को बढ़ाने में मदद करता है इसकी
न, कार्यकुशलता, उत्पादकता
वजह से प्रदर्नर्श
और जीवन शैली में सुधार आता है।
बुरी परिस्थिति में भी ये प्रभाव ली लीशा
संवाद बनाता है।
सामाजिक परे नियोंनि यों शा
से लोगों को दूर
रखता है और मुकिलोंलों श्कि
से लड़ने में
आसानी से मदद करता है।
मानव रितोंश्तों
में अच्छा सुधार लाता है तथा
सभी के मानव अधिकारों की रक्षा करता
है।
भारत में “विविधता में एकता” पर्यटन
के स्रोत उपलब्ध कराता है। पूरी दुनिया से
अधिक यात्रियों और पर्यटकों को विभिन्न
संस्कृति, परंपरा, भोजन, धर्म और परिधान
के लोग आकर्षित करते हैं।
कई तरीकों में असमान होने के बावजूद
भी देश के लोगों के बीच राष्ट्रीय
एकीकरण की आदत को ये बढ़ावा देता है।
भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत और
समृद्ध बनाने के साथ ही ये देश के
संपन्न विरासत को महत्व देता है।
विभिन्न फसलों के द्वारा कृषि के क्षेत्र
में संपन्न बनाने में ये मदद करता है
जिससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है।
देश के लिये विभिन्न क्षेत्रों में कौशल
वरों
और उन्नत पे वरोंशे के साधन है।
भारत विव श्वका एक प्रसिद्ध और बड़ा देश
है जहाँ विभिन्न धर्म जैसे हिन्दू,
मुस्लिम, बौद्ध, सिक्ख, जैन, ईसाई और पारसी
आदि के एक साथ रहते हैं लेकिन सभी
धर्म और क्रम के एक सिद्धांत पर भरोसा
करते हैं। यहाँ के लोग स्वभाव से
भगवान से डरने वाले होते हैं और
आत्मा की शुद्धि, पुनर्जन्म, मोक्ष, स्वर्ग और
नरक में भरोसा रखते हैं। बिना किसी
धर्म के लोगों को हानि पहुँचाये बेहद
शांतिपूर्ण तरीके से लोग अपने त्योंहारों
होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस, गुड फ्राईडे,
महावीर जयंती, बुद्ध जयंती आदि को मनाते
हैं।
यहाँ पर इसकी कुछ कमियाँ भी है जो दी
गयी है:
ये अलग राज्यों और बहु-भाषायी संबंधी
लोगों के बीच में कई सामाजिक चिंताओं
के बढ़ावा दे सकता है।
ये देश के कई क्षेत्रों में भ्रष्टाचार
क्
और अ क्षाषा शि
को बढ़ावा दे सकता है।
अविकसित संरचना, बिजली की कमी, सड़के
आदि के कारण विभन्न ग्रामीण क्षेत्रों
लीका कारण बन सकता
में खराब जीवन लीशै
है।
विविधता में एकता

भारत विभिन्न संस्कृति, नस्ल, भाषा और


धर्म का देश है। ये “विविधता में
एकता” की भूमि है जहाँ अलग-अलग
जीवन-शैली और तरीकों के लोग एकसाथ
रहते हैं। वो अलग आस्था, धर्म और
विवास सश्वा
से संबंध रखते हैं। इन
भिन्नताओं के बावजूद भी वो भाईचारे
और मानवता के संबंध के साथ रहते
हैं। “विविधता में एकता” भारत की एक
षताहै जो इसे पूरे विव श्वभर
अलग वि षताशे
में प्रसिद्ध करती है। आमतौर पर,
अपनाने और उदार होने के महान
प्राचीन भारतीय संस्कृति का अनुसरण
भारत के लोग करते हैं जो स्वाभाव
में उन्हें समाविष्टक बनाता है।
“विविधता में एकता” समाज के लगभग

