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11 ऊतक
11 ऊतक
परिभाषा: समान उत्पत्त्ि, सिं चना एवं कार्यों वाली संिचनाओं के समूह को ऊिक कहिे है । र्या समान
उत्पत्त्ि िथा समान कार्यों को सम्पादिि किने वाली कोशिकाओं के समह
ू को ऊिक कहा जािा है ।
औतिकी : ऊिक का अध्र्यर्यन जीव ववज्ञान की त्जस िाखा के अन्िर्गि ककर्या जािा है । उसे औतिकी कहिे
है ।
र्यह ऊिक ऐसी कोशिकाओं का समूह होिा है , त्जसमें बाि-बाि सूत्री ववभाजन किने की क्षमिा होिी
है । र्यह ऊिक अवर्यस्क जीववि कोशिका का बना होिा है । इस ऊिक की कोशिकाएँ छोटी, अंडाकाि
र्या बहुभज
ु ी होिी है औि इसकी शभत्त्ि सैल्र्यल
ू ोज की बनी होिी है । प्रत्र्येक कोशिका घने, कणर्यक्
ु ि
कोशिका द्रव्र्य से भिी होिी है । इन कोशिकाओं में प्रार्यः िसधानी अनुपत्स्थि िहिी है । इसमें एक बड़ा
केन्द्रक होिा है िथा कोशिकाओं के बीच अंििकोशिकीर्य स्थान नहीं पार्या जािा है ।
ववभाज्र्योतिकी ऊिक को भी ऊिक त्स्थति के आधाि पि पुनः तनम्नशलखखि िीन भार्ों में ववभात्जि
ककर्या र्र्या है –
• 1.1.1 िीषगस्थ ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Apical Meristem)
• 1.1.2 पार्शवग ववभाज्र्योतिकी ऊिक (lateral Meristem)
• 1.1.3 अन्िवेिी ववभाज्र्योतिकी ऊिक (Intercalary Meristem)
प्राथशमक स्थार्यी ऊिक िीषगस्थ एवं अन्िवेिी ववभाज्र्योिक से िथा द्ववतिर्यक स्थार्यी ऊिक पार्शवग
ववभाज्र्योिक र्या कैत्म्बर्यम कोशिकाओं से बनिा है ।
मि
ृ त्ु िक (पेिेनकाइमा) (Parenchyma)
र्यह अत्र्यन्ि सिल प्रकाि का स्थार्यी ऊिक होिा है । इस ऊिक की कोशिकाएँ जीववि, र्ोलाकाि,
अंड़ाकाि, बहुभुजीर्य र्या अतनर्यशमि आकाि की होिी है । इस ऊिक की कोशिका में सघन कोिा द्रव्र्य एवं
केन्द्रक पार्या जािा है । इनकी कोशिका शभत्त्ि पिील एवं सेल्र्यल
ू ोज की बनी होिी है । इस प्रकाि की
कोशिकओं के बीच अन्िि कोशिका स्थान िहिा है । कोशिका मध्र्य में एक बड़ी िसधानी िहिी है। र्यह
नए िने, जड़ एवं पत्त्िर्यों के एवपडशमगस औि कॉटे क्स में पार्या जािा है । कुछ मि
ृ त्ु िक में क्लोिोकफल
पार्या जािा है त्जसके कािण प्रकाि संर्शलेषण की किर्या सम्पन्न होिी है । इन ऊत्िकों को हरिि ऊिक
र्या क्लोिोनकाइमा कहिे है । जलीर्य पौधों में िैिने के शलए र्ुदहकाएँ िहिी है । जो मि
ृ त्ु िक के बीच पार्यी
जािी है । इस प्रकाि के मि
ृ त्ु िक की वार्यि
ु क र्या ऐिे नकाइमा कहिे हैं जो पािप को उत्पलावन बल
प्रिान कििे है ।
मि
ृ त्ु िक के कार्यग
• र्यह एवपडशमगस के रूप में पौधों का संिक्षण कििा है ।
• पौधे के हिे भार्ों में , खासकि पत्त्िर्यों में र्यह भोजन का तनमागण कििा है ।
• र्यह ऊिक संचचि क्षेत्र में भोजन का संचर्य कििा है । र्यह उत्सत्जगि पिाथों, जैसे र्ोंि, िे त्जन, टे तनन
आदि को भी संचचि कििा है ।
• र्यह ऊिक भोजन के पाश्र्व-चालन में सहार्यक होिा है ।
• इसमें पाए जाने वाले अंििकोशिका स्थान र्ैसीर्य ववतनमर्य में सहार्यक होिे है ।
स्थूलकोण ऊिक
(कोलेनकाइमा) (Collenchyma)
