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प्रबोधन तथा आधुनिक विचार

1. पुनर्जागरण, पृस्ठभूमि के रूप मे


2. प्रबोधन के मुख्य विचार: कान्त, रूसो
3. यूरोप से बाहर प्रबोधन का प्रसार
4. समाजवादी विचारों का उद्य(मार्क्स तक)
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1. पुनर्जागरण:-
(i) भूमिका
(ii) कारण/प्रेरक तत्व
(iii) स्वरूप/प्रकृ ति
(a) वैज्ञानिक क्रांति के बाद वैचारिक परिवर्तन
(b) तर्क , सहिष्णुता और मानवता
(c) व्यक्तिवाद
(d) प्रकृ ति का संचालन प्रकृ तिक नियमों से होता है।
(e) आशावाद
(f) अनुभूतिमूलक ज्ञान
(g) यांत्रिक ब्रह्मांड
(h) मनुष्य की अच्छाई
(i) प्रकृ ति की अच्छाई
(j) देववाद
(iv) प्रभाव :-
(a) राष्ट्रिय चेतना व क्षेत्रीय भाषा का विकास
(b) रूढ़िवाद पर प्रहार
(c) शिक्षा के क्षेत्र मे क्रांतिकारी परिवर्तन
(d) भौगोलिक खोज
(e) यथार्थवाद को प्रोत्साहन
(f) कला व साहित्य
2. रूसो :-
(i) स्वछं द्तावाद का पिता
(ii) समाजवाद का पिता
(iii) प्रजातन्त्र का पिता
(iv) राष्ट्रवाद का जनक
(v) अधिनायकवाद का पिता
3. कान्त:-
4. प्रबोधन के विचारों का प्रसार:-
(i) भारत –
(ii) चीन
(iii) अमेरिका
(iv) फ्रांस
5. समाजवादी विचारधारा का विकास (205+नोट्स)+202

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