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KV ONGOLE

HOLIDAY HOME WORK SANSKRIT CLASS VI


प्र.1 अधोलिखितम ् अनच्
ु छे दं ऩठित्वा प्रदत्त - प्रश्नानाम ् उत्तराखि लिित।
आकाशे बहव् ग्रहा् सन्तत। सर्
ू ्य ववशािं नऺत्रम ् अन्तत। चतर् एक् उऩग्रह् अन्तत। ऩथृ िवी

सर्
ू ं ऩररत् प्रततठदनं भ्रमतत। सौरमण्डिे नव ग्रहा् सन्तत। बह
ृ तऩतत् ववशाितम् अन्तत। सर्
ू ्य

प्रकाशं र्च्छतत। सर्


ू ्य उष्िताम ् अवऩ र्च्छतत। चतर् शीतितां र्च्छतत।

अ. एकऩदे न उत्तरत –
क. आकाशे के सन्तत?
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ि. उऩग्रह् क् अन्तत?
............................................................................................................
ग. क् प्रकाशं र्च्छतत?
..............................................................................................................
ब. ऩि
ू व
य ाक्र्ेन उत्तरत -
सर्
ू ्य ककम ् ककम ् र्च्छतत?
............................................................................................................ I
स. तनदे शानस
ु ारम ् उत्तरत
क. “ अतधकारम ् “ वविोमऩदं ककम ्? ---------------------
क) शीतितां ि) नऺत्रम ् ग) प्रकाशं घ) न कोऽवऩ

ि. “ रवव: “ ऩर्ायर्ऩदम ् ककम ्? ----------------------------


क) भ्रमतत ि) सर्
ू :य ग) ऩररत् घ) ऩथृ िवी
अजीज् सरि् ऩररश्रमी च आसीत ्। स् तवालमन् एव सेवार्ां िीन् आसीत ्। एकदा स् गह
ृ ं
गततुम ् अवकाशं वांछतत। तवामी चतरु ् आसीत ्। स् थचततर्तत-‘अजीज् इव न कोsवऩ अतर््
कार्यकुशि्। एष अवकाशतर् अवऩ वेतनं ग्रहीष्र्तत।’ एवं थचतततर्त्वा तवामी किर्तत-‘अहं
तुभ्र्म ् अवकाशतर् वेतनतर् च सवं धनं दातर्ालम।’ ऩरम ् एतदिं त्वं वततुद्वर्म ् आनर्-
‘अहह!’ ‘आ्!’ च इतत।
अ एकऩदे न उत्तरत -

क. क् सरि् ऩररश्रमी च आसीत ् ?

…………………………………………………………………………………………………………………………………

ि. तवामी कीदृश: आसीत ् ?


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ब ऩि
ू व
य ाक्र्ेन उत्तरत -

थचतततर्त्वा तवामी ककम ् किर्तत?

…………………………………………………………………………………………………………………………………

स. तनदे शानस
ु ारम ् उत्तरत -

1. तनगयच्छतत वविोमऩदम ् लिित --------------------


(प्रववशतत सेवक् मि
ू ्य नेतुम ् नीच्)

2. चतरु ् वविोमऩदम ् लिित --------------------


(प्रववशतत सेवक् मि
ू ्य नेतम
ु ् नीच्)

एकदा दश बािका् तनानार् नदीम ् अगच्छन ्। ते नदीजिे थचरं तनानम ् अकुवयन ्। तत् ते

तीत्वाय ऩारं गता्। तदा तेषां नार्क् अऩच्


ृ छत ्-अवऩ सवे बािका् नदीम ् उत्तीिाय्? तदा कन्श्चत ्

ऩथिक् तत्र आगच्छत ्। स् तान ् बािकान ् द्ु खितान ् दृष््वा अऩच्ृ छत ्-बािका्! र्ष्ु माकं

द्ु ितर् कारिं ककम ्? बािकानां नार्क् अकिर्त ्-‘वर्ं दश बािका् तनातुम ् आगता्। इदानीं

नव एव तम्। एक् नद्र्ां मग्न्’ इतत। ऩथिक् तान ् अगिर्त ्। इतत।

अ एकऩदे न उत्तरत -
क. क् तान ् अगिर्त ् ?
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ि. बािका् कुत्र थचरं तनानम ् अकुवयन ्।


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ब ऩूिव
य ाक्र्ेन उत्तरत -

1. बािकानां नार्क् ककम ् अकिर्त?्


……………………………………………………………………………………………………
2. कतत बािका् तनानार् नदीम ् अगच्छन ्?
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