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ऊतक (Tissue)

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ऊतक (Tissue)

परिभाषा: समान उत्पत्त्ि, सिं चना एवं कार्यों वाली संिचनाओं के समूह को ऊिक कहिे है । र्या समान
उत्पत्त्ि िथा समान कार्यों को सम्पादिि किने वाली कोशिकाओं के समह
ू को ऊिक कहा जािा है ।

औतिकी : ऊिक का अध्र्यर्यन जीव ववज्ञान की त्जस िाखा के अन्िर्गि ककर्या जािा है । उसे औतिकी कहिे
है ।

ऊिक को िो भार्ों में ववभात्जि ककर्या र्र्या है :


1. पािप ऊिक (Plant Tissue)
2. जन्िु ऊिक (Animal Tissue)

1. पािप ऊिक (Plant Tissue)


पौधों के ििीि में प्रत्र्येक ऊिक का एक ववशिष्ट कार्यग होिा है । सभी ऊिक िीषगस्थ कोशिकाओं के समूह
में ववभाजन से उत्पन्न होिे हैं िथा धीिे -धीिे अपने कार्यों के अनुरूप अनुकूशलि हो जािे है ।

पािप ऊिक के प्रकाि

ऊिक के कोशिकाओं की ववभाजन क्षमिा के आधाि पि पािप ऊिक िो प्रकाि के होिे है –


• 1.1 ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Meristematic Tissue)
• 1.2 स्थार्यी ऊिक (Permanent Tissue)

ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Meristematic Tissue in Hindi)

र्यह ऊिक ऐसी कोशिकाओं का समूह होिा है , त्जसमें बाि-बाि सूत्री ववभाजन किने की क्षमिा होिी
है । र्यह ऊिक अवर्यस्क जीववि कोशिका का बना होिा है । इस ऊिक की कोशिकाएँ छोटी, अंडाकाि
र्या बहुभज
ु ी होिी है औि इसकी शभत्त्ि सैल्र्यल
ू ोज की बनी होिी है । प्रत्र्येक कोशिका घने, कणर्यक्
ु ि
कोशिका द्रव्र्य से भिी होिी है । इन कोशिकाओं में प्रार्यः िसधानी अनुपत्स्थि िहिी है । इसमें एक बड़ा
केन्द्रक होिा है िथा कोशिकाओं के बीच अंििकोशिकीर्य स्थान नहीं पार्या जािा है ।

ववभाज्र्योतिकी ऊिक को भी ऊिक त्स्थति के आधाि पि पुनः तनम्नशलखखि िीन भार्ों में ववभात्जि
ककर्या र्र्या है –
• 1.1.1 िीषगस्थ ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Apical Meristem)
• 1.1.2 पार्शवग ववभाज्र्योतिकी ऊिक (lateral Meristem)
• 1.1.3 अन्िवेिी ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Intercalary Meristem)

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ऊतक (Tissue)

िीषगस्थ ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Apical Meristem Tissue)


र्यह ऊिक जड़ एवं िने के िीषग भार् में उपत्स्थि िहिे है । िथा लम्बाई में ववृ ि कििा है । र्यह ऊिक
प्राथशमक ववभाज्र्योतिकी से बनिा है । इसमें कोशिकाएँ ववभात्जि एवं ववभेदिि होकि स्थार्यी ऊिक बनािे
हैं। इसमें पौधों में प्राथशमक ववृ ि होिी है ।

पार्शवग ववभाज्र्योतिकी ऊिक (lateral Meristem Tissue)


र्यह ऊिक जड़ िथा िने के पाश्र्व भार् में होिा है एवं द्वविीर्यक ववृ ि कििा है । इससे संवहन ऊिक
बनिे है एवं जो भोजन संवहन का कार्यग कििे हैं। एवं संवहन ऊत्िकों के कािण िने की चौड़ाई में ववृ ि
होिी है । संवहन ऊिक में अवत्स्थि कैत्म्बर्यम एवं वक्ष
ृ के छाल के नीचे का कैत्म्बर्यम पार्शवग
ववभाज्र्योतिकी का उिाहिण है । पार्शवग ववभाज्र्योतिकी ऊिक ही द्वविीर्यक ववभाज्र्योतिकी है ।

अन्िवेिी र्या अंिववगष्ट ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Intercalary Meristem Tissue)


र्यह ऊिक स्थार्यी ऊिक के बीच-बीच में पार्या जािा है । र्ये पत्त्िर्यों के आधाि में र्या टहनी के पवग िोनों
ओि पाए जािे हैं। र्यह ववृ ि किके स्थार्यी ऊत्िकों में परिवतिगि हो जािे है ।

1.2 स्थार्यी ऊिक (Permanent Tissue)


ववभाज्र्योतिकी ऊिक की ववृ ि के फलस्वरूप स्थार्यी ऊिक का तनमागण होिा है । त्जसमें ववभाजन र्या
सजीव ववभाजन की क्षमिा नहीं होिी लेककन कोशिका का रूप एवं आकाि तनत्र्शचि िहिा है । र्ये मत्ृ ि
र्या सजीव होिे है । कोशिका शभत्त्ि पिली र्या मोटी होिी है । कोशिका द्रव्र्य में बड़ी िसधानी िहिी है ।

उत्पत्त्ि के आधाि पि स्थार्यी ऊिक के प्रकाि


उत्पत्त्ि के आधाि पि स्थार्यी ऊिक के तनम्न िो प्रकाि है –
1.2.1 प्राथशमक ऊिक
1.2.2 द्वविीर्यक ऊिक

प्राथशमक स्थार्यी ऊिक िीषगस्थ एवं अन्िवेिी ववभाज्र्योिक से िथा द्ववतिर्यक स्थार्यी ऊिक पार्शवग
ववभाज्र्योिक र्या कैत्म्बर्यम कोशिकाओं से बनिा है ।

