BA Part - III History of America by Dr. Amiya Anand

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बाबासाहे ब भीमराव अंबेडकर बबहार यनू िवर्सिटी मज

ु फ्फरपुर
BA Part -3 HISTORY (Honours)
अमेररका का इनिहास

अमेररकी क्ांनि के कारण, घटिा एवं प्रभाव


अमेररकी क्ान्ति (1776 ई.) के कारण

• अमेरिकी उपनिवेशों का ववद्रोह औि अमेरिकी स्वतंत्रा-युद्ध उि परिस्स्िनतयों का परिणाम िा जो

सप्तवर्षीय युद्ध के कािण उपस्स्ित हुई। 1763 ई. में सप्तवर्षीय युद्ध की समास्प्त होिे पि इंग्लैण्ड

एक ववस्तत
ृ औपनिवेशशक साम्राज्य का अधधपनत िा। अमेरिका के 13 उपनिवेशों में अंग्रेजों की

प्रधािता िी औि वहााँ इंग्लैण्ड जैसी िाजिीनतक संस्िाएाँ व पिं पिाएाँ प्रचशलत िीं। अठािहवीं सदी के

मध्य तक, इंग्लैण्ड की भााँनत ही, अमेरिकी उपनिवेशों में अिुकूल वाताविण होिे के कािण उपनिवेश

वालों िे इंग्लैण्ड की अपेक्षा काफी महत्वपूणण व प्रगनतशील प्रयोग ककये। अमेरिकी उपनिवेशों में

क्ांनतकािी िाजिीनतक प्रयोग व परिवतणि इसशलए संभव हो सके क्योंकक अमेरिका में बहुसंख्यक

प्यूरिटि होिे से धाशमणक स्स्िनत अिुकूल िी। अमेरिका की सामास्जक तिा आधिणक स्स्िनत भी बडी

सहायक शसद्ध हुई व भौगोशलक परिस्स्िनतयों िे भी िाजिीनतक परिवतणिों में काफी योगदाि ददया।

इंग्लैण्ड की सिकाि द्वािा सुदिू स्ि अमेरिकी उपनिवेशों पि नियंत्रण स्िावपत कििा सिल ि िा।

इंग्लैण्ड की सिकाि अमेरिकी उपनिवेशों के व्यापाि-वाणणज्य के प्रनत हस्तक्षेप औि नियंत्रण की िीनत

इस उद्दे श्य से अपिाती िी कक इंग्लैण्ड के आधिणक, औद्योधगक व व्यापारिक दहतों की वद्


ृ धध हो सके।

यद्यवप इंग्लैण्ड की सिकाि की िीनत अमेरिकी दहतों के प्रनतकूल िी, पिं तु कई कािणों से अमेरिकी

उपनिवेशों िे काफी समय तक इसे सहि ककया क्योंकक काफी समय तक इंग्लैण्ड के नियंत्रण की िीनत

को पूणण रूप से कायाणस्ववत िहीं ककया गया; संभाववत फ्ांसीसी आक्मण के ववरूद्ध इंग्लैण्ड की

सहायता प्राप्त होिे के कािण अमेरिकी उपनिवेशों िे आधिणक नियंत्रण को सहि ककया व काफी समय

तक अमेरिकी उपनिवेश अशक्त होिे के कािण इंग्लैण्ड के आधित िहे। ककवतु सप्तवर्षीय युद्ध की

समास्प्त होिे पि 1763 ई. की पेरिस की संधध से अमेरिकी परिस्स्िनतयााँ पूणणतया बदल गयीं। अब

अमेरिकी उपनिवेशों को फ्ासं ीीशसयों की ओि से काइेि ् भय ि िहा। अत: उवहें गह


ृ -सिकाि पि आधित

िहिे की आवश्यकता िहीं िह गयी। सप्तवर्षीय युद्ध के काल में अमेरिकी उपनिवेश ि केवल धि

संपदा से संपवि हो गये िे, बस्कक वे काफी आत्म-निभणि भी हो गये िे, औि उि लोगों की संख्या भी
बढ़ती जा िही िी। अत: अब उवहें गह
ृ -सिकाि का नियंत्रण पसंद िहीं िा। वह उिके नियंत्रण से बाहि

