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Hindi Pragya - Completed
Hindi Pragya - Completed
“हए पुि ! चाहए तुम अत्रधक अध्ययन न क ो िर भी ्याक ज का अध्ययन अवय क ो व ना ्याक ज ज्ञान कए अभाव में स्वजनन – वजनन
हो जनायएर्ें, सकल-र्कल हो जनायएर्ा र सकृ त-र्कृ त हो जनायएर्ा ” इस लोक में तीन र्द ायए हं, त्रजनन्हें यिद य्ास््ान र्ुि गंर् सए न त्रल ा जनायए तो
अ्ग दलट जनायएर्ा-
वजनन = कु त्तए
सकल = सम्पतजग
र्कल = टु कडा
सकृ त = एक बा
र्कृ त = अनएक बा
त्रहन्दी भाषा को र्ुि र ्याक त्रजक दृत्रस सए सुर्तठत भाषा बनानए कद दृत्रस सए पांच प्रका कद अर्ुत्रियों प त्रवर्एष ध्यान िदया जनाना चात्रहए यए हं-
1. वतगनी कद अर्ुत्रियााँ
2. र्द-त्रनमागज कद अर्ुत्रियााँ
3. र्द-चयन कद अर्ुत्रियााँ
4. अनावयक र्दप्रयोर्
5. ्याक ज कद अर्ुत्रियााँ
1. वतगनी कद अर्ुत्रियााँ
इन्हें दो वर्मे में बााँटा जना सकता ह- (क) स्व प्रयोर् कद अर्ुत्रियााँ ( ) ्यंजननप्रयोर् कद अर्ुत्रियााँ
( ) ्यंजनन कद अर्ुत्रियााँ
दसका त्रबनार् होनए ही वाला ह त्रवनार् वह त्रवस्व त्रवख्यात ादमी ह त्रवव, त्रवख्यात
को त्रवसएस काम ह त्रवर्एष वह र्एहाँ का ्योपा क ता ह ्यापा
ब्चा भाग्यमान ह भाग्यवान संतोस का रल मीठा होता ह संतोष
पत्रत त्रबयोर् सए संिस्त ना ी त्रवयोर् दसनए त्रनरल प्रयत्न िकया त्रन्रल
बसंत ा र्या वसंत दुस्कमग सए बचो दु्कमग
ाजन वात स होर्ी बात र् ाजनभासा त्रहन्दी ाजनभाषा
तमासा न क ो तमार्ा त्रन ात्रमस भोजनन क ो त्रन ात्रमष
कत्रवन्द्रष त्रवन्द्रष ना् टर्ो कवीन्द्रष वीन्द्रष त्रह ज जनाल में राँ स र्या त्रह न
मह मध्य वर्ग का ादमी ह वर्ग बाद-त्रबबाद चल हा ह वाद-त्रववाद
तटप्पडी त्रल ी तटप्पजी दसनए सही बक्त्य िदया वक्त्य
त्रर्् ा ्यवस््ा ठीक नहीं त्रर्क्षा वह र्या प लएट र्या र्य्या
दसका दद्दएस पता क ो दद्दएय दसको दुसाध्य बीमा ी ह दुस्साध्य
वह पवगती इलाका ह पवगतीय प्रत्रतद्वन्दी नए दसए ह ा िदया प्रत्रतद्वन्द्वी
वह तत्व कद बात ह तत्त्व अपना तात्पजनग बताएाँ तात्पयग
अत्रि प्रज्ज्वत्रलत क ो प्रज्वत्रलत मंर्लवा कए बाद बुिवा ाता ह बुधवा
वह महत्वपतजग ्यत्रत ह महत्त्व दोनों बोधा त्रभड र्यए योिा
दसए बहुत संपत्रत त्रमलए सम्पत्रत त्रनयम का दलंिन न क ो दल्लंिन
वह ददंड ाि ह दद्दण्ड स दद्दंड अपना दचा ज ठीक क ो द्चा ज
चााँदनी अत्यंत दज्जनवल ्ी दज्ज्वल स्वस््य एवं सानंद स्वस््
स्वास्् ाब ह स्वास््य अकब बादसाह बादर्ाह
भा ती वस्तु भा तीय सात्ग कए अनुसा कायग साम्यग
दस िकस दपलक्ष में ाया ह दपलक्ष्य स्वालंबी बनो स्वावलंबी स स्वावलम्बी
मए ा त्रचत ठीक नहीं ह त्रचत स्वक्ष जनल स्वास््य कए त्रलए ावयक ह स्व्
दसका मन दलास सए भ ा ह दल्लास दसनए पचाताप िकया पचात्ताप
मठ्ठा पएट कए त्रलए लाभका ी ह मट्ठा ाजन कत्रव संमएलन होर्ा सम्मएलन
द वाजना बन्द क् ो ो वह जनानए कए दद्दत ह दद्यत