सिं चना के आधाि पि स्थार्यी ऊिक के प्रकाि


सिं चना के आधाि पि स्थार्यी ऊिक के तनम्न िो प्रकाि है –
• 1.2.3 सिल ऊिक /सिल स्थार्यी ऊिक (Simple tissues)
• 1.2.4 जदटल ऊिक (Complex permanent tissue)

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ऊतक (Tissue)

1.2.3 सिल स्थार्यी ऊिक (Simple tissues)


र्यह ऊिक समरूप कोशिकाओं का बना होिा है । र्यह िीन प्रकाि कहा होिा है –
1.2.3.1 मि
ृ त्ु िक (Parenchyma)
1.2.3.2 स्थल
ू कोण ऊिक (Collenchyma)
1.2.3.3 दृढ़ ऊिक (Sclerenchyma)

मि
ृ त्ु िक (पेिेनकाइमा) (Parenchyma)
र्यह अत्र्यन्ि सिल प्रकाि का स्थार्यी ऊिक होिा है । इस ऊिक की कोशिकाएँ जीववि, र्ोलाकाि,
अंड़ाकाि, बहुभुजीर्य र्या अतनर्यशमि आकाि की होिी है । इस ऊिक की कोशिका में सघन कोिा द्रव्र्य एवं
केन्द्रक पार्या जािा है । इनकी कोशिका शभत्त्ि पिील एवं सेल्र्यल
ू ोज की बनी होिी है । इस प्रकाि की
कोशिकओं के बीच अन्िि कोशिका स्थान िहिा है । कोशिका मध्र्य में एक बड़ी िसधानी िहिी है। र्यह
नए िने, जड़ एवं पत्त्िर्यों के एवपडशमगस औि कॉटे क्स में पार्या जािा है । कुछ मि
ृ त्ु िक में क्लोिोकफल
पार्या जािा है त्जसके कािण प्रकाि संर्शलेषण की किर्या सम्पन्न होिी है । इन ऊत्िकों को हरिि ऊिक
र्या क्लोिोनकाइमा कहिे है । जलीर्य पौधों में िैिने के शलए र्ुदहकाएँ िहिी है । जो मि
ृ त्ु िक के बीच पार्यी
जािी है । इस प्रकाि के मि
ृ त्ु िक की वार्यि
ु क र्या ऐिे नकाइमा कहिे हैं जो पािप को उत्पलावन बल
प्रिान कििे है ।

मि
ृ त्ु िक के कार्यग
• र्यह एवपडशमगस के रूप में पौधों का संिक्षण कििा है ।
• पौधे के हिे भार्ों में , खासकि पत्त्िर्यों में र्यह भोजन का तनमागण कििा है ।
• र्यह ऊिक संचचि क्षेत्र में भोजन का संचर्य कििा है । र्यह उत्सत्जगि पिाथों, जैसे र्ोंि, िे त्जन, टे तनन
आदि को भी संचचि कििा है ।
• र्यह ऊिक भोजन के पाश्र्व-चालन में सहार्यक होिा है ।
• इसमें पाए जाने वाले अंििकोशिका स्थान र्ैसीर्य ववतनमर्य में सहार्यक होिे है ।

स्थूलकोण ऊिक
(कोलेनकाइमा) (Collenchyma)
इस ऊिक की कोशिकाएँ केन्द्र र्यक्
ु ि, लम्बी र्या अण्डाकाि र्या बहुभज
ुग जीववि िथा िसधानी र्यक्
ु ि होिी
है । इनमें अंिि कोशिकीर्य स्थान बहुि कम होिा है । र्यह ऊिक पौधे के नए भार्ों में पार्या जािा है । र्यह
वविेषकि िने के एवपडशमगस के नीचे, पणगवत्ृ ि, पुष्पवन्ृ ि औि पुष्पावली वत्ृ ि पि पार्या जािा है । लेककन
जड़ों में नहीं पार्या जािा है ।

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ऊतक (Tissue)

स्थूलकोण ऊिक के कार्यग


• र्यह पोधों को र्यांत्रत्रक सहार्यिा प्रिान कििा है ।
• जब इनमें हरििलवक पार्या जािा है , जब र्यह भोजन का तनमागण होिा है ।

दृढ़ ऊिक (स्कलेिेन्काइमा) (Sclerenchyma)


इस ऊिक की कोशिकाएँ मत्ृ ि, लम्बी, संकिी िथा िोनों शसिों पि नुकीली होिी है । इनमें जीवद्रव्र्य नहीं
होिा है एवं इनकी शभत्त्ि शलत्ननन के जमाव के कािण मोटी हो जािी है। र्ये शभत्त्िर्याँ इिनी मोटी होिी
है कक कोशिका के भीिि कोई आन्िरिक स्थान नहीं िहिा है । र्यह कॉटे क्स, पेरिसाइककल, संवहन बण्डल
में पार्या जािा है । दृढ़ ऊिक पौधों के िना, पत्त्िर्यों के शििा, फलों िथा बीजों के बण्डल मे एवं नारिर्यल
के बाहिी िे िि
े ाि तछलके में पाए जािे है । त्जन पौधों से िे िा उत्पन्न होिा है । इनमें र्यह ऊिक प्रचिु
मात्रा में पार्या जािा है ।

दृढ़ ऊिक के कार्यग


• र्यह पौधों को र्यांत्रत्रक सहािा प्रिान कििा है ।
• र्यह पौधों के आन्िरिक भार्ों की िक्षा कििा है ।
• पौधों के बाह्र्य पििों में र्यह िक्षात्मक ऊिक के रूप में कार्यग कििा है ।
• र्यह पौधों को सामथर्यग, दृढ़िा एवं लचीलापन प्रिान कििा है ।

1.2.4 जदटल स्थार्यी ऊिक (Complex permanent tissue)


