X-Hindi Couse-B-Qp-Set-1

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प्रीबोर्ड प्रश्न पत्र

परीक्षा 2022-23
कक्षा-10
हिन्दी - ब ( कोर् - 085)
ननर्ाडररत समय- 3 घंटे
सामान्य ननदे श- पर्
ू ाांक - 80

1. इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं- खंड 'अ' और 'ब' ।


2. खंड 'अ' में उपप्रश्नों सहहत 45 वस्तप
ु रक प्रश्न पछ
ू े गए हैं। हदए गए ननदे शों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर
दीजिए ।
3. खंड 'ब' में वर्णनात्मक प्रश्न पछ
ू े गए हैं, आंतररक ववकल्प भी हदए गए हैं।
4. ननदे शों को बहुत सावधानी से पह़िए और उनका पालन कीजिए ।
5. दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर दे ना अननवार्ण है ।
6. र्थासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः ललखखए।
खंर् अ - (वस्तप
ु रक प्रश्न)
1. ननम्नलिखखत गदयांश को ध्यानपव
ू क
ड पढ़कर इसके आर्ार पर सवाडधर्क उपयक्
ु त उत्तर वािे ववकल्प चन
ु कर
लिखखए- (1× 5 = 5)
ववद्र्ा + अथी अथाणत ् ववद्र्ा को पाने की चाह रखने वाला । लेककन ननत्र् ब़िती अनश
ु ासनहीनता के कारर् आिकल के
ववद्र्ार्थणर्ों ने उसका अथण बदल हदर्ा है । वो इस प्रकार है िो ववद्र्ा की अथी ननकाल दे वही ववद्र्ाथी है । ववद्र्ार्थणर्ों में
ब़िती अनश
ु ासनहीनता के कारर्ों में संभवतः सवाणर्धक मख्
ु र् कारर् र्ह भी है कक प्रार्ः ववद्र्ाथी अनश
ु ासन के लाभों से
अपररर्चत होते हैं। उन्हें ज्ञान नहीं होता कक अनश
ु ासन से िीवन सख
ु ी एवं शांत बन िाता है । अनश
ु ासनहीनता का दस
ू रा
कारर् र्ह है कक आि की लशक्षा-प्रर्ाली में आचरर् को केवल व्र्जततगत ववषर् समझ ललर्ा गर्ा है । ववद्र्ाथी को आचरर्
सम्बंधी लशक्षा नहीं दी िाती है तथा पस्
ु तकीर् ज्ञान को ही सब कुछ मान ललर्ा िाता है । फलतः ववद्र्ाथी की चंचल मानलसक
प्रववृ त्त ननरं तर उद्दं डता की ओर उन्मख
ु होती चली िा रही है ; अतः र्ह आवश्र्क है कक हम अपनी लशक्षा-पद्धनत में सध
ु ार करें
तथा आचारशास्त्र को ही आरं लभक कक्षाओं में अननवार्ण तथा उच्च कक्षाओं में वैकजल्पक ववषर् के रूप में स्थान दें । इसके साथ
ही हमें ववद्र्ार्थणर्ों को र्ह बताना चाहहए कक अनश
ु ासन ककस प्रकार से उनके भावी िीवन के ववकास में सहार्क बन सकता
है । हमें ववद्र्ार्थणर्ों को इस बात की लशक्षा दे नी चाहहए कक अनश
ु ासन के माध्र्म से मन पर ननर्ंत्रर् करने की कला भी आती
है । मन को अपने वश में रखने की कला भी आती है । मन को अपने वश में रखने की कला सीख लेने से र्ह लाभ होता है कक
िीवन में प्रगनत के पथ पर ब़िते समर् कोई रुकावट नहीं आती, लेककन िो व्र्जतत अपने मन पर शासन करने की कला
में प्रवीर् नहीं हो पाते, उन्हें सदै व परमख
ु ापेक्षी रहना पडता है ।
(1) ववदयाधथडयों में बढ़ती अनश
ु ासनिीनता का मख्
ु य कारर् िै -
(क) खेल में अत्र्र्धक रुर्च होना। (ख) अनश
ु ासन के लाभों से पररर्चत न होना
(ग) मन का अत्र्र्धक चंचल होना। (घ) पररपतवता का अभाव
(2) ववदयाधथडयों को अनश
ु ासन के िाभों से पररधचत कराना आवश्यक िै , क्योंकक-
(क) इससे उनका िीवन सख
ु ी एवं शांत बनता है (ख) वे प़िाई में रुर्च लेने लगते हैं
(ग) इससे उन्हें अनश
ु ासन का महत्व ज्ञात होता है (घ) वे आदशण ववद्र्ाथी बन िाते हैं
(3) अनश
ु ासनिीनता का दस
ू रा कारर् िै -
(क) अच्छी पस्
ु तकों का अभाव (ख) अच्छे लशक्षकों की कमी
(ग) लशक्षा-प्रर्ाली में आचरर् की लशक्षा का अभाव (घ) लशक्षर् साधनों का अभाव
(4) मन को वश में रखने की किा सीखने का क्या कारर् िै ?