सभी लोर् कट्टए हो र्यए इकट्ठए सम्मत्रलत नहीं हुा सत्रम्मत्रलत
इस पुस्तक में सौ पृ्ट ह पृ्ठ ाजन दसकद हत्त्या क दी र्यी हत्या
क् ा में बीस ाि ह कक्षा त्रवर्ंभ नाम ह त्रववंभ
दसकद इक्षा पत ी नहीं हुई इ् ा इस क्षएि में सत ा पडा ह क्षएि
2. र्दत्रनमागज कद अर्ुत्रियााँ
र्द – त्रनमागज संबंधी अर्ुत्रियााँ वत्तगनी कए र्ोधन कए अन्तर्गत ा र्यी हं यहााँ कु र भी ददाह ज िदयए जना हए हं, त्रजननमें वत्तगनी कद
अर्ुत्रि कए अत्रतत क्त पद त्रनमागज कद भी अर्ुत्रि ह
अर्ुि र्ुि
बाँर्ला, असमी प्रदएत्रर्क भाषाएाँ हं प्रादएत्रर्क
दएत्रहक बाधा सभी को दबोचती ह दत्रहक
चौ ाहए में कारद भीड एकत्रित हो र्यी एकि
ाधा कृ र्ांत्रर्नी बाला ह कृ र्ांर्ी
वह एक लध प्रत्रतत्रठितत नएता ह लधप्रत्रत्ठ
सत ए का तत्कात्रलक दपाय क ें तात्कात्रलक
इस जनर्ह कद इत्रतहात्रसकता संिदग्ध ह ऐत्रतहात्रसकता
पािकस्तान में जननतंत्रिक र्ासन नहीं ह जननतांत्रिक
वाक्य कद पुन ग चना क ें पुन चना, पुना चना
अन्तसागक्ष्य कए ाधा प सत जनन्मांध नहीं लर्तए अन्त साक्ष्य
दत कत्रव कद जनीवनी बत्रहसागक्ष्य प ाधात त ह बत्रह साक्ष्य
pg. 6| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
महात्मा सतोर्ुज सम्पन्न ्ए सत्त्वर्ुज
तुम्हा ी मनोकामना पत ी हो मन कामना
ाजन एक योर्ी ाजन पधा हए हं योत्रर् ाजन
वए एक वय वृि ्यत्रत ्ए वयोवृि
पक्षीर्ज दड चलए पत्रक्षर्ज
जनब सए मा ा र्या वह जनाग्रदवस््ा कए नहीं ्ा जनार्त त अवस््ा
नभमंडल ता ों सए भ र्या नभोमण्डल
ाओ तरु ाया में त्रवश्राम क लए तरु् ाया
महात्मा जनी याबत्जनीवन ह द्वा में हए यावज्जनीवन
ोता हुा बालक माताहीन ्ा मातृहीन
त्रपताहीन ाि सहायता कए अत्रधका ी हं त्रपतृहीन
पुस्तक में ापए कद भतलों कद बाहुल्यता ह बहुलता (यहां बहुलता ठीक ह)
संर्म तट प त्रभ ात यों कद बाहुल्यता ह बाहुल्य (त्रभ ात यों का बाहुल्य त्रभ ात यों कद बहुलता)
मं दसकद चातुयगता प दंर् ह र्या चतु ता, चातुयग भी (दसकद चतु ता, दसका चातुयग)
श्रिामान को ही ज्ञान दएना चात्रहए श्रिावान
दसकद बुत्रिमानता स ाहनीय ह बुत्रिमत्ता, बुत्रिमानी
जनहााँ र्ुजीर्ज एकि हों वहााँ कोई त्रनर्ुगजी रुक नहीं सकता र्ुत्रजर्ज
त्रिहत्त भा त का मानत्रचि दए ा ह वृहत
वए मए ए त्रलए त्रपतावत पतजननीय हं त्रपतृवत
त्रनबन्ध कद भाषा स ल व सुबोधपतजग नहीं ह सुबोध
यज्ञ में मुनीर्ज नहीं ायए मुत्रनर्ज
यि में ऋषीर्ज पधा ए ऋत्रषर्ज
यह र्ोप्यनीय पि ह र्ोपनीय
मोहन सकु र्लपतवगक ि पहुाँच र्या सकु र्ल
सभा में दो ला कद भीड बताना अत्योत्रत ह अत्युत्रत
यह पािकस्तान का ांतत क मामला ह ान्तत क
दप ोक्त पंत्रतयों को पनेो दपयुगक्त
दप त्रलत्र त बातें सही हं दपत त्रलत्र त
वह ह बात में अतर्योत्रत क ता ह अत्रतर्योत्रत
दसनए तटप्पडी र्लत त्रल ी तटप्पजी
सभी दएवताओं कद महानता कए कायल हं महता
