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था। राजपूत राजघराने में जन्म लेने वाले प्रताप उदय सिंह द्वितीय
पराक्रमी और युद्ध रणनीति कौशल में दक्ष थे। महाराणा प्रताप ने
आन, बान और शान के लिए कभी समझौता नहीं किया। विपरीत से
विपरीत परिस्थिति ही क्यों ना, कभी हार नहीं मानी। यही वजह है कि
है ।
हल्दीघाटी का युद्ध
1576 में हल्दी घाटी में महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर
बताते हैं किये युद्ध तीन घंटे से अधिक समय तक चला था। इस युद्ध
यहीं जंगल के कं द-मूल खाकर लड़ते रहे। महाराणा यहीं से फिर से
गई थी, जबकि मुगल सेना में 350 घायल सैनिकों के अलावा 3500 से
निकलना पड़ा।
बताते हैं किमहाराणा प्रताप के पास हमेशा 104 किलो वजन वाली
दो तलवार रहा करती थीं। महाराण दो तलवार इसलिए साथ रखते थे
महाराणा को पीठ पर लिए 26 फीट का नाला एक छलांग में
लांघ गया था चेतक
महाराणा के साथ उनके घोड़े को हमेशा याद किया जाता है। जब
को अपनी पीठ पर लिए 26 फीट के उस नाले को लांघ गया था, जिसे