(क) िीवन में प्रगनत-पथ ननबाणध हो िाता है (ख) कार्ण-कुशलता का ववकास होता है
(ग) लशक्षा-प्रर्ाली में आचरर् की लशक्षा का अभाव (घ) लशक्षर् साधनों का अभाव
(5) ननम्नललखखत कथन (A) तथा कारर् (R) को ध्र्ानपव
ू क
ण पह़िए उसके बाद हदए गए ववकल्पों में से कोई एक सही ववकल्प
चुनकर ललखखए।
कथन (A) ववद्र्ार्थणर्ों में अनश
ु ासनहीनता का प्रमख
ु कारर् आि की लशक्षा-प्रर्ाली में आचरर् को केवल व्र्जततगत ववषर्
समझ ललर्ा िाता है ।
कारर् (R) : ववद्र्ार्थणर्ों को आचरर्- संबध
ं ी लशक्षा नहीं दी िाती तथा पस्
ु तकीर् ज्ञान को ही सब कुछ मान ललर्ा िाता है ।
(क) कथन (A) तथा कारर् (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेककन कारर् (R) सही है ।
(ग) कथन (A) सही है लेककन कारर् (R) उसकी गलत व्र्ाख्र्ा करता है ।
(घ) कथन (A) तथा कारर् (R) दोनों सही हैं तथा कारर् (R) कथन (A) की सही व्र्ाख्र्ा करता है ।
2. ननम्नलिखखत गदयांश को ध्यानपव ू क
ड पढ़कर इसके आर्ार पर सवाडधर्क उपयक् ु त उत्तर वािे ववकल्प चुनकर लिखखए- (1
x 5 = 5)
ईश्वर पर ववश्वास बडी ही शानदार चीि है । अबोध बालक मााँ की गोद में पहुाँचकर र्ा वपता की उं गली पकड लेने पर परू ी तरह
से आश्वस्त हो िाता है । उसे अपने माता-वपता पर ववश्वास है और र्ह ववश्वास ही उसे भर्मत
ु त कर दे ता है । इसी प्रकार ईश्वर
का नाम लेकर उस पर ववश्वास कर हम मन में शजतत का एकीकरर् कर कार्णरत होते हैं। हमारा ववश्वास मिबत
ू होता है कक
हमारे साथ ईश्वर है और हम इस कार्ण में सफल होंगे। आत्मववश्वास को दृ़ि बनाने के ललए ईश्वर का अजस्तत्व बनार्ा गर्ा है ।
इसके साथ-साथ ईश्वर की कल्पना मनष्ु र् को भर्भीत भी करती है । एकांत में भी मनष्ु र् कोई पाप र्ा गलत काम न कर सके,
इसी आधार पर उसे सवणव्र्ापी, सवणद्रष्टा बतलार्ा गर्ा है । कर्-कर् में उसका ननवास माना गर्ा है । मनष्ु र् पर ननर्ंत्रर्
रखने के ललए ककसी-न-ककसी शजतत की आवश्र्कता तो है ही। इसी आधार पर ईश्वर की संकल्पना की गई और इसी प्रकार
असफलताओं को रोकने के ललए, अपने दोष पर परदा डालने के ललए भाग्र् की भी कल्पना की गई। हम स्वर्ं
अपने भाग्र् ववधाता हैं। िैसा कार्ण करें ग,े वैसा फल पाएाँगे। अतएव भाग्र् को आप दोष न दें । चींटी को दे खें।
