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Important Judgments PDF in Hindi
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Important Judgments
2022
For: judiciary exam
ननर्णय : "संविधान के अनुच्छे द 323A और अनुच्छे द 323B के अधीन गठित ककए गए न्यायाधधकरणों
(Tribunals) के सभी ननणणय, उच्च न्यायालय की एक खंडपीि के समक्ष जांच के अधीन होंगे, स्जसके
क्षेत्राधधकार में संबंधधत न्यायाधधकरण आता है "
दस
ू रे शब्दों में , ठिब्यूनल के ककसी भी ननणणय की जांच, उस उच्च न्यायालय की खंडपीि के समक्ष
जाएगी, स्जसके स्जसके क्षेत्राधधकार में संबंधधत ठिब्यूनल आता है ।
5 जनिरी 2022 को प्रधनमंत्री किरजोपुर (पंजाब) की यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की गंभीरता
की जांच करने के ललए उच्चतम न्यायालय की से सेिाननित्त
ृ न्यायाधीश इंद ु मल्होत्रा की अध्यक्षता में
एक जांच सलमनत का गिन ककया गया ।
ननर्णय: एक पत्र
ु ी अपने वपता की टिा-अस्जणत (self acquired) को पत्र
ु के समान प्राप्त करने की
अधधकारणी होती है , तथा ननिणसीयत मत
ृ ठहन्द ू परु
ु ष की पत्र
ु ी अन्य संपास््िणक की तल
ु ना में ऐसी संपवत्त
को प्राप्त करने की हकदार होगी।
यठद ककसी मठहला की मत्ृ यु बबना संतान के होती है तब यठद उसने अपने माता- वपता से उत्तराधधकार
में संपवत्त प्राप्त की है तब वपता के उत्तराधधकाररयों को चली जाएगी और यठद संपवत्त अपने वपता या
्िसरु से विरासत में प्राप्त की है , तो िह उसके पनत के उत्तराधधकाररयों को चली जाएगी।
यठद मठहला की मत्ृ यु के बाद पनत या संतान जीवित हैं तब ठहन्द ू उत्तराधधकार अधधननयम की धार
15(1) के खंड(a) के क्रमानस
ु ार न्यायगत होगी ।
नील ऑरे ललयो नून्स व अन्य बनाम भारत संघ व अन्य (January 20, 2022)
ननर्णय:
यूजी और पीजी मेडडकल और डेंिल पाठ्यक्रमों के ललए अखखल भारतीय कोिा(AIQ) सीिों में ओबीसी
उम्मीदिारों के ललए 27 प्रनतशत आरक्षण संिैधाननक रूप से विधधमान्य है अथाणत संिैधाननक है ।
अनुच्छे द 15(4) और 15 (5) अनुच्छे द 15 (1) के अपिाद नहीं हैं, जो टियं मौललक समानता
के लसदधांत ( विदयमान असमताओं की मान्यता सठहत) को ननधाणररत करता है , इस प्रकार,
अनुच्छे द 15 (4) और 15 (5) मौललक समानता (substantive equality) के ननयम के एक विशेष
खंड (facet) का पुनकणथन बन जाते हैं, स्जसे अनुच्छे द 15 (1) में उपिणीत ककया गया है ;
उमादे वी नास्बबयार बनाम थामरासेरी रोमन केथोललक डायोसी (April 01, 20222)
ननर्णय:
यठद पॉिर ऑि एिानी विलेख के दिारा उसके धारक को मात्र सम्पवत्त प्रबंधन का
अधधकार ठदया गया है तथा उसमें सम्पवत्त विक्रय करने की शस्तत एिानी धारक उसे
नहीं दी है ,तब पॉिर ऑि एिानी के धारक को सम्पवत्त विक्रय करने का अधधकार नहीं
होगा और यठद इस प्रकार विक्रय ककया गया है , तब सम्पवत्त का मल
ू टिामी (पॉिर
ऑि एिानी का ननष्पादक) सम्पवत्त िापस प्राप्त करने का हकदार होगा तयों की ऐसा
अंतरण संपवत्त अंतरण अधधननयम की धारा 41 के अधीन अिैध है ।
ननर्णय:
मााँ बच्चे का एकमात्र संरक्षक होने के कारण बच्चे का कुलनाम (उपनाम) विननस््चत करने का
अधधकार धारण करती है। िह बच्चे को दत्तक में दे ने का भी अधधकार धारण करती है।
न्यायालय हटतक्षेप करने की शस्तत धारण कर सकता है , ककन्तु केिल तब ही जब इस प्रभाि
को कोई विननठदणष्ि प्राथणना ककया गया हो और ऐसी प्राथणना अि्य ही ऐसी धारणा पर केस्न्ित
होना चाठहए कक बच्चे का कल्याण प्राथलमक प्रनतिल (विचार) है।
मोहबमद लतीफ़ माग्रे बनाम जबमू एवं कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र (September12,
