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िक्रया

िजन शब्दों से काम का करना या होना पाया जाता है,


उसे िक्रया कहते है।

िक्रया के मूल रूप को धातु कहा जाता है। धातु में ना प्रत्यय जोड़ने से
िक्रया का िनमाणर् होता है।
जैसे- चल (धातु) + ना (प्रत्यय) = चलना
िक्रया के 2 प्रकार है।

!सकमक
र् िक्रया
!अकमक
र् िक्रया
सकमक
र् िक्रया अकमक
र् िक्रया

अध्यापक ने लड़के को पीटा। अध्यापक ने पीटा।

रमेश ने िखलौना तोड़ िदया। रमेश ने तोड़ िदया।

रहीम िसर खुजाता है। रहीम खुजाता है।

लोग रामायण पढ़ते है। लोग पढ़ते है।

िचिड़या आकाश में उड़ रही है । िचिड़या उड़ रही है ।


िद्वकमक
र् िक्रया

राम ने श्याम को कलम िदया ।


मोहन सुरश
े की गाड़ी चला रहा है।

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