वह ककतनी बार च़िती-र्गरती है । अगर वह भाग्र्वादी होती तो कफर च़ि ही नहीं पाती। ननरं तर प्रर्ास करके ही
वह सफल होती है । वह भाग्र् पर ननभणर नहीं, कमण करके हदखलाती है । इस कारर् बराबर कार्ण में लगे रहें ।
सफलता हाथ आए र्ा कफर असफलता, सफलता पर प्रसन्न होकर अपनी प्रगनत धीमी न करें । असफलता पर
घबराकर र्ा ननराश होकर मैदान छोडकर न भागें । अपना कार्ण बराबर आगे ब़िाते रहें । िो उद्र्म करते हैं,
पररश्रमरत रहते हैं, ननरं तर अपने कदम का ध्र्ान रखते हैं, वे अवश्र् ही िो भी इच्छा करते हैं, पा िार्ा करते
हैं।
(1) अकमडण्य अपनी सफिता का कारर् ककसे मानते िैं?
(क) ईश्वर को (ख) दभ
ु ाणग्र् को
(ग) सौभाग्र् को (घ) पररश्रम को
(2) मनष्ु य का भाग्य ववर्ाता कौन िै ?
(क) उसका अपना कमण (ख) उसका अपना भाग्र्
(ग) उसकी अपनी लशक्षा (घ) उसका अपना ज्ञान
(3) ननम्नलिखखत कथनों पर ववचार कीजिए-
(i) ईश्वर की संकल्पना हमें कुमागण पर िाने से रोकने के ललए की गई है ।
(ii) ईश्वर की संकल्पना हमें पण्
ु र् करने का महत्त्व समझाने के ललए की गई है ।
(iii) ईश्वर की संकल्पना हमें भाग्र् में ववश्वास करना लसखाने के ललए की गई है ।
उपयक्
ुड त कथनों में कौन-सा / कौन-से सिी िै / िैं?
(क) केवल (i) (ख) केवल (ii) (ग) (i) और (iii) (घ) (ii) और (iv)
(4) चींटी िमें क्या संदेश दे ती िै
(क) उठने के ललए र्गरना आवश्र्क है (ख) सफलता बार-बार र्गरने से लमलती है
(ग) सफलता हे तु सतत ् प्रर्ास आवश्र्क है (घ) र्गरने के ललए उठना आवश्र्क है
(5) गदयांश में समथडन ककया गया िै -
(क) धमणवाद का (ख) ईश्वरवाद का (ग) भाग्र्वाद का (घ) कमणवाद का
3. ननदे शानस
ु ार 'पदबंर्' पर आर्ाररत पााँच बिुववकल्पीय प्रश्नों में से ककन्िीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1x4=4)
(1) र्ीरे -र्ीरे नाव पानी में र्ूबती चिी गई। इस वाक्य में रे खांककत पदबंर् िै -
(क) संज्ञा पदबंध (ख) ववशेषर् पदबंध (ग) कक्रर्ा पदबंध (घ) कक्रर्ा ववशेषर् पदबंध
(2) उड़ती िुई धचडड़या अचानक धगर गई। इस वाक्य में ववशेषर् पदबंर् िै -
(क) र्चडडर्ा (ख) अचानक (ग) र्गर गई (घ) उडती हुई
(3) हदन-रात पररश्रम करने वािे सफि िो िाते िैं। इस वाक्य में किया पदबंर् िै -