निकलिा चाहते िे।

2. 1763 ई. में जॉजण ग्रेिववल िे स्जस मंत्रत्रमण्डल की िचिा की, उसके ववचािािस
ु ाि अमेरिकी

उपनिवेशों को पव
ू ण के यद्
ु ध के आधिणक बोझ तिा िाष्ट्रीय सिु क्षा के दानयत्व के भाि अपिे ऊपि लेिा

िा। उिका माििा िा कक इंग्लैण्ड िे फ्ासीसी आक्मणों के ववरूद्ध अमेरिकी उपनिवेशों की िक्षा की

िी, अत: अमेरिकी उपनिवेशों पि िये कि लगाये जािे चादहए औि इस प्रकाि इंग्लैण्ड की आधिणक

समस्या का समाधाि ककया जािा चादहए। अत: इंग्लैण्ड के रिक्त कोर्ष की पनू तण व आधिणक संकट का

सामिा कििे के उद्दे श्य से त्रिदटश संसद िे दो महत्वपण


ू ण एक्ट पास ककये-

• पहला शग
ु ि एक्ट-1764 ई.

• दस
ू िा स्टाम्प एक्ट-1765 ई.

पिं तु शीघ्र ही अमेरिकी उपनिवेशों िे इि दोिो एक्टों के ववरूद्ध अपिा असंत ोर्ष प्रकट ककया। उवहोंिे वह

िािा बल
ु ंद ककया कक ‘‘त्रबिा प्रनतनिधधत्व के किािोपण अवयाय व अत्याचाि हैं’’ व ‘‘त्रबिा प्रनतनिधधत्व के

किािोपण िहीं हो सकता।’’ क्योंकक स्टाम्प एक्ट िे सभी उपनिवेशों में भयकंि धचिगािी भि दी अत:

अमेरिकी लोगों िे ‘अधधकाि की घोर्षणा’ की, स्जिसे दं गे आिं भ हो गये तिा त्रिदटश मालों का बदहष्ट्काि

ककया गया। अत: ववववश होकि 1766 ई. में गह


ृ -सिकाि िे स्टाम्प एक्ट को िद्द कि ददया।

3. 1767 ई. में गह
ृ -सिकाि िे उपनिवेशों के आयात की कई चीजों पि, जैसे कााँच, सीसा, िं ग, कागज,

चाय, इत्यादद पि चाँग


ु ी लगा दी। इससे तिु ं त ही अमेरिकी उपनिवेशों में भयंकि वविोध आिं भ हो गये औि

1770 ई. में बोस्टि िगि में हत्याकाण्ड की घटिा हो गई। इि घटिाओं से प्रभाववत होकि गह
ृ -सिकाि िे

अवय चीजों पि से चाँग


ु ी हटा दी, पिं तु चाि चीजों पि चाँग
ु ी पव
ू णवत ् बिी िही। अत: अमेरिकी उपनिवेशों िे

क्ोध में आकि बोस्टि के बंदिगाह पि चाय से लदे हुए एक जहाज में प्रववष्ट्ट होकि चाय की पेदटयााँ उठा-

उठाकि समद्र
ु में फेंक दी। यह घटिा इनतहास में “बोस्टि टी पाटी” के िाम से प्रशसद्ध है। इस घटिा के

जवाब में 1774 ई. में गह


ृ -सिकाि िे पााँच एक्ट पास ककये। इिके द्वािा बोस्टि के बंदिगाह को व्यापाि के

शलए त्रबककुल बंद कि ददया गया औि मैसाचस


ु ेट्स की प्रनतनिधध-संस्िायें भंग कि दी गयी। 1774 ई. में ही

कफलाडेलकफया में महाद्वीपीय कांग्रेस की बठैक हुई। इस बैठक द्वािा सम्राट जॉजण तत
ृ ीय के पास अपिा

आवेदि भेजा गया, पिं तु इसका कोई लाभ िहीं हुआ। अब सम्राट जॉजण तत
ृ ीय, त्रिदटश संसद व अमेरिकी

उपनिवेश अपिी-अपिी िीनत पि झक


ु िे को तैयाि िहीं िे। अब इंग्लैण्ड तिा अमेरिकी उपनिवेशशकों के
बीच समझौते की कोई संभाविा िहीं िह गयी। प्रािं भ में किों के ववरूद्ध जो वविोध आिं भ हुआ िा, अब