सभी पहलुओं में पूरे देश में मजबूती


और संपन्नता का साधन बनता है। अपनी
रीति-रिवाज़ और विवास सश्वा का अनुसरण
करने के द्वारा सभी धर्मों के लोग अलग
तरीकों से पूजा-पाठ करते हैं बुनियादी
एकरुपता के अस्तित्व को प्रदर् तर्शि त करता
है। “विविधता में एकता” विभिन्न
असमानताओं की अपनी सोच से परे
लोगों के बीच भाईचारे और समरसता
की भावना को बढ़ावा देता है।
भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत
के लिये प्रसिद्ध है जो कि विभिन्न
धर्मों के लोगों के कारण है। अपने
हित और विवास सश्वा के आधार पर विभिन्न
जीवन-शैली को अलग-अलग संस्कृति के
लोग बढ़ावा देते हैं। ये दुबारा से
वर क्षेत्रों में जैसे
विभिन्न पे वरशे
संगीत, कला, नाटक, नृत्य (शास्त्रिय, फोक
ला,शा
आदि), नाट्य ला मूर्तिकला आदि में
वृद्धि को बढ़ावा देते हैं। लोगों की
आध्यात्मिक परंपरा उन्हें एक-दूसरे के
लिये अधिक धर्मनिष्ठ बनाती है। सभी
भारतीय धार्मिक लेख लोगों की
आध्यात्मिक समझ का महान साधन है।
लगभग सभी धर्मों में ऋषि, महर्षि,
योगी, पुजारी, फादर आदि होते हैं जो
अपने धर्मग्रंथों के अनुसार अपनी
आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करते
हैं।
भारत में हिन्दी मातृ-भाषा है हालाँकि
अलग-अलग धर्म और क्षेत्र (जैसे
इंग्लिश, ऊर्दू, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली,
उड़िया आदि) के लोगों के द्वारा कई दूसरी
बोली और भाषाएँ बोली जाती है; हालाँकि
सभी महान भारत के नागरिक होने पर
गर्व महसूस करते हैं।
भारत की “विविधता में एकता” खास है
जिसके लिये ये पूरे विव श्वमें
प्रसिद्ध है। ये भारत में बड़े स्तर
पर पर्यटन को आकर्षित करता है। एक
भारतीय होने के नाते, हम सभी को
अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिये और
किसी भी कीमत पर इसकी अनोखी
षताको कायम रखने की को निशश
वि षताशे करनी
है। यहाँ “विविधता में एकता”
वास्तविक खुशहाली होने के साथ ही
वर्तमान तथा भविष्य की प्रगति के
लिये रास्ता है।
भारत को एक स्वतंत्र देश बनाने के
लिये भारत के सभी धर्मों के लोगों
के द्वारा चलाये गये स्वतंत्रता
आंदोलन को हम कभी नहीं भूल सकते
है। भारत में “विविधता में एकता” का
स्वतंत्रता के लिये संघर्ष बेहतरीन
उदाहरण है। भारत में “विविधता में
एकता” सभी को एक कड़ा संदेश देता है
कि बिना एकता के कुछ भी नहीं है। प्यार
और समरसता के साथ रहना जीवन के
वास्तविक सार को उपलब्ध कराता है।
भारत में “विविधता में एकता” दिखाती
है कि हम सभी एक भगवान के द्वारा पैदा,
परवरिश और पोषित किये गये हैं।
विविधता में एकता

भारत में “विविधता में एकता” की


प्रसिद्ध अवधारणा बिल्कुल सटीक बैठती
है। “विविधता में एकता” का अर्थ है
अनेकता में एकता। कई वर्षों से इस
अवधारणा को साबित करने वाला भारत
एक श्रेष्ठ देश है । भारत एक ऐसा देश है
जहाँ पर “विविधता में एकता” देखने के
लिये ये बहुत स्पष्ट है क्योंकि अपने
धर्म के लिये एक-दूसरे की भावनाओं और
भरोसे को बिना आहत किये कई कई
धर्मों, नस्लों, संस्कृतियों, और
परंपराओं के लोगों का एक साथ रहते
हैं।
भारत एक ऐसा देश है जो “विविधता में
एकता” की अवधारणा को अच्छे तरीके
से साबित करता है। “विविधता में
एकता” भारत की शक्ति और मजबूती है जो
आज एक महत्वपूर्ण गुण के रुप में
भारत की पहचानकराता है।
विविधता में एकता का अर्थ
विव श्वमें भारत सबसे पुरानी सभ्यता का
एक जाना-माना देश है जहाँ वर्षों से कई
प्रजातीय समूह एक साथ रहते हैं।
भारत विविध सभ्यताओं का देश है जहाँ
लोग अपने धर्म और इच्छा के अनुसार
लगभग 1650 भाषाएँ और बोलियों का
इस्तेमाल करते हैं। संस्कृति, परंपरा,
धर्म, और भाषा से अलग होने के
बावजूद भी लोग यहाँ पर एक-दूसरे का
सम्मान करते हैं साथ ही भाईचारे
कीभावना के साथ रहते हैं।
भारत : विभिन्नता में एकता का आदर्
उदाहरण
आमतौर पर विभिन्न राज्यों में रहने
वाले लोग अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा,
परिधान, उत्सव, रुप आदि में अलग होते
हैं (बंगाली, महाराष्ट्रीयन, पंजाबी,
तमिलीयन, आदि के रुप में जाने जाते
हैं); फिर भी वो अपने आपको भारतीय
कहते हैं जो “विविधता में एकता” को
त करता है।भारत में लोग अपनी
प्रदर् तर्शि
संपत्ति के बजाय आध्यात्मिकता, कर्म
और संस्कार को महत्व देते हैं जो उन्हें
और पास लाता है। अपने अनोखे गुण
के रुप में यहाँ के लोगों में धार्मिक
सहिष्णुता है जो उन्हें अलग धर्म की
उपस्थिति में कठिनाई महसूस नहीं
करने देती।

भारत में अधिकतर लोग हिन्दू धर्म के


है जो अपनी धरती पर सभी दूसरी अच्छी
संस्कृतियों को अपनाने और स्वागत
करने की क्षमता रखती है। भारतीय
षता एँयहाँ पर
लोगों की इस तरह की वि षताएँशे
“विविधता में एकता” को प्रसिद्ध करती
है, और दुनियाभर में भारत को प्रसिद्धि
दिलाती है।

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