(क) सफल हो िाते हैं।
(ख) हदन-रात I
(ग) पररश्रम करने वाले I
(घ) हदन-रात पररश्रम I
(4) फैिते िुए प्रदष
ू र् ने पंनियों को बजस्तयों से भगाना शरू
ु कर हदया, रे खांककत पदबंर् का भेद िै -
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सवणनाम पदबंध
(ग) कक्रर्ा पदबंध
(घ) ववशेषर् पदबंध
(5) कबत
ू र परे शानी में इर्र-उर्र फड़फड़ा रिे थे। रे खांककत पदबंर् का प्रकार िै -
(क) सवणनाम पदबंध
(ख) कक्रर्ा पदबंध
(ग) कक्रर्ा ववशेषर् पदबंध
(घ) ववशेषर् पदबंध
4. ननदे शानस
ु ार 'रचना' के आर्ार पर वाक्य भेद पर आर्ाररत पााँच बिुववकल्पीय प्रश्नों में से ककन्िीं चार प्रश्नों के उत्तर
दीजिए- (1x4 = 4)
(1) 'िापान में चाय पीने की एक ववधर् िै , जिसे चा-नो-यू किते िैं।' वाक्य का सरि वाक्य में रूपांतरर् िोगा-
(क) िापान में चार् पीने की ववर्ध को चा-नो-र्ू कहते हैं।
(ख) िापान में चार् पीने की ववर्ध है और उसे चा-नो-र्ू कहते हैं।
(ग) िापान में िो चार् पीने की ववर्ध है , उसे चा-नो-र्ू कहते हैं।
(घ) उपर्त
ुण त में से कोई नहीं
(2) 'बात करने में सब एक-से- बढ़कर एक िैं, िेककन सिी बात कोई निीं बताता,' वाक्य का भेद िै -
(क) लमश्र वातर् (ख) सरल वातर्
(ग) संर्त
ु त वातर् (घ) प्रधान वातर्
(3) 'पढ़ने की इच्िा िोने पर िी तम
ु यिााँ से िाओ।' वाक्य का लमश्र वाक्य में रूपांतरर् िोगा-
(क) प़िने की इच्छा हो तो र्हााँ से िाओ
(ख) िब प़िने की इच्छा हो तभी तम
ु र्हााँ से िाओ
(ग) प़िने की इच्छा होगी तो र्हााँ से िाना
(घ) उपर्त
ुण त में से कोई नहीं
(4) ननम्नलिखखत वाक्यों में से संयक्
ु त वाक्य िै -
(क) िैसे ही उसने मझ
ु े दे खा, वह खखसक गर्ा (ख) िब उसने मझ
ु े दे खा तो वह खखसक गर्ा
(ग) उसने मझ
ु े दे खा और वह खखसक गर्ा (घ) मझ
ु े दे खते ही वह खखसक गर्ा
(5) 'कायड परू ा करके मिदरू घर चिे गए।' वाक्य का भेद िै —-
(क) सरल वातर् (ख) लमश्र वातर्
(ग) संर्त
ु त वातर् (घ) इनमें से कोई नहीं
5. ननदे शानस
ु ार 'समास' पर आर्ाररत पााँच बिुववकल्पीय प्रश्नों में से ककन्िीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1x4 =
4)
(1) 'पाठशािा' समस्तपद में कौन-सा समास िै ?
