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Mangalvar Vrat Katha Aarti
Mangalvar Vrat Katha Aarti
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अंजनीपत्र
ु महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीड़ा रघन
ु ाथ पठाए। लंका जारर लसया सगु र् लाए॥
बाएाँ भज
ु ा असरु संहारे । दादहने भज
ु ा संत जन तारे ॥
जो हनम
ु ानजी की आरती गावै। बलस बैकंु ठ परमपद पावै
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