Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 5

हॉ ेड लाइ ेरी

एला( 25)

सैम( 27)

िव लयम (26)

ि ल( 23)

मनोज सर( 40)

मिहमा (25)(चुड़ल
ै )

नेरेशन

ये बात 1990 क थी । म एला और सैम हम दोन जॉन मेरी कॉलेज म पढ़ते थे । हम दोन एक- सरे को

ब त पसंद करते थे।हम दोन के दो ड थे। िव लयम और ि ल। िव लयम और सैम एक ही म म

बॉयस हा ल म रहते थे।म और ि ल वही पास ही ग हा ल म अलग - अलग कमरे म रहती थी ।

एक िदन म और सैम आपस म बात कर रहे थे। तभी वह िव लयम आया।

िव लयम ने हमे बताया िक कॉलेज क लाइ ेरी से कल रात िफर से च ाने क आवाज आ रही थी।

आवाज सुनकर वो ब त डर गया था और उसने सैम को उठाने के लए हाथ बढ़ाया तो दे खा िक सैम तो

कमरे म नह था । वो डर के मारे म से बाहर चला गया।

ये सुनकर मने सैम से कहा िक तुम तो मेरे साथ भी नह थे। तो इतनी रात को कह गए थे? मेरी बात

सुनकर सैम बोला िक वो वही था और च ा रहा था। वो रोज रात को लाइ ेरी के पास जाकर च ाता

था।

सैम क बात सुनकर मने अपनी िकताब से उसे मारते ए कहा िक तुम नह सुधोरोगे। उसके बाद सैम ने

बताया िक उसे न द नह आ रह थ इस लए वो बाहर घूम रहा था। लेिकन मुझे उसक बात पर यक न

नह आ।

सैम िकसी भी बात को स रयस नह लेता था । वो हमेशा से सर के साथ नोक- झोक करने मे लगा

रहता था। हम तीन आपस म बात कर ही रहे थे िक तभी वह ि ल आ गयी और उसने कहा िक कल

कॉलेज क लाइ ेरी म िफर से लड़के क लाश िमली।


ि ल क बात सुनकर म ब त घबरा गयी। इतने मे वह कॉलेज के ि संपल आ गए और लाइ ेरी को

बंद करने को कह कर चले गए । ये सुनकर सैम ने कहा िक लगता है ि ि पल भी डर गए। मने गु े से

सैम को कहा िक तु हर समय मज़ाक ही आता है। मेरा गु ा दे ख कर सैम चुप हो गया। हम चारो

कॉलेज क कटीन म चले गए और थोड़ी दे र बाद अपने-अपने हा ल चले गए।

रात म िव लयम ने सैम से कहा िक ऐसा ा है उस लाइ ेरी म ? वह जाने वाला लौट कर नह

आता है? हमे पता लगाना चािहए।

िव लयम क बात सुनकर सैम ने उसे कहा क ये सब ि ि पल क वज़ह से आ है। वो चाहते ह िक

ू ड स लाइ ेरी म ना जाए िक ादातर लव ोरी लाइ ेरी म ही शु होती है। और वो गाना गुन

िगनाने लगा ...आँ ख ही आँ ख म इशारा हो गया.......

सैम क बात सुनकर िव लयम ने सैम से कहा कभी तो स रयस हो जाया कर ।हमेशा मज़ाक ही करता

है।

तभी िव लयम ने सैम से कहा िक अगर वो अकेले उस लाइ ेरी म जाकर वापस आएगा तो वो जो

चाहेगा िव लयम उसे दे गा।

िव लयम क बात सुनकर सैम मान गया। तभी िव लयम हंसने लगा और कहा िक सैम तू पागल है ा?