(क) तत्परु
ु ष (ख) कमणधारर्
(ग) द्ववगु (घ) अव्र्र्ीभाव
(2) 'ध्यानमग्न' का समास-ववग्रि िोगा-
(क) ध्र्ान से मग्न (ख) ध्र्ान पर मग्न
(ग) ध्र्ान में मग्न (घ) ध्र्ान को मग्न
(3) ननम्नलिखखत यग्ु मों पर ववचार कीजिए-
समस्त पद समास
(i) सम
ु त्ृ र्ु (i) कमणधारर् समास
(ii) दीनबंधु (ii) द्ववगु समास
(iii) प्रनतहदन (iii) अव्र्र्ीभाव समास
(iv) स्नेहहीन (iv) बहुव्रीहह समास
उपर्त
ुण त र्ग्ु मों में से कौन-से सही सम
ु ेललत हैं-
(क) (i) और (iii)
(ख) (i) और (ii)
(ग) (ii) और (iii)
(घ) (iii) और (iv)
(4) 'सब
ु ह-शाम' के ललए समास ववग्रह और समास का चर्न कीजिए-
(क) सब
ु ह से शाम - तत्परु
ु ष समास
(ख) सब
ु ह से शाम तक - अव्र्र्ीभाव समास
(ग) सब
ु ह और शाम - द्वंद्व समास
(घ) सब
ु ह र्ा शाम - द्ववगु समास

(5) 'त्रत्रदे व' का समास ववग्रह एवं भेद होगा-


(क) तीन दे वों का समह
ू - द्ववगु समास
(ख) तीन दानवों का समह
ू - द्वंद्व समास
(ग) तीन दे ववर्ों का समह
ू - द्ववगु समास
(घ) तीनों दे वों का घर - अव्र्र्ीभाव समास
6. ननदे शानस
ु ार 'मि
ु ावरे ' पर आर्ाररत ि: बिुववकल्पीय प्रश्नों में से ककन्िीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1 × 4 = 4)
(1) मह
ु ावरे और अथण के उर्चत मेल वाले ववकल्प का चर्न कीजिए -
(क) घड
ु ककर्ााँ खाना - साहस प्राप्त होना
(ख) तलवार खींचना - सब कुछ नष्ट करना
(ग) पन्ने राँगना - व्र्थण में ललखना
(घ) आग बब
ू ला होना - अपने वश में रहना
(2) होश में न रहना' अथण के ललए उर्चत मह
ु ावरा है -
(क) आाँख लगना
(ख) सााँप साँघ
ू ना
(ग) आपे से बाहर होना
(घ) सध
ु -बध
ु खोना
(3) सडक पर गाडी तेि चलाने का मतलब है ___ कब दघ
ु ट
ण ना हो िाए भरोसा नहीं। ररतत स्थान के
ललए उर्चत मह
ु ावरा चुननए
(क) घडों पानी पडना
(ख) लसर पर तलवार लटकना
(ग) आकाश से तारे तोडना
(घ) तीन-तेरह होना
(4) परीक्षा के हदनों में छात्र प़िते-प़िते ___उपर्त
ु त ववकल्प से ररतत स्थान की पनू तण कीजिए
(क) आडे हाथों लेते हैं
(ख) आाँखें फोड लेते हैं
(ग) आाँखों में धूल झोंकते हैं
(घ) दााँतों तले उाँ गली दबा लेते हैं
(5) रे खांककत अंश के ललए कौन-सा मह
ु ावरा प्रर्त
ु त करना उर्चत रहे गा- िबसे रमेश ने नौकरी छोड
व्र्ापार शरू
ु ककर्ा है , वह तो बहुत अर्धक पररश्रमी बन गर्ा है ।
(क) कोल्हू का बैल
(ख) ठन-ठन गोपाल
(ग) अडडर्ल टट्टू
(घ) गोबर गर्ेश
(6) 'स्वाथण लसद्ध करना' अथण के ललए उपर्त
ु त मह
ु ावरा है -
(क) अपना राग अलापना
(ख) आाँखे चुराना
(ग) पीठ हदखाना
(घ) अपना उल्लू सीधा करना
7. ननम्नलिखखत पदयांश को पढ़कर पि
ू े गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सिी ववकल्प का चयन कीजिए-
(1 × 5 = 5)
ववचार लो कक मत्र्ण हो न मत्ृ र्ु से डरो कभी,
मरो, परं तु र्ों मरो कक र्ाद िो करें सभी ।
हुई न र्ों सम
ु त्ृ र्ु तो वथ
ृ ा मरे , वथ
ृ ा जिए,
मरा नहीं वही कक िो जिर्ा न आपके ललए ।
वही पशु - प्रववृ त्त है कक आप आप ही चरे ,
वही मनष्ु र् है कक िो मनष्ु र् के ललए मरे ।
(1) कवव के अनस
ु ार मनष्ु र् कौन है ?
(क) िो अपने ललए िीता है
(ख) िो अपने पररवार के ललए मरता है
(ग) िो मनष्ु र् के ललए िीता-मरता है
(घ) िो ककसी के ललए कुछ नहीं करता
(2) पश-ु प्रववृ त्त तर्ा है ?
