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तदश नप (2022-23)

हंद (ब) कोड सं या 085


क ा – दसवीं पण
ू ाक:80

सामा य नदश :
(1) इस अंक योजना का उ दे य मू यांकन को अ धका धक व तु न ठ बनाना है । इस नप म
व तप
ु रक एवं वणना मक न ह। अत: अंक योजना म दए गए वणना मक न के उ र- बंद ु
अं तम नह ं ह। ये सुझावा मक एवं सांके तक ह।
(2) य द पर ु ं से भ न, कंतु उपयु त उ र द, तो उ ह अंक दए जाएँ।
ाथ इन सांके तक बंदओ
(3) समान ु टय के लए थान- थान पर अंक न काटे जाएँ।
(4) गुणव ापूण, सट क उ र पर शत- तशत अंक दे ने म कसी कार का संकोच न कया जाए।
(5) मू यांकन म 0 से 100 तशत अंक का पैमाना वीकाय है।
(6) मू यांकन काय नजी या या के अनस
ु ार नह ं, बि क अंक योजना के नदशानस
ु ार ह कया
जाए।

खंड - अ
न 1 अप ठत ग यांश पर आधा रत बहु वक पी न (1×5 =5)

(1) (घ) व भ नता म एकता का तीक


(2)(ग) ाचीन सु यवि थत स यता का
(3) (ग) भारतीय स यता व सं कृ त का संर ण आव यक है ।
(4) (क) सू म अवलोकन एवं कला- ेम
(5) (ग) कथन (A) सह है ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है।

न 2 अप ठत ग यांश पर आधा रत बहु वक पी न (1×5 =5)


(1)(ख) कथन का ामा णक होना
(2) (ख) प र म
(3) (ग) (i) और (iii)
(4) (ग) अ वेषण
(5) (ग) मेहनत से क पना साकार होती है ।

न 3 पदबंध पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए-


(1x4=4)
(1) (ग) या पदबंध
(2) (ग) नभ क और साहसी
(3) (ग) दोन कबूतर रातभर खामोश और उदास बैठे रहते ह।
(4) (क) सं ा पदबंध
(5) (घ) या वशेषण पदबंध

न 4 'रचना के आधार पर वा य भेद' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार


न के उ र द िजए- (1x4=4)
(1) (क) तताँरा को दे खते ह वह फूटकर रोने लगी।
(2) (ग) म त वा य
(3) (ग) आपके काय म इतने अ छे होते ह क सभी पसंद करते ह।
(4) (क) आपने मुझे कारतस
ू दए इस लए आपक जान ब शी करता हूँ।
(5) (ख) संयु त वा य

न 5 समास पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए-


(1x4=4)
(1) (ख) कमधारय समास
(2) (ग) चं पी खलौना
(3) (ग) ii और iv
(4) (घ) स य के लए आ ह - त पु ष समास
(5) (ग) चार ह मुख िजसके अथात मा - बहु ी ह समास

न 6 मुहावरे पर आधा रत छह बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए-


(1x4=4)

(1) (ग)प ने रं गना- यथ म लखना


(2) (ख) अंधे के हाथ बटे र लगना
(3) (घ) द वार खड़ी कर दे ता है
(4) (ग) पैर पर खड़ा
(5) (क) को हू का बैल
(6) (ग) कलेजा मुँह को आना
न 7 प यांश को पढ़कर पूछे गए न के उ र के लए सह वक प का चयन क िजए-

(1×5 =5)
(1) (ख) सम वय
(2) (घ) मनोवां छत माग
(3) (क) सफल करते हुए वयं सफल होना
(4) (ख) मतभे द कम ह
(5) (ख) (i),(iii),(v)

न 8 न के उ र दे ने के लए उ चत वक प का चयन क िजए – (1x2=2)

(1) (क) दे श क र ा सभी दे शवा सय का कत य है ।


(2) (क) भु क स ा पर संदेह न करना।

न 9 ग यांश को पढ़कर पूछे गए न के उ र के लए सह वक प का चयन क िजए-


(1x5=5)

(1) (क)दस दशाओं का गहन ान दशक को नह ं होगा।


(2) (घ) आदशवाद ,उ चको ट के गीतकार व क व
(3) (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या
करता है।
(4) (घ) अवलोकन
(5) (घ) बेहद गंभीर, उदार, ढ इ छाशि त और भावक

न 10 न के उ र दे ने के लए उ चत वक प का चयन क िजए –(1×2 =2)


(1) (ख) (i) और (ii)
(2) (घ) अ य प से अवध पर कंपनी का आ धप य था पत करना

खंड - ब (वणना मक न)

न 11 क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए - (3x2=6)


(1) पाठ - पतझड़ म टूट प याँ पर आधा रत
 चाय पीने क परंपरा
 चानोयू ,शांत वातावरण म वतमान क समझ
 श ाथ अपने मतानस
ु ार लखगे