िो र्या िो से अचधक प्रकाि की कोशिकाओं से बने ऊिक जदटल स्थार्यी ऊिक कहलािे है । र्ये एक इकाई
के रूप में एक साथ कार्यग कििे है । र्ये जल, खतनज लवणों िथा खाद्र्य पिाथग को पौधों के ववशभन्न अंर्ों
िक पहुँचािे है ।

जदटल स्थार्यी ऊिक भी िो प्रकाि के होिे है । जो तनम्न है –


1.2.4.1 जाइलम र्या िारू ऊिक (Xylem)
1.2.4.2 फ्लोएम र्या बास्ट ऊिक (Phloem)

जाइलम एवं फ्लोएम शमलकि संवहन बण्डल का तनमागण कििे है । अिः इन िोनों को संवहन ऊिक भी
कहिे है ।

जाइलम (Xylem)
र्यह ऊिक पौधों के जड़, िना, िथा पत्त्िर्यों में पार्या जािा है । इसे चालन ऊिक भी कहिे है । वे ऊिक
जो ििीि के ववशभन्न भार्ों िक जल को संवहन कििे है । उन्हें जाइलम ऊिक कहिे है ।

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र्यह चाि ववशभन्न प्रकाि के ित्वों से शमलकि बना होिा है । र्ये तनम्न है –
1.2.4.1.1 वादहतनकाएँ
1.2.4.1.2 वादहकाएँ
1.2.4.1.3 जाइलम िंिु
1.2.4.1.4 जाइलम मि
ृ त्ु िक

वादहतनकाएँ
इनकी कोशिका लम्बी, जीवद्रव्र्य ववदहन, िोनों शसिों पि नुकीली र्या मत्ृ ि होिी है । इनकी कोशिका शभत्त्ि
मोटी िथा स्थशू लि होिी है । वादहतनकाएँ संहवनी पौधों की प्राथशमक एवं द्वविीर्यक जाइलम िोनों में
पार्यी जािी है । र्ये पौधों को र्यांत्रत्रक सहािा प्रिान कििी है िथा जल को िने द्वािा जड़ से पत्िी िक
पहुँचािी है ।

वादहकाएँ
इनकी कोशिकाएँ मत्ृ ि एवं लम्बी नली के समान होिी है । कभी-कभी स्थूशलि शभत्त्िर्याँ ववशभन्न ििह से
मोटी होकि वलर्याकाि, सवपगलाकाि, र्िी जाशलकारूपी वादहकाएँ बनािी है । र्ये वादहकाएँ, आवि
ृ बीजों पौधों
के प्राथशमक एवं द्ववतिर्यक जाइलम में पार्यी जािी है । र्ये पौधों की जड़ों से जल एवं खतनज-लवण को
पत्िी िक पहुँचािे है।

जाइलम िन्िु
र्ये लम्बे, िंकुरूप िथा स्थशू लि शभत्त्ि वाली मि
ृ कोशिका होिी है । र्ये प्रार्यः काष्ठीर्य द्ववबीजपत्री पौधों
में पार्ये जािे है । र्ये मुख्र्यिः काष्ठीर्य द्ववबीजपत्री पौधों में पार्ये जािे है । र्ये मुख्र्यिः पौधों को र्यांत्रत्रक
सहािा प्रिान कििे है ।

जाइलम मि
ृ त्ु िक
इनकी कोशिकाएँ प्रार्यः पेिेन काइमेट्स एवं जीववि होिी है। र्यह भोजन संग्रह का कार्यग कििी है । र्यह
ककनािे की ओि पानी के पाश्र्वीर्य संवहन में मिि कििा है ।

फ्लोएम (Phloem)
जाइलम की भाँति फ्लोएम भी पौधे की जड़, िना एवं पत्त्िर्यों में पार्या जािा है । र्यह पत्त्िर्यों द्वािा
िैर्याि भोज्र्य पिाथों को पौधों के ववशभन्न भार्ों िक पहुँचािा है । र्यह एक संचर्यक ऊिक है । जो पौधों
को र्यांत्रत्रक संचर्यन प्रिान कििा है । र्या वह ऊिक जो भोज्र्य पिाथों को पािपों के ववशभन्न भार्ों िक
पहुँचाने का कार्यग कििे है । उन्हें फ्लोएम कहिे है ।

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फ्लोएम तनम्न चाि ित्वों का बना होिा है –


1.2.4.2.1 चालनी नशलकाएँ
1.2.4.2.2 सहकोशिकाएँ
1.2.4.2.3 फ्लोएम िन्िु
1.2.4.2.4 फ्लोएम मि
ृ ि
ु क

चालनी नशलकाएँ
र्ये लम्बी, बेलनाकाि िथा तछदद्रि शभत्त्ि वाली कोशिकाएँ होिी है । र्ये एक-िस
ू िे एक पि पिि सदृि सजी
िहिी है । िो कोशिकाओं की ववभाजनशभत्त्ि तछद्रर्युक्ि होिी है , त्जसे – चालनी पट्टी कहिे है । चालनी
नशलका की वर्यस्क अवस्था में केत्न्द्रक अनुपत्स्थि होिा है । एक चालााानी नशलका का कोशिकाद्रव्र्य-
चालनी पदट्टका के तछद्र द्वािा ऊपि औि नीचे के चालनी के नशलकाओं से संबंि िहिे हैं। चालनी
नशलकाएँ संहवनी अंर् से पौधे के फ्लोएम में पार्ये जािे है । इस नशलका द्वािा िैर्याि भोजन पत्त्िर्यों से
संचर्य अंर् औि संचर्य अंर् से पौधे के ववृ ि क्षेत्र में जािा है ।