(क) दस
ू रों के ललए िीना-मरना
(ख) हमेशा परोपकार करना
(ग) िंगलों में घम
ू ना-कफरना
(घ) केवल अपने ललए ही िीना
(3) कौन अमर हो िाता है ?
(क) िो दस
ू रों के ललए िीता-मरता है
(ख) िो केवल अपने ललए िीता है
(ग) िो कठोर तपस्र्ा करता है
(घ) िो पशओ
ु ं िैसा िीवन िीता है
(4) कैसी मत्ृ र्ु सम
ु त्ृ र्ु होती है ?
(क) जिसमें कष्ट होता है
(ख) जिसमें कष्ट नहीं होता
(ग) जिसमें मरने के बाद भी लोग र्ाद करते हैं
(घ) जिसमें मरने के बाद कोई र्ाद नहीं करता
(5) ननम्नललखखत वातर्ों को ध्र्ानपव
ू क
ण पह़िए-
(i) मत्ृ र्ु ननजश्चत है ।
(ii) हमें उससे डरना चाहहए।
(iii) मत्ृ र्ु ऐसे हो कक मरने के बाद सभी र्ाद रखें ।
(iv) परोपकारी अमर हो िाता है
(v) दस
ू रों के ललए िीना पशओ
ु ं का स्वभाव है ।
पद्र्ांश से मेल खाते वातर्ों के ललए उर्चत ववकल्प चुनकर ललखखए-
(क) (i), (ii) और (v)
(ख) (i), (iii) और (v)
(ग) (i), (iii) और (iv)
(घ) (i), (ii) और (iv)
8. ननम्नलिखखत प्रश्नों के उत्तर दे ने के लिए उधचत ववकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2 )
(1) बादलों के छा िाने से तर्ा होता है ?
(क) झरने बहने लगते हैं
(ख) अंधकार छा िाता है
(ग) मौसम अच्छा लगता है
(घ) पवणत अदृश्र् हो िाते हैं
(2) िो िवानी खून में 'नहीं' नहाती वह ककसे बदनाम करती है ?
(क) माता-वपता को
(ख) हुस्न और इश्क को
(ग) दे श और समाि को
(घ) इनमें से कोई नहीं
9. ननम्नलिखखत गदयांश को पढ़कर पि
ू े गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सिी ववकल्प का चयन कीजिए-
(1 x 5 = 5)
ग्वाललर्र में हमारा एक मकान था, उस मकान के दालान में दो रोशनदान थे। उसमें कबत
ू र के एक िोडे
ने घोंसला बना ललर्ा था। एक बार त्रबल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड हदर्ा। मेरी मााँ ने दे खा
तो उसे दःु ख हुआ। उसने स्टूल पर च़िकर दस ू रे अंडे को बचाने की कोलशश की लेककन इस कोलशश में
दस
ू रा अंडा उसी के हाथ से र्गरकर टूट गर्ा। कबत ू र परे शानी में इधर-उधर फडफडा रहे थे। उनकी आाँखों
में दःु ख दे खकर मेरी मााँ की आाँखों में आाँसू आ गए। इस गन
ु ाह को खुदा से मआ
ु फ कराने के ललए उसने
परू ा हदन रोिा रखा। हदन-भर कुछ खार्ा वपर्ा नहीं, लसफण रोती रही और बार-बार नमाि प़ि-प़िकर खद
ु ा
से इस गलती को मआ
ु फ करने की दआ
ु मााँगती रही।
(1) लेखक की मााँ ककस बात से दःु खी थी?
(क) घर में कबत
ू रों ने घोंसला बना ललर्ा था
(ख) कबत
ू र के दोनों अंडे टूट गए थे
(ग) कबत
ू र अंडों को छोडकर चले गए थे
(घ) त्रबल्ली अंडों को खा गई थी
(2) लेखक की मााँ खुदा से ककस गन
ु ाह को माफ कराना चाहती थी?
