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जवाहर नवोदय ववद्यालय

त्योना पुजाररयाां, बठ ांडा

ववषय : इतिहास

प्रस्िि
ु किाा :- को प्रस्िि
ु :-

जगमीत स हिं डा. विका कुमार


बारहिीिं ‘कला’ चदेिा
2045
1857 का विद्रोह और राज
प्रमाण पत्र

• यह प्रमाणित ककया जाता है कक कक्षा बारहिीिं ‘कला’ के छात्र जगमीत स हिं


ने ी. बी. ए . ई. की कक्षा बारहिीिं की परीक्षा हे तु इततहा विषय का
पररयोजना कायय फलता- पि य तैयार कर सलया है ।
ू क

• अध्यापक हस्ताक्षर :
आभार

• मैं ‘जगमीत स हिं , कक्षा बारहिीिं ‘कला’ का छात्र हूूँ। इ पररयोजना कायय के
िंकलन के सलए मैं अपने विद्यालय के इततहा विषय के अध्यापक, डा.
विका कुमार चदे िा, का आभारी हूूँ, जजनके कुशल ददशा-तनदे श े मैं इ
पररयोजना कायय को फलतापि ू कय पि
ू य कर पाया।

• धन्यिाद

• विद्यार्थी हस्ताक्षर :
ववश्य सच
ू ी

• पष्ृ ठभूसम
• 1857 का प्रर्थम स्ितन्त्रता िंग्राम
• 1857 के विद्रोह के दौरान िंचार
• अफिाहें और भविष्यिाणियाूँ
• अिंग्रेज़ों ने विद्रोह को कुचलने के सलए क्या कदम उठाये ?
• हायक िंधध
• विद्रोही क्या चाहते र्थे ?
• धचत्ऱों की भसू मका
• धचत्ऱों के नाम तर्था पें टर
• विद्रोह की छवियाूँ
• 1857 के विद्रोह के पररिाम
पष्ृ भूमम

• बैरकपरु छािनी के एक स पाही मिंगल पािंडे ने 29 माचय, 1857 को चबी


िाले कारतू का प्रयोग करने े मना कर ददया और अपने दो अधधकाररय़ों
लेजटटनें ट जनरल ह्यू न और लेजटटनें ट बाग की हत्या कर दी र्थी। 10
मई, 1857 को मेरठ छािनी की 20िीिं नेदटि इन्फेंट्री में भी चबी िाले
कारतू का प्रयोग करने े मना कर शस्त्र विद्रोह ककया।
1857 का प्रर्थम स्ितन्त्रता िंग्राम
•10 मई 1857 की दोपहर को मेरठ छािनी में स पादहय़ों ने विद्रोह ककया।
•शरु
ु आत पैदल तै नको े हुई -कफर घडु िार फौज -उ के बाद शहर ने फैल गया।
•शहर ,गािंि के लोग तै नक़ों के ार्थ विद्रोह में शासमल हो गए।स पादहय़ों ने शस्त्रागार
पर क़ब्जा करके ारे हधर्थयार और गोला बारूद पर कब्जा कर सलया।
•अिंग्रेजो को तनशाना बनाया जाने लगा। उनके बिंगले ,दटतर, अदालत डाकखाऩों को
जला ददया गया , रकारी खजाने को लटा गया l टे लीग्राफ की लाइन काट दी गई।
•11 मई को स पाही लाल ककले पहुूँचे।
•उन्ह़ोंने बहादरू शाह जपफर को बताया की गाय और अु र की चबीं के कारतु दे कर
उनका धमय कष्ट ककया जा रहा है .•बहादरू शाह जफर को विद्रोह का ने ता घोवषत कर
ददया गया।•इ तरह विद्रोह को मान्यता समल गयी और राष्ट्र स्तर पर पैैैलगया।
1857 के विद्रोह के दौरान िंचार