सहकोशिकाएँ
र्ये चालनी नशलकाओं के पाश्र्व भार् में त्स्थि िहिी है । प्रत्र्येक सहकोशिका लम्बी एवं जीववि होिी है ।
त्जसमें केन्द्रक एवं जीवद्रव्र्य होिा है । र्ये केवल एत्न्जर्योस्पमग के फ्लोएम में पार्यी जािी है। र्यह चालनी
नशलकाओं में भोज्र्य पिाथग के संवहन में सहार्यिा कििा है ।

फ्लोएम िंिु
र्ये लम्बी दृढ़ एवं स्केलेिनकाइमेट्स कोशिकाओं की बनी होिी है । र्यह फ्लोएम ऊिक को र्यांत्रत्रक सहािा
प्रिान कििा है ।

फ्लोएम मि
ृ त्ु िक
र्ये जीववि, लम्बी िथा केन्द्रकर्यक्
ु ि कोशिकाएँ होिी है । जो सहकोशिकओं, के तनकट त्स्थि होिी है । र्ये
भोज्र्य पिाथग के संवहन में सहार्यक होिी है ।
ऊत्िकों
जन्िु ऊत्िकों के प्रकाि
कार्यग के आधाि पि जन्िु ऊिकों के चाि भार्ों में बाँट सकिे हैं। जो तनम्न प्रकाि है –
2.1 उपकला / एवपथीशलर्यमी ऊिक (epithelial tissue)
2.2 संर्योजी ऊिक (connective tissues)
2.3 पेिीर्य ऊिक (muscular tissues)

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ऊतक (Tissue)

2.4 िंत्रत्रका ऊिक (nervous tissues)


2.1 एवपथीशलर्यमी ऊिक (Epithelial Tissue)
• जन्िु के ििीि के ढकने र्या बाह्र्य िक्षा प्रिान किने वाले ऊिक एवपथीशलर्यमों ऊिक होिे है ।
• र्ये शभन्न-शभन्न प्रकाि के िािीरिक िन्त्रों को एक-िस
ू िे से अलर् किने के शलए अविोध का तनमागण
कििे है ।
• र्ये शभन्न-शभन्न प्रकाि के िािीरिक िन्त्रों को एक-िस
ू िे से अलर् किने के शलए अविोध का तनमागण
कििे हैं।
• सामान्र्यिः सभी एवपथीशलर्यमों को एक बाह्र्य िे िि
े ाि आधाि खिल्ली उसे नीचे िहने वाले ऊत्िकों से
अलर् कििी है ।

एवपथीशलर्यमी ऊिक के तनम्न िीन प्रकाि है –


2.1.1 िल्की एवपथीशलर्यम
2.1.2 पक्ष्माभी स्िम्भाकाि एवपथीशलर्यम
2.1.3 घनाभाकाि एवपथलीर्यम

िल्की एवपथीशलर्यम
र्ये अत्र्यचधक पिली औि चपटी होिी है िथा कोमल अस्िि का तनमागण कििी है । ििीि का िक्षात्मक
कवच इन्हीं िल्की एवपथीशलर्यम से बना होिा है । र्ये कई पात्रों के पैटनग में व्र्यवत्स्थि होिी है । इसशलए
इन एवपथीशलर्यम को स्िरिि एवपथीशलर्यम कहिे है ।

पक्ष्माभी स्िम्भाकाि एवपथीशलर्यम


र्शवांसनली में स्िम्भाकाि एवपथीशलर्यम ऊिक में पक्ष्माभ होिे हैं, जो कक एवपथीशलर्यम ऊिक की
कोशिकाओं की सिह पि बाल जैसी िचनाएँ होिी है । र्ये पक्ष्माभ र्ति कि सकिे है । िथा इनकी र्ति
र्शलेषा को आर्े स्थानान्िरिि किके साफ किने में सहार्यिा कििी है। इस प्रकाि के एवपथीशलर्यम को
पक्ष्माभी स्िम्भाकाि एवपथीशलर्यम कहिे है ।

घनाभाकाि एवपथीशलर्यम
धनाकाि एवपथीशलर्यम वक्
ृ कीर्य नली िथा लाि ग्रन्थी की नली के अस्िि का तनमागण कििा है , जहाँ र्यह
उसे र्यांत्रत्रक सहािा प्रिान कििा है। र्ये एवपथीशलर्यम कोशिकाएँ प्रार्यः ग्रत्न्थ कोशिका के रूप में अरिरिक्ि
वविेषिा अत्जगि कििी है , जो एवपथीशलर्यमी ऊिक की सिह पि पिाथों का स्त्राव कि सकिी है । कभी-
कभी एवपथीशलर्यम ऊिक का कुछ भार् अन्िि की ओि मुड़ा होिा है िथा एक बहुकोशिक ग्रंचथ का
तनमागण होिा है । र्यह ग्रंचथल एवपथीशलर्यम कहलािा है ।

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2.2 संर्योजी ऊिक (Connective Tissues)