(क) पहला अंडा तोडने का गन
ु ाह
(ख) त्रबल्ली को मारने का गन
ु ाह
(ग) दस
ू रा अंडा टूट िाने का गन
ु ाह
(घ) कबत
ू र का घोंसला तोडने का गन
ु ाह
(3) ननम्नललखखत कथन (A) तथा कारर् (R) को ध्र्ानपव
ू क
ण पह़िए। उसके बाद हदए गए ववकल्पों में से
कोई एक सही ववकल्प चुनकर ललखखए।
कथन (A): मााँ ने अपना गन
ु ाह खुदा से मआ
ु फ कराने के ललए परू े हदन रोिा रखा।
कारर् (R) : कबत
ू र का अंडा बचाने की कोलशश में अंडा उनके हाथ से र्गरकर टूट गर्ा।
(क) कथन (A) तथा कारर् (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेककन कारर् (R) सही है ।
(ग) कथन (A) सही है लेककन कारर् (R) उसकी गलत व्र्ाख्र्ा करता है ।
(घ) कथन (A) तथा कारर् (R) दोनों सही हैं तथा कारर् (R) कथन (A) की सही व्र्ाख्र्ा करता है ।
(4) गद्र्ांश में प्रर्त
ु त ननम्नललखखत शब्दों में से कौन-सा शब्द प्रत्र्र् के मेल से नहीं बना है ?
(क) गन
ु ाह (ख) परे शानी (ग) रोशनदान (घ) हदनभर
(5) मााँ की आाँखों में आाँसू आ गए थे, तर्ोंकक
(क) कबत
ू र का अंडा त्रबल्ली ने तोड हदर्ा था
(ख) कबत
ू र का अंडा लेखक की मााँ से टूट गर्ा था
(ग) लेखक की पत्नी ने कबत
ू र का अंडा तोड हदर्ा था
(घ) कबत
ू र की आाँखों में दःु ख दे खकर व्र्र्थत हो गई थी
10. ननम्नलिखखत प्रश्नों के उत्तर दे ने के लिए उधचत ववकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) ननम्नललखखत वातर्ों में से कौन-से वातर् ततााँरा के चररत्र को प्रदलशणत करते हैं?
(i) ततााँरा एक सद
ुं र और शजततशाली र्व
ु क था ।
(ii) ततााँरा एक नेक और मददगार व्र्जतत था ।
(iii) वह अपने गााँव की ही नहीं, बजल्क समच
ू े द्वीपवालसर्ों की मदद करता था।
(iv) वह अद्भत
ु दै वीर् शजतत का स्वामी था ।
ववकल्प
(क) केवल(i) (ख) (i) और (iv) (ग) (ii) और (iv) (घ) (i), (ii) और (iii)
(2) 'डार्री का एक पन्ना' में िुलस
ू और ध्विारोहर् को रोकने के ललए पलु लस ने तर्ा ककर्ा ?
(क) हुडदं ग मचार्ा
(ख) गोरखे और सारिेंट तैनात कर हदए
(ग) गवनणर िनरल कोलकाता पहुाँचे
(घ) इनमें से कोई नहीं
खंर् ब (वर्डनात्मक प्रश्न)
11. ननम्नलिखखत प्रश्नों में से ककन्िीं दो प्रश्नों के उत्तर िगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(1) प़िाई और परीक्षा के प्रनत बडे भाई साहब और छोटे भाई के दृजष्टकोर् में तर्ा मौललक अंतर है ?
आपके ववचार से दोनों में सामंिस्र् ककस प्रकार बैठार्ा िा सकता है ?
(2) 'डार्री का एक पन्ना' पाठ के आधार पर सभ
ु ाषबाबू के िुलस
ू और उनके साथ पलु लस के व्र्वहार
की चचाण कीजिए ।
(3) 'कारतस
ू ' पाठ के अंत में िब लेफ़्टीनेंट कनणल से आने वाले सवार का नाम पछ
ू ता है तो नाम न
बताकर कनणल उसे 'िााँबाि लसपाही' तर्ों कहता है ?
