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मोद-बाबूजी य या आपने?
जीवनलाल- दा न होगी।
मोद-पर बाबूजी य कमला को ना ए घर गया तो माँ दय ट जाएगा।
जीवनलाल- अपना य सूना चुका कमला दा न होगी।जब तक तुम पाँचह र नगद इस हाथ पर रख न दोगे तब तक कमला दा न होगी।
मोद-परंतु बाबूजी यह तो सरासर अ य । उस भोली-भाली ल ने आपका ग , जो दा न करके आप उससे बदला ले र । और बेटी वाला समझकर
ही आप मेरा अपमान कर र तु यह न भू ए आप भी बेटी वाले । और रमेश बाबू होते तो…
जीवनलाल-हाँ! हम भी बेटी वाले ! ले न हमने छले महीने ही गौरी शादी थी और इतना द ज या था खने वा ने दा तले उँ ग याँ दबा ली।ले न हम
तु री तरह न ।और हाँ! कहते हो रमेश बाबू होते तो.. तो कर लेता वह? मे सामने मुँह खोलने तन उसमे।वह तु री तरह ब के मुँह लगने
बदतमी करने वाला कोई आवारा छोकरा न ।(तभी जीवन लाल वहाँ से चला जाता )