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ओड़िसा के पंचसखा में से एक संत अच्युतानंददास की ने 500 वर्ष पहले अनगिनत

भविष्यवाणियां की हैं। इनकी भविष्यवाणी की किताब को 'भविष्य मालिका' कहा जाता है। उनकी
भविष्यवाणियों में कलयुग में अकाल, युद्ध, विस्फोट, भूचाल, महामारी के साथ ही दे# शोंके
भविष्य को लेकर भी भविष्यवाणियां हैं। उन्होंने भारत, अमेरिका और रूस को लेकर भी
भविष्यवाणी की है। उन्होंने से संकेत दिए हैं जिससे यह पता चल सके की यह भविष्यवाणियां
कब घटित होने वाली है। उन्होंने जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी भविष्वाणियों के आधार पर ही विव श्व
की घटनाओं का उल्लेख किया है। उन्होंने कलयुग के अंत और इस काल में घटने वाली घटनाओं
का भी जिक्र किया है। उनकी एक भविष्वाणी महाभारत काल से भी जुड़ी हुई है। उन्होंने कलयुग के
अंत और उसके बाद विनाश की भविष्यवाणी की थी। इसके बाद उन्होंने सतयुग के प्रारंभ की बात
कहीं है। कहते हैं कि भविष्य मालिका एक गुप्त ग्रंथ है। उसकी जो भी भविष्वाणियां बताई जा रही
है वह थोड़ी बहुत कहीं से सुनकर या महंतों से सुनकर बताई जा रही है। कहते हैं कि कलयुग के
अंत में इस ग्रंथ को लोगों के सामने लाने के कार्य करेंगे प्रभु जगन्नाथ के 256 भक्त।
कहते हैं कि ओड़िसा के सत्या भांजा नाम के एक व्यक्ति ने ‍भविष्य मालिका का खूब प्रचार
प्रसार किया है। उन्हीं के वीडियो को सुनकर हजारों लोग अपने अपने तरीके से भविष्य मालिका
की भविष्‍यवाणियों को प्रचारित कर रहे हैं। हाल ही में महाभारत के युद्ध को लेकर भी उनकी
भविष्वाणी वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि महाभारत के युद्ध के समय कई लोग किसी
कारणवश इस युद्ध में भाग नहीं ले पाए थे। वे सभी योद्धा युद्ध लड़ना चाहते है और अब उनकी
यह इच्छा कलयुग के अंत में पुरी होगी जबकि कल्कि अवतार का जन्म होगा। भगवान बलराम भी युद्ध
में भाग नहीं ले पाए थे। बलरामजी को ही जगन्नाथपुरी में बलबद्र के नाम से जाना जाता है।
कलयुग के अंत में बलरामजी प्रकट होंगे। और कलयुग के अंत में महाभारत का अधुरा युद्ध फिर
से लड़ा जाएगा। भविष्य मालिक में ऐसे संकेत किए गए हैं जिससे यह पता चलता है कि कब
कलयुग का अंत होगा। वायरल हो रहे वीडियो में बताया जा रहा है कि जगन्नाथ मंदिर से मिल रहे
संकेतों से यह पता चलता है कि वर्ष 2022 में कलयुग का अंत हो गया है और अब विनाश का
प्रारंभ होगा। कहा जा रहा कि शनि के कंभ रा निशों ‍व युद्ध प्रारंभ की
में प्रवेश करते ही तीसरे वि शों
नींव पड़ जाएगी। शनि ने 29 अप्रैल को ही कुंभ में प्रवेश किया है। उससे पहले ही र या याशि
और
यूक्रेन का युद्ध प्रारंभ हो गया है। बताया जा रहा है कि शनि के वक्री होकर 12 जुलाई 2022 को
में गोचर करेगा। उसके बाद जब 17 जनवरी 2023 को शनि पुन: कुंभ में आएंगे तो
मकर रा निशों
‍व युद्ध प्रारंभ हो जाएगा। यह युद्ध 6 साल 6 माह चलेगा और भारत इसमें अंतिम के
तीसरा वि शों
13 माह तक शामिल रहेगा। यानी वर्ष 2028 से 2029 के बीच भारत युद्धरत रहेगा। जीत अंत में
भारत की होगी। लेकिन तब तक भारत में मिलट्री शासन होगा। उसके बाद भारत की शासन व्यवस्था
अलग ही होगी। यानि उस वक्त ओड़िसा का अंतिम राजा गजपति महाराज होगा और भारत के आखिर
प्रधानमंत्री के बारे में कहा गया है कि वह एक योगी पुरुष होगा और उसकी कोई संतान नहीं होगी।
सभी मान रहे हैं कि यो‍गी आदित्यनाथ ही भारत के अंतिम प्रधानमंत्री होंगे। वायरल हो रही
उपरोक्त भविष्यवाणियों का प्रमाण हम नहीं दे सकते और न ही इसकी पुष्टि कर सकते हैं। उनकी
इन भविष्यवाणियों को कई लोग तोड़-मरोड़ कर भी पेश करते हैं और अपने तरीके से भी
प्रचारित कर रहे हैं।

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