र्ात्रलयााँ सुनतए ही दसका पौरुषत्व जनार् दठा पुरुषत्व
वह स्वास््यता हएतु पहाड र्या ह स्वस््ता, स्वास््य लाभ
हनुमान सीता जनी को मातावत मानतए ्ए मातृवत
pg. 10| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
तुम कलकत्ता जनाना चाह हए हो, अत जनाओ अत
होत्रर्या हना
मं सायंकाल कए समय बाजना र्या कए समय
5. ्याक ज कद अर्ुत्रियााँ
प्रत्यएक मजनदत को पााँच-पााँच रुपए त्रमलए प्रत्यएक मजनदत को पााँच रुपए त्रमलए
र्ोत्रवन्द र मोहन में सबसए तएजन कौन ह र्ोत्रवन्द र मोहन में तएजन कौन ह
मोना र सोना में सबसए सुन्द कौन ह मोना र सोना दोनों में सुन्द कौन ह
सभा में सभी वर्ग कए लोर् ्ए सभा में सभी वर्मे कए लोर् ्ए
धान कद त्रवत्रवध प्रजनात्रत को पौधए तया धान कद त्रवत्रवध प्रजनात्रतयों कए पौधए तया हं
इस कक्षा में अत्रधक अ् ा ाि कौन ह इस कक्षा में सबसए अ् ा ाि कौन ह
बहुत जनल्द यह तुम्हें समझ में ा जनायएर्ा बहुत जनल्द तुम्हा ी समझ में ा जनायएर्ा
मं अपना काम स्वयं क दएता हाँ मं अपना काम स्वयं क लएता हाँ
अपनए यहााँ ानए प ाप मुझए क्या दोर्ए अपनए यहााँ ानए प ाप मुझए क्या देंर्ए?
वह क्या जनानए िक पनेाई क्या होती ह वए क्या जनानें िक पनेाई क्या होती ह
अपना ि ाली पडए हनए न दीत्रजनए अपना ि ाली पडा हनए न दीत्रजनए
pg. 11| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
ाम नए दौड में याम को जनीत त्रलया ाम नए दौड में याम को प ाड िदया
र्कु त्रन नए युत्रधत्रठित को जनुए में प ाड िदया र्कु त्रन नए युत्रधत्रठित को जनुए में ह ा िदया
मं र मए ए त्रमिों को तार् एलना नहीं ाता मुझए र मए ए त्रमिों को तार् एलना नहीं ाता
हमा ए दएर् का पतन हम नहं दए सकतए अपनए दएर् का पतन हम नहीं दए सकतए
बहुत जनल्दी ही दन्हें समझ में ा जनायएर्ा बहुत जनल्दी ही दनकद समझ में ा जनायएर्ा
कत्रव जनी ायए र ातए ही का्य पनेनए लर्ए कत्रव जनी ायए र ातए ही कत्रवता पनेनए लर्ए
वह क्या जनानए दुुः क्या होता ह वए क्या जनानें दुुः क्या होता ह
यह बात दन्हें समझ में नही ायएर्ी यह बात दनकद समझ में नहीं ायएर्ी
कल दो पहलवानों में लडाई होर्ी कल दो पहलवानों में द्वन्द्व होर्ा या कु ती होर्ी
दसए मत दठाइए पडए हनए दीत्रजनए दसए मत दठाइए पडए हनए दीत्रजनए
ाप कु ाओर्ए? ाप कु ायेंर्ए
दुकान सए कोई चीजन लें तो अ् ी त ह दए लीत्रजनए दुकान सए कोई चीजन लें तो अ् ी त ह दए लें
जनब वए ायें तो ाप दनका अ् ी त ह स्वार्त क ें जनब वए ायें तो ाप दनका अ् ी त ह स्वार्त क ें
मंनए मोहन सए बताया ्ा िक ाधा बीमा ह मंनए मोहन को बताया ्ा िक ाधा बीमा ह
इतनए कम पसए में दाल- ोटी नहीं होर्ी इतनए कम पसए में दाल- ोटी नहीं चलएर्ी
बह ोजन बार् में चलनए जनाता ह वह ोजन बार् में टहलनए जनाता ह
ाम प भा ी कस ान पडा ह ाम प भा ी कस ा पडा ह
त्रर्त जना को त्रम र्ी का दौ ा ाता ह त्रर्त जना को त्रम र्ी का दौ ा पडता ह