इस ऊिक की कोशिकाएँ केन्द्र र्यक्
ु ि, लम्बी र्या अण्डाकाि र्या बहुभज
ुग जीववि िथा िसधानी र्यक्
ु ि होिी
है । इनमें अंिि कोशिकीर्य स्थान बहुि कम होिा है । र्यह ऊिक पौधे के नए भार्ों में पार्या जािा है । र्यह
वविेषकि िने के एवपडशमगस के नीचे, पणगवत्ृ ि, पुष्पवन्ृ ि औि पुष्पावली वत्ृ ि पि पार्या जािा है । लेककन
जड़ों में नहीं पार्या जािा है ।
जाइलम एवं फ्लोएम शमलकि संवहन बण्डल का तनमागण कििे है । अिः इन िोनों को संवहन ऊिक भी
कहिे है ।
जाइलम (Xylem)
र्यह ऊिक पौधों के जड़, िना, िथा पत्त्िर्यों में पार्या जािा है । इसे चालन ऊिक भी कहिे है । वे ऊिक
जो ििीि के ववशभन्न भार्ों िक जल को संवहन कििे है । उन्हें जाइलम ऊिक कहिे है ।
र्यह चाि ववशभन्न प्रकाि के ित्वों से शमलकि बना होिा है । र्ये तनम्न है –
1.2.4.1.1 वादहतनकाएँ
1.2.4.1.2 वादहकाएँ
1.2.4.1.3 जाइलम िंिु
1.2.4.1.4 जाइलम मि
ृ त्ु िक
वादहतनकाएँ
इनकी कोशिका लम्बी, जीवद्रव्र्य ववदहन, िोनों शसिों पि नुकीली र्या मत्ृ ि होिी है । इनकी कोशिका शभत्त्ि
मोटी िथा स्थशू लि होिी है । वादहतनकाएँ संहवनी पौधों की प्राथशमक एवं द्वविीर्यक जाइलम िोनों में
पार्यी जािी है । र्ये पौधों को र्यांत्रत्रक सहािा प्रिान कििी है िथा जल को िने द्वािा जड़ से पत्िी िक
पहुँचािी है ।
वादहकाएँ
इनकी कोशिकाएँ मत्ृ ि एवं लम्बी नली के समान होिी है । कभी-कभी स्थूशलि शभत्त्िर्याँ ववशभन्न ििह से
मोटी होकि वलर्याकाि, सवपगलाकाि, र्िी जाशलकारूपी वादहकाएँ बनािी है । र्ये वादहकाएँ, आवि
ृ बीजों पौधों
के प्राथशमक एवं द्ववतिर्यक जाइलम में पार्यी जािी है । र्ये पौधों की जड़ों से जल एवं खतनज-लवण को
पत्िी िक पहुँचािे है।
जाइलम िन्िु
र्ये लम्बे, िंकुरूप िथा स्थशू लि शभत्त्ि वाली मि
ृ कोशिका होिी है । र्ये प्रार्यः काष्ठीर्य द्ववबीजपत्री पौधों
में पार्ये जािे है । र्ये मुख्र्यिः काष्ठीर्य द्ववबीजपत्री पौधों में पार्ये जािे है । र्ये मुख्र्यिः पौधों को र्यांत्रत्रक
सहािा प्रिान कििे है ।
जाइलम मि
ृ त्ु िक
इनकी कोशिकाएँ प्रार्यः पेिेन काइमेट्स एवं जीववि होिी है। र्यह भोजन संग्रह का कार्यग कििी है । र्यह
ककनािे की ओि पानी के पाश्र्वीर्य संवहन में मिि कििा है ।
फ्लोएम (Phloem)
जाइलम की भाँति फ्लोएम भी पौधे की जड़, िना एवं पत्त्िर्यों में पार्या जािा है । र्यह पत्त्िर्यों द्वािा
िैर्याि भोज्र्य पिाथों को पौधों के ववशभन्न भार्ों िक पहुँचािा है । र्यह एक संचर्यक ऊिक है । जो पौधों
को र्यांत्रत्रक संचर्यन प्रिान कििा है । र्या वह ऊिक जो भोज्र्य पिाथों को पािपों के ववशभन्न भार्ों िक
पहुँचाने का कार्यग कििे है । उन्हें फ्लोएम कहिे है ।
चालनी नशलकाएँ
र्ये लम्बी, बेलनाकाि िथा तछदद्रि शभत्त्ि वाली कोशिकाएँ होिी है । र्ये एक-िस
ू िे एक पि पिि सदृि सजी
िहिी है । िो कोशिकाओं की ववभाजनशभत्त्ि तछद्रर्युक्ि होिी है , त्जसे – चालनी पट्टी कहिे है । चालनी
नशलका की वर्यस्क अवस्था में केत्न्द्रक अनुपत्स्थि होिा है । एक चालााानी नशलका का कोशिकाद्रव्र्य-