वह िाजिीनतक प्रभाव एवं सत्ता स्िावपत कििे के आंदोलि में परिणत हो गया।

4. इंग्लैण्ड की दमि-िीनत से तंग आकि 1779 ई. की 4 जल


ु ाई के ददि अमेरिकी कांग्रेस िे बडी क्ांनतकािी

कायणवाही आिं भ की अिाणत इसिे अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता घोवर्षत कि दी, स्जसका अमेरिकी दे शभक्तों

िे सहर्षण ही स्वागत ककया। इंग्लैण्ड में िाजा औि संसद दोिों िे ही इस स्वतंत्रता की घोर्षणा की निंदा कक तिा

इस घटिा को उपनिवेशशकों द्वािा गई िाजद्रोह बताया की संज्ञा प्रदाि की।

अमेररकी क्ान्ति (1776 ई.) की प्रमुख घटिाएं-

अमेरिकी स्वतंत्रता का यद्


ु ध 1774 ई. से 1783 ई. तक चला। अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का यह संघर्षण प्रत्येक

उपनिवेश लगभग सभी। इस यद्


ु ध में भाग लेिे वालों को जॉजण वाशशगंटि जैसे दृढ़-संककप, शातं औि गंभीि

स्वभाव के महाि व्यस्क्त का कुशल िेतत्ृ व प्राप्त हुआ। जॉजण वाशशगंटि में संतशु लत उत्साह व शस्क्त िी, उसमें

दृढ़-निश्चय, स्स्ििता व एकाग्रता िी। इस यद्


ु ध में फ्ांसीशसयों िे सप्तवर्षीयण यद्
ु ध की पिाजय का प्रनतशोध

लेिे के उद्दे श्य से ग्रेट त्रिटे ि के ववरूद्ध अमेरिकी उपनिवेशों की सहायता की। वास्तव में फ्ांसीसी सहायता ही

अमेरिकी सफलता का प्रमुख कािण शसद्ध हुई। स्वतंत्रता की घोर्षणा तिा यद्
ु ध के प्रािं भ होिे के पश्चात ्

उपनिवेशों को शरू
ु में ववफलताओं या पिाजयों का सामिा कििा पडा। अंग्रेजों िे वयय
ू ाकण औि कफलाडेलकफया

पि अधधकाि कि शलया, पिं तु 1777 ई. के अंत में स्टे ्िटोगा के यद्


ु ध में अमेरिकी उपनिवेशशकों को महाि

ववजय प्राप्त हुई। इसमें अंग्रेज सेिापनत बिु गोिी को आत्मसमपणण कििा पडा। इस त्रिदटश पिाजय से प्रोत्सादहत

होकि फ्ांस तिा स्पेि भी अमेरिकी उपनिवेशों की सहायता के शलए यद्


ु ध मैं शाशमल हो गए। परिणामस्वरूप,

यह स्वतंत्रता यद्
ु ध एक अंतिाणष्ट्रीय यद्
ु ध के रूप में परिणत हो गया। अब हॉलैण्ड िे भी इंग्लैण्ड के ववरूद्ध

यद्
ु ध घोवर्षत कि ददया। इसी समय से इंग्लैण्ड की जल सेिा औि िौसेिा को भयािक कदठिाइयो तिा पिाजय

का सामिा कििा पडा। 1778 ई. में अंग्रेजों िे कफलाडेलकफया खाली कि ददया औि 1781 ई. में अंग्रेज

सेिापनत िे यॉकणटाउि में समपणण कि ददया। इस प्रकाि यद्


ु ध समाप्त हो गया। 1783 ई. की वसाणई की संधध के

अिस
ु ाि इंग्लैण्ड िे अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता स्वीकाि कि ली औि फ्ासं को उसके उपनिवेश वापस कि

ददये।
अमेररकी क्ान्ति (1776 ई.) का प्रभाव

1. अमेरिकी स्वतंत्रता यद्ु ध की वास्तववक महत्ता ि तो स्पेि या फ्ांस के प्रादे शशक लाभ के दृस्ष्ट्टकोण से िी ि तो

हॉलैण्ड की व्यापारिक क्षनतयों तिा इंग्लैण्ड के साम्राज्य की अविनत में ही िी, बस्कक इसका वास्तववक महत्व