म तो मज़ाक कर रहा था। म तुझे जान बूझकर खतरे म थोड़ी ना डालूंगा। चल अब सो जाते ह।

सैम को न द नह आ रह थ । उसने एक कागज पर लख िदया िक वो लाइ ेरी जा रहा है। सैम खड़क

के रा े से लाइ ेरी के अ
ं दर चला गया । वो लाइ ेरी म आगे चलता गया अचानक उसे एक परछाई

िदखाई दी ।परछाई दे ख कर वो डर गया । वो वापस खड़क के पास जाने लगा तो उसने दे खा िक वह

कोई खड़क नह थी । ये सब दे खकर सैम ने अपने आप से कहा िक ये कैसे हो सकता है? म तो इसी

खड़क से अ
ं दर आया था।

तभी िकसी के कदम के चलने क आवाज आई और आवाज सुनकर सैम ने कहा कौन है वह ? सामने

आओ। तभी सफेद रंग के कपड़ म एक चुड़ल


ै सामने आई । उसके बाल िबखरे ए थे और ल
ं बे- ल
ं बे

नाखुन थे । ये सब दे खकर सैम ने बारा कह कौन हो तुम? यह ा कर रह हो?


ये सुनकर सैम के सामने खड़ी चुड़ल
ै जोर - जोर से अपनी डरावनी आवाज म हंसने लगी और दीवार पर

चलने लगी। चुड़ल


ै ने सैम को घसीटते ए ले जाकर दीवार पर उसका सर पटक िदया. सैम के सर से

ब त खून िनकलने लगा। घायल हालत म भी सैम ने उस चुड़ल


ै को कहा िक छोड़ दो मुझे। म कभी बारा

नह आऊ
ं गा इस लाइ ेरी म।

सैम क बात पर चुड़ल


ै को थोड़ी भी दया नह आई। उसने कुछ नह कहा और अपने ल
ं बे - ल
ं बे नाखून से

सैम को मार डाला और सैम जोर से च ाया। उसक आवाज से डर कर िव लयम जाग गया और उसके

सामने वाले टेबल पर रखे पानी के िगलास को उठा कर पीने लगा। तभी उसने सैम का लखा आ खत

दे खा और भाग कर ग हा ल आ गया। उसने मुझे आवाज दे कर बुला लया। आवाज सुनकर म

बाहर आ गयी और िव लयम ने मुझे सारी बात बात दी। उसक बात पर मुझे यक न नह आ और मने

उससे कहा ऐसा नह हो सकता है। वो िकसी और क आवाज होगी।

म और िव लयम भाग कर लाइ ेरी के दरवाजे के पास गए तो दे खा िक दरवाजे पर ताला लगा आ था ।

दोन को समझ नह आ रहा था िक सैम अ


ं दर कैसे गया होगा? दोन ने लाइ ेरी के आस-पास दे खा पर

वह और कोई सरा दरवाजा नह था। दोन को कुछ समझ नह आ रहा था िक ा करे? थोड़ी दे र मे

सवेरा हो गया और लाइ ेरी का दरवाजा खुल गया । िव लयम और म भाग कर अ


ं दर गए और सैम क

लाश को दे ख कर मेरा रो - रो कर बुरा हाल हो गया।

ये सारी घटनाएं दे ख कर वह खड़े लोग और ू ड स सभी आपस म बात करने लगे िक ये िकसी भूत

का काम लगता है। ज र इस लाइ ेरी म िकसी भूत का साया है।

मुझे इतना रोता दे ख कर िव लयम मुझे स ालने क को शश कर रहा था । तभी वह ि ल आ गयी

। जैसे - तैसे ि ल मुझे म म ले गयी । म रोते- रोते सो गयी । ऐसे ही दो िदन बीत गए । दो िदन बाद

मने अपने आप को स ालते ए खुद से वायदा िकया िक म लाइ ेरी के भूत को नह छोड़ूं गी।

म कालेज के पास के चच म गयी। वह कुछ लोग उसी घटना के बारे म बात कर रहे थे। म लोग के बीच

से िनकल कर वह के पादरी से िमली और उ सारी बात बात दी । पादरी ने मुझे माला िद और कहा ये

माला उस भूत के गले म डाल दे ना। इससे उसक शि य कुछ दे र के लए कम हो जाएगी।


म और िव लयम दोन वो माला लेके लाइ ेरी के अ
ं दर गए । थोड़ा आगे चलते ही दोन को एक परछा

िदखाई दी । हम दोन डर गए और मने डरते ए बोला कौन है ? सामने आओ। तु ारी िह त कैसी ई

मेरे सैम को मारने क ?