pg. 12| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
त्रजनया नए ाटा र्ताँ् िदया त्रजनया नए ाटा र्ताँध िदया
कालत अपना वएतन नहीं दठा पाया कालत अपना वएतन नहीं लए पाया
त्रजनलात्रधका ी का क्न ह िक सभी त्रनयम का पालन क ें त्रजनलात्रधका ी का ादएर् ह िक सभी त्रनयम का पालन क ें
मंनए दसए त्रबल्कु ल सीधा बना िदया मंनए दसए त्रबल्कु ल सीधा क िदया
मंनए डत बतए बच्चए को दठा त्रलया मंनए डत बतए बच्चए को बचा त्रलया
pg. 13| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
िोडए कद चाल स्पृहजीय ्ी िोडए कद चाल दर्गनीय ्ी
पुत्रलस भीड प त्रनयंिज नहीं क पायी पुत्रलस भीड प त्रनयंिज नहीं पायी
मंनए कलम, दावात र पेंत्रसल ीदा मंनए कलम, दावात र पेंत्रसल ीदी
प ीक्षा का माध्यम अंर् ए जनी नहीं होनी चात्रहए प ीक्षा का माध्यम अाँर् ए जनी नहीं होना चात्रहए
त्रसया त्रबल में समा र्या त्रसया त्रबल में िुस र्या
ात में त्रबजनली न हनए प अाँधए ा त्रि जनाता ह ात में त्रबजनली न हनए प अाँधए ा ा जनाता ह
दु ाव न समझना दु ाव न क ना
pg. 14| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
एक्का चला हा ह एक्का हााँक हा ह
वह पााँच साल पहलए यहााँ ाया वह पााँच साल पहलए यहााँ ाया ्ा
बा ह ससंिए कए पास अनएक सीर्ें होती ह बा ह ससंधए कए पास अनएक सींर् होतए हं
संदक
त पु ानी हो र्यी सन्दतक पु ाना हो र्या
दसकए सा् दत्रचत न्याय िकया जनायएर्ा दसकए सा् न्याय िकया जनाएर्ा
सजनी में धत्रनयां डाली र्यी सजनी में धत्रनया डाला र्या
ह ी मट लए लो ह ा मट लए लो
pg. 15| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
कमीजन में बटन लर्ी ह कमीज में बटन लर्ा ह
हत भात्रर्नी ना ी हतभाग्या ना ी
एक झटकए में ही दसका प्राज त्रनकल र्या एक झटकए में ही दसकए प्राज त्रनकल र्यए
ापका दर्गन क नए ायए ्ए ापकए दर्गन, (प्राज, हालात, समाचा (बहुवचन)) क नए ायए ्ए
सनहीनता ्ी अनुर्ासनहीनता ्ा
pg. 16| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी
प्रज्ञा प्रवाह Mission Deputy Collector
दनका प ाजनय हो र्या दनकद प ाजनय हो र्यी
दसकए र्लए में मोती कद माला ह दसकए र्लए में मोत्रतयों कद माला ह
त्रहन्दत-मुसलमानों में एकता होनी चात्रहए त्रहन्दुओं-मुसलमानों में एकता होनी चात्रहए
वता कद एकाध बातें अ् ी नहीं लर्ीं वता कद एकाध बात अ् ी नहीं लर्ी
नवाब साहब बजन ों में बठक चलए र्यए नवाब साहब बाजन ए में बठक चलए र्यए
र्ोत्रवन्द जनी अनएक कला कए ज्ञाता हं र्ोत्रवन्द जनी अनएक कलाओं कए ज्ञाता हं
वह भली भााँत्रत जनानतए ्ए िक चुनाव हा जनायेंर्ए वए भली भााँत्रत जनानतए ्ए िक चुनाव हा जनायेंर्ए
तुम्हा ी बात सुनतए-सुनतए कान पक र्या तुम्हा ी बात सुनतए-सुनतए कान पक र्यए
मुझए भीत ानए में क्यों ोका ? मुझए भीत ानए सए क्यों ोका ?
pg. 17| @PragyaPravah3187 T.me/pragyaPravah 8840566460 मार्गदर्गक — डॉ. सी. एल. त्रिपाठी