िक्ि एक प्रकाि का संर्योजी ऊिक है । संर्योजी ऊिक की कोशिकाएँ आपस में कम जड़
ु ी होिी है औि
अंििकोशिकीर्य आधात्री में धँसी होिी है । िक्ि के ििल आधात्री भार् को प्लाज्मा कहिे है । प्लाज्मा में
लाल िक्ि कोशिकाएँ, र्शवेि िक्ि कोशिकाएँ िथा प्लेटलेट्स तनलंत्रबि होिे है । प्लाज्मा में प्रोटीन, नमक
िथा हामोन भी होिे हैं। िक्ि र्ैसों, ििीि के पचे हुए भोजन, हामोन औि उत्सजी पिाथों को ििीि के
भार् से िस
ू िे भार् में संवहन कििा है ।
• अत्स्थ, संर्योजी ऊिक का एक अन्र्य उिाहिण है । र्यह पंजा का तनमागण कि ििीि को आकाि प्रिान
कििा है । र्यह माँसपेशिर्यों को सहािा िे िी है औि ििीि के मख्
ु र्य अंर्ो को सहािा िे िी है । र्यह
ऊिक मजबूि औि कठोि होिा है । अत्स्थ कोशिकाएँ कैत्ल्िर्यम िथा फास्फोिस से बनी होिी है ।
• उपात्स्थ प्रोटीन औि िकगिा की बनी होिी है । र्यह अत्स्थर्यों के जोड़ों को चचकना बनािी है । उपात्स्थ
नाक, कान, कंठ औि र्शवांस नलीं में भी उपत्स्थि होिी है ।
• एरिओलि संर्योजी ऊिक त्वचा औि माँसपेशिर्यों के बीच, िक्ि नशलका के चािों ओि नसों औि
अत्स्थ मज्जा में पार्या जािा है ।
• वसा का संग्रह किने वाला वसामर्य ऊिक त्वचा के नीचे आंिरिक अंर्ो के बीच पार्या जािा है । इस
ऊिक की कोशिकाएँ वसा की र्ोशलकाओं से भिी होिी है । वसा संग्रदहि होने के कािण र्यह ऊष्मीर्य
कुचालक का कार्यग भी कििा है ।

2.3 पेिीर्य ऊिक (Muscular Tissues)


पेिीर्य ऊिक लम्बी कोशिकाओं का बना होिा है। त्जसे पेिीर्य िे िा भी कहिे हैं। र्यह हमािे ििीि में
र्ति के शलए उत्िििार्यी है । पेशिर्यों में एक वविेष प्रकाि की प्रोटीन होिी है त्जससे शसकुड़ने वाली प्रोटीन
कहिे है । त्जसके संकुचन औि प्रसाि के कािण र्ति होिी है ।
• कुछ पेशिर्यों को हम इच्छानुसाि र्ति कि सकिे है । त्जन्हें एत्च्छक पेिी कहिे है । इस ऊिक की
कोशिकाएँ लम्बी, बेलनाकाि, िाखा िदहि औि बहुनाभीर्य होिी है ।
• चचकनी पेशिर्याँ अथवा अनैत्च्छक पेशिर्याँ लम्बी औि इनका आखखिी शसिा नुकीला हे ािा है । र्ये एक
केन्द्रकीर्य होिी है ।
• हृिर्य पेशिर्याँ जीवन भि लर्यबि होकि प्रसाि एवं संकुचन कििी िहिी है । इन अनैत्च्छक पेशिर्यों को
कार्डगक (हृिर्यक) पेिी कहा जािा है । हृिर्य की पेिी कोशिकाएँ बेलनाकाि, िाखाओं वाली औि एक-
केत्न्द्रर्य होिी है ।

2.4 िंत्रत्रका ऊिक (Nervous Tissues)


िंत्रत्रका ऊिक की कोशिकाएँ बहुि िीघ्र उत्िेत्जि होिी है अिै ि इस उत्िेजना को बहुि ही िीघ्र पूिे ििीि
में एक स्थान से िस
ू िे स्थान िक पहुँचािी है । मत्स्िष्क, मेरूिज्जु िथा िंत्रत्रकाएँ सभी िंत्रत्रका ऊत्िकों

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ऊतक (Tissue)

की बनी होिी है । िंत्रत्रका ऊिक की कोशिकओं को िंत्रत्रका कोशिका र्या न्र्यिू ॉन कहा जािा है । न्र्यूिॉन में
कोशिकाएँ केन्द्रक िथा कोशिका द्रव्र्य होिे हैं।
वविेष – एवपथीशलर्यम, पेिीर्य संर्योजी िथा िंत्रत्रका ऊिक जंिु ऊिक कहिे है ।
• आकृति औि कार्यग के आधाि पि एवपथीशलर्यमी ऊिक को िलकी, घनाकाि, स्िम्भाकाि, िोमीर्य िथा
ग्रत्न्थल श्रेखणर्यों में वर्ीकृि ककर्या जािा है ।
• हमािे ििीि में ववद्र्यमान संर्योजी ऊिक के ववशभन्न प्रकाि है – एरिओलि ऊिक, एडीपोज ऊिक,
अत्स्थ, कंडिा, स्नार्यु उपात्स्थ िथा िक्ि आदि।
• पेिीर्य ऊिक न्र्यूिॉन का बना होिा है , जो संवेिन को प्राप्ि औि संचाशलि कििा है ।
• चँ कू क समान उत्पत्त्ि, संिचना एवं कार्यों वाली कोशिका के समूह को ऊिक कहिे है ।

जन्िओ
ु ं के ििीि में तनम्नशलखखि प्रकाि के ऊिक पार्ये जािे है –
2.4.1 एपीथीशलर्यम ऊिक (उपकला ऊिक )
2.4.2 पेिीर्य ऊिक
2.4.3 संर्योजी ऊिक
2.4.4 िंत्रत्रका ऊिक
2.4.5 ििल र्या संवहनीर्य ऊिक

2.4.1 एपीथीशलर्यम ऊिक


• एपीथीशलर्यम ऊिक जंिुओं के ििीि के ववशभन्न बाहिी िथा भीििी अंर्ों की सिह का आविण
बनािे हैं।
एपीथीशलर्यम ऊिक िो प्रकाि के हािे है –
2.4.1.1 सिल एपीथीशलर्यम ऊिक
2.4.1.2 संर्युक्ि एपीथीशलर्यम ऊिक

सिल एपीथीशलर्यम ऊिक


र्ये तनम्न प्रकाि के होि है –
1. िल्की सिल एपीचथशलर्यम ऊिक
2. स्िंभी सिल एपीचथशलर्यम ऊिक
3. घनाकाि सिल एपीचथशलर्यम ऊिक
4. िोमाशभ सिल एपीचथशलर्यम ऊिक
5. ग्रंचथल संवेिी सिल एपीचथशलर्यम ऊिक
6. जनन सिल एपीचथशलर्यम ऊिक