ये सुनकर एक चुड़ल
ै मेरे और िव लयम के सामने आ गयी और उसने िव लयम को उठा कर फक िदया।

िव लयम के सर से ब त खून िनकलने लगा । चोट के कारण िव लयम अपने आप को बचाने के लए

उठ कर भाग भी नह पा रहा था। तभी चुड़ल


ै ने अपने हाथो को ल
ं बा िकया और िव लयम को अपने

नाखून से मारने ही लगी। तभी मने वो माला चुड़ल


ै के गले म डाल दी और चुड़ल
ै क शि य कम हो

गयी। मने िव लयम को उठाया और ब त िह त करके उस चुड़ल


ै से कहा कौन हो तुम? तुम ू ड स को

मार रह हो?

मेरी बात सुनकर चुड़ल


ै रोने लगी और उसने अपनी कहानी बताते ए कहा िक मुझे इस कॉलेज म ब त

मु कल से ऐडिमशन िमला था। म रोज यह पढ़ने आती थी। एक िदन लाइ ेरी के टीचर मनोज सर मेरे

पास आए और कहा िक तुम ब त सु र हो और म तुमसे ब त ार करता ं । म तुमसे शादी करना

चाहता ं । उनक ऐसा बात सुनकर म वह से भाग कर चली गयी। मने सोचा िक उनक शकायत

कँ गी। पर मेरी ड ने ऐसा करने को मना कर िदया।

हम उसक कहानी सुन ही रहे थे िक तभी लाइ ेरी के बाहर िकसी के चलने क आवाज आई और चुड़ल
ै ने

कहा आ गया वो. . . . उसने अपने हाथ ल


ं बे िकए और दरवाजे के अ
ं दर से उसे कमरे म खीच िकया और

कहा आ गया तू? कब से तेरा इ ज़ार कर रह थ . . . .अब नह बचेगा तू . . . . .

तभी मेरी ओर िव लयम क नजर भी उस आदमी पर पड़ी तो हमने दे खा िक वो लाइ ेरी के मनोज सर

थे। उ दे ख कर हम दोन को हैरानी ई िक मनोज सर तो काफ िदन से छुि य पर थे।

तभी चुड़ल
ै जोर - जोर च ाते ए बोली । इसी के कारण ये सब आ । मुझे मार कर घूमने गया था। अब

नह बचेगा तू। तभी चुड़ल


ै ने मनोज सर का गला पकड़ कर उ हवा मे लटका िदया और बोली बता तूने

मेरे साथ ा िकया था।

चुड़ल
ै क बात सुनकर मनोज सर ने कहा पहले मुझे नीचे उतारो । चुड़ल
ै ने मनोज सर का गला छोड़

िदया। मनोज सर ने हमे बताया िक एक िदन लाइ ेरी के बाहर उ ने लख िदया िक आज लाइ ेरी बंद

है। उस िदन कोई भी लाइ ेरी म नह गया । पर मिहमा वहा बुक वापस करने के लए गई ।
मनोज सर ने आस- पास दे खा तो वह कोई नह था। उ ने उसे लाइ ेरी के अ
ं दर खीच लया और

उसका मुह बंद कर िदया। वह उसके साथ जबरद ी करने लगा। अपने आप को बचाने के च रम

मिहमा भागने लगी तभी उ ने वही रखी लौहे क छड़ से उसके सर पर फक मारा। वो वही िगर गयी

और मर गयी। वो उसे मारना नह चाहता थे ।

ये सब सुनकर िव लयम ने कहा िक इनक लाश का ा आ? िकसी ने आपको लाश ले जाते ए नह

दे खा। िव लयम क बात सुनकर मनोज सर कहा िक उ ने दो िदन के लए लाइ ेरी बंद कर दी और

रात को लाइ ेरी म ग ा करके मिहमा को वही दफन कर िदया।

मनोज सर ने अपना जुम कबूल कर लया और वो अपनी जान बचाकर भागने लगे। तभी चुड़ल
ै ने उसी

लौहे क छड़ को फका और लौहे क छड़ मनोज सर के पेट म घुस गयी और वही उनक क मौत हो गयी

। सर के मरते ही लाइ ेरी क चुड़ल


ै वह से गायब हो गयी।

अब लाइ ेरी पहले जैसी ही हो गयी थी और िबना िकसी डर के ू ड स रात को भी लाइ ेरी म जाकर

पढ़ने लगे। म और िव लयम आज तक उस हादसे को भूला नह पाए ह।

You might also like