12. ननम्नलिखखत प्रश्नों में से ककन्िीं दो प्रश्नों के उत्तर िगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 x 2 = 6)
(1) कबीर ने अपने दोहे में हहरर् का उदाहरर् ककस संदभण में हदर्ा है ? तर्ा आप भी कबीर के ववचार से
सहमत हैं? अपना उत्तर स्पष्ट रूप से ललखखए ।
(2) मीरा श्रीकृष्र् को पाने के ललए तर्ा-तर्ा कार्ण करने को तैर्ार है ?
(3) कंपनी बाग में रखी तोप तर्ा सीख दे ती है ?
13. ननम्नलिखखत प्रश्नों में से ककन्िीं दो प्रश्नों के उत्तर िगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 x 2 = 6)
(1) "लोगों की िब
ु ान से घटनाओं की िब
ु ान ज़्र्ादा पैनी और असरदार होती है ।" 'हररहर काका' पाठ के
आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
(2) तोतों के प्रनत प्रीतमचंद के मधुर व्र्वहार से उनके व्र्जततत्व की कौन-सी ववशेषता के बारे में पता
चलता है ?
(3) िीवन मल्
ू र्ों के आधार पर इफ़़्न और टोपी शत
ु ला के संबध
ं ों की समीक्षा कीजिए ।
14. ननम्नलिखखत में से ककसी एक ववषय पर संकेत बबंदओ
ु ं के आर्ार पर िगभग 100 शब्दों में
अनच्
ु िे द लिखखए - (5 x 1 = 5)
(1) नोटबंदी
● नोटबंदी की घोषर्ा
● लोगों की लंबी कतार
● पक्ष और ववपक्ष की टकरार
● मानवता का पन
ु िणन्म
(2) दे श की एकता और अखंडता
● एकता से अखंडता की भावना
● एकता में बाधाएाँ
● बाधाएाँ दरू करने के उपार्
(3) स्त्री लशक्षा
● आवश्र्कता
● ब़िते आाँकडे
● संतान तथा समाि पर प्रभाव
15. (1) प्रीतमपरु ा, हदल्ली डाकघर से ट्ांस कॉलोनी, कानपरु को भेिा गर्ा मनीऑडणर अपने गंतव्र् तक
नहीं पहुाँचा। इसकी लशकार्त करते हुए प्रेषक की ओर से डाकपाल को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र
ललखखए।
अथवा
(2) ककसी प्रख्र्ात समाचार-पत्र के संपादक के नाम लगभग 100 शब्दों में एक पत्र ललखकर रे ल आरक्षर्
व्र्वस्था में हुए सध
ु ार की प्रशंसा कीजिए । (5 × 1 = 5)
16. (1) ववद्र्ालर् में स्वच्छता अलभर्ान चलाने के ललए र्ोिनाबद्ध कार्णक्रम के ननधाणरर् हे तु सभी
कक्षाओं के प्रनतननर्धर्ों की बैठक के ललए समर्, स्थान आहद के वववरर् सहहत सच
ू ना लगभग 80
शब्दों में तैर्ार कीजिए।(4 x 1= 4)
अथवा
(2) बा़ि पीडडतों को सहार्ता दे ने के ललए प्रधानाचार्ण की ओर से सच
ू ना लगभग 80 शब्दों में ललखखए।
17. ननम्नलिखखत में से ककसी एक ववषय पर िगभग 60 शब्दों में ववज्ञापन तैयार कीजिए-(3×1= 3)
(1) नाखन
ू ों की सद
ंु रता ब़िाने के ललए नेलपॉललश का ववज्ञापन लगभग 60 शब्दों में तैर्ार कीजिए ।
अथवा
(2)आपके ववद्र्ालर् में श्रेर्ा घोषाल की गार्की का कार्णक्रम है । इस संदभण में ककसी प्रनतजष्ठत समाचार
पत्र में दे ने र्ोग्र् ववज्ञापन लगभग 60 शब्दों में तैर्ार कीजिए।
18. (1) 'बद्
ु र्ध ही बल है ' ववषर् पर लघु कथा लगभग 100 शब्दों में ललखखए। (5 × 1 = 5)
अथवा
(2) अपने क्षेत्र में पाकण का ननमाणर् करवाने हे तु उद्र्ान ववभाग के सर्चव को ई-मेल ललखखए।
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