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ऊतक (Tissue)

िल्की सिल एपीचथशलर्यम ऊिक


• ित्ल्क उपकला की कोशिकाएँ पिली, चैड़ी, चपटी िथा षट्कोणीर्य होिी हे । कोशिकाओं की िीवािें
एक-िस
ू िे से सटी िहिी हैं। प्रत्र्येक कोशिका में एक पिला केंद्रक होिा है । र्यह ऊिक त्वचा की
बाहिी सिह, िक्िवादहतनर्यों, कान के लेववरिन्थ, फेंफड़ों वार्यक
ु ोत्ष्ठकाओं औि वक्
ृ क के वोमेन सम्पट
ु ों
पि पार्या जािा है ।

स्िम्भी सिल एपीथीशलर्यम ऊिक


• स्िंभी उपकला आहािनाल के ववशभन्न अंर्ों िथा ज्ञानेत्न्द्रर्यों व उनकी वादहतनर्यों की भीििी सिहों
पि पार्यी जािी है । िथा स्त्राव व अविोषण में सहार्यक होिी है ।

घनाकाि सिल एपीथीशलर्यम ऊिक


• घनाकाि उपकला की कोशिकाएँ घनाकाि होिी है िथा प्रत्र्येक कोशिका में एक र्ोलाकाि केंद्रक पार्या
जािा है । र्यह र्शवेि ग्रत्न्थर्यों, एवं वक्
ृ क नशलकाओं, जनन ग्रंचथर्यों व थाइिाार्यड ग्रंचथर्यों में पार्यी
जािी है ।

िोमाभी सिल एपीथीशलर्यम ऊिक


• िोमाशभ उपकला र्शवासनली, अण्डवादहनी िथा मुख्र्य र्ुहा में पार्यी जािी है ।

ग्रंचथल सिल एपीथीशलर्यम ऊिक


• ग्रंचथल उपकला एककोशिकीर्य िथा बहुकोशिकीर्य िो प्रकाि की होिी है । एककोशिकीर्य आंि िथा
र्शलेत्ष्मक कला िथा बहुकोशिकीर्य र्शवेि ग्रंचथ, त्वचा की िेल ग्रत्न्थ, ववष ग्रंचथ िथा लाि ग्रंचथ में
पार्यी जािी है ।

संवेिी सिल एपीथीशलर्यम ऊिक


• िंत्रत्रका संवेिी उपकला में उद्दीपन ग्रहण किने के शलए इनके मुक्ि शसिों पि संवेिी िोम होिे है ।
इनके िस
ू िे शसिों पि िंत्रत्रका िंिु होिे हैं, जो संवेिनाओं को मत्स्िष्क िक पहुँचाने है । र्यह उपकला
नाक, आँख व कान में पार्यी जािी है ।

जनन सिल एपीथीशलर्यम ऊिक


• जनन उपकला स्िंभाकाि कोशिकाओं की बनी होिी है िथा वष
ृ ण व अण्डािर्य की भीििी सिह में
पार्यी जािी है । र्यह बाि-बाि ववभात्जि होकि िुिाणु िथा अण्डे बनािी है ।

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ऊतक (Tissue)

संर्युक्ि एपीथीशलर्यम ऊिक


• संर्यक्
ु ि एपीथीशलर्यम का कार्यग जीवनपर्यंि ववभाजन किके नर्यी कोशिकाओं को जन्म िे ना है । इससे
तनशमगि कोशिकाएँ बाहिी सिह की ओि खखसकिी िहिी है । िथा मि
ृ कोशिकाओं की जर्ह लेिी है ।
इस प्रकाि की उपकला त्वचा की उपचमग, नेत्रों की कॉतनगर्या, मख्
ु र्य ग्रासन र्दु हका, ग्रासनली, मलािर्य
िथा र्योनी आदि में पार्यी जािी है ।

2.4.2 पेिीर्य ऊिक


पेिीर्य ऊिक िीन प्रकाि की होिे है । जो तनम्न प्रकाि है
2.4.2.1 अिे खखि पेशिर्याँ
2.4.2.2 िे खखि पेशिर्याँ
2.4.2.3 हृिर्य पेशिर्याँ

अिे खखि पेशिर्याँ


• अिे खखि पेिी ऊिक की चचकनी पेिी र्या अनैत्च्छक पेिी ऊिक भी कहिे है । अिे खखि पेशिर्याँ स्विः
फैलिी िथा शसकुड़िी है । इनके ऊपि जीवन की इच्छा का कोई तनर्यंत्रण नहीं होिा है ।

िे खखि पेशिर्याँ
• इन पेशिर्यों को ऐत्च्छक पेिी भी कहिे है । र्ये पेशिर्याँ जंिु के कंकाल से जुड़ी िहिी हैं औि इनमें
एत्च्छक र्ति होिी है ।

हृिर्य पेशिर्याँ
• हृिर्य पेशिर्याँ केवल हृिर्य की मांसल िीवाि पि पार्यी जािी है । र्ये पण
ू ि
ग ः अनैत्च्छक होिी है । हृिर्य
जीवनपर्यंि इन्हीं के कािण धड़किा िहिा है ।

2.4.3 संर्योजी ऊिक


• संर्योजी ऊिक एक अंर् को िस
ू िे अंर् से अथवा एक ऊिक से िस
ू िे ऊिक को जोड़िा है । र्ये ििीि
में सबसे अचधक फैले िहिे हैं िथा ििीि का लर्भर् 30 प्रतििि भार् इन्हीं से बना होिा है ।

संर्योजी ऊिक की िीन प्रमुख श्रैखणर्याँ होिी हैं। जो तनम्न प्रकाि है –


2.4.3.1 साधािण संर्योजी ऊिक
2.4.3.2 िंिुमर्य संर्योजी ऊिक
2.4.3.3 कंकाल संर्योजी ऊिक