अमेरिकी क्ांनत के सफल संपादि में पायी जाती है। इसिे दै वी अधधकाि पि आधारित िाजतंत्र तिा कुलीितंत्रीय

एकाधधकाि पि घातक प्रहाि ककया।

2. अमेरिकी स्वतंत्रता के यद्


ु ध द्वािा इंग्लैण्ड में ‘िक्तहीि िाज्यक्ांनत’ द्वािा प्रनतपाददत शसद्धांत का औि अधधक

ववकास हुआ। इसिे संसद, प्रनतनिधध संस्िा, जिता की प्रभस


ु त्ता व जितंत्र की प्रनतष्ट्ठा स्िावपत की, अिाणत ्

इसिे त्रिदटश जिंतत्र की िींव डाली।

3. इस यद्
ु ध का फ्ासं पि महत्वपण
ू ण प्रभाव पडा। स्जि फ्ासीसी सैनिकों िे इस यद्
ु ध में भाग शलया िा, वे

अमेरिकी िहि-सहि व शासि पद्धनत से बडे प्रभाववत हुए। अत: स्वदे श लौटिे पि उवहोंिे फ्ांस में अमेरिकी

संस्िाओं जैसी व्यवस्िाओं की मााँग की। इसके फलस्वरूप 1789 ई. में फ्ासीसी िाज्य क्ांनत का प्रािं भ हुआ।

इस यद्
ु ध के कािण फ्ांस की आधिणक स्स्िनत बेहद खिाब हो गयी। इस आधिणक स्स्िनत के कािण ही फ्ांस का

ददवाला निकल गया औि िाज्य क्ांनत का ववस्फोट हुआ।

4. इस यद्
ु ध के परिणामस्वरूप एग्लो- सैक्सि साम्राज्य के दो टुकडे हो गये स्जसके फलस्वरूप इंग्लैण्ड तिा

अमेरिका के बीच मिमट


ु ाव उत्पवि हो गया। यह मिमट
ु ाव काफी समय तक चलता िहा।

5. यिू ोप की िाजिीनत पि अमेरिकी यद्


ु ध का बडा महत्वपण
ू ण प्रभाव पडा। अमेरिकी लोगों के हृदय में स्वतंत्रता की

जो ज्योनत जागत ृ हुई ओि उवहोिे स्जस प्रकाि इंग्लैण्ड से स्वतंत्र होकि एक प्रजातंत्र की स्िापिा कि ली,

इसका फ्ांसीशसयों के ववचािों औि ककपिा पि गहिा प्रभाव पडा। अत: फ्ांसीशसयों िे भी एक प्रजातंत्र की

ककपिा कि डाली औि फलस्वरूप शीघ्र ही फ्ांस में िाज्यक्ांनत आिं भ हुई।

6. आयिलैण्ड पि भी अमेरिकी यद्


ु ध की सफलता का महत्वपण
ू ण प्रभाव पडा। अमेरिका में अपिी पिाजय से त्रिदटश

सिकाि भयभीत हो गयी िी, अत: उसिे आयरिश जिता की मााँग पिू ी कि दी। इस प्रकाि 1800 ई. में यंगि

वपट िे एक्ट ऑफ यनू ियि पास कि त्रिदटश संसद के साि आयरिश संसद को शमला ददया औि इस प्रकाि

आयिलैण्ड की समस्या का समाधाि हो गया।

7. अमेरिकी स्वतंत्रता यद्


ु ध के कािण त्रिदटश साम्राज्य के ववशभवि भागों में अिेक प्रशासकीय तिा वैधानिक सुधाि

ककये गये। भाितवर्षण में स्स्ित ईस्ट इस्ण्डया कंपिी के कायों पि ववशभवि प्रकाि के नियंत्रण िखे गये, स्जससे

कहीं भाितवर्षण भी अमेरिका की भााँनत स्वतंत्रता ि प्राप्त कि ले।

8. अमेरिकी स्वतंत्रता यद्


ु ध के परिणामस्वरूप ही त्रिदटश सिकाि को कई आधिणक समस्याओं का सामिा भी कििा

पडा।
compiled and edited by different source
Dr.Amiya Anand, Assistant Professor
Dept. Of History R.N. College, Hajipur,

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