Professional Documents
Culture Documents
3. हॉन्टेड लाइब्रेरी
3. हॉन्टेड लाइब्रेरी
एला( 25)
सैम( 27)
िव लयम (26)
ि ल( 23)
मिहमा (25)(चुड़ल
ै )
नेरेशन
ये बात 1990 क थी । म एला और सैम हम दोन जॉन मेरी कॉलेज म पढ़ते थे । हम दोन एक- सरे को
िव लयम ने हमे बताया िक कॉलेज क लाइ ेरी से कल रात िफर से च ाने क आवाज आ रही थी।
ये सुनकर मने सैम से कहा िक तुम तो मेरे साथ भी नह थे। तो इतनी रात को कह गए थे? मेरी बात
सुनकर सैम बोला िक वो वही था और च ा रहा था। वो रोज रात को लाइ ेरी के पास जाकर च ाता
था।
सैम क बात सुनकर मने अपनी िकताब से उसे मारते ए कहा िक तुम नह सुधोरोगे। उसके बाद सैम ने
बताया िक उसे न द नह आ रह थ इस लए वो बाहर घूम रहा था। लेिकन मुझे उसक बात पर यक न
नह आ।
सैम िकसी भी बात को स रयस नह लेता था । वो हमेशा से सर के साथ नोक- झोक करने मे लगा
रहता था। हम तीन आपस म बात कर ही रहे थे िक तभी वह ि ल आ गयी और उसने कहा िक कल
सैम को कहा िक तु हर समय मज़ाक ही आता है। मेरा गु ा दे ख कर सैम चुप हो गया। हम चारो
रात म िव लयम ने सैम से कहा िक ऐसा ा है उस लाइ ेरी म ? वह जाने वाला लौट कर नह
ू ड स लाइ ेरी म ना जाए िक ादातर लव ोरी लाइ ेरी म ही शु होती है। और वो गाना गुन
सैम क बात सुनकर िव लयम ने सैम से कहा कभी तो स रयस हो जाया कर ।हमेशा मज़ाक ही करता
है।
तभी िव लयम ने सैम से कहा िक अगर वो अकेले उस लाइ ेरी म जाकर वापस आएगा तो वो जो
िव लयम क बात सुनकर सैम मान गया। तभी िव लयम हंसने लगा और कहा िक सैम तू पागल है ा?
म तो मज़ाक कर रहा था। म तुझे जान बूझकर खतरे म थोड़ी ना डालूंगा। चल अब सो जाते ह।
सैम को न द नह आ रह थ । उसने एक कागज पर लख िदया िक वो लाइ ेरी जा रहा है। सैम खड़क
के रा े से लाइ ेरी के अ
ं दर चला गया । वो लाइ ेरी म आगे चलता गया अचानक उसे एक परछाई
कोई खड़क नह थी । ये सब दे खकर सैम ने अपने आप से कहा िक ये कैसे हो सकता है? म तो इसी
खड़क से अ
ं दर आया था।
तभी िकसी के कदम के चलने क आवाज आई और आवाज सुनकर सैम ने कहा कौन है वह ? सामने
नह आऊ
ं गा इस लाइ ेरी म।
सैम को मार डाला और सैम जोर से च ाया। उसक आवाज से डर कर िव लयम जाग गया और उसके
सामने वाले टेबल पर रखे पानी के िगलास को उठा कर पीने लगा। तभी उसने सैम का लखा आ खत
बाहर आ गयी और िव लयम ने मुझे सारी बात बात दी। उसक बात पर मुझे यक न नह आ और मने
वह और कोई सरा दरवाजा नह था। दोन को कुछ समझ नह आ रहा था िक ा करे? थोड़ी दे र मे
ये सारी घटनाएं दे ख कर वह खड़े लोग और ू ड स सभी आपस म बात करने लगे िक ये िकसी भूत
। जैसे - तैसे ि ल मुझे म म ले गयी । म रोते- रोते सो गयी । ऐसे ही दो िदन बीत गए । दो िदन बाद
मने अपने आप को स ालते ए खुद से वायदा िकया िक म लाइ ेरी के भूत को नह छोड़ूं गी।
म कालेज के पास के चच म गयी। वह कुछ लोग उसी घटना के बारे म बात कर रहे थे। म लोग के बीच
से िनकल कर वह के पादरी से िमली और उ सारी बात बात दी । पादरी ने मुझे माला िद और कहा ये
िदखाई दी । हम दोन डर गए और मने डरते ए बोला कौन है ? सामने आओ। तु ारी िह त कैसी ई
ये सुनकर एक चुड़ल
ै मेरे और िव लयम के सामने आ गयी और उसने िव लयम को उठा कर फक िदया।
मार रह हो?
मु कल से ऐडिमशन िमला था। म रोज यह पढ़ने आती थी। एक िदन लाइ ेरी के टीचर मनोज सर मेरे
चाहता ं । उनक ऐसा बात सुनकर म वह से भाग कर चली गयी। मने सोचा िक उनक शकायत
हम उसक कहानी सुन ही रहे थे िक तभी लाइ ेरी के बाहर िकसी के चलने क आवाज आई और चुड़ल
ै ने
तभी मेरी ओर िव लयम क नजर भी उस आदमी पर पड़ी तो हमने दे खा िक वो लाइ ेरी के मनोज सर
तभी चुड़ल
ै जोर - जोर च ाते ए बोली । इसी के कारण ये सब आ । मुझे मार कर घूमने गया था। अब
चुड़ल
ै क बात सुनकर मनोज सर ने कहा पहले मुझे नीचे उतारो । चुड़ल
ै ने मनोज सर का गला छोड़
िदया। मनोज सर ने हमे बताया िक एक िदन लाइ ेरी के बाहर उ ने लख िदया िक आज लाइ ेरी बंद
है। उस िदन कोई भी लाइ ेरी म नह गया । पर मिहमा वहा बुक वापस करने के लए गई ।
मनोज सर ने आस- पास दे खा तो वह कोई नह था। उ ने उसे लाइ ेरी के अ
ं दर खीच लया और
उसका मुह बंद कर िदया। वह उसके साथ जबरद ी करने लगा। अपने आप को बचाने के च रम
मिहमा भागने लगी तभी उ ने वही रखी लौहे क छड़ से उसके सर पर फक मारा। वो वही िगर गयी
दे खा। िव लयम क बात सुनकर मनोज सर कहा िक उ ने दो िदन के लए लाइ ेरी बंद कर दी और
मनोज सर ने अपना जुम कबूल कर लया और वो अपनी जान बचाकर भागने लगे। तभी चुड़ल
ै ने उसी
लौहे क छड़ को फका और लौहे क छड़ मनोज सर के पेट म घुस गयी और वही उनक क मौत हो गयी
अब लाइ ेरी पहले जैसी ही हो गयी थी और िबना िकसी डर के ू ड स रात को भी लाइ ेरी म जाकर