(2)
 दे श क एकता अखंडता बनाए रखने के लए क टब ध
 दे श भि त व दे श के वकास के लए यासरत
 पाठ से सीख - ां तका रय क कुबा नय को याद करके एक संग ठत समाज
 कृत संक प संग ठत समाज वारा सभी कुछ संभव

(3) तताँरा-वामीरो कथा


 ढ़य का बंधन बोझ बन जाना
 तताँरा-वामीरो क यागमयी मृ यु से प रवतन
 श ाथ अपने मतानस
ु ार लखगे।

न 12 क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए - (3x2=6)


(1) श ाथ अपने मतानस
ु ार लखगे
(2)
 कबीर - नगुण भि त के वतक
 धम के बा य आडंबर पर गहर और तीखी चोट
 आ मा परमा मा के वरह- मलन के भावपूण गीत
 ई वर के न वकार, अ प का वणन

 मीरा - दै य और माधुय भाव क भि त


 आरा य से मनह
ु ार और अवसर आने पर उलाहना भी
 कृ ण के प- स दय का वणन
 गरधर गोपाल के अन य और एक न ठ ेम से अ भभूत

(3) सु म ानंदन पंत वारा र चत क वता 'पवत दे श म पावस'


 ाकृ तक स दय का अ भुत वणन
 पहाड़ क अपार ंख
ृ ला, आसपास बहते झरने
 पाठक सब कुछ भल
ू कर उसी म ल न रहना चाहते ह
न 13 क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए - (3x2=6)
(1)
 गाँव वाल क अलग-अलग राय
 दो दल बन गए थे।
 गाँव म एक तरफ़ चटोरे क म के लोग थे जो ठाकुरबार म साद के बहाने तर माल खाते
थे। वे महं त के प धर थे। वे चाहते थे क ह रहर काका को अपनी ज़मीन ठाकुरबार के नाम
लख दे नी चा हए। इससे उ ह पु य मलेगा तथा उनक क त थायी रहे गी।
 दस
ू रा दल ठाकुरबार के धा मक पाखंड को भल -भाँ त जानने वाल का था। वे भाइय के प रवार
के समथक थे। उनक राय थी क ह रहर काका को अपनी ज़मीन भाइय के नाम लख दे नी
चा हए। उ ह यह राय यायपण
ू तीत होती थी।
(2)
 धोबी क धल
ु वद , पॉ लश कए जत
ू को पहनकर फ़ौजी जवान
 मा टर ीतमचंद वारा ले ट- राइट कहते हुए परे ड करवाना बट
ू क ए ड़य को दाएँ - बाएँ
मोड़कर ठक-ठक करके चलना

 व यालय जीवन म श ण व ग त व धय क अ य धक उपयो गता है। ग त व धय वारा


ब चे खेल-खेल म मह वपूण त य को भल -भाँ त समझते ह तथा आनंदपूण वातावरण म
श ा हण करते ह। उनम सहयोग, सहनशीलता, परोपकार क भावना जागत
ृ होती है ।

(3)
 ेम केवल अपनापन दे खता है , जा त या धम नह ं
 टोपी शु ला को अपनेपन क तलाश थी जो उसने इ फ़न क दाद म दे खी
 टोपी को इ फ़न क दाद बहुत अ छ लगती थी और अपनी दाद से नफ़रत थी इसी लए टोपी
ने अपनी दाद को इ फ़न क दाद से बदलना चाहा
 इ फ़न क दाद के यार व अपनापन से वह बहुत भा वत
 वयं क दाद सदै व डाँटती रहती और कभी भी उसके मनोभाव को समझने का यास नह ं
करती

न 14 कसी एक वषय पर संकेत- बंदओ


ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द ल खए -
(5x1=5)

वषयव त-ु 3 अंक


भाषा- 1 अंक
तु त- 2 अंक

न 15 दए गए दो औपचा रक प म से कसी एक वषय पर 100 श द म प लेखन-


(5x1=5)
आरं भ व अंत क औपचा रकताएँ - 1 अंक
वषयव त-ु 2 अंक
भाषा- 1 अंक
तु त- 1 अंक

न 16 कसी एक वषय पर लगभग 80 श द म सूचना ल खए - (4x1=4)

वषयव त-ु 2 अंक


तु त- 1 अंक
भाषा - 1 अंक

न 17 कसी एक वषय पर लगभग 60 श द म व ापन तैयार क िजए-


(3x1=3)
वषयव त-ु 1 अंक
तु त- 1 अंक
भाषा - 1 अंक

न 18 लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन लगभग 100 श द म ल खए।(5x1=5)

औपचा रकताएँ- 1 अंक


वषयव त-ु 2 अंक
तु त- 1 अंक
भाषा - 1 अंक

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