2022)
ननर्णय:
ननर्णय: अलभयत
ु त की जमानत याधचका खाररज करते हुए कहा कक, आयण समाज के दिारा जारी
वििाह प्रमाण पत्र मान्य नहीं है । आयण समाज का कायण वििाह प्रमाण पत्र जारी करना नहीं है , यह कायण
केिल इस हे तु सक्षम प्राधधकारी के दिारा ही ककया जा सकता है ।
ननर्णय: इस मामले में याधचकाकताण राष्िीय तकनीकी सलाहकार समूह का सदटय था। स्जसने
लोकठहत में विलभन्न अनत
ु ोष प्राप्त करने के ललए याधचका िाइल की, स्जसमें से एक अनुतोष
यह मांगा कक कोविड-19 िैतसीन को ककसी भी तरीके से अननिायण ककया जाए ।
ननर्णय: घरे लू ठहंसा की धारा 2(F) में संयुतत पररिार का अथण पररिार के रूप में एक साथ
रहने से है ना कक ऐसे संयत
ु त पररिार से है जैसा, ठहंद ू विधध में समझा जाता है।
इसका अथण होगा एक पररिार के रूप में संयत
ु त रूप से रहने िाले व्यस्तत। इसमें न केिल एक
साथ रहने िाले पररिार के िे सदटय शालमल होंगे, जो रतत, वििाह या दत्तक से संबंधधत हों,
बस्ल्क िे व्यस्तत भी जो संयत
ु त पररिार के रूप में एक साथ या संयत
ु त रूप से रह रहे हैं जैसे
पोवषत बच्चे जो अन्य सदटयों के साथ रहते हैं, जो सगोत्र, वििाह या दत्तक से संबंधधत हैं।
नारायर् मेडडकल कॉलेज बनाम संबंचधत प्रदे श राज्य (November 07, 2022)
पीठ: न्यायमूनतण एम आर शाह, न्यायमूनतण सुधांशु धूललया
ननर्णय: इस मामले में क्षेत्रों राज्य सरकार के उस आदे श को चुनौती दी गई थी स्जसके दिारा
मेडडकल आिेदनों में लाइसेंस 7 गुना बढाकर 24 लाख प्रनत िषण कर ठदया गया।
आदे श को खाररज करते हुए सुप्रीम "न्यायालय ने कहा कक लशक्षा लाभ कमाने का व्यिसाय
नहीं होना चाठहए, लशक्षण शुल्क हमेशा िहनीय(सटता )होना चाठहए।"
ननर्णय :
आरक्षण राज्य के दिारा सकारात्मक कारण िाई का एक साधन है ताकक असमानताओं का सामना करते हुए
एक समतािादी समाज के लक्ष्यों की ओर सिण-समािेशी माचण (सीमा) सुननस््चत की जा सके; यह न
केिल सामास्जक और शैक्षखणक रूप से वपछिे िगों को समाज की मुख्य धारा मे शालमल करने का एक
साधन है बस्ल्क ककसी कमजोर िंधचत िगण या अनभ
ु ाग के कमजोर िगण के ललए भी उत्तर दे ना है । इस
पष्ृ िभूलम में, आरक्षण को आधथणक मापदं ड पर ही संरधचत ककया गया है , यह भारत के संविधान की ककसी
भी आि्यक विशेषता का उल्लंघन नहीं करता है और न ही संविधान के आधरभूत ढांचे को कोई
नुकसान काररत करता है ।
b) अनच्
ु छे द 15(4), 15(5) और 16(4) के अधीन आने िाले िगों को, आधथणक रूप से कमजोर (ews) के
रूप में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने से अपिस्जणत करना, गैर-भेदभाि और प्रनतपूरक भेदभाि की
आि्यकताओं को संतुललत करने की प्रकृनत में होने के कारण, समता संठहता का उल्लंघन नहीं करता
है और न ् ही ककसी भी तरह से भारत के संविधान की आधारभूत संरचना को नक
ु सान काररत करता
है ।
c ) आधथणक रूप से कमजोर िगण के नागररकों ललए विदयमान आरक्षण के अनतररतत दस प्रनतशत तक
आरक्षण से , भारत के संविधान की ककसी भी आि्यक विशेषता का उल्लंघन नहीं होता है तथा पचास
प्रनतशत की उच्चतम सीमा के उल्लंघन के कारण, भारत के संविधान की आधारभूत संरचना को नुकसान
काररत करता है , तयोंकक यह सीमा अपने आप में अनम्य नहीं है और ककसी भी मामले में , केिल भारत
के संविधान के अनच्
ु छे द 15(4), 15(5) और 16(4) दिारा पररकस्ल्पत आरक्षणों पर लागू होती है ।
ससंविधान का 103 िां संशोधन अधधननयम संिैधाननक है यह ककसी भी प्रकार से संविधान के आधारभत
ू
ढाचे के लसदधांत का उल्लंघन नहीं है
सख
ु पाल लसंह खैरा बनाम पंजाब राज्य (December 5, 2022)