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ऊतक (Tissue)

साधािण संर्योजी ऊिक


• साधािण संर्योजी ऊिक िीन प्रकाि के होिे है – अंििाशलि ऊिक, जो त्वचा के नीचे, पेशिर्यों के बीच
िथा िक्ि वादहतनर्यों व िंत्रत्रका के चािों ओि त्स्थि होिे है।

िंिुमर्य संर्योजी ऊिक


• िंिम
ु र्य संर्योजी ऊिक में मेदिक्स की मात्रा कम व िे िि
े ाि िंिओ
ु ं की संख्र्या अचधक होिी है ।
र्ये िो प्रकाि के होिे है –
• र्शवेि िे िि
े ाि
• पीि िे िि
े ाि
र्शवेि की अपेक्षा पीि िे िि
े ाि लचीले ऊिक होिे हैं, जैसे र्िग न, उं र्शलर्यों के पोि।

कंकाल संर्योजी ऊिक


• कंकाल संर्योजी ऊिक कंकाल का तनमागण कििा है ।

र्ये िो प्रकाि के होिे है । जो तनम्न है –


• उपात्स्थ
• अत्स्थ

उपात्स्थ ऊिक कॉत्ण्िन नामक प्रोटीन का बना होिा है िथा अिगठोस होिा है । अत्स्थ ऊिक दृढ़ होिा है
िथा ओसीन नामक प्रोटीन को बना होिा है ।

2.4.4 िंत्रत्रका ऊिक


बहुकोशिकीर्य जंिओ
ु ं में अनेक जैववक किर्याओं का तनर्यंत्रण िथा सभी प्रकाि के उद्दीपनों की जानकािी
िे ने व प्रतिकिर्या किाने में िंत्रत्रका िंत्र की महत्त्वपूणग भूशमका होिी है । समस्ि िंत्रों व अंर्ों का
सामंजस्र्य स्थावपि किना िंत्रत्रका ऊिक की प्रमख
ु वविेषिा है ।

िंत्रत्रका ऊिक के प्रमख


ु भार् तनम्न है –

2.4.4.1 िंत्रत्रका कोशिकाएँ


2.4.4.2 िंत्रत्रका िंिु
2.4.4.3 न्र्यूिोत्नलर्या

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ऊतक (Tissue)

िंत्रत्रका कोशिकाएँ
िंत्रत्रका कोशिका के िीन प्रमख
ु भार् है जो तनम्न है –
1. कोशिकाकार्य र्या साइटोन
2. वक्षृ क्षका र्या डेिॉन औि
3. िंत्रत्रकाि र्या एक्सॉन
• साइटॉन िंत्रत्रका कोशिका का प्रमुख भार् होिा है । इसके कोशिका द्रव्र्य में अनेक प्रोटीन र्यक्
ु ि िं र्ीन
कण होिे है । त्जन्हें तनशसल्स कण कहिे है ।
• कोशिकाकार्य के अनेक प्रवधग बाहि की ओि तनकलिे िहिे है , त्जनमें से एक लंबा मोटा व बेलनाकाि
होिा है । इसे एक्सॉन र्या िंत्रत्रकाि कहिे है । बाकी सब छोटे प्रवधों को डेिॉन र्या वक्षृ क्षका कहिे है

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ऊत्तक (Tissue)
PRACTICE QUESTIONS (a) घनाकाि एवपथीशलर्यम द्वािा / by
cubidal epithelium
1. जदटल ऊिक का उिाहिण है ?
(b) स्िम्भाकाि एवपथीशलर्यम द्वािा / by
An example of complex tissue?
columnar epithelium
(a) पैिेन्काइमा / parenchyma
(c) पक्ष्माभी एवपथीशलर्यम द्वािा / by the
(b) कॉलेन्काइमा / collenchyma
iliatedepithelium
(c) संवहन ऊिक / conducting tissue (d) उपर्यक्
ुग ि सभी द्वािा / all the above
(d) स्क्लेनेन्काइमा / sclerenchyma tissue

2. ऐिे न्काइमा पार्या जािा है– 6. पौधें को लचीलापन प्रिान किने वाला ऊिक
Aerenchyma is found in है ?
(a) जलीर्य पािपों में / in aquatic plants Tissue providing flexibility to plants?
(b) समिलीर्य पािपों में / in terrestrial (a) पैिेन्काइकामा / Parenchyma
plants (b) कॉलेन्काइमा / collenchyma
(c) मरूस्थलीर्य पािपों में / in desert (c) स्क्लेिेन्काइमा / sclerenchyma
plants (d) उपर्यक्
ुग ि सभी ऊिक / all the above
(d) उपर्युक्ि सभी / all of the above tissue

3. वह संर्योजी ऊिक जो मांसपेशिर्यों को 7. बीजो व फलों के कठोि तछलके बने होिे हैं
अत्स्थर्यों से जोड़िा है , कहलािा है – The hard part of Seeds and fruits are
The connective tissue that connects made of?
the muscles to the bone is called – (a) पैिेन्काइमा के / Parenchyma
(a) डेंडिाइट्स / Dendrites (b) कॉलेन्काइमा के / Collenchyma
(b) एक्सॉन / Axon (c) स्क्लेिेन्काइमा के / sclerenchyma
(c) कंडिा / Tendon (d) संवहन ऊिक के / conducting tissue
(d) एर्डपोस / Adipose
8. क्लोिोप्लास्ट पार्ये जािे है ।
4. हमािे ििीि में ऊष्मीर्य कुचालकिा कार्यग Chloroplast is found in.
किने वाला ऊिक है – (a) कोलेन्काइमा ऊिक में / Collenchyma
Which tissue is responsible for tissue
providing insulation to the body? (b) पेिेन्काइमा ऊिक में / Parenchyma
(a) पेिीर्य ऊिक / muscle tissue tissue
(b) ित्न्त्रका ऊिक /nervous tissue (c) जाइलम ऊिक में / Xylem tissue