चालनी पदट्टका के तछद्र द्वािा ऊपि औि नीचे के चालनी के नशलकाओं से संबंि िहिे हैं। चालनी
नशलकाएँ संहवनी अंर् से पौधे के फ्लोएम में पार्ये जािे है । इस नशलका द्वािा िैर्याि भोजन पत्त्िर्यों से
संचर्य अंर् औि संचर्य अंर् से पौधे के ववृ ि क्षेत्र में जािा है ।
सहकोशिकाएँ
र्ये चालनी नशलकाओं के पाश्र्व भार् में त्स्थि िहिी है । प्रत्र्येक सहकोशिका लम्बी एवं जीववि होिी है ।
त्जसमें केन्द्रक एवं जीवद्रव्र्य होिा है । र्ये केवल एत्न्जर्योस्पमग के फ्लोएम में पार्यी जािी है। र्यह चालनी
नशलकाओं में भोज्र्य पिाथग के संवहन में सहार्यिा कििा है ।
फ्लोएम िंिु
र्ये लम्बी दृढ़ एवं स्केलेिनकाइमेट्स कोशिकाओं की बनी होिी है । र्यह फ्लोएम ऊिक को र्यांत्रत्रक सहािा
प्रिान कििा है ।
फ्लोएम मि
ृ त्ु िक
र्ये जीववि, लम्बी िथा केन्द्रकर्यक्
ु ि कोशिकाएँ होिी है । जो सहकोशिकओं, के तनकट त्स्थि होिी है । र्ये
भोज्र्य पिाथग के संवहन में सहार्यक होिी है ।
ऊत्िकों
जन्िु ऊत्िकों के प्रकाि
कार्यग के आधाि पि जन्िु ऊिकों के चाि भार्ों में बाँट सकिे हैं। जो तनम्न प्रकाि है –
2.1 उपकला / एवपथीशलर्यमी ऊिक (epithelial tissue)
2.2 संर्योजी ऊिक (connective tissues)
2.3 पेिीर्य ऊिक (muscular tissues)
िल्की एवपथीशलर्यम
र्ये अत्र्यचधक पिली औि चपटी होिी है िथा कोमल अस्िि का तनमागण कििी है । ििीि का िक्षात्मक
कवच इन्हीं िल्की एवपथीशलर्यम से बना होिा है । र्ये कई पात्रों के पैटनग में व्र्यवत्स्थि होिी है । इसशलए
इन एवपथीशलर्यम को स्िरिि एवपथीशलर्यम कहिे है ।
घनाभाकाि एवपथीशलर्यम
धनाकाि एवपथीशलर्यम वक्
ृ कीर्य नली िथा लाि ग्रन्थी की नली के अस्िि का तनमागण कििा है , जहाँ र्यह
उसे र्यांत्रत्रक सहािा प्रिान कििा है। र्ये एवपथीशलर्यम कोशिकाएँ प्रार्यः ग्रत्न्थ कोशिका के रूप में अरिरिक्ि
वविेषिा अत्जगि कििी है , जो एवपथीशलर्यमी ऊिक की सिह पि पिाथों का स्त्राव कि सकिी है । कभी-
कभी एवपथीशलर्यम ऊिक का कुछ भार् अन्िि की ओि मुड़ा होिा है िथा एक बहुकोशिक ग्रंचथ का
तनमागण होिा है । र्यह ग्रंचथल एवपथीशलर्यम कहलािा है ।
की बनी होिी है । िंत्रत्रका ऊिक की कोशिकओं को िंत्रत्रका कोशिका र्या न्र्यिू ॉन कहा जािा है । न्र्यूिॉन में
कोशिकाएँ केन्द्रक िथा कोशिका द्रव्र्य होिे हैं।
वविेष – एवपथीशलर्यम, पेिीर्य संर्योजी िथा िंत्रत्रका ऊिक जंिु ऊिक कहिे है ।
• आकृति औि कार्यग के आधाि पि एवपथीशलर्यमी ऊिक को िलकी, घनाकाि, स्िम्भाकाि, िोमीर्य िथा
ग्रत्न्थल श्रेखणर्यों में वर्ीकृि ककर्या जािा है ।
• हमािे ििीि में ववद्र्यमान संर्योजी ऊिक के ववशभन्न प्रकाि है – एरिओलि ऊिक, एडीपोज ऊिक,
अत्स्थ, कंडिा, स्नार्यु उपात्स्थ िथा िक्ि आदि।
• पेिीर्य ऊिक न्र्यूिॉन का बना होिा है , जो संवेिन को प्राप्ि औि संचाशलि कििा है ।
• चँ कू क समान उत्पत्त्ि, संिचना एवं कार्यों वाली कोशिका के समूह को ऊिक कहिे है ।
जन्िओ
ु ं के ििीि में तनम्नशलखखि प्रकाि के ऊिक पार्ये जािे है –
2.4.1 एपीथीशलर्यम ऊिक (उपकला ऊिक )
2.4.2 पेिीर्य ऊिक
