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11/13/23, 10:30 PM दो बैलों की कथा पाठ का सारांश | Do bailon ki katha Summary class 9 Chapter-1 | Kshitiz Hindi class 9 | EduGrown

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ले खक के अनुसार गधा एक सीधा और िनरापद जानवर है । वह सुख-दु ख , हािन-लाभ, िकसी भी दशा म कभी नही ं
बदलता। उसम ऋिष-मुिनयों के गुण होते ह, िफर भी आदमी उसे बेवकूफ़ कहता है। बैल गधे के छोटे भाई ह जो
कई रीितयों से अपना असं तोष कट करते ह।

झूरी काछी के पास हीरा और मोती नाम के दो और सुं दर बै ल थे । वह अपने बैलों से ब त ेम करता था।
हीरा और मोती के बीच भी घिन संबंध था। एक बार झूरी ने दोनों को अपने ससु राल के खेतों म काम करने के िलए
भे ज िदया। वहाँ उनसे खूब काम करवाया जाता था लेिकन खाने को खा-सूखा ही िदया जाता था। अत: दोनों र ी
तु ड़ाकर झूरी के पास भाग आए। झूरी उ दे खकर ब त खुश आ और अब उ खाने -पीने की कमी नही ं रही।
दोनों बड़े खुश थे । मगर झूरी की ी को उनका भागना पसंद नहीं आया। उसने उ खरी-खोटी और मजू र ारा
खाली सूखा भू सा खलाया गया। दू सरे िदन झूरी का साला िफर उ ले ने आ गया। िफर उ कड़ी मेहनत करनी
पड़ी पर खाने को सू खा भूसा ही िमला।

कई बार काम करते समय मोती ने गाड़ी खाई म िगरानी चाही तो हीरा ने उसे समझाया। मोती बड़ा गु ैल था , हीरा
धीरज से काम लेता था। हीरा की नाक पर जब खूब डं डे बरसाए गए तो मोती गु े से हल लेकर भागा, पर गले म
बड़ी र याँ होने के कारण पकड़ा गया। कभी-कभी उ खूब मारा-पीटा भी जाता था। इस तरह दोनों की हलत
ब त खराब थी।
वहाँ एक छोटी-सी बािलका रहती थी। उसकी माँ मर चुकी थी। उसकी सौतेली माँ उसे मारती रहती थी , इसिलए
उन बैलों से उसे एक कार की आ ीयता हो गई थी। वह रोज़ दोनों को चोरी-िछपे दो रोिटयाँ डाल जाती थी। इस
तरह दोनों की दशा ब त खराब थी। एक िदन उस बािलका ने उनकी र याँ खोल दी। दोनों भाग खड़े ए। झूरी
का साला और दू सरे लोग उ पकड़ने दौड़े पर पकड़ न सके। भागते -भागते दोनों नई ज़गह प ँच गए। झूरी के घर
जाने का रा ा वे भूल गए। िफर भी ब त खुश थे । दोनों ने खेतों म मटर खाई और आज़ादी का अनु भव करने लगे ।
िफर एक साँड से उनका मुकाबला आ। दोनों ने िमलकर उसे मार भगाया , ले िकन खेत म चरते समय मािलक आ
गया। मोती को फँसा दे खकर हीरा भी खुद आ फँसा। दोनों काँ जीहौस म बं द कर िदए गए। वहाँ और भी जानवर
बं द थे । सबकी हालत ब त खराब थी। जब हीरा-मोती को रात को भी भोजन न िमला तो िदल म िव ोह की ाला
भड़क उठी। िफर एक िदन दीवार िगराकर दोनों ने दू सरे जानवरों को भगा िदया। मोती भाग सकता था पर हीरा को
बँ धा दे खकर वह भी न भाग सका।

काँ जीहौस के मािलक को पता लगने पर उसने मोती की खूब मर त की और उसे मोटी र ी से बाँ ध िदया। एक
स ाह बाद कँजीहौस के मािलक ने जानवरों को कसाई के हाथों बेच िदया। एक दिढ़यल आदमी हीरा-मोती को ले
जाने लगा। वे समझ गए िक अब उनका अंत समीप है । चलते -चलते अचानक उ लगा िक वे प रिचत राह पर आ
गए ह। उनका घर नज़दीक आ गया था। दोनों उ होकर उछलने लगे और दौड़ते ए झूरी के ार पर आकर
खड़े हो गए। झूरी ने दे खा तो खुशी से फूल उठा। अचानक दिढ़यल ने आकर बैलों की र याँ पकड़ ली। झूरी ने
कहा िक वे उसके बै ल ह , पर दिढ़यल ज़ोर-ज़बरद ी करने लगा। तभी मोती ने सींग चलाया और दिढ़यल को दू र
तक खदे ड़ िदया। थोड़ी दे र बाद ही दोनों खुशी से खली-भूसी-चूनी खाते िदखाई पड़े । घर की मालिकन ने भी
आकर दोनों को चूम िलया।

दो बैलों की कथा 󰊐
https://school.edugrown.in/दो-बैलों-की-कथा-पाठ-का-सारा/ 3/8

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