• •विद्रोह बहत ही व्यिजस्र्थत और मजन्ित ढिं ग े


हआ र्था।
• •अलग
ु अलेगर जगहू पर ् विद्रोह, मन्िये र्था।
• एक घटना--
• विद्रोह के दौरान अिध समसलट्री पसु ल कप्तान दहय े
की रु क्षा कीजजम्मेदारी भारतीय स पादहय़ों परे र्थी।
• * अिंग्रेजो को मारा जा रहा, र्था ऐ े में दहयू े को भी
मारना या धगरटतारकरना र्था। लेककन न उन्हें मारा
गया न धगरटतार ककया गया।म ले को हल करने के
सलए दे ी अफ रो की पिंचायत बल ु ाई गयी र्थी।
अफिाहें और भविष्यिाणियाूँ

• अफिाह़ों और भविष्यिाणिय़ों के जररये लोग़ों उक ाया जा रहा र्था।


• उदाहरि:- कारतू में गाय और ूअर की अफिाह।
• एक नीची जातत के ैतनक ने ब्राह्मि ैतनक े पानी माूँगा तो उ ने मना कर ददया।उ
ैतनक ने कहा गाय और अ ू र की चबी के कारतू ़ों े तम्
ु हारा धमय कष्ट हो जायेगा।
• उदाहरि :-आटे में गाय और अ ू र की हड्डी का चूरा समलायाजा रहा है ।अिंग्रेज दहन्दस्
ु तातनय़ों
को ई ाई बनाना चाहते
• उदाहरि:- 1757 की प्ला ी जिंग के 100 ाल बाद अिंग्रेजी राजखत्म हो जायेगा।
• उदाहरि :- चपाती बािंटने की अफिाह। भारी उर्थलपुर्थल का िंकेत।
अिंग्रेज़ों ने विद्रोह को कुचलने के सलए क्या कदम उठाये
?

• 1)अिंग्रेजो ने ब्रब्रटे न े और न्ै य हायता मॅँगिायी।


• 2)उत्तर भारत माशयल लॉ लागू कर ददया।
• 3)जहाूँ विद्रोह के किंद्र र्थे िहािं अिंग्रेज़ों ने बहुत ज्यादाअत्याचार ककया।
• 4)विद्रोही तै नको को पकडकर ाियजतनक रूप े मत्ृ यद ु ण्ड ददया गया।
• 5)फूट डालो और शा न करो" की नीतत अपनाकर दहन्दम ू ु लमाऩों को लडिाने
का प्रया ककया गया।
• 6)कलकत्ता और पिंजाब दोनो तरफ े हमला कर ददयागया।
• 7)जमीिंदाऱों को आश्िा न ददया गया की उन्हें उनकी जमनें लौटा दी जायेंगी।
• ৪)जो जमींदार विद्रोह में शासमल र्थे उन्हें जा दी गयी।
हायक िंधध
• हायक िं धध लॉडय िेलेज्ली द्िारा 1798में तैयार की गई एक
व्यिस्र्था र्थी।
• अिंग्रेज्ञ़ोंके ार्थ यह िं धध करने िाल़ों को कृैुछशते माननी पडती र्थीिं।
म लन :
• (क) अिंग्रेज्ञ अपने हयोगी कीबाहरी और आिंतररक चुनौततय़ों े
रक्षाकरें गे;
• (ख) हयोगी पक्ष के भूक्षेत्र में एक ब्रब्रदटश ै तनक टुकडी तैनात
रहे गी:;
• (ग) हयोगी पक्ष को इ टुकडीके रख-रखाि की व्यिस्र्था करनी
होगी;
• (घ) हयोगी पक्ष न तो कक ीऔर शा क के ार्थ िं धध कर
केगाऔर न ही अिंग्रेज्ञ़ों की अनुमतत के ब्रबनाकक ी युद्ध में दहस् ा
ले गा।
विद्रोही क्या चाहते र्थे ?

• अिंग्रेज विद्रोदहय़ों को बबयर और अ भ्य लोग मझते र्थे।


• विद्रोही पढे सलखे, नहीिं र्थे तो उनके बारे में ज्यादालेख
इत्यादद नहीिं समले।
• इततहा कार 1857 के विद्रोदहय़ों के बारे में सलखनेके सलए
अिंग्रेज़ों दिारा सलखे दस्तािेज़ों पर तनरभरर्थे।
• इ े अिंग्रेजो के विचाऱों का तो पता लगता है परन्तु विद्रोदहय़ों
के नहीिं।
धचत्ऱों की भसू मका

• 1857 ई० के विद्रीत े िंबिंधधत हमें बहुमल् ू य जानकारी


अिंग्रेजी तर्था भारतीय़ों कार ककए गए अनेक विशे समलती
है । इनमें धचत्रि , दै स ल में बने रे खािंकन उल्क धचत्र ,
बेस्टर , काटूयन तर्था बातार वप्रिंट जम्मसलत हैं । इन
धचत्ऱों े पता चलता कक उन्हें बनाने िाले धचत्रकार इन
घटनाओिं को कै े दे खते र्थे। उनके अह ा क्या र्थे और
ये क्या कहना चाहते र्थे। इन धचत्ऱों के माध्यम े हम
जनता के विचाऱों के बारे में जान कते हैं जो उन धचत्ऱों
को लागी अर्थिा बलोचना करती र्थी।
धचत्ऱों के नाम तर्था पेंटर

• 1859 में जॉन बाकयर ने द रलीफ ऑफ


लखनऊ धचत्र बनाया र्था।
• 1859 में जो ेफ नोएल ने इन मेमोररयम
धचत्र बनाया र्था।
• औरत़ों के बहादरु ी का ििय सम व्हीलर का धचत्र
देखकर ककया जा कता है ।
• 24 अक्तूबर,1857 में केतनिंग दयाभाि धचत्र
द ककलेमें ी ऑफ केतनिंग दि ु ारा बनाया गया
र्था।
• लक्ष्मीबाई की छवि के धचत्र का ििय ुभद्रा
कुमारी चौहान दिु ारा ककया गया र्था।
विद्रोह की छवियाूँ

• विद्रोदहय़ों की ोच के बारे में बहत काम


दस्तािेजउपलब्धहैं ।
• लेककन रकारी ब्यौरे पयायप्त उपलब्ध हैं :-
• 1) औपतनिेसशक प्रकाशक
• 2 )फौजजय़ों की धचटृठी
• 3 )डायररयािं आत्मकर्था , रकारी इततहा अखबाऱों में
विद्रोह के दौरान दहिं ा के बारे में बताया गया।
• अिंग्रेज़ों और भारतीय़ों के द्रिारा बुनाये गए धचत्र
ैतनकविद्रोह का महत्िपि ू य ररकॉडे दश्शातत हैं। धचत्र
,पोस्टर ,काटूयन इत्यादद।
1857 के विद्रोह के पररिाम
• 1 मग ु ल ाम्राज्य का अिंत :- बहादरु शाह, के बेट़ों. को मारददया
गया और उन्हें दे श तनकालािं दै कर रिं गन ू (म्यािंमार )भेज ददया
गया। जहािं उनकी मत्ृ यु हो गयी इ तरह भारत े मग़ ु ल
ाम्राज्य का अिंत हो गया।
• 2 क्राउन शा न की शरु ु आत :-भारत ् का शा न ू ईस्ट
इिंडडयाकिंपनी के हार्थ े इिंगलैंड की मह ु ारानी विक्टोररया ने
अिंपन ु े हार्थमे ले सलया। रानी की उदघोषिा 01 नििंबर 1858
केदिं ि ु ारा भारत का शा न विक्टौररया ने अपने हार्थ में लेसलया।
• 3. िाय रायु की तनयुजक्त :- भारत के शा न के सलएिाय राय
को तनयक् ु त ककया गया, जो क्राउन के नाम परभारत में
कामकाज भालेगा। लाई केतनग भारत के प्रर्थमिाय राय
बना।
• 4 राष्ट्रिाद का विका :- विद्िोह को अ फल कहना
गलतहोगा। इ विद्रोह ने भारत को एकजट ू करने में
फलतापायी र्थी। भआरत में राष्ट्रिाद की धचिंगारी ल ु ग चकु ी
र्थी
त्र

• भारतीय इततहा के कुछ विषय (भाग – 3)

• https://hi.m.wikipedia.org › wiki
• Web results
• विद्रोही राज - विककपीडडया
क्रेडडट

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