(c) वसामर्य ऊिक / fat tissue (d) संिक्षी ऊिक में / Protective tissue

(d) संर्योजी ऊिक / Connective tissue


9. जड़ व िने के अग्र भार् में उपत्स्थि ऊिक

वक् है -
5. ृ कीर्य नली का अस्िि बना होिा हैं।
The layer of renal tubules is formed The tissue present in the apical part
by. of the root and stem is-
(a) स्थार्यी / Permanent

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ऊत्तक (Tissue)
(b) जदटल / complex 15. पािपों में बना खाद्र्य पिाथग पौधे के
(c) ववभाज्र्योिक / meristematic ववशभन्न अंर्ों में ककसके द्वािा पहुँचािा हैं।
(d) संवहन / Conducting Food is transported in various parts
of the plant by.
10. पािपों में फ्लोएम ऊिक का कार्यग है - (a) जाइलम / xylem
The function of phloem tissue in (b) काटे क्स / cortex
plants is- (c) फ्लोएम / phloem
(a) संर्योजी / connective
(d) वपथ / Pith
(b) पेिीर्य / muscle
(c) ित्न्त्रका / nerve 16. ववभ्‍ज्र्योत्िक ककसके शलए उत्िििार्यी है ?
(d) एवपथीतर्यम / Epithelium Meristematic is responsible for?
(a) खाद्र्य संर्शलेक्षण / food synthesis
11. हमािी त्वचा की एवपथीशलर्यम कहलािी है (b) खाद्र्य भण्डािण / food Storage
Our skin's epithelium is called (c) कोशिका ववभाजन / cell division
(a) सिल िल्की / simple squamous
(d) कोशिका परिपक्कन / cell maturation
(b) सिल घनाकाि / simple cuboid
(c) स्िरिि िल्की / stratified squamous 17. पािपों में जल िथा खतनज िथा खतनज
(d) स्िरिि घनाकाि / stratified cuboidal लवणों का संचालन ककसके द्वािा होिा है ।
Water and minerals are transported
12. िंत्रत्रका ऊिक की इकाई है by
The unit of nerve tissue is? (a) जाइलम / xylem
(a) ऐक्सान / axon (b) काटे क्स / cortex
(b) न्र्यिू ॉन / neuron (c) फ्लोएम / phloem
(c) कोशिकार्य / Cell body (d) वपथ / pith
(d) र्त्ु च्छका / Dendron
18. ववभज्र्योत्िक कोशिकाएँ होिी है -
13. रूचधि एक प्रकाि का ऊिक है Meristematic cells are-
Blood is a type of tissue (a) पिली शभत्त्ि वाली / Thin walled
(a) संर्योजी / connective (b) शलचग्रन र्युक्ि / Lignified
(b) पेिीर्य / muscle (c) बहुकेन्द्र की / Multinucleated
(c) ित्न्त्रका / nerve (d) कोई भी नहीं / none of these
(d) एवपथीशलर्यम / Epithelium
19. ववभज्र्योत्िक ऊिक होिा है -
14. प्रकाि संर्शलेक्षण की किर्या होिी है । Meristematic tissue found in-
Photosynthesis occurs in. (a) मूलिोम में / root hair
(a) क्लोिे नकाइमा में / Chlorenchyma
(b) पत्िी में / leaves
(b) स्कलेिेन्काइमा में / sclerenchyma
(c) िने के िीषग पि / apex of stem
(c) कॉलेन्काइमा में / collenchyma
(d) पष्ु प में / in the flower
(d) इन सभी में / all of these

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ऊत्तक (Tissue)
20. मनष्ु र्य के ििीि में सबसे लम्बी कोशिका 25. दृढ़ ऊिक की शभत्त्ि होिी है -
होिी हैं The wall of sclerenchyma is?
The longest cell in the human body. (a) पेत्क्टन र्युक्ि / pectin
(a) हाथ की कोशिका / cell of Hand (b) शलचग्रन र्युक्ि / Lignified
(b) पैि की कोशिका / cell of foot (c) सबेरिर्यन र्युक्ि / Suberian
(c) ित्न्त्रका की कोशिका / nerve cell (d) क्र्यदू टन र्युक्ि / cutin
(d) इनमें से कोई नहीं / none of these

21. तनम्न में एक ऊिक कौन सा है -


Which one of the following is a
Answer-key
tissue? 1 C 2 A 3 C 4 C 5 A
(a) र्यकृि / liver 6 B 7 C 8 B 9 C 10 A
(b) रूचधि / blood
11 C 12 B 13 A 14 A 15 C
(c) पैिीर्यास / Pancreases
16 C 17 A 18 A 19 C 20 C
(d) आमािर्य / stomach
21 B 22 B 23 A 24 D 25 B
22. शलर्ामेन्ट एक संिचना है जो जोड़िी है -
Ligament is a structure which
combines-
(a) अत्स्थर्यों से पेशिर्यों को / muscle to
bone
(b) अत्स्थ से अत्स्थ को / bone to bone
(c) अत्स्थ से ित्न्त्रका को / bone to nerve
(d) पेिी से त्वचा को / muscle to skin

23. शलचग्रन कोशिकाओं को बनाने का कार्यग


कििा है -
Lignin acts to make cells.
(a) दृढ़ / rigid
(b) लचीली / flexible
(c) कमजोि / weak
(d) पिली / thin

24. ऊँट का कूबड़ ककस ऊिक का बना होिा है -


What tissue form hump of camel?
(a) कंकालीर्य ऊिक / skeletal tissue
(b) पेिीर्य ऊिक / muscular tissue
(c) उपात्स्थि ऊिक / Cartilage tissue
(d) सामर्य ऊिक / adipose tissue

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