2.4.3 संर्योजी ऊिक
2.4.4 िंत्रत्रका ऊिक
2.4.5 ििल र्या संवहनीर्य ऊिक
िे खखि पेशिर्याँ
• इन पेशिर्यों को ऐत्च्छक पेिी भी कहिे है । र्ये पेशिर्याँ जंिु के कंकाल से जुड़ी िहिी हैं औि इनमें
एत्च्छक र्ति होिी है ।
हृिर्य पेशिर्याँ
• हृिर्य पेशिर्याँ केवल हृिर्य की मांसल िीवाि पि पार्यी जािी है । र्ये पण
ू ि
ग ः अनैत्च्छक होिी है । हृिर्य
जीवनपर्यंि इन्हीं के कािण धड़किा िहिा है ।
उपात्स्थ ऊिक कॉत्ण्िन नामक प्रोटीन का बना होिा है िथा अिगठोस होिा है । अत्स्थ ऊिक दृढ़ होिा है
िथा ओसीन नामक प्रोटीन को बना होिा है ।
िंत्रत्रका कोशिकाएँ
िंत्रत्रका कोशिका के िीन प्रमख
ु भार् है जो तनम्न है –
1. कोशिकाकार्य र्या साइटोन
2. वक्षृ क्षका र्या डेिॉन औि
3. िंत्रत्रकाि र्या एक्सॉन
• साइटॉन िंत्रत्रका कोशिका का प्रमुख भार् होिा है । इसके कोशिका द्रव्र्य में अनेक प्रोटीन र्यक्
ु ि िं र्ीन
कण होिे है । त्जन्हें तनशसल्स कण कहिे है ।
• कोशिकाकार्य के अनेक प्रवधग बाहि की ओि तनकलिे िहिे है , त्जनमें से एक लंबा मोटा व बेलनाकाि
होिा है । इसे एक्सॉन र्या िंत्रत्रकाि कहिे है । बाकी सब छोटे प्रवधों को डेिॉन र्या वक्षृ क्षका कहिे है
2. ऐिे न्काइमा पार्या जािा है– 6. पौधें को लचीलापन प्रिान किने वाला ऊिक
Aerenchyma is found in है ?
(a) जलीर्य पािपों में / in aquatic plants Tissue providing flexibility to plants?
(b) समिलीर्य पािपों में / in terrestrial (a) पैिेन्काइकामा / Parenchyma
plants (b) कॉलेन्काइमा / collenchyma
(c) मरूस्थलीर्य पािपों में / in desert (c) स्क्लेिेन्काइमा / sclerenchyma
plants (d) उपर्यक्
ुग ि सभी ऊिक / all the above
(d) उपर्युक्ि सभी / all of the above tissue
3. वह संर्योजी ऊिक जो मांसपेशिर्यों को 7. बीजो व फलों के कठोि तछलके बने होिे हैं
अत्स्थर्यों से जोड़िा है , कहलािा है – The hard part of Seeds and fruits are
The connective tissue that connects made of?
the muscles to the bone is called – (a) पैिेन्काइमा के / Parenchyma
(a) डेंडिाइट्स / Dendrites (b) कॉलेन्काइमा के / Collenchyma
(b) एक्सॉन / Axon (c) स्क्लेिेन्काइमा के / sclerenchyma
(c) कंडिा / Tendon (d) संवहन ऊिक के / conducting tissue
(d) एर्डपोस / Adipose
8. क्लोिोप्लास्ट पार्ये जािे है ।
4. हमािे ििीि में ऊष्मीर्य कुचालकिा कार्यग Chloroplast is found in.
किने वाला ऊिक है – (a) कोलेन्काइमा ऊिक में / Collenchyma
Which tissue is responsible for tissue
providing insulation to the body? (b) पेिेन्काइमा ऊिक में / Parenchyma
(a) पेिीर्य ऊिक / muscle tissue tissue
(b) ित्न्त्रका ऊिक /nervous tissue (c) जाइलम ऊिक में / Xylem tissue
(c) वसामर्य ऊिक / fat tissue (d) संिक्षी ऊिक में / Protective tissue
वक् है -
5. ृ कीर्य नली का अस्िि बना होिा हैं।
The layer of renal tubules is formed The tissue present in the apical part
by. of the root and stem is-
(a) स्थार्यी / Permanent