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BA Part - III History of America by Dr. Amiya Anand
BA Part - III History of America by Dr. Amiya Anand
BA Part - III History of America by Dr. Amiya Anand
ु फ्फरपुर
BA Part -3 HISTORY (Honours)
अमेररका का इनिहास
सप्तवर्षीय युद्ध के कािण उपस्स्ित हुई। 1763 ई. में सप्तवर्षीय युद्ध की समास्प्त होिे पि इंग्लैण्ड
एक ववस्तत
ृ औपनिवेशशक साम्राज्य का अधधपनत िा। अमेरिका के 13 उपनिवेशों में अंग्रेजों की
प्रधािता िी औि वहााँ इंग्लैण्ड जैसी िाजिीनतक संस्िाएाँ व पिं पिाएाँ प्रचशलत िीं। अठािहवीं सदी के
मध्य तक, इंग्लैण्ड की भााँनत ही, अमेरिकी उपनिवेशों में अिुकूल वाताविण होिे के कािण उपनिवेश
वालों िे इंग्लैण्ड की अपेक्षा काफी महत्वपूणण व प्रगनतशील प्रयोग ककये। अमेरिकी उपनिवेशों में
क्ांनतकािी िाजिीनतक प्रयोग व परिवतणि इसशलए संभव हो सके क्योंकक अमेरिका में बहुसंख्यक
प्यूरिटि होिे से धाशमणक स्स्िनत अिुकूल िी। अमेरिका की सामास्जक तिा आधिणक स्स्िनत भी बडी
सहायक शसद्ध हुई व भौगोशलक परिस्स्िनतयों िे भी िाजिीनतक परिवतणिों में काफी योगदाि ददया।
इंग्लैण्ड की सिकाि द्वािा सुदिू स्ि अमेरिकी उपनिवेशों पि नियंत्रण स्िावपत कििा सिल ि िा।
यद्यवप इंग्लैण्ड की सिकाि की िीनत अमेरिकी दहतों के प्रनतकूल िी, पिं तु कई कािणों से अमेरिकी
उपनिवेशों िे काफी समय तक इसे सहि ककया क्योंकक काफी समय तक इंग्लैण्ड के नियंत्रण की िीनत
को पूणण रूप से कायाणस्ववत िहीं ककया गया; संभाववत फ्ांसीसी आक्मण के ववरूद्ध इंग्लैण्ड की
सहायता प्राप्त होिे के कािण अमेरिकी उपनिवेशों िे आधिणक नियंत्रण को सहि ककया व काफी समय
तक अमेरिकी उपनिवेश अशक्त होिे के कािण इंग्लैण्ड के आधित िहे। ककवतु सप्तवर्षीय युद्ध की
समास्प्त होिे पि 1763 ई. की पेरिस की संधध से अमेरिकी परिस्स्िनतयााँ पूणणतया बदल गयीं। अब
िहिे की आवश्यकता िहीं िह गयी। सप्तवर्षीय युद्ध के काल में अमेरिकी उपनिवेश ि केवल धि
संपदा से संपवि हो गये िे, बस्कक वे काफी आत्म-निभणि भी हो गये िे, औि उि लोगों की संख्या भी
बढ़ती जा िही िी। अत: अब उवहें गह
ृ -सिकाि का नियंत्रण पसंद िहीं िा। वह उिके नियंत्रण से बाहि
2. 1763 ई. में जॉजण ग्रेिववल िे स्जस मंत्रत्रमण्डल की िचिा की, उसके ववचािािस
ु ाि अमेरिकी
उपनिवेशों को पव
ू ण के यद्
ु ध के आधिणक बोझ तिा िाष्ट्रीय सिु क्षा के दानयत्व के भाि अपिे ऊपि लेिा
िा। उिका माििा िा कक इंग्लैण्ड िे फ्ासीसी आक्मणों के ववरूद्ध अमेरिकी उपनिवेशों की िक्षा की
िी, अत: अमेरिकी उपनिवेशों पि िये कि लगाये जािे चादहए औि इस प्रकाि इंग्लैण्ड की आधिणक
समस्या का समाधाि ककया जािा चादहए। अत: इंग्लैण्ड के रिक्त कोर्ष की पनू तण व आधिणक संकट का
• पहला शग
ु ि एक्ट-1764 ई.
• दस
ू िा स्टाम्प एक्ट-1765 ई.
पिं तु शीघ्र ही अमेरिकी उपनिवेशों िे इि दोिो एक्टों के ववरूद्ध अपिा असंत ोर्ष प्रकट ककया। उवहोंिे वह
िािा बल
ु ंद ककया कक ‘‘त्रबिा प्रनतनिधधत्व के किािोपण अवयाय व अत्याचाि हैं’’ व ‘‘त्रबिा प्रनतनिधधत्व के
किािोपण िहीं हो सकता।’’ क्योंकक स्टाम्प एक्ट िे सभी उपनिवेशों में भयकंि धचिगािी भि दी अत:
अमेरिकी लोगों िे ‘अधधकाि की घोर्षणा’ की, स्जिसे दं गे आिं भ हो गये तिा त्रिदटश मालों का बदहष्ट्काि
3. 1767 ई. में गह
ृ -सिकाि िे उपनिवेशों के आयात की कई चीजों पि, जैसे कााँच, सीसा, िं ग, कागज,
1770 ई. में बोस्टि िगि में हत्याकाण्ड की घटिा हो गई। इि घटिाओं से प्रभाववत होकि गह
ृ -सिकाि िे
क्ोध में आकि बोस्टि के बंदिगाह पि चाय से लदे हुए एक जहाज में प्रववष्ट्ट होकि चाय की पेदटयााँ उठा-
उठाकि समद्र
ु में फेंक दी। यह घटिा इनतहास में “बोस्टि टी पाटी” के िाम से प्रशसद्ध है। इस घटिा के
कफलाडेलकफया में महाद्वीपीय कांग्रेस की बठैक हुई। इस बैठक द्वािा सम्राट जॉजण तत
ृ ीय के पास अपिा
आवेदि भेजा गया, पिं तु इसका कोई लाभ िहीं हुआ। अब सम्राट जॉजण तत
ृ ीय, त्रिदटश संसद व अमेरिकी
वह िाजिीनतक प्रभाव एवं सत्ता स्िावपत कििे के आंदोलि में परिणत हो गया।
कायणवाही आिं भ की अिाणत इसिे अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता घोवर्षत कि दी, स्जसका अमेरिकी दे शभक्तों
िे सहर्षण ही स्वागत ककया। इंग्लैण्ड में िाजा औि संसद दोिों िे ही इस स्वतंत्रता की घोर्षणा की निंदा कक तिा
स्वभाव के महाि व्यस्क्त का कुशल िेतत्ृ व प्राप्त हुआ। जॉजण वाशशगंटि में संतशु लत उत्साह व शस्क्त िी, उसमें
लेिे के उद्दे श्य से ग्रेट त्रिटे ि के ववरूद्ध अमेरिकी उपनिवेशों की सहायता की। वास्तव में फ्ांसीसी सहायता ही
अमेरिकी सफलता का प्रमुख कािण शसद्ध हुई। स्वतंत्रता की घोर्षणा तिा यद्
ु ध के प्रािं भ होिे के पश्चात ्
उपनिवेशों को शरू
ु में ववफलताओं या पिाजयों का सामिा कििा पडा। अंग्रेजों िे वयय
ू ाकण औि कफलाडेलकफया
ववजय प्राप्त हुई। इसमें अंग्रेज सेिापनत बिु गोिी को आत्मसमपणण कििा पडा। इस त्रिदटश पिाजय से प्रोत्सादहत
यह स्वतंत्रता यद्
ु ध एक अंतिाणष्ट्रीय यद्
ु ध के रूप में परिणत हो गया। अब हॉलैण्ड िे भी इंग्लैण्ड के ववरूद्ध
यद्
ु ध घोवर्षत कि ददया। इसी समय से इंग्लैण्ड की जल सेिा औि िौसेिा को भयािक कदठिाइयो तिा पिाजय
का सामिा कििा पडा। 1778 ई. में अंग्रेजों िे कफलाडेलकफया खाली कि ददया औि 1781 ई. में अंग्रेज
अिस
ु ाि इंग्लैण्ड िे अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता स्वीकाि कि ली औि फ्ासं को उसके उपनिवेश वापस कि
ददये।
अमेररकी क्ान्ति (1776 ई.) का प्रभाव
1. अमेरिकी स्वतंत्रता यद्ु ध की वास्तववक महत्ता ि तो स्पेि या फ्ांस के प्रादे शशक लाभ के दृस्ष्ट्टकोण से िी ि तो
हॉलैण्ड की व्यापारिक क्षनतयों तिा इंग्लैण्ड के साम्राज्य की अविनत में ही िी, बस्कक इसका वास्तववक महत्व
अमेरिकी क्ांनत के सफल संपादि में पायी जाती है। इसिे दै वी अधधकाि पि आधारित िाजतंत्र तिा कुलीितंत्रीय
3. इस यद्
ु ध का फ्ासं पि महत्वपण
ू ण प्रभाव पडा। स्जि फ्ासीसी सैनिकों िे इस यद्
ु ध में भाग शलया िा, वे
अमेरिकी िहि-सहि व शासि पद्धनत से बडे प्रभाववत हुए। अत: स्वदे श लौटिे पि उवहोंिे फ्ांस में अमेरिकी
संस्िाओं जैसी व्यवस्िाओं की मााँग की। इसके फलस्वरूप 1789 ई. में फ्ासीसी िाज्य क्ांनत का प्रािं भ हुआ।
इस यद्
ु ध के कािण फ्ांस की आधिणक स्स्िनत बेहद खिाब हो गयी। इस आधिणक स्स्िनत के कािण ही फ्ांस का
4. इस यद्
ु ध के परिणामस्वरूप एग्लो- सैक्सि साम्राज्य के दो टुकडे हो गये स्जसके फलस्वरूप इंग्लैण्ड तिा
जो ज्योनत जागत ृ हुई ओि उवहोिे स्जस प्रकाि इंग्लैण्ड से स्वतंत्र होकि एक प्रजातंत्र की स्िापिा कि ली,
इसका फ्ांसीशसयों के ववचािों औि ककपिा पि गहिा प्रभाव पडा। अत: फ्ांसीशसयों िे भी एक प्रजातंत्र की
सिकाि भयभीत हो गयी िी, अत: उसिे आयरिश जिता की मााँग पिू ी कि दी। इस प्रकाि 1800 ई. में यंगि
वपट िे एक्ट ऑफ यनू ियि पास कि त्रिदटश संसद के साि आयरिश संसद को शमला ददया औि इस प्रकाि
ककये गये। भाितवर्षण में स्स्ित ईस्ट इस्ण्डया कंपिी के कायों पि ववशभवि प्रकाि के नियंत्रण िखे गये, स्जससे
पडा।
compiled and edited by different source
Dr.Amiya Anand, Assistant Professor
Dept. Of